एक वेश्या की कहानी compleet

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raj..
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Re: एक वेश्या की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Nov 2014 09:27

raj sharma stories

एक वेश्या की कहानी--8

गतान्क से आगे.......................

अब हम दोनो बाथरूम के अंदर चले गये . वहाँ जाते ही उसने सबसे पहले मेरे सारे कपड़े उतार दिए ओर फिर अपने सारे कपड़े उतार लिए.

अब दोनो जिस्म एक होने जा रहे थे .वो मेरे स्तनो को चूसने लगा , बहुत ज़ोर से मेरे स्तनो को चूसने लगा.

उसकी साँसे ज़ोर-ज़ोर से शुरू हो गयी ओर मेरा दिल बहुत ज़ोर से धड़क रहा था .

सच मे मेरे स्तन इतने कठोर हो गये थे कि मानो जैसे कोई टेन्निस बॉल हो. उनका रंग एक दम गोरा था.

अब उसने मुझे झुका दिया और अपने लंड को चूसने लगा. मेरी हालत खराब हो रही थी. क्यूकी ट्रेन के बाथरूम मे मेरा ये पहला अनुभव था.

काफ़ी देर लंड को चूसने के बाद अब उसकी बारी थी. मैं भी उससे अपनी योनि को चुसाने लगी .

मेरी योनि एक दम उप्पेर सजी हुई गुलाबी थी, जैसे मानो गुलाब की पट्टी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था .

दोनो की दिल की धड़कने बहुत तेज चल रही थी . अब मैं अपना आपा खो चुकी थी. बार-बार उसे बोल रही थी कि, मेरे चूत मे डाल दो प्ल्ज़ अपना लंड प्ल्ज़्ज़.

वो अब मेरे पूरे जिस्म को चूसने मे लगा था. अब उसने मुझे थोड़ा झुका दिया ओर मेरे हाथ वॉशर पर रखवा कर उसे नीचे किया.

तब उसने अपना मोटा लंबा लंड निकाला उसके लंड को तना देख कर मैं बहुत खुश थी ओर बोली मैने अपने ज़िंदगी मे ऐसा लंड नही देखा.

फिर वो उप्पेर से जवान खूबसूरत भी था. उसकी उम्र उस समय कोई 21 की होगी. अब वो पागल हो चुका था. मुझे चोदने लगा उसने अब अपने लंड को धीरे से मेरी चूत मे डाल दिया.

मैने एक बार थोरी सी आह भरी फिर सब कुछ नॉर्मल था. उसने अब झटके लगाने शुरू किए तो मैं ज़ोर से चीखने से लगी.

उसने मुझे चुप किया, मैं बोली दर्द हो रहा है उसने मुझे समझाया . अब उसने फिर से झटके लगाने शुरू किए इस बार मैने उसका पूरा सहयोग दिया .

अब उसने झटको की स्पीड को और तेज किया . मेरे स्तन उसके हाथ मे थे, जिन्हे वो धीरे-धीरे दबा रहा था.

उसे भी अब मज़ा आ रहा था . अब एक बार उसका वीर्य निकल चुका था .

कुछ देर के लिए हम रुके फिर कुछ देर बाद उसका लंड फिर से तन गया. उसने इस बार मुझे ज़मीन पर लिटा दिया ओर मेरी टाँगे अपने कंधो पर डाल ली.

अब वो शुद्ध भारतिया शैली मे आ चुका था . उसने मुझे आगे सरकाया ओर अपना लंड इस बार ज़ोर से मेरी चूत मे डाल दिया, इस बार मैं कम चीखी .

अब वो ज़ोर से झटके दे रहा था . अबकी बार बहुत मज़ा आ रहा था .

अब धीरे धीरे वो भी सांखलीट हो रहा था ओर मैं भी संत्ुस्त हो चुकी थी. फिर टाइम भी बहुत जयदा हो चुका था . तो उसने मुझे छोड़ दिया .

छोड़ते ही मैं बोली मैने आज तक ऐसे कभी सेक्स नही किया था. आज कर लिया सच मे तुम मे बहुत दम है, जैसा मुझे रीता ने बताया था. वो भी बहुत खुश था …… जब मेरी आँखें खुली तो मैं रॉकी के साथ हम बिस्तर थी. रॉकी पूर्ण नग्न अवस्था मे था और मैं अधनग्न अवस्था मे उसके उपर लेटी हुई थी. जब मेरी आँखें खुली तो मैं रॉकी के उपर से उठी, तभी फ़ौरन रॉकी ने मुझे वापस अपनी ओर खीच लिया और मेरे स्तनो को चूस्ते हुए बोला,

रॉकी- तुम्हारे ये आम बहुत ज़्यादा रसीले है कामिनी. और वो उन्हे बेतहाशा चूमने लगा.

