अजब प्रेम की गजब कहानी --7
गतान्क से आगे......
स्वीटी- अरे तुझे मालूम नही एक दिन मैं सो रही थी लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी और भाभी भी मेरे पास घोड़े
बेच कर सो रही थी तभी रूम के अंदर भैया आए और पहले तो उन्होने धीरे से भाभी के दूध को उनके ब्लौज के उपर
से धीरे से सहलाया शायद वह भाभी को उठा कर अपने साथ उनके रूम मे ले जाना चाहते थे लेकिन जब भाभी ने कोई
हरकत नही की तो मेरी ओर देखने लगे और मैं सोने का नाटक करने लगी तो उन्होने धीरे से मेरी मोटी गंद को दबा कर
अपना हाथ बड़े प्यार से कुछ देर तक फेरा और फिर अपने लंड को मसल्ते हुए मेरी मोटी-मोटी जाँघो का जयजा लेने लगे
और जब उन्हे मेरी गुदाज जाँघो का एहसास मिला तो मेरे ख्याल से उनका मोटा लंड झटके मारने लगा और उन्होने एक बार
मेरी जाँघो को अपने दोनो हाथो से कस कर दबोचते हुए सहलाया और फिर धीरे से अपना हाथ मेरी गदराई गंद पर
दबा-दबा कर फेरते हुए एक बार मेरी गुदा को सहलाते हुए जल्दी से बाहर निकल गये,
डिंपल- क्या बात कर रही है, तेरे भैया को शर्म नही आई अपनी बहन के जिस्म पर इस तरह हाथ फेरते हुए
स्वीटी- अरे मैं तो उस दिन से कई बार मौके की तलाश मे रहती हू पर भाभी के होने की वजह से मौका ही नही मिलता और
भैया अक्सर मेरे मोटे-मोटे दूध और गदराई गंद को बड़ी हसरत भरी नज़रो से देखते है,
डिंपल- तुम दोनो बही बहन एक जैसे ही हो
स्वीटी- अच्छा, मुझे तो लगता है अवी भी तुझे चोदना चाहता है
डिंपल- उसे गुस्से से देखती हुई बंद कर अपनी बकवास
स्वीटी- मुस्कुराते हुए अच्छा बाबा सॉरी नाराज़ क्यो होती है, पर एक बात है और उसके मोटे-मोटे दूध को पकड़ कर
दबाती हुई अगर मैं तेरा भाई होती तो तेरी इन कसी हुई चुचियो का रस पिए बिना नही रह पाती कितने मोटे और कसे हुए
दूध है तेरे
डिंपल- स्वीटी मार खाएगी तू मुझसे
स्वीटी- अच्छा बता क्या तेरी चूत से कभी पानी नही आता है
डिंपल- मुस्कुराते हुए आता है तो
स्वीटी- क्या कभी तेरा मन चुदने का नही होता है
डिंपल- होता है तो क्या नंगी हो जाउ
स्वीटी- अगर अवी तुझे एक बार नंगी देख ले तो वह तुझे चोदे बिना नही रह पाएगा
डिंपल- अवी ऐसा नही है
स्वीटी- तुझे क्या पता कि जब तू रात को सो जाती हो तो अवी तुझे अपनी बाँहो मे भर कर चूमता हो
डिंपल- वह इतना गंदा नही है कि अपनी बहन के साथ ऐसा करेगा
स्वीटी- अच्छा डिंपल एक बात सच-सच बता तुझे मेरी कसम है, अवी भी तेरे दूध को घूरता है ना
डिंपल- एक दम से सकपकाते हुए, अपनी नज़रे इधर उधर करके मुझे नही पता
स्वीटी- देख मेरी कसम दी है मैने तू मुझसे झूठ नही बोल सकती है और फिर मैं तेरी सबसे खास दोस्त हू, मैने
अपने जिंदगी के हर राज को तुझसे शेर किया है तो क्या तुझे मुझ पर ऐतबार नही
