एक वेश्या की कहानी--10
गतान्क से आगे.......................
रॉकी और वो पहलवान हमारी टेबल के पास आकर एक-एक चेर खीचकर बैठ गये.
इससे चाचा जी एक से हडबॅडा गये और वो रॉकी से बोले – माफ़ कीजिए ये हमारी टेबल है.
मैने रॉकी को उनसे मिलाते हुए कहा- रॉकी ये मेरे चाचजी है, जो मुझसे बहुत ज़्यादा प्यार करते है.
रॉकी- साले, गटर के कीड़े……….सुआर……….अगर तूने आगे से मेरे प्यार को परेशान किया तो मैं तेरे थोबदे का काबडा कर दूँगा !
चाचजी के चेहरा का रंग उड़ गया था…….वो बोले- तुम ये सब क्या बोल रहे हो. मैने क्या किया है ?
रॉकी ने उनको उनकी टाइ पकड़कर अपने पास खीचा और आँखें दिखाते हुए उनकी टाइ को कैची से काट दिया.
चाचजी के तो पसीने ही छूट गये थे.
टाइ के टुकड़े से चाचा जी का पसीना पोछते हुए रॉकी बोला- तुम तो बहुत डरे हुए और गंदे चाचा हो!
उसने वो टाइ का टुकड़ा ज़बरदस्ती उनकी कोट की जेब मे डाला और उनसे बोला – भाग यहाँ से !
और चाचा जी डर के मारे वहाँ से भाग निकले.
मैने खुश होते हुए ताली बजाई और रॉकी से कहा- अब मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है.
चाचजी ने एक बार केफे से बाहर निकलते हुए पीछे पलटकर देखा और फिर बाहर निकल गये.
मैने वेटर को तीन स्पेशल हॉट कॉफी ऑर्डर दिया.
तुम्हे मालूम था मैं तुम्हे बचा लूँगा……….और हां थॅंक्स…….
मैं चौंकते हुए उसे बोली- थॅंक्स………किस बात के लिए…
उसने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा
रॉकी- उस हरामी के लिए जब मैने तुम्हे उसके सामने “मेरा प्यार” कहा था.
मैने भी रॉकी के हाथ पर हाथ रखते हुए कहा – आइ लव यू.
फिर वेटर ने हम तीनो को कॉफी सर्व की और रॉकी ने कहा – ये कॉफी मेरे प्यार और उसके लिए जिसने ये अरेंज्मेंट करवाया है.
मैं- तुमने क्या जमाया है ?
रॉकी – एक बहुत शानदार फोरसम वो भी राजा प्रसन्ना के साथ, बहुत ही चर्चित लड़कीबाज है.
मैं- क्या उनके महल मे ?
रॉकी – हां, तुम और तुम्हारी एक और दोस्त. मैने चाची से सब बातें कर ली है.
मैं – हुर्रे! क्या शानदार दिन है !
मैं बहुत खुश हुई और उठकर रॉकी को एक किस दे डाली. और रॉकी का दोस्त हमे घूर कर देखने लगा तो रॉकी बोला- अरे एक किस इसे भी दे दो, तो मैने एक किस उसे भी दे दी और वो भी खुश हो गया.
और फिर हम तीनो कॉफी पीने लगे….. उस रात को मैं और अनिता मेरी एक दोस्त वेश्या घर की, साथ मे राजा प्रसन्ना के महल की सीढ़ियाँ चढ़ने लगे.
अनिता और मैं काफ़ी सेक्सी ड्रेस पहने हुए थे और हम दोनो हस्ते मस्ती करते हुए महल के अंदर प्रवेश कर रहे थे. सीढ़ियाँ उपर जा ही रही थी, ख़तम होने का नाम ही नही ले रही थी.
फिर हम दोनो एक फ्लोर पे पहुचे जिसमे एक बढ़ा सा हॉल था और हम अंदर चले गये. सामने सोफे पे एक आदमी बैठा था यंग था उसने हल्की-फुल्की दाढ़ी उगा रखी थी.
