हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by rajaarkey » 02 Nov 2014 15:54

रीना मस्ती से झूम उठी. "बहुत अच्छे शेरू, मेरी चूत को चूस लो, उसका पानी पी लो, बहुत प्यासी है, अपनी जबान से उसको चोदो, दांतों से काटो मेरे राजा, धीरे धीरे कमल की गांड में अपना लंड पेलना शुरू करो"

मैंने धीरे धीरे अपना पूरा लंड कमल की गांड से बाहर निकाला और फ़िर पेल दिया. कमल चिल्लाई "हाय राजा धीरे धीरे करो, दर्द हो रहा है, प्यार से चोदो"

रीना अब खुद ही अपनी बड़ी बड़ी चूचियां अपने ही हाथों से दबा रही थी. "कमल तू अब जैसे मैंने कहा वैसे गांड चुदवा, तुझे बहुत मज़ा आयेगा"

अब मैं आराम से अपना मोटा लंड मामी की गांड में अंदर बाहर कर रहा था. उसकी मक्खन जैसी कोमल मुलायम गांड में मेरा लंड बड़े प्यार से चल रहा था. साथ साथ मैं रीना की रसीली चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था. कमल ने भी रोना बंद कर दिया था और अपना गुदा ढीला कर के खोल के वह भी खुशी से मरवा रही थी. "हां, मेरी रानी ऐसे ही गांड फैला कर मज़ा लो, बोलो अब कैसा लग रहा है" मैंने कमल से पूछा.

कमल बोली "अब दर्द कुछ कम हो रहा है, लेकिन धीरे धीरे धक्का मारो मेरे राजा, पहली बार चुदवा रही हूं, फिर तुम्हारा लौड़ा भी तो घोड़े के लंड की तरह मोटा है, चूत तक तो फट जाती है, फिर गांड की क्या बात, छोटा सा छेद है मेरी गांड का"

रीना बोली "मेरी जान आज गांड चुदाने के बाद तू अब हमेशा शेरू का लंड गांड मे लेने को तैयार रहेगी. शेरू मेरी चूत को तू चबा डाल, खूब दांत से काट कर चोद"

मैने रीना की बुर के पपोटे चबाने शुरू कर दिये. रीना मस्ती में चहकने लगी. कमल अब रीना के सिखाये अनुसार अपनी गांड सिकोड़ और फ़ैला रही थी. मेरे लंड को इससे बहुत सुख मिल रहा था. मैंने जोर जोर से उसकी गांड मारना चालू कर दिया "मामी अब कैसा लग रहा है, दर्द तो नहीं हो रहा है"

"अब दर्द कम हो गया है, लेकिन धीरे धीरे ही धक्के मारो, पहली बार चुदवा रही हूं गांड, रीना तो गांडू है, गांड मराने में एक्सपर्ट है, वह तो तुम्हारा पूरा लंड गपा गप खा लेती है आसानी से"

रीना नकली गुस्से से मेरे मुंह को चोदते हुए बोली "साली पूरा लौड़ा गपा गप खा रही है और मुझे बदनाम करती है, खूब चोद शेरू तू इसकी गांड को अपने मूसल से फाड डाल."

रीन अब झड़ने को थी. उसकी चूत में से रस उबल उबल कर बह रहा था. मेरा लंड अब सटा सट मामी की चिकनी गांड में अन्दर बाहर हो रहा था और वह भी बड़े आनंद से गांड मरा रही थी. "हां राजा अब अच्छा लग रहा है, सच गांड मराने मे तो मज़ा आता है, खूब चोद लो मेरी जान"

रीना अब मस्ती में डूबकर बोली "हाय राजा मेरी चूत का पानी निकलनेवाला है, खूब चूस लो, पूरा रस पी लो, जबान से खूब चोदो, अपने हाथों से फैला कर, हाय मैं गई, गई, ऊऊओः, आआअः, सीईईई, खाले मेरी चूत को, साले, गांडू, मादरचोद, तेरी गांड को अपनी चूचियों से चोदूं" ऐसी गंदी बातें करती हुई रीना झड़ गयी. मैंने उसकी चूत के पपोटे खोलकर सारा रस पी लिया.

रीना अब हांफ़ते हुए कमला के बाजू में लेटी थी. मैं हचक हचक कर मामी की गांड मार रहा था. वह अब अपनी गांड की पेशियों से कस के मेरा लंड पकड़े हुए थी. "आः, आः, आः, अच्छा लग रहा है, मज़ा आ रहा है, मेरी चूत भी पानी छोड़ रही है, प्यारे बड़े मस्त चुदक्कड़ हो, गांड चोदने में माहिर हो, बहुत प्यार से चोद रहे हो, रीना ने तुम्हे एक्सपर्ट बना दिया है"

रीना बोली "कमल रानी तेरी गांड की आग तो शेरू का लंड बुझा देगा, चूत की आग तू कहे तो मैं चूस कर बुझा दूं"

"यह कैसे होगा मेरी जान" कमल ने मराते मराते पूछा.

