" जानती हू तुमने ना जाने कितनो की नीदे हराम की होंगी और ना जाने कितनो के कपड़े"...... ...
" धात तुम बहुत बेशर्म हो मनु.....और ऐसी बाते करी तो मैं भाग जाउन्गि" शिवानी ने कहा
" अरे!!! मुझे मालूम है !!!@ की एक खूबसूरत और हसीन लड़की को उसकी तारीफ सुनना अछा लगता है".... वो धीरे धीरे से नज़रे छुपाकर मुस्कुरा रही थी...
" क्या मनु!! तुम भी!!!!! लाइन मार रहे हो क्या???? यहाँ दाल नही गलने वाली" शिवानी ने बोला..
"अरे जालिम यहा दाल गलने ना गलने की किसे फिकर है??? वो भी जब पूरा का पूरा समुंदर और दाल दोनो सामने हो!!!! शिवानी ने मेरे से यह सुनकर बहुत जोरों से ठहाका लगाया.....
शिवानी ने टॉपिक चेंज किया ' आपके घर मे कौन कौन है मनु"
"अरे यार दाल मे कंकड़ कहा से आ गया ..... सारा स्वाद बिगाड़ दिया" मैने शिवानी के क्वेस्चन पर उसको टीज़ करते हुए कहा...
" प्ल्ज़्ज़ बताइए ना'''''')
मैने शिवानी के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा " कही सुनकर तुम मेरे से मूह तो नही फेर लॉगी पहले यह प्रॉमिस करो"""
"ह्म्म्म्ममममम.. ...... चलो प्रोमिसस किया!!!"
"ओके"
"बस यही 6-7 बिबीयाँ 30-35 बच्चे और 1-2 प्रेमिकाए, मा-बाप, 4 बेहनाई और अकेला मैं"
" अरे यार मज़ाक मत करो.... सही बताओ नाअ"
" सही तो कहा....... 6-7 ब........."
उसने अपना हाथ मेरे हाथ से छुड़ाकर मेरे हाथ पर मुक्का मारते हुए बोली बहुत परेशान करते हू पिटोगे..... जल्दी बताओ.....
"ओके" बाबा "ओके" नाउ आइ एम सीरीयस लाइक ए ईककू पेशेंट
"6-7 बिबिया याने 6-7 काम , 30-35 बचे याने कुछ दोस्त........ 1-2 प्रेमिकयायन यानी 1 बीबी 2 प्यारी प्यारी बेटी और ........" इतना कह कर मैं रुक गया .....
प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta) compleet
Re: प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta)
" और क्या.......आगे बोलो ना" शिवानी उत्सुकतावास पूछने लगी
"बस" इतना ही मैने कहा
" तुमने तो कहा था 2 प्रेमिका शिवानी झुंझलते हुए पूछने लगी
हा 1 तो कन्फर्म है पर दूसरी का मेरी तरफ से तो मेरा 50% पक्का है पर उसका 50% बाकी है पर लगता है जल्दी ही उसका भी 50% जल्दी ही पूरा होकर वो भी 100% प्रेमिका बन जाएगी......
"अछा... शिवानी तुम बताओ कुछ अपने बारे मे.. तुम कौन हो कहा की हो घर मे कौन कौन है तुमको क्या अछा लगता है......" मैने शिवानी से पूछा वो कुछ उदास होते हुए बोली......
" मैं अभी स्टडी कर रही हू और उसकी काम से सागर जा रही हू... मैं वाहा से क्रिमिनॉलजी सब्जेक्ट से पीजी करना चाहती हू."......
यार शिवानी कोई बात नही तुमको नही बताना अपने बारे मे तो मत बताओ... मैं वो बात नही करता जिससे किसी मेरे अपने का दिल दुख़्ता हो...... हा एक बात है की मैं तुमको तुम्हारी पीजी के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता हू.. क्रिमिनॉलजी डिपार्टमेंट का हेड से लेकर पेओन तक मेरा अछा परिचित है.
अक्चा यह बताओ..... यह रेस्टोरेंट मे तुम बहुत आती जाती हो..... वो वेटर तुमको देखकर सलाम ठोक रहा था जैसे तुम यहा की बहुत वाल्यूवबल कस्टमर हो......
