नये पड़ोसी compleet

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raj..
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Re: नये पड़ोसी

Unread post by raj.. » 28 Oct 2014 09:45

15 मिनिट में सभी मेहमान चले गये. "चलो अब सब मिलकर इन औरतों का ख़याल रखते है, लेकिन सबको जैसा में कहूँगा वैसा ही करना होगा." हम सब ने हां में गर्दन हिलाई और सब कोई वापस गेस्ट बेडरूम मे आ गये.

रूम मे आते ही प्रशांत बिस्तर पर बैठ गया. उसने प्रीति और मिनी को अपने सामने खड़े होने को कहा. फिर वो अपने हाथ दोनो की चूत पर रखकर डिल्डो को अंदर घुसाने लगा. प्रीति की जीन्स के उपर से और मिनी की पॅंटी के उपर से.

"बबिता अब तुम अविनाश का लंड आज की शानदार चुदाई के लिए तय्यार करो, पर ध्यान रखना कि इसका पानी नही छूटना चाहिए." प्रशांत की बात सुनकर बबिता अविनाश को उसकी कुर्सी के पास ले गयी जहाँ थोड़ी देर पहले प्रशांत बैठा था. थोड़ी ही देर में बबिता ने अविनाश का लंड बाहर निकाल लिया था और उसे अपने मुँह में ले चूस रही थी.

अब सिर्फ़ में ही बचा था कि जो कुछ भी नही कर रहा था. फिर मेने सुना प्रशांत प्रीति को मिनी के कपड़े उतारने को कह रहा था. प्रीति ने अपना हाथ बढ़ा मिनी के टॉप की ज़िप खोल दी जो थोड़ी देर पहले इसी तरह मेने खोली थी. पर प्रीति ने टॉप उसके कंधे से उठा उतार दिया और मिनी की चुचियाँ फिर एक बार नंगी हो गयी. अजीब कामुक द्रिस्य था मेरी बीवी किसी और औरत के कपड़े उतार रही थी.

प्रशांत खड़ा हुआ और दोनो औरतों के पास आ गया. उसने मेरी बीवी का एक बाया हाथ पकड़ा और मिनी की दाई चुचियों पे रख दिया, फिर उसने प्रीति का दाया हाथ पकड़ मिनी की चूत पे रख दिया. मेरी बीवी की समझ मे नहीं आ रहा था कि प्रशांत क्या चाहता है. दोनो औरतों ने आज तक किसी औरत के साथ सेक्स नही किया था.

प्रशांत ने प्रीति की तरफ देखते हुए कहा, "में चाहता हूँ कि तुम मिनी की चूत चूस कर उसका पानी छुड़ा दो फिर हम सब मिलकर तुम्हारी चूत पर ध्यान देंगे." ये कहकर प्रशांत ने प्रीति को मिनी के सामने घूटनो के बल बिठा दिया और उसके चेहरे को मिनी की गीली हुई पॅंटी पे धकेल दिया.

एक बार तो बबिता और अविनाश भी रुक से गये और में भी हैरत में खड़ा सोच रहा था कि क्या सच मूच मेरी बीवी इस औरत की चूत चूसेगी. पर प्रीति जो पिछले 4 घंटे से अपनी चूत में डिल्डो लिए घूम रही थी और उसकी चूत पानी चोदने को बेताब थी, प्रीति ने अपने हाथ मिनी की पॅंटी की एलास्टिक में फँसाए और उसे नीचे उतार दिया. जैसे ही मिनी की पॅंटी नीचे सर्काई तो सबने देखा की उसकी चूत भी साफ की हुई थी. बाल का नामो निशान नही था चूत पर.

प्रीति ने उसकी पॅंटी को और नीचे खस्कते हुए उसके पैरों के बाहर निकल दिया. अब मिनी पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. प्रीति ने अपने हाथ उसके कुल्हों पे रख उसे अपने पास खींचा और अपना मुँह उसकी चूत पे रख दिया. वो अबू अपनी उंगली से उसकी चूत का मुँह खोल अपनी जीब डिल्डो के साथ अंदर घूमने लगी.

प्रीति अब जोरों से मिनी की चूत को चाट और चूस रही थी और साथ ही उसकी चूत में फँसे डिल्डो को जोरों से अंदर बाहर कर रही थी. "ओह आःआआआआआआ और ज़ोर सीईईईई ःआआआआआआआआण चूऊऊसे मेर्रर्र्ररी चूत को चूद्द्द्दद्ड दो मेरा पानी ." मिनी सिसक रही थी. मिनी की साँसे तेज हो रही थी साथ ही उसकी चुचियाँ उसकी छाती पर फुदक रही थी.

प्रीति अपनी जीब की ओर डिल्डो की रफ़्तार बढ़ते जा रही थी, और साथ ही मिनी की चूत पानी छोड़ने के कगार पर आ रही थी. मिनी ने अपने दोनो हाथ प्रीति के सिर पर रख उसे ज़ोर से अपनी चूत पे दबा दिया. उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. फूच फूच की आवाज़ के साथ उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. प्रीति का पूरा चेहरा मिनी की चूत से छूटे पानी से भर गया था. प्रीति और जोरो से चूस्ते हुए उसकी चूत के सारे पानी को पी रही थी. आख़िर में थक कर मिनी बिस्तर पर निढाल पड़ गयी और गहरी साँसे लेने लगी.