रीना ने कहा "तू ऐसा कर, आकर अपनी चूत मेरे मुंह पर दे दे, मैं नीचे से उसे चूसकर खलास कर दूंगी, पीछेसे शेर तेरी गांड चोदता रहेगा"

मैं भी बोला "हां मेरी जान तेरा आइडिया अच्छा है, कमल की चूत की प्यास भी बुझ जायेगी, मेरा लंड भी अब झड़नेवाला है".

मैंने कुछ देर के लिये अपना लंड कमल की गांड से निकाल लिया. वह फुक्क की मस्त आवाज से निकल आया. मेरा सुपाड़ा अब बड़े लाल टमाटर जैसा सूजा था.

कमल बोली "रीना तेरे पास भी चुदाई के खूब आइडिया रहते हैं" वह रीना के मुंह पर बैठ गयी और चूत उसके होंठों पर रगड़ने लगी. रीना कमल की रिसती चूत चाटने लगी. दो औरतों की यह कामक्रीड़ा देख मुझे बड़ा मजा आया. कमल की गांड खुली थी और छेद बड़ा हो गया था. वह उचक उचक कर अपनी चूत अपनी सहेली के मुंह पर रगड़ रही थी.

रीना ने उसके मोटे गोल गोल चूतड़ अपने हाथों मे पकड़े और खींच कर अलग किये. "शेरू आजा, पेल दे अपना मूसल अपनी मामी की कसी गांड में, फाड दे इसकी गांड, सूखा लंड ही खोंस दे इसकी गांड मे"

"नहीं, शेरू तुम्हे मेरी कसम, क्रीम लगा कर ही डालना, मर जाऊंगी" मामी चिल्लाई.

मैने उसकी बात मान ली और लंड पर खूब क्रीम लगाई. फ़िर सुपाड़े को गांड के छेद पर रख कर ऐसा जोर से घुसेड़ा कि एक ही बार में पूरा लंड कच्च से उसके चूतड़ों के बीच समा गया.

मामी चीख उठी "हाय , मर गयी राजा". मैंने अब उसे मस्त हचक हचक कर गांड चोदना शुरू किया. रीना नीचे से उसकी बुर चूस रही थी. इतना मजा आया जैसे कि हम सब स्वर्ग में हों. मैंने आधा घंटे तक मामी की मारी और फ़िर झड़ गया. उधर कमल मामी भी रीना के मुंह में झड़ गयी और उसे अपनी बुर का पानी पिलाया.

अब तो कमल मामी रोज मुझसे गांड मरवाती है.

--- समाप्त ---

rajaarkey
Platinum Member
Posts: 3125
Joined: 10 Oct 2014 10:09

Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by rajaarkey » 05 Nov 2014 09:59

