जिस्म की प्यास compleet

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raj..
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Re: जिस्म की प्यास

Unread post by raj.. » 15 Oct 2014 16:16

हॉलोमॅन बोला "अब अपनी जाँघो पे रगड़ते हुए इसको उपर की तरफ लेके जाओ और अपनी चूत की तरफ घूमाति रहो...

मगर पैंटी मत उतारना"

शन्नो बिस्तर पे बैठ गई और अपनी नीली नाइटी को अपनी कमर तक उपर कर्दिआ..... फिर धीरे से उस हिलते हुए

लंड को अपनी उल्टी जाँघ पे रखा और उपर की तरफ बढ़ती रही... पहले उसको कुच्छ ख़ास महसूस नही हुआ मगर

जैसी ही वो अपने चूत की तरफ बढ़ी उसे हल्की सी कपकपि आ गयी...

हॉलो मॅन बोला "अब अपनी पैंटी के उपर उसे हिलाती रहो... और फिर अपनी चूत पे"

शन्नो ने ठीक वैसे ही करा. और हल्की सी "आहह" निकल गयी उसके मुँह से.... फिर वो हॉलो मॅन के कहने पर

लंड को चूत पर उपर नीचे करती रही... शन्नो से अब वो नाइटी संभाली नही जा रही थी तो इसलिए उसने उसे

उतार के बिस्तर पे फेंक दिया....

हॉलोमॅन बोला " अब अपने उल्टे हाथ से अपनी पैंटी की सीधी तरफ से पाकड़ो और उल्टी तरफ खीचो ताकि तुम्हारी रेसीली

चूत दिखने लगे.... शन्नो को हॉलोमॅन का एक एक शब्द सॉफ सॉफ सुनाई दे रहा था और उसने ठीक वैसा ही करा

और जैसी ही वो लंड उस खुली चूत पे लगा शन्नो मस्ती में पागल हो गयी....

शन्नो ने हॉलोमॅन से धीरे से पुच्छा "अब??"

हॉलो मॅन को समझ आ गया था कि शन्नो पूरी तरह उसके बातो के जादू में फस चूकि है... उसने अपनी भारी

आवाज़ में बोला "अब अपनी पैंटी को उतार फेंको और उस लंड को अपनी गीली चूत पे चलाती रहो"

शन्नो ने अपनी काली पैंटी को फेंक दिया और जैसे ही उसका उल्टा हाथ फ्री हुआ उसने अपने मम्मो को ब्रा के उपर से ही

दबाना शुरू कर दिया...

शन्नो हवस में डूबी हुई थी ... उसने पूछा "हॉलो मॅन क्या मैं इससे अंदर डाल सकती हूँ"

हॉलो मन ने पूछा किसे "किससे??"

शन्नो बोली "इस लंड को..." हॉलो मॅन बोला "नहीं अभी नही... पहले तुम बिस्तर पे लेट जाओ और अपनी टांगे चौड़ी करो"

शन्नो अपनी टाँगें चौड़ी करके लेट गयी और जैसी ही हॉलो मॅन ने उसे आदेश दिया उसने उस मोटे लंड को अपने अंदर डाला और वो मदहोश हो गयी.... उसकी सिसकिया रुकने का नाम ही नही ले रही थी... हॉलो मन ने कहा " अब इस फोन को अपने बिस्तर के पास में रख दो और दूसरे हाथ से अपनी चुचियाँ से खेलो"

शन्नो हॉलो मॅन की आवाज़ को अपने कानो से दूर नही करना चाहती थी इसलिए उसने उसे स्पीकर पे लगा दिया और

अपनी ब्रा उतारके अपनी चुचियाँ को नौचने लगी....धीरे धीरे वो लंड काफ़ी अंदर तक चला गया था...

हॉलो मॅन ने कहा "अब रूको... लंड को सीधा करो और उसपे बैठो.... "

शन्नो ने वैसे ही करा और जब अपनी चूत को उस लंड में घुसाने लगी तो उससे बेहतर उसने कुच्छ महसूस नही

किया था.... वो लंड फिर से हिलने लगा और शन्नो की चूत के कोने कोने में उसका असर था....

हॉलो मॅन ने बोला "अब अपने दोनो हाथो से अपने नितंब को खीचो...." शन्नो ने अपने दोनो हाथ बढ़ाए और वैसे ही करने लगी... उसके नाख़ून उसकी कोमल त्वचा पे निशान बना रहे थे... वो लंड उसकी चूत के अंदर घुस कर उसे पागल

बना रहा था....

raj..
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Re: जिस्म की प्यास

Unread post by raj.. » 15 Oct 2014 16:17

हॉलो मॅन बोला "अब उस लंड के साथ में एक और छोटा ऐंटीना सा है उसको अपनी गान्ड में घुसाओ"

शन्नो ने अभी तक ऐसा कुच्छ नही करा था और उसे ये करना अच्च्छा भी नही लगता था लेकिन उसने होलॉ मॅन की बात को पूरा माना और उस ऐंटीने को अपनी गान्ड में डाल दिया....

