एक वेश्या की कहानी--9
गतान्क से आगे.......................
अब मुझ से बर्दाश्त नही हुआ ओर उसने फिर फिंगर मेरी चूत मे डाल कर ज़ोर ज़ोर से ओह ओह अहहााआहह आह याअ उउउ ओह कम कम कम कम कम कम कम कम कम कम कम ऑन कम, ओह ओह ऑश ह ओर चूत मे फिंगर को हिला रही धीरे अह्ह्ह्ह चूत मे 2 फिंगर्स थी ओर मेरी चूत तीसरी भी माँग रही थे आअहह ओह्ह उूउउ मेरीयी मेरीयी चूऊऊथततटटटतत्त अहह चूत आह, और जैसे ही मेरा पानी निकला मैं चाची से ज़ोर से चिपक गयी और उन्हे कसकर पकड़ लिया और बोला-
मैं- आइ लव यू !
चाची ने मुझे ज़ोर से धक्का देकर टब मे गिरा दिया और मुझ पर चिल्लाते हुए बोली-
चाची- तेरी जुर्रत कैसे हुई साली रांड़ ?
और मैं एकदम से सकपका गयी.
चाची- बाहर निकल…….निकल. चल जा काम पे लग जा !
शाम को मैं बन-सवर के हॉल मे पहुचि, यहाँ भी मस्तानी चाची के घर की तरह ही सारी व्यवस्था थी. सब कुछ वैसा ही, कस्टमर्स को वो भी वैसे ही हॅंडल करना उनसे पैसे लेकर नीचे जमा करना, सब कुछ वैसा ही था.
मैं भी अपने काम मे लग गयी और कस्टमर्स उठा-उठा के ले जाने लगी और अपने पैसे बनाने लगी. किसिके साथ ½ घंटा तो किसी के साथ 1 घंटा. खूब कमाई हो रही थी यहाँ.
उषा चाची भी मुझसे बहुत खुश थी.
चाची- तुम बहुत अक्च्छा कर रही हो.
कस्टमर्स को मुझमे सबसे प्यारी चीज़ मेरी गान्ड पसंद आती है. उसी को दिखा-दिखाकर मैं अपने कस्टमर्स बनाती हू.
मैं- हाई मेरी जान, आज तो मैं शोले भड़का रही हू.
मैं अपनी गान्ड दिखा कर उसके सामने नाचने लगी. उसके मूह पर अपनी गान्ड रगड़ने लगी. वो मेरी जाँघो को मसल्ने लगा.
मैं- क्या आज तुम कामिनी को पसंद करोगे अपने लंड पर ?
और उसका मूह अपने स्तनो मे डालकर हिला दिया. वो बहुत खुश हुआ पर हा नही बोला, तो मैं आगे बढ़ गयी.
उसके बाजू एक युवक मुझे चूमने लगा.
मैं- क्या तुम्हारे पास पैसे है ?
और उसने भी मुझे चूमकर छोड़ दिया. मैं आगे बढ़कर अपने लिए कस्टमर ढूंड रही थी.
तभी मुझे आगे दीवार से टिक-कर खड़ा एक शक़स दिखा जिसे देखकर मेरा मूड खराब हो गया और मैं वहाँ से पलट गयी. वो शक़स मुझे ही घूरे जा रहा था.
जब मैं पलट कर जा रही थी, तो वो मेरी गान्ड को ललचाई हुई नज़रो से घूरे जा रहा था. मैं तेज कदमो से चलकर वहाँ खड़ी लड़कियों के पास चली गयी और उनसे कहा-
मैं- मुझे पता था ये कभी ना कभी तो होना ही था.
वो दोनो लड़कियाँ जो एक दूसरे से लिपट-चिपक रही थी. मुझे देखने लगी.
मैं- वो आदमी जो दरवारे के पास खड़ा है, मेरा दूर का चाचा है.