स्वामी जी का "लन्ड"
शहर से करीब २५/३० किलोमीटर दूर एक छोटा सा आश्रम उसमे रहते थे स्वामी लंडेस्वर महाराज । लंडेश्वर का प्रवचन बहुत मशहूर था । उनको सुनंने के लिए दूर दूर से लोग आते थे । स्वामी लंडेश्वर सफ़ेद धोती पहनते थे और ऊपर से सफ़ेद गमछा ओढ़ लेते थे । उनका बदन सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं पड़ता था । बाल एकदम सफ़ेद हो चुके थे । लेकिन वे दाढ़ी और मूछ नहीं रखते थे । गोरा गठीला बदन, कसरती बदन था उनका जो की बड़ा ही मन मोहक और आकर्षक था । उनकी उम्र केवल ४५ साल की थी । उनकी ओजश्वयी वाणी सबका मन मोह लेती थी । भाषा सार गर्भित एवं तर्क पूर्ण होती थी । वे किसी भी सवाल का जबाब देने में समर्थ थे । धीरे धीरे उनकी ख्याति बढती गयी । लोग उन्हें सुनने के लिए और उनके दर्शन करने के लिए आने लगे । भीड़ बढती ही जा रही थी । मैंने देखा की भीड़ में महिलाएं ज्यादा थी । लड़कियां ज्यादा होती थी या फिर शादी शुदा औरतें । उनकी संख्या दिन पर दिन बढती जा रही थी । तब मैंने इसके रहस्य का पता लगाना शुरू किया ।
मुझे विशिष्ट सूत्रों से पता चला की लड़कियों की या शादी शुदा महिलायों की भीड़ का कारण क्या है ?
पहला कारण :- लड़कियों के बीच में यह धारणा बन चुकी है की जो लड़की स्वामी जी का "महा प्रसाद"एक बार चख लेती है उसकी शादी एक साल के अन्दर हो जाती है ।
दूसरा कारण :- जो शादी शुदा औरत स्वामी जी का "महा प्रसाद" एक बार चख लेती है उसकी संतान एक साल के अन्दर हो जाती है ।
बस, स्वामी जी का महा प्रसाद पाने के लिए लड़कियों की और शादीशुदा औरतों की भीड़ बढती जा रही है । अब सवाल इस बात का था की स्वामी जी के महा प्रसाद को कैसे प्राप्त की जाये ? मुझे पता चला की उनके नजदीक दो खास लड़कियां है । एक तो पूजा और दूसरी माला । इन दो लड़कियों के द्वारा ही महा प्रसाद मिल सकता है । मुझे यह भी मालूम हुआ की स्वामी जी के कुछ खास चेले भी है । कुछ चेले उनके साथ स्वामी के भेष में रहते है और कुछ छुपे हुए रहते है । मगर दोनों जगह के चेले बहुत ही स्मार्ट है । खूबसूरत है । लड़कियों के शौक़ीन है । और लड़कियां भी उनकी और आकर्षित होती है । वे किसी के साथ कोई जोर जबर दस्ती नहीं करते है । बहुत मीठा बोलते है । मीठा व्यवहार करते है । जहाँ तक हो सकता है सबकी सहायता करते है । किसी का किसी भी तरह नुकसान नहीं करते । उन दो लड़कियों के अलावा कुछ चेलियाँ भी है । बड़ी बिंदास चेलियाँ, निहायत खूबसूरत चेलियाँ, मीठा बोलने वाली चेलियाँ और सब कुछ करने को तैयार चेलियाँ ।
मैं किसी तरह माला से मिला और फिर माला की सहायता से पूजा से भी मिला । मैंने धीरे धीरे उनके नजदीक जाने का प्रयास किया और सफल भी हुआ । मैं धीरे धीरे सब कुछ जान लेना चाहता था । एक दिन मैं माला के साथ बैठा था । शाम का समय था । उस दिन माला को आश्रम में नहीं जाना था । मैं जब उसके नजदीक गया तो मालूम नहा की माला नशे में थी ।
मैंने माला से पूंछा :- आप मुझे एक बात बताईये की स्वामी जी के " महा प्रसाद" में क्या है ? कौन सा ऐसा प्रसाद है जो केवल लड़कियों को या फिर औरतों को ही मिल सकता है ? मर्दों को नहीं ?
माला बोली :- देखो ये बात गोपनीय है मैं नहीं बता सकती ?
तब तक पूजा भी वहां आ गयी । मैंने उसे भी नशे में पाया । खैर मैंने वही सवाल पूजा से किया तो
पूजा बोली :- जबाब है लेकिन मैं दे नहीं सकती ? आपको बता नहीं सकती ?
