"अगर तुम्हारी चुदाई वाली समस्या का में कोई इंतेज़ाम कर दूं तो कैसा रहेगा." सोनिया ने कहा.
"जो सब तुमने कहा वो सुनने मे तो अच्छा लग रहा है, पर दूसरी अड़चने भी है. जैसा मेरा आत्म सम्मान. तुमने कहा कि मुझे अपमान सहन करना होगा, में जानना चाहता हूँ कि कहाँ तक." राज ने पूछा.
"तुम्हे कोई जिस्मानी अपमान या नुकसान नही पहुँचने वाला. हां बोली से ज़रूर होगा जिससे हमे तलाक़ लेने मे आसानी हो." सोनिया ने कहा.
"फिर भी कुछ चीज़ें है जिसका में खुलासा करना चाहूँगा." मेने कहा.
सोनिया प्रश्न भरी नज़रों से मुझे देखने लगी, वो सोच मे पड़ गयी. मेने उसके दिमाग़ की हालत देख कहा, "ठीक है अगर तुम्हे मेरी कुछ शर्तें मंज़ूर हो तो में ये काम करने के लिए तय्यार हूँ."
"और वो क्या है?" सोनिया ने पूछा.
"हम दोनो के बीच एक लिखित अग्रीमेंट बनेगा, जिसमे तुम सब सच सच लिखोगी. अग्रीमेंट मे ये लिखा होना चाहिए कि पाँच साल बाद मुझे 50 लाख रुपये मिल जाएँगे, और अगर किसी कारण वश हमारे बीच ये समझौता 5 सालों तक नही चलता तो भी मुझे ये रकम मिलेगी और उसमे मेरी कोई ग़लती नही होगी, बोलो मंजूर है?'
सोनिया थोड़ी देर तक मेरी आँखों की गहराईयो मे झाँकति रही फिर बोली, "ठीक है मुझे मंजूर है," और उसने अपना हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ा दिया. मेने उसका हाथ पकड़ मिला लिया.
वैसे तो ये सब एक आसान काम साबित हुआ, पर अटपाटा भी. उसका प्रेमी एक निहायत ही काइयाँ किस्म का इंसान था. उसका नाम अमित केपर था. वो किसी कारण वश सोनिया से शादी नही कर सकता था, और सोनिया के पिताजी की वसीयत के अनुसार सोनिया को 30 साल की उम्र तक शादी भी करनी थी और 35 साल की उमर तक एक बच्चे की मा भी बनना था.
सोनिया से शादी करने के बाद मुझे उस उल्लू के पत्थे अमित को झेलना था. सोनिया की करीबी सहेलियाँ शायद अमित के बारे मे जानती थी इसलिए अक्सर उससे पूछा करती थी कि उसने अमित मे ऐसा क्या देखा, पर वो कहावत सच है कि प्यार अँधा होता है.
"राज में जानती हूँ कि कभी कभी अमित को सहन करना मुश्किल होता है, पर क्या करूँ में उससे प्यार भी बहोत करती हूँ. और प्यार मे अक्सर ऐसा होता है, है ना राज और तुम तो खुद ये सब भुगत चुके हो और प्रीति के साथ सहन कर चुके हो. है ना राज?"
"तुम प्रीति के बारे मे कैसे जानती हो?"
"में तुम्हारे बारे मे सब कुछ जानती हूँ राज. जिस दिन मेने तुम्हे अपना किराए का पति बनाने का फ़ैसला किया उसी दिन से तुम्हारे पीछे जासूस लगा दिया था. में कोई चान्स नही लेना चाहती थी कारण 50 करोड़ दाँव पर है. जब मुझे तुम्हारे और पिताजी के बीच गहरे संबंधो का पता चला तो मुझे लगा कि तुम मेरे काम आ सकते हो. इसलिए में तुम्हारे बारे मे सब कुछ जानना चाहती थी. वैसे एक बात पुच्छू तुम्हे बुरा ना लगे तो, तुम्हे प्रीति से अलग हुए कितना अरसा हो गया?"