उनमे से एक लड़की ने मेरे खंधे पर हाथ रखा और मुझसे बोली- तुम फिकर मत करो, मैं उसे देखती हू.
उस लड़की ने सिर्फ़ एक चुन्नी अपने गले मे लप्पेट रखी थी बाकी वो पूर्ण नग्न थी, और वो चाचा के पास जाने लगी. उसने चाचा का हाथ उनकी जेब मे देखकर उनसे कहा-
लड़की- जेब मे हाथ डालकर क्या पकड़े हुए हो ?
बोलो तो मैं तुम्हारे लिए उसे कड़क कर देती हू !
चाचा- वो पहले से ही बहुत कड़क हो चुका है !
चाचा ने ओवरकोट पहना हुआ था, और उस पर एक इंग्लीश हट भी थी. शहर मे रहकर उनकी जीवनशैली ही बदहाल गयी थी.
लड़की ने चाचा के ओवरकोट मे हाथ डालकर उनका लंड पकड़ लिया और उनसे बोली- चलो भी, मैं चाहती हू तुम मेरी चूत की आज धज्जियाँ उड़ा दो.
चाचा उसकी बात को उनसुना कर आगे बढ़ गये.
लड़की धीरे से गाली देते हुए- हिजड़ा !
वो सीधे चलकर मेरे पास आए और मेरे पीछे आकर खड़े हो गये. और मुझे आवाज़ देते हुए कहा,
चाचा- चलो !
मैने भी उन्हे कस्टमर मानकर उनके साथ चल दी अपने रूम मे.
पीछे से उषा चाची के चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी.
चाची- उठो स्पोर्टस्मन, खूबसूरत कन्याओं को लेकर मस्ती करो, खेल खेलो.
वहाँ खड़ी लड़कियों को वो बोल रही थी.
चाची- टेन्निस प्लेयर्स अपनी बॉल बाहर निकालो, इन मर्द प्लेयर्स को अपने बाल दिखा कर आकर्षित करो. साइक्लिस्ट पेडल मारना शुरू करो !
और वो उन्हे पेडल मार कर दिखाने लगी. वहाँ मौजूद अधिकतर लड़कियाँ अलग-अलग स्पोर्ट्स प्लेयर के कपड़ो मे थी. ये सब इसलिए था क्यूकी इस घर का नाम ही ओलिमपिड रखा गया था.
जैसा चाची ने पहले ही बताया था, वो गोल्ड मेडल विन्नर है. इसलिए यहाँ सब कुछ ओलिमपिक्स के रंग मे रंगा हुआ था. यहाँ कस्टमर्स को भी स्पोर्टस्मन या पर्सन कहा जाता है. उधर कमरे मे मैं चाचा के साथ थी.
चाचा अपना कोट उतार रहे थे और मैने अपना गाउन उतारा और उनसे पूछा – आप आधा घंटा लेंगे क्या ?
वो अपना कोट उतारकर बिस्तर पर बैठ गये, मैने उनसे कहा – आपको मेरे साथ बहुत मज़ा आएगा.
चाचा – क्या बढ़िया काम कर रही हो, राधा .
मैं उनकी तरफ पीठ करके खड़ी थी, बिल्कुल नग्न वो मेरी गान्ड को देख कर बोले थे.
एक वेश्या की कहानी compleet
Re: एक वेश्या की कहानी
मैं उनके मूह से अपना नाम सुनके उनकी तरफ मूडी और बोली – मैं आपको याद हू ? बहुत साल हो गये.
वो बोले – हां, तुम्हारे चेहरे मे काफ़ी कुछ बदलाव आ गया है. पर मैं तुम्हारा पिछवाड़ा कही भी देख कर तुमको पहचान सकता हू. अपने आप पर तुम्हे शर्म आनी चाहिए !
वो मुझ पर थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले थे.
मैं उनके पास वैसे ही नग्न अवस्था मे दौड़कर पहुचि और उनके बगल मे बैठकर उनसे बोली- प्लीज़ अंकल, मैं यहाँ सिर्फ़ कुछ वक़्त के लिए हू, टेंपोररी हू.
