माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

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The Romantic
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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:34

गतांक से आगे.....................

उसकी चूत चूची मर्दन और होठों को चूसने के कारण फिर से मदमस्त हो चुकी थी और रस की धारा बहा रही थी। उसकी चूत गीली हो जाने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत मे आसानी से आ जा रहा था। जैसे तेल लगा पिस्टन आसानी से फिसलता है। मैं भी कभी कभी अपने चूतड जोर से उपर उछाल देता था जिससे उसके चूतड और भी जोर से मेरी जाँघो से टकराते थे जो मुझे बहुत अच्छा लगता। फिर हम दोनो ने चुदायी इसी तरह जारी रखी हम दोनो चुदायी की मस्ती मे चूर थे। बीच बीच मे रीमा अपना होठ छुडा लेती और और जोर से मुझे मम्मो को मसलने के लिये उकसाती और जोर से बेटा मसल डाल उखाड ले इनको मेरे बदन से राजा। और फिर से अपने होठ मेरे होठो मे दे देती और मैं उसके होठों को जीभ से चाटने और चूसने मे लग जाता।

हमारी चुदायी इसी तरह कुछ १०-१५ मिनट तक चलती रही। रीमा के मम्मे कुटायी करा कर पुरे गुलाबी रंग ले हो गये थे। रीमा और मै दोनो पसीने मे तर हो गये थे। उसके पसीने की गंध मुझे और पागल बना रही थी। फिर रीमा ने कहा बेटा अब इस तरह चुदायी और चूची मसलवायी कराते हुये बहुत देर हो गयी है चलो अब कुछ दुसरी तरह से चूदायी करते है। अब मैं सीधी हो कर तुम्हारे लंड पर बैठती हूँ जिससे तुम मेरे मम्मो को चुसते हुये मेरी चुदायी कर सकते हो। कह कर रीमा ने आखरी चुम्मा लिया और उठ कर खडी हो गयी। उसके चूत का रस उसकी चूत से निकल कर उसकी जाँघो पर बह रहा था। जैसे ही रीमा पलटी तो उसकी गीली चूत जिसका मुँह चुदायी के कारण खुला हुआ था और उसका रस उसकी भारी माँसल जाँघो पर बह रहा था दिखायी पडा। मुझसे बिल्कुल भी रुका नही गया और मैं रीमा से बोला माँ मुझे अपने इस रस को चाट कर पी लेने दो फिर चुदायी करगें। मैं इसको इसतरह बर्बाद नही होने देना चाहता।

रीमा ने कहा ले बेटा कर चाट ले मेरा रस कर ले अपनी इच्छा पूरी। इसके बाद रीमा मेरे सामने अपने हाथ अपने चूतडो पर रख कर खडी हो गयी और अपनी टाँगो को थोडा सा फैला लिया। मैंने आगे बढ कर अपने हाथ उसकी चिकनी माँसल जाँघो पर रख दी और अपना मुँह उसकी जाँघो के बीच घुसा दिया और सबसे पहले उसकी चूत का एक चुम्बन लिया। फिर अपनी जीभ निकाल कर उसकी जाँघो पर लगा चूत रस चाटने लगा। रीमा प्यार से अपने एक हाथ से मेरे बालो को सहलाने लगी। थोडी देर मे मैंने उसकी दोनो जाँघो से रस चाट कर साफ कर दिया और चूत पर भी जीभ फिरा कर उस पर लगा रस भी पी गया। चूत पर जीभ लगाने से रीमा के मुँह से सिसकारी निकल गयी।

अच्छी तरह से चूत रस पी लेने के बाद मैंने रीमा से कहा माँ आओ बैठ जाओ मेरे लंड पर रीमा बोली बेटा अगर इसी तरह हम दोनो का रस बहता रहा तो सोफे पर निशान पड जायेगा। ला तु मुझे मेरा पेटीकोट दे दे मैं इसको बिछाती हूँ तू इसपे बैठ जाना जिससे सोफे पर निशान नही पडेगा। मैंने रीमा को पेटीकोट उठा कर दे दिया। और रीमा के बगल मे खडा हो गया। रीमा उसकी तह बनाने लगी और मैंने अपने हाथ उसके चूतडो पर रख कर उनको सहलाने लगा। रीमा ने तह बना कर सोफे पर रख दिया और बोली बेटा अब चूतड छोड और आकर बैठ जा और माँ की चूत का मजा ले। मैं सोफे पर आ कर बैठ गया। रीमा ने अपने पैर मेरे पैरो के दोनो और जमाये और मेरा लंड पकड कर थोडा झुक कर अपनी चूत के मुहाने पर रख दिया।

