तभी डोर बेल फिर से बजती है और पायल लगता है भैया आ गये और जाकर दरवाजा खोल देती है और रोहित अंदर आ जाता है,
रोहित- पायल, रवि इधर आओ तुम दोनो के लिए गुड न्यूज़ है
पायल- उत्साहित होती हुई वह क्या भैया,
रोहित- अरे मेने लड़की देख ली है और और जब मेने यस कर दिया तो मेरे बॉस ने तुरंत ही हम लोगो की सगाई का ऐलान कर दिया और दो दिन बाद हम लोग सगाई के लिए उनके नेटिव प्लेस पर जा रहे है,
पायल- चहकते हुए, ओह भैया ग्रेट क्या न्यूज़ दी है आपने,
रवि- भैया तो हमे सगाई के लिए उनके यहाँ जाना है क्या
रोहित- हाँ रवि और हम लोग स्कार्पियो से सुबह 4 बजे करीब निकलेगे तब जाकर उनके यहाँ करीब सुबह 10 बजे तक पहुच
जाएगे तुम लोग सारी तैयारी कर लो, और हाँ कल तुम दोनो जाकर शॉपिंग कर लेना परसो सुबह-सुबह ही हम लोग निकल जाएगे
रात को रवि अपने बेड पर सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसका लंड उसे बहुत परेशान कर रहा था और उसकी आँखो के सामने बस फूली हुई चूत और गदराई हुई मोटी-मोटी गान्ड ही नज़र आ रही थी, वह काफ़ी देर तक जागने के बाद आख़िर यह सोचता-सोचता सो गया कि कल उसे अपनी दीदी के साथ शॉपिंग करने जाना है,
रवि करण के फ्लॅट की डोर बेल बजाता है तभी एक 45 साल की खूबसूरत सी महिला दरवाजा खोलती है उसका गदराया बदन देख कर ही रवि का लोड्ा तन जाता है उसकी 40 की मोटी-मोटी चुचिया उसके हटे हुए पल्लू से साफ नज़र आ रही थी और उसका उठा हुआ गदराया नंगा पेट और उस पर एक बड़ी सी गहरी नाभि देख कर, सीधे अपना मुँह उसके उठे हुए पेट मे भरने का करने लगे, उसके पेट का उठाव और नीचे फैली हुई कमर को देख कर ही रवि को उसके फूले हुए गदराए भोस्डे का एहसास होने लगता है और उसकी मोटी-मोटी जंघे साडी के उपर से भी इतनी गदराई नज़र आ रही थी कि रवि को लगा कि अभी इस मस्तानी घोड़ी के बदन से चिपक जाए, साली नंगी कैसी गदराई लगती होगी क्या माल है, ऐसी गदराई आंटी को चोदने मे मज़ा आ जाए,
आंटी- चुटकी बजाती हुई हेलो, कहाँ खो गये, कौन हो तुम और किससे मिलना है
रवि- जी मेरा नाम रवि है और यहा करण रहता था ना
आंटी- हाँ यह कारण का ही फ्लॅट है पर तुम कौन हो
रवि- आक्चुयली मेडम मे उसका दोस्त हू
आंटी- अच्छा आओ बैठो मे उसे बुलाती हू
और वह आंटी जैसे ही मुड़ती है उसके फैले हुए मोटे-मोटे बाहर की और निकले गदराए चुतडो को देख कर रवि अपने
मोटे लोड्े को मसले बिना नही रह पाता है और अपनी नज़रे उस आंटी की मोटी गदराई गान्ड मे पूरी तरह गढ़ा कर अपने लंड को सहलाने लगता है तभी वह आंटी पलट कर उसे देखती है और उसकी नज़र रवि के उठे हुए लंड पर पड़ जाती है जिसे रवि उसकी गदराई गान्ड को देख-देख कर मसल रहा था,
आंटी- उसकी हरकत देख कर, अपने चेहरे पर थोड़ा गुस्सा लाते हुए सोफे की ओर इशारा करते हुए वहाँ बैठो मे करण
को बुलाती हू और धीमी आवाज़ मे कमीना कही का कहती हुई अंदर चली जाती है, थोड़ी देर बाद करण आता है
कमीना compleet
Re: कमीना
थोड़ी देर बाद करण आता है
कारण- अरे रवि अचानक क्या बात है
रवि- अरे यार मे इधर से गुजर रहा था तो सोचा शाम हो गई है शायद तू ऑफीस से आ गया होगा इसलिए तुझे देखने
आ गया