प्रीति उठ कर खड़ी हो गयी. उसने अभी भी कपड़े पहने हुए थे. आज उसने पूरे दिन में पहले प्रशांत के लंड को चूसा था और बाद में अविनाश के लंड को. और अब वो हम सब के सामने मिनी की चूत का पानी पीकर खड़ी हुई थी. उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे पर उसके जिस्म की प्यास अभी बाकी थी. में आगे बढ़ा और अपनी बीवी को बाहों भर लिया. मेने अपने होठ उसके होठों पर रखे तो मुझे मिनी की चूत से पानी की महक और स्वाद आया. में उसके होठों को चूसने लगा.

मेने अपना हाथ प्रीति की जीन्स के उपर से उसकी चूत पर रखा तो पाया वो पहले से ज़्यादा गीली हो चुकी थी. जैसे ही मेने उसकी चूत को सहलाया वो सिसक पड़ी, "ओह अहह ह्म्‍म्म्ममममम."

raj..
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Re: नये पड़ोसी

Unread post by raj.. » 28 Oct 2014 09:46

प्रशांत ने हम दोनो को अलग किया और मेरी बीवी को चूमते हुए उसे बिस्तर के पास ले गया. फिर उसने प्रीति से पूछा, "क्या तुम गंद मुझसे मरवाना पसंद करोगी?" प्रीति पहले तो उसकी तरफ देखी फिर मेरी तरफ. उसके पास को जवाब नही था कारण अगर वो ना कहती तो हम शर्त हर जाते. में भी थोड़ी देर पहले उसकी बीवी की गंद मार चुका था इसलिए मेरे पास भी ना करने की कोई वजह नही थी. में सिर्फ़ वहाँ पर खड़ा अपनी बीवी की गंद मारते देख सकता था.

प्रशांत ने प्रीति के होठों को चूस्ते हुए उसके रेड टॉप के बटन खोल उसके टॉप को उतर दिया. अब वो अपने एक हाथ से उसकी चुचि को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी निपल को भींच रहा था. प्रीति के मुँह से सिसकारी फुट रही थी, "हा दबाओ नो पर धिर्र्र्र्रररे हाया आईसीईई ही ओह अहह"

प्रीति की चुचियों को मसल्ते हुए प्रशांत ने अपने हाथ उसकी जीन्स पे ले जाकर बटन खोलने लगा. बबिता आगे बढ़ कर उनके पास नीचे बैठ गयी और प्रीति की जीन्स को नीचे का उतारने लगी. दोनो ने मिलकर मेरी बीवी को पूरा नंगा कर दिया.

प्रीति पूरी तरह नंगी खड़ी थी. उसकी चूत में घुसा डिल्डो साफ नज़र आ रहा था. प्रशांत और बबिता ने मिलकर उसे बेड की किनारे पर झुका दिया. बबिता अब उसके सामने आकर बिस्तर पर बैठ गयी और प्रीति की चुचियों को चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद वो बिस्तर पर इस तरह से लेट गयी की प्रीति का मुँह ठीक उसकी चूत पे था. बबिता ने प्रीति के सिर को पकड़ उसे अपनी चूत पे दबा दिया.

प्रीति अब बिस्तर के किनारे पर झुकी बबिता की चूत चूस रही थी. इस तरह झुकने से उसकी गांद हवा में और उपर को उठ गयी थी. पीछे से उसकी चूत में फँसा डिल्डो तो दिख ही रहा था साथ ही उसकी गंद का छेद भी दिखाई दे रहा था. हम सब जानते थे कि अब प्रशांत अपना लंड उसकी गंद मे घुसाएगा, पर उसके मन में तो कुछ और ही था.

प्रशांत मेरी तरफ मुस्कुरा के देख रहा था, "राज आज शाम को मेरी बीवी ने तुम्हे सीखा ही दिया होगा कि एक अछी गांद को चुदाई के लिए कैसे तय्यार किया जाता है. बाथरूम मे जाओ और क्रीम ले आओ और बताओ कि तुमने क्या सीखा." फिर उसने मिनी की तरफ देखकर कहा, "तुम मेरे लंड को तयार करोगी?"

बिना कुछ कहे में बाथरूम मे जाकर वही क्रीम ले आया जो में बबिता पे इस्टामाल की थी. मिनी मेरे पास आई और मुझे थोड़ी क्रीम उसके हाथों पे देने को कहा. कैसी शर्त थी की में अपने हाथों से अपनी बीवी की गंद को किसी दूसरे मर्द के लंड के लिए तैय्यार करूँ. पर में शर्त हारना नही चाहता था सो में क्रीम लिए प्रीति के पास आ गया.

