शॉपिंग करके लोटने पर पायल का पैर अचानक मोच खा जाता है और वह एक दम से गिर जाती है
रवि- अरे क्या हुआ दीदी
पायल- आह रवि मेरा पैर मूड गया बहुत दर्द हो रहा है
रवि पायल का हाथ पकड़ कर उसको सहारा दे कर उठाता है और पायल खड़ी होती है पर उसके पैर की मोच का दर्द कुछ
ज़्यादा था और वह फिर से नीचे बैठ जाती है,
पायल- आह रवि बहुत दर्द कर रहा है ये एडी के उपर की नस खिच गई है
रवि- दीदी मेरा हाथ पकड़ कर धीरे -धीरे चलो घर के अंदर चल कर बैठ जाना
पायल- नही रवि मुझसे एक कदम भी नही चला जाएगा
रवि- पर दीदी मे तुम्हे उठाकर कैसे ले जाउ
पायल- क्यो नही ले जा सकता
रवि- मुस्कुरा कर दीदी तुम इतनी मोटी हो मुझसे तुम्हारा वजन कैसे सहा जाएगा
पायल- उसको घूर कर गुस्से से देखती हुई उसकी पीठ मे मारती है , मे मोटी हू
रवि- आह सॉरी बाबा सॉरी चलो कोशिश करता हू
रवि पायल को अपने हाथो का सहारा दे कर खड़ी करता है फिर उसकी मोटी गान्ड के नीचे अपना हाथ ले जाकर उसको अपनी गोद
मे उठा लेता है, अपनी दीदी की गदराई मुलायम गान्ड के स्पर्श से रवि पागल हो जाता है और उसका लंड तुरंत खड़ा हो जाता
है, पायल के मोटे-मोटे दूध उसके आँखो के सामने तने दिख रहे थे, उसकी उत्तेजना अपनी जवान और गदराई दीदी के
शरीर के स्पर्श से आसमान छूने लगी थी, उसने अपने हाथ को अपनी दीदी की गदराई मोटी गान्ड पर ठीक से अड्जस्ट किया और
अपनी दीदी की मुलायम गान्ड को अपने पंजो मे भर कर दूसरे हाथ से उसकी पीठ पर लेज कर उसकी गदराई कसी हुई चुचियो
को अपने सीने के पास सटा लिया, पायल अपनी आँखे फाडे रवि के चेहरे को देख रही थी और रवि अपनी दीदी के गुलाबी गालो,
रसीले होंठो और मोटी-मोटी गदराई चुचियो को देख रहा था, और जैसे ही रवि ने अपनी दीदी की आँखो मे देखा तो उसकी
नज़र अपनी दीदी से मिल गई और वह ऐसा पल था जब दोनो एक साथ उत्तेजित लग रहे थे दोनो का चेहरा मारे उत्तेजना के एक
अलग ही रंग मे आ चुका था, और दोनो की आँखे एक दूसरे को देख कर कह रही थी एक मेरी प्यास बुझा दे, दोनो की नज़रे
एक दूसरे की आँखो मे ठहर गई थी और दोनो को एक दूसरे की आँखो मे अपना चेहरा नज़र आ रहा था,
कमीना compleet
Re: कमीना
रवि का दिल अपनी दीदी के हुस्न को देख कर उसके खूबसूरत चेहरे को चूमने का कर रहा था, वही पायल का दिल यह चाह
रहा था कि रवि उसके होंठो को कस कर चूम ले, उस समय ना रवि को यह एहसास था कि वह अपनी दीदी को अपनी गोद मे
उठाए एक ही जगह काफ़ी देर से खड़ा है और ना ही पायल को भी इस बात का एहसास था, बस दोनो एक दूसरे को देख कर एक
दूसरे की बाँहो मे सिमट कर एक दूसरे को कस कर चूम लेना चाहते थे, और हुआ भी कुछ ऐसा ही, रवि अपनी दीदी के हुस्न
के मायाजाल मे ऐसा उलझ गया कि उसे कुछ एहसास नही रहा, और जब उसकी आँखो ने अपनी दीदी की नशीली आँखो को और
उसके उत्तेजक चेहरे को इस तरह देखा तो उससे रहा नही गया और दीदी आइ लव यू कह कर अपनी दीदी के रसीले होंठो को करीब
5 सेकेंड तक चूमता है और फिर अचानक जब वह अपना मुँह अपनी दीदी के होंठो से हटाता है तो पायल का कामुक एहसास
उसके चेहरे से और ज़्यादा छलकने लगता है और पायल की नज़रे 2 सेकेंड बाद नीचे झुक जाती है तब रवि को अचानक अपनी
की हुई हरकत का एहसास होता है और वह दीदी सॉरी कहता हुआ अपने घर की ओर बढ़ने लगता है.
