नशे की सज़ा compleet
Re: नशे की सज़ा
नेहा ने हंसते हुए सलीम से कहा-“तो सर फिर से मूह मे डाल दीजिए……इसका मूह तो आपकी सेवा के लिए हर वक़्त तैय्यार रहता है…….क्यूँ चिकनी मैं ठीक कह रही हूँ…?”
“यस मॅम……..” सलोनी ने बेहद झिझक के साथ कहा.
“क्या एस मॅम.सॉफ सॉफ बोल चिकनी………” नेहा भी उसे कहाँ छोड़ने वाली थी.
सलोनी समझ गयी की उससे नेहा क्या सुनना चाहती है और बेहद संकोच के साथ बोलने लगी-“मॅम………मेरा……मूह………सलीम सर के………लिंग को अपने अंदर लेने के लए हर समय तैय्यार रहता है…..”
“फिर देर किस बात की है…….” नेहा ने सलोनी को हुक्म सुनते हुए कहा-“चलो अपना मूह खोलो और सलीम सर का लिंग पहले तो जीभ से सहला सहला कर बिल्कुल सॉफ करो और फिर उसे अपने मूह मे ले लो ! सलीम सर कोकोई शिकायत नही होनी चाहिए तुमसे वरना जो हाल निशा का हो रहा है,वोही तुम्हारा भी होगा……..समझी ?”
“यस मॅम………समझ गयी.” सलोनी भीगी बिल्ली की तरह बोली और सलीम की टाँगों के बीच मे घुटनो के बल बैठ गयी.
इधर नेहा ने केन से मेरी स्पॅंकिंग शुरू कर दी और मैने गिनती भी शुरू कर दी ताकि एक्सट्रा स्ट्रोक्स कम से कम पड़े.अपनी आवाज़ को भी मैं
दबाकर ही रख रही थी क्यूंकी आवाज़ होने पर भी एक्सट्रा स्ट्रोक्स लगने थे.
मैने सलीम को नेहा से कहते सुना-“सलोनी की पनिशमेंट कुछ देर के लिए रोक देते हैं…………मेरा लिंग इस समय शायद आराम कर रहा है और ……..”
नेहा सलीम की बात को समझ गयी और बोली-“अरे नही सर……..इसकी जीभ जैसे ही आपके लिंग का स्पर्श करेगी वो फिर से जाग उठेगा…….”
इसके बाद नेहा ने सलोनी को भी सख़्त हिदायत दे डाली-“ज़रा सलीम सर की पॅंट की ज़िप खोलो और उसमे से लिंग को बाहर निकालकर वही सब करो जो मैं चाहती हूँ ! दुबारा मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नही पड़नी चाहिए.”
नेहा की इस बात को सुनकर ही सलीम का सोया हुआ लिंग एक बार फिर से टंकार खड़ा हो गया-सलीम को भी अपनी पोवेर का पता चल चुक्का था-इस समय वो भूल चुक्का था कि वो इस हॉस्टिल का एक मामूली सा स्वीपर है जो यहाँ रहने वाले स्टूडेंट्स के कमरों की सफाई का काम करता है-लेकिन इस वक़्त सलीम के कदम मानो ज़मीन पर नही थे.
सलोनी ने जैसे ही अपना हाथ सलीम की पॅंट की ज़िप की तरफ बढ़ाया,सलीम ने उसे रोक दिया और बोला-“हाथ से नही……..इसे अपने मूह से खोलो मेरी जान………”
मेरी स्पॅंकिंग अब तक पूरी हो चुकी थी और नेहा ने मुझे दुबारा से कान पकड़कर खड़ा कर दिया था.नेहा बड़ी ही उत्सुकता से सलोनी और सलीम का गेम देख रही थी जो बेहद रोचक हो चला था.सलोनी बार बार अपने मूह को सलीम की पॅंट की ज़िप के पास ले जाती और उसे अपने मूह से खोलने की कोशिश करती लेकिन उसे कामयाबी नही मिल रही थी क्यूंकी सलीम का लिंग अब तक काफ़ी तन गया था –शायद सलीम और नेहा दोनो ही यह जान गये थे की अब हालत ऐसी हो गयी थी कि ज़िप को मूह से खोल पाना मुमकिन ही नही था.
क्रमशः..................
Re: नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--9
गतान्क से आगे................
सलीम ने ही सलोनी की मुश्किल का हल निकाला और अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर अपने लिंग को उसके होंठों के उपर रखकर बोला-“चल तेरी मुश्किल मैने आसान कर दी. अब ज़रा दुबारा से इसकी खिदमत मे लग जा.”