हम को अंदर आते देख उसने कहा- बिकुल सही वक़्त पर आ गयी हो. और उठकर हमारे पास आने लगा और बोला- अंदर आ जाओ, अंदर आ जाओ लड़कियों.
हम उसके पास जाकर उसे हाथ मिलाया और कहा- हमारी ख़ुसनसीबी, के हम आप से मिल पाए राजा जी.
राजा- नही, मुझे सिर्फ़ प्रसन्ना कहो.
वहाँ सोफे पे एक महिला बैठी थी, राजा ने हमे उसे परिचित कराते हुए कहा- इनसे मिलो ये मेरी धरमपत्नी है, रानी श्रीस्टी. शूरवीर राजा भद्रवान के खानदान की है.
मैं उनके पास गयी और उनके हाथों को चूमकर उनका अभिवादन किया और वो आँखो से इशारा करते हुए मेरा अभिवादन स्वीकार करी.
फिर राजा ने कहा- आप लोग आराम से बैठ जाइए. और फिर राजा ने हमे अपने हाथो से शॅंपेन दी. और फिर मुझ से पूछा.
- तुम कहाँ से हो ?
मैं- जी मैं आनंदपुर गाओं से हू.
राजा – आनंदपुर गाओं, राजा भैरव सिंग के इलाक़े मे है. तुम तो गाओं की गोरी हो. और राजा भैरव सिंग तो हमारे पुराने मित्रो मे से है.
मैं उनके महल मे बनी शिल्प्कला को निहार रही थी, वो सारी मूर्तियाँ और आकर सेक्स को ही संभॉदित करती थी.
मैने उनको देखते हुए राजा से कहा- बहुत सुंदर कलाकृतियाँ है.
राजा- हां, हमारे पूर्वाजो के जमाने से है, उन्होने ने ही ये बनवाई थी. वो इन्ही मुद्राओ को देख कर सेक्स किया करते थे.
फिर उन्होने अपनी पत्नी को हुक्म देते हुए कहा- रानी श्रीस्टी, मेहमानो के खाने का प्रबंद करो.
और रानी वहाँ से उठते हुए बोली- मैं थोड़ी देर मे आती हू. और वो ऐसा कहकर वहाँ से चली गयी. उनके चेहरे पर एक तेज था जो मुझे उनका आटिट्यूड लग रहा था.
राजा हम को वहाँ देख कर बहुत खुश थे. ख़ुसी के कारण वो फूले नही समा रहे थे. कभी वो अपने हाथों से ताली बजाते तो कभी अपने जाँघो पर ताप देकर खुश हो जाते.
फिर उन्होने हम से कहा- शॅंपेन से बेहतरीन कॉकटेल मेरे पास है. फिर वो उठे और टेबल पर रखी एक कटोरी मे कुछ पाउडर जैसी चीज़ को स्पून से अपने हाथों मे लेते हुए हम से बोले-
मेरी मा इसे सोने के स्ट्राव से सूंघति थी, जिसे मेरे पिताजी ने उन्हे उनकी मॅरेज आनिवर्सयरी पर दिया था.
फिर उन्होने अपने अंगूठे और उंगली को दूर करते हुए पाउडर के लिए वहाँ जगह बनाई और हम से बोले- मुझे इस तरह से करना पसंद है, और ये आसान भी है.
और उन्होने पूरा का पूरा पाउडर नाक से सूँघकर अपने अंदर खीच लिया. और अपने सिर को ज़ोर से हिलाने लगे और बचे हुए पाउडर को चाटने लगे. नाक से सूंघते वक़्त थोड़ा बहुत पाउडर उनकी नाक मे चिपक गया था, जिस कारण उनकी नाक सफेद दिख रही थी.
फिर वो हम दोनो की तरफ देखते हुए बोले- ये बहुत अच्छा है.