वह धीरे-धीरे अब आगे की ओर देख कर बढ़ता जाता है और उसके चेहरे का एक्सप्रेशन काफ़ी कठोर हो जाता है, पायल
रवि की गोद मे चुपचाप बैठी हुई अपनी नज़रे उठा कर रवि के चेहरे को फिर से देखने लगती है, कुछ देर तक पायल रवि
के चेहरे को देखती है और फिर ना जाने कहा से पायल के होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है और वह रवि की नज़र
बचा कर हल्के से उसके सीने से चिपक जाती है और अपने सर को उसके सीने से लगा देती है, रवि पायल की मनोदशा को
समझते हुए, कुछ आगे चल कर उसके होंठो पर भी एक छोटी सी मुस्कान आ जाती है, और कुछ पॅलो की इस सिचुयेशन के बाद
दोनो का दिमाग़ फिर काम करना शुरू कर देता है और रवि अपने हाथो को पायल की मोटी गदराई गान्ड पर फिर से अड्जस्ट
करते हुए उसकी गान्ड और चुतड के बीच अपना हाथ भर कर उसकी गान्ड और चूत को अपने हाथो से दबाता हुआ, अप्यल को
अपने हाथो मे कस लेता है,
जहा रवि का मोटा लंड अपना सर उठा कर खड़ा था वही पायल की प्यासी चूत भी अपने भाई के मर्दाना एहसास से पानी छोड़
देती है, रवि का हाथ अपनी दीदी के स्कर्ट से हट कर उसकी नंगी गोरी-गोरी मोटी गदराई जाँघो को भिंचे रहता है, रवि अपनी
दीदी की मदमस्त जवानी के एहसास और उसके गदराए जिस्म से उठती भीनी-भीनी खुसबू ने उसे पागल कर दिया था, और वह
फिर से पायल के चेहरे को देखता हुआ, अपने मन मे सोचता है, दीदी तुम कितनी हसीन हो तुम तुम्हारे इस लाजवाब हुस्न ने
आज तुम्हारे भाई को तुम्हारा गुलाम बना दिया है, तुम बहुत सेक्सी हो,
पायल अचानक रवि की ओर देखती है और रवि अपनी नज़रे हटा लेता है, पायल एक बार फिर धीरे से मुस्कुरा देती है, और
अपने मन मे सोचती है, कमीना आज बहुत सेक्सी लग रहा है, जब यह मुझको पूरी नंगी करके अपनी गोद मे ऐसे ही
उठाएगा तो वह एहसास कैसा होगा हे मे तो मर जाउन्गि, मुझे पूरी नंगी देख कर यह तो मुझे खूब कस कर अपने
मोटे लंड से चोदेगा, और अचानक पायल के मुँह से निकल जाता है, है ना रवि
रवि- क्या दीदी
पायल- मुस्कुरा कर कुछ नही
थोड़ी देर मे रवि अपनी दीदी को लाकर सोफे पर बैठा देता है, और खुद ज़मीन पर अपने पेर के पंजो के बल बैठ कर
रवि- लाओ अपना पर दिखाओ कहा मोच आई है, और उसके पेरो के पंजो को अपने हाथो से पकड़ कर अपने मुँह के करीब लाकर देखने लगता है
पायल छोटी सी स्कर्ट पहने अपने पेरो को ज़मीन पर टिका कर सोफे से टिक कर बैठी थी और जब रवि ने उसके मोच खाए पेर के
तलवो पर अपना हाथ रख कर उसे उपर उठाया तो उसकी स्कर्ट थोड़ा उपर सरक गई और उसकी गोरी-गोरी मोटी जंघे दिखाई
देने लगी, रवि अपनी दीदी के पेरो की गोरी और चिकनी पिंदलियो को अपने हाथो से पकड़े हुए उसके पेर के पंजो की नसो पर
अपने हाथ से थोड़ा दबाता है तो