डिंपल- मुझे तुझ पर खुद से ज़्यादा ऐतबार है
स्वीटी- तो फिर सच-सच बता क्या अवी तेरे दूध की ओर देखता है ना
डिंपल- अपनी नज़रे नीचे झुकाए हुए, हाँ
स्वीटी- तो तुझे बुरा नही लगता है
डिंपल- लगता है
स्वीटी- पर कभी-कभी अच्छा भी लगता होगा ना
डिंपल- उसकी बात सुन कर एक दम से उसे देखने लगती है
स्वीटी- देख झूठ मत बोलना, मैं तेरे दिल के हर हाल को जानती हू, बोल अच्छा लगता है ना
डिंपल- यार प्लीज़ ऐसे सवाल मत पूछ, मुझे अच्छा नही लग रहा है
स्वीटी- अच्छा नही पूछूंगी और वैसे भी मैं तेरा जवाब जान चुकी हू
डिंपल- उसको आश्चर्या से देखते हुए क्या जान चुकी है
स्वीटी- मुस्कुराते हुए, यही कि अगर अवी तुझे अपने सीने से लगा लेता है तो तू भी उससे कस कर लिपट जाएगी क्यो कि तू भी
उसकी बाँहो मे जाने के लिए तड़प रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए, ऐसा कुछ नही है मेडम अपनी सोच को अपने पास ही रखो
अजब प्रेम की गजब कहानी compleet
Re: अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी उन दोनो की बतो को सुन कर अंदर ही अंदर खुश हो जाता है और उसका विश्वास और भी पक्का हो जाता है
कुछ दिन बाद अवी की एग्ज़ॅम शुरू हो जाती है और उसकी एग्ज़ॅम के जस्ट बाद डिंपल की भी एग्ज़ॅम शुरू हो जाती है और फिर एक दिन
जब डिंपल और अवी शाम को 4 बजे करीब चाइ की चुस्किया ले रहे थे तभी स्वीटी वहाँ आ जाती है और
स्वीटी- क्या बात है अकेले-अकेले चाइ पी जा रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए आ जा तुझे भी पिलाती हू और डिंपल वापस अंदर चली जाती है और
स्वीटी- और क्या अवी क्या हाल है तुम्हारे एग्ज़ॅम तो अच्छी रही ना
अवी- बस सब ठीक है और एग्ज़ॅम भी अच्छी थी
अवी अपने मन मे फिर आ गई पकाने, अच्छा भला मैं दीदी को देख रहा था और अब इनकी सुनो, फिर अपने मन मे कुछ
सोचते हुए क्यो ना आज दीदी को जलाया जाए, वैसे भी वह मुझे आगे बढ़ने ही नही दे रही है तो कुछ दूसरा ही रास्ता
अपनाया जाए और फिर जैसे ही डिंपल आती है अवी स्वीटी के कसे हुए दूध को घूर कर देखने लगता है और डिंपल अवी
की नज़रो को स्वीटी के मोटे-मोटे तने हुए दूध पर पड़ते देखती है तो मन ही मन अवी को बुरा भला कहते हुए बैठ
जाती है, स्वीटी डिंपल से बात करने लगती है और अवी स्वीटी को घूर-घूर कर देखने लगता है और फिर
स्वीटी- यार मैं यह कहने आई थी कि अब हमारी एग्ज़ॅम तो ख़तम हो गई है क्यो ना हम लोग कही घूमने चले
डिंपल- कहाँ जाएगे
स्वीटी- अरे हमारा गाँव है तू कहे तो वहाँ चलते है चार पाँच दिन वही रहेगे वाहा हमारा पुस्तैनि घर भी बना
हुआ है, बोल क्या बोलती है
डिंपल- नही यार पापा नही जाने देंगे
स्वीटी- यार अपने पापा को बोल ना कि मेरे भैया भाभी भी हमारे साथ जा रहे है वह मान जाएगे और फिर एक हफ्ते की