और वो उठकर कटोरी से एक-एक स्पून पाउडर हम दोनो के हाथों मे रख दिए. और हम दोनो उसे नाक से सूंघने लगे. उसे सूँघकर एक अलग से नशा छाने लगा हम दोनो पर. हम दोनो जोरो से हस्ने लगी थी.
और राजा ने हम से कहा- तुम्हे अच्छा लगा. और वो पाउडर को उठाकर एक तरफ रखने लगे. हम दोनो हसे जा रही थी.
फिर राजा ने हम से कहा- आराम से, चलो अपनी पॅंटीस उतारो!
तो हम दोनो खड़ी होकर अपनी पॅंटी उतारने लगे, जिसमे राजा ने हमारी मदद भी की. और हमारी पॅंटी को सूंघते हुए कहा- वाह! गुलाबो की खुसभू आ रही है.
और हमारी पॅंटीस को हवा मे उछाल दी और हम से कहा- चलो पहले चल के कुछ हल्का-फूलका खाते है.
और राजा हम दोनो की गान्ड को बारी-बारी से दबाते हुए, हमे डाइनिंग हॉल तक ले आया. हस्ते नाचते हम डाइनिंग हॉल पहुचे जहाँ पे एक बहुत बढ़ा शानदार डाइनिंग टेबल सज़ा हुआ था.
राजा ने हम से कहा- बैठ जाओ लड़कियो, और अपनी बीवी को इशारा करते हुए कहा, आ जाओ…
रानी साहिबा बिल्कुल एक वेट्रेस के ड्रेस मे आई और हम सूप सर्व करने लगी.
राजा ने फिर दोहराया- श्रीस्टी, लड़कियो को थोड़ी और वाइन पिलाओ. और हम दोनो एक दूसरे को देखकर हस्ने लगी.
रानी साहिबा ने वाइन की बॉटल उठाई और मैने ग्लास को अपने दोनो स्तनो के बीच मे रख दिया. रानी साहिबा वाइन को ग्लास मे डालने लगी और वाइन ग्लास की बजे मेरे स्तनो पर गिर गयी.
राजा- बेवकूफ़, क्या तुमसे कोई भी काम ठीक से नही होता !
रानी साहिबा मुझसे शमा माँगते हुए बोली- माफ़ कीजिएगा.
राजा भड़क उठे और बोले- सिर्फ़ माफी से काम नही चलेगा, इसे एक ज़ोर का चाता लगाओ.
और मैं राजा की ओर मूह खोलकर तकने लगी कि वो क्या कह रहे है, और इधर रानी साहिबा ने अपने गाल मेरे सामने रख दिए.
राजा- थप्पड़ मारो, उसे अच्छा लगता है.
और मैने हल्के से रानी के गालो पे एक थप्पड़ मार दिया.
राजा थोड़ा गुस्सा होते हुए बोले- अरे ऐसे नही, एक जोरो का तमाचा मारो इसे.
मैने रानी साहिबा से इज़ाज़त माँगते हुए कहा- क्या मैं मारू ?
उन्होने फिर अपने गाल आगे कर दिए. और इस बार मैंन एक जोरो का थप्पड़ उनके गाल पर रसीद दिया.
रानी साहिबा के गालों पे मुस्कान देख कर हम दोनो की भी हँसी छूट गयी.
फिर रानी साहिबा ने मुझसे कहा- मैं आपको चाट कर सॉफ कर देती हू. और वो मेरे स्तनो को अपने जीभ से चाटने लगी.
इतने मे राजाजी एक तौलिया रानी को दिखाते हुए उनसे कहा- नही, ये तौलिए से सॉफ करो….
और वो तौलिया लेने राजा के पास चली गयी, लेकिन तौलिया राजाजी के हाथ से नीचे गिर गया.
राजा- ओह, तौलिया तो टेबल के नीचे चला गया. क्या तुम उसे उठा दोगि ?