मैने उनका हाथ पकड़कर उन्हे समझाने की कोशिश की और उनके गाल पर एक किस कर दिया.
और उनसे कहा – प्रॉमिस कीजिए के आप ये बात किसी और से नही करेंगे.
अंकल से मुझे समझाते हुए कहा – तुम ये कैसे कर सकती हो ? ये बात किसी ना किसी तरीके से पता तो लगनी ही है.
मैने उन्हे विश्वास दिलाते हुए कहा – नही किसी को भी पता नही चलेगा. मैं इस हफ्ते के अंत तक ये जगह छ्चोड़ दूँगी.
मैने उन्हे फिर कहा – आप कसम खाइए के आप किसी को कुछ नही बताएँगे ! प्रॉमिस ?
वो बोले – मैं तुम्हारे लिए बहुत उदास हू.
वो ऐसा बोलते हुए थोड़े भावुक हो उठे और मुझे दोनो गालों पर किस करने लगे. फिर उन्होने मेरे होठों पर हल्का सा किस किया. और फिर एक जबरदस्त किस करके अपनी जीभ मेरे मूह मे घुसा दी.
मैं अपने आप को उनसे छुड़ाते हुए उनसे दूर भागी और उनसे बोली – चाचा आपने अपनी जीभ मेरे मूह मे डाली !
उन्होने मुझे कमर से पकड़ते हुए अपने पास खीचा और मेरी गान्ड को दबाते हुए बोले – मुझे तुम्हारी गान्ड हमेशा याद थी, क्यूकी इसे देखकर मैं हमेशा उत्तेजित हो जाता था.
और ऐसा बोलकर वो मेरी गान्ड को जोरो से मसल्ने लगे.
वो मेरी आँखों मे आखें डालकर मुझसे बोले – इसके लिए मैने 10 साल इंतज़ार किया है.
और उन्होने फटक से अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर पॅंट को अपने से अलग किया और मुझे अपने सीने से चिपका लिया.
मैं – पर आप तो इसे हमेशा से ही छुआ करते थे. मैं तो सोचती थी के ये कोई गेम है.
मैं – आप ये क्या कर रहे है, ये शर्मनाक है.
वो मेरी गान्ड पर हाथ मसल्ते हुए मुझसे बोले – जब तुम छ्होटी थी , हम लूका- छिपी खेलते थे. मैं तुम्हे ढूँढ कर पकड़ लेता था और फिर तुम्हारी गान्ड को बहुत ही अच्छी तरह से महसूस करता था.
फिर उन्होने मेरी गान्ड को मसल्ते हुए मुझे नीचे बिठा दिया और मेरा मूह पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया.
और उत्तेजित होकर चिल्लाने लगे – बहुत अच्छे ! चलो करे आधा घंटा, एक घंटा……वैसे भी ये तो मुफ़्त ही होगा. तुम मुझसे पैसे थोड़े ही लोगि, क्यू ?
और मैं उनका लंड चूसे जा रही थी, उनकी बातें सुनकर मुझे रोना भी आ रहा था.
वो थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले – रो मत, तुम मेरे बॉल्स को गीला कर रही हो.
उन्होने मुझे सीधा लिटाया और मेरी टाँगे खोली अपने लंड को मेरी चूत
पर रखा आंड ज़ोर लगाया ….लंड अंदर नहीं गया आंड स्लिप होके बाहर निकल गया
उन्होने फिर मेरी चूत मे लॅंड रखा आंड ज़ोर लगाया तो मैने कहा मुझे दर्द हो रहा है… बट वो रुके नहीं ज़ोर लगाते चले गये ओर मैं झटपटाने लगी…. बार बार बोल रही थी कि प्ल्ज़ निकाल लो इसे थोड़ी देर बाद करते है बट उन्होने मेरी एक ना सुनी ओर दो झटके आधा लंड मेरी चूत मे उतार दिया...