ही तो बात है, तभी उनके घर के बाहर जीप आकर रुकती है और
अवी- लगता है हिट्लर मेरा मतलब है पापा आ गये
डिंपल- अवी की ओर घूर कर देखती है और स्वीटी दोनो को देख कर मुस्कुराते हुए चलो बिल्कुल सही समय पर आए है
अंकल अब मैं खुद ही उनसे बात कर लेती हू
डिंपल- अरे नही स्वीटी
स्वीटी- अरे चुप कर, आने दे उन्हे मैं अभी पूछ लेती हू
अनिल- अरे क्या बात है आज तो स्वीटी हमारे घर आई हुई है, क्या हाल है बेटा
स्वीटी- बस सब अच्छा है अंकल
अनिल- और तुम्हारे घर पर सब कैसे है
स्वीटी- सब अच्छे है अंकल
अनिल- ओके कॅरी ऑन मैं तो अपनी एक फाइल लेकर वापस जा रहा हू और अनिल अंदर की ओर जाने लगता है
स्वीटी- अंकल एक बात पूछना थी आपसे
अनिल- रुकते हुए हाँ बेटे बोलो क्या बात है
स्वीटी- अंकल बात ये है कि मैं और मेरे भैया भाभी 5-6 दिन के लिए अपने गाँव घूमने जा रहे है अगर आप इजाज़त दे
तो मैं अवी और डिंपल को भी अपने साथ ले जाउ, हमारी खुद की गाड़ी से जा रहे है,
अनिल- मुस्कुराता हुआ, अरे क्यो नही बेटे ज़रूर ले जाओ वैसे भी मेरे दोनो बच्चे घर मे रह-रह कर बोर हो जाते होंगे
यह तो बहुत अच्छा आइडिया है जाओ और एंजाय करो, मेरा क्या है मैं तो वैसे भी अपनी डूटी मे ही बिज़ी रहता हू इसलिए इन
दोनो को कही घुमाने भी नही ले जा सकता, कब जाना है
स्वीटी- कल सुबह अंकल
अनिल- डिंपल की ओर देखते हुए बेटे जाओ कुछ दिन घूम फिर कर अपना मूड फ्रेश कर आओ और अवी अपनी दीदी का ख्याल
रखना बेटे और कभी कोई प्राब्लम हो तो कॉल करना, ओके स्वीटी हॅपी
स्वीटी- मुस्कुराते हुए, ओह थॅंक यू वेरी मच अंकल और फिर अनिल अपनी फाइल लेकर निकल जाता है और
डिंपल- मुस्कुराते हुए मुझे यकीन नही था कि पापा इतनी जल्दी हाँ कह देंगे और जैसे ही अवी की ओर देखती है अवी अपनी
नज़रो से स्वीटी की उठी हुई चुचियो को पिए जा रहा था और डिंपल उसको देख कर एक दम से जल जाती है,
स्वीटी- अच्छा डिंपल मैं चलती हू कल सुबह 9 बजे हम अपनी गाड़ी से तुम्हे लेने यहा आ जाएगे ओके
डिंपल-ठीक है स्वीटी बाइ
कुछ दिन बाद अवी की एग्ज़ॅम शुरू हो जाती है और उसकी एग्ज़ॅम के जस्ट बाद डिंपल की भी एग्ज़ॅम शुरू हो जाती है और फिर एक दिन
जब डिंपल और अवी शाम को 4 बजे करीब चाइ की चुस्किया ले रहे थे तभी स्वीटी वहाँ आ जाती है और
स्वीटी- क्या बात है अकेले-अकेले चाइ पी जा रही है
डिंपल- मुस्कुराते हुए आ जा तुझे भी पिलाती हू और डिंपल वापस अंदर चली जाती है और
स्वीटी- और क्या अवी क्या हाल है तुम्हारे एग्ज़ॅम तो अच्छी रही ना
अवी- बस सब ठीक है और एग्ज़ॅम भी अच्छी थी
अवी अपने मन मे फिर आ गई पकाने, अच्छा भला मैं दीदी को देख रहा था और अब इनकी सुनो, फिर अपने मन मे कुछ