सलोनी ने बिना किसी देरी के फटाफट अपनी जीभ उसके खड़े लिंग पर फिरानी शुरू कर दी-इसकी वजह से सलीम के लिंग का साइज़ पहले से भी कुछ और ज़्यादा हो गया.
सलीम बहुत ही रिलॅक्स होकर सलोनी की खिदमत का मज़ा ले रहा था.अचानक उसने मेरी तरफ देखते हुए नेहा से कहा-“ नेहा…….यह निशा मॅम बड़ी देर से कान पकड़कर खड़ी हुई हैं…….इन्हे भी कुछ सेवा का मौका दो ना………”
नेहा शायद सलीम का इशारा समझ गयी और उसने साथ की टेबल पर रखे म्यूज़िक सिस्टम की तरफ देखते हुए कहा-“आप ठीक कह रहे हैं सर……निशा बहुत बढ़िया डॅन्सर है…….और बॉलीवुड की सेक्सी से सेक्सी आइटम गर्ल भी इसके सामने कुछ नही है………हमे इसके टॅलेंट का फयडा उठना चाहिए………”
यह कहने के बाद नेहा ने म्यूज़िक सिस्टम चालू कर दिया और उस पर ट्विस्ट सॉंग बजना शुरू हो गया –मेरा बदन भी उस गाने की धुन पर ट्विस्ट करने लगा और सलीम और नेहा दोनो ही मेरे इस सेक्सी डॅन्स का भरपूर मज़ा लेने लगे.
एक के बाद एक तीन गानो पर मुझे आइटम गर्ल की तरह डॅन्स करना पड़ा-तब तक सलोनी के मूह को सलीम ने अपने वीर्य रस से भर डाला था.
सुबह के 4 बजने वाले थे.3-4 घंटे इस मौज़ मस्ती मे कैसे निकल गये इसका अंदाज़ा ना तो नेहा को था और ना ही मुझे और सलोनी को था लेकिन सलीम को इसका पूरा ख़याल था.उसने हम सब की तरफ देखकर कहा-“चलो आज की छुट्टी हुई.अब कल शाम को 11 बजे फिर मिलते हैं……..यहीं पर…….दुबारा से मौज मस्ती शुरू होगी उसके बाद………”
मैं और सलोनी ही नही एक बार तो नेहा भी कन्फ्यूज़ होकर सलीम की तरफ देखने लगी.सलीम ने कन्फ्यूषन डोर करते हुए अपनी शर्ट की पॉकेट से एक पेन निकाला और बोला-“ दरअसल इस पेन ड्राइव मे पिछले 4 घंटे की पूरी की पूरी फिल्म रेकॉर्ड हो चुकी है………इसलिए कोई भी होशियारी नही दिखाएगा और वोही करेगा जो मैं चाहता हून.”
नेहा भला यह मौका कहाँ चूकने वाली थी,एकदम सलीम के पास आ गयी और बोली-“ सिर,आप कहें तो इस पेन ड्राइव को मुझे दे दें…ताकि मैं इसकी द्वड बनवा सकूँ.”
“वो तो ठीक है नेहा………लेकिन तुम्हारे उपर मैं कैसे इतना यकीन कर लून ?” सलीम ने नेहा की तरफ देखा.
नेहा ने सलीम की तरफ देखा और बोली-“यह तो बहुत आसान है…..आप इस द्वड को रख लीजिए…….इसी द्वड के सहारे यह निशा और सलोनी मुझे ब्लॅकमेल कर रहे थे.इसे अब आप रख लीजिए…….जब मैं इस पेन ड्राइव की भी द्वड बानबाकार शाम को वापस करूँ तो आप मुझे इस द्वड को वापस कर देना.”
सलीम ने नेहा के हाथ से द्वड लेते हुए उसे पेन ड्राइव थमा डी और बोला-“यह बात तो समझदारी की है………मैं तब तक अपने कमरे मे द्वड प्लेयर पर तुम्हारी सीडी भी देख लूँगा और तब तक तुम इस पेन ड्राइव से भी द्वड बनवा लाना-आज रात तो फिर उस सीडी को भी देख लेंगे.”
गतान्क से आगे................
सलीम ने ही सलोनी की मुश्किल का हल निकाला और अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर अपने लिंग को उसके होंठों के उपर रखकर बोला-“चल तेरी मुश्किल मैने आसान कर दी. अब ज़रा दुबारा से इसकी खिदमत मे लग जा.”
सलोनी ने बिना किसी देरी के फटाफट अपनी जीभ उसके खड़े लिंग पर फिरानी शुरू कर दी-इसकी वजह से सलीम के लिंग का साइज़ पहले से भी कुछ और ज़्यादा हो गया.