रानी साहिबा टेबल के नीचे घुस गयी और राजा ने हमे इशारे से कहा- देखो इसे अब.
हम दोनो टेबल की दोनो ओर देखने लगे कि वो कहा गयी. इतने मे अनिता ज़ोर से उछली.
राजा- मज़ा आया ना. मेरी वाइफ बहुत अच्छी चरने वाली बकरी है ना ?
जब मैने नीचे झाँक के देखा तो रानी साहिबा अनिता की योनि को चूस रही थी.
राजाजी उसे बोल रहे थे- चूसो उसे, खा जाओ.
रानी की इस करतूत को देखकर तो और भी हँसी आ रही थी.
राजा ने बताया के वो तो शुरू से ही लेज़्बीयन सेक्स पसंद करती है. इसीलिए तो मैने इसे शादी की. पर अब मुझे भी पीना चाहिए.......
और वो मेरी तरफ बढ़ने लगे तो मैने उन्हे अपना ग्लास थमा दिया. तो वो मेरा ग्लास दूर करते हुए बोले- नही, अब मैं सीधे शवर से पियुंगा.
उन्होने मुझे अपनी गोद मे उठाया और बोले- मैं तुम्हारा मूत्र पियुंगा. मैं बहुत प्यासा हू.
उधर रानी साहिबा अनिता के साथ लेज़्बीयन सेक्स कर रही थी.
वो लेट गयी उस की चूत के सामने और अपनी 2 फिंगर से उस की चूत मसल्ने के बाद उस की चूत मे डाल कर हिलाने लगी, अनिता की चूत काफ़ी गीली थी, ओर वो अपनी ज़ुबान उस की चूत के लिप्स पर रख कर चूत की लिप्स चाटने लगी ओर फिंगरिंग भी करती रही .
उन्होने जब उस की चूत के दाने को पकड़ कर डुबया तो अनिता बोली- आह मत कीजिए ऐसे तो मेरी जान निकल जाएगी. उन्होने कहा इसी लिए तो मैं कर रही हू.
फिर उस की चूत का छोटे दाने को चाटने लगी, उन्होने फिंगर निकाल कर उस की चूत को तोड़ा खोला ओर अपनी ज़ुबान उस की चूत मे डाल दी.
ऐसा करने से उसे तेज़ तेज़ चाटने को कहा, तो उन्होने फिर सा 2 फिंगर डाल कर उस की चूत के लिप्स को चाटने लगी ओर चूत के दाने को मसलने लगी.
उन्होने अनिता को बालों से पकड़ कर उसका मूह चूत के बीच मे डाल कर हिलाने लगी तेज़ी से.
कुछ ही देर मे उनकी की चूत से पानी निकल गया जो सीधे अनिता के मूह पर आ गिरा.
इधर राजा ने मुझे अपने बिस्तर पर फेंका और मुझे खड़ा करके मेरी चूत के नीच आ गये और मुझसे कहा – मुतो.
मैने पेशाब की धार सीधे उनकी मूह पे मार दी और वो उसे गाटा-गट पीने लगे और बोले- फ़ौवारे से सीधे मेरे मूह मे. अब मुझे अपनी गान्ड भी दो.
मैं भी उछलते हुए अपनी गान्ड राजाजी को पेश करते हुए बोली- बहुत मज़ा आ रहा है राजाजी आपके महल मे.
राजाजी ने मेरी गान्ड देखते हुए कहा- वाह! क्या गान्ड है. और अपने मूह से थोड़ा से थूक निकालकर मेरी गान्ड मे लगा दिया.
वो लंड को मेरी गान्ड पे रगड़ने लगे मुझे मज़ा आ रहा था.
उन्होने कहा- कैसा लग रहा है?
मैं बोली अभी तो अच्छा लग रहा है. प्ल्ज़, ऐसे ही करते रहिए.