करण- ये तो तूने बहुत अच्छा किया, अब आज की नाइट तू यही रुक जा अपने घर फोन कर दे कि तू आज नही आएगा, आज मे तुझे एक पार्टी दे देता हू
रवि- अबे वो तो ठीक है लेकिन यह सब अचानक आख़िर आज ऐसा क्या है
करण- अरे यार मे तुझे बताना ही भूल गया और मम्मी ज़रा यहा आइए, और वह आंटी अपनी गदराई गान्ड हिलाते हुए
बाहर आती है,
करण- मम्मी ये मेरा सबसे खास दोस्त रवि है और रवि ये मेरी मम्मी है, आज ही मेरे गाँव से मुझसे मिलने आई है,
और आज इतफ़ाक़ से इनका बर्त डे है
रवि- करण की मम्मी की गदराई जवानी पर उसकी आँखो के सामने ही अपनी कामुक नज़रे फेरता हुआ, थोड़ा मुस्कुरा कर
नमस्ते आंटी आंड मेनी-मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे,
आंटी- जबरन उसकी और स्माइल करके, थॅंक यू रवि,
आंटी वापस अंदर चली जाती है और
करण- बस यार यही कारण है कि मेने तुझे रुकने के लिए कहा है आज रात को तेरा वाला फ्लेवर वोड्का लेते है उसके बाद
मम्मी ने बढ़िया खाना बनाया है दोनो खाएँगे और फिर तू आज यही सो जाना सुबह निकल जाना, चल अब घर पर बता
दे और मे तेरे लिए ड्रिंक का इंतज़ाम करता हू,
रवि- ओके बाबा, और रवि अपने घर कॉल करके बता देता है कि वह आज नही आएगा
रात को दोनो बहुत देर तक ड्रिंक करते है फिर करण उसे बाहर वाले रूम मे सोने को कह कर उठ कर अंदर चला जाता
है,
रवि- ड्रिंक के नशे मे लेटा रहता है और उसकी कमज़ोरी थी कि वह वोड्का पीता है तो उसका लंड बहुत ज़्यादा खड़ा होने
लगता है और उसको रह-रह कर करण की मम्मी की मस्तानी जवानी याद आती है और वह अपनी कल्पना मे करण की
मम्मी की नंगी करते हुए अपने लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगता है, और केरेन की मम्मी की चूत और मोटी गान्ड
को नंगी अपने सामने महसूस करते हुए खुद से बाते करने लगता है, हाय करण क्या मस्त फूला हुआ भोसड़ा होगा तेरी
मम्मी का, क्या गजब की गदराई और मोटी गान्ड है, हाय करण तेरी मम्मी पूरी नंगी कैसी लगती होगी, काश एक बार तेरी
मम्मी को मे पूरी नंगी देख लेता, आह आज तो वोड्का के नशे के उपर तेरी मम्मी की गदराई जवानी भी भारी पड़ रही
है दोस्त, क्या मस्त माल है तेरी मम्मी, अगर ऐसी गदराई मम्मी मेरी होती तो उसको पूरी नंगी करके रात भर उसकी गान्ड और चूत को खूब कस-कस कर चोदता,
कारण- अरे रवि अचानक क्या बात है
रवि- अरे यार मे इधर से गुजर रहा था तो सोचा शाम हो गई है शायद तू ऑफीस से आ गया होगा इसलिए तुझे देखने
आ गया
करण- ये तो तूने बहुत अच्छा किया, अब आज की नाइट तू यही रुक जा अपने घर फोन कर दे कि तू आज नही आएगा, आज मे तुझे एक पार्टी दे देता हू
रवि- अबे वो तो ठीक है लेकिन यह सब अचानक आख़िर आज ऐसा क्या है
करण- अरे यार मे तुझे बताना ही भूल गया और मम्मी ज़रा यहा आइए, और वह आंटी अपनी गदराई गान्ड हिलाते हुए
बाहर आती है,
करण- मम्मी ये मेरा सबसे खास दोस्त रवि है और रवि ये मेरी मम्मी है, आज ही मेरे गाँव से मुझसे मिलने आई है,
और आज इतफ़ाक़ से इनका बर्त डे है
रवि- करण की मम्मी की गदराई जवानी पर उसकी आँखो के सामने ही अपनी कामुक नज़रे फेरता हुआ, थोड़ा मुस्कुरा कर
नमस्ते आंटी आंड मेनी-मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे,
आंटी- जबरन उसकी और स्माइल करके, थॅंक यू रवि,
आंटी वापस अंदर चली जाती है और
करण- बस यार यही कारण है कि मेने तुझे रुकने के लिए कहा है आज रात को तेरा वाला फ्लेवर वोड्का लेते है उसके बाद
मम्मी ने बढ़िया खाना बनाया है दोनो खाएँगे और फिर तू आज यही सो जाना सुबह निकल जाना, चल अब घर पर बता
दे और मे तेरे लिए ड्रिंक का इंतज़ाम करता हू,
रवि- ओके बाबा, और रवि अपने घर कॉल करके बता देता है कि वह आज नही आएगा
रात को दोनो बहुत देर तक ड्रिंक करते है फिर करण उसे बाहर वाले रूम मे सोने को कह कर उठ कर अंदर चला जाता
है,
रवि- ड्रिंक के नशे मे लेटा रहता है और उसकी कमज़ोरी थी कि वह वोड्का पीता है तो उसका लंड बहुत ज़्यादा खड़ा होने
लगता है और उसको रह-रह कर करण की मम्मी की मस्तानी जवानी याद आती है और वह अपनी कल्पना मे करण की
मम्मी की नंगी करते हुए अपने लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगता है, और केरेन की मम्मी की चूत और मोटी गान्ड
को नंगी अपने सामने महसूस करते हुए खुद से बाते करने लगता है, हाय करण क्या मस्त फूला हुआ भोसड़ा होगा तेरी
मम्मी का, क्या गजब की गदराई और मोटी गान्ड है, हाय करण तेरी मम्मी पूरी नंगी कैसी लगती होगी, काश एक बार तेरी
मम्मी को मे पूरी नंगी देख लेता, आह आज तो वोड्का के नशे के उपर तेरी मम्मी की गदराई जवानी भी भारी पड़ रही
है दोस्त, क्या मस्त माल है तेरी मम्मी, अगर ऐसी गदराई मम्मी मेरी होती तो उसको पूरी नंगी करके रात भर उसकी गान्ड और चूत को खूब कस-कस कर चोदता,
Re: कमीना
हाय कारण तेरी मम्मी है की चूत और मोटी गान्ड का खजाना, क्या मस्त गोरी-गोरी मोटी-मोटी गदराई जंघे होगी, हाय पेंटी
और ब्रा मे उसका भारी भरकम शरीर कैसा लगता होगा, क्या पता साली ने पेंटी पहनी भी होगी की साडी के अंदर नंगी होगी
हाय कारण तेरी मम्मी की फूली हुई चूत को अपने मुँह से दबाने मे कितना मज़ा आएगा, उसकी मोटी गान्ड मे अपना मुँह
भरने मे कितना मज़ा आएगा, एक बार तेरी मम्मी नंगी होकर मेरे सामने आ जाए तो साली को रात भर नंगी करके
चोद-चोद के उसकी मोटी गान्ड और चूत को लाल कर दूँगा, बस यही सोचता हुआ रवि अपने लंड को बाहर निकाल कर करण की मम्मी को अपनी आँखो के सामने नंगी करके लंड हिलाने लगा वह अपने ख्यालो मे कभी करण की मम्मी की चूत
सहलाता कभी उसकी गदराई गान्ड को झुका कर अपना मुँह उसमे भरता और कभी अपने मोटे लंड से उसकी फूली हुई बुर और गान्ड को चोदने लगता, वह अपनी कल्पना मे कारण की मम्मी की चूत के गुलाबी छेद और गान्ड के कसे हुए छेद मे अपना लंड पेल-पेल कर चोदने लगा और अपने हाथ से अपने लंड को हिलाने लगा,
अचानक अंदर वाले रूम की लाइट जलती है और रवि अपने मन मे सोचता है कही करण की मम्मी अंदर अपनी साडी उतार
कर नंगी तो नही सो रही है, और वह उस दरवाजे के पास अपना लंड अपने हाथो मे लिए जाता है और दरवाजे से लगी हुई एक खिड़की से कुछ रोशनी बाहर आती उसे दिखाई पड़ती है और वह उस खिड़की को धीरे से थोड़ा ज़ोर लगा कर अपनी और खिचता है
तो वह खिड़की थोड़ी सी खुल जाती है और उसके अंदर परदा लगा होता है, रवि जैसे ही अपने हाथो से पर्दे को थोड़ा सरकाता है, अंदर का नज़ारा देख कर उसके पैरो तले की ज़मीन सरक जाती है,
