दामिनी--14
गतान्क से आगे…………………..
मैं समझ गयी वे मम्मी को लेटी रहने को क्यूँ बार बार बोल रहे थे..उन्हें पता था के मैं ज़रूर बाहर खड़ी हूँ ..और कहीं मम्मी मुझे देख ना लें ....मैं मन ही मन हँसी जा रही थी ...
भैया बाहर आए ,दरवाज़ा फिर से उधका दिया , और अब मैं अपने आप को रोक नहीं सकी ...मैं उछलते हुए भैया की गोद में आ गयी ..उनके कमर की गिर्द अपनी टाँगें करते हुए और गर्दन के गिर्द हाथ रखते हुए उन्हें जाकड़ लिया और उन्हें पागलों की चूमे जा रही थी...भैया ने भी मुझे अपने से चिपकाते हुए अपने कमरे की ओर जाने लगे...मैं उन्हें चूमे जा रही थी और कहती जाती ..
"ओओओओह ..भैया ..भैया ..यू आर ग्रेट , सिंप्ली ग्रेट ..क्या चुदाई की ..ऊओह ..उफफफफफ्फ़ .."
"उफफफफ्फ़...हाँ दामिनी ..मैने आखीर मन की मुराद पूरी कर ली....ऊवू मम्मी को चोद लिया ....ऊऊह क्या चूत है उनकी...दामिनी .... " भैया भी खुशी से पागल थे ..
"हाँ ..अब तो मेरी चूत को कौन पूछता है .....???अब तो आप को उठते बैठ ते बस मम्मी की चूत दिखेगी ..अब मैं कहाँ और मेरी चूत कहाँ ...??"
" दामिनी देख मैं आखरी बार बोलता हू..तू फिर कभी ऐसी बात नहीं करेगी ..तू जानती है ना मैं तुझे
कितना प्यार करता हूँ ? उनकी चूत और तुम्हारी चूत में कोई कंपॅरिज़न नहीं ..दोनों नायाब हैं ..अपनी
अपनी जागेह बेमिसाल ..मेरी रानी बहना .. तुझे भी तो पापा का लंड इतना अच्छा लगा ...पर क्या
मेरा लंड तू भूल गयी..?? बोलो ..??"
" ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैया ..मान गये आप को क्या मिसाल दी आप ने ....आइ लव यौउउउउउउ...सो मच..."
कमरे में पहुँचते ही उन्होने मुझे लीटा दिया और मेरे बगल लेट गये ..मैं उनके सीने पर अपना सर रख दिया और हथेली से सीना सहलाते हुए कहा " भैया...."
" क्या है दामिनी ..?? " उन्होने मेरी चुचियाँ दबाते हुए कहा
मैं चिहूंक उठी " अया ..रात भर मम्मी की चूचियों से मन नहीं भरा ..?? ...भैया मैं भी तुम दोनों के साथ शामिल होना चाहती हूँ .." मैने इठलाते हुए कहा..''प्ल्ज़्ज़ भैया कुछ करो ना ..."
" हाँ दामिनी ..मैं भी येई सोच रहा था...कितना मस्त रहेगा ..मेरे दोनों सब से अज़ीज़ और प्यारे मेरे साथ रहेंगे ...साथ मज़ा लेंगे एक दूसरे का ... पर मम्मी को कैसे राज़ी किया जाए ..??"
" वो आप मुझ पर छोड़ दो मेरे भैया ..बस तुम देखते जाओ .." मैने उनके निपल्स दबाते हुए कहा ...
" आआअह ..दामिनी तुम भी ना .. हाँ दामिनी तू तो है ही दिमाग़ वाली ...तेरी चूत और दिमाग़ दोनों मस्त ..." और उन्होने मेरी चूत मसल दी ..
" उईईईईईईई ....क्या भैया ..देखते नहीं कितनी गीली है ..तुम दोनों की चुदाई देखते देखते कितनी फडक रही है ..भैया प्ल्ज़्ज़ चोदो ना ..जल्दी से ... कुछ तो रहेम करो ...मैं कितनी चुदासी फील कर रही हूँ...रात भर तुम दोनों को देख ..प्ल्ज़्ज़ भैया ..?"
" उफ़फ्फ़ .मेरे पास कोई चाय्स है क्या ..? मुझे मालूम है तू मानेगी नहीं ...चल खोल अपने शॉर्ट्स .."
उनका लंड तो पहले ही कड़क था मेरी बातों से और मेरे चिपकने से ..मैने फटाफट शॉर्ट्स उतारी और अपनी टाँगें फैलाए उनके लौडे का बेसब्री से इंतेज़ार करने लगी ..
भैया फ़ौरन मेरी टाँगों के बीच आए और एक ही झट्के में लौडा अंदर पेल दिया ...चूत इतनी गीली थी के उनका लौड फतच से पूरा अंदर , टाइट फिट होता हुआ धँस गया ..और मेरी चूतड़ थामे धक्के लगाने लगे ...दोनों चुदाई में मस्त थे ..
एक दम से दरवाज़ा खुला ..मैं चौंक गयी ...भैया की पीठ थी दरवाज़े की तरफ ..उन्हें कुछ मालूम नहीं पड़ा ..
मम्मी हाथ में चाइ की ट्रे लिए दरवाज़े के अंदर आ रही थी ....
मुझे तो काटो खून नहीं ...भैया भी मुझे सकपकाया देख चौंक गये ...उनका धक्का लगाना ऐसे रुका जैसे एक दम से ब्रेक लगाने पर कोई कार..." क्या हुआ दामिनी ..तुम ऐसे क्या देख रही हो ..." उन्होने झल्लाते हुए कहा ...
मैने चूप थी ..क्या बोलती ..बस आँखें फाड़ मम्मी की तरफ एक तक देखे जा रही थी ...भैया समझ गये शायद कोई बला उनके पीछे खड़ी है.उन्होने अपनी गर्दन मोडते हुए पीछे देखा ..