सोचते हुए क्यो ना आज दीदी को जलाया जाए, वैसे भी वह मुझे आगे बढ़ने ही नही दे रही है तो कुछ दूसरा ही रास्ता
अपनाया जाए और फिर जैसे ही डिंपल आती है अवी स्वीटी के कसे हुए दूध को घूर कर देखने लगता है और डिंपल अवी
की नज़रो को स्वीटी के मोटे-मोटे तने हुए दूध पर पड़ते देखती है तो मन ही मन अवी को बुरा भला कहते हुए बैठ
जाती है, स्वीटी डिंपल से बात करने लगती है और अवी स्वीटी को घूर-घूर कर देखने लगता है और फिर
स्वीटी- यार मैं यह कहने आई थी कि अब हमारी एग्ज़ॅम तो ख़तम हो गई है क्यो ना हम लोग कही घूमने चले
डिंपल- कहाँ जाएगे
स्वीटी- अरे हमारा गाँव है तू कहे तो वहाँ चलते है चार पाँच दिन वही रहेगे वाहा हमारा पुस्तैनि घर भी बना
हुआ है, बोल क्या बोलती है
डिंपल- नही यार पापा नही जाने देंगे
स्वीटी- यार अपने पापा को बोल ना कि मेरे भैया भाभी भी हमारे साथ जा रहे है वह मान जाएगे और फिर एक हफ्ते की
ही तो बात है, तभी उनके घर के बाहर जीप आकर रुकती है और
अवी- लगता है हिट्लर मेरा मतलब है पापा आ गये
डिंपल- अवी की ओर घूर कर देखती है और स्वीटी दोनो को देख कर मुस्कुराते हुए चलो बिल्कुल सही समय पर आए है
अंकल अब मैं खुद ही उनसे बात कर लेती हू
डिंपल- अरे नही स्वीटी
स्वीटी- अरे चुप कर, आने दे उन्हे मैं अभी पूछ लेती हू
अनिल- अरे क्या बात है आज तो स्वीटी हमारे घर आई हुई है, क्या हाल है बेटा
स्वीटी- बस सब अच्छा है अंकल
अनिल- और तुम्हारे घर पर सब कैसे है
स्वीटी- सब अच्छे है अंकल
अनिल- ओके कॅरी ऑन मैं तो अपनी एक फाइल लेकर वापस जा रहा हू और अनिल अंदर की ओर जाने लगता है
स्वीटी- अंकल एक बात पूछना थी आपसे
अनिल- रुकते हुए हाँ बेटे बोलो क्या बात है
स्वीटी- अंकल बात ये है कि मैं और मेरे भैया भाभी 5-6 दिन के लिए अपने गाँव घूमने जा रहे है अगर आप इजाज़त दे
तो मैं अवी और डिंपल को भी अपने साथ ले जाउ, हमारी खुद की गाड़ी से जा रहे है,
अनिल- मुस्कुराता हुआ, अरे क्यो नही बेटे ज़रूर ले जाओ वैसे भी मेरे दोनो बच्चे घर मे रह-रह कर बोर हो जाते होंगे
यह तो बहुत अच्छा आइडिया है जाओ और एंजाय करो, मेरा क्या है मैं तो वैसे भी अपनी डूटी मे ही बिज़ी रहता हू इसलिए इन
दोनो को कही घुमाने भी नही ले जा सकता, कब जाना है
स्वीटी- कल सुबह अंकल
अनिल- डिंपल की ओर देखते हुए बेटे जाओ कुछ दिन घूम फिर कर अपना मूड फ्रेश कर आओ और अवी अपनी दीदी का ख्याल
रखना बेटे और कभी कोई प्राब्लम हो तो कॉल करना, ओके स्वीटी हॅपी
स्वीटी- मुस्कुराते हुए, ओह थॅंक यू वेरी मच अंकल और फिर अनिल अपनी फाइल लेकर निकल जाता है और
डिंपल- मुस्कुराते हुए मुझे यकीन नही था कि पापा इतनी जल्दी हाँ कह देंगे और जैसे ही अवी की ओर देखती है अवी अपनी