मेने खूब सारी क्रीम अपनी उंगलियों मे ली और उसे प्रीति की गंद के चारों तक मलने लगा. फिर में अपनी एक उंगली उसकी गंद में डाल दी, "ओह मर गयी." प्रीति के मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी. प्रीति अब भी बबिता की चूत को चाते जा रही थी.

raj..
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Re: नये पड़ोसी

Unread post by raj.. » 28 Oct 2014 09:47

मेने थोड़ी और क्रीम अपनी उंगली में ली और दो उंगलिया उसकी गंद में डाल दी. अब में अपनी उंगलियों को उसकी गंद में चारों तरफ गोल गोल घुमा रहा था. प्रशांत मेरे पास खड़ा मेरी सभी हरकत को देख रहा था और उसके पैरों में बैठी मिनी उसके लंड को क्रीम से चिकना कर रही थी.

अब मेरी उंगलियाँ आसनी से प्रीति की गंद में अंदर तक जा रही थी. जब में उंगली घुमाता तो उसकी चूत में फँसे डिल्डो का अहसास होता मुझे. में और अंदर तक क्रीम को मलने लगा. प्रीति को भी शायद मज़ा आने लगा था. वो जोरों से बबिता की चूत चूस्ते हुए अपने टाँगे और फैला दी जिससे में और आसानी से उसकी गंद में उंगली कर सकूँ.

मिनी भी अब तक आक्ची तरह से प्रशांत के लंड को क्रीम से चिकना कर चुकी थी. प्रशांत अपनी जगह से हिला और मुझे साइड में कर दिया. अब उसका लुंक क्रीम से चिकना था. उसका तना हुआ लंड एक हथियार की तरह चमक रहा था. जैसे ही प्रशांत ने अपना लंड प्रीति की गंद पे रखा वो सिसक कर और जोरों से बबिता की चूत को चूसने लगी. वो उसकी चूत को ऐसे चूस रही थी की जैसे वो इस कला में बरसों से माहिर हो.

मिनी और अविनाश भी पास में आकर खड़े हो गये. वो भी किसी कुँवारी गांद की चुदाई देखना चाहते थे. मुझे अंदर से शर्म आ रही थी कि अपनी गंद में सबसे पहले मारू उसके बजाय मेने ही अपनी बीवी की गंद को दूसरे मर्द के लंड के लिए तय्यार किया था.

प्रशांत ने प्रीति के कुल्हों को पकड़ उसके गंद के छेद को और फैला दिया. प्रशांत के दोनो हाथ प्रीति के कुल्हों को पकड़े हुए थे. मिनी ने आगे बढ़ कर प्रशांत के लंड को ठीक प्रीति की गंद के छेद पर रख दिया और प्रशांत अब अपने लंड को अंदर घुसाने लगा. मिनी अभी भी उसके लंड को पकड़े हुए थी. इतनी सारी क्रीम लगने से उसका लंड और प्रीति की गंद पूरी तरह चिकनी हो गयी थी जिससे प्रशांत के लंड का सूपड़ा उसकी गंद में आसानी से घुस गया.

मिनी ने अपना हाथ उसके लंड पर से हटा लिया. अब जबकि सूपड़ा घुस चुका था प्रशांत धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर तक घुसाने लगा. उसके हर धक्के के साथ प्रीति की सिसकार गूँजती, "ओह अहह थोड़ाआ धीरी दर्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड हो रहाआआआआअ है." थोड़ी देर में उसका पूरा लंड प्रीति की गांद में घुस चुका था. अब उसकी गांद कुँवारी नही रही थी.

प्रीति अब भी बबिता की चूत चूसे जा रही थी. जब प्रशांत का पूरा लंड उसकी गांद मे घुस गया तो ज़ोर की सिसकारी निकली, "ओह ह्बीयेयेयेयान." प्रशांत प्रीति की गंद की दीवारों को रौन्द्ता हुआ जड़ तक समा गया था.

प्रशांत ने मिनी और मेरा धन्यवाद दिया कि हम दोनो ने प्रीति की गंद मारने उसकी सहायता की. कैसा उसका लंड उसकी गांद में अंदर तक घुसा हुआ है और कैसे उसकी गांद उसके लंड को भिंचे हुए है. उसने बताया कि उसे प्रीति की चूत में फँसे डिल्डो का भी अहसास हो रहा है और ये उत्तेजना उसके लंड से लेकर उसकी गोलियों तक जा रही थी. प्रशांत जान बुझ कर ये सब बातें बता कर मुझे चिढ़ा रहा था. "हरामी साला" मेरे मुँह से गाली निकली.

लेकिन अब तक में अपना लंड अपनी पॅंट मे से निकाल सहला रहा था. सब जानते थे कि मेरी बीवी की गंद की चुदाई ने मुझे भी उत्तेजित कर दिया था. पर जो होने वाला था उसके आगे ये कुछ भी नही था. मिनी अब उन से दूर जा कर खड़ी हो गयी. प्रशांत का लंड प्रीति की गंद मे अंदर बाहर हो रहा था. प्रशांत अपने लंड करीब 3" इंच बाहर खींचता और अपने 8" इंच के लंड को पूरा जड़ तक पेल देता.

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