रीमा ने अपने हाथो से मेरे लंड के सुपाडे को थोडा दबा कर अपनी चूत मे फंसा लिया। और अपने घुटने उठा कर सोफे पर रख दिये। मैंने उसकी कमर पकड कर जोर से उसके चूतडो को दबा दिया। मेरा लंड सट के साथ उसकी चूत मे घुस गया। चूत बहुत गीली थी इसलिये बडी आसानी से चूत मे घुस गया। उसने अपनी टाँगो को और फैला लिया जिससे मेरा लंड पूरा उसकी चूत मे घुस गया। मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर मे लपेट कर उसकी कमर और चूतडो पर फिराने लगा। दुसरे हाथ से उसकी चूची पकड कर मसलने लगा। रीमा ने धीरे धीरे अपने चूतड हिलाने शुरु कर दिये जिससे मेरा लंड अंदर बाहर होने लगा। रीमा ने फिर अपने चूतड उछालने शुरु कर दिये और बोली बेटा अब जरा मरी इन चूचीयो को चूस ले तेरी कुटायी से बेचारीयों की हालत खराब है।

मैंने कहा माँ मुझे चुदायी करते वक्त तुम्हारी चूचीयो को मसलने मे मजा आ रहा है। इनको मसलने दो न माँ। रीमा बोली ठीक है बेटा मसल ले पर जब मैं तुझे झडा दूगी उसके बाद चुम और चाट कर मेरे मम्मो को प्यार करना नही तो आगे से इनको हाथ नही लगाने दूँगी। मैंने फिर उसकी चूची को मसलते हुये दुसरे हाथ से उसकी कमर और चूतड मसलने शुरु कर दिये। रीमा ने अपन पेट कर कर मेरे पेट से सटा कर जबरदस्त चुदायी शुरु कर दी। ऐसा करने से उसकी चूत का दाना मेरी झाँटो से रगड खाने लगा। इससे रीमा की हालत बिगड गयी और जोर जोर से गालियाँ बकते हुये अपने चूतड उछालती रही।

The Romantic
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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:35

इस जबरदस्त रगडायी चूतड मसलवायी और चुत के दाने की रगडायी होने के कारण रीमा अपने होश खो बैठी और झडने के करीब आ गयी। और जोर जोर से चिल्लाते हुये बोली हो मेरे राजा हाय रे मैं तो फिर से झडने पर आ गयी से लाल मसल दे मेरा बदन बस अब गिरने वाला है मेरा बस अब मैं छुटने वाली हूँ। और जोर जोर से उछलने लगी। मैंने भी उसके चूतड अपने दोनो हाथो मे पकड लिये और जोर जोर से उन्हैं अपने लंड पर पटकने लगा। मेरे लंड भी चूत की दिवारो से रगड रगड कर लाल हो गया था और खलास होना चाहता था। हाय रे बेटा मैं झडने वाली हूँ बेटा मेरा पानी निकल रहा है रे मेरे लाल मुझे अपनी बहों मे भर ले बेटा कह रीमा ने एक आखरी धक्का और मारा और कस कर मुझको अपनी बाहों मे जकड लिया। मेरा सर उसने अपनी चूचीयो मे दबा लिया और मैंने भी उसकी चुतडो के अपनी बाहों मे जकड लिया।

