आशीष का लंड आकड़ा और वीर्य की ज़ोर की पिचकारी रिया के गले तक
छोड़ दी... रिया ने उसके लंड को पूरी तरह मे भींच लिया जिससे की
वीर्य बह कर बाहर ना आ जाए... इससे उसका पिचकारी पर पिचकारी
छोड़ने लगा और रिया सारा का सारा वीर्य गटक गयी.
जब आशीष का लंड पूरी तरह नीचूड़ गया तो रिया उठ कर अपनी
जगह पर बैठ गयी और अपने होठों को और मुँह को रुमाल से सॉफ
करने लगी. रिया खिड़की से बाहर देखने लगी.. उसका घर यहाँ से
ज़्यादा दूर नही था.
"विनोद प्लीज़ मुझे यही ड्रॉप कर दो.. मेरा घर यहाँ से पास ही
है... में चली जाउन्गी." रिया ने कहा.
"तुम्हे छोड़ने से पहले में चाहता हूँ कि तुम मेरे लिए कुछ करो."
विनोद ने गाड़ी को साइड की सड़क पर डालते हुए जवाब दिया.
विनोद ने गाड़ी एक मकान आगे रोकी जिसका शायद हाल मे ही रेनवेशन
हुआ था. विनोद गाड़ी से उतरा और रिया की तरफ का दरवाज़ा खोलते हुए
अपना हाथ बढ़ा दिया. रिया ने भी उसका हाथ पकड़ गाड़ी से उतर
गयी. मकान से जोरों से संगीत की आवाज़ आ रही थी जैसे की उपर
कोई पार्टी चल रही हो.
विनोद ने अपना हाथ रिया की कमर मे डाला और उसे लेकर मकान की
पहली मंज़िल पर आ गया.... संगीत का स्वर और ज़ोर से हो
गया... "मेरी दुनिया मे तुम्हारा स्वागत है रिया... ये हमारी दुनिया
है ऐश करने की." विनोद ने उसे अपने से चिपकाते हुए कहा.
खुले फ्लॅट के दरवाज़े से एक लड़का बाहर निकला और रिया को देख कर
ठिठक गया.. "यार विनोद तुम ये नई फुलझड़ियाँ रोज़ कहाँ से ले
आते हो यार?" उसने विनोद से कहा.
"मिल जाती है शायद मेरी पर्सनॅलिटी की वजह से." विनोद ने जवाब
दिया, "संजीव कहाँ है?"
"वो कमरे मे है.. और जब उसके लंड का पानी ख़तम हो जाएगा तो
बाहर आ जाएगा." उस लड़के ने जवाब दिया, फिर रिया की तरफ देख
उससे पूछा, "तुम कुछ ड्रिंक लेना पसंद करोगी?"
क्रमशः..................
दो भाई दो बहन compleet
Re: दो भाई दो बहन
21
गतान्क से आगे.......
रिया ने देखा कि विनोद उस लड़के के साथ फ्लॅट के अंदर चला गया
है. तो रिया भी उसके पीछे पीछे चली आई. दोनो किचन मे
पहुँचे तो रिया ने देखा की एक बड़े टब मे बहोत सारी बियर बर्फ के
साथ भरी हुई थी.... उस लड़के ने शेल्फ पर रखे ग्लास मे से एक
ग्लास उठाया और उसमे बियर डाल रिया को पकड़ा दी और फिर अपना ग्लास
भरने लगा."
"तुम आज सही मौके पे आई हो.. आज ज़्यादा भीड़ नही है.. वरना
इतना झंघट होता है हमेशा यहाँ.... वैसे मेरा नाम सुनील है
पर प्यार से लोग मुझे सन्नी कहते है."
"आइ आम रिया." कहकर रिया ने सन्नी से हाथ मिलाया.
"विनोद ने तुम्हे यहाँ आने के लिए तैयार कैसे कर लिया?" सन्नी ने
पूछा. "ये हमारा शैतानो का बसेरा है."
रिया सन्नी की बात सुनकर फ्लॅट के चारों तरफ देखने लगी.. देखने
मे उसे ऐसा कुछ नज़र नही आया जो शैतानो का बसेरा लगे.
सन्नी शायद उसके मन की बात भाँप गया, "थोड़ी देर मे मैं तुम्हे
नीचे बेसमेंट मे ले जाउन्गा... फिर तुम खुद समझ जाओगी की मेने
इसे शैतान का बसेरा क्यों कहा." सन्नी ने कहा.