" हा मनु यही समझ लीजिए.. ... मैं यहा की वॅल्युवबल कस्टमर ही हू....."
इतने मे हमारा ऑर्डर किया हुआ खाना आ गया और हम दोनो खाना खाते खाते बाते करते रहे. खाना ख़तम करते हुए मैने कहा चलो अब मे चलता हू कल मिलते है ट्रेन पे बाइ बाइ...... बोली अभी कहा चल दिए जनाब..... कुछ घंटो मे हम दोनो ऐसे हो गये थे जैसे जनम जनम से एक दूसरे को जानते हो....
मैने कहा" सच कह रही हो शिवानी... पता नही क्यों ऐसा लगता है की जिंदगी बस आज ही है...... इसके बाद ना जाने कब साँस ख़तम हो जाए तो भरपूर जी लू मेरा ना तो मन कर रहा है ना ही दिल जाने क़ा"
' तो बोला किसने है तुमको जाने को.... चलो आज रात ना तो मैं सोती हू ना ही तुम" हम दोनो बहुत सारी बाते करेंगे..... मैने कहा ठीक है.... हम दोनो जब से मिले थे तो ऐसे लग रहा था की दुनिया मे सिर्फ़ हम दोनो ही है तीसरा तो कोई है ही नही..... अब तक शाम के 7 से ज़्यादा बज चुके थे.....
"बस" इतना ही मैने कहा
" तुमने तो कहा था 2 प्रेमिका शिवानी झुंझलते हुए पूछने लगी
हा 1 तो कन्फर्म है पर दूसरी का मेरी तरफ से तो मेरा 50% पक्का है पर उसका 50% बाकी है पर लगता है जल्दी ही उसका भी 50% जल्दी ही पूरा होकर वो भी 100% प्रेमिका बन जाएगी......
"अछा... शिवानी तुम बताओ कुछ अपने बारे मे.. तुम कौन हो कहा की हो घर मे कौन कौन है तुमको क्या अछा लगता है......" मैने शिवानी से पूछा वो कुछ उदास होते हुए बोली......
" मैं अभी स्टडी कर रही हू और उसकी काम से सागर जा रही हू... मैं वाहा से क्रिमिनॉलजी सब्जेक्ट से पीजी करना चाहती हू."......
यार शिवानी कोई बात नही तुमको नही बताना अपने बारे मे तो मत बताओ... मैं वो बात नही करता जिससे किसी मेरे अपने का दिल दुख़्ता हो...... हा एक बात है की मैं तुमको तुम्हारी पीजी के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता हू.. क्रिमिनॉलजी डिपार्टमेंट का हेड से लेकर पेओन तक मेरा अछा परिचित है.
अक्चा यह बताओ..... यह रेस्टोरेंट मे तुम बहुत आती जाती हो..... वो वेटर तुमको देखकर सलाम ठोक रहा था जैसे तुम यहा की बहुत वाल्यूवबल कस्टमर हो......
" हा मनु यही समझ लीजिए.. ... मैं यहा की वॅल्युवबल कस्टमर ही हू....."
इतने मे हमारा ऑर्डर किया हुआ खाना आ गया और हम दोनो खाना खाते खाते बाते करते रहे. खाना ख़तम करते हुए मैने कहा चलो अब मे चलता हू कल मिलते है ट्रेन पे बाइ बाइ...... बोली अभी कहा चल दिए जनाब..... कुछ घंटो मे हम दोनो ऐसे हो गये थे जैसे जनम जनम से एक दूसरे को जानते हो....
मैने कहा" सच कह रही हो शिवानी... पता नही क्यों ऐसा लगता है की जिंदगी बस आज ही है...... इसके बाद ना जाने कब साँस ख़तम हो जाए तो भरपूर जी लू मेरा ना तो मन कर रहा है ना ही दिल जाने क़ा"
' तो बोला किसने है तुमको जाने को.... चलो आज रात ना तो मैं सोती हू ना ही तुम" हम दोनो बहुत सारी बाते करेंगे..... मैने कहा ठीक है.... हम दोनो जब से मिले थे तो ऐसे लग रहा था की दुनिया मे सिर्फ़ हम दोनो ही है तीसरा तो कोई है ही नही..... अब तक शाम के 7 से ज़्यादा बज चुके थे.....