"दो साल, ग्यारह महीने, तीन हफ्ते, दो दिन, तीन घंटे और चालीस मिनिट." मेने जवाब दिया.
"तुम्हे इतना सब क्यों सहन किया राज?"
"तुम्ही ने तो कहा कि प्यार अँधा होता है और इंसान प्यार मे बहाने तो ढूँढ ही लेता है. अगर उसने अपने किसी प्रेमी के लिए बेवफ़ाई की होती तो शायद मे उसे माफ़ कर देता पर अपने सगे पिता और भाई के साथ. ये में कैसे सहन कर लेता इसलिए उसकी जिंदगी से दूर हट गया."
"तो फिर क्या सोचा राज तुंमेरा ये काम करोगे ना?" सोनिया ने पूछा.
"हां करूँगा," मेने कहा, "पर ये तुम्हे खुलासा करना होगा कि कम से कम जिस्मानी संबंध और एक तरफ़ा का क्या मतलब है."
"अच्छा वो?"
"हां वो."
"में अमित से बहोत प्यार करती हूँ और उसके प्रति पूरी तरह वफ़ादार रहना चाहती हूँ. शादी के बाद हम दोनो एक बार ज़रूर साथ मे सोएंगे जिससे शादी पर मोहर लग सके फिर उसके बाद जब बच्चे का वक़्त आएगा तभी जिस्मानी संबंध बनाएँगे. मेरी अपनी कुछ जिस्मानी ज़रूरते हैं जिसे पूरी करने से अमित इनकार करता है. उन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तुम मेरी मदद करोगे इसके लिए वो तय्यार हो गया है. वो इसे बेवफ़ाई नही मानता है बल्कि कुछ खास परिस्थितियों मे एक समझौता समझ सकता है." सोनिया ने कहा.
"और वो ख़ास परिस्थितियाँ क्या है?" मेने पूछा.
"क्या अभी सब बताना ज़रूरी है राज?"
"सब सच सच बताना होगा सोनिया मेने पहले ही कहा था. फिर बाद मे या पहले तुम्हे बताना तो पड़ेगा ही तो फिर आज क्यों नही." मेने कहा.
क्रमशः…………………………………..
किराए का पति compleet
Re: किराए का पति
किराए का पति--3
गतान्क से आगे……………………………..
"मुझे अपनी चूत चूसवाने मे बहोत मज़ा आता है, पर अमित ऐसा करने से मना करता है, पर तुम अगर मेरी चूत चूसो तो उसे कोई ऐतराज़ नही है सिर्फ़ इतना कि पहले वो मेरी चुदाई करेगा फिर तुम मेरी चूत चूसना. कभी कभी तो वो तुम्हे ऐसा करते देखना भी चाहेगा." सोनिया ने कहा.
"जो तुम कह रही है उसके बारे मे तुमने अच्छी तरह सोच लिया है ना?"
"हां राज मेने सोच लिया है, फिर तुम्हे क्या फरक पड़ता है. प्रीति जब दूसरे मर्दों से चुद्वाकर आती थी तब तुमने कई बार उसकी चूत चूसी होगी. पर उस वक़्त कोई ख़ज़ाना तुम्हारा इंतेज़ार नही कर रहा था, पर इस बार 50 लाख रुपये तुम्हारा इंतेज़ार कर रहे है. सोचो ज़रा थोड़ी से चूत चूस्कर तुम ये हासिल कर सकते हो. में तुमसे वादा करती हूँ कि तुम्हे चूत की कमी नही होने दूँगी, सिर्फ़ वो मेरी नही किसी और की होगी." सोनिया ने कहा.
में मन ही मन सोचने लगा. मेरी उम्र 36 की होने वाली है, और चूत चूसने से अगर 50 लाख रुपये मिलते है तो बुराई क्या है. इतने रुपये से मेरी बाकी की जिंदगी आराम से कट सकती है.