सन्नी उसे लेकर बेसमेंट मे आ गया. लकड़ी की सीढ़ियाँ उतरते वक्त
रिया के कदम लड़खड़ा गये और उसने सहारे के लिए सन्नी को पकड़
लिया.. सन्नी ने इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए उसकी चुचियों को पकड़ा
और जोरों से मसल दिया. रिया को एक बार गुस्सा तो आया लेकिन उसने
कुछ कहा नही.
बेसमेंट मे पहुँच कर रिया ने देखा कि वो काफ़ी बड़ा था और बीच
मे एक पूल टेबल रखी हुई थी. दीवार से लगे एक टेबल पर स्टेरीयो
रखा हुआ था जीपार की संगीत जोरों से बज रहा था. बाकी की तीन
दीवारों से चार दीवान लगे हुए थे शायद आराम करने के लिए या
फिर चुदाई करने के लिए.
बेसमेंट की दीवारे भीं चुदाई की तस्वीरों से भरी हुई
थी.... और कमरे मे बाकी टेबल पर कुछ ऐसी ही मूर्तियाँ सॅज़ी हुई
थी... रिया ये देख समझ गयी कि ये जवान लड़के यहाँ पर सामूहिक
चुदाई करते है... ना जाने कितनी लड़कियों को इन्होने यहाँ चोदा
होगा.
तभी सन्नी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लेकर एक दीवान पर बैठ
गया.... रिया भी उसके बगल मे बैठ अपने पैरों से अपनी हाइ हील
की संडाल उतार दी.
"तो फिर क्या ख़याल है तुम्हारा... हमारे इस बसेरे के बारे मे."
सुनील ने पूछा.
गतान्क से आगे.......
रिया ने देखा कि विनोद उस लड़के के साथ फ्लॅट के अंदर चला गया
है. तो रिया भी उसके पीछे पीछे चली आई. दोनो किचन मे
पहुँचे तो रिया ने देखा की एक बड़े टब मे बहोत सारी बियर बर्फ के
साथ भरी हुई थी.... उस लड़के ने शेल्फ पर रखे ग्लास मे से एक
ग्लास उठाया और उसमे बियर डाल रिया को पकड़ा दी और फिर अपना ग्लास
भरने लगा."
"तुम आज सही मौके पे आई हो.. आज ज़्यादा भीड़ नही है.. वरना
इतना झंघट होता है हमेशा यहाँ.... वैसे मेरा नाम सुनील है
पर प्यार से लोग मुझे सन्नी कहते है."
"आइ आम रिया." कहकर रिया ने सन्नी से हाथ मिलाया.
"विनोद ने तुम्हे यहाँ आने के लिए तैयार कैसे कर लिया?" सन्नी ने
पूछा. "ये हमारा शैतानो का बसेरा है."
रिया सन्नी की बात सुनकर फ्लॅट के चारों तरफ देखने लगी.. देखने
मे उसे ऐसा कुछ नज़र नही आया जो शैतानो का बसेरा लगे.
सन्नी शायद उसके मन की बात भाँप गया, "थोड़ी देर मे मैं तुम्हे
नीचे बेसमेंट मे ले जाउन्गा... फिर तुम खुद समझ जाओगी की मेने
इसे शैतान का बसेरा क्यों कहा." सन्नी ने कहा.
सन्नी उसे लेकर बेसमेंट मे आ गया. लकड़ी की सीढ़ियाँ उतरते वक्त
रिया के कदम लड़खड़ा गये और उसने सहारे के लिए सन्नी को पकड़
लिया.. सन्नी ने इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए उसकी चुचियों को पकड़ा
और जोरों से मसल दिया. रिया को एक बार गुस्सा तो आया लेकिन उसने
कुछ कहा नही.
बेसमेंट मे पहुँच कर रिया ने देखा कि वो काफ़ी बड़ा था और बीच
मे एक पूल टेबल रखी हुई थी. दीवार से लगे एक टेबल पर स्टेरीयो
रखा हुआ था जीपार की संगीत जोरों से बज रहा था. बाकी की तीन
दीवारों से चार दीवान लगे हुए थे शायद आराम करने के लिए या
फिर चुदाई करने के लिए.
बेसमेंट की दीवारे भीं चुदाई की तस्वीरों से भरी हुई
थी.... और कमरे मे बाकी टेबल पर कुछ ऐसी ही मूर्तियाँ सॅज़ी हुई
थी... रिया ये देख समझ गयी कि ये जवान लड़के यहाँ पर सामूहिक
चुदाई करते है... ना जाने कितनी लड़कियों को इन्होने यहाँ चोदा
होगा.