नज़रो से स्वीटी की उठी हुई चुचियो को पिए जा रहा था और डिंपल उसको देख कर एक दम से जल जाती है,
स्वीटी- अच्छा डिंपल मैं चलती हू कल सुबह 9 बजे हम अपनी गाड़ी से तुम्हे लेने यहा आ जाएगे ओके
डिंपल-ठीक है स्वीटी बाइ
Re: अजब प्रेम की गजब कहानी
स्वीटी के जाने के बाद डिंपल अवी को गुस्से से घूर कर देखती हुई अंदर जाने लगती है और
अवी- अरे दीदी तुम कहाँ चली
डिंपल- पलट कर गुस्से से देखती हुई मरने जा रही हू तू भी आएगा मेरे साथ
अवी-मुस्कुराते हुए, क्यो नही दीदी, मैं तो कब से तुम्हारे साथ मरने को तड़प रहा हू और अवी भी उसके पीछे उठ कर
चल देता है
डिंपल बेड पर जाकर लेट जाती है और अवी उसके पास आकर खड़ा हो जाता है और उसे देखता हुआ, क्या बात है तुम तो बेड पर
आकर मरना चाहती हो, अब मैं किस तरफ मरु तुम्हारे इस तरफ या उस तरफ और फिर मुस्कुराता हुआ या फिर तुम्हारे
डिंपल- क्यो घूर रहा था तू स्वीटी को
अवी- मुस्कुराता हुआ, तुम्हे घूरता हू तो तकलीफ़ उसे घूरता हू तो तकलीफ़
डिंपल- मूह बनाते हुए मुझे क्या तू चाहे जो कर
डिंपल बेड पर लेटी हुई थी और उसके मोटे-मोटे दूध बिल्कुल तने हुए थे और अवी
अवी- वैसे दीदी एक बात कहु तुम्हारे मुक़ाबले स्वीटी कुछ भी नही है
डिंपल- उसे देख कर, मतलब
अवी- डिंपल के मोटे-मोटे दूध को देखता हुआ, मतलब तुम उससे बहुत जयदा खूबसूरत और सेक्सी हो
डिंपल- उसको घूर कर देखती हुई अवी तमीज़ से बात कर मैं तेरी दीदी हू
अवी- उसके पास बैठ जाता है और उसको खा जाने वाली नज़रो से देखता हुआ, हाँ तुम मेरी दीदी हो लेकिन मैं क्या करू तुम
मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मैं तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर तुम्हे जी भर कर चूमना चाहता हू
डिंपल- उठ कर बैठते हुए गुस्से से उसे देख कर अवी तू यह क्या बकवास कर रहा है
अवी- दीदी अब बहुत हो गया और मुझसे अब बर्दास्त नही होता इसलिए आज मैं तुम्हे अपने दिल की हर बात बता देना चाहता हू
डिंपल- घबराते हुए, कौन सी बात
अवी- उसका हाथ पकड़ कर उसके गालो को छुता हुआ दीदी तुम्हारी इस खूबसूरती ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया है मैं
तुम्हे इतना चाहने लगा हू कि तुम्हे इस बात का अंदाज़ा भी नही हो सकता है
डिंपल- उसका हाथ झटकते हुए गुस्से से अवी यह सब क्या बकवास कर रहा है तू, कही तू पागल तो नही हो गया
अवी- उसका हाथ फिर से पकड़ कर दीदी मैं तुम्हे अपने सीने से लगाने के लिए तड़प रहा हू प्लीज़ एक बार मेरी बाँहो मे
आ जाओ,
डिंपल- उसका हाथ झटक कर बेड से उतरते हुए, मुझे शर्म आती है तुझे अपना भाई कहते हुए,
पर अगले पल वह होता है जिसका शायद डिंपल को अंदाज़ा नही था और अवी डिंपल को अपनी ओर खींच कर उसे कस कर अपने