मैंने कहा :- अच्छा ये बताओ की क्या कोई उपाय है की मैं इसे जान सकूं ?
पूजा बोली :- हां है । एक उपाय है । आप हमारे सदस्य बन जाईये ।
मैंने कहा :- ठीक है मैं बन जाता हूँ। आप बताईये मुझे क्या करना होगा ?
पूजा बोली :- तो तुम पहले अपना "लन्ड" दिखाओ ? फिर बताऊंगी ।
फिर माला बोली :- हां मैं पहले तुम्हारा "लन्ड" पकड़ कर देखूँगी । उसकी जांच करूंगी । उसकी परीक्षा लूंगी और अगर पास हो गया तुम्हारा "लन्ड" तो मैं तुमको अपना सदस्य बना लूंगी । जब तुम सदस्य बन जाओगे तब मैं तुमको रहस्य बताऊंगी ।
मैंने पूंछा :- कौन सा इम्तहान पास करना होगा मेरे लन्ड को ?
माला बोली :- मैं पहले देखूँगी की तुम्हारा लौडा कितना लम्बा है ? कितना मोटा है ? सुपाडा कितना बड़ा है ? खड़ा कैसे होता है ? खड़ा होने पर लन्ड किस तरह का दिखता है ? लन्ड की झांटे है की नहीं ? है तो कैसी लगती है झांटे ? वैसे घनी घनी झांट वाले लन्ड चल जाते है ।
पूजा बोली :- फिर यह भी देखूँगी की लन्ड चाटने में कैसा लगता है ? चूसने में इसका स्वाद कैसा है ? चोदने में कितना मजबूत है ? कितना सख्त है ? क्या क्या चोद लेता है ? आगे से चोदने में कैसा है और पीछे से चोदने में कैसा है ? गाँड मार लेता है की नहीं । कितनी देर तक चोदता है ? झड़ने पर लन्ड की मलाई कैसे निकलती है ? कितनी मात्र में निकलती है ? उसका स्वाद कैसा होता है ?
माला बोली :- फिर यह भी देखूँगी की तुम चूंचियां कैसे पकड़ते हो ? चूंचियों को कैसे मस्त करते हो ? कैसे चूमते हो ? चूसते हो ? चूत कैसे चाटते हो ? चूत कैसे सहलाते हो ? चूतडों पर हाथ कैसे फेरते हो ?
मैंने कहा :- अरे बाप रे बाप ? इतना बड़ा इम्तहान ? मेरा बिचारा एक लन्ड कैसे ये सब कर पायेगा ?
माला बोली :- ये तो मैं लन्ड पकड़ कर बता दूँगी की तेरा लन्ड कर पायेगा की नहीं ?
मैंने कहा :- ठीक है । मैं तैयार हूँ । लेकिन पहले मुझे ये बताओ की मेम्बर होने के लिए लन्ड की क्या जरुरत है ? माला बोली :- अरे य़ार, इस आश्रम में लन्ड का ही तो सब काम है । जिसका लन्ड अच्छा होता है वही चेला बन सकता है । वही लड़कियों / औरतों को खुश कर सकता है । यहाँ पर जितनी चेलियाँ है वे सब लन्ड की शौक़ीन है । लन्ड के लिए यहाँ भी रहती है और बाहर भी जाती है । चेले आश्रम में लड़कियां चोदते है । औरतें चोदते है । वे जब संतुष्ट हो जाती है तो बार बार आती है और अपनी सहेलियों को भी लाती है । अब स्वामी जी को लीजिये ? अपने लन्ड की बदौलत ही वे हम सब के स्वामी बने है । उनके लन्ड के बराबर किसी का लन्ड नहीं है ।
मैंने पूंछा :- अच्छा ये बड़ा प्रसाद क्या है ?
पूजा :- स्वामी जी के लन्ड का वीर्य है महा प्रसाद । वास्तव में स्वामी जी को चूत चोदने से ज्यादा मज़ा सड़का लगवाने में आता है । लड़कियों से / औरतों से मुठ्ठ मरवाने आता है । उन्हें नंगी लड़कियां बहुत अच्छी लगती है । इसीलिए वो नंगी लड़कियों से ही सड़का लगवाते है ।अधिक से अधिक लड़कियां स्वामी जी का लन्ड पकडे और मुठ्ठ मारे इसलिए यह कहा गया की जो लड़की स्वामी का महा प्रसाद लेगी उसकी एक साल के अन्दर शादी हो जाएगी या फिर संतान हो जाएगी । अब आप देखिये की लड़कियों की कितनी लम्बी लाईन है ? हां जब कभी किसी को चोदने मन होता है तो चोद लेते है स्वामी जी ।
अब मेरे मन की सारी शंकाएं दूर हो गयी ।