अब मेरी आखों मे आशु आ गये थे और थोड़ा सा चिल्लाने लगी ऊ मर गईिईईईईईई मैं तो............
उन्होने एक ओर जोर्का झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत मे जड़ तक ठोक दिया ओर मैं पागलो की तरह आअहह मेरी चुट्त्त फट जाएगी प्ल्ज़ निकाल लूऊओ प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है निकाल ईसीईए फिर उन्होने निपल चूसने शुरू कर दिए शायद निपल चूसने से मेरा ध्यान थोड़ा दर्द से हाथ गया ओर 10 मिनट के बाद.........
उन्होने कहाँ अब दर्द कम है तब उन्होने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया मुझे अभी भी हल्का
हल्का पेन हो रहा था बट 5 & 7 मिनट बाद मैने अपनी गान्ड हिलाना शुरू करदी ओर वो समझ गये कि अब साली ट्रॅक पर आ गयी है ओर मुझे चोद्ना शुरू किया ….
वो बोले – हां, तुम्हारे चेहरे मे काफ़ी कुछ बदलाव आ गया है. पर मैं तुम्हारा पिछवाड़ा कही भी देख कर तुमको पहचान सकता हू. अपने आप पर तुम्हे शर्म आनी चाहिए !
वो मुझ पर थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले थे.
मैं उनके पास वैसे ही नग्न अवस्था मे दौड़कर पहुचि और उनके बगल मे बैठकर उनसे बोली- प्लीज़ अंकल, मैं यहाँ सिर्फ़ कुछ वक़्त के लिए हू, टेंपोररी हू.
मैने उनका हाथ पकड़कर उन्हे समझाने की कोशिश की और उनके गाल पर एक किस कर दिया.
और उनसे कहा – प्रॉमिस कीजिए के आप ये बात किसी और से नही करेंगे.
अंकल से मुझे समझाते हुए कहा – तुम ये कैसे कर सकती हो ? ये बात किसी ना किसी तरीके से पता तो लगनी ही है.
मैने उन्हे विश्वास दिलाते हुए कहा – नही किसी को भी पता नही चलेगा. मैं इस हफ्ते के अंत तक ये जगह छ्चोड़ दूँगी.
मैने उन्हे फिर कहा – आप कसम खाइए के आप किसी को कुछ नही बताएँगे ! प्रॉमिस ?
वो बोले – मैं तुम्हारे लिए बहुत उदास हू.
वो ऐसा बोलते हुए थोड़े भावुक हो उठे और मुझे दोनो गालों पर किस करने लगे. फिर उन्होने मेरे होठों पर हल्का सा किस किया. और फिर एक जबरदस्त किस करके अपनी जीभ मेरे मूह मे घुसा दी.
मैं अपने आप को उनसे छुड़ाते हुए उनसे दूर भागी और उनसे बोली – चाचा आपने अपनी जीभ मेरे मूह मे डाली !
उन्होने मुझे कमर से पकड़ते हुए अपने पास खीचा और मेरी गान्ड को दबाते हुए बोले – मुझे तुम्हारी गान्ड हमेशा याद थी, क्यूकी इसे देखकर मैं हमेशा उत्तेजित हो जाता था.
और ऐसा बोलकर वो मेरी गान्ड को जोरो से मसल्ने लगे.
वो मेरी आँखों मे आखें डालकर मुझसे बोले – इसके लिए मैने 10 साल इंतज़ार किया है.
और उन्होने फटक से अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर पॅंट को अपने से अलग किया और मुझे अपने सीने से चिपका लिया.
मैं – पर आप तो इसे हमेशा से ही छुआ करते थे. मैं तो सोचती थी के ये कोई गेम है.
मैं – आप ये क्या कर रहे है, ये शर्मनाक है.