मैने टेबल पर पड़ी घड़ी पर नज़र दौड़ाई तो देखा उसमे 12.20 हो रहे थे.

मैं- 12.20, ओह्ह बहुत देर हो गयी !

रॉकी – तुम कहाँ जा रही हो ?

मैने फटाफट कपड़े उतारे और उसे कहा,

मैं- काम की तलाश मे.

रॉकी बिस्तर पर ही लेटे-लेटे बोला,

रॉकी- मैं भी तुम्हारे साथ आता हू.

मैं बाथरूम मे घुसते हुए उससे बोली,

मैं – उसकी कोई ज़रूरत नही है, रीता ने मुझे बहुत से अड्रेस और उनके नंबर्स दिए है और साथ मे कुछ सिफारिशी लेटर भी है.

रॉकी उठकर मेरे पर्स मे वो चीज़ें देखने लगा.

मैं- मैं अपनी जिंदगी के लिए कुछ बेहतर ढूंड ही लूँगी, जिसे मेरी नयी जिंदगी की शुरूवात हो सके !

रॉकी ने सारे नाम पते देखने के बाद मुझसे कहा

रॉकी – मैं यहाँ के सारे क्लब्स अच्छे से जानता हू, मैं वहाँ तुम्हे ले के चलूँगा.

और वो मेरे आने से पहले वापस जाकर बिस्तर पर लेट गया.

मैं बाथरूम से तैयार होकर वापस आई और उसे बोली,

मैं – बेहतर होगा के वहाँ मे अकेले ही जाऊ.

मैने रॉकी को बाइ कहा और उसे जैसे ही किस करने झुकी, रॉकी ने वापस मुझे बिस्तर पर खीच लिया. लेकिन मैं उसे छुटकर उससे दूर हटी उसे मुस्कुरा कर बाइ कहा, उसे रात को मिलने का बोलकर मैं कमरे से बाहर आ गयी.


raj..
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Re: एक वेश्या की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Nov 2014 09:28

रॉकी अपने बिस्तर से उठकर फोन के पास आया और वहाँ से उसने किसी का नंबर लगाया.

रॉकी – चिंटू ? मैं रॉकी बोल रहा हू. बिज़ी हो क्या ? मुझे कुछ ज़रूरी चीज़ो की व्यवस्था करनी थी.

इधर जहाँ मैं गयी थी वहाँ से भी निराशा ही हाथ लगी.

मैं- मुझे इस प्रकार से अस्वीकार करेंगे, इसकी उम्मीद नही थी मुझे. कोई काम नही. फिर भी मैं कोशिश करती रहूंगी. यहाँ सिर्फ़ रीता के बताए हुए क्लब्स नही है.

रॉकी – तुम ये सब भूल क्यू नही जाती ? क्लब्स मे काम करके तुम्हारी हालत खराब हो जाएगी. उसे तो अच्छा होगा तुम वहाँ काम करो जहाँ काई प्रकार के लोग आते है. नेता, अभिनेता, बड़े-बड़े रहीस और विदेशी लोग भी आते है.

मैं - मैं दुबारा एक वेश्या नही बनना चाहती हू !

रॉकी- और क्लब मे काम करना तुमको उचित लग रहा है. वहाँ पर पीना-पिलाना तुम्हारे लिवर को खराब कर देगा.

रॉकी मेरे पास आकर मेरे जाँघो को सहलाते हुए बोला- मैने तुम्हारे लिए एक बहुत बढ़िया काम जमाया है.

मैं- मुझे सीमा की तरह किसी भी दलाल की ज़रूरत नही है ! और मैने उसका हाथ अपने जाँघो पर से हटवा लिया.

रॉकी- मैं अपने आप मे अपमान महसूस कर रहा हू. तुमको क्या लग रहा है मैं तुमसे पैसे लूँगा ? भूल जाओ, तुम मुझ पर बिल्कुल भी भरोसा नही करती.

और वो बिस्तर के एक कोने मे जाकर बैठ गया.

मैं- क्या सचमुच मे मैं नेता,अभिनेताओं से मिल सकूँगी ?

रॉकी- तुम शर्त लगा सकती हो ! मैं अभी मिलन को बता देता हू.

मैं – वो कौन है ?

रॉकी – यहाँ का सबसे बढ़ा दलाल है. बहुत बढ़िया आदमी है. मैं अभी उसे अपनी मीटिंग जामाता हू. मिलन वो एक बुड्ढ़ा सा आदमी था जो मूह मे सिगार दबाए, हाथ मे छड़ी लिए बैठा हुआ था. हमारे वहाँ पहुचते ही उसने मुझे देखा और रॉकी से कहा

मिलन – ये तो बहुत खूबसूरत , ताज़ा और सुंदर स्तनो वाली लग रही है.