मैंने कहा :- अच्छा पूजा और माला आप दोनों नंगी हो जाईये पहले फिर मुझे नंगा कर दीजिये । मेरा लन्ड पकड़ लीजिये और फिर जी भर लन्ड का इम्तहान लीजिये । दोनों शराब के नशे चूर थी । दोनों बड़ी बेशर्मी से नंगी हो गयी । उनकी बड़ी बड़ी चूंचियां और चूतड देख कर मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने जसे ही मुझे नंगा किया, मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने लन्ड एकसाथ पकड़ा और बड़ी देर तक देखती रही ।
पूजा बोली :- हाय रे माला, लगता है की इसका लन्ड स्वामी जी के लन्ड के बराबर है ?
माला ने जबाब दिया :- हां, स्वामी के लन्ड की लम्बाई ९" है और चौड़ाई ५" है । और इसके लन्ड की लम्बाई चौड़ाई इससे कम नहीं होगी ।
पूजा :- तो आज मिला है स्वामी के लन्ड को टक्कर देने वाला लन्ड ? मैं ज़रा इसे चूस लूं चाट लूं फिर बताती हूँ। मुझे तो उस लन्ड से यह लन्ड ज्यादा पसंद आ रहा है ।
माला :- चलो आज हम दोनों खूब चुदवायेंगी पहले फिर स्वामी जी को इस लन्ड के बारे में बताऊंगी । उस दिन मैंने जम कर दोनों को मजे से चोदा ।
चोदने के बाद मैं रात में वहीँ रुक गया । सवेरे जब मेरी नींद खुली तो मेरा लन्ड खड़ा था । सवेरे का लन्ड बड़ा मस्त होता है । मेरे खड़े लन्ड को पूजा ने देख लिया । उसने लपक कर लन्ड पकड़ लिया । अब मेरा लौडा और मस्ता गया । हिनहिनाने लगा जोश में । इतने में नंगी नंगी माला भी आ गयी । उसने भी लौडा सहलाया । अब तो लन्ड टन्ना कर कुतुबमीनार हो गया । माला ने मेरा लन्ड पकड़ा और सीधे स्वामी लंडेश्वर के पास ले गयी । उधर स्वामी का भी लौडा खड़ा था । पूजा ने स्वामी का लन्ड पकड़ लिया और बोली अरे दोनों लन्ड बहन चोद एक जैसे ही दिख रहे है । दोनों की लम्बाई और चौड़ाई एक जैसी लग रही है
माला :- स्वामी जी तेरे लन्ड के बराबर एक लन्ड मिल गया है । देखो तो कितना मस्त है इसका लौडा ?
स्वामी :- हां मैं इसका लन्ड देख रहा हूँ । मैं आज से ही इसको अपने ग्रुप में सामिल करता हूँ। इसका लन्ड भी स्वामी का लन्ड कहलायेगा । इसके लन्ड का वीर्य भी महा प्रसाद के नाम से जाना जायेगा । अभी यहाँ से लड़कियों को दो बार प्रसाद मिलता था लेकिन आज से चार बार मिलेगा । अब जब हमारे लड़कियां नंगी होकर हम दोनों के लन्ड पकडेगीं और सडका मारेंगी तो बड़ा मज़ा आएगा । उसके बाद माला ने स्वामी से चुदवाया और पूजा ने मुझसे । फिर थोड़ी देर में माला ने मेरा लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ा और पूजा ने स्वामी का लन्ड ।
मेरे सामिल होने के बाद तो तहलका मच गया ।
उसके बाद मैंने देखा की ह़र रात को एक से एक खूबसूरत लड़कियां/ औरतें हम दोनों का लन्ड पकड़ने आने लगी । मुठ्ठ मारने लगी । रात में होती थी सामूहिक चुदाई । जो लड़कियां दिन में मुठ्ठ मार कर प्रसाद निकालती थी उनमे से अधिक तर रात में आकर हम लोगों से जम कर चुदवाती थी । जितने साले चेले थे सब लौडिया चोदते थे । जितनी चेलियाँ थी सब लन्ड बदल बदल कर चुदवाती थी । इस तरह की ऐय्यास्सी मैं पहली बार देख रहा था । फिर मुझे यह भी मालूम हुआ की यहाँ से लड़कियां चुदवाने के लिए बाहर भेजी जाती है । और चेले बाहर जाकर लड़कियों को औरतों को चोदते थे । दो तीन बार मुझे भी बाहर जाकर ग्रुप में ऐय्यास औरतों को चोदने का मौका मिला । लोग समझ नहीं पाते थे की स्वामी लंडेश्वर वो है की मैं हूँ ? -०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-०-समाप्त

