बुझाए ना बुझे ये प्यास compleet
Re: बुझाए ना बुझे ये प्यास
पर राज था की उसका ध्यान तो मॅच देखने मे लगा हुआ था.. वो महक
की तरफ देख भी नही रहा था.... जब महक ने महसूस किया की राज
उसकी तरफ ध्यान नही दे रहा है तो वो और जोरों से उसके लंड को
चूसने लगी.... वो उसके लंड को अपनी मुति मे पकड़ मसालती और
कभी अपनी जीब से उपर से नीचे तक चाट्ती जिससे की वो उसकी तरफ
ध्यान दे.. लेकिन राज था की उसका ध्यान मॅच देखने मे ही लगा
रहा.... महक को अक्चा नही लग रहा था.. वो और ज़ोर ज़ोर से उसके
लंड को चूसने लगी... उसे राज का ध्यान टीवी पर से हटाना होगा..
ये सोच कर वो उसके पैरों के बीच से उठी और टीवी के सामने खड़े
होकर झुक कर उसका लंड चूसने लगी.
"थोड़ा साइड मे हटो मुझे मॅच दीखाई नही दे रहा." राज ने महक
से कहा.
राज की कही हुई बात महक को बुरी लगी.. लेकिन वो क्या करती वो उसके
लंड को मुँह से निकाल बगल मे हट गयी.
"ये क्या कर रही हो? मेने तुमसे कहा ना की मेरा लंड चूसो." राज
ने उससे कहा.
"मुझे लगा की तुम्हे मज़ा नही आ रहा है.. और तुम तो मेरी तरफ
देख भी नही रहे थे.. इसीलिए मेने लंड चूसना छोड़ दिया."
महक ने शिकायत करते हुए जवाब दिया.
"छीनाल मेरी बात ध्यान से सुनो, तुम्हे यहाँ दूसरों का दिल बहलाने
बुलाया गया है ना की तुम्हारी पसंद और खुशियों का ख़याल
रखने... अब मेरा लंड चूस और मुझे मॅच देखने दे." राज ने
गुस्से मे महक से कहा.
राज के दोनो दोस्त ये देख कर असचर्या चकित थे की किस तरह राज इस
औरत के साथ बिहेव कर रहा था. महक ने देखा की वो दोनो उसे ही
घूर रहे थे....उस्ने भी अपना मान कड़ा कर किसी छीनाल की तरह
अपने आपको इस तरह झुकाया की दोनो दोस्त उसे आक्ची तरह देख सके
और उसने राज के लंड को एक बार फिर अपने मुँह मे लिया और चूसने
लगी.
महक अब उन दोनो को चीढ़ा चीढ़ा कर अपना मुँह नीचे उपर कर
राज के लंड को जोरों से चूसने लगी. दोनो ही अपने हाथों से अपने
लंड को शॉर्ट्स के उपर से मसालने लगे.
राज का लंड चूस्ते चूस्ते वो भी गर्माती जा रही थी. वो उन दोनो
की नज़रों से नज़रें मिलाए राज के लंड को अपने तक गले तक ले लेती
फिर अपनी जीब के सहर उसे चाटते हुए बाहर निकलती.... . उसकी खुद
की चूत गीली हो चुकी थी और उससे रस बह कर उसकी जांघों को
गीला कर रहे थे. वो चाहती थी की राज का लंड पानी छोड़ दे और
इसलिए वो और ज़ोर ज़ोर से उसके लंड को चूसने लगी.
उन दोनो से नज़रें मिलाए महक जोरों से राज के लंड को चूस रही
थी... आख़िर राज भी कब तक अपनी उत्तेजना को रोक पता उसका भी
शरीर अकड़ने लगा और उसने एक हुंकार भरते हुए अपना पानी महक के
मुँह मे छोड़ दिया... जिसे वो पी गयी.. उसे वीर्या का स्वाद अककचा जो
लगने लगा था.
Re: बुझाए ना बुझे ये प्यास
महक के होठों के कीनरों से बहते राज के वीर्या को देख विनय और
वरुण के लंड शॉर्ट्स मे और उछाल मरने लगे. वरुण से तो सहन होना
मुश्किल हो रहा था... उसे लग रहा था की अगर उसने जलादी ही कुछ
नही किया तो उसका लंड शॉर्ट्स मे ही पानी छोड़ देगा.