पायल-आह रवि बहुत दर्द कर रहा है और वह अपने पेर को हटाने लगी, रवि ने उसके पेरो को कस कर पकड़ लिया और
रवि- दीदी दो मिनिट देखने तो दो मे अब नही दबाउन्गा आप आराम से बैठी रहो मे देखता हू
और फिर रवि ने अपने हल्के हाथो से उसकी परो की नसो को दबाना शुरू किया, पायल अपनी टांग उठाए रवि को आँखे फाड़
कर देख रही थी और रवि आज उसे बहुत अच्छा लग रहा था वह एक तक मंद-मंद मुस्कुराती हुई रवि की ओर देख रही
थी, तभी रवि की नज़र अपनी दीदी की मोटी गदराई जाँघो की जड़ो मे पहुच गई और उसका लंड झटके मारने लगा उसे पायल
की लाल रंग की पेंटी मे कसी हुई उसकी फूली चूत का उभार नज़र आने लगा और वह पायल के पेर को थोड़ा और उपर करके
उसकी गदराई जाँघो की जड़ो मे अपनी आँखे फाडे हुए देखने लगा, पायल उसकी नज़रो को पकड़ चुकी थी और वह समझ
गई कि रवि उसकी पेंटी मे कसी हुई फूली चूत को हसरत भरी नज़रो से देख रहा है, तभी रवि ने जैसे ही पायल की तरफ
देखा पायल ने जल्दी से अपनी आँखे बंद कर ली और फिर रवि ने अपनी नज़रे उसकी चूत पर टिका दी और पायल ने फिर से धीरे से अपनी आँखे खोल कर रवि को देखने लगी और रवि द्वारा अपनी चूत देखे जाने से उसके चेहरे पर थोड़ी मुस्कुराहट आ गई,
पायल- रवि तू क्या देख रहा है
रवि - सकपकाता हुआ अपनी नज़रे पायल की ओर कर के कुछ नही दीदी, कही भी मोच नज़र नही आ रही है
पायल- पगले वो तो पेर की नस खींच गई है वह तुझे कैसे नज़र आएगी,
रवि- फिर भी दीदी मे थोड़ा मालिश कर देता हू मुझे हाथ लगा कर बताओ कि आपको सबसे ज़्यादा दर्द कहाँ हो रहा है
पायल- मुस्कुरा कर अपने मन मे, पगले अब मे तुझे अपनी चूत मे हाथ लगा कर कैसे बताउ कि मुझे यहाँ सब से
ज़्यादा दर्द हो रहा है,
रहा था कि रवि उसके होंठो को कस कर चूम ले, उस समय ना रवि को यह एहसास था कि वह अपनी दीदी को अपनी गोद मे
उठाए एक ही जगह काफ़ी देर से खड़ा है और ना ही पायल को भी इस बात का एहसास था, बस दोनो एक दूसरे को देख कर एक
दूसरे की बाँहो मे सिमट कर एक दूसरे को कस कर चूम लेना चाहते थे, और हुआ भी कुछ ऐसा ही, रवि अपनी दीदी के हुस्न
के मायाजाल मे ऐसा उलझ गया कि उसे कुछ एहसास नही रहा, और जब उसकी आँखो ने अपनी दीदी की नशीली आँखो को और
उसके उत्तेजक चेहरे को इस तरह देखा तो उससे रहा नही गया और दीदी आइ लव यू कह कर अपनी दीदी के रसीले होंठो को करीब
5 सेकेंड तक चूमता है और फिर अचानक जब वह अपना मुँह अपनी दीदी के होंठो से हटाता है तो पायल का कामुक एहसास
उसके चेहरे से और ज़्यादा छलकने लगता है और पायल की नज़रे 2 सेकेंड बाद नीचे झुक जाती है तब रवि को अचानक अपनी
की हुई हरकत का एहसास होता है और वह दीदी सॉरी कहता हुआ अपने घर की ओर बढ़ने लगता है.