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: हिन्दी सेक्सी कहानियाँ

Unread post by raj.. » 07 Nov 2014 15:45

वो मुझे फिर जवान कर गया

मेरी उमर लगभग चवालीस साल की है. मेरे पति ने मुझे आज से पंद्रह साल पहले तलाक दे दिया था. उनका मेरे साथ आरम्भ से ही नहीं जमा था. हकीकत यह थी कि मैं अत्यधिक सुन्दर थी जब कि वे बहुत साधारण चेहरे वाले. यही बात आगे तलाक में बढ़ गई. मैंने पी एच डी की हुई थी इसलिए तलाक के बाद मैंने एक छोटे से शहर में कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया.
मैं एम् ए फाइनल में एक दिन पढ़ा रही थी कि मैंने एक नया लड़का देखा. पूछने पर उसने बताया कि उसका नया एडमिशन हुआ है. वो दिखने में बेहद सुन्दर और गठीला लग रहा था. ना जाने क्यूँ पहली नजर में ही मुझे वो भा गया. लेकिन अपनी उमर का ख़याल कर मैंने अपना विचार बदल दिया.
एक दिन वो स्टाफ रूम में मुझ से कुछ पूछने आया. मैंने उसे समझा दिया. उसने मुझे कह कि मैं बहुत अच्छी तरह से पढ़ाती हूँ. उसी तरह एक बार वो एक छुट्टी के दिन कोई सवाल पूछने मेरे घर चला आया. मैंने उसे फिर समझा दिया. उसने टेबल पर मेरी मेरे पति के साथ तस्वीर देखी और उसके बारे में पूछा. मैंने उसे विस्तार सारी बात कह दी. वो एकदम उदास हो गया. उसकी आँखें भर आई.
इसके बाद वो अक्सर मुझसे मिलता और मेरे साथ पढ़ाई के साथ साथ दूसरी बातें करता. मुझे यह लगने लगा कि वो मुझे खुश रकने का प्रयास कर रहा है. इस तरह से वो मेरे काफी करीब हो गया. रविवार का दिन था. सवेरे से ही तेज बारिश हो रही थी. मैं बालकनी में खड़ी थी. तभी मैंने देखा कि वो अणि साइकिल को तेज चलता मेरे घर के तरफ ही आ रहा है. मैंने दरवाजा खोल दिया वो अन्दर आया. पूरी तरह से भीगा हुआ था. उसने एक थैली निकाली और बोला " मैडम मैं गरमा गरम पकौड़े ले आया हूँ आपके लिए." मैंने उसकी तरफ देखा. उसका चेहरा ख़ुशी से दमक रहा था. मैंने वो पकौड़े ले ले लिए. मैंने उसे कहा " तुम भीग चुके हो. कपडे बदल लो. ऐसी बारिश में भीगने से बीमार भी पड़ सकते हो." उसने मेरे कहते ही अपना शर्ट उतार दिया. मैंने उसे तौलिया दे दिया. उसने अपना बनियान भी खोल दिया. उसका चौड़ा सीना मुझे ललचाने लगा. मुझे लगा जैसे बरसों बाद उझ्मे कोई चाहत जागी है. लेकिन उमर का अंतर देखा मैं कुछ ना कर सकती थी. पटा नहीं क्या हुआ ; मुझे लगा जैसे उसने मेरी मन:स्थिति को भांप लिया हो. वो अपने नंगे बदन पर टिया लपेटे मेरे साथ पकौड़े खा रहा था. उसने अचानक मुझ से कहा " मैडम; आप अपने आप को कभी अकेला मत समझो. मैं आपके साथ हर मुसीबत में खडा रहूंगा. आप बेहिचक कोई भी काम हो कह देना. मैं ना नहीं कहूंगा." मुझे लगा जैसे मुझे फिर से कोई साथी मिल गया है. उसकी और मेरी उम्र में करीब बीस साल का अंतर था. लेकिन वो मुझ से मेरे हिसाब से बातें कर रहा था. उस दिन तो वो चला गया इन में मन में एक खलबली मच गई.
अब वो मुझ से कॉलेज में हर दिन अलग से मिलने लगा. हम दोनों एक दूसरे का हाल चाल पूछते. मैं कभी उसे स्टाफ रूम में चाय पर बुला लेती. धीरे धीरे वो एक दोस्त बनता चला गया. मैं उसे एक हमदर्द समझने लगी थी. वो मुझे देखता तो ऐसा लगता जैसे वो कुछ और भी कहना चाहता है, वक्त युहीं गुजरता गया औए हमारी दोस्ती चार महीने पुरानी हो गई.
सर्दीयाँ आ गई थी..कॉलेज के छात्र-छात्राएं कम आने लगे. सभी सर्दी का बहाना कर देते. इसी सर्दी के मौसम ने मुझे अपना शिकार बना लिया. मुझे बुखार आ गया. जब मैं दो दिन कॉलेज नहीं जा पाई तो वो एक दिन दोपहर को कॉलेज से सीधे मेरे घर आ गया. मैं उस वक्त सोई हुई थी. थोड़े से झटके से दरवाजे की कुण्डी खुल गई और वो अन्दर आ गया. मैं घर में अक्सर एक गाउन पहना करती हूँ सर्दीयों में. उस वक्त भी मैंने गाउन पहना हुआ था. गहरी नींद की वजह से चद्दर नीचे गिर गई थी. मेरे गाउन का लेस खुला हुआ था और मेरा सीना गाउन में से बाहर दिख रहा था. वो उसकी आहट से मेरी नींद खुल गई लेकिन अधखुली आँखों से मैंने उसे आते और मेरे सामने बैठते हुए देख लिया.वो मेरे सामने आकर बैठ गया. उसने मुझे काफी देर तक ऐसे ही निहारा.