वो कुछ देर लंड को गान्ड पे रगड़ते रहे ऑर थोड़ा और थूक लगा कर मेरी गान्ड पे लंड टीकाया ओर हल्का सा झटका मारा.
क्रमशः............................
एक वेश्या की कहानी compleet
Re: एक वेश्या की कहानी
एक वेश्या की कहानी--11
गतान्क से आगे.......................
दोस्तों पेश है इस कहानी अंतिम पार्ट आपका दोस्त राज शर्मा
मेरे मूह से आअहह की आवाज़ निकली, मैने कहा राजाजी प्ल्ज़ थोड़ा आराम से करो फिर मज़ा आएगा.
वो अपने लंड का टॉप मेरी गान्ड मे डाले हुए थे. मैं बोली एक और धीरे से मारना ओर वो ज़ोर से झटका मारे ऑर अपना आधा लंड मेरी गान्ड मे डाल दिया.
थूक की वजह से मुझे ज़्यादा दर्द ना हुआ पर चिल्लाई ज़रूर.
वो थोड़ी देर ऐसे ही गान्ड मारते रहे ओर फिर एक जोरदार झटका मारा कि पूरा लंड मेरी गान्ड मे चला गया मैं बड़ी ज़ोर से चिल्लाई.
वो मेरे बूब्स मसल्ते रहे इससे मैं बिल्कुल शांत हो चुकी थी अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला ऑर अंदर कर दिया.
मुझे अब भी दर्द हो रहा था लेकिन पहले से कम, वो 2 इंच लंड को बाहर निकालते ऑर फिर अंदर करते.
मैं भी आआअहह की आवाज़ करती. वो 5 मिन्स तक एस ही मेरी गान्ड मारते रहे ओर फिर थोड़ा तेज हुए.
वो बोले - मेरी जान आज तुम्हाइन इतना मज़ा दूँगा कि तुम भूल नही पायोगी अपनी ये चुदाई ओर वो पूरी तेज़ी से गान्ड मारने लगे मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वो पूरी तेज़ी से चोदने लगे 15 मिन्स की चुदाई के बाद हम इकट्ठे ही झड़े उन्होने मेरी गान्ड को अपने वीर्य से भर दिया ओर थोड़ी देर तक मेरे उपेर ही लेटे रहे. मैने राजाजी से पूछा- क्या आपको मज़ा आया ?
राजाजी- मैं गान्ड मरवाने वाली से बात नही करता !
और वो अपने कपड़े ठीक करके चला गया. मैं उसे देखते ही रह गयी और खुद को संभालने लगी.
रानी साहिबा को खुश करके अनिता मेरे पास आई और मुझे देखने लगी और फिर हम दोनो ज़ोर से खिलखिला कर हंस पड़ी.
हम दोनो हँसी के मारे पागल हुए जा रहे थे पर अनिता तो कुछ ज्यदा ही जोरो से हंस रही थी. हम जब महल से बाहर निकले तो हंसते-हंसते अनिता के मूह से खून निकल आया. तब मेरी हँसी एकदम से बंद हो गयी और मैने अनिता से पूछा- तुम ठीक तो हो ना अनिता ?
अनिता अपना मूह पोछते हुए बोली- मुझे नही मालूम…..
शायद बहुत ज़्यादा शराब पीने की वजह से हो रहा है.
उसने अपने आपको ठीक किया और फिर हम दोनो हस्ते हुए वहाँ से निकल पड़े.
दूसरे दिन बहुत ही सुंदर खत मुझे आया. मैं वो खत चाची के सामने ही पढ़ रही थी. मैने उन्हे बताया- ये खत मुझे अमित ने भेजा है.
चाची ने खत को देखा और बोली- बढ़िया…………वो कॉन है ???
मैं- मेरे सपनो का शहज़ादा. मैं उसे देखना चाहती हू. उसे मिलना चाहती हू. उसके साथ रहना चाहती हू. मैं अब ये सब छोड़ना चाहती हू.