मम्मी अब तक दरवाज़ा बंद कर अंदर आ चूकी थी और हम दोनों इतने घबडाये थे के हमें जैसे लकवा मार गया हो..हमें कपड़े पहेन ने का भी होश नहीं था ..हम बस वैसे की वैसे पड़े थे ,,सिर्फ़ भैया मेरे उपर से हट कर बिस्तर के चोर पर सर झूकाए बैठे थे..
मम्मी ने चाइ की ट्रे साइड टेबल पर रख दी ..हम दोनों अगल बगल सर झूकाए बैठे थे ...
मम्मी हम दोनों की तरेफ देखते हुए खड़ी थी कमर पर हाथ ..चेहरा एक दम सीरीयस ...
और फिर जो उन्होने कहा ..हम दोनों दुबारा भौंचक्के थे ...
उन्होने हम दोनो की ओर चिल्लाते हुए कहा , " अरी बेवकूफो ...ऐसी हरकत करने के पहले कम से कम दरवाज़ा तो ठीक से बंद कर लिया होता ..जानें तुम लोगों को कब अकल आएगी..??".....
मम्मी का ये रूप भी मैने कभी नहीं देखा .... कहाँ तो भैया के साथ चुदाई के पहले कितना रोई , और अभी हमे चुदाई करते देख ..गुस्सा करना तो दूर ..हमें हिदायत दी जा रही थी दरवाज़ा बंद रखने की..मैं हैरान थी ,,भैया भी मुँह फाडे देख रहे थे .... हम दोनों एक दूसरे को बस ऐसे देखे जा रहे थे ..मानों मम्मी ने अब बम फोड़ा ... पर ऐसा कुछ नहीं हुआ .
रूम में एक अजीब सन्नाटा था ....मम्मी कुछ बोल नहीं रही थी और हमे उनके बोलने का इंतेज़ार था .
तभी मम्मी ने हम दोनों की जांघों को थामते हुए अलग किया और हम दोनों के बीच बैठ गयीं
मैं मम्मी की एक एक हरकत से एक अजीब सी उलझन में थी ..आख़िर ये चाहती क्या हैं..? कुछ बोलती क्यूँ नहीं ,,डाँट ती क्यूँ नहीं ..?? हंगामा खड़ा क्यूँ नहीं करतीं..?? और तो और अब हम दोनों के बीच बैठ भी गयीं ...मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था....
अगर जंगली शेरनी आप के सामने आप को अपना मुँह खोले , बजाय आप को खाने के अपनी जीभ से आपको सहलाए तो कैसा फील होगा ..?? कुछ वैसी ही हालत हमारी थी ..कभी खुश होते की चलो मम्मी ने बुरा नहीं माना ..पर फिर डर भी लगता के पता नहीं ये चूप्पि आनेवाले तूफान का इशारा तो नहीं ....
फिर शायद मम्मी ने हमें और ज़यादा सस्पेंस में रखना ठीक नहीं समझा ..शायद उनको हम पर तरस आ गया .....वो ठहाका लगा जोरों से हँसने लगीं ...उनकी हँसी से हमारी जान में जान आई ..चलो और कुछ भी हो कम से कम मम्मी गुस्सा तो नहीं हैं ...
फिर उन्होने अपनी बाहें फैलाते हुए दोनों को अपने सीने से लगाया और कहने लगी
"मैं जानती हूँ तुम दोनों भाई बहेन को इस हालत में देख मेरे रिक्षन से तुम लोगों को हैरानी हो रही होगी ...पर मैं और मम्मियो की तरह नहीं मेरे बच्चे ..अगर मैं अभी से चुद्वा सकती हूँ ..तो मेरी दामिनी अगर अभी से चुद्वाये तो क्या गुनाह है..?? तुम दोनों मेरे बच्चे हो ,मुझे मालूम है तुम जो करोगे सोच समझ कर ही करोगे ... इस तरह की रिलेशन्षिप में कितना प्यार , कितना ख़याल और एक दूसरे के लिए कुछ भी कर गुजरने की हिम्मत आ जाती है ...है ना ..??"
" हाँ वो तो है मम्मी ..पर आप को ये कैसे मालूम हुआ के मुझे आप के और भैया के बारे पता चल गया ..?? "मैने हैरान होते हुए पूछा ..
" ह्म्म्म ...जिस दरवाज़े से तू रात भर हमारी चुदाई देख रही थी ना मेरी दामिनी रानी ..मैने जान भूझ कर खुला रखा था ...मैं इतनी भी नशे में नहीं थी ..मैं चाहती हूँ कि हमारे परिवार में एक अटूट प्यार और स्नेह का रिश्ता रहे ..जो बिना सेक्स के पूरा नहीं होता ...इस से हमारे बंधन और भी मजबूत होते हैं ... "
हम दोनों मम्मी से लिपट गये और उन्हें चूमने लगे ...." ऊऊओ मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम ..हम दोनों कितने लकी हैं ..आप जैसी मों हमें मिलीं .." हम दोनों एक साथ बोल उठे ..
" और मैं भी लकी हूँ मेरे बच्चे ..तुम दोनों जैसे समझदार और प्यारे प्यारे बच्चों को जन्म दे कर .... अच्छा दामिनी एक बात बता तू अपने पापा से चुदि या नहीं ....जैसा तुम दोनो के बीच चल रहा था ..अब तक तो ये शूभह कम हो जाना चाहिए था...?'"
" हाँ मोम ..शुभ काम हो गया है.... ऊओह मोम पापा कितने अच्छे हैं ..कितने प्यार से चोद्ते हैं .. आप कितनी लकी हैं ...और मोम मैने तो कसम खाई थी के मेरी चूत पे पहला हक़ पापा का है ....जब तक वो मुझे नहीं चोद्ते ना ..मैं किसी और से नहीं चुद्ति ..चाहे मुझे जिंदगी भर कुँवारी ही क्यूँ ना रहनी पड़ता...! "
" वाह इतना प्यार अपने पापा से ..? "
क्रमशः……………………..
दामिनी compleet
Re: दामिनी
Daamini--14
gataank se aage…………………..
Main samajh gayee we MAMMI ko leti rehne ko kyoon bar bar bol rahe the..unhein pata tha ke main jaroor bahar khadi hoon ..aur kahin MAMMI mujhe dekh na lein ....main man hi man hansi ja rahee thee ...
Bhaiyaa bahar aaye ,darwaza phir se udhka diya , aur ab main apne aap ko rok nahin saki ...main uchalte hue Bhaiyaa ki god mein aa gayee ..unke kamar ki gird apni tangein karte hue aur gardan ke gird haath rakhte hue unhein jakad liya aur unhein pagalon ki choome ja rahee thee...Bhaiyaa ne bhi mujhe apne se chipakate hue apne kamre ki or jane lage...main unhein choome ja rahee thee aur kehti jati ..
"OOOOh ..Bhaiyaa ..Bhaiyaa ..you are great , simply great ..kya chudaai ki ..ooohh ..uffffff .."
"Ufffff...han Daamini ..maine akheer man ki murad poori kar lee....ooooh MAMMI ko chod liiya ....ooooh kya choot hai unki...Daamini .... " Bhaiyaa bhi khushi se pagal THE ..
"Han ..ab to meri choot ko kaun poochta hai .....???Ab to ap ko uthte baith te bas MAMMI ki choot dikhegi ..ab main kahan aur meri choot kahan ...??"
" Daamini dekh main aakhri baar bolta hoo..tu phir kabhi aisi baat nahin karegi ..tu janti hai na main tujhe
kitna pyaar karta hoon ? unki choot aur tumhari choot mein koi comparison nahin ..donon nayab hain ..apni
apni jageh bemisal ..meri raani bahanaa .. tujhe bhi to Papa ka lund itna achha laga ...par kya
mera lund tu bhool gayi..?? bolo ..??"
" ooh Bhaiyaa ..maan gaye aap ko kya misal di aap ne ....I love youuuuuuu...soooo much..."
Kamre mein pahunchte hi unhone mujhe leeta diya aur mere bagal let gaye ..main unke seene par apna sar rakh diya aur hatheli se seena sehlate hue kaha " Bhaiyaa...."
" Kya hai Daamini ..?? " Unhone meri chuchiyaan dabate hue kaha
Main chihoonk uthi " Aaah ..raat bhar MAMMI ki choochiyon se man nahin bhara ..?? ...Bhaiyaa main bhi tum donon ke saath shamil hona chahti hoon .." Maine ithlate hue kaha..''Plzz Bhaiyaa kuch karo na ..."
" Han Daamini ..main bhi yei soch raha thaa...kitna mast rahega ..mere donon sab se aziz aur pyyare mere saath rahenge ...saath maza lenge ek doosre ka ... par MAMMI ko kaise razi kiya jaye ..??"
" Wo aap mujh par chod do mere Bhaiyaa ..bas tum dekhte jao .." Maine unke nipples dabate hue kaha ...
" AAah ..Daamini tum bhi na .. han Daamini tu to hai hi deemag wali ...teri choot aur deemag donon mast ..." Aur unhone meri choot masal dee ..
" uiiiiiiiii ....kya Bhaiyaa ..dekhte nahin kitni geeli hai ..tum donon ki chudaai dekhte dekhte kitni phadak rahee hai ..Bhaiyaa plzz chodo na ..jaldi se ... kuch to rahem karo ...main kitni chudasi feel kar rahee hoon...raat bhar tum donon ko dekh ..plzz Bhaiyaa ..?"
" Ufff .mere pas koi choice hai kya ..? mujhe maloom hai tu manegi nahin ...chal khol apne shorts .."
Unka lund to pehle hi kadak tha meri baton se aur mere chipakne se ..maine phataphat shorts utari aur apni tangein phailaye unke louDe ka besabri se intezaar karne lagi ..
Bhaiyaa phauran meri tangon ke beech aaye aur ek hi jhaTke mein lauDa andar pel diya ...choot itni geeli thee ke unka lauDa fatch se poora andar , tight fit hota hua dhans gaya ..aur meri chuTaD thame dhakke lagane lage ...donon chudaai mein mast the ..
Ek dam se darwaza khula ..main chaunk gayee ...Bhaiyaa ki peeth thi darwaze ki taraf ..unhein kuch maloom nahin paDa ..
MAMMI haath mein chai ki tray liye darwaze ke andar aa rahee thi ....
Mujhe to kato khoon nahin ...Bhaiyaa bhi mujhe sakpakaya dekh chaunk gaye ...unka dhakka lagana aise rookajaise ek dam se brake lagane par koi car..." Kya hua Daamini ..tum aise kya dekh rahee ho ..." unhone jhallate hue kaha ...
Maine choop thee ..kya bolti ..bas ankhein phad MAMMI ki taraf ek tak dekhe jaa rahee thee ...Bhaiyaa samajh gaye shayad koi bala unke peeche khadi hai.unhone apni gardan modte hue peeche dekha ..
MAMMI ab tak Darwaza band kar andar aa chookeen thi aur hum donon itne ghabdaye THE ke hamein jaise lakwa mar gaya ho..hamein kapde pehen ne ka bhi hosh nahin tha ..hum bas waise ki waise paDe THE ,,sirf Bhaiyaa mere upar se hat kar beestar ke chor par sar jhookaye baithe the..
MAMMI ne chai ki tray side table par rakh dee ..hum donon agal bagal sar jhookaye baithe the ...
MAMMI hum donon ki taref dekhte hue khadi thi kamar par hath ..chehra ek dam serious ...
Aur phir jo unhone kaha ..hum donon doobara bhaunchakke THE ...
Unhone hum doonon ki or chillate hue kaha , " aree bewakoofo ...aisi harkat karne ke pehle kam se kam darwaza to theek se band kar liya hota ..janein tum logon ko kab akal aayegi..??".....
MAMMI ka ye roop bhi maine kabhi nahin dekha .... kahan to Bhaiyaa ke saath chudaai ke pehle kitna royee , aur abhi humein chudaai karte dekh ..gussa karna to door ..hamein hidayat dee ja rahee THEe darwaza band rakhne ki..main hairan thee ,,Bhaiyaa bhi munh phade dekh rahe THE .... hum donon ek doosre ko bas aise dekhe ja rahe THE ..manon MAMMI ne ab bum phoda ... par aisa kuch nahin hua .
Room mein ek ajeeb sannata tha ....MAMMI kuch bol nahin rahee thee aur humein unke bolne ka intezaar thaa .
Tabhi MAMMI ne hum donon ke janghon ko thaamate hue alag kiya aur hum donon ke beech baith gayeen
Main MAMMI ki ek ek harkat se ek ajeeb si uljhan mein thee ..aakhir ye chahti kya hain..? Kuch bolti kyoon nahin ,,daant ti kyoon nahin ..?? Hangama khada kyoon nahin karteen..?? Aur to aur ab hum donon ke beech baith bhi gayeen ...meri kuch samajh mein nahin aa raha tha....
Agar jungli sherni aap ke samne aap ko apna munh khole , bajay aap ko khane ke apni jeebh se aapko sehlaye to kaisa feel hoga ..?? Kuch waisi hi halat hamari thee ..kabhi khush hote ki chalo MAMMI ne bura nahin mana ..par phir dar bhi lagta ke pata nahin ye chooppi aanewale toofan ka ishara to nahin ....
Phir shayad MAMMI ne hamein aur jayada suspense mein rakhna theek nahin samjha ..shayad unko hum par taras aa gaya .....wo thahaka laga joron se hansne lageen ...unki hansi se hamein jaan mein jaan aaye ..chalo aur kuch bhi ho kam se kam MAMMI gussa to nahin hain ...
Phir unhone apni bahein phailate hue donon ko apne seene se lagaya aur kehne lagi
"Main janti hoon tum donon Bhai Behen ko is halat mein dekh mere reaction se tum logon ko hairani ho rahee hogi ...par main aur Mummiyon ki tarah nahin mere bachhe ..agar main Abhi se chudwa sakti hoon ..to meri Daamini agar Abhi se chudwae to kya gunah hai..?? Tum donon mere bachhe ho ,mujhe maloom hai tum jo karoge soch samajh kar hi karoge ... is tarah ki relationship mein kitna pyaar , kitna khayal aur ek doosre ke liye kuch bhi kar gujarne ki himmat aa jati hai ...hai na ..??"
" Han wo to hai MAMMI ..par aap ko ye kaise maloom hua ke mujhe aap ke aur Bhaiyaa ke baare pata chal gaya ..?? "Maine hairan hote hue poocha ..
" Hmmm ...jis darwaze se tu raat bhar hamari chudaai dekh rahee thee na meri Daamini Rani ..maine jan bhoojh kar khula rakha thaa ...main itni bhi nashe mein nahin thee ..main chahti hoon ki hamare pariwaar mein ek atoot pyaar aur sneh ka rishta rahe ..jo bina sex ke poora nahin hota ...is se hamare bandhan aur bhi majboot hote hain ... "
Hum donon MAMMI se lipat gaye aur unhein choomne lage ...." oooooh Mom you are the greatest Mom ..hum donon kitne lucky hain ..aap jaisi Mom hamein mileen .." Hum donon ek saath bol uthe ..
" Aur main bhee lucky hoon mere bachhe ..tum donon jaise samajhdar aur pyaare pyaare bachhon ko janm de kar .... Achha Daamini ek baat bata tu apne Papa se chudi ya nahin ....jaisa tum dono ke beech chal raha tha ..ab tak to ye shoobh kam ho jana chahiye tha...?'"
" Han Mom ..shubh kaam ho gaya hai.... oooh Mom Papa kitne achhe hain ..kitne pyaar se chodte hain .. aap kitni lucky hain ...aur Mom maine to kasam khayi thee ke meri choot pe pehla haq Papa ka hai ....jab tak wo mujhe nahin chodte na ..main kisi aur se nahin chudti ..chahe mujhe jindagi bhar kunwari hi kyoon na rehni paDti...! "
" Wah itna pyaar apne Papa se ..? "
kramashah……………………..
Re: दामिनी
दामिनी--15
गतान्क से आगे…………………..
तभी भैया भी बोल उठे " मम्मी मेरी भी तारीफ करो ना ..मैने भी तो कसम खाई थी बिना तुम्हें और दामिनी को चोदे कभी किसी को नही चोदून्गा ..." और उनका सीना चौड़ा हो गया..
" देखा ..कितना प्यार है हमारे बीच ...पर एक बात का ख़याल रखना अभी ये बात सिर्फ़ हम तीनों तक ही रहेगी ..पापा को मत बताना ..समय आने पर मैं उन्हें खूद बताऊंगी ..दामिनी तुम ये ख़याल रखना के पापा ये समझें कि तुम्हारे और उनके बीच की बात सिर्फ़ तुम दोनों ही जानते हो ...और कोई नहीं ..समय आने पर सब को सब मालूम हो जाएगा ..ठीक है ना ..??"
" ऊओह मोम आप चिंता मत करो ..आप जैसा कहेंगी वैसा ही होगा .... " हम दोनों एक आवाज़ में बोल उठे ..
" और एक बात मेरे प्यारे बच्चो... देखो हम जिस रिश्ते में हैं ये बड़ा ही नज़ूक रिश्ता है..हमें अपनी जिंदगी में और भी रिश्ते करने होंगे ... जो ज़रूरी हैं ..और साथ में इस रिश्ते को भी बनाए रखना है ..मेरा मतलब जब तुम दोनों की शादियाँ होंगी ... इस के लिए बहुत सी बातें जान ना ज़रूरी है ..जो किसी स्पेशलिस्ट से जाना जा सकता है ... वो तुम को बताएँगे कैसे दोनों रिश्तों में ताल मेल रखा जाए ..."
" पर मोम अभी तो शादी वादी बहुत दूर की बात है....जब होगी तब देखेंगे ... '"
" नहीं बेटे हो सकता है शादी से पहले भी तुम दोनों के अफेर्स होंगे ..?? उन्हें कैसे संभाला जाए ..? यह कहीं हमारे रिश्ते से तुम लोग इतना प्रभावित तो नहीं हो गये के उन रिश्तों की अहमियत भूल गये ..? यह फिर किसी और से सेक्स करने में नाकामयाब हो गये ..?? ये सब बातें अभी से मालूम होने से बाद में प्राब्लम नहीं होता है .."
" हाँ मम्मी आप बात तो बिल्कुल सही कह रहीं हैं .... " भैया ने कहा ..
" हाँ बेटे अभी मैं इसलिए भी कह रहीं हूँ के मेरी एक बड़ी अच्छी दोस्त हैं ..मेरे क्लब की दोस्त ..डॉक्टर. पायल ...वो सेक्शोलॉजिस्ट हैं और इनसेस्चूयियल रिलेशन्षिप की स्पेशलिस्ट हैं ... बहुत भरोसे की हैं ..मैं चाहती हूँ तुम दोनों एक बार उन से मिल लो ..तुम उनसे सब कुछ कह सकते हो ..बस ये समझो तुम मुझ से ही बातें कर रहे हो ...बिल्कुल बेझिझक .... उन से बातें कर के देखना तुम्हें कितना अच्छा लगेगा ... "
"ओके मोम ....बोलिए कब जाना है ..? उनकी उम्र तो काफ़ी होगी ..??" भैया ने कहा ...भैया अब तक मम्मी की नाइटी के अंदर से उनकी एक चूची से खेल रहे थे और मैं दूसरी से ... मम्मी भी मज़े ले रहीं थी ..
" नहीं रे ..येई तो खूबी है , उनकी उम्र सिर्फ़ 30 साल है ...और बाकी तुम खूद ही देख लेना ...बहुत होशियार हैं डॉक्टर. पायल .. "
" ओऊओह मोम आप कितना ख़याल रखती हैं हमारा .... " भैया ने अब तक उनकी नाइटी सामने से खोल दी थी ... मम्मी अब नंगी थी सामने से ....और अपनी टाँगें फैला दी थी ..उनकी चूत भी फैली थी ...पर रात की कोई निशानी नहीं थी ..बिल्कुल साफ ..गुलाबी और फ्रेश .. पर पानी की बूँदें चमक रही थी..जैसे सुबह सुबह गुलाब की पंखुड़ियों में ओस की बूँदें ....भैया से रहा नही गया और वी उनकी टाँगों के बीच बैठ कर उनकी चूत पर टूट पड़े ..मुँह डाल दिया और चूसने लगे ...
मेरा बुरा हाल था ..लगातार पानी टपक रहा था मेरी चूत से ... ..
." भैया ...दिस ईज़ अनफेर ..एक तो आधे रास्ते मुझे लटका दिया ...और अब मेरी चूत छोड़ मम्मी की चूत चाट रहे हो ..मम्मी आप ही कहो ना ये कहाँ का इंसाफ़ है .."
" हाँ बेटा दामिनी बिल्कुल सही है ..बिचारी रात भर से तरस रही है... और मेरे अचानक आने से आधे रास्ते में ही लटक गयी ...ठीक है अभी बेटा तुम लेट जाओ .....मैं अपनी चूत तुम्हारे मुँह से सटा कर लेट ती हूँ ..तुम मेरी चूत भी खाओ और दामिनी तुम्हें चोदेगि ..क्यूँ ठीक है ना बेटी ...??"
" बिल्कुल ठीक है मम्मी ..."
और भैया लेट गये उनका तननाया लौडा उनकीी जांघों के बीच से उपर लहरा रहा था ..मम्मी अपनी चूत उनके मुँह से लगा कर लेट गयीं और मैं अपनी टाँगें भैया के दोनो तरफ कर उनके तननाए लौडे पर धीरे धीरे बैठ गयी ..घतचक ..और मेरी चूत उनके लौडे की जड़ तक पहुँच गयी ..मेरी चूत इतनी गीली थी और उनका लौडा इतना मोटा हो गया था ..उनके लौडे और मेरी चूत की दीवार से पानी का फवारा मेरी जांघों पर पड़ा...मैं इतनी एग्ज़ाइटेड हो गयी ...धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया ..हर बार मेरी जंघें उनकी जांघों से टकराती .... अयाया मैं मस्ती में भैया को चोद रही थी और भैया मम्मी की चूत चूसे जा रहे थे ...पूरे का पूरा अपने होंठों से दबाते हुए ..मम्मी का पूरा पानी उनके मुँह में जा रहा था ...मैं चूतड़ भैया की जांघों पर उछाल रही थी और मम्मी अपने चूतड़ उनके मुँह से ... भैया एक साथ माँ और बहेन का मज़ा ले रहे थे ..एक साथ पूरी फॅमिली मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी ...लौडे और चूत से पानी की गंगा बह रही थी..और हम सब सिसकारियाँ ले रहे थे ....कराह रहे थे ...एक दूसरे को चूस रहे थे , चाट रहे थे ..चोद रहे थे ....उफफफफफ्फ़ एक अजीब मौज़ की लहर में तीनों हिचकोले ले रहे थे
फिर मम्मी जोरों से अपनी चूतड़ उछालते हुए अपने चूत से पानी का फव्वारा छोड़ने लगी भाई के मुँह में ..उन्हें देख मैं भी एग्ज़ाइटेड हो गयी और मेरी चूत से भी पानी छूटने लगा ..भैया की जांघों में ..भैया भी एक साथ दो दो हसीन चूतो के पानी की धार बर्दाश्त नहीं कर पाए ...और उनके लंड ने भी मेरी चूत में गरम गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया ..मैं कांप उठी ..मेरा रोम रोम सिहर उठा ... और मैं भैया की लंड अपनी चूत से जाकड़ उनके लौडे के झट्के का मज़ा ले रही ठेए....
थोड़ी देर बाद तीनों हानफते हुए ढेर हो गये ..
सब से पहले मम्मी उठी , नाइटी पहनी ..फिर बाहर जाते हुए हमें कहा " तुम दोनों जल्दी तैयार हो जाओ ...कामवाली बाई आती ही होगी ..और हाँ आज या कल शाम को डॉक्टर. पायल से ज़रूर मिलना "
" हाँ मोम ..मैं भी बहुत बेचैन हूँ अब उन से , पायल आंटी से मिलने को .." भैया ने कहा .
मम्मी बाहर निकल गयीं और भैया ने मुझे फिर से चिपकते हुए चूमा और चले गये बाथरूम ..
मैं लेटी थी , मुस्कुरा रही थी और सोच रही थी मम्मी ने कितना सही कहा था ..ये हमारा रिलेशन्षिप कितना प्यारा ..कितना मधुर और कितना मज़ेदार था ...और शायद पायल आंटी से मिलने का बाद और भी मधुर हो जाए....??
मम्मी ने तो बस रंग ही जमा दिया उस दिन ..क्या एंट्री मारी उन्होने ..मैं और भैया तो बस देखते ही रह गये ...उनकी सोच कितनी उँची थी ..औरों से बिल्कुल अलग ..उनका कहना कितना सही था ...अब हमारे बीच कोई टेन्षन नहीं था ..मैं एक आज़ाद पंछी की तरह महसूस कर रही थी ..हम आपस में किसी भी तरह बेरोक टोक मिल सकते थे ..एक दूसरे से कोई परदा नहीं ..ना सोच में ना व्यवहार में ..हम कुछ भी कर सकते थे , कुछ भी बोल सकते थे...इस भावना से कितनी शक्ति मिलती है..कितना हिम्मत बढ़ जाता है..कुछ भी कर गुजरने का हौसला हो जाता है...और कितना रिलॅक्स्ड फील होता है ...
"मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम ...."
उस दिन नाश्ते के टेबल पर तो बस मज़ा ही आ गया ...
भैया पहले से ही तैयार हो कर बैठे थे टेबल पर ..की मैं भी आ गयी .. मैने जीन्स ओर टॉप पहने थे कॉलेज के लिए ..जीन्स काफ़ी लो थी ..ओर टॉप काफ़ी उपर ..और मेरी चूचियों की गोलाई टॉप से मानों बाहर उछल कर आना चाहती थी ..भैया बस देखते रहे ..मैं उनके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी ..
भैया अपनी कुर्सी से उठे और आ कर मेरी बगल वाली कुर्सी पर बैठ गये ..
" भैया प्ल्ज़्ज़ ...अब कुछ मत करो ..मेरी पैंटी गीली हो जाएगी ...अभी कॉलेज जाना है .प्ल्ज़ .."
" अब देख दामिनी ..तू इतनी मस्त लग रही है ..अगर तुझे थोड़ा बहुत छू छा नहीं किया तो तुझे बुरा लगेगा ..लगेगा ना..? आइ प्रॉमिस मैं ज़्यादा कुछ नहीं करूँगा..मुझे भी तो कॉलेज जाना है ना..आ मेरी गोद में बैठ जा ..मैं अपने हाथ से तुझे खिलाऊँगा."
भैया की इतनी प्यारी प्यारी बातों से मैं झूम उठी .और मैं धीरे से उनकी गोद में आ गयी ..
उन्होने अपनी नाक मेरे चेहरे से लगाते हुए कहा " आआह कितनी अच्छी स्मेल है दामिनी तेरे पर्फ्यूम की .. "
''हाँ भैया ... आप को पसंद आई..मैं अब इसे ही लगाऊंगी रोज .." मैं उनके गाल पर अपनी उंगलियाँ फेर रही थी ..भैया मेरे पेट सहला रहे थे ..कितना अच्छा लग रहा था ...
तभी मम्मी भी आ गयीं ..और हम दोनों को देख कर कहा " वाह देख दोनों भाई -- बहेन कितने प्यारे लग रहे हैं , कितना प्यार है दोनों में ..."
मैने कहा " मोम आप भी आ जाइए ना हम एक साथ नाश्ता करेंगे ..प्ल्ज़्ज़ आइए ना ..कितना अच्छा रहेगा .."
" हाँ मोम ..दामिनी ठीक कह रही है आइए ना प्ल्ज़्ज़ .." भैया ने भी मेरे हाँ में हाँ मिलाई .
" तुम लोग भी ना ... " और हमारे बगल की चेर पर बैठ गयीं
" मम्मी ऐसे नहीं ...तुम बीच में आ जाओ .." मैने कहा और भैया की गोद से उतर कर मम्मी के बगल में आ गयी .." और आप बस बैठी रहो ..हम दोनों आप को खीलाएँगे ..है ना भैया ..?"
गतान्क से आगे…………………..
तभी भैया भी बोल उठे " मम्मी मेरी भी तारीफ करो ना ..मैने भी तो कसम खाई थी बिना तुम्हें और दामिनी को चोदे कभी किसी को नही चोदून्गा ..." और उनका सीना चौड़ा हो गया..
" देखा ..कितना प्यार है हमारे बीच ...पर एक बात का ख़याल रखना अभी ये बात सिर्फ़ हम तीनों तक ही रहेगी ..पापा को मत बताना ..समय आने पर मैं उन्हें खूद बताऊंगी ..दामिनी तुम ये ख़याल रखना के पापा ये समझें कि तुम्हारे और उनके बीच की बात सिर्फ़ तुम दोनों ही जानते हो ...और कोई नहीं ..समय आने पर सब को सब मालूम हो जाएगा ..ठीक है ना ..??"
" ऊओह मोम आप चिंता मत करो ..आप जैसा कहेंगी वैसा ही होगा .... " हम दोनों एक आवाज़ में बोल उठे ..
" और एक बात मेरे प्यारे बच्चो... देखो हम जिस रिश्ते में हैं ये बड़ा ही नज़ूक रिश्ता है..हमें अपनी जिंदगी में और भी रिश्ते करने होंगे ... जो ज़रूरी हैं ..और साथ में इस रिश्ते को भी बनाए रखना है ..मेरा मतलब जब तुम दोनों की शादियाँ होंगी ... इस के लिए बहुत सी बातें जान ना ज़रूरी है ..जो किसी स्पेशलिस्ट से जाना जा सकता है ... वो तुम को बताएँगे कैसे दोनों रिश्तों में ताल मेल रखा जाए ..."
" पर मोम अभी तो शादी वादी बहुत दूर की बात है....जब होगी तब देखेंगे ... '"
" नहीं बेटे हो सकता है शादी से पहले भी तुम दोनों के अफेर्स होंगे ..?? उन्हें कैसे संभाला जाए ..? यह कहीं हमारे रिश्ते से तुम लोग इतना प्रभावित तो नहीं हो गये के उन रिश्तों की अहमियत भूल गये ..? यह फिर किसी और से सेक्स करने में नाकामयाब हो गये ..?? ये सब बातें अभी से मालूम होने से बाद में प्राब्लम नहीं होता है .."
" हाँ मम्मी आप बात तो बिल्कुल सही कह रहीं हैं .... " भैया ने कहा ..
" हाँ बेटे अभी मैं इसलिए भी कह रहीं हूँ के मेरी एक बड़ी अच्छी दोस्त हैं ..मेरे क्लब की दोस्त ..डॉक्टर. पायल ...वो सेक्शोलॉजिस्ट हैं और इनसेस्चूयियल रिलेशन्षिप की स्पेशलिस्ट हैं ... बहुत भरोसे की हैं ..मैं चाहती हूँ तुम दोनों एक बार उन से मिल लो ..तुम उनसे सब कुछ कह सकते हो ..बस ये समझो तुम मुझ से ही बातें कर रहे हो ...बिल्कुल बेझिझक .... उन से बातें कर के देखना तुम्हें कितना अच्छा लगेगा ... "
"ओके मोम ....बोलिए कब जाना है ..? उनकी उम्र तो काफ़ी होगी ..??" भैया ने कहा ...भैया अब तक मम्मी की नाइटी के अंदर से उनकी एक चूची से खेल रहे थे और मैं दूसरी से ... मम्मी भी मज़े ले रहीं थी ..
" नहीं रे ..येई तो खूबी है , उनकी उम्र सिर्फ़ 30 साल है ...और बाकी तुम खूद ही देख लेना ...बहुत होशियार हैं डॉक्टर. पायल .. "
" ओऊओह मोम आप कितना ख़याल रखती हैं हमारा .... " भैया ने अब तक उनकी नाइटी सामने से खोल दी थी ... मम्मी अब नंगी थी सामने से ....और अपनी टाँगें फैला दी थी ..उनकी चूत भी फैली थी ...पर रात की कोई निशानी नहीं थी ..बिल्कुल साफ ..गुलाबी और फ्रेश .. पर पानी की बूँदें चमक रही थी..जैसे सुबह सुबह गुलाब की पंखुड़ियों में ओस की बूँदें ....भैया से रहा नही गया और वी उनकी टाँगों के बीच बैठ कर उनकी चूत पर टूट पड़े ..मुँह डाल दिया और चूसने लगे ...
मेरा बुरा हाल था ..लगातार पानी टपक रहा था मेरी चूत से ... ..
." भैया ...दिस ईज़ अनफेर ..एक तो आधे रास्ते मुझे लटका दिया ...और अब मेरी चूत छोड़ मम्मी की चूत चाट रहे हो ..मम्मी आप ही कहो ना ये कहाँ का इंसाफ़ है .."
" हाँ बेटा दामिनी बिल्कुल सही है ..बिचारी रात भर से तरस रही है... और मेरे अचानक आने से आधे रास्ते में ही लटक गयी ...ठीक है अभी बेटा तुम लेट जाओ .....मैं अपनी चूत तुम्हारे मुँह से सटा कर लेट ती हूँ ..तुम मेरी चूत भी खाओ और दामिनी तुम्हें चोदेगि ..क्यूँ ठीक है ना बेटी ...??"
" बिल्कुल ठीक है मम्मी ..."
और भैया लेट गये उनका तननाया लौडा उनकीी जांघों के बीच से उपर लहरा रहा था ..मम्मी अपनी चूत उनके मुँह से लगा कर लेट गयीं और मैं अपनी टाँगें भैया के दोनो तरफ कर उनके तननाए लौडे पर धीरे धीरे बैठ गयी ..घतचक ..और मेरी चूत उनके लौडे की जड़ तक पहुँच गयी ..मेरी चूत इतनी गीली थी और उनका लौडा इतना मोटा हो गया था ..उनके लौडे और मेरी चूत की दीवार से पानी का फवारा मेरी जांघों पर पड़ा...मैं इतनी एग्ज़ाइटेड हो गयी ...धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया ..हर बार मेरी जंघें उनकी जांघों से टकराती .... अयाया मैं मस्ती में भैया को चोद रही थी और भैया मम्मी की चूत चूसे जा रहे थे ...पूरे का पूरा अपने होंठों से दबाते हुए ..मम्मी का पूरा पानी उनके मुँह में जा रहा था ...मैं चूतड़ भैया की जांघों पर उछाल रही थी और मम्मी अपने चूतड़ उनके मुँह से ... भैया एक साथ माँ और बहेन का मज़ा ले रहे थे ..एक साथ पूरी फॅमिली मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी ...लौडे और चूत से पानी की गंगा बह रही थी..और हम सब सिसकारियाँ ले रहे थे ....कराह रहे थे ...एक दूसरे को चूस रहे थे , चाट रहे थे ..चोद रहे थे ....उफफफफफ्फ़ एक अजीब मौज़ की लहर में तीनों हिचकोले ले रहे थे
फिर मम्मी जोरों से अपनी चूतड़ उछालते हुए अपने चूत से पानी का फव्वारा छोड़ने लगी भाई के मुँह में ..उन्हें देख मैं भी एग्ज़ाइटेड हो गयी और मेरी चूत से भी पानी छूटने लगा ..भैया की जांघों में ..भैया भी एक साथ दो दो हसीन चूतो के पानी की धार बर्दाश्त नहीं कर पाए ...और उनके लंड ने भी मेरी चूत में गरम गरम वीर्य की पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया ..मैं कांप उठी ..मेरा रोम रोम सिहर उठा ... और मैं भैया की लंड अपनी चूत से जाकड़ उनके लौडे के झट्के का मज़ा ले रही ठेए....
थोड़ी देर बाद तीनों हानफते हुए ढेर हो गये ..
सब से पहले मम्मी उठी , नाइटी पहनी ..फिर बाहर जाते हुए हमें कहा " तुम दोनों जल्दी तैयार हो जाओ ...कामवाली बाई आती ही होगी ..और हाँ आज या कल शाम को डॉक्टर. पायल से ज़रूर मिलना "
" हाँ मोम ..मैं भी बहुत बेचैन हूँ अब उन से , पायल आंटी से मिलने को .." भैया ने कहा .
मम्मी बाहर निकल गयीं और भैया ने मुझे फिर से चिपकते हुए चूमा और चले गये बाथरूम ..
मैं लेटी थी , मुस्कुरा रही थी और सोच रही थी मम्मी ने कितना सही कहा था ..ये हमारा रिलेशन्षिप कितना प्यारा ..कितना मधुर और कितना मज़ेदार था ...और शायद पायल आंटी से मिलने का बाद और भी मधुर हो जाए....??
मम्मी ने तो बस रंग ही जमा दिया उस दिन ..क्या एंट्री मारी उन्होने ..मैं और भैया तो बस देखते ही रह गये ...उनकी सोच कितनी उँची थी ..औरों से बिल्कुल अलग ..उनका कहना कितना सही था ...अब हमारे बीच कोई टेन्षन नहीं था ..मैं एक आज़ाद पंछी की तरह महसूस कर रही थी ..हम आपस में किसी भी तरह बेरोक टोक मिल सकते थे ..एक दूसरे से कोई परदा नहीं ..ना सोच में ना व्यवहार में ..हम कुछ भी कर सकते थे , कुछ भी बोल सकते थे...इस भावना से कितनी शक्ति मिलती है..कितना हिम्मत बढ़ जाता है..कुछ भी कर गुजरने का हौसला हो जाता है...और कितना रिलॅक्स्ड फील होता है ...
"मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम ...."
उस दिन नाश्ते के टेबल पर तो बस मज़ा ही आ गया ...
भैया पहले से ही तैयार हो कर बैठे थे टेबल पर ..की मैं भी आ गयी .. मैने जीन्स ओर टॉप पहने थे कॉलेज के लिए ..जीन्स काफ़ी लो थी ..ओर टॉप काफ़ी उपर ..और मेरी चूचियों की गोलाई टॉप से मानों बाहर उछल कर आना चाहती थी ..भैया बस देखते रहे ..मैं उनके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गयी ..
भैया अपनी कुर्सी से उठे और आ कर मेरी बगल वाली कुर्सी पर बैठ गये ..
" भैया प्ल्ज़्ज़ ...अब कुछ मत करो ..मेरी पैंटी गीली हो जाएगी ...अभी कॉलेज जाना है .प्ल्ज़ .."
" अब देख दामिनी ..तू इतनी मस्त लग रही है ..अगर तुझे थोड़ा बहुत छू छा नहीं किया तो तुझे बुरा लगेगा ..लगेगा ना..? आइ प्रॉमिस मैं ज़्यादा कुछ नहीं करूँगा..मुझे भी तो कॉलेज जाना है ना..आ मेरी गोद में बैठ जा ..मैं अपने हाथ से तुझे खिलाऊँगा."
भैया की इतनी प्यारी प्यारी बातों से मैं झूम उठी .और मैं धीरे से उनकी गोद में आ गयी ..
उन्होने अपनी नाक मेरे चेहरे से लगाते हुए कहा " आआह कितनी अच्छी स्मेल है दामिनी तेरे पर्फ्यूम की .. "
''हाँ भैया ... आप को पसंद आई..मैं अब इसे ही लगाऊंगी रोज .." मैं उनके गाल पर अपनी उंगलियाँ फेर रही थी ..भैया मेरे पेट सहला रहे थे ..कितना अच्छा लग रहा था ...
तभी मम्मी भी आ गयीं ..और हम दोनों को देख कर कहा " वाह देख दोनों भाई -- बहेन कितने प्यारे लग रहे हैं , कितना प्यार है दोनों में ..."
मैने कहा " मोम आप भी आ जाइए ना हम एक साथ नाश्ता करेंगे ..प्ल्ज़्ज़ आइए ना ..कितना अच्छा रहेगा .."
" हाँ मोम ..दामिनी ठीक कह रही है आइए ना प्ल्ज़्ज़ .." भैया ने भी मेरे हाँ में हाँ मिलाई .
" तुम लोग भी ना ... " और हमारे बगल की चेर पर बैठ गयीं
" मम्मी ऐसे नहीं ...तुम बीच में आ जाओ .." मैने कहा और भैया की गोद से उतर कर मम्मी के बगल में आ गयी .." और आप बस बैठी रहो ..हम दोनों आप को खीलाएँगे ..है ना भैया ..?"