मेरा दिल अब थोडा घबराने लगा. वो अब पलंग पर बैठ गया. मैंने देखा कि उसकी नजरें मेरे सीने पर है. उसने अचानक अपना सर झुकाया और धीरे से सीने के खुले हुए भाग को यानि कि मेरे दोनों स्तनों के बीच की रेखा को अपने होंठों से चूम लिया. मेरा बदन तड़प उठा. करीब बीस साल से भी ज्यादा समय के बाद किसी मर्द ने मुझे ऐसे चूमा था. मैं कोई विरोध ना कर सकी. उसने अब मेरी खुली आँखें देख ली. वो मुस्कुराया और मेरे बाएं गाल को चूम लिया. मैं अचानक मुस्कारा पड़ी. उसने अब मेरे दायें गाल को चूम लिया. मैंने अपने बदन में दौड़ रहे करंट के चलते उसे अपनी ऑर खींचा और बाँहों में भर लिया. अब वो मेरे सीने पर अपना सर रखे मेरी आँखों में देख रहा था. मैंने उसके बाल बिखेर दिए.
वो मुस्कुराया और मेरे दायें गाल को चूम लिया. मुझे अच्छा लगता देख अब उसने मेरे बाएं गाल को भी चूम लिया. मैंने उसे अब फिर बाहों में भर लिया.उसने अब मेरे गाउन के लेस को पूरा खोल दिया. मैंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. वो मेरे सीने को देखने लगा. मेरी बढ़ती धड़कने मेरे स्तन को ऊपर नीचे कर रही थी. वो मेरे स्तनों को चूमने लगा. अब वो स्तनों को चूमते चूमते मेरे करीब आकर मुझसे चिपक कर लेट गया. मैं भी उसे चूमने लगी. धीरे धीरे हम दोनों जोश में आने लगे. उसने पास के स्टूल से तेल कि शीशी उठा ली और मेरे स्तनों की मालिश करने लगा. उसने उस शीशी का सारा तेल मेरे जिस्म के ऊपर उंडेल दिया और दोनों हाथों से मालिश कर कर के मेरे जिस्म के हर हिस्से को फिसलन वाला बना दिया.अब उसने मेरी पैंटी और खुद की अंडर वेअर खोल दी. अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे. मैंने अब उसे कसकर पकड़ा और उसकी पीठ के नीचे के हिस्से को अपनी जाँघों के बीच में जकड लिया..उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया. उसने फिर अपने लिंग को धीरे धीरे मेरे गुप्तांग और जननांग के सा पास ले जाकर मालिश सी करने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगा. जब उसका लिंग एकदम कड़क ; सीधा और लंबा हो गया तो उसने मेरे जननांग में एक जोर के झटके से घुसा दिया. मेरे मुंह से जोर की एक चीख निकल गई. उसने अपने होंठों से मेरे होंठ सीकर मेरी आवाज को दबा दिया. अब उसका लिंग मेरे जननांग में यहाँ वहां घूमने लगा. मुझे बहुत ही मजा आने लगा था.
उसने करीब आधे घंटे तक अपने लिंग को मेरे जननांग में फंसाए रखा. फिर अचानक उसके लिंग ने मलाईदार पिचकारी मेरे जननांग में मार दी. मेरा जननंग उस मलाई से पूरी तरह से भर गया. मैं अखंड आनंद में पहुँच गई थी. मैं उसके होंठों को जोर से चूम लिया. हम दोनों थक गए थे. उसका मेरे अन्दर ही रह गया और हम दोनों सो गए.
करीब एक घन्टे के बाद हमारी आँख खुली. उसने एक बड़ी मिल्क चोकलेट निकाली और अपने मुंह में दबा ली. उसका दूसरा हिस्सा मेरे मुंह में दे दिया. हम दोनों ही ने वो चोकलेट खाई. हमारा पूरा मुंह उस चोकलेट से भर गया. मिल्क चोकलेट हमारे मुंह में लार के मिल कर घुल गई. अब उसने मेरे होंठों पर चोकलेट का रस छोड़ा और उसे अपनी जीभ से वापस चाट लिया. मैंने भी ऐसा ही किया. धीरे धीरे चोकलेट हम दोनों के मुंह से निकलकर हमारे मुंह के ऊपर फ़ैल गया.अब हम अपनी जीभ और होंठों से उस चोकलेट को वापस अपने मुंह में लेने लगे. इससे उत्तेजना और बढ़ गई. उसका लिंग एक बार फिर कड़क लंबा और सीधा हो गया उसने फिर से लिंग को मेरे गीले हुए जननांग में चारों तरफ घुमाना शुरू किया. चोकलेट का असर हमें और भी जोश दिला रहा था. उसका मीठापन हमें मदहोश किये जा रहा था. मैंने उसे अपने लिंग को मेरे जननांग में से थोड़ी थोड़ी देर से बाहर निकालकर फिर अन्दर डालने के लिए कहा. उसने ऐसा ही किया. इससे इस बार उसका लिंग करीब पौन घंटे तक मेरे अन्दर बाहर होता रहा. मैंने अपने मुंह से चोकलेट की मलाई उसके होंठों पर छोड़ छोड़कर चूसती रही और उसे नशे में रखती रही. आखिर में उसका लिंग दूसरी बार जवाब दे गया और उसके लिंग से एक बार फिर गाढ़ी मलाई निकली और र्मेरे जननांग के अन्दर हर जगह फ़ैल गई. एक बार फिर मैंने उसके होंठों पर अपने मुंह का चोकलेट निकाला और वापस अपनी जीभ से अपने मुंह में ले लिया. उसने भी वापस अपनी जीभ मेरे मुंह में डाली और चोकलेट अपने मुंह में ले गया. हम दोनों आपस में ऐसे ही लिपटकर सोते रहे. उसका लिंग अभी तक मेरे जननांग के अन्दर था. हम दोनों को फिर एक बार नींद आ गई.
काफी देर बाद मेरी आँख खुल गई. नींद में होने के कारण उसका लिंग अब छोटा हो गया था. मैंने उसे फिर से चूमना शुरू किया. अब तक बची हुई चोकलेट को फिर से उसके मुंह में दे दी. उसे फिर से उत्तेजना हुई और वो इस बार और भी ज्यादा जोर से मेरे जननांग में अपने लिंग को अन्दर बाहर करने लगा. लेकिन इस बार वो ज्यादा देर तक नहीं कर सका और उसके लिंग ने तीसरी बार मेरे जननांग में पिचकारी छोड़ दी. हम दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया. हम दोनों के मुंह आपस में सिल गए.कुछ ही देर में एक बार फिर हमें नींद आ गई. उसका लिंग भी मेरे जननांग के अन्दर हम दोनों के साथ सो गया.