वो मेरी गान्ड पर हाथ मसल्ते हुए मुझसे बोले – जब तुम छ्होटी थी , हम लूका- छिपी खेलते थे. मैं तुम्हे ढूँढ कर पकड़ लेता था और फिर तुम्हारी गान्ड को बहुत ही अच्छी तरह से महसूस करता था.
फिर उन्होने मेरी गान्ड को मसल्ते हुए मुझे नीचे बिठा दिया और मेरा मूह पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया.
और उत्तेजित होकर चिल्लाने लगे – बहुत अच्छे ! चलो करे आधा घंटा, एक घंटा……वैसे भी ये तो मुफ़्त ही होगा. तुम मुझसे पैसे थोड़े ही लोगि, क्यू ?
और मैं उनका लंड चूसे जा रही थी, उनकी बातें सुनकर मुझे रोना भी आ रहा था.
वो थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले – रो मत, तुम मेरे बॉल्स को गीला कर रही हो.
उन्होने मुझे सीधा लिटाया और मेरी टाँगे खोली अपने लंड को मेरी चूत
पर रखा आंड ज़ोर लगाया ….लंड अंदर नहीं गया आंड स्लिप होके बाहर निकल गया
उन्होने फिर मेरी चूत मे लॅंड रखा आंड ज़ोर लगाया तो मैने कहा मुझे दर्द हो रहा है… बट वो रुके नहीं ज़ोर लगाते चले गये ओर मैं झटपटाने लगी…. बार बार बोल रही थी कि प्ल्ज़ निकाल लो इसे थोड़ी देर बाद करते है बट उन्होने मेरी एक ना सुनी ओर दो झटके आधा लंड मेरी चूत मे उतार दिया...
अब मेरी आखों मे आशु आ गये थे और थोड़ा सा चिल्लाने लगी ऊ मर गईिईईईईईई मैं तो............
उन्होने एक ओर जोर्का झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत मे जड़ तक ठोक दिया ओर मैं पागलो की तरह आअहह मेरी चुट्त्त फट जाएगी प्ल्ज़ निकाल लूऊओ प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है निकाल ईसीईए फिर उन्होने निपल चूसने शुरू कर दिए शायद निपल चूसने से मेरा ध्यान थोड़ा दर्द से हाथ गया ओर 10 मिनट के बाद.........
उन्होने कहाँ अब दर्द कम है तब उन्होने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया मुझे अभी भी हल्का
हल्का पेन हो रहा था बट 5 & 7 मिनट बाद मैने अपनी गान्ड हिलाना शुरू करदी ओर वो समझ गये कि अब साली ट्रॅक पर आ गयी है ओर मुझे चोद्ना शुरू किया ….
Re: एक वेश्या की कहानी
वो मुझे चोद रहे थे और मैं बस नशे मे चूर होके आवाज़े निकाल रही थी एस!फक मी ओह्ह्ह्ह फक मी फास्ट .उनका लंड चूत को चीरता हुया अंदर जा रहा था फिर बाहर आ रहा था ओर पूरे कमरे मे पच पच की आवाज़ आ रही थी…
मेरी चूत और उनके लंड का मिलन हो रहा था क्या टाइम था वो…. करीब 20 & 22 मिनट बाद मेरी साँसे तेज़ हो गयी ओर ज़ोर ज़ोर से गान्ड हिलाने लगी ओर वो समझ गये के बस अगले कुछ मिंटो मे झड़ने वाली है उन्होने स्पीड बढ़ा दी ओर मैं पागलो की तरह ऊहह ओर तेज़्ज़ ओर ओर तेज़्ज़ ओर करीब 5 मिनट बाद मैने अपने नील्स उनकी पीठ मे गढ़ा दिए....