महक ने जब राज के लंड की हर एक बूँद पी ली तो राज ने उसे परे
हटा दिया और उसे और बियर लाने के लिए कहा. महक उसकी टाँगो के
बीच से उठी और विनय और वरुण को देखने लगी जो उसे ही घूर
रहे थे.... उसने आने मुँह पर लगे राज के वीर्या को अपनी उंगली से
सॉफ किया और फिर अपनी उंगली को मुँह मे ले चाटने लगी... फिर
दोनो को आँख मारते हुए किचन की तरफ चली गयी.
जब महक किचन मे थी तो उसने विनय और वरुण को राज को कहते
सुने की वो दोनो काफ़ी उत्तेजित हैं और उसे चोदना चाहता है. एक बार
तो उसे राज के व्यवहार पर बुरा लगा की वो किस तरह अपने दोस्तों की
बात मान गया था.. लेकिन फिर दो दो लंड के ख़याल ने उसके चेहरे
पर मुस्कान ला दी.
महक ने वापस हॉल मे आकर बियर का ग्लास राज को पकड़ाया और बाकी
के ग्लास सेंटर टेबल पर लगाने लगी... ग्लास टेबल पर रखते वक़्त
उसने ख़ास ज़्यादा झुकते हुए अपनी चुचियों की झलक विनय और वरुण
को दीखा दी.
फिर जैसे ही वो विनय की तरफ पीठ कर घूमी उसने उसकी गोल गॅंड
पर एक ज़ोर का थप्पड़ मार दिया.
"तुम्हायर चुचियों तो शानदार है साथ ही तुम्हारी गॅंड भी बड़ी मस्त
है" विनय ने कहा.
उसके थप्पड़ से महक एक बार तो चौंक कर उछाल पड़ी फिर घूमते
हुए बोली, "क्या तुम्हे पसंद है? क्या तुम देखना चाहोगे?
"हां" विनय ने जवाब दिया.
महक ने अपने टॉप को पकड़ा और उसे निकाल दिया, उसकी कठोर चुचियों
काले रंग की सॅटिन की ब्रा मे क़ैद थी... विनय और वरुण उसकी
चुचियों को घूर्ने लगे. फिर महक ने एक एक चुचि को पकड़ा और
ब्रा से बाहर निकल ली. अब वो अपनी चुचियों को मुति मे भर
मसालने लगी.... दोनो के लंड उत्तेजना मे खड़े हो शॉर्ट्स को फाड़ कर
बाहर आने को बेताब हो रहे थे. विनय उसके शरीर के नज़दीक था
इसलिए वो अपना हाथ उसकी टाँगो और जाँघो पर फिरने लगा.... महक
ने अपन टाँगे फैला दी जिससे उसका हाथ आसानी से उसकी चूत तक
पहुँच गया और उसने अपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसा दी.
"तुम्हारी चूत तो पूरी तरह गीली हो चुकी है." उसने कहा.
"ह्म्म्म" महक ने सिसकते हुए अपनी गर्दन हिलाई.. और विनय ने अपनी
दूसरी उंगली उसकी चूत मे डाल दी और धीरे धीरे अंदर बाहर
करने लगा. थोड़ी ही देर मे चूत गरमा गयी और वो झड़ने की कगार
तक पहुँच गयी.
"हाआँ और ज़ोर से इसी तरह मेरी चूत को अपनी उंगलियों से चोदो
ऑश हाआं और ज़ोऱ शे ऑश मेरा छूटने वाला है." महक अपनी
चुचियों को और जोरों से मसालते हुए सिसक रही थी.
विनय अब और तेज़ी से अपनी उंगलियों को उसकी चूत के अंदर बाहर कर
रहा था.
"हां और ज़ोर से ओ हां ज़ोर से." महक अब उसे और उकसा रही
थी. "ओ हाआँ मेरा छूटा ऑश ऑश" वो ज़ोर से सिसकी और उसकी
चूत ने पानी छोड़ दिया... उत्तेजना मे उसका शरीर कांप रहा था और
उसे अब खड़ा होना मुश्किल हो रहा था.