तभी सन्नी ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लेकर एक दीवान पर बैठ
गया.... रिया भी उसके बगल मे बैठ अपने पैरों से अपनी हाइ हील
की संडाल उतार दी.
"तो फिर क्या ख़याल है तुम्हारा... हमारे इस बसेरे के बारे मे."
सुनील ने पूछा.
Re: दो भाई दो बहन
रिया दीवान के साइड टेबल पर रखी मूर्ति को देखने लगी जो कि
काम्सुत्र की प्रातीमा थी..."तुम लोगो को ये ऐसी मूर्तियाँ कहाँ से
मिल जाती है?"
सन्नी ने आगे बढ़ कर वो मूर्ति उठाई और रिया को पकड़ा दी.. रिया उस
मूर्ति को अच्छी तरह नज़दीक से देखने लगी तभी सन्नी ने कहा.
"छुट्टियों मे हम सभी दोस्त पूरी दुनिया की सैर करते है.. और वहीं
से ढूंड ढूंड कर खरीदी गयी है... बस एक के बाद एक इसी तरह
ये सब यहाँ जमा होती गयी. अच्छा कलेक्षन है ना?"
रिया ने उस मूर्ति को ध्यान से देखा जिसमे कि औरत जिसके कपड़े फटे
हुए थे और दो मजबूत हाथों ने उसकी चुचियों को पीछे से पकड़ा
हुआ था.... जब रिया ने उस मूर्ति को पलट कर देखा तो पाया कि उस
मर्द का लंड पीछे से उस औरत के चूत मे अटका हुआ था...
मूर्ति को देख रिया के बदन मे एक सनसनी से उठ गयी और उसकी चूत
मे चींतियाँ रेंगने लगी.. इतनी कलात्मक और उत्तेजञात्मक मूर्ति उसने
पहले कभी नही देखी थी. सिर्फ़ देखने से ही उसकी चूत मे खुजली
शुरू हो गयी थी.
"हां बहोत ही अच्छा कलेक्षन है." कहकर रिया ने मूर्ति सन्नी को
वापस पकड़ा दी और अपने ग्लास से बियर का घूंठ भरने लगी.
सन्नी ने मूर्ति वापस साइड टेबल पर रख दी और फिर रिया को अपने
नज़दीक खींच अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए.
रिया को सन्नी पसंद आ गया था और उसने भी उसका साथ देते हुए उसे
चूमने लगी. एक तो पहले से ही शराब का नशा और उपर से बियर और
फिर उस मूर्ति को देखना... रिया गरमा उठी थी.. और जब सन्नी ने
अपनी जीब से उसके मुँह को खोल अपनी जीब घुसाइ तो रिया ने भी उसके
जीब से अपनी जीब मिला दी.
रिया उन्माद मे उसकी जीब को चोसने लगी और उक्की चुचियों कठोर हो
गयी.. निपल तन कर खड़े हो गये... उसके दिल की धड़कने तेज हो
गयी.... वो पूरी तरह उत्तेजित हो चुकी थी.
पर मन ही मन रिया घबरा रही थी... वो डर रही थी कहीं उसके
साथ भी दीवारों पर लगी तस्वीरों जैसी चुदाई ना हो... उसने अपने
आप को सन्नी से अलग किया, "क्या तुम मुझे इसीके लिए यहाँ लाए
थे.." रिया ने सन्नी ने पूछा.
"हां और क्या... यही तो ज़िंदगी का मज़ा है."
रिया और सन्नी ने अपनी अपनी बियर ख़तम की, तभी रिया ने
पूछा... "तुम्हारे पास कोई सिग्रेट वग़ैरह है?"
"मेरे पास तो नही है.. लेकिन विनोद संजीव के पास से वही लाने के
लिए गया है.. वो अभी आता ही होगा." सन्नी ने जवाब दिया.
रिया को खुद पर विश्वास नही हो रहा था कि वो ऐसी जगह पर क्या
कर रही है... पर आज तो वो पूरी तरह से मस्ती के मूड मे थी..
उसने अपनी एक टांग दूसरी टांग पर रखी और सन्नी की तरफ मुँह
घूमा कर बोली.
"जब तक विनोद आएगा तब तक हम क्या करें," रिया ने एक शैतानी
मुस्कुराहट के साथ पूछा.. इस शैतानो के बसेरे मे वो भी शैतान
होना चाहती थी.
सन्नी अचानक रिया के व्यवहार से चौंक उठा और फिर मुस्कुराते हुए
बोला, "ज़रूर कुछ ना कुछ शैतानी ही करेंगे."