में सोनिया को घूरते रहा फिर कहा, "मेरी तीन शर्तें होगी, एक, लिखित अग्रीमेंट होगा. दूसरा तुम चाहे जिसका इंतेज़ाम करो मुझे चूत मिलती रहेगी और आखरी और अहम शर्त हमारी सुहागरात सिर्फ़ मेरी होगी सिर्फ़ मेरी. बोलो मंजूर है?" मेने कहा.
"ये सुहागरात वाली बात से तुम्हारा क्या मतलब है?"
"दो बातें है. जैसे तुमने कहा कि तुम्हारा प्रेमी मुझे तुम्हारी चूत चूस्ते देखना चाहता है. पर उस रात नही. में नही चाहता की उस रात वो तुम्हारे पास भी फटके. दूसरी बात वो रात मेरी होगी, पूरी तरह से मेरी ऐसा नही हो कि आधे घंटे मे चुदाई ख़त्म करो और फूटो. उस रात मे अच्छी तरह और हर तरह से तुम्हारी चुदाई करना चाहता हूँ, तुम्हे मेरा लंड भी चूसना होगा और गंद भी मर्वानी होगी." मेने कहा.
"में ऐसा नही कर सकती राज, ये अमित के साथ बेवफ़ाई होगी."
"तुम कर सकती हो सोनिया. तुम पहले ही मान चुकी हो कि सुहागरात को हम चुदाई करेंगे वो समझौता है बेवफ़ाई नही. फिर समझौता थोड़ी देर का हो या पूरी रात का क्या फरक पड़ता है एक ही बात है."
"नही राज में नही कर सकती, ये ग़लत होगा."
"सोच लो सोनिया या तो हां या फिर तुम किसी और को ढूँढ लो."
"इतनी छोटी सी बात के लिए तुम 50 लाख रुपये छोड़ने को तय्यार हो."
"और तुम 50 करोड़ खो दोगि." मेने कहा.
"में किसी और को भी तय्यार कर सकती हूँ, तुम ये बात जानते हो राज."
"हां तुम कर सकती हो." कहकर मेने टेबल पर मेनू कार्ड उठाया और वेटर को आवाज़ दी.
"राज विषय को बदली मत करो."
"में कोई विषय को नही बदल रहा. हम यहाँ कोई बात करने आए थे, मेने अपनी शर्त तुम्हे बता दी और तुमने उसे नकार दिया तो मेने समझा कि हमारी बात पूरी हो गयी. हम यहाँ खाना खाने आए थे सो वेटर को खाने का ऑर्डर दे रहा था जिससे बाद मे में टॅक्सी पकड़ घर जा सकूँ और तुम्हे मुझे छोड़ने की जहमत ना उठानी पड़े." मेने कहा.
"पर तुम इस एक बात पर क्यों आड़े हुए हो? ऐसी क्या ख़ास बात है इसमे." सोनिया ने कहा.
"मेरी मानसिक हालत के लिए बहोत ज़रूरी है, सोनिया."
"ये तो कोई बात नही हुई राज."
"तुम्हारे लिए नही होगी पर मेरे लिए ये बहोत ज़रूरी है."
"क्या तुम मुझे ज़रा खुल कर समझा सकते हो."
गतान्क से आगे……………………………..
"मुझे अपनी चूत चूसवाने मे बहोत मज़ा आता है, पर अमित ऐसा करने से मना करता है, पर तुम अगर मेरी चूत चूसो तो उसे कोई ऐतराज़ नही है सिर्फ़ इतना कि पहले वो मेरी चुदाई करेगा फिर तुम मेरी चूत चूसना. कभी कभी तो वो तुम्हे ऐसा करते देखना भी चाहेगा." सोनिया ने कहा.
"जो तुम कह रही है उसके बारे मे तुमने अच्छी तरह सोच लिया है ना?"