"ओइइ माआ" शन्नो ज़ोर से चिल्लाई... उसके दोनो छेद अब भरे हुए थे और वो मज़े ले रही थी...

ऐसा मज़ा उसे आज तक नही मिला था... अब वो अपने दोनो हाथो से अपने 38डी बड़े गोल मम्मो को मसल रही

थी और फिर अपनी ज़ुबान से अपनी चुचियाँ को चाट रही थी...."

शन्नो को अब ऐसा ही लग रहा था कि एक अंजान इंसान उसकी चूत और गान्ड दोनो मार रहा है और बीच बीच

में उसकी चुचियाँ को चूस रहा है.... वो अपनी आँखें बंद कर के हॉलो मॅन को उसको चोद्ते हुए देखने की कोशिश कर रही थी और फिर वो ज़ोर से चिल्लाई और उसकी चूत ने सारा पानी बिस्तर पे निकाल दिया....

हॉलो मॅन ने भारी साँस लेकर कहा "अब मेरे लंड को बिल्कुल सॉफ करदो" तो शन्नो अभी मदहोश हुई अपनी

आँखें बंद करके हॉलो मॅन के लंड को महसूस कर रही.... उसने वो लंड अपनी चूत से निकाला और

उसको चाटकार उसके उपर लगा पानी सारा चाट लिया"

फोन कट हो गया और शन्नो अभी भी बिस्तर पे नंगी लेटी रही.... इतने समय के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ा था... कुच्छ देर तक वो इसी एहसास को महसूस करती रही....

वक़्त बीतता गया और उसके साथ साथ शन्नो की जिस्म की प्यास बढ़ती गयी.... वो पूरी सुबह हॉलो मॅन के

कॉल का बेसब्री से इंतजार करती रही और जब भी वो उसे कॉल करता तो जो भी जैसा भी वो उसे करने को कहता

वो बिना कुच्छ कहे वो कर देती.... कभी वो किचन में अपनी चूत की प्यास उस लंड से भुजाति तो कभी टाय्लेट में.... हॉलो मॅन ने शन्नो के लिए एक अडल्ट मूवी भी भेजी थी जिसमें एक 40 साल की औरत को कयि लड़के मिलके

चोद रहे थे... उस वीडियो को देख देख कर शन्नो ने अपनी चूत को शांत किया और फिर उसकी गान्ड की प्यास

भुजाने के लिए हॉलो मॅन उसे एक और लंड तोफ़े में दिया जोकि पिच्छले वाला से थोड़ा पतला था...

अब तो असर इतना गहरा था कि शन्नो रात में भी हॉलो मॅन की आवाज़ को महसूस करके अपने आप को खुश करने की कोशिश करती थी...

मगर ललिता ने अपने आप पर काबू कर लिया था... उसे पता था कि हर जगह मुँह मारने लगेगी तो कोई भी उसे

कहीं का भी नही छोड़ेगा.... वो सही इंसान और मौके की तलाश में थी...

अगले ही दिन दोपहर की ट्रेन से डॉली दिल्ली आने वाली थी थी जिस खबर से सबसे ज़्यादा खुशी चेतन को हो रही थी...

वो अब और डॉली का इंतजार नही कर सकता था... शन्नो को खुशी के साथ साथ परेशानी भी थी और

वो इस बात की थी कि जब डॉली आजाएगी तो पूरे वक़्त वो घर पे रहा करेगी तो फिर हॉलो मॅन से वो बात कैसे करेगी??

raj..
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Re: जिस्म की प्यास

Unread post by raj.. » 15 Oct 2014 16:18

डॉली की दिल्ली जाने वाली बात राज को पता थी मगर फिर भी उसने दिखावा करने के लिए डॉली से बात

तक नहीं कहीं.. डॉली मगर उससे मिलने के लिए बेताब थी.. वो जाने से पहले उससे मिलना चाहती थी इसलिए

उसने राज को कॉल करके मनाया और आज रात मिलने का प्लान बनाया. जब रात आई तो पहले की तरह ही

राज डॉली का इंतजार उसके घर के बाहर अपनी गाड़ी में कर रहा था.. डॉली जब गाड़ी में बैठी तो

राज ने देखा कि डॉली ने वोई कपड़े पहने है जिसमें वो उसे स्कूल में आखरी बार मिला था.

एक अजीब सी कशिश थी डॉली की आँखों मे जिसको देख कर राज उसकी ओर खीचा चला जा रहा था....

उसे लग रहा था कि आज रात शायद डॉली उसे अपना सब कुच्छ दे देगी.... कुच्छ बातें करने के बाद

राज ने मज़ाक में पूछा "क्या आज इस स्कर्ट के नीचे कुच्छ पहना भी है क्या??"

