नशे की सज़ा compleet

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007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 01 Nov 2014 15:13



हम दोनो ने एक बार एक दूसरे की तरफ देखा – सलीम लगातार मुस्कुरा रहा था-उसने हम दोनो को अपने जाल मे पूरी तरह फँसा लिया था.देरी होने पर वो फिर से बोला-“फटाफट अपने आप को नंगा करो नही तो मैं अपने असिस्टेंट को बुलाता हूँ-उसे भी लड़कियों के कपड़े उतारने मे बहुत मज़ा आता है.”

उसकी यह धमकी काम कर गयी और मैं बोली-“नही नही उसकी ज़रूरत नही पड़ेगी-हम लोग खुद ही नंगी हुई जाती हैं-जैसा आप का हुक्म होगा हम दोनो वैसा ही करेंगी.”

हम दोनो ने इसके बाद अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और वो कुर्सी पर बैठा रिलॅक्स होकर हमे कपड़े उतारते हुए देख रहा था-उसने रिवॉल्विंग चेर पर अपनी दोनो टाँगे फैला रखी थी और उनके बीच मे अपने खड़े हुए लिंग को पॅंट के अंदर से ही सहला रहा था जो तन कर एकदम टेंट की तरह हो गया था.

हम दोनो जब बिल्कुल नंगी हो गयी तो उसने पहले सलोनी को ऑर्डर दिया-“तुम अपने हाथ उपर करके दीवार से सटा कर खड़ी हो जाओ-टाँगे फैलाकर रखो.” सलोनी के पास और कोई रास्ता नही था-उसने वैसा ही किया.फिर उसने मेरी तरफ देखा-“ तुम इधर मेरे पास आकर खड़ी हो जाओ!”
उसके हुक्म के मुताबिक मैं उसके नज़दीक चली गयी .

“अपने हाथ उपर उठाओ और थोड़ा और मेरे करीब आओ.मैं तुम्हारे इस खूबसूरत और चिकने बदन को सहलाना चाहता हूँ.” उसने अपने मन की बात जाहिर करते हुए मुझे ऑर्डर दिया और मैं उसके एकदम नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी.

हाथ उपर किए होने की वजह से मेरे सीने के दोनो कबूतर एकदम तन गये थे.

सलीम ने अपने एक हाथ को बारी बारी से मेरे सीने के उन्नत उभारों पर फिराया-उसका दूसरा हाथ अभी भी पॅंट के अंदर क़ैद अपने लिंग को सहलाने मे ही व्यस्त था. मुझे अपने इस ह्युमाइलियेशन का कोई अंत नज़र नही आ रहा था-सलीम का हाथ सरककर मेरे चिकने पेट पर चला आया था और वो अब मेरे नाभि प्रदेश के चिकने भाग को सहला रहा था.

सलीम ने अचानक अपने सामने की टेबल पर रखे पेन होल्डर मे से एक लाल रंग का स्केच पेन निकाल लिया और उसे मेरे नंगे बदन पर फिराने लगा-मेरे बदन मे अजीब तरह की झंझनाहट होने लगी-कुछ देर बाद उसने पेन को खोला और मेरे चिकने पेट पर उससे लिखना शुरू कर दिया-“मैं सलीम सर की यौन गुलाम हूँ.”

शर्म और ज़िल्लत से मेरे मानो आँखें बंद सी हुई जा रही थीं.

“अपनी खूबसूरत आँखों को खोलकर रखो….मेरी यौन गुलाम…….अब यह तुम्हारा पूरा का पूरा बदन और उसका एक एक अंग मेरी मौज़ मस्ती के लिए है.-उस पर तुम्हारा कोई हक़ नही है-समझी ?”

“जी सर……” मैं ज़बरदस्ती बोली.

“क्या जी सर……..साफ साफ बयान करो……” सलीम ने मेरे नितंबों पर ज़ोर का स्लॅप लगाते हुए कहा.

इससे पहले की मैं कुछ बोलती,सलीम ने सलोनी की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए उससे बोला-“अब तुम ऐसा करो..अपने कान पकड़कर खड़ी हो जाओ !”

ज़ाहिर था कि हम दोनो का ज़्याहा से ज़्यादा ह्युमाइलियेशन करने मे ही उसको मज़ा आ रहा था-इसलिए वो किसी ना किसी बहाने से हमारा ह्युमाइलियेशन किए जा रहा था. सलोनी ने उसके हुक्म के मुताबिक अपने कान पकड़ लिए और उसी पोज़िशन मे खड़ी रही.

इसके बाद वो फिर से मेरी तरफ मुखातिब हुआ-“ हां बोलो……….”

“मैं आपकी यौन गुलाम हूँ और मेरे इस खूबसूरत बदन पर आपका पूरा हक़ है –आप इसे जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं.” मैने ना चाहते हुए भी खून का घूँट पीकर सलीम से कहा और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन से लगा की अब वो पूरी तरह खुश था.

“ऐसा करो निशा……..ज़रा सलोनी को भी मेरी सेवा का कुछ मौका दो…….” सलीम ने मेरी तरफ देखा-“ इसके हाथ पीछे करके इस रस्सी से बाँध दो और इसकी आँखों पर यह ब्लाइंडफोल्ड लगा दो.” उसने मेरी तरफ एक रस्सी और एक काले रंग के कापरे का ब्लाइंडफोल्ड मेरे हाथों मे देते हुए ऑर्डर दिया.

मैने सलोनी के हाथ पीछे की तरफ बाँध दिए और उसकी आँखों पर भी काले रंग का काप्रा ब्लाइंडफोल्ड की तरह बाँध दिया-मुझे भी नही मालूम था कि सलीम आख़िर सलोनी के साथ क्या करने जा रहा था.

“निशा ज़रा तीन ग्लास लेकर आओ-थोड़ी शराब की पार्टी की जाए” सलीम ने मुझे खाली ग्लास लाने का हुक्म दिया और मैं उसका हम फटाफट बजा लाई.

“अब तुम कॉकटेल बनाने मे मेरी मदद करो……जाओ सामने फ्रिड्ज मे से दो बॉटल्स रखी हैं येल्लो कलर की शराब वाली, उन्हे निकालकर लाओ.” सलीम के कहते ही मैं फ्रिड्ज में से दोनो बॉटल्स निकाल लाई और सलीम के सामने टेबल पर रख दिया

“अब ज़रा आइस क्यूब बॉक्स भी ले आओ-उनकी भी ज़रूरत पड़ेगी ही..” सलीम मेरी तरफ देखकर बोला और फ्रिड्ज मे से आइस क्यूब्स लाकर मैने टेबल पर रख दिए.

007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 01 Nov 2014 15:14


सलीम ने मेरी तरफ देखा और बोला-“चलो निशा, पहला कॉकटेल बनाकर सलोनी को पिलाओ ताकि यह भी मस्ती मे आ जाए.”

मैं टेबल की तरफ आई और एक बॉटल जो किसी ब्रॅंडेड विस्की की थी,उसे खोला और थोड़ी सी शराब मैं ईक ग्लास मे डाल डी.बॉटल को बंद करके मैने टेबल पर रख दिया और दूसरी बॉटल उठा ली जिस पर कोई लेबल नही लगा था-जैसे ही मैने बॉटल को खोला, यूरिन की जानी पहचानी स्मेल मेरे नथुनो के अंदर चली गयी-मैने हैरानी से सलीम की तरफ देखा और हिम्मत करते हुए उससे पूछा-“सर यह कौन से ब्रांड की शराब है ?”

सलीम हंसता हुआ बोला-“अरे तुमने मेला फिल्म नही देखी क्या-उसमे आमिर ख़ान ने जिस ब्रांड की शराब पोलीस को पिलाई थी यह उसी ब्रांड की शराब है-चलो इसे भी डालो ग्लास मे और फिर दो तीन आइस क्यूब भी डाल कर एक पर्फेक्ट कॉकटेल बना डालो.”

मैं सब कुछ समझ गयी कि यह हम दोनो का अल्टिमेट ह्युमाइलियेशन था कि हमे सलीम अपना यूरिन मिक्स्ड कॉकटेल पिलाने जा रहा था लेकिन कुछ समझ नही आ रहा था कि आख़िर क्या किया जाए.हम दोनो के ही पास और कोई रास्ता भी तो नही था.