"हां राज मेने सोच लिया है, फिर तुम्हे क्या फरक पड़ता है. प्रीति जब दूसरे मर्दों से चुद्वाकर आती थी तब तुमने कई बार उसकी चूत चूसी होगी. पर उस वक़्त कोई ख़ज़ाना तुम्हारा इंतेज़ार नही कर रहा था, पर इस बार 50 लाख रुपये तुम्हारा इंतेज़ार कर रहे है. सोचो ज़रा थोड़ी से चूत चूस्कर तुम ये हासिल कर सकते हो. में तुमसे वादा करती हूँ कि तुम्हे चूत की कमी नही होने दूँगी, सिर्फ़ वो मेरी नही किसी और की होगी." सोनिया ने कहा.
में मन ही मन सोचने लगा. मेरी उम्र 36 की होने वाली है, और चूत चूसने से अगर 50 लाख रुपये मिलते है तो बुराई क्या है. इतने रुपये से मेरी बाकी की जिंदगी आराम से कट सकती है.
में सोनिया को घूरते रहा फिर कहा, "मेरी तीन शर्तें होगी, एक, लिखित अग्रीमेंट होगा. दूसरा तुम चाहे जिसका इंतेज़ाम करो मुझे चूत मिलती रहेगी और आखरी और अहम शर्त हमारी सुहागरात सिर्फ़ मेरी होगी सिर्फ़ मेरी. बोलो मंजूर है?" मेने कहा.
"ये सुहागरात वाली बात से तुम्हारा क्या मतलब है?"
"दो बातें है. जैसे तुमने कहा कि तुम्हारा प्रेमी मुझे तुम्हारी चूत चूस्ते देखना चाहता है. पर उस रात नही. में नही चाहता की उस रात वो तुम्हारे पास भी फटके. दूसरी बात वो रात मेरी होगी, पूरी तरह से मेरी ऐसा नही हो कि आधे घंटे मे चुदाई ख़त्म करो और फूटो. उस रात मे अच्छी तरह और हर तरह से तुम्हारी चुदाई करना चाहता हूँ, तुम्हे मेरा लंड भी चूसना होगा और गंद भी मर्वानी होगी." मेने कहा.
"में ऐसा नही कर सकती राज, ये अमित के साथ बेवफ़ाई होगी."
"तुम कर सकती हो सोनिया. तुम पहले ही मान चुकी हो कि सुहागरात को हम चुदाई करेंगे वो समझौता है बेवफ़ाई नही. फिर समझौता थोड़ी देर का हो या पूरी रात का क्या फरक पड़ता है एक ही बात है."
"नही राज में नही कर सकती, ये ग़लत होगा."
"सोच लो सोनिया या तो हां या फिर तुम किसी और को ढूँढ लो."
"इतनी छोटी सी बात के लिए तुम 50 लाख रुपये छोड़ने को तय्यार हो."
"और तुम 50 करोड़ खो दोगि." मेने कहा.
"में किसी और को भी तय्यार कर सकती हूँ, तुम ये बात जानते हो राज."
"हां तुम कर सकती हो." कहकर मेने टेबल पर मेनू कार्ड उठाया और वेटर को आवाज़ दी.
"राज विषय को बदली मत करो."
"में कोई विषय को नही बदल रहा. हम यहाँ कोई बात करने आए थे, मेने अपनी शर्त तुम्हे बता दी और तुमने उसे नकार दिया तो मेने समझा कि हमारी बात पूरी हो गयी. हम यहाँ खाना खाने आए थे सो वेटर को खाने का ऑर्डर दे रहा था जिससे बाद मे में टॅक्सी पकड़ घर जा सकूँ और तुम्हे मुझे छोड़ने की जहमत ना उठानी पड़े." मेने कहा.
"पर तुम इस एक बात पर क्यों आड़े हुए हो? ऐसी क्या ख़ास बात है इसमे." सोनिया ने कहा.
"मेरी मानसिक हालत के लिए बहोत ज़रूरी है, सोनिया."
"ये तो कोई बात नही हुई राज."
"तुम्हारे लिए नही होगी पर मेरे लिए ये बहोत ज़रूरी है."
"क्या तुम मुझे ज़रा खुल कर समझा सकते हो."