Re: प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta)
मैने शिवानी को बोला की : डियर तुम भी कुछ गरम कपड़े पहन लो और मैं भी अभी थोड़ी देर मे आता हू होटेल से कपड़े बदल के..........
" नही ना तो मैं कही जाऊंगी ना ही तुम जाऊगे समझे!!!!!" शिवानी मेरे पर अधिकार जमाते हुए ऑर्डर दे रही थी.....
" यार तुम तो बिल्कुल मुझे मेरी बीबी के तरह ऑर्डर फरमाती हो......." जो हुकुम मेरे आका....
" पर यह तो बताओ की हम रात काटेंगे कहा...." मैने शिवानी से पूछा
" अरे जानी तुम चिंता क्यूँ करता है!!!! मैं हू ना तुम्हारे साथ.... तुम क्यों डरता है मॅन" शिवानी बड़े स्टाइल मे बोली मेरे से
" देखिए शिवानी जी मैं अपनी पत्नी का ईक्लोता पति हू.... और पिछले 15 दीनो से उससे नही मिला हू तो मुझे मेरी इज़्ज़त ख़तरे मे नज़र आ रही है... मैं एक पत्निवरता पति हू.. प्लज़्ज़्ज़्ज़"
" अरे नही जानी!!! डरा नही करते !!! हम लोगो की इज़्ज़त से खेला नही करते" शिवानी फिल्म स्तर राजकुमार के अंदाज़ मे बोल रही थी......
वो मेरे को कारोल बाग ले गई और कुछ शॉपिंग गिफ्ट के मैने भी उसको बाड़िया सा उंड़रगर्मेट का गिफ्ट सेट दिया....
शिवानी अब दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी मे रोमॅंटिक गाना लगाकर गाड़ी दौड़ा रही थी......."
"शिवानी तुमने कभी किसी से प्यार किया है......." मैने एक दम पूछ लिया
" यार तुम मर्दों मे यही एक खराबी होती है की जहा लड़की दिखी तो उसके प्रति लार टपकने लगती है और जल्दी से जाने के इक्च्छुक हो जाते हो की यह किसी से पटी तो नही है किसे चुदवाया तो नही है....
" नही ना तो मैं कही जाऊंगी ना ही तुम जाऊगे समझे!!!!!" शिवानी मेरे पर अधिकार जमाते हुए ऑर्डर दे रही थी.....
" यार तुम तो बिल्कुल मुझे मेरी बीबी के तरह ऑर्डर फरमाती हो......." जो हुकुम मेरे आका....
" पर यह तो बताओ की हम रात काटेंगे कहा...." मैने शिवानी से पूछा
" अरे जानी तुम चिंता क्यूँ करता है!!!! मैं हू ना तुम्हारे साथ.... तुम क्यों डरता है मॅन" शिवानी बड़े स्टाइल मे बोली मेरे से
" देखिए शिवानी जी मैं अपनी पत्नी का ईक्लोता पति हू.... और पिछले 15 दीनो से उससे नही मिला हू तो मुझे मेरी इज़्ज़त ख़तरे मे नज़र आ रही है... मैं एक पत्निवरता पति हू.. प्लज़्ज़्ज़्ज़"
" अरे नही जानी!!! डरा नही करते !!! हम लोगो की इज़्ज़त से खेला नही करते" शिवानी फिल्म स्तर राजकुमार के अंदाज़ मे बोल रही थी......
वो मेरे को कारोल बाग ले गई और कुछ शॉपिंग गिफ्ट के मैने भी उसको बाड़िया सा उंड़रगर्मेट का गिफ्ट सेट दिया....
शिवानी अब दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी मे रोमॅंटिक गाना लगाकर गाड़ी दौड़ा रही थी......."
"शिवानी तुमने कभी किसी से प्यार किया है......." मैने एक दम पूछ लिया
" यार तुम मर्दों मे यही एक खराबी होती है की जहा लड़की दिखी तो उसके प्रति लार टपकने लगती है और जल्दी से जाने के इक्च्छुक हो जाते हो की यह किसी से पटी तो नही है किसे चुदवाया तो नही है....