मेरा पूरा शरीर अकड़ गया ओर तभी दो चार झटको मेउनका वीर्य भी मेरी चूत मे जा गिरा ओर उन्होने मुझे इतनी तेज़ कासके पकड़ा मानो मेरी जान ही निकाल देंगे
मेरे नील्स उनकी पीठ पर पड़ गये ओर मेरी चूत ने उनका सारा वीर्य अपने अंदर ही रख लिया ओर हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे ओर करीब 15 मिनट बाद वो अपना कपड़ा पहने और मुझे फिर आउन्गा कहकर चले गये................... उधर मैं रॉकी को पैसे पहुचाने गयी, आख़िर रॉकी मेरा दलाल था.
मैं- मैं जानती हू, ये बहुत कम है.
रॉकी – क्या बात है ? क्या तुम अपने कस्टमर खोने लगी हो ?
मैं – मैने आज तक इतनी मेहनत पहले कभी नही की.
रॉकी- इसमे अभी भी 10000 रुपये. कम है !
मैं – तो ठीक है , तुम्हे सब कुछ जान लेना चाहिए. मेरे चाचा जी मुझे ब्लाकक्मैनल कर रहे है.
रॉकी – तुम किस घुसताख के बारे मे बात कर रही हो ?
मैं- मैं उन्हे अभी भी याद हू, और वो रोज मेरे पास आ जाते है. वो मेरा समय भी बर्बाद करते है और मुझे पैसे भी नही देते है.
मैने अभी तक ये बात चाची को भी नही बताई है. मुझे यहाँ से बाहर निकालो प्लीज़.
रॉकी- बिल्कुल, इसमे तो मेरी भी बेज़्जती है. ठीक है एक काम करते है तुम उसे मिलने के लिए इटॅलियन केफे बुलाओ.
और उसने मुझे कुछ पैसे देते हुए कहा- इसे रखो.
और फिर वो वहाँ से चला गया.
इटॅलियन केफे मे मैं और चाचा जी दोनो बातें कर रहे थे.
चाचा- मैं कल जुवे मे बहुत ज़्यादा पैसे हार गया हू.
हमारी सामने वाली टेबल पे 4 लड़के बैठे कॉफी पी रहे थे और मेरी ओर घूर रहे थे, उनको देखते हुए चाचा जी ने मुझसे कहा- वो लड़के तुम्हारी जांघे घूर रहे है, उन्हे भी कुछ अपने जलवे दिखाओ.
मैने अपनी ड्रेस को अपने घुटनो से उठाके अपनी कमर तक चढ़ा ली और उन्हे अपनी जाँघो का प्रदर्शन करने लगी.
चाचजी- बहुत अच्छे, मैं खुश हू कि मेरी प्यारी भतीजी को देखकर लोग उत्तेजक होते है.
थोड़ा और दिखाओ……….मैं और ज़्यादा खुलकर उन्हे दिखाने लगी.
चाचजी- मैं खुश हू कि मैने तुम्हे फिर से पा लिया है.
मैं आज रात अपने कुछ पैसे वापस जीतना चाहता हू. क्या तुम मुझे कुछ पैसे दे सकती हो ?
मैं – क्या अगर वो पैसे भी आप हार जाए ?
चाचा- कंजूसी छोड़ो ! और अपनी टांगे थोड़ा और खोलो.
चाचा जी ने उन लड़को की ओर देखते हुए कहा – वो लड़के तुम्हे अपनी आखों से खा रहे है.
उधर रॉकी मुझे केफे मे अंदर आते हुए दिखा उसके साथ कोई हॅटा-कॅटा पहलवान समान व्यक्ति था. मैं रॉकी को देखकर बहुत खुश हुई.
क्रमशः............................
मेरी चूत और उनके लंड का मिलन हो रहा था क्या टाइम था वो…. करीब 20 & 22 मिनट बाद मेरी साँसे तेज़ हो गयी ओर ज़ोर ज़ोर से गान्ड हिलाने लगी ओर वो समझ गये के बस अगले कुछ मिंटो मे झड़ने वाली है उन्होने स्पीड बढ़ा दी ओर मैं पागलो की तरह ऊहह ओर तेज़्ज़ ओर ओर तेज़्ज़ ओर करीब 5 मिनट बाद मैने अपने नील्स उनकी पीठ मे गढ़ा दिए....