वह धीरे-धीरे अब आगे की ओर देख कर बढ़ता जाता है और उसके चेहरे का एक्सप्रेशन काफ़ी कठोर हो जाता है, पायल
रवि की गोद मे चुपचाप बैठी हुई अपनी नज़रे उठा कर रवि के चेहरे को फिर से देखने लगती है, कुछ देर तक पायल रवि
के चेहरे को देखती है और फिर ना जाने कहा से पायल के होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान आ जाती है और वह रवि की नज़र
बचा कर हल्के से उसके सीने से चिपक जाती है और अपने सर को उसके सीने से लगा देती है, रवि पायल की मनोदशा को
समझते हुए, कुछ आगे चल कर उसके होंठो पर भी एक छोटी सी मुस्कान आ जाती है, और कुछ पॅलो की इस सिचुयेशन के बाद
दोनो का दिमाग़ फिर काम करना शुरू कर देता है और रवि अपने हाथो को पायल की मोटी गदराई गान्ड पर फिर से अड्जस्ट
करते हुए उसकी गान्ड और चुतड के बीच अपना हाथ भर कर उसकी गान्ड और चूत को अपने हाथो से दबाता हुआ, अप्यल को
अपने हाथो मे कस लेता है,
जहा रवि का मोटा लंड अपना सर उठा कर खड़ा था वही पायल की प्यासी चूत भी अपने भाई के मर्दाना एहसास से पानी छोड़
देती है, रवि का हाथ अपनी दीदी के स्कर्ट से हट कर उसकी नंगी गोरी-गोरी मोटी गदराई जाँघो को भिंचे रहता है, रवि अपनी
दीदी की मदमस्त जवानी के एहसास और उसके गदराए जिस्म से उठती भीनी-भीनी खुसबू ने उसे पागल कर दिया था, और वह
फिर से पायल के चेहरे को देखता हुआ, अपने मन मे सोचता है, दीदी तुम कितनी हसीन हो तुम तुम्हारे इस लाजवाब हुस्न ने
आज तुम्हारे भाई को तुम्हारा गुलाम बना दिया है, तुम बहुत सेक्सी हो,
पायल अचानक रवि की ओर देखती है और रवि अपनी नज़रे हटा लेता है, पायल एक बार फिर धीरे से मुस्कुरा देती है, और
अपने मन मे सोचती है, कमीना आज बहुत सेक्सी लग रहा है, जब यह मुझको पूरी नंगी करके अपनी गोद मे ऐसे ही
उठाएगा तो वह एहसास कैसा होगा हे मे तो मर जाउन्गि, मुझे पूरी नंगी देख कर यह तो मुझे खूब कस कर अपने
मोटे लंड से चोदेगा, और अचानक पायल के मुँह से निकल जाता है, है ना रवि
रवि- क्या दीदी
पायल- मुस्कुरा कर कुछ नही
थोड़ी देर मे रवि अपनी दीदी को लाकर सोफे पर बैठा देता है, और खुद ज़मीन पर अपने पेर के पंजो के बल बैठ कर
रवि- लाओ अपना पर दिखाओ कहा मोच आई है, और उसके पेरो के पंजो को अपने हाथो से पकड़ कर अपने मुँह के करीब लाकर देखने लगता है
पायल छोटी सी स्कर्ट पहने अपने पेरो को ज़मीन पर टिका कर सोफे से टिक कर बैठी थी और जब रवि ने उसके मोच खाए पेर के