उसने मुझे देखा और मुझसे पूछा,

मिलन – क्या उम्र है तुम्हारी ?

मैं – 18.

मिलन – दरवाज़े तक चल के तो दिखाओ.

मैं अपनी मादक अदओ के साथ दरवाज़े की ओर बढ़ गयी. अपने कुल्हो को मतकाते हुए मैं दरवाज़े की ओर चली जा रही थी. वहाँ मौजूद हार्स शक़्स और औरत मेरे कुल्हो को ही घुरे जा रहा था. हर कोई मुझे ललचाई नज़रो से देख रहा था जैसे मैं कोई टपकता हुआ शहद हू और हर कोई मुझे खाना चाहता हो. मैं वापस मिलन के पास आ कर खड़ी हो गयी.

मिलन- तुम्हारे पास तो बहुत ही सुंदर मादक और नशीले कूल्हे है. अपने कूल्हे मेरी ओर तो करो मैं इन्हे छूकर महसूस करना चाहता हू.

मैने अपने कूल्हे उसके मूह के ओर कर दिए और वो थर्कि बुड्ढ़ा मेरे कुल्हो को दबा-दबा कर देखने लगा.

मिलन – बहुत ही नरम और मुलायम है.

मैने उसे थॅंक्स कहा और सीधे खड़े होकर पलट गयी.

मिलन – तुम्हे तो अव्वल दर्जे का घर मिलना चाहिए.

फिर उसने अपने चस्मे चढ़ाए और अपनी जेब से एक छोटी सी डाइयरी निकालकर उसे पढ़ने लगा और बोला-

मिलन – पी टी उषा .

मैं – कॉन वो ओलंयपिक्स वाली.

मिलन – नही, उनका नाम उषा है, पर उन्हे ओलंयपिक्स के खेलो से बहुत लगाव है. इसलिए उन्हे हम पीटी उषा कहते है. यहाँ का वो बहुत फेमस घर है.

तभी रॉकी बोला- हां , तुम्हे वो बहुत पसंद आएगा !

मैं रॉकी की तरफ घूर कर देखने लगी.

मिलन- शांति !

उसने वहाँ खड़े अपने आदमी को आवाज़ लगाई- सॅम ज़रा उषा चाची को कॉल तो लगाओ. उसने सॅम को नंबर दिया और सॅम नंबर लेकर एक तरफ चल दिया.

मिलन- तो तुम सब कुछ कर सकती हो, सही ?

रॉकी – मैं इसकी गॅरेंटी लेता हू.

मिलन- मैने कहा ना शांत बिल्कुल शांत !

और वो वहाँ से उठकर जाने लगा. उसके उठते ही रॉकी उसे जा-जा का इशारा करने लगा, और मेरे पास एक कुर्सी खीचकर बैठ गया.

raj..
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Re: एक वेश्या की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Nov 2014 09:28

रॉकी- उषा चाची के यहाँ जाना कोई चने चबाने जितना आसान काम नही है. पर अगर उसने बात कर ली तो समझो के काम बन गया.

मिलन वापस आकर अपनी जगह पर बैठा और बोला- वो तुमसे कल सुबह मिलने की इच्छा रखती है.

उसने अपने जेब से अपना एक कार्ड निकाला और कहा- उन्हे तुम ये दे देना. और चयन हो जाने पर 1 हफ्ते के अंदर मेरी कमिशन मुझे पहुच जानी चाहिए.

रॉकी उसकी तारीफ़ करते हुए- आप तो महान हो सर !

मिलन उसे चिढ़ते हुए उसे बोला - खामोश हो जाओ ! मुझे दलालो से शख्त नफ़रत है.

फिर मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा और प्यार से मेरी तरफ हाथ बढ़ाकर बोला- बाइ जान.

मैने भी अपना हाथ उसके हाथो मे देकर उसे बाइ कहा. और हम वहाँ से निकल पड़े. उसने हमे पीछे से आवाज़ दी और मुझसे कहा,

मिलन – उषा चाची के पास जाने से पहले नहाना मत.

मैं – क्यू ??

मिलन- जाओ…………..तुम बहुत दूर तक जाओगी.

रॉकी ने मेरा हाथ पकड़ा और हम दोनो वहाँ से बाहर चले गये, मिलन हमे पीछे से देखे जा रहा था और बस देखे ही जा रहा था.अगली सुबह मैं उस जगह पहुच गयी जो मुझे मिलन ने बताई थी. वहाँ एक औरत जो दिखने मे बहुत ही गोरी आकर्षक लग रही थी, गार्डेन मे जॉगिंग कर रही थी.