मेरा पूरा शरीर अकड़ गया ओर तभी दो चार झटको मेउनका वीर्य भी मेरी चूत मे जा गिरा ओर उन्होने मुझे इतनी तेज़ कासके पकड़ा मानो मेरी जान ही निकाल देंगे
मेरे नील्स उनकी पीठ पर पड़ गये ओर मेरी चूत ने उनका सारा वीर्य अपने अंदर ही रख लिया ओर हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे ओर करीब 15 मिनट बाद वो अपना कपड़ा पहने और मुझे फिर आउन्गा कहकर चले गये................... उधर मैं रॉकी को पैसे पहुचाने गयी, आख़िर रॉकी मेरा दलाल था.
मैं- मैं जानती हू, ये बहुत कम है.
रॉकी – क्या बात है ? क्या तुम अपने कस्टमर खोने लगी हो ?
मैं – मैने आज तक इतनी मेहनत पहले कभी नही की.
रॉकी- इसमे अभी भी 10000 रुपये. कम है !
मैं – तो ठीक है , तुम्हे सब कुछ जान लेना चाहिए. मेरे चाचा जी मुझे ब्लाकक्मैनल कर रहे है.
रॉकी – तुम किस घुसताख के बारे मे बात कर रही हो ?
मैं- मैं उन्हे अभी भी याद हू, और वो रोज मेरे पास आ जाते है. वो मेरा समय भी बर्बाद करते है और मुझे पैसे भी नही देते है.
मैने अभी तक ये बात चाची को भी नही बताई है. मुझे यहाँ से बाहर निकालो प्लीज़.
रॉकी- बिल्कुल, इसमे तो मेरी भी बेज़्जती है. ठीक है एक काम करते है तुम उसे मिलने के लिए इटॅलियन केफे बुलाओ.
और उसने मुझे कुछ पैसे देते हुए कहा- इसे रखो.
और फिर वो वहाँ से चला गया.
इटॅलियन केफे मे मैं और चाचा जी दोनो बातें कर रहे थे.
चाचा- मैं कल जुवे मे बहुत ज़्यादा पैसे हार गया हू.
हमारी सामने वाली टेबल पे 4 लड़के बैठे कॉफी पी रहे थे और मेरी ओर घूर रहे थे, उनको देखते हुए चाचा जी ने मुझसे कहा- वो लड़के तुम्हारी जांघे घूर रहे है, उन्हे भी कुछ अपने जलवे दिखाओ.
मैने अपनी ड्रेस को अपने घुटनो से उठाके अपनी कमर तक चढ़ा ली और उन्हे अपनी जाँघो का प्रदर्शन करने लगी.
चाचजी- बहुत अच्छे, मैं खुश हू कि मेरी प्यारी भतीजी को देखकर लोग उत्तेजक होते है.
थोड़ा और दिखाओ……….मैं और ज़्यादा खुलकर उन्हे दिखाने लगी.
चाचजी- मैं खुश हू कि मैने तुम्हे फिर से पा लिया है.
मैं आज रात अपने कुछ पैसे वापस जीतना चाहता हू. क्या तुम मुझे कुछ पैसे दे सकती हो ?
मैं – क्या अगर वो पैसे भी आप हार जाए ?
चाचा- कंजूसी छोड़ो ! और अपनी टांगे थोड़ा और खोलो.
चाचा जी ने उन लड़को की ओर देखते हुए कहा – वो लड़के तुम्हे अपनी आखों से खा रहे है.
उधर रॉकी मुझे केफे मे अंदर आते हुए दिखा उसके साथ कोई हॅटा-कॅटा पहलवान समान व्यक्ति था. मैं रॉकी को देखकर बहुत खुश हुई.
क्रमशः............................