सीने से लगाता हुआ उसके रसीले होंठो को अपने मूह मे भर कर उसका रस पागलो की तरह पीने लगता है और डिंपल गु गु
करती हुई उसकी मजबूत बाँहो मे केवल तड़प कर रह जाती है और अवी अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध को कस कर अपने सीने से
दबाए हुए उसके सर के पीछे एक हाथ लगा कर जी भर कर अपनी दीदी के रसीले होंठो का रस पीता रहता है, उसका लंड
अपनी दीदी को बाँहो मे भरने से एक दम कठोर हो जाता है और फिर जब वह डिंपल को छ्चोड़ता है तो वह ज़ोर-ज़ोर से सांस
लेती हुई अपने सीने पर हाथ लगा कर हाफने लगती है और अवी मंद-मंद मुस्कुराता हुआ उसे देखता रहता है, डिंपल उसकी
और गुस्से से देखती है और कस कर एक तमाचा उसके मूह पर मार देती है,
अवी शायद इस पल के इंतजार मे पहले से ही था और वह थप्पड़ खाने के बाद दुबारा डिंपल के दोनो हाथो को उसके पीछे
लेजा कर अपने एक हाथ से उसके दोनो हाथो को कस कर पकड़ते हुए उसी हाथ से उसकी कमर को अपनी ओर कस कर दबाता है
और अपने दूसरे हाथ से उसका सर पीछे से पकड़ कर
अवी- दीदी तुमने ग़लती कर दी जो मुझे गुस्से से देखा, मैं आज अपना वह वाक्य पूरा करूँगा जो हमेशा मैं तुमसे आधा
ही कहता आया हू, तो सुनो, मैने तो तुमसे पहले ही कहा था कि जब तुम गुस्से मे होती हो तो और भी खूबसूरत और सेक्सी
लगती हो और मेरा दिल करता है कि तुम्हे कस कर अपनी बाँहो मे भर लू और तुम्हारे रसीले होंठो का सारा रस पी जाउ और
फिर अवी डिंपल के रस भरे होंठो को कुछ इस तरह से चूस्ता है कि दुनिया की किसी भी लड़की की चूत से पानी बहने लग
जाए,
अवी- अरे दीदी तुम कहाँ चली
डिंपल- पलट कर गुस्से से देखती हुई मरने जा रही हू तू भी आएगा मेरे साथ
अवी-मुस्कुराते हुए, क्यो नही दीदी, मैं तो कब से तुम्हारे साथ मरने को तड़प रहा हू और अवी भी उसके पीछे उठ कर
चल देता है
डिंपल बेड पर जाकर लेट जाती है और अवी उसके पास आकर खड़ा हो जाता है और उसे देखता हुआ, क्या बात है तुम तो बेड पर
आकर मरना चाहती हो, अब मैं किस तरफ मरु तुम्हारे इस तरफ या उस तरफ और फिर मुस्कुराता हुआ या फिर तुम्हारे
डिंपल- क्यो घूर रहा था तू स्वीटी को
अवी- मुस्कुराता हुआ, तुम्हे घूरता हू तो तकलीफ़ उसे घूरता हू तो तकलीफ़
डिंपल- मूह बनाते हुए मुझे क्या तू चाहे जो कर
डिंपल बेड पर लेटी हुई थी और उसके मोटे-मोटे दूध बिल्कुल तने हुए थे और अवी
अवी- वैसे दीदी एक बात कहु तुम्हारे मुक़ाबले स्वीटी कुछ भी नही है
डिंपल- उसे देख कर, मतलब
अवी- डिंपल के मोटे-मोटे दूध को देखता हुआ, मतलब तुम उससे बहुत जयदा खूबसूरत और सेक्सी हो
डिंपल- उसको घूर कर देखती हुई अवी तमीज़ से बात कर मैं तेरी दीदी हू
अवी- उसके पास बैठ जाता है और उसको खा जाने वाली नज़रो से देखता हुआ, हाँ तुम मेरी दीदी हो लेकिन मैं क्या करू तुम
मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मैं तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर तुम्हे जी भर कर चूमना चाहता हू
डिंपल- उठ कर बैठते हुए गुस्से से उसे देख कर अवी तू यह क्या बकवास कर रहा है
अवी- दीदी अब बहुत हो गया और मुझसे अब बर्दास्त नही होता इसलिए आज मैं तुम्हे अपने दिल की हर बात बता देना चाहता हू
डिंपल- घबराते हुए, कौन सी बात
अवी- उसका हाथ पकड़ कर उसके गालो को छुता हुआ दीदी तुम्हारी इस खूबसूरती ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया है मैं
तुम्हे इतना चाहने लगा हू कि तुम्हे इस बात का अंदाज़ा भी नही हो सकता है
डिंपल- उसका हाथ झटकते हुए गुस्से से अवी यह सब क्या बकवास कर रहा है तू, कही तू पागल तो नही हो गया
अवी- उसका हाथ फिर से पकड़ कर दीदी मैं तुम्हे अपने सीने से लगाने के लिए तड़प रहा हू प्लीज़ एक बार मेरी बाँहो मे
आ जाओ,
डिंपल- उसका हाथ झटक कर बेड से उतरते हुए, मुझे शर्म आती है तुझे अपना भाई कहते हुए,
पर अगले पल वह होता है जिसका शायद डिंपल को अंदाज़ा नही था और अवी डिंपल को अपनी ओर खींच कर उसे कस कर अपने
सीने से लगाता हुआ उसके रसीले होंठो को अपने मूह मे भर कर उसका रस पागलो की तरह पीने लगता है और डिंपल गु गु
करती हुई उसकी मजबूत बाँहो मे केवल तड़प कर रह जाती है और अवी अपनी दीदी के मोटे-मोटे दूध को कस कर अपने सीने से
दबाए हुए उसके सर के पीछे एक हाथ लगा कर जी भर कर अपनी दीदी के रसीले होंठो का रस पीता रहता है, उसका लंड
अपनी दीदी को बाँहो मे भरने से एक दम कठोर हो जाता है और फिर जब वह डिंपल को छ्चोड़ता है तो वह ज़ोर-ज़ोर से सांस
लेती हुई अपने सीने पर हाथ लगा कर हाफने लगती है और अवी मंद-मंद मुस्कुराता हुआ उसे देखता रहता है, डिंपल उसकी
और गुस्से से देखती है और कस कर एक तमाचा उसके मूह पर मार देती है,
अवी शायद इस पल के इंतजार मे पहले से ही था और वह थप्पड़ खाने के बाद दुबारा डिंपल के दोनो हाथो को उसके पीछे
लेजा कर अपने एक हाथ से उसके दोनो हाथो को कस कर पकड़ते हुए उसी हाथ से उसकी कमर को अपनी ओर कस कर दबाता है
और अपने दूसरे हाथ से उसका सर पीछे से पकड़ कर
अवी- दीदी तुमने ग़लती कर दी जो मुझे गुस्से से देखा, मैं आज अपना वह वाक्य पूरा करूँगा जो हमेशा मैं तुमसे आधा
ही कहता आया हू, तो सुनो, मैने तो तुमसे पहले ही कहा था कि जब तुम गुस्से मे होती हो तो और भी खूबसूरत और सेक्सी
लगती हो और मेरा दिल करता है कि तुम्हे कस कर अपनी बाँहो मे भर लू और तुम्हारे रसीले होंठो का सारा रस पी जाउ और
फिर अवी डिंपल के रस भरे होंठो को कुछ इस तरह से चूस्ता है कि दुनिया की किसी भी लड़की की चूत से पानी बहने लग
जाए,