अंदर एक बेड पर करण की मम्मी पूरी नंगी होकर बेड के उपर खड़ी थी और करण बेड पर अपने घुटनो के बल खड़ा
होकर अपनी मम्मी की चूत को अपने हाथो से फैला-फैला कर चाट रहा था और करण की मम्मी पूरी नंगी खड़ी होकर
अपने दोनो पैरो को थोड़ा फैलाकर अपने बेटे से अपनी चूत खड़े-खड़े चटा रही थी और करण के सर पर हाथ फेर
रही थी और करण अपने दोनो हाथो से अपनी मम्मी की मोटी-मोटी गदराई गान्ड को अपने मुँह की ओर दबाता हुआ अपनी
मम्मी की फूली हुई चिकनी चूत को पागल कुत्ते की तरह चाट रहा था, करण की मम्मी का पेट थोडा सा लटका हुआ मस्त
गुदाज लग रहा था और उसकी जंघे इतनी मोटी थी कि कारण के दोनो हाथो मे समा नही रही थी, उसके मोटे-मोटे दूध
बड़े-बड़े पपितो की तरह लग रहे थे,
और ब्रा मे उसका भारी भरकम शरीर कैसा लगता होगा, क्या पता साली ने पेंटी पहनी भी होगी की साडी के अंदर नंगी होगी
हाय कारण तेरी मम्मी की फूली हुई चूत को अपने मुँह से दबाने मे कितना मज़ा आएगा, उसकी मोटी गान्ड मे अपना मुँह
भरने मे कितना मज़ा आएगा, एक बार तेरी मम्मी नंगी होकर मेरे सामने आ जाए तो साली को रात भर नंगी करके
चोद-चोद के उसकी मोटी गान्ड और चूत को लाल कर दूँगा, बस यही सोचता हुआ रवि अपने लंड को बाहर निकाल कर करण की मम्मी को अपनी आँखो के सामने नंगी करके लंड हिलाने लगा वह अपने ख्यालो मे कभी करण की मम्मी की चूत
सहलाता कभी उसकी गदराई गान्ड को झुका कर अपना मुँह उसमे भरता और कभी अपने मोटे लंड से उसकी फूली हुई बुर और गान्ड को चोदने लगता, वह अपनी कल्पना मे कारण की मम्मी की चूत के गुलाबी छेद और गान्ड के कसे हुए छेद मे अपना लंड पेल-पेल कर चोदने लगा और अपने हाथ से अपने लंड को हिलाने लगा,
अचानक अंदर वाले रूम की लाइट जलती है और रवि अपने मन मे सोचता है कही करण की मम्मी अंदर अपनी साडी उतार
कर नंगी तो नही सो रही है, और वह उस दरवाजे के पास अपना लंड अपने हाथो मे लिए जाता है और दरवाजे से लगी हुई एक खिड़की से कुछ रोशनी बाहर आती उसे दिखाई पड़ती है और वह उस खिड़की को धीरे से थोड़ा ज़ोर लगा कर अपनी और खिचता है
तो वह खिड़की थोड़ी सी खुल जाती है और उसके अंदर परदा लगा होता है, रवि जैसे ही अपने हाथो से पर्दे को थोड़ा सरकाता है, अंदर का नज़ारा देख कर उसके पैरो तले की ज़मीन सरक जाती है,
अंदर एक बेड पर करण की मम्मी पूरी नंगी होकर बेड के उपर खड़ी थी और करण बेड पर अपने घुटनो के बल खड़ा
होकर अपनी मम्मी की चूत को अपने हाथो से फैला-फैला कर चाट रहा था और करण की मम्मी पूरी नंगी खड़ी होकर
अपने दोनो पैरो को थोड़ा फैलाकर अपने बेटे से अपनी चूत खड़े-खड़े चटा रही थी और करण के सर पर हाथ फेर
रही थी और करण अपने दोनो हाथो से अपनी मम्मी की मोटी-मोटी गदराई गान्ड को अपने मुँह की ओर दबाता हुआ अपनी
मम्मी की फूली हुई चिकनी चूत को पागल कुत्ते की तरह चाट रहा था, करण की मम्मी का पेट थोडा सा लटका हुआ मस्त
गुदाज लग रहा था और उसकी जंघे इतनी मोटी थी कि कारण के दोनो हाथो मे समा नही रही थी, उसके मोटे-मोटे दूध
बड़े-बड़े पपितो की तरह लग रहे थे,