मैं उसके आने के लिए वही इंतज़ार करने लगी. थोड़ी देर बाद वो मेरे पास आई. उसने सिर्फ़ जॉगिंग सूट पहना था. वो भी सिर्फ़ नीचे, उपर से वो बिल्कुल नंगी थी. उसके स्तन हवा मे लटक रहे थी. बहुत ही गोरे बड़े-बड़े थे. पसीने मे भीगे हुए थे और इस कारण धूप मे चमक रहे थे. निपल भी बड़े और आकर्षक थे. उस औरत ने अपने शरीर की खूब देखभाल की है (वेल मैंनटानेड फिगर) लग रही थी. उसके चेहरे पर एक अलग ही तेज था.

वो महिला – मैने रेसिंग मे गोल्ड मेडल जीता है. इसलिए सब मुझे यहाँ उषा चाची कहते है.

तुम मेरी मसल्स छू सकती हो !

उसने अपने बाजू मोड़ कर मुझे अपनी मसल्स दिखाई. मैने उन्हे छू कर उसे कहा.

मैं- ये तो लोहा से भी ज़्यादा कड़क है !

चाची- कड़क लंड से भी ज़्यादा कड़क है ! चलो कुश्ती हो जाए. तुमको मुझे उसमे हराना ही होगा !

चलो आओ मेरे साथ.

फिर वो मुझे अपने घर मे बने जिम मे ले गयी और मुझसे पूछा-

चाची- क्या तुम आज सुबह यहाँ नहा कर आई हो ?

मैने अपनी मादक अदा और नखरे दिखाते हुए ना मे सिर हिला दिया.

चाची- गंदी लड़की !

अच्छी लड़कियों को रोज नहाना चाहिए.

मैं- मुझे बताया गया था………………

चाची- शांत !

उन्होने मुझे बीच मे रोक दिया बोलने से.

चाची- अब तुम्हारी चाची तुम्हे नहलाएगी. चलो कपड़े उतारो.

और वो मेरे नहाने के लिए बाथ टब तैयार करने लगी.

मैं टॉप और स्कर्ट पहने हुए थी. पहले मैने टॉप उतारा, फिर स्कर्ट को भी उतार कर फेंक दिया. चाची मुझे देख कर खुश हो रही थी. फिर मैने अपनी ब्रा भी उतार कर साइड मे रख दी. मुझे मालूम था मुझमे सबसे सेक्सी चीज़ मेरी गान्ड है जिस पर हर कोई फिदा है. इसलिए मैने धीरे-धीरे अपनी गान्ड मतकाते हुए अपनी पॅंटी उतारी. और नग्न गान्ड हिलाते हुए चाची को दिखाने लगी.

चाची- बढ़िया, तैयार है टब. चलो अंदर आ जाओ.

मैं धीरे-धीरे चलकर टब के अंदर घुस गयी. और चाची पानी मे बने बुलबुलो को मेरे स्तनो पे रगड़ने लगी.

चाची- खुश्बुदार बुलबुलो का स्नान…….

और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे स्तनो को मसल्ने लगी. फिर चाची बोली,

चाची- खड़ी हो जाओ. अब मैं तुम्हारा पिछवाड़ा सॉफ करूँगी.

और मैं खड़ी हो गयी. चाची कभी मेरी योनि मे कभी मे गान्ड मे उंगली डाल-डाल कर उन्हे रगड़े जा रही थी.

चाची- कितनी प्यारी गान्ड है !

मज़ा आ रहा है ना गंदी लड़की ?

और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी दो उंगलियाँ मेरी योनि मे अंदर बाहर करने लगी. मैं योनि मे घर्षण के कारण तड़पने लगी.

चाची- क्या तुम आने वाली(डिसचार्ज) हो ?

क्या चूत है !

मैं तड़प-तड़प कर मचलने लगी. ज़ोर- ज़ोर से आगे-पीछे हिलने लगी. इस बार चाची अपनी मिड्ल फिंगर गीली की ऑर चूत पर रख कर हल्का सा झटका दिया, थोरा सा दर्द हुवा मगर वो ऐसा ही फिंगर गीली करती फिर चूत मे डाल देती, फिर गीली करती फिर चूत मे, अब वो चूत मे पूरी फिंगर डाल चुकी थी, ओर चूत मे फिंगर को हिला रही थी फिर मुझे और नशा सा आना लगा ओर उसने दूसरी फिंगर भी गीली कर के चूत मे डाल दी ऑर चूत को ज़ोर ज़ोर सा हिलाने लगी ओर मेरे मूह से सिसकारियाँ निकल गई, अहह ऑश यस यस अयू उसने अब थोरी स्पीड बढ़ा ली, जिस से मुझे ओर भी मज़ा आने लगा, मेरी चूत गीली होने लगी थी.

क्रमशः............................

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