Re: किराए का पति
"बड़ी सीधी सी बात है सोनिया. तुमने मुझे पहले ही बता दिया है कि मुझे आने वाले पाच साल तुम्हारे उस बद्दिमाग प्रेमी को झेलना होगा. में कोई बेवकूफ़ नही हूँ, आने वाले पाँच सालों की कहानी में अभी लिख सकता हूँ. पहले तो वो मुझे चिढ़ाएगा कि में अपनी पत्नी को नही चोद रहा हूँ बल्कि वो हर रात मेरी पत्नी को चोद्ता है. जब वो तुम्हे चोद रहा होगा तो मुझे बगल के कमरे मे इंतेज़ार करना होगा कि कब वो तुम्हारी चुदाई खत्म करे और में आकर उसके वीर्य से भरी तुम्हारी चूत को चूसू. इसी तरह वो मुझे चिढ़ा कर अपमानित करता रहेगा."
"उसके हर अपमान पर में मुस्कुरा कर उसका जवाब दम एक गधे की तरह, नही में ये सहन नही कर सकता. हां में करूँगा पर जब में उसे देखूं तो मन ही मन कह सकूँ देख मेने तेरी प्रेमिका की चूत मारी है, उसके मुँह मे अपना पानी छोड़ा है, उसकी गांद की तो धज्जियाँ उड़ा दी है. उसके गर्भ मे मेरा बीज है जिससे वो मा बनने वाली है." मेने कहा, "जैसा मेने कहा सोनिया ये मानसिक लड़ाई है जो मेरे लिए ज़रूरी है, फिर तुम्हारा कुछ जाने वाला नही है वैसे भी उस रात तुम मेरे साथ चुदाई करने को तय्यार हो तो क्या फरक पड़ता है."
"राज मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे एक बार फिर सोचना पड़ेगा. चलो खाने का ऑर्डर देते है, भूक लगी है." सोनिया ने कहा.
खाना खाने के बाद उसने मुझे टॅक्सी नही बुलाने दी और मुझे घर तक छोड़ा. जब में गाड़ी से उतर रहा था उसने कहा, "हम फिर बात करेंगे राज पर मुझे सोचने के लिए कुछ वक़्त दो." ये कहकर वो चली गयी.
दो दिन के बाद सोनिया ने मुझे अपने ऑफीस मे बुलाया और बैठने को कहा.
जैसे ही में कुर्सी पर बैठा उसने कुछ काग़ज़ात मेरे सामने रख दिए, "राज ये अग्रीमेंट जैसे तुमने कहा था वैसे ही बनाया गया है. जहाँ तक हमारी सुहागरात का सवाल है तुम हर वो काम कर सकते हो जो तुम चाहो उसके लिए में तय्यार हूँ. अब रहा सवाल तुम्हारे लिए किसी पर्मनेंट चूत का इंतेज़ाम करना तो में चाहूँगी कि घर मे एक नौकरानी रख ली जाए जिसका घर की सफाई के साथ साथ ये काम होगा कि वो तुम्हारे लंड की भी सफाई करती रहे. बाहर वालों को कुछ पता ना चले इसलिए में चाहूँगी कि ये सब हमारे घर की चारदीवारी मे ही हो. अगर तुम्हे ये मंज़ूर हो तो बोलो."
सोनिया ने फिर अपना ब्रीफकेस खोला और उसमे से तीन फोटो आल्बम निकाल कर मुझे पकड़ा दिए.
"इनमे देखो शायद तुम्हे कोई पसंद आ जाए. जिनके चेहरे पर निशान लगा है वो उपलब्ध नही है." सोनिया ने कहा.
मेने आल्बम मे लगी सुंदर औरतों की तस्वीरों को देखने लगा. फोटो के साथ उनके बारे मे भी लिखा था, में पढ़ने लगा और सोनिया की ओर देख कर मुस्कुरा दिया.