चाची- तुम खुद गौर कर लो अपनी कही गयी बातो पर. तुम यहाँ खूब पैसे बना सकती हो.
मैं- मैने बहुत पैसे कमा लिए है. अब इसे छोड़ने की बारी है.
चाची- अब तो हम सबको ये छोड़ना ही है. सरकार अब हमको लीगल नोटीस जारी कर दी है. तुम इस मौके का फ़ायदा उठाओ और यहाँ से चली जाओ. किसी दूसरे शहर चली जाओ. मेरे अच्छे कॉंटॅक्ट्स है मैं तुम्हारी बहुत अच्छी जगह बात चलाती हू.
मैं- मुझे बस इस बात की चिंता है की रॉकी इस बात को लेकर क्या कहेगा!
चाची- तुम उसकी चिंता मत करो, मैं तुम्हारे दल्ले को संभाल लूँगी. मैं अपने दोस्त जो पोलीस मे एस.पी है उसे कह दूँगी, वो उसे अरेस्ट कर लेंगे.
मैं- पर मैं उसे प्यार भी करती हू और हां उन सभी कस्टमर्स को भी जो यहाँ मेरे दीवाने है(मैने वहाँ बैठे सब कस्टमर्स की ओर चिल्लाकर कहा.)और वो सभी खूबसूरत लड़कियों को जो मेरी यहाँ साथी रही है(और एक-एक लड़की को देखकर हाथ हिलाने लगी) फिर मैं एकदम से मूडी और थोड़ा गूंगीं होते हुए बोली और चाची सबसे ज़्यादा आपको.
और चाची भावुक होकर मुझे अपने सीने मे भर ली.
मैं- चाची, मैं आपके लिए क्या कर सकती हू ?
चाची- चलो, आज मैं तुम्हे अपने हाथों से नहलाती हू.
और चाची उठी और घोषणा करते हुए बोली……….नौजवानो….हम बंद कर रहे है.
चलो दौड़ो, भागो यहाँ से…उन्होने एक लड़के को आराम से बैठे देख उसे कहा- क्या तुम बहरे हो या फिर आज चुदाई मे तुम्हारे गोटे दब गये???
तभी उपर से एक लड़की नीचे चिल्लाते हुए आई- अनिता की हालत बहुत खराब है. उसे खून की उल्तियाँ आ रही है.
सारी लड़कियाँ भागकर अनिता के रूम की तरफ चल पड़ी.
चाची- मुझे मालूम का उसका अंत दर्दनाक ही होगा !
चाची उसके बगल मे बैठकर उसको हिलाई पर वो हिली तक नही.
चाची चिल्लाई- डॉक्टर, कोई डॉक्टर को बुलाओ जल्दी….
इतने मे एक कस्टमर जो अंडरवेर मे था दौड़ते हुए कमरे मे घुसा और बोला मैं डॉक्टर हू.
उसने अनिता की बाहें, आँखे , सीना की अच्छी तरह से जाच की और चाची से बोला- अब हमारे हाथों मे कुछ भी नही है, हम कुछ नही कर सकते.
तभी अनिता बोली मेरी आत्मा को आज़ाद करो. भीड़ मे से एक चेहरा सामने आया और बोला- मैं पादरी हू.
चाची उनसे बोली- कुछ कीजिए फादर….और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी. हम सब बाकी लड़कियों की हालत कुछ ऐसी ही थी.
फादर ने अनिता का हाथ अपने हाथों मे लेकर उसे पूछा- क्या तुम्हे किसी बात का पछतावा है चाइल्ड ?
बस एक दबाव है और फिर ये सब ठीक हो जाएगा. और अनिता इस दुनिया से आज़ाद हो गयी……
और मैं डरी-सहमी टब से बाहर निकल कर आ गयी. शायद कुछ दिन बाद ऐसा ही मेरा अंत होना था
दोस्तों ये कहानी आपको कैसी लगी कमेंट जरूर दे आपके कमेंट कि प्रतीक्षा में आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
गतान्क से आगे.......................