डॉली ये सुनके हंस पड़ी और उसको देख कर बोली "खुद देखलो"

राज बोला "अच्छा जब मैं आगे बढ़ुंगा तब तुम मुझे रोक दोगि. डॉली ने बोला "तुम रुकोगे क्या" राज ने

तभी गाड़ी एक सुनसान पुल के नीचे रोक दी और डॉली को देख कर मुस्कुराने लगा. राज ने अपना

हाथ बढ़ाया और डॉली बचने की कोशिश करती रही. डॉली की पीठ गाड़ी के शीशे से चुपकी हुई थी और

उसके हाथ स्तनो की तरफ थे जैसे कि वो उन्हे ढकने की कोशिश कर रही हो.... राज ने अपना एक हाथ

बढ़ाया और डॉली के दोनो हाथ को पकड़ा और दूसरे हाथ से स्कर्ट को उपर की तरफ उठा दिया.

डॉली की जांघें दिखने लगी तो डॉली ने अपनी टाँगें ज़ोर ज़ोर से हिलाई ताकि उसकी स्कर्ट नीचे हो जाए और

वैसा ही हुआ.... राज ने बड़ी बहरहमी से डॉली को स्कर्ट उपर करा और तब उसे डॉली की चूत एक सफेद रंग

की पैंटी से धकि हुई दिखी. राज ये देख कर अपनी जीत मनाने लगा. मस्ती में डॉली ने राज के

हाथ पे नाख़ून गढ़ा दिया और दर्द के मारे राज ने डॉली के हाथ को छोड़ दिया....

मगर राज ने अपनी पूरी ताक़त से डॉली के हाथ उपर उठाते हुए जाकड़ लिया... डॉली के दोनो हाथ

राज के हाथो की गिरफ़्त में थे जोकि गाड़ी की छत को च्छू रहे थे..... डॉली के चेहरे पर घबराहट थी

मगर उसकी आँखें चेतन की आँखों को घूर रही थी.... डॉली ने अब अपना हाथ छुड़ाने

की कोशिश भी नहीं की. राज डॉली के करीब बढ़ा और पास आते आते रुक गया. दोनो के होंठो के बीच

कुच्छ ही फासला था... दोनो एक दूसरे की तेज़ तेज़ साँसें महसूस कर पा रहे थे....

डॉली ने हल्के से बोला "मैं तुम्हे आज ये तौफा देना चाहती हूँ राज.." डॉली आइ लव यू कहकर रुक गयी और

फिर राज के होंठो को चूम लिया. राज ने डॉली के हाथो को छोड़कर उसके गालो प्यार से चुआ

और डॉली ने अपने हाथ राज की गर्दन पे रख दिए. डॉली ने आँखें बंद नहीं करी और वो राज को

देखती ही रही. चूमते चूमते राज के हाथ डॉली के स्तनो की तरफ बड़े और वो उन्हें दबाने लगा....

फिर अगले ही समय उसने टॉप के अंदर अपने हाथो को डाला और डॉली की गरम पेट को छुने लगा...

राज ने फिर डॉली के पर्पल टॉप को उतार दिया. एसी की ठंडी हवा डॉली के मम्मो पे लग रही थी जोकि

अभी भी सफेद ब्रा में छुपे हुए थे मगर उसकी चुचे इतने सख़्त हो गये थे कि ब्रा

में पता चल रहे थे...... उसको राज पे अब पूरा भरोसा और प्यार था और अब डॉली भी उस प्यार

को महसूस करना चाहती थी. राज ने ब्रा के हुक्स को भी खोल दिया और उसकी ब्रा उसकी गोद में जा गिरी.

डॉली के मम्मो को देख कर तो वो बस उनमें खो गया. आहिस्ते से उनके चूमने और चूसने लगा.

डॉली ने अब अपनी आखें बंद करली थी और ये देख कर राज ने उसको वापस होंठो पे चूमा और आखें

खोलने को कहा. डॉली की आखों में से एक आँसू टपकते देख राज रुक गया मगर डॉली

ने उसको रुकने नहीं दिया. डॉली ने हाथ बढ़ाया और राज की जीन्स और अंडरवेर को उतार दिया.

राज का लंड एक साधारण हिन्दुस्तानी के जितना बड़ा था. डॉली ने उसको चूसना शुरू करा. धीरे धीरे उसको

चुस्ती रही. राज उस वजह से पागल हो गया था. डॉली लंड को चूस्ते हुए भी इतनी प्यारी लग रही थी.

फिर राज ने डॉली को अपने लंड से दूर करा और फिर उसने अपनी मनोकामना पूरी करी. उसने डॉली की सफेद स्कर्ट

को झटके से नीचे उतार दिया.... राज ने फिर पैंटी उतारनी चाही मगर डॉली ने उसको रोक दिया....

क्रमशः……………………….


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