रीमा बहुत ही जबर्दस्त झड रही थी। और उसकी आँखे बिल्कुल बंद थी और उसके चूतड धीरे धीरे झडने का मजा लेते हुये हिल रहे थे। उसकी साँस ऐसा लग रहा था की जैसे रुक गयी हो। रीमा इसी तरह मुझको जकडे हुये कुछ देर तक पडी रही और फिर धीरे धीरे उसका बदन ढीला पड गया। और उसने मुझे अपनी पकड से आजाद कर दिया। उसके झडने से मेरी पुरी जांघ उसके रस से भींग गयी और रीस कर पेटीकोट तक जा रही थी। उसके चूत से निकला रस और हमारे पसीने कि मिली जुली गंध वातावरण को मादक बना रही थी। जब थोडी देर बाद वह शांत हुयी तो मैंने कहा माँ अबकी बार तो तुम बहुत जबर्दस्त झडी हो। रीमा बोली हाँ बेटा बहुत मजा आया और कह कर मेरे पूरे मुँह पर चुम्बनो की बरसात कर दी।हाय रे बेटा आज तो बहुत दिनो बाद तेरी माँ को इतना मजा आया है। मैंने कहा माँ मेरे को भी तुमको चोदने मे बहुत मजा आ रहा है। रीमा ठीक है बेटा अब एक दुसरे आसन मे मैं तुझसे चूदाती हूँ। कह कर रीमा मेरे उपर से खडी हो गयी और मेरे लंड को देखने लगी। मेरे लंड का सुपाडा इतनी देर तक खडा रहने के कारण थोडा बैगनी रंग का हो गया था पर एक दम पत्थर की तरह खडा था। मेरे लंड रीमा के रस से भीगा हुआ था। रीमा ने मेरे लंड को देख तो बोली बेटा तेरे लंड रस से सना हुआ है ला इसको चाट कर मैं साफ कर दूँ। कह कर रीमा मेरे सामने घुटनो के बल बैठ गयी और अपने दोनो हाथ मेरी जांघो पर रख कर अपनी जीभ निकाल कर मेरे लंड को चाटने लगी।

उसके इसतरह मेरे लंड को चाटाने से उसकी चूचीयां लटक गयी थी और उसकी घुडीयां मेरी जाँघो पर रगड खा रही थी। मैं अपनी आँखे बंद कर के लंड चाटे जाने का मजा ले रहा था। रीमा ने इसी तरह अपनी चूचीयां मेरे उपर रगडते हुये मेरे लंड को चाट कर पुरा रस को पी लिया। रीमा बोली बेटा अब मैं नीचे लेटती हूँ और तुम मुझ पर चढ कर मुझको चोदो। कह कर रीमा मेरे सामने नीचे कालीन पर लेट गयी और अपने पैर उठा कर उपर कर लिये अपने हाथ जाँघो से पकड उनको चौडा कर लिया जिससे रीमा की सुन्दर गोरी चूत पूरी तरह खुल कर मरे सामने आ गयी। उसकी चूत का मुँह खुला हुआ था और अंदर का लाल भाग साफ दिखायी दे रहा था। मेरे को यह पुरा खुला निमंत्रण था।

उसकी चूत के नीचे उसके हौदे जैसा चूतड फैल कर और चौडा हो गया था और उसकी गुलाबी गाँड नीचे से दिखायी दे रही थी। रीमा बोली आ बेटा आ अब चोद दे अपनी माँ को मादर चोद कही का। ले मैं अपने हाथो से अपनी चूत की फांके खोलती हूँ तु घुसा दे अपना लंड इसमे और फाड दे मेरी चूत चोद चोद कर। कह कर रीमा ने अपने हाथ अपनी चूत पर रखे और अपनी चूत के लिप्स अपने हाथो मे पकड कर खोल दिये जिससे उसकी मस्त गुलाबी चूत साफ दिखायी देने लगी। ये नजारा देख कर मुझसे बिल्कुल नही रहा गया और मैं अपने घुटने उसके चूतडो के दोनो और जमा कर अपना लंड हाथ मे लेकर उसकी चूत के मुहाने पर लगा दिया।

रीमा बोली बेटा अब आगे बढ कर मेरी चूची पकड कर लगा दे धक्का और अपना लम्बा लंड मेरी गहरी चूत मे उतार दे। मैंने आगे बढ कर रीमा की दोनो बडी बडी चूचीयां अपने हाथो मे पकड कर अपने घुटनो को थोडा और आगे बढा कर उसके चुतडो के दोनो और जमाते हुये अपने चूतड हिला कर एक जोरदार धक्का दे मारा। मेरा धक्का इतना करारा था कि एक ही वार मे मेरा लंड उसकी चूत की जड तक उतर गया। हाय रे धीरे बेटा इतनी जोर से धक्का मरा रे तुने दुखता है बेटा धीरे धीरे करो। तेरा लंड तो एक दम मुसल है माना मैं रंडी हूँ और इतने लंड खा चुकी हूँ पर रोज रोज तेरे जैसे मुसल थोडी ही ना मिलते है। धीरे धीरे चोद कर माँ की चूत का मजा लो बेटा।


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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:35

मैंने कहा ठीक है माँ धीरे धीरे करुंगा। रीमा ने अभी भी अपने हाथो से अपनी चूत के द्वार खोल रखे थे। मैंने कहा माँ अपने हाथ हटा लो जिससे मैं तुम्हारी चूदायी कर सकूं। रीमा ने अपने हाथ अपनी चूत से हटा कर अपनी जाँघो को पकड लिया। अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत की जड तक समा गया था और मेरी जाँघे उसके चूतडो से टकरा रही थी और मेरी बाल्स उसकी गाँड से लग रही थी। मैंने कहा माँ तुम इस पोज मे कितनी सुंदर लग रही हो तुम्हारा गोरा बदन मुझको मस्त कर रहा है। हाँ बेटा पर अब मेरा मन चुदने को कर रहा है चोद डाल बेटा मुझे मेरे बदन को बाद मे निहार लेना। मैंने रीमा के मम्मे पकडे पकडे अपने चुतड हिलाने शुरु कर दिये और मेरा लंड उसकी चूत मे अंदर बाहर होने लगा।

मैंने रीमा के मम्मो को मसलते हुये उसकी चुदायी चालू कर दी। मेरा लंड का सुपाडा इतनी देर से खडे रहने के कारण और मस्त चुदायी के कारण बहुत ही सेन्सटिव हो गया था और चूत की दिवारो से रगड खाने के कारण मेरे अंदर दर्द और मजे कि एक लहर दौड रही थी जबकी उसकी चूत बहूत गीली थी जिसकी वजह से घर्षण बहुत कम था। मेरी नजर उसके चहरे पर थी। रीमा भी मेरी तरफ देख रही थी। और चुदाते हुये अपनी जीभ अपने होठों पर फिरा रही थी। और मेरे हर घक्के पर आह ओह उम्हऽऽ की आवाज निकाल निकाल कर मुझे और मस्त कर रही थी। इस आसन मे उसकी टाँगे मेरे कंधे पर रखी हुयी थी और उसकी उंची ऐडी की सैडंल हर धक्के के साथ हिल रही थी।

उसका गोरा पेट और गहरी नाभी उसका इस तरह आवाज निकालना होठ पर जीभ फिराने उसकी उंची ऐडी कि सैडंल, रीमा ने वासना के सारे हथियार मेरे उपर मेरे उपर एक साथ चला दिये थे। अब मुझसे भी नही रहा गया और मैंने अपनी चुदायी की रफ्तार को बढा दिया। फिर मेरी नजर उसकी गोरी माँसल टाँगो पर गया। उसकी सुंदर टांगे देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने अपने होठं उसके पैरो पर जामा दिये। और उनको चुमने लगा। रीमा बोली हाय रे बेटा ये क्या कर रहा है बडी गुदगुदी होती है बेटा। उम्हऽऽऽ चोद बेटा चोद अपनी माँ को ओह सीसऽऽऽ आह और स्पीड बढा बेटा जोर जोर से चोद माँ को। माँ चूत खोल कर तेरे सामने है फाड दे मेरी चूत मेरे लाल। उसकी बात सुनकर मैंने एक दो बडे करारे धक्के लगाये हाय रे हाँ ऐसे ही बेटा जोर से।

मैंने उसके मम्मे अभी भी अपने हाथो मे पकड रखे थे और उसके पैरो को चूमता हुआ जबर्दस्त चुदायी कर रहा था। रीमा भी मस्त थी और खुद अपने हाथ अपने चूतडो पर फिराने हुये चुदायी करा रही थी। पर इस तरह से चुदायी करने मे मुझे थोडी से तकलीफ हो रही थी। उसका कारण यह था की उसकी चूत और मेरा लंड एक ही उंचायी पर नही थे। इसलिये मैं एक दम से रुक गया मेरे रुकते ही रीमा ने पूछा रुक क्यो गया बेटा। मैंने कहा कुछ नही माँ और पीछे मुड कर सोफे पर पडा कुशन उठ लिया और बोला माँ तुम अपने चुतड कुछ उपर उठाओ मैं कुशन नीचे रख देता हुँ जिससे तुम्हारे चूत और मेरा लंड एक ही लेवल पर हो जांयेगे तो मुझको चोदने मे आसानी होगी। रीमा बोली ठीक है बेटा मैं अपने चूतड उठाती हूँ तु कुशन लगा दे।यह कह कर रीमा ने अपने चूतड उठा दिये और मैंने उसने नीचे कुशन लगाने की कोशिश की लेकिन उसके चूतड बहुत भारी थे और उसक चूत मे मेरा लंड फंसा हुआ था जिस की वजह से रीमा अपने चूतड ज्यादा नही उठा पा रही थी और उसके नीचे जगह नही बन रही थी। कम जगह मे से कुशन चुतडो के नीचे डालना मुशकिल था। जब थोडी देर कोशिश के बाद मैं कुशन नही डाल पाया रीमा बोली बेटा तू अपना लंड निकाल ले फिर कुशन आसानी से चला जायेगा। बात तो रीमा की सही थी पर मैं लंड निकालना नही चाहता था पर कर भी क्या सकता था। मन मार कर मैंने अपना लंड निकाल लिया।

हम दोनो के रस मे भीगा लंड चूत मे से बाहर निकल आया। रीमा ने फिर अपने पैर जमीन पर टिका कर अपने चूतड उंचे उठा दिये मैंने उसके नीचे कुशन लगा दिया। अब रीमा के चूदड थोडे उपर हो गये। रीमा ने अपनी टाँगे फैला ली और मैं उनके बीच आकर बैठ गयी और अपना लंड पकड कर उसके चूत के मुहाने पर रगडने लगा। फिर उसके चूतडो पर हाथ लगा कर अपना लंड उसकी चूत पर दबा दिया। लंड करीब आधा उसकी चूत मे घुस गया। फिर मैंने रीमा के पैर पकड चौडे कर दिये। और थोडा आगे खिसक कर अपना चूतड हिला कर एक जोरदार धक्का मारा। लंड पूरा उसकी चूत की जड तक समा गया।

रीमा ने कहा हाय रे बेटा तू तो मेरी चूत को बर्बाद कर के रहेगा बेटा थोडा धीरे डाला कर अपना लंड मेरी चूत मे चल अब देख क्या रहा है मार धक्के। फिर मैं ऐसे ही उसके पैरो को पकडे पकडे धक्के लगाने लगा। इस तरह से चूदायी करने मे मुझे अपना लंड रीमा की चूत मे जाता हुआ दिखायी दे रहा था। और मैं उसके पैरो को पकड कर अपने चूतड हिलाता हुआ रीमा की चूत की जबर्दस्त चुदायी कर रहा था। रीमा भी अपने चूतड हिलाते हुये मेरे हर धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी साथ ही साथ वह अपने चूतड गोल गोल घुमा रही थी। और अपनी बडी चूचीयो को मसलते हुये चूदायी का मजा ले रही थी।

मैं भी अब अपनी आँखे बंद किये हुये चुदायी किये जा रहा था। थोडी देर इसी तरह चूदायी करने के बाद रीमा बोली बेटा आ जा मेरे पास बेटा मेरे गले रे लग जा अब तुझसे बिल्कुल भी दूर नही रहा जा रहा बेटा। आ मेरे गले लग जा और फिर मेरी चूदायी कर। मैंने रीमा के पैर छोड दिये और रीमा के उपर लेट गया। रीमा ने मुझे अपनी बाहो मेर भर लिया और मेरे चहरे पर चुम्बनो की बरसात कर दी। और अपने हाथ मेरी पीठ पर फिराने लगी। मैंने अपने हाथ उसकी कमर पर लगा कर अपने लंड की पोजिशन को ठीक किया और फिर से अपने चूतड हिलाने शूरु कर दिये। रीमा ने बडी बडी कडी चूचीयां मेरी छाती मे धंस गयी। और उसकी घुडीयां नुकीली खडी हो कर मेरे सीने मे छेद बनाने को तैयार थी।


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