तलवो पर अपना हाथ रख कर उसे उपर उठाया तो उसकी स्कर्ट थोड़ा उपर सरक गई और उसकी गोरी-गोरी मोटी जंघे दिखाई
देने लगी, रवि अपनी दीदी के पेरो की गोरी और चिकनी पिंदलियो को अपने हाथो से पकड़े हुए उसके पेर के पंजो की नसो पर
अपने हाथ से थोड़ा दबाता है तो
पायल-आह रवि बहुत दर्द कर रहा है और वह अपने पेर को हटाने लगी, रवि ने उसके पेरो को कस कर पकड़ लिया और
रवि- दीदी दो मिनिट देखने तो दो मे अब नही दबाउन्गा आप आराम से बैठी रहो मे देखता हू
और फिर रवि ने अपने हल्के हाथो से उसकी परो की नसो को दबाना शुरू किया, पायल अपनी टांग उठाए रवि को आँखे फाड़
कर देख रही थी और रवि आज उसे बहुत अच्छा लग रहा था वह एक तक मंद-मंद मुस्कुराती हुई रवि की ओर देख रही
थी, तभी रवि की नज़र अपनी दीदी की मोटी गदराई जाँघो की जड़ो मे पहुच गई और उसका लंड झटके मारने लगा उसे पायल
की लाल रंग की पेंटी मे कसी हुई उसकी फूली चूत का उभार नज़र आने लगा और वह पायल के पेर को थोड़ा और उपर करके
उसकी गदराई जाँघो की जड़ो मे अपनी आँखे फाडे हुए देखने लगा, पायल उसकी नज़रो को पकड़ चुकी थी और वह समझ
गई कि रवि उसकी पेंटी मे कसी हुई फूली चूत को हसरत भरी नज़रो से देख रहा है, तभी रवि ने जैसे ही पायल की तरफ
देखा पायल ने जल्दी से अपनी आँखे बंद कर ली और फिर रवि ने अपनी नज़रे उसकी चूत पर टिका दी और पायल ने फिर से धीरे से अपनी आँखे खोल कर रवि को देखने लगी और रवि द्वारा अपनी चूत देखे जाने से उसके चेहरे पर थोड़ी मुस्कुराहट आ गई,
पायल- रवि तू क्या देख रहा है
रवि - सकपकाता हुआ अपनी नज़रे पायल की ओर कर के कुछ नही दीदी, कही भी मोच नज़र नही आ रही है
पायल- पगले वो तो पेर की नस खींच गई है वह तुझे कैसे नज़र आएगी,
रवि- फिर भी दीदी मे थोड़ा मालिश कर देता हू मुझे हाथ लगा कर बताओ कि आपको सबसे ज़्यादा दर्द कहाँ हो रहा है
पायल- मुस्कुरा कर अपने मन मे, पगले अब मे तुझे अपनी चूत मे हाथ लगा कर कैसे बताउ कि मुझे यहाँ सब से
ज़्यादा दर्द हो रहा है,
Re: कमीना
पायल - अपने पेरो की पिंदलियो के नीचे वाले हिस्से मे हाथ लगा कर यहाँ
रवि- पायल की गोरी और चिकनी पिंडालियो को अपने हाथो से पकड़ कर हल्के-हल्के सहलाने लगता है और पायल अपनी कामुक
नज़रो से मंद-मंद मुस्कुराती हुई रवि की ओर देखती रहती है, रवि अपनी दीदी की गोरी-गोरी पिंडