दो भाई दो बहन compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: दो भाई दो बहन

Unread post by raj.. » 17 Dec 2014 17:17

17

गतान्क से आगे.......

दूसरे दिन रोमा सुबह जल्दी उठ गयी और किचन मे काम करने लगी.

वो इतनी खुश थी कि हर बार जब भी कोई गाड़ी की आवाज़ सुनाई देती वो

खिड़की के झाँक कर देखती की कहीं रिया तो नही आ गयी.

राज अभी भी गहरी नींद सो रहा था. दोपहर के खाने के वक्त से

पहले ही उसने उसे घर मे घूमते देखा. जब इस बार फिर उसे किसी

कार की आवाज़ सुनाई दी तो उसे पक्का विश्वास हो गया कि ये रिया की ही

गाड़ी होगी. उसने खिड़की से नीचे झाँका तो रिया को गाड़ी से उतरते

देखा.

उसके दिल की धड़कने बढ़ गयी. वो दरवाज़े की ओर भागी उसका स्वागत

करने के लिए. उसने दरवाज़ा खोला तो ऐसा लगा कि किसी भट्टी से

उठते शोले कमरे मे घुस आए हो. तेज गरम हवा के झोंके उसके

बदन को तपाने लगे.

रोमा ने देखा कि रिया पूरी तरह से पसीने से भीगी हुई थी, उसका

टॉप पसीने से भीग चुका था और उसके बदन से इस तरह चिपका हुआ

था कि उसकी चुचियों का उभार सॉफ दिखाई पड़ रहा था. रिया की

चुचियों को देख ही रोमा के मन मे कुछ कुछ होने लगा. रिया एक दम

थॅकी और नीढाल सी लग रही थी.

"रिया तुम ठीक तो हो ना?" रोमा ने पूछा.

"हां वैसे तो ठीक हूँ, गाड़ी का एरकॉनडिशनर खराब हो गया था

कुछ दिन पहले और काम मे इतना बिज़ी थी कि इसे ठीक कराने का वक़्त

ही नही मिला." रिया ने कहा.

"अंदर आ जाओ बाहर बहोत गर्मी है," रोमा ने उसे अंदर आने के लिए

कहा.

"हां अब अच्छा लग रहा है," रिया ने अंदर आकर कहा, "में पूरे

रास्ते में तुम्हारे और तालाब के किनारे के बारे मे ही सोचती रही पर

मुझे नही पता था कि यहाँ इतनी गर्मी होगी."

"मेरे साथ किचन मे आ जाओ में तुम्हे बरफ का ठंडा पानी बना

कर देती हूँ." रोमा ने कहा.

एक बार किचन मे दोनो पहुँचे तो रिया ने अपने पसीने से भीगे

हुए टॉप को उतार अपनी छाती नंगी कर ली.

"राज कहाँ है में नही जानती." रोमा ने उसके लिए पानी का ग्लास

बनाते हुए कहा.

रिया एर कंडीशनर के सामने खड़ी हो ठंडी हवा का मज़ा अपने

चेहरे और नंगी छाती पर लेने लगी.

एर कंडीशनर से आती ठंडी हवा ने रिया के शरीर मे एक शीत

लहर सी दौड़ा डी. थोड़ी ही देर मे उसका चेहरा और छाती सुख गयी

थी. उसने महसूस किया कि ठंडी हवा के स्पर्श से उसके निपल तन

कर खड़े हो गये थे. उसने अपनी शॉर्ट्स के बटन खोले और उन्हे

पैरों से निकाल अलग कर दी. अब वो सिर्फ़ पॅंटी पहने ठंडी हवा का

आनंद ले रही थी.

"क्या तुम नहाना पसंद करोगी?" रोमा ने रिया से पूछा.

"इस समय तो में पिछले दरवाज़े से बाहर जाना चाहती हूँ. में

सुबह से ही तालाब के बारे सोच रही थी, में तो कहूँगी कि हम दोनो

बिकिनी पहन लेते है और तालाब मे साथ साथ स्नान करते है." रिया

ने जवाब दिया.

दोनो लड़कियाँ रोमा के कमरे मे आ गयी और अपने अपने कपड़े उतारने

लगी. रिया ने अपनी पॅंटी उतारी तो रोमा तीर्छि नज़रों से उसकी चूत

को देखने लगी. रिया की चूत एक दम सफ़ा चट थी, झांतो का नामो

निशान भी नही था, रोमा उससे पूछना चाहती लेकिन पूछा नही. रोमा

ने एक हल्के पीले रंग की बिकिनी पहन ली और रिया ने काले रंग की.

"थॅंक्स रोमा जो तुमने मुझे यहाँ कुछ दिन के लिए आने की इजाज़त

दे दी," रिया ने कहा, "|तुमसे मिलकर कितना अच्छा लग रहा है."

"इसमे शुक्रिया की क्या बात है." रोमा ने कहा, "तुमसे मिलकर मुझे

भी बहोत ख़ुसी हुई है, बहोत सारी बातें करनी है तुमसे, में

तो चाहूँगी कि तुम पूरी गर्मी की छुट्टियाँ मेरे साथ गुज़ारो."

"मुझे भी तुम्हे बहोत सी मज़ेदार बातें बतानी है." रिया ने

हंसते हुए कहा.

खुशी से भरी दोनो लड़कियाँ पीछे दरवाज़े से निकल तालाब की ओर

दौड़ी. रोमा को पता था कि रिया को सूरज की गर्मी का आनंद लेने मे

अछा लगता है इसलिए उसने दो बड़ी चादर अपने साथ ले ली थी.

तालाब के किनारे पहुँच कर दोनो ने तलब मे छलाँग लगाई और

तालाब के ठंडे पानी का आनंद लूटने लगी. थोड़ी देर एक दूसरे पर

पानी उछाल कर खेलती रही, तो कभी तालाब से बाहर आ फिर से डाइव

कर तालाब मे कूद जाती. इसी तरह थोड़ी देर नहाने के बाद दोनो

तालाब से बाहर आ किनारे पर बीची चादर पर पेट के बल लेट गयी.

"जय कहाँ है?" रोमा ने पूछा, पहली बार उसे जय का साथ ना होने का

अहसास हुआ.

रिया हँसने लगी, "उसे बहोत ही गहरा प्यार हो गया है, रानी को

भी, मेने बताया था ना कि दोनो एक दूसरे से मिलते है लेकिन अब दोनो

इस रिश्ते को लेकर सीरीयस है."

"क्या कहा तुमने?" रोमा को रिया की बात पर विश्वास नही हुआ.

"हां आजकल जय बहोत मेहनत कर रहा है, तुम मनोगी नही दो दो

नौकरियाँ कर रहा है आजकल. दिन मे ऑफीस मे काम तो रात को एक

होटेल मे वेटर का काम कर रहा है रात भर रानी की चुदाई करता

है. मेरी तो स्मझ मे नही आ रहा कि इतना सब करने के लिए वो

ताक़त कहाँ से लाता है." रिया ने बताया.

"जय और दो नौकरियाँ में नही मानती," रोमा ने अस्चर्य से

कहा, "हमारा जय?"

"तुम्हारे और राज के बीच कैसा चल रहा है?" रिया ने विषय को

बदलते हुए पूछा.

रोमा की आँखे भर आई और उसकी नाक लाल हो गयी. रिया समझ

गयी कि कुछ तो है दोनो के बीच.

"रोमा में तुम्हारी सहेली हूँ, तुम्हे मुझे बताना होगा?" रिया ने

उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.

रोमा ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया, "जय की गिर्ल्फ्रेंड रानी

क्या कर रही आज कल?" उसने पूछा.

"ओह्ह रानी, वो डॅन्सर है नाचती है. दोनो इतनी मेहनत कर रहे है

जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमा सके. उन्हे अपना एक घर लेना है और

एक नई गाड़ी भी. मुझे नही पता था कि मेरा जय इतनी मेहनत भी कर

सकता है, मुझे गर्व हो रहा है उस पर. उसका बदन भी इतना

गथीला और ताकतवर हो गया है लेकिन अब हमारे बीच पहले वाला

जिस्मानी रिश्ता भी नही है." रिया ने कहा.

"राज को क्या हुआ है, अब तो बताओ?" रिया ने फिर पूछा.

रोमा ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, "मुझे नही पता कि क्या हो

रहा है? मुझे ऐसा लगता है कि अब भी वो मुझसे प्यार करता है

पर यकीन नही होता, मुझे नही लगता कि वो मेरे साथ रहेगा."

रिया अस्चर्य से रोमा को देख रही थी, "क्या वो कोई काम नही

करता?" उसने पूछा.

"नही कुछ भी नही, हमेशा की तरह सिर्फ़ तालाब के किनारे ही अपना

टाइम वेस्ट करता रहता है. हम दोनो के बीच का रिश्ता जैसा ख़तम

ही हो गया है. मेरी तो कुछ समझ मे नही आ रहा में क्या करूँ?

बड़ी मुस्किल से वो मुझे कभी छूता होगा."

रिया ने आत्मीयता भरी नज़रों से रोमा को देखा, "दुख हुआ मुझे ये

सब सुनकर."

"तुमसे कह कर थोड़ा दिल का बोझ हल्का हो गया, शुक्रा है भगवान

का कि तुम यहाँ आ गयी."

रिया ने उसकी चादर का कोना पकड़ उसे अपने सामने कर लिया. अब दोनो

के चेहरे आमने सामने थे.

"मेने तुम्हे कितना मिस किया है जानती हो? हर समय दीमाग मे

तुम्हारे साथ बीताए गये वो पल याद आते रहते हैं. वो आखरी बार

था जब मेने किसी के साथ सेक्स किया था. में कितना तड़प रही हूँ

आज सेक्स के लिए." रिया ने कहा.

रोमा एक कामुक मुस्कुराहट के साथ उसे देखने लगी. "फिर तुम सही

जगह पर आई हो. में भी कई दिनो से ऐसा ही महसूस कर रही

हूँ."

दोनो ने एक दूसरे के गले मे अपनी बाहें डाल दी. रिया की जीब रोमा

के उपरी और नीचले होठों पर थिरकने लगी, और जब रोमा का मुँह

खुला तो उसने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी. दोनो एक दूसरे की जीब

से खेलने लगे... कभी उसे चूमते तो कभी चूस्ते.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: दो भाई दो बहन

Unread post by raj.. » 17 Dec 2014 17:17

जब रिया ने अपना चेहरे उससे अलग किया तो रोमा चादर पर सीधी लेट

गयी और चादर के कोने को अपने हाथो से पकड़ लिया. वहीं रिया ने

अपनी बिकिनी की डोर खींच उसे अलग कर दिया. उसकी चुचियाँ अब

आज़ाद थी.

"रोमा बहोत मिस किया है मेने तुम्हे...." अपने नग्न शरीर से रोमा

को रिझाते हुए बोली.

"रोड पर से आते जाते लोग हमे देख सकते है." रोमा ने उसे याद

दिलाया.

"क्या थोड़ा सा रिस्क लेने से डरती हो? रिया ने पूछा.

रोमा को याद आ गया जब वो किचन मे घुटनो के बल बैठ राज का

लंड चूस रही थी और उसकी मा किचन मे आती आती रह गयी

थी....उसे याद आया वो पल जहाँ डर और उत्तेजना दोनो उस दिन उसमे

भरी हुई थी. "नही मुझे लगा कि कहीं तुम्हे डर लग रहा हो?"

रोमा ने कहा.

दोनो के भूके मुँह खुले और एक बार फिर दोनो एक दूसरे को चूमने

लगे. रोमा ने अपना हाथ बढ़ाया और रिया के नाज़ुक चुचियों को

सहलाने लगे. वो उसकी चुचियों को मस्सलते जा रही थी और अंगूठे

से उसके निपल को भेद रही थी. थोड़ी ही देर मे दोनो लड़कियाँ गरमा

गयी और उत्तेजना मे दोनो की साँसे तेज हो गयी.

रिया अपनी चादर से उठी और रोमा की टाँगो के बीच आ उस पर झुक

गयी. फिर रोमा की बिकिनी की डोर भी खींच कर उतार दी. रोमा की

चुचियों कठोर हो चुकी थी और उसके निपल तन कर खड़े थे.

रोमा ने नज़रे उठा कर सड़क की ओर देखा, उसे पता था कि वहाँ से

कोई भी उसकी नंगी चुचियों को देख सकता था लेकिन रोमांच और डर

दोनो का मिश्रण उसके शरीर मे और रोमांच भर दिया

"तुम पागल हो गयी हो?" रोमा ने कहा जब रिया उसकी चुचियों को

सहलाने लगी

रिया अब अपने मुँह को रोमा की चुचियों पर रख अपनी जीब उसकी

चुचि के चारों और घूमा रही थी और साथ ही उसकी चुचि को

मुठ्ठी मे भर मसल रही थी. जब रिया की जीब रोमा के निपल पर

थिरकति और एक अजीब सनसनी उसके बदन मे और चूत मे मचने

लगती. रिया उसके निपल को अपने दन्तो मे भीच कुरेदने लगी तो रोमा

तो जैसे उत्तेजना मे पागल सी हो गयी.

रोमा की हल्की सिसकियाँ तालाब के पानी की आवाज़ के साथ बह रही थी.

जब उसकी चुचि और निपल दोनो रिया के थूक से चमकने लगे तो

रिया धीरे धीरे नीचे खिसकने लगी. अपनी जीब उसकी चुचियों

पर फिराते हुए वो नीचे उसके सपाट पेट पर फिराने लगी और फिर

अपनी जीब को उसकी नाभि मे डाल घूमाने लगी.

खुले आसमान के नीचे तालाब के किनारे दो लड़कियाँ पूरी तरह नंगी

हो सेक्स के खेल का आनंद उठा रही थी. पकड़े जाने का या फिर लोगों

द्वारा देखे जाने का डर अब भी रोमा के दिल मे समाया हुआ था.

"क्या घर मे चलें?" रोमा ने रिया से पूछा.

"हां च्लते है, यहाँ कुछ मज़ा नही आ रहा, तुम्हे आ रहा है?

रिया ने कहा.

"मेरी बिकिनी कहाँ है?"

दोनो लड़कियाँ अपनी बिकिनी खोजने लगी जो शायद हवा के साथ उड़ गयी

थी.... चारों तरफ नज़रें दौड़ने के बाद भी उन्हे उनकी बिकिनी

दिखाई नही डी.

"ये तो बहोत बुरा हुआ." रोमा ने कहा. "में तो टवल भी नही लाई,

कभी ऐसा होगा ये सोचा ही नही था."

"फिर तो हमे घर तक ऐसे दौड़ कर जाना होगा." रिया ने कहा.

रोमा रिया के नंगे बदन को देख रही थी, और सोच रही क्या इसी

तरह नंगे घर तक जा पाएँगे. उसकी निगाह रिया की सपाट चूत पर

पड़ी और वो अपने आपको रोक नही पाई, "तुम्हे चूत के बाल सॉफ

करना अच्छा लगता है."

"बहोट अच्छा लगता है, चाहे अपनी चूत साफ हो या सामनेवाली की,

जब हम चूत चूस्ते है या चूस्वाते है तो बालों का मुँह मे जाने

का डर नही होता..... साथ ही जब हम चुद्वाते है तो सामने वाले के

अंडे जब इस सपाट चूत पर ठोकर मारते है तो बहोत अच्छा लगता

है." रिया ने जवाब दिया.

"मेने तो आज तक मेरी झांते कभी सॉफ नही की." रोमा ने कहा.

"कोई बात नही, घर पहौन्च कर आज में कर दूँगी." रिया उसके

पास उसकी चूत पर हाथ फिराते हुए बोली.

रोमा तालाब से लेकर घर के पीछले दरवाज़े तक नज़र दौड़ने

लगी... काफ़ी लंबी दूरी थी. अगर वो इसी तरह घर की ओर बढ़ते

है तो जितना घर के नज़दीक पहुँचेंगे उतना ही सड़क के भी और

उनके इस तरह नंगे देखे जाने के चान्स बढ़ जाएँगे.

"चलो दौड़ कर ही घर तक चलते है." रोमा ने रिया का हाथ

पकड़ते हुए कहा.

दोनो लड़कियाँ तेज़ी से घर की और दौड़ी और घर के पीछले दरवाज़े

पर पहुँच कर ही दम लिया. रोमा कुछ कारों की आवाज़ सुनी थी जो

उनके बगल की सड़क से गुज़री थी लेकिन उसकी हिम्मत नही हुई नज़र

उठा कर देखने की.

"वो तो अच्छा है कि मम्मी घर पर नही है, वरना हमे इस हालत मे

देखती तो पता नही क्या कहती.' रोमा ने घर के अंदर कदम रखते

हुए कहा.

रोमा तो अपने बेडरूम की ओर बढ़ने लगी लेकिन रिया सीधे बाथरूम

मे घुसने लगी.

"बाथरूम मे क्यों जा रही हो?" रोमा ने पूछा.

"शेविंग क्रीम लाने," रिया ने कहा, "में मज़ाक नही कर रही थी,

में सही मे तुम्हारी चूत के बाल सॉफ करने जा रही हूँ."

रिया बाथरूम मे बनी आल्मिराह मे ढूँढने लगी, उसे शेविंग क्रीम तो

मिल गयी लेकिन उसे रेज़र नही मिला."

रिया ढूंडती रही लेकिन उसे आख़िर तक रेज़र नही मिला, उसके चेहरे

पर आई झल्लाहट को देख रोमा बाथरूम के दरवाज़े पर खड़ी

मुस्कुरा रही थी.

"वो क्या है रिया राज ने मुझे अपने पैरों के बॉल सॉफ करते पकड़

लिया था तब से वो रेज़र अपने रूम मे छुपा कर रखता है." रोमा ने

रिया से कहा.

रिया बाथरूम के दरवाज़े से बाहर निकली और राज के बेडरूम का

दरवाज़ा खटखटाने लगी, रोमा हैरत से उसे देखे जा रही थी.

रिया ने दरवाज़े को धकेला और बेडरूम मे कदम रखा, देखा राज

बिस्तर पर पेट के बल लेता अपने हाथ मे पेन लिए अपनी कीताब मे कुछ

लीख रहा था.

जैसे ही राज ने रिया ने पहचाना और देखा कि वो नंगी उसके बेडरूम

मे खड़ी है उसेन हैरत भरे स्वर मे पूछा, "ये सब क्या हो रहा

है?"

"प्लीज़ क्या तुम मुझे अपना शेविंग रेज़र दे सकते हो?" रिया ने कहा.

इस तरह अचानक रिया को अपने बेडरूम मे नंगी खड़ी देख वो अभी

भी हैरान था, "क्यों किसलिए चाहिए तुम्हे?"

"मुझे तुम्हारी बेहन की चूत के बाल सॉफ करने है" रिया ने

मुस्कुराते हुए कहा, "बार बार मुँह मे आते रहते है."

राज ने गहरी निगाहों से रिया की चूत की तरफ देखा जहाँ कभी

तराशि हुई झांते हुआ करती थी, लेकिन आज उसकी चूत एकदम चिकनी

और बालों रहित थी. उसने तुरंत अपने दीमाग मे उठती पुरानी यादों

को झटका और कहा, "तुम चलो में लेकर आता हूँ."

रिया बाथरूम मे वापस आई और रोमा को इशारे से बताया कि राज

लेकर आ रहा है.

थोड़ी देर बाद राज हाथ मे रेज़र लिए बाथरूम के दरवाज़े पर प्रकट

हुआ "में भी देखना चाहूँगा."

रोमा तो शरम के मारे मरी जा रही थी, उसने रिया की तरफ देखा

तो उसने अपने कंधे उचका दिए जैसे कि वो क्या कर सकती थी इस

मामले मे. पर रोमा को शक़ हो रहा था कि ये राज और रिया की

मिलीभगत है. आख़िर वो ना भी तो नही बोल सकती थी, उसने राज को

टाय्लेट सीट की ओर इशारा करते हुए कहा, "ठीक है बैठो."

रिया ने रोमा को टब के सहारे खड़ा कर दिया, एक पैर टब के अंदर

और एक पैर टब के बाहर और उसकी टाँगो को पूरी तरह फैला दिया.

फिर थोड़ा पानी लेकर उसकी झांतो को पूरी तरह गीला कर दिया.

रिया ने फिर शेविंग फोम लेकर उसकी झांतों पर लगाने लगी.

रिया जानबूझ कर अपनी उंगलिया ज़रूरत से ज़्यादा समय तक रोमा की

चूत और झांतो पे घूमाति रही, वो बीच बीच मे उसकी चूत को

भी दबा देती. रोमा का बदन उत्तेजना और मादकता मे सिहिर उठा. उससे

सहन नही हुआ, "रिया प्लीस बंद करो ये सब'

राज बहोत ही एकाग्रता से अपनी बेहन की सेविंग फओम से सनी चूत को

देख रहा था. वो इस तरह अपनी आँखे गढ़ाई था जैसे की टीवी पर कोई

मेडिकल डॉक्युमेंटरी देख रहा है.

रिया ने फिर रेज़र अपने हाथ मे लिया और उसकी झांतो को सॉफ करने

लगी. ठंडी ब्लेड के स्पर्श ने रोमा के शरीर मे और हलचल पैदा

कर दी. रोमा का शरीर ऐसे कांपा जैसे कि उसे रेज़र लग गया हो.

"अब नाटक मत करो... में जानती हूँ तुम्हे रेज़र नही लगा है."

रिया रेज़र को वॉश बेसिन मे ढोते हुए बोली.

"लगा तो नही था लेकिन चुबा ज़रूर था."

जैसे ऐसे रिया रोमा की चूत को सॉफ करती गयी उसकी गुलाबी चूत

और निखरने लगी. थोड़ी ही देर मे उसकी चूत बिना बालों के

बाथरूम की लाइट मे चमक रही थी. रिया ने गीज़र चालू कर मग

मे गरम पानी भरने लगी. फिर टवल को पानी को भीगो उसकी चूत

को अछी तरह पौंचने लगी.

"अब इस चूत की आखरी परीक्षा है...." कहकर रिया ज़मीन पर

घुटनो के बल बैठ गयी फिर अपने बाएँ गाल को रोमा की बिना बालों

की चूत पर रगड़ने लगी. फिर उसने अपने होंठो से उसकी चूत को

हल्के से चूम लिया.

क्रमशः..................

Jemsbond
Silver Member
Posts: 436
Joined: 18 Dec 2014 12:09

Re: दो भाई दो बहन

Unread post by Jemsbond » 19 Dec 2014 12:48

Great going on..........keep on updating its wonderful to read when you keep on updaing........

Thank you

Post Reply