विनय ने अपना हाथ उसकी चूत पर हटाया और अपनी शॉर्ट्स उतार दी
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बुझाए ना बुझे ये प्यास--15
उसका लंड पूर तरह तन कर खड़ा था. महक ने देखा की उसका लंड
राज के लंड से मोटा भी था और लंबा भी. उसने अपने लंड को पकड़ा
और महक को इशारा कर बोला, "आओ मेरे लंड पर बैठ जाओ जिससे
में तुम्हे चॉड सकूँ."
महक यही तो चाहती थी... वो विनय की तरफ पीठ कर घूम
गयी.... उसने अपनी स्कर्ट उपर उठा दी जिससे उसकी गॅंड ठीक विनय के
चेहरे के पास थी फिर अपनी टाँगे फैला उसकी गोद मे चढ़ि और उसके
लंड को अपनी चूत से लगा उसकी गोद मे बैठती चली गयी...... फिर
धीरे धीरे उछाल कर वो उसके लंड को अपनी चूत मे लेने
लगी. ....
विनय के लंड पर उछलते हुए महक ने अपने हाथ पीछे लेजा कर
अपनी ब्रा का हुक खोल दिया... अब उसकी चुचियों उसके हर उछाल के
साथ झूल रही थी.... वरुण अपनी जगह से खड़ा हुआ और उसके सामने
आकर खड़ा हो गया... वो बड़ी ललचाई नज़रों से उसकी फुदकट्ी
चुचियों को देखने लगा.
महक ने जब वरुण को इस तरह अपनी चुचियों को निहारते देखा तो
बोली, "तुम अपना लंड बाहर निकालो में इसे चूसना चाहती हून तब
तक तुम्हारा दोस्त मुझे चोद्ता रहेगा."
वरुण ने तुरंत अपनी शॉर्ट्स खोली और अपने लंड को बाहर निकाल लिया.
वरुण का लंड तोड़ा छोटा भी था और पतला भी, पर इस बात की
परवाह किए बगैर महक ने उसके लंड को अपने मुँह मे लिया और
चूसने लगी. वो वरुण को लंड को चूस रही थी साथ ही उछाल उछाल
कर विनय के लंड को अपनी चूत मे ले रहित थी. बहोट ही अक्चा ताल
मेल बैठ रहा था दोनो लंड को..... जब वो विनय के लंड से खड़ी
होती तो वरुण का लंड उसके गले तक आ जाता और जब वो उसके लंड को
थोड़ा बाहर निकलते हुए विनय के लंड पर बेथति तो उसका लंड उसकी
जड़ों तक जा पहुँचता... . इसी तरह ताल से ताल मिलकर वो दोनो
लंड का मज़ा लेने लगी.
महक पूरे मज़े ले रही थी... वो जितना कुछ रोज़ नया करती उसकी
उत्तेजना उतनी ही बढ़ रही थी.... वो ज़ोर ज़ोर से वरुण के लंड को
चूस रही थी साथ ही उसकी गोलैईयों को अपनी मुति मे पकड़ सहला
रही थी..... उसकी चूत मे उबाल बढ़ने लगा... उसने वरुण के लंड
को अपने मुँह से निकाला और ज़ोर ज़ोर से उछाल कर विनय केलुँद को अपनी
चूत मे लेने लगी...
"म्म्म्मम ऑश हाां हाआँ.." सिसकते हुए वो उछाल रही थी और विनय
भी उसके कुल्हों को पकड़ अपनी गॅंड उठा अपना लंड और उसकी चूत मे
पेलने लगा. महक को इस तरह चुड़वते देख वरुण की हालत खराब
होने लगी... उसका लंड पानी छोड़ने को तायरार था.. वो महक के
चेहरे के और करीब आया और ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को मसालनेलागा. ..
और उसके लंड ने ज़ोर की पिचकारी छोड़ी... वीर्या की धार महक के
चेहरे और चुचियों को भिगोने लगी.....