सलीम बहुत ही रिलॅक्स होकर सलोनी की खिदमत का मज़ा ले रहा था.अचानक उसने मेरी तरफ देखते हुए नेहा से कहा-“ नेहा…….यह निशा मॅम बड़ी देर से कान पकड़कर खड़ी हुई हैं…….इन्हे भी कुछ सेवा का मौका दो ना………”
नेहा शायद सलीम का इशारा समझ गयी और उसने साथ की टेबल पर रखे म्यूज़िक सिस्टम की तरफ देखते हुए कहा-“आप ठीक कह रहे हैं सर……निशा बहुत बढ़िया डॅन्सर है…….और बॉलीवुड की सेक्सी से सेक्सी आइटम गर्ल भी इसके सामने कुछ नही है………हमे इसके टॅलेंट का फयडा उठना चाहिए………”
यह कहने के बाद नेहा ने म्यूज़िक सिस्टम चालू कर दिया और उस पर ट्विस्ट सॉंग बजना शुरू हो गया –मेरा बदन भी उस गाने की धुन पर ट्विस्ट करने लगा और सलीम और नेहा दोनो ही मेरे इस सेक्सी डॅन्स का भरपूर मज़ा लेने लगे.
एक के बाद एक तीन गानो पर मुझे आइटम गर्ल की तरह डॅन्स करना पड़ा-तब तक सलोनी के मूह को सलीम ने अपने वीर्य रस से भर डाला था.
सुबह के 4 बजने वाले थे.3-4 घंटे इस मौज़ मस्ती मे कैसे निकल गये इसका अंदाज़ा ना तो नेहा को था और ना ही मुझे और सलोनी को था लेकिन सलीम को इसका पूरा ख़याल था.उसने हम सब की तरफ देखकर कहा-“चलो आज की छुट्टी हुई.अब कल शाम को 11 बजे फिर मिलते हैं……..यहीं पर…….दुबारा से मौज मस्ती शुरू होगी उसके बाद………”
मैं और सलोनी ही नही एक बार तो नेहा भी कन्फ्यूज़ होकर सलीम की तरफ देखने लगी.सलीम ने कन्फ्यूषन डोर करते हुए अपनी शर्ट की पॉकेट से एक पेन निकाला और बोला-“ दरअसल इस पेन ड्राइव मे पिछले 4 घंटे की पूरी की पूरी फिल्म रेकॉर्ड हो चुकी है………इसलिए कोई भी होशियारी नही दिखाएगा और वोही करेगा जो मैं चाहता हून.”
नेहा भला यह मौका कहाँ चूकने वाली थी,एकदम सलीम के पास आ गयी और बोली-“ सिर,आप कहें तो इस पेन ड्राइव को मुझे दे दें…ताकि मैं इसकी द्वड बनवा सकूँ.”
“वो तो ठीक है नेहा………लेकिन तुम्हारे उपर मैं कैसे इतना यकीन कर लून ?” सलीम ने नेहा की तरफ देखा.
नेहा ने सलीम की तरफ देखा और बोली-“यह तो बहुत आसान है…..आप इस द्वड को रख लीजिए…….इसी द्वड के सहारे यह निशा और सलोनी मुझे ब्लॅकमेल कर रहे थे.इसे अब आप रख लीजिए…….जब मैं इस पेन ड्राइव की भी द्वड बानबाकार शाम को वापस करूँ तो आप मुझे इस द्वड को वापस कर देना.”
सलीम ने नेहा के हाथ से द्वड लेते हुए उसे पेन ड्राइव थमा डी और बोला-“यह बात तो समझदारी की है………मैं तब तक अपने कमरे मे द्वड प्लेयर पर तुम्हारी सीडी भी देख लूँगा और तब तक तुम इस पेन ड्राइव से भी द्वड बनवा लाना-आज रात तो फिर उस सीडी को भी देख लेंगे.”
Re: नशे की सज़ा
मैं इस सारी बातचीत को गौर से सुन रही थी और उसके पीछे नेहा की चाल को भी अच्छी तरह समझ गयी थी-नेहा की सिर्फ़ एक ही सीडी हमारे पास थी जिसमे उसकी फिल्म थी-लेकिन उसमे इनस्पेक्टर raj भी था-अगर वो सीडी कहीं लीक होगी तो उसमे इनस्पेक्टर भी एक्सपोज़ होने वाला था.
मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था की घटनाक्रम इतनी तेज़ी के साथ कैसे चल रहा है की सब कुछ नियंत्रण से बाहर सा लग रहा है.