सलोनी के हाथ बँधे हुए थे और उसकी आँखों पर काला ब्लाइंडफोल्ड भी बँधा हुआ था लेकिन उसके कान को खुले हुए थे और उसने सलीम की सारी बातचीत सुन ली थी और उसके चेहरे का रंग भी फाक़्क़ पड़ गया था यह सोचकर कि अब स्वीपर सलीम अपना यूरिन मिक्स करके शराब भी पिलाने के चक्कर मे है.

सलीम ने वोही कहा जो मुझे अंदाज़ा था-“निशा सलोनी को बहुत ज़ोर की प्यास लग रही होगी शायद….इसे ज़रा यह कॉकटेल तो पिलाओ ताकि इसकी कुछ प्यास बुझे.”

इससे पहले की मैं सलोनी की तरफ कॉकटेल का ग्लास लेकर जाती,सलोनी ज़ोर से चिल्ला पड़ी-“ नही………यह ठीक नही है……….मैं यह ……….नही पी सकूँगी.मैने तो कभी शराब भी नही पी है………फिर इसमे तो शराब के साथ साथ…………” सलोनी कहते कहते रुक गयी.

सलीम लगातार मुस्करा रहा था और हंसते हुए मुझे बोला-“निशा तुम्हे लगता है की सलोनी तुम्हारे हाथों से यह मज़ेदार कॉकटेल ड्रिंक कर लेगी या फिर मैं अपने असिस्टेंट परवेज़ को बुलाकर उसे यह ज़िम्मेदारी दे दूं-उसे बहुत मज़ा आएगा सलोनी को कॉकटेल पिलाने मे.”

मुझे मालूम था कि सलोनी के बाद मेरी भी बरी लगेगी और मुझे भी यही सब करना पड़ेगा-किसी तीसरे आदमी को यहाँ बुलाने का मतलब अपने आप मुसीबत को बुलाने के जैसा था-मैने सलीम को आश्वस्त करते हुए कहा-“सर सलोनी को मैं यह ड्रिंक पीला दूँगी-आप निसचिंत रहें-आख़िर हम दोनो ने आपका वीर्य रस भी तो पिया ही है फिर इसे पीने मे भला क्या हर्ज़ है……”

यह कहने के बाद मैं ड्रिंक का ग्लास उठाकर सलोनी के पास चली गयी एर उसके होंठों से ग्लास लगाकर बोली-“पियो सलोनी…..बहुत मज़ा आएगा.”

लेकिन सलोनी ने मूह खोलने के वजए अपने होंठ कसकर बंद कर लिए.

सलीम ने मेरी तरफ देखा और बोला-“इसके गाल पर एक थप्पड़ लगाओ.”

मैने सलोनी के गाल पर स्लॅप लगते हुए कहा-“सलोनी इसे पी लो नही तो मुझे ना चाहते हुए भी तुम्हे स्लॅप करना पड़ेगा.”

007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 01 Nov 2014 15:14


सलीम ने फिर अपना फरमान जारी कर डाला-“ यह पूरा ग्लास सलोनी को अगले 5 मिनिट के अंदर पीना है-एक बूँद भी ना बाकी रहे और ना ही ज़मीन पर गिरनी चाहिए-अगर 5 मिनिट के अंदर यह नही हुआ तो मैं अपने असिस्टेंट परवेज़ को बुला लूँगा और वो फिर अपने ढंग से कॉकटेल पिलाएगा सलोनी को.”

परवेज़ वही लड़का था जो आज सुबह हमारे कमरे की सफाई करने आया था-उसके यहाँ आने की बात से मैं काफ़ी डरी हुई थी-मैने सलोनी की नाक के दोनो नथुने अपनी दो उंगलिओं से कसकर बंद कर दिए जिससे उसे अपना मूह खोलना पड़ा और मैने उसके खुले मूह मे कॉकटेल का ग्लास लगा दिया-“सलोनी बात समझने की कोशिश करो-चुपचाप पी जाओ इसे-और कोई रास्ता नही है अभी हमारे पास” यह बात मैने हल्के से इस तरह कही कि सिर्फ़ सलोनी ही सुन पाए.सलोनी ने फटाफट अपने मूह बनाते हुए पूरा का पूरा ग्लास खाली कर दिया.

क्रमशः..................

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