दोस्तों पेश है इस कहानी अंतिम पार्ट आपका दोस्त राज शर्मा
मेरे मूह से आअहह की आवाज़ निकली, मैने कहा राजाजी प्ल्ज़ थोड़ा आराम से करो फिर मज़ा आएगा.
वो अपने लंड का टॉप मेरी गान्ड मे डाले हुए थे. मैं बोली एक और धीरे से मारना ओर वो ज़ोर से झटका मारे ऑर अपना आधा लंड मेरी गान्ड मे डाल दिया.
थूक की वजह से मुझे ज़्यादा दर्द ना हुआ पर चिल्लाई ज़रूर.
वो थोड़ी देर ऐसे ही गान्ड मारते रहे ओर फिर एक जोरदार झटका मारा कि पूरा लंड मेरी गान्ड मे चला गया मैं बड़ी ज़ोर से चिल्लाई.
वो मेरे बूब्स मसल्ते रहे इससे मैं बिल्कुल शांत हो चुकी थी अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला ऑर अंदर कर दिया.
मुझे अब भी दर्द हो रहा था लेकिन पहले से कम, वो 2 इंच लंड को बाहर निकालते ऑर फिर अंदर करते.
मैं भी आआअहह की आवाज़ करती. वो 5 मिन्स तक एस ही मेरी गान्ड मारते रहे ओर फिर थोड़ा तेज हुए.
वो बोले - मेरी जान आज तुम्हाइन इतना मज़ा दूँगा कि तुम भूल नही पायोगी अपनी ये चुदाई ओर वो पूरी तेज़ी से गान्ड मारने लगे मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वो पूरी तेज़ी से चोदने लगे 15 मिन्स की चुदाई के बाद हम इकट्ठे ही झड़े उन्होने मेरी गान्ड को अपने वीर्य से भर दिया ओर थोड़ी देर तक मेरे उपेर ही लेटे रहे. मैने राजाजी से पूछा- क्या आपको मज़ा आया ?
राजाजी- मैं गान्ड मरवाने वाली से बात नही करता !
और वो अपने कपड़े ठीक करके चला गया. मैं उसे देखते ही रह गयी और खुद को संभालने लगी.
रानी साहिबा को खुश करके अनिता मेरे पास आई और मुझे देखने लगी और फिर हम दोनो ज़ोर से खिलखिला कर हंस पड़ी.
हम दोनो हँसी के मारे पागल हुए जा रहे थे पर अनिता तो कुछ ज्यदा ही जोरो से हंस रही थी. हम जब महल से बाहर निकले तो हंसते-हंसते अनिता के मूह से खून निकल आया. तब मेरी हँसी एकदम से बंद हो गयी और मैने अनिता से पूछा- तुम ठीक तो हो ना अनिता ?
अनिता अपना मूह पोछते हुए बोली- मुझे नही मालूम…..
शायद बहुत ज़्यादा शराब पीने की वजह से हो रहा है.
उसने अपने आपको ठीक किया और फिर हम दोनो हस्ते हुए वहाँ से निकल पड़े.
दूसरे दिन बहुत ही सुंदर खत मुझे आया. मैं वो खत चाची के सामने ही पढ़ रही थी. मैने उन्हे बताया- ये खत मुझे अमित ने भेजा है.
चाची ने खत को देखा और बोली- बढ़िया…………वो कॉन है ???
मैं- मेरे सपनो का शहज़ादा. मैं उसे देखना चाहती हू. उसे मिलना चाहती हू. उसके साथ रहना चाहती हू. मैं अब ये सब छोड़ना चाहती हू.
चाची- तुम खुद गौर कर लो अपनी कही गयी बातो पर. तुम यहाँ खूब पैसे बना सकती हो.
मैं- मैने बहुत पैसे कमा लिए है. अब इसे छोड़ने की बारी है.
चाची- अब तो हम सबको ये छोड़ना ही है. सरकार अब हमको लीगल नोटीस जारी कर दी है. तुम इस मौके का फ़ायदा उठाओ और यहाँ से चली जाओ. किसी दूसरे शहर चली जाओ. मेरे अच्छे कॉंटॅक्ट्स है मैं तुम्हारी बहुत अच्छी जगह बात चलाती हू.
मैं- मुझे बस इस बात की चिंता है की रॉकी इस बात को लेकर क्या कहेगा!
चाची- तुम उसकी चिंता मत करो, मैं तुम्हारे दल्ले को संभाल लूँगी. मैं अपने दोस्त जो पोलीस मे एस.पी है उसे कह दूँगी, वो उसे अरेस्ट कर लेंगे.
मैं- पर मैं उसे प्यार भी करती हू और हां उन सभी कस्टमर्स को भी जो यहाँ मेरे दीवाने है(मैने वहाँ बैठे सब कस्टमर्स की ओर चिल्लाकर कहा.)और वो सभी खूबसूरत लड़कियों को जो मेरी यहाँ साथी रही है(और एक-एक लड़की को देखकर हाथ हिलाने लगी) फिर मैं एकदम से मूडी और थोड़ा गूंगीं होते हुए बोली और चाची सबसे ज़्यादा आपको.
और चाची भावुक होकर मुझे अपने सीने मे भर ली.
मैं- चाची, मैं आपके लिए क्या कर सकती हू ?
चाची- चलो, आज मैं तुम्हे अपने हाथों से नहलाती हू.
और चाची उठी और घोषणा करते हुए बोली……….नौजवानो….हम बंद कर रहे है.
चलो दौड़ो, भागो यहाँ से…उन्होने एक लड़के को आराम से बैठे देख उसे कहा- क्या तुम बहरे हो या फिर आज चुदाई मे तुम्हारे गोटे दब गये???
तभी उपर से एक लड़की नीचे चिल्लाते हुए आई- अनिता की हालत बहुत खराब है. उसे खून की उल्तियाँ आ रही है.
सारी लड़कियाँ भागकर अनिता के रूम की तरफ चल पड़ी.
चाची- मुझे मालूम का उसका अंत दर्दनाक ही होगा !
चाची उसके बगल मे बैठकर उसको हिलाई पर वो हिली तक नही.
चाची चिल्लाई- डॉक्टर, कोई डॉक्टर को बुलाओ जल्दी….
इतने मे एक कस्टमर जो अंडरवेर मे था दौड़ते हुए कमरे मे घुसा और बोला मैं डॉक्टर हू.
उसने अनिता की बाहें, आँखे , सीना की अच्छी तरह से जाच की और चाची से बोला- अब हमारे हाथों मे कुछ भी नही है, हम कुछ नही कर सकते.
तभी अनिता बोली मेरी आत्मा को आज़ाद करो. भीड़ मे से एक चेहरा सामने आया और बोला- मैं पादरी हू.
चाची उनसे बोली- कुछ कीजिए फादर….और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी. हम सब बाकी लड़कियों की हालत कुछ ऐसी ही थी.
फादर ने अनिता का हाथ अपने हाथों मे लेकर उसे पूछा- क्या तुम्हे किसी बात का पछतावा है चाइल्ड ?
बस एक दबाव है और फिर ये सब ठीक हो जाएगा. और अनिता इस दुनिया से आज़ाद हो गयी……
और मैं डरी-सहमी टब से बाहर निकल कर आ गयी. शायद कुछ दिन बाद ऐसा ही मेरा अंत होना था
दोस्तों ये कहानी आपको कैसी लगी कमेंट जरूर दे आपके कमेंट कि प्रतीक्षा में आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
Re: एक वेश्या की कहानी compleet
Ending is really different from any story read by me