इसके बाद मैने देखा की नेहा और सलीम हम दोनो को कमरे मे ही छोड़कर कमरे से बाहर चले गये-नेहा तो एक तरह से आज़ाद होकर ही जा रही थी क्यूंकी उसकी सीडी अब सलीम के पास थी जिसके बूते पर राज शर्मा और मैं उसे ब्लॅकमेल कर रहे थे.
दोनो के जाने के बाद सलोनी ने मेरी तरफ देखकर कहा-“यार तुम कुछ करो……अपने एसीपी राज शर्मा से कहकर कुछ कारवओ……….हमारी करतूतों की कहानी तो उस पेन ड्राइव मे उस स्वीपर के पास चली गयी और जो नेहा की सीडी तुम राज शर्मा से लेकर आई थी वो उस नेहा की बच्ची ने सलीम को पकड़ाकर हमारे हाथ बिल्कुल खाली कर दिए हैं.एसीपी राज शर्मा को जब यह मालूम पड़ेगा की जिस सीडी मे उनकी और नेहा की फिल्म है…….वो स्वीपर सलीम के पास है तो……………?” कहते कहते सलोनी रुक गयी.
मैने अपने कापरे पहने और सलोनी से भी कापरे पहनने को कहा-“ऐसा करते हैं हम लोग कुछ देर सो लेते हैं…….फ्रेश होकर शायद हमे कोई नया आइडिया आ जाए इस नयी मुसीबत से निकलने का…….”
सनडे होने की वजह से आज सबकी छुट्टी थी. मैं और सलोनी लगभग सुबह के 11 बजे सोकर उठे और फिर से पिछली रात की सारी कहानी हमारे सामने घूमने लगी-कुछ देर बाद ही दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी और मैने डरते हुए दरवाज़ा खोल दिया-सामने एक अंजान सा लड़का खड़ा हुआ था-“कमरे की सफाई करनी है-सलीम साब ने भेजा है…..” कहता हुआ वो कमरे मे आ गया और रोज़ाना जो काम सलीम करता था,वो सब करने लगा.
मैं मन ही मन सोचने लगी की अब स्वीपर सलीम भी सलीम साब हो गया एक ही रात मे और उसने अपना असिस्टेंट भी रख लिया सफाई करने के लिए-जब वो सफाई करके जाने लगा तो उसने मेरी तरफ देखा और बोला-“आप मे से निशा मेम्साब कौन हैं….?”
“मैं ही निशा हूँ…..बोलो क्या बात है……..?” मैने उसकी तरफ देखा.
उसने कहा-“सलीम साब ने आपको अपनी दोस्त के साथ वॉर्डन के ऑफीस मे आज दोफर 2 बजे बुलाया है-कुछ ज़रूरी काम बता रहे थे……” यह कहकर सफइवाला लड़का कमरे से बाहर चला गया –मेरे और सलोनी के चेहरे पर हैरानी,परेशानी और बैचानी और अधिक बढ़ गयी थी.
सलोनी झल्लाकर बोली-“अब यह क्या मुसीबत है-------सलीम क्या अपने आपको सचमुच का वॉर्डन समझने लगा है……उसकी हिम्मत तो देखो…..हमे कैसे ऑर्डर दिलवा रहा है……रात 11 बजे की जगह अब उसे 2 बजे ही हम लोगों की याद आ गयी—लंपट कहीं का…….”
मैने सलोनी को समझाते हुए कहा-“देखो यह वक़्त समझ से काम लेने का है.उसके पास हमारी सारी कहानी पेन ड्राइव मे बंद है-इसके अलावा उसके पास अब नेहा और राज शर्मा वाली सीडी भी है-इस समय गधे को भी बाप बनाने की ज़रूरत है-जैसा सलीम कहता है करना पड़ेगा-इसी मे हम सब की खैर है.”
सलोनी बोली-“ठीक है.अब हमारे पास समय कम ही है-हम लोग जल्दी से फ्रेश होकर लंच कर लेती हैं ताकि 2 बजे से पहले उसके पास हाजिर होने के लिए तैय्यर हो सके.”
ठीक 2 बजे मैं और सलोनी दोनो तैय्यर होकर वॉर्डन के ऑफीस पर पहुँच गयी और धड़कते हुए दिल से दरवाज़े को नॉक किया-दरवाज़ा खोलने के लिए सलीम ही आया और उसने हम दोनो को फटाफट अंदर करके दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया.
इसके बाद वो खुद वॉर्डन की रिवॉल्विंग चेर पर बैठ गया और हम दोनो की तरफ देखकर बोला-“काफ़ी फ्रेश लग रही हो तुम दोनो ! पर कपड़े कुछ ज़्यादा ही पहने हुए हैं-चलो ऐसा करो कि इन्हे अपने बदन से अलग करना शुरू करो.”