इस बार जब मेरी आँख खुली तो वो अब तक सो रहा था. मैंने घडी देखी. शाम के सात बजे थे. मैंने उसे फिर चोकलेट के घोल के साथ चूमा. वो उठ तो गया लेकिन मेरे उपर लेटने की ताकत उसमे नहीं थी. मैंने धीरे से खुद को उस के ऊपर लिटा लिया.हम दोनों ने एक दूजे को फिर बहुत चूमा. अब मैं उस पर बैठ गई. मैंने खुद को अपनी टांगों के बल पर थोडा ऊपर किया.उसका लिंग मेरे जननांग से थोड़ा सा बाहर निकला. मैं वापस बैठ गई. लिंग फिर से जननांग में चला गया. उसे बहुत मजा आने लगा. मैंने अब लगातार धीरे धीरे ऐसा ही उठना बैठना जारी रखा. उत्तेजना इतनी जल्दी आ गई कि केवल पांच मिनट में ही उसके लिंग ने चौथी बार मेरे जननांग को पिचकारी मार हर तरह से फिर भर दिया. मेरे ऊपर होने के कारण थोड़ी सी मलाई मेरे जननांग से बाहर आ गई. इससे थोड़ी चिकनाई और बढ़ गई इस बार हम दोनों ने बची चोकलेट से एक दूजे के गाल; होंठ और जीभ को चूम कर ख़त्म कर दिया. अब हम दोनों ही पस्त हो गए थे. मैंने धीरे से खुद को तिरछा किया लेकिन उसने लिंग को बाहर नहीं आने दिया. हम करवट बदलकर आमने सामने थे. एक दूजे के होंठों को सी दिया. रात के आठ बज गए थे. हम उसी अवस्था में फिर सो गए.
इस बार सोये तो सवेरे सात बजे ही उसकी आँख खुली. उसके हिलते ही मैं भी उठ गई. उसका लिंग अभी तक मेरे जननांग में ही सोया था. इसका मतलब यह हुआ कि लगातार दोपहर के दो बज से सवेरे सात बजे तक उसने लिंग को मेरे जननांग में ही डाल कर रखा. अब उठना ही पडा. उसने लिंग को बाहर निकाला. मैंने उसके लिंग को चूमा और हम बाथरूम में आ गए. दांतों को पेस्ट करने के बाद जब हमारे मुंह ताजे हो गए तो हमने बाथरूम में एक बार फिर चूमना शुरू कर दिया. मैंने फवारे को पूरे तेजी से चला दिया. उसने मुझे पानी की बौछार में लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर लेट गया. उसने एक बार फिर मेरे जननांग में अपना लिंग भेज दिया. मैं तो जैसे धन्य हो गई थी कल दोपहर से ही. पानी की तेज बोछार में सेक्स का अपना ही आनंद आया. दस मिनट के बाद बरसते पानी में हम दोनों के होंठ आपस में मिले. जिस्म तडपे और उसने पांचवी बार पिचकारी मेरे जननांग में मारी.
स्नान के बाद हम ने कपडे नहीं पहने. हम नंगे ही नाश्ता तैयार करने लगे. मैंने उसे घर जाने से रोक लिया. उसे खूब नाश्ता कराया. ताकत हम दोनों में ही नहीं थी. हम फिर से आपस में लिपटे और सो गए. दोपहर में बारह बजे मेरी आँख खुली. उसका लिंग मेरे जननांग को धीरे धीरे भेद रहा था. वो मुझे चूम रहा था. हम ने धीरे धीरे फिर से सेक्स किया. एक घंटे तक धीरे धीरे रुकते रुकते सेक्स के बाद मेरा जननांग उसके लिंग की पिचकारी से छठवीं बार भर गया.
हम फिर से सो गए. दोपहर को हमने नग्नावस्था में ही खाना बनाया और खाया.
दोपहर को करीब तीन बजे मैंने उसे फिर अपनी बाहों में लिया. बहुत जल्दी उसका लिंग मेरे जननांग में घुस गया. अब तो मेरे जननांग का सारा रास्ता उसके लिंग को पहचानने लगा था. पूरे आधे घंटे के अन्दर बाहर के बाद उसने सातवीं बार मेरे जननांग की प्यास एक जोर की पिचकारी मारकर बुझा दी. मैं फिर से जवान हो गई थी.
अब वो मेरे साथ मेरे घर में ही रहता है. उस दिन को तीन माह बीत चुके हैं. हर दूसरे दिन मेरा जननांग उसके लिंग को अपने अन्दर फंसा लेता है. उसका लिंग जोर की पिचकारी छोड़ता है और मैं उसके लिंग को अपने अन्दर ही दबाये रात भर सोती रहती हूँ.
आप भी एक बार ऐसे ही लिंग को अन्दर रख सोकर देखिये जबरदस्त आनंद आएगा. आप बार बार करना चाहोगे. चोकलेट को इसी तरह से खाकर देखिये सेक्स करने की ताकत पांच गुना बढ़ जाती है.
रात हो चली है. मेरा जननांग तड़प रहा है. वो अपने लिंग को कड़क किये सामने ही लेटा हुआ है. मैं उसके पास जा रही हूँ. आज लिंग और जननांग को आपस में फिर से मिलना है. आप भी चोकलेट मुंह में लीजिये; फ्रेंच किस से उसे खाइए; उसे भी खाने दीजिये और लिंग की पिचकारी को अपने जननांग में छुडवाकर मजे से सारी रात लिंग को अपने जननांग में दबाकर दोनों के होंठों को आपस में मिलाकर सो जाइए. आप असीम आनंद में पहुंचेंगे. उस वक्त मुझे याद जरुर करना.






Post Reply