"मेरी एक फ्रेंड है जो मोडीलिंग एजेन्सी के साथ एस्कॉर्ट एजेन्सी भी चलाती है. उसने मुझे आश्वासन दिया है कि जिस काम के लिए में पैसे खर्चा कर रही हूँ उससे कहीं अच्छा काम इनमे से हर कोई करेगा. इनमे से एक को चुन लो राज में सब इंतेज़ाम कर लूँगी. अगर कुछ महीनो बाद तुम्हारा उससे दिल भर जाए तो फिर इनमे से किसी और को चून सकते हो. तो अब हमारा सौदा पक्का." सोनिया ने कहा.
"उसके हर अपमान पर में मुस्कुरा कर उसका जवाब दम एक गधे की तरह, नही में ये सहन नही कर सकता. हां में करूँगा पर जब में उसे देखूं तो मन ही मन कह सकूँ देख मेने तेरी प्रेमिका की चूत मारी है, उसके मुँह मे अपना पानी छोड़ा है, उसकी गांद की तो धज्जियाँ उड़ा दी है. उसके गर्भ मे मेरा बीज है जिससे वो मा बनने वाली है." मेने कहा, "जैसा मेने कहा सोनिया ये मानसिक लड़ाई है जो मेरे लिए ज़रूरी है, फिर तुम्हारा कुछ जाने वाला नही है वैसे भी उस रात तुम मेरे साथ चुदाई करने को तय्यार हो तो क्या फरक पड़ता है."
"राज मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे एक बार फिर सोचना पड़ेगा. चलो खाने का ऑर्डर देते है, भूक लगी है." सोनिया ने कहा.
खाना खाने के बाद उसने मुझे टॅक्सी नही बुलाने दी और मुझे घर तक छोड़ा. जब में गाड़ी से उतर रहा था उसने कहा, "हम फिर बात करेंगे राज पर मुझे सोचने के लिए कुछ वक़्त दो." ये कहकर वो चली गयी.
दो दिन के बाद सोनिया ने मुझे अपने ऑफीस मे बुलाया और बैठने को कहा.
जैसे ही में कुर्सी पर बैठा उसने कुछ काग़ज़ात मेरे सामने रख दिए, "राज ये अग्रीमेंट जैसे तुमने कहा था वैसे ही बनाया गया है. जहाँ तक हमारी सुहागरात का सवाल है तुम हर वो काम कर सकते हो जो तुम चाहो उसके लिए में तय्यार हूँ. अब रहा सवाल तुम्हारे लिए किसी पर्मनेंट चूत का इंतेज़ाम करना तो में चाहूँगी कि घर मे एक नौकरानी रख ली जाए जिसका घर की सफाई के साथ साथ ये काम होगा कि वो तुम्हारे लंड की भी सफाई करती रहे. बाहर वालों को कुछ पता ना चले इसलिए में चाहूँगी कि ये सब हमारे घर की चारदीवारी मे ही हो. अगर तुम्हे ये मंज़ूर हो तो बोलो."
सोनिया ने फिर अपना ब्रीफकेस खोला और उसमे से तीन फोटो आल्बम निकाल कर मुझे पकड़ा दिए.
"इनमे देखो शायद तुम्हे कोई पसंद आ जाए. जिनके चेहरे पर निशान लगा है वो उपलब्ध नही है." सोनिया ने कहा.
मेने आल्बम मे लगी सुंदर औरतों की तस्वीरों को देखने लगा. फोटो के साथ उनके बारे मे भी लिखा था, में पढ़ने लगा और सोनिया की ओर देख कर मुस्कुरा दिया.
"मेरी एक फ्रेंड है जो मोडीलिंग एजेन्सी के साथ एस्कॉर्ट एजेन्सी भी चलाती है. उसने मुझे आश्वासन दिया है कि जिस काम के लिए में पैसे खर्चा कर रही हूँ उससे कहीं अच्छा काम इनमे से हर कोई करेगा. इनमे से एक को चुन लो राज में सब इंतेज़ाम कर लूँगी. अगर कुछ महीनो बाद तुम्हारा उससे दिल भर जाए तो फिर इनमे से किसी और को चून सकते हो. तो अब हमारा सौदा पक्का." सोनिया ने कहा.