सन्नी ने अपना हाथ उसकी गर्दन मे डाला और एक बार फिर उसके होठों
को अपने होठों मे ले चूसने लगा... दोनो की जीब फिर खिलवाड़ करने
लगी.... दोनो के बदन मे गर्मी बढ़ने लगी.
काम्सुत्र की प्रातीमा थी..."तुम लोगो को ये ऐसी मूर्तियाँ कहाँ से
मिल जाती है?"
सन्नी ने आगे बढ़ कर वो मूर्ति उठाई और रिया को पकड़ा दी.. रिया उस
मूर्ति को अच्छी तरह नज़दीक से देखने लगी तभी सन्नी ने कहा.
"छुट्टियों मे हम सभी दोस्त पूरी दुनिया की सैर करते है.. और वहीं
से ढूंड ढूंड कर खरीदी गयी है... बस एक के बाद एक इसी तरह
ये सब यहाँ जमा होती गयी. अच्छा कलेक्षन है ना?"
रिया ने उस मूर्ति को ध्यान से देखा जिसमे कि औरत जिसके कपड़े फटे
हुए थे और दो मजबूत हाथों ने उसकी चुचियों को पीछे से पकड़ा
हुआ था.... जब रिया ने उस मूर्ति को पलट कर देखा तो पाया कि उस
मर्द का लंड पीछे से उस औरत के चूत मे अटका हुआ था...
मूर्ति को देख रिया के बदन मे एक सनसनी से उठ गयी और उसकी चूत
मे चींतियाँ रेंगने लगी.. इतनी कलात्मक और उत्तेजञात्मक मूर्ति उसने
पहले कभी नही देखी थी. सिर्फ़ देखने से ही उसकी चूत मे खुजली
शुरू हो गयी थी.
"हां बहोत ही अच्छा कलेक्षन है." कहकर रिया ने मूर्ति सन्नी को
वापस पकड़ा दी और अपने ग्लास से बियर का घूंठ भरने लगी.
सन्नी ने मूर्ति वापस साइड टेबल पर रख दी और फिर रिया को अपने
नज़दीक खींच अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए.
रिया को सन्नी पसंद आ गया था और उसने भी उसका साथ देते हुए उसे
चूमने लगी. एक तो पहले से ही शराब का नशा और उपर से बियर और
फिर उस मूर्ति को देखना... रिया गरमा उठी थी.. और जब सन्नी ने
अपनी जीब से उसके मुँह को खोल अपनी जीब घुसाइ तो रिया ने भी उसके
जीब से अपनी जीब मिला दी.
रिया उन्माद मे उसकी जीब को चोसने लगी और उक्की चुचियों कठोर हो
गयी.. निपल तन कर खड़े हो गये... उसके दिल की धड़कने तेज हो
गयी.... वो पूरी तरह उत्तेजित हो चुकी थी.
पर मन ही मन रिया घबरा रही थी... वो डर रही थी कहीं उसके
साथ भी दीवारों पर लगी तस्वीरों जैसी चुदाई ना हो... उसने अपने
आप को सन्नी से अलग किया, "क्या तुम मुझे इसीके लिए यहाँ लाए
थे.." रिया ने सन्नी ने पूछा.
"हां और क्या... यही तो ज़िंदगी का मज़ा है."
रिया और सन्नी ने अपनी अपनी बियर ख़तम की, तभी रिया ने
पूछा... "तुम्हारे पास कोई सिग्रेट वग़ैरह है?"
"मेरे पास तो नही है.. लेकिन विनोद संजीव के पास से वही लाने के
लिए गया है.. वो अभी आता ही होगा." सन्नी ने जवाब दिया.
रिया को खुद पर विश्वास नही हो रहा था कि वो ऐसी जगह पर क्या
कर रही है... पर आज तो वो पूरी तरह से मस्ती के मूड मे थी..
उसने अपनी एक टांग दूसरी टांग पर रखी और सन्नी की तरफ मुँह
घूमा कर बोली.
"जब तक विनोद आएगा तब तक हम क्या करें," रिया ने एक शैतानी
मुस्कुराहट के साथ पूछा.. इस शैतानो के बसेरे मे वो भी शैतान
होना चाहती थी.
सन्नी अचानक रिया के व्यवहार से चौंक उठा और फिर मुस्कुराते हुए
बोला, "ज़रूर कुछ ना कुछ शैतानी ही करेंगे."
सन्नी ने अपना हाथ उसकी गर्दन मे डाला और एक बार फिर उसके होठों
को अपने होठों मे ले चूसने लगा... दोनो की जीब फिर खिलवाड़ करने
लगी.... दोनो के बदन मे गर्मी बढ़ने लगी.