"हां चॉड दो सारा पानी मेरी चुचियों पर ओ हाआँ ऐसे ही ऑश
कितना अछा लग रहा है..." महक सिसकते हुए वरुण को उकसाना लगी..
उसका लंड पूर तरह तन कर खड़ा था. महक ने देखा की उसका लंड
राज के लंड से मोटा भी था और लंबा भी. उसने अपने लंड को पकड़ा
और महक को इशारा कर बोला, "आओ मेरे लंड पर बैठ जाओ जिससे
में तुम्हे चॉड सकूँ."
महक यही तो चाहती थी... वो विनय की तरफ पीठ कर घूम
गयी.... उसने अपनी स्कर्ट उपर उठा दी जिससे उसकी गॅंड ठीक विनय के
चेहरे के पास थी फिर अपनी टाँगे फैला उसकी गोद मे चढ़ि और उसके
लंड को अपनी चूत से लगा उसकी गोद मे बैठती चली गयी...... फिर
धीरे धीरे उछाल कर वो उसके लंड को अपनी चूत मे लेने
लगी. ....
विनय के लंड पर उछलते हुए महक ने अपने हाथ पीछे लेजा कर
अपनी ब्रा का हुक खोल दिया... अब उसकी चुचियों उसके हर उछाल के
साथ झूल रही थी.... वरुण अपनी जगह से खड़ा हुआ और उसके सामने
आकर खड़ा हो गया... वो बड़ी ललचाई नज़रों से उसकी फुदकट्ी
चुचियों को देखने लगा.
महक ने जब वरुण को इस तरह अपनी चुचियों को निहारते देखा तो
बोली, "तुम अपना लंड बाहर निकालो में इसे चूसना चाहती हून तब
तक तुम्हारा दोस्त मुझे चोद्ता रहेगा."
वरुण ने तुरंत अपनी शॉर्ट्स खोली और अपने लंड को बाहर निकाल लिया.
वरुण का लंड तोड़ा छोटा भी था और पतला भी, पर इस बात की
परवाह किए बगैर महक ने उसके लंड को अपने मुँह मे लिया और
चूसने लगी. वो वरुण को लंड को चूस रही थी साथ ही उछाल उछाल
कर विनय के लंड को अपनी चूत मे ले रहित थी. बहोट ही अक्चा ताल
मेल बैठ रहा था दोनो लंड को..... जब वो विनय के लंड से खड़ी
होती तो वरुण का लंड उसके गले तक आ जाता और जब वो उसके लंड को
थोड़ा बाहर निकलते हुए विनय के लंड पर बेथति तो उसका लंड उसकी
जड़ों तक जा पहुँचता... . इसी तरह ताल से ताल मिलकर वो दोनो
लंड का मज़ा लेने लगी.
महक पूरे मज़े ले रही थी... वो जितना कुछ रोज़ नया करती उसकी
उत्तेजना उतनी ही बढ़ रही थी.... वो ज़ोर ज़ोर से वरुण के लंड को
चूस रही थी साथ ही उसकी गोलैईयों को अपनी मुति मे पकड़ सहला
रही थी..... उसकी चूत मे उबाल बढ़ने लगा... उसने वरुण के लंड
को अपने मुँह से निकाला और ज़ोर ज़ोर से उछाल कर विनय केलुँद को अपनी
चूत मे लेने लगी...
"म्म्म्मम ऑश हाां हाआँ.." सिसकते हुए वो उछाल रही थी और विनय
भी उसके कुल्हों को पकड़ अपनी गॅंड उठा अपना लंड और उसकी चूत मे
पेलने लगा. महक को इस तरह चुड़वते देख वरुण की हालत खराब
होने लगी... उसका लंड पानी छोड़ने को तायरार था.. वो महक के
चेहरे के और करीब आया और ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को मसालनेलागा. ..
और उसके लंड ने ज़ोर की पिचकारी छोड़ी... वीर्या की धार महक के
चेहरे और चुचियों को भिगोने लगी.....
"हां चॉड दो सारा पानी मेरी चुचियों पर ओ हाआँ ऐसे ही ऑश
कितना अछा लग रहा है..." महक सिसकते हुए वरुण को उकसाना लगी..