मैने कहा तो उठो उसको बाथ स्टूल पर बैठाया शिवानी की पीठ बाथरूम की दीवार से चिपकी थी उसकी दोनो टाँगे फैला दी और मैं ठीक उसकी चूत के सामने बैठ गया ....
शिवानी की हल्की झांतो वाली चूत बिल्कुल किसी बंद कलिकी तारह चिपकी हुई थी.... मैने उसको किस किया..... तो वो सिहर उठी....उसकी चूत की बंद फांकों को खोलकर पहली बार शिवानी की कुँवारी और रसीली प्यारी गुलाबी चूत के दर्शन किए... उसे मैने जोरो से सूँघा.... और उसकी चूत मे एक उंगली डालने की कोशिश करी तो वो उछल पड़ी दर्द के मारे...
मत... करो.. मनु प्ल्ज़्ज़ दर्द होता है... इस्मै मैने आज तक उंगली भी नही डाली है....... बिल्कुल अनटच है....... एयेए...... मैने ज़बरदस्ती थोड़ी सी उंगली उसकी चूत के छेद मे घुसकर गोल गोल घुमाई और आगे पीछे की शिवानी की चूत बहुत रसीली और टाइट थी.... मैने उसे फिर से अपने मूह मे भर लिया और चूत की लूम्बई मे ख़ासकर पी होल और क्लिट जो की अब अपने पर्दे से बाहर झाँकने लगा था उसको चूसना चालू कर दिया था...
" उ भगवान... यह क्या.. कर दिया मनुव... वाहा मूह नही लगाते..... आआआ... मत करो प्लज़्ज़्ज़ उम्म्म्ममममम बहुत अछा लग रहा है.... एयाया मनुव्व..... मुझे जोरो से पेशाब निकलने वाली है........ " शिवानी ऐसा कहते जा रही थी और मेरा सिर अपने हाथ से और पैरो से अपनी चूत पर दबाते जा रही थी.. मुझे मालूम था की शिवानी झरने के बहुत करीब है......... मैने अपनी जीभ की स्पीड बड़ा दी....
" उईईईई माआ डदीईईववव मेरे पेट मे एतन हो रही हाईईइ आआ माइ हवा मे उड़ी जा रही हू कोई बचाओ मुझीए मेरि पेशाब्ब निकल रही है......... आआ.... उम्म्म्मममम मत करो.... बहुत मज़ा आ रहा है.... उ औरर्र अहाआ -- औरर्र खलूओ .....उउउइई एयाया मूह अहतआऊओ कुछ बाहर आ रहा है उसे आने दो और बड़ी ताक़त से शिवानी ने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मूह अपनी चूत से हटाकर पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया .... पिचह पिचह पिच 4-5 पिचकारी रुक कर मारी जो सीधे मेरी नाक और मूह से टकराई मैं उसका रस अपने मूह से उंगलियों से चाट रहा थाअ....... . शिवानी कॅंप कपा रही थी... यह उसके 23-24 साल के जीवन मे पहली बार हुआ था.... मैने शिवानी की चूत को फिर से चाटना शुरू किया.. शिवानी की कुँवारी नदी का पवित्र जल बहुत ही स्वदिस्त था.... मैने शिवानी की चूत को चाट चाट के पूरी तरह से सॉफ किया.... अब शिवानी की साँसे कुछ कंट्रोल मे हो रही थी पर मेरा लंड अभी तना हुआ था......... .और झरने को बेकाबू हो रहा था... ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था की बिना किसी के हाथ लगाए या चूत मे घुसे लंड झरने को तय्यार था....
मैने शिवानी से कहा " मज़ा आया मेरी जानेमन..... ."
"मुझे नही पता था कि इस्मै इतना मज़ा आता है मैं तो जैसे किसी दूसरी दुनिया मे पहुच गई थी......" जब इस्मै से वो निकला तो बहुत ही गुदगुदी पुर शरीर मे हुई....''''
पर तुम बहुत गंदे हो.... तुम ने वो गंदी चीज़ पूरी क्यों पी ली.....
" अरे जानेमन वोही तो सबसे पवित्र चीज़ होती है" कुछ दिन बाद तुम खुद ही मुझे ऑफर करोगी...... . " मेरे ऐसा कहने से वो शर्मा गई और धत्त.... कहकर अपना मूह हाथों मे छिपा लिया....
मैं खड़ा हुआ और मैने अपना लंड उसके मूह के सामने किया ...... शिवानी आँखे खोलो .....
उसने जैसे ही आँखे खोली तो वो एक दम से जैसे डर गई हो चीखी....
" उईईइ माआ ..... हे भगवान.... .यह कितना मोटा और लंबा है...."
मैने पूछा "कैसा लगा मेरा यह..."
" उम्म्म लव्ली..... पर मेरे को इससे डर लगता है......" शिवानी ने कहा
" अरे काहे का डर जानेमंन सबसे ज़्यादा यही तो मज़ा देता है इसी के पीछे तो इतना लंबा इंतेज़ार हुआ...... छू के देखो..... यह काटता नही है...."
मैने शिवानी का हाथ अपने लंड पर रखा.....
उईईइ मा यह तो बहुत कड़क और गर्म है... मेरी मुट्ठी मे नही आ रहा......
मेरे लंड को हाथ मे पकड़ते है शिवानी की चूत फड़कने लगी वो बार बार फूल और पिचक रही थी.... शिवानी मेरे लंड को पकड़े थी और हिला रही थी....
मैने कहा इसे प्यार करो....
छी यह गंदी चीज़ है इसे सिर्फ़ वही गंदी चीज़ मे इस्तेमाल करते है....
"यह चीज़ क्या होती है इसका और तुम्हारी फो फुदक्ति हुई मुतिया का कुछ नाम भी होता है..."
छी... मुझे नही मालूम मुझे शर्म आती है.... मैने शिवानी को बताया की कैसे इसे मुठियाना है...... शिवानी स्टूल से खड़ी हो गई और मेरे को बैठने के लिए बोलने लगी.... मैं बाथरूम के फर्श पर लेट गया .... और शिवानी से कहा अब इसे प्लज़्ज़्ज़ एक बार प्यार करो... मेरे लंड पर प्री कम लगा हुआ था सो उसने धीरे से चूमा.... मैने कहा ऐसे नही ...यहा आओ और मैने शिवानी को अपने उपर आने को कहा वो आ गई... मैने कहा तुम अपना मूह मेरे लंड की तरफ करो और अपनी गुलाबी चूत मुझे दो.... फिर बता ता हू......
शिवानी पहले तो कुन्मुनाई फिर उसने पोज़िशन लेली शिवानी के घुटने फर्श पर मेरे कंधो के पास थे शिवानी की चूत ठीक मेरे मूह पर थी और उसका मूह मेरे लंड पर.....
मैने शिवानी की चूत को फिर से मूह मे भर लिया और चूत के होंठ अपने होंठो से चबाए और जीब से उसकी पी होल और चूत के होल्व पर ठोकर मारी शिवानी फिर मस्ती मे आनी लगी थी.... साथ ही साथ वो मेरे लंड को मुठिया रही थी.... मैं अब शिवानी की गांद के छेद और चूत के छेद के बीच अपनी जीव घुमाता और चूत और गांद का छेद रॅंडम्ली चाट रहा था... शिवानी की चूत से रस की धारा बह रही थी..... शिवानी से नही रहा गया तो उसने भी मेरा लंड अपने मूह मे ले लिया लेकिन सिर्फ़ सूपड़ा...... और चूसने लगी शिवानी बहुत गरम हो गई थी... मैने अपनी एक उंगली शिवानी की चूत मे घुसेड दी.... और उसके साथ साथ फिंगर फक भी करने लगा...
प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta) compleet
Re: प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta)
मैं झरने के करीब था जब तक उसको बताता शिवानी के मूह मे मैने झड़ना शुरू किया पहली पिचकारी शिवानी के गले मे अंदर चली गई लेकिन उसने मूह हटा लिया था सो बाकी की उसके मूह पर लगी... शिवानी भी साथ साथ झड़ी.... शिवानी को मेरे क्रीम से शुरू शुरू मे घिन आ रही थी... सो उसने कुछ उल्टी जैसे करने की इक्चा करी.. मैने उसको कहा सबर करो सब ठीक हो जाएगा...... . और शवर चालू कर दिया... मैं और शिवानी शवर के नीचे एक दूसरे से चिपके पड़े थे अब शिवानी को पेशाब लगी थी और मुझे भी ... क्योंकि नहाते वक़्त अधिकतर इंसान को पेशाब लगती है सो वो कहती हुई उठी "मैं पेशाब कर लू "
मैने शवर बंद किया और उसे अपने उपेर उखड़ू बैठने को बोला वो बैठ गई..... मैने उसकी गुलकबी चूत की फाँक खोली और पी होल को कुरेदा....
शिवानी का यूरिन ब्लॅडर फूलने और पिचकने लगा और उसी के साथ उसकी गुलाबी बुर से सिटी मारती हुई गरमा गरम मुत मेरे मूह पर गिरी...... फिर मैने शिवानी को पेशाब करते हुए दिखाया हम दोनो नहा कर बदन पोंछ कर नंगे ही बाहर आ गये.......
मैने शिवानी से कहा" डियर कैसा लगा..."
बहुत अछा पहली बार महसूस किया इस्मै इतना मज़ा है पर मेरी सहेलिया बताती है की सेक्स मे बहुत दर्द होता है शुरू मे..."
तुम क्या समझ रही हो यह सेक्स है नही पगली सेक्स तो तब होगा जब मेरा लंड तुम्हारी इस चूत मे घुसेगा.....
ओह!!!! तो घुसाओ..... मेरे राजा.. मेरी चूत अब इंतेज़ार नही कर सकती.....
"हा मेरी रानी.... अभी लो लेकिन इसके लिए तुम्हारी चूत को थोड़ा चौड़ा करना पड़ेगा....."
" जो करना है करो... अब देर मत करो....."
और मैने वसलेने की बॉटल उठाकर अपनी उंगली मे ली और शिवानी की चूत मे भर्दि......
और शिवानी की चूत को फिंगर फक देने लगा ......
शिवानी की चूत बहुत टाइट थी और अंदर से गीली भी उसपर वेसलेन की चिकना हट तब भी उंगली बहुत कसी कसी जा रही थी/...
शिवानी शाइयियी एयाया ... कर रही थी....... मैने शिवानी.. के क्लाइटॉरिस को रगड़ना चालू किया और अपनी उंगली की स्पीड बड़ा दी....... शिवानी बहुत जोरो से अपनी गांद उछाल रही थी..... और बकबका भी रही थी.....
शिवानी जब झदने को तय्यार होने लगी तो मैने उसकी बुर मे दो उंगली कर दी........ शिवानी को दर्द तो हुआ पर वो सहन कर गई.. मेरा लंड शिवानी की बुर मे घुसने को तड़प रहा था... मैने विचार किया ऐसे मे ठोक डू.... पर नमई हम दम के लिए दर्द नही देना चाहता था....
सो मैं फिंगर फक ही चालू रखा शिवानी अपना सिर बेड पर इधर उधर पटक रही थी साथ मे अपने पैर भी चला रही थी और अपने मम्मे खुद की नोच रही थी... तभी ऐसा फव्वारा चला की पूरी चादर गीली हो गई... शिवानी झार गई थी....... और वो शिथिल होकर बेड पर पड़ी थी......
मैं शिवानी के ऊपेर आकर उसके बूब्स को निसाना बनाकर मूठ मार रहा था... और मैं भी थोड़ी देर मे उसके बूब्स पर झार गया और उसके बाजू मे लेट गया .....
थोड़ी देर बाद शिवानी बोली..." यार तुम मेरे को कब करोगे अब सहन नही होता कही मैं किसी और से ना करा लू...."
"मैं अपना कंट्रोल खोते जा रही हू....."
"डियर मैं चाहता हू की तुम्हारी पहली चुदाई किसी दुल्हन की सुहाग रात की तारह हो.... बिल्कुल वैसे जैसे ओर्जिनल मे होती है..." मैने कहा..
" तो उसके लिए क्या करना होगा... " शिवानी ने पूछा ....
"2-4 दिन इंतेज़ार और कुछ इंतज़ाम" मैने कहा.. और उठ कर खड़ा हो गया ..... मैने उससे कहा अब तुम कपड़े पहनो....
अब तक शाम के 7 बज चुके थे....
हम त्यार हुए और शिवानी को लेकर मैं अपने घर आ गया ... घर मे मेरी मम्मी-पापा बाहर गये हुए थे सिर्फ़ मेरी बीबी और मैं बचे थे....
मैने शिवानी को अपने घर मे इसलिए रखा जिससे वो सुरक्चित रहे और सुहागरात का पूरा मज़ा मिल सके....
मेरी वाइफ को भी शिवानी से कोई ऐतराज नही था वो मेरे को उससे शेर करने के लिए राज़ी थी... जिसका मैं ऐएहसानमंद था...
मैने रात मे जब सोने लगे तो अपनी वाइफ से पूछा" तुमको कोई परेशानी तो नही अभी भी बता दो... यदि हुई तो नही करूँगा..."
" मेरे मनुता.... मुझे कोई ऐतराज नही है... यदि तुम मेरे से छिपाते तो ऐतराज होता.. फिर तुम्हारी भावनाए तो पवित्र है..." मुझे ख़ुसी है मेरा पति हर किसी को ख़ुसी दे सकता है"
और उस रात मैने अपनी बीबी से अपने जीवन का सबसे अछा सेक्स किया... यह पूरा नज़ारा शिवानी ने देखा.. खिड़की मे से.. यह शिवानी और मेरी बीबी की साजिस थी.. जिससे शिवानी को पता चल सके की सेक्स क्या होता है सुबह तक हम नंगे सोते रहे सुबा मैं उठकर फटाफट तय्यार हुआ और अपने काम पर निकल गया .. शाम को घर लौटा तो वाहा अनु और अश्विन और सूची भी थी... मुझे सूची का मेरे घर मे होना अखर रहा था सो मैं सभी को हाई करता हुआ अपने कमरे मे चेंज करने चला गया ... वाहा मेरी वाइफ आई तो मैने उससे कहा शिवानी को बुलाओ...
शिवानी आई तो मैने कहा यह सूची को किसने यहा बुलाया...
शिवानी ने कहा की हम सभी की राई थी... उससे क्या प्राब्लम है
" तुम नादान हो तुम्हारी शादी नही हुई है और हो सकता है कि सूची तुम्हारे इस सीक्रॅट का नज़ायद फायडा उठाए..." मैने शिवानी से कहा...
" तुम इसकी चिंता मत करो...." शिवानी बोली और वो बाहर निकल गई..
मेरी वाइफ ने मुझे प्लॅनिंग के बारे मे बताया मैं बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए घुसा...
फ्रेश होकर सीधे नीचे अपने दोस्तों के बीच मे जा बैठा...
अश्विन कह रहा था.." यार मनु तू ने तो रात भाबी जी की हालत खराब कर दी...." उनसे तो आज चला नही जा रहा और जगह जगह निसान भी है...
"तू ने कहा से निशान देख लिए बे...." मैने अश्विन से कहा...
"अरे यार नाराज़ क्यों होता है अनु ने बताया था......" अश्विन बोला
अनु को मैने देखते हुए फ्लाइयिंग किस दिया तो वो शर्मा कर अंदर किचन मे मेरी बीबी और शिवानी के पास भाग गई...
मैने शवर बंद किया और उसे अपने उपेर उखड़ू बैठने को बोला वो बैठ गई..... मैने उसकी गुलकबी चूत की फाँक खोली और पी होल को कुरेदा....
शिवानी का यूरिन ब्लॅडर फूलने और पिचकने लगा और उसी के साथ उसकी गुलाबी बुर से सिटी मारती हुई गरमा गरम मुत मेरे मूह पर गिरी...... फिर मैने शिवानी को पेशाब करते हुए दिखाया हम दोनो नहा कर बदन पोंछ कर नंगे ही बाहर आ गये.......
मैने शिवानी से कहा" डियर कैसा लगा..."
बहुत अछा पहली बार महसूस किया इस्मै इतना मज़ा है पर मेरी सहेलिया बताती है की सेक्स मे बहुत दर्द होता है शुरू मे..."
तुम क्या समझ रही हो यह सेक्स है नही पगली सेक्स तो तब होगा जब मेरा लंड तुम्हारी इस चूत मे घुसेगा.....
ओह!!!! तो घुसाओ..... मेरे राजा.. मेरी चूत अब इंतेज़ार नही कर सकती.....
"हा मेरी रानी.... अभी लो लेकिन इसके लिए तुम्हारी चूत को थोड़ा चौड़ा करना पड़ेगा....."
" जो करना है करो... अब देर मत करो....."
और मैने वसलेने की बॉटल उठाकर अपनी उंगली मे ली और शिवानी की चूत मे भर्दि......
और शिवानी की चूत को फिंगर फक देने लगा ......
शिवानी की चूत बहुत टाइट थी और अंदर से गीली भी उसपर वेसलेन की चिकना हट तब भी उंगली बहुत कसी कसी जा रही थी/...
शिवानी शाइयियी एयाया ... कर रही थी....... मैने शिवानी.. के क्लाइटॉरिस को रगड़ना चालू किया और अपनी उंगली की स्पीड बड़ा दी....... शिवानी बहुत जोरो से अपनी गांद उछाल रही थी..... और बकबका भी रही थी.....
शिवानी जब झदने को तय्यार होने लगी तो मैने उसकी बुर मे दो उंगली कर दी........ शिवानी को दर्द तो हुआ पर वो सहन कर गई.. मेरा लंड शिवानी की बुर मे घुसने को तड़प रहा था... मैने विचार किया ऐसे मे ठोक डू.... पर नमई हम दम के लिए दर्द नही देना चाहता था....
सो मैं फिंगर फक ही चालू रखा शिवानी अपना सिर बेड पर इधर उधर पटक रही थी साथ मे अपने पैर भी चला रही थी और अपने मम्मे खुद की नोच रही थी... तभी ऐसा फव्वारा चला की पूरी चादर गीली हो गई... शिवानी झार गई थी....... और वो शिथिल होकर बेड पर पड़ी थी......
मैं शिवानी के ऊपेर आकर उसके बूब्स को निसाना बनाकर मूठ मार रहा था... और मैं भी थोड़ी देर मे उसके बूब्स पर झार गया और उसके बाजू मे लेट गया .....
थोड़ी देर बाद शिवानी बोली..." यार तुम मेरे को कब करोगे अब सहन नही होता कही मैं किसी और से ना करा लू...."
"मैं अपना कंट्रोल खोते जा रही हू....."
"डियर मैं चाहता हू की तुम्हारी पहली चुदाई किसी दुल्हन की सुहाग रात की तारह हो.... बिल्कुल वैसे जैसे ओर्जिनल मे होती है..." मैने कहा..
" तो उसके लिए क्या करना होगा... " शिवानी ने पूछा ....
"2-4 दिन इंतेज़ार और कुछ इंतज़ाम" मैने कहा.. और उठ कर खड़ा हो गया ..... मैने उससे कहा अब तुम कपड़े पहनो....
अब तक शाम के 7 बज चुके थे....
हम त्यार हुए और शिवानी को लेकर मैं अपने घर आ गया ... घर मे मेरी मम्मी-पापा बाहर गये हुए थे सिर्फ़ मेरी बीबी और मैं बचे थे....
मैने शिवानी को अपने घर मे इसलिए रखा जिससे वो सुरक्चित रहे और सुहागरात का पूरा मज़ा मिल सके....
मेरी वाइफ को भी शिवानी से कोई ऐतराज नही था वो मेरे को उससे शेर करने के लिए राज़ी थी... जिसका मैं ऐएहसानमंद था...
मैने रात मे जब सोने लगे तो अपनी वाइफ से पूछा" तुमको कोई परेशानी तो नही अभी भी बता दो... यदि हुई तो नही करूँगा..."
" मेरे मनुता.... मुझे कोई ऐतराज नही है... यदि तुम मेरे से छिपाते तो ऐतराज होता.. फिर तुम्हारी भावनाए तो पवित्र है..." मुझे ख़ुसी है मेरा पति हर किसी को ख़ुसी दे सकता है"
और उस रात मैने अपनी बीबी से अपने जीवन का सबसे अछा सेक्स किया... यह पूरा नज़ारा शिवानी ने देखा.. खिड़की मे से.. यह शिवानी और मेरी बीबी की साजिस थी.. जिससे शिवानी को पता चल सके की सेक्स क्या होता है सुबह तक हम नंगे सोते रहे सुबा मैं उठकर फटाफट तय्यार हुआ और अपने काम पर निकल गया .. शाम को घर लौटा तो वाहा अनु और अश्विन और सूची भी थी... मुझे सूची का मेरे घर मे होना अखर रहा था सो मैं सभी को हाई करता हुआ अपने कमरे मे चेंज करने चला गया ... वाहा मेरी वाइफ आई तो मैने उससे कहा शिवानी को बुलाओ...
शिवानी आई तो मैने कहा यह सूची को किसने यहा बुलाया...
शिवानी ने कहा की हम सभी की राई थी... उससे क्या प्राब्लम है
" तुम नादान हो तुम्हारी शादी नही हुई है और हो सकता है कि सूची तुम्हारे इस सीक्रॅट का नज़ायद फायडा उठाए..." मैने शिवानी से कहा...
" तुम इसकी चिंता मत करो...." शिवानी बोली और वो बाहर निकल गई..
मेरी वाइफ ने मुझे प्लॅनिंग के बारे मे बताया मैं बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए घुसा...
फ्रेश होकर सीधे नीचे अपने दोस्तों के बीच मे जा बैठा...
अश्विन कह रहा था.." यार मनु तू ने तो रात भाबी जी की हालत खराब कर दी...." उनसे तो आज चला नही जा रहा और जगह जगह निसान भी है...
"तू ने कहा से निशान देख लिए बे...." मैने अश्विन से कहा...
"अरे यार नाराज़ क्यों होता है अनु ने बताया था......" अश्विन बोला
अनु को मैने देखते हुए फ्लाइयिंग किस दिया तो वो शर्मा कर अंदर किचन मे मेरी बीबी और शिवानी के पास भाग गई...
Re: प्यार का रिश्ता (pyaar ka rishta)
" हा यार कल रात 2-3 राउंड ख़तरनाक हो गये..." मैने कहा...
अब हॉल मे नाश्ता और चाइ लेकर सभी आ गये.. और बाते होने लगी....
मैने पूछा बच्चे कहा है तो बोले की उनकी मौसी आई है तो उनको अपने साथ ले गई... 8-10 दिन मे आएँगे....
मैने पूछा क्या प्लॅनिंग हुई'.....
शिवानी शर्मा कर अंदर चली गई..
अनु बोली देखो यह बहुत ही सेन्सिटिव मसला है.. इसलिए हर एक कदम बहुत सोच समझकर उठाना होगा... मैं और भाभी जी शिवि को तय्यार कर रहे है मेंटली और फिज़िकली.. .
क्रमशः.............
अब हॉल मे नाश्ता और चाइ लेकर सभी आ गये.. और बाते होने लगी....
मैने पूछा बच्चे कहा है तो बोले की उनकी मौसी आई है तो उनको अपने साथ ले गई... 8-10 दिन मे आएँगे....
मैने पूछा क्या प्लॅनिंग हुई'.....
शिवानी शर्मा कर अंदर चली गई..
अनु बोली देखो यह बहुत ही सेन्सिटिव मसला है.. इसलिए हर एक कदम बहुत सोच समझकर उठाना होगा... मैं और भाभी जी शिवि को तय्यार कर रहे है मेंटली और फिज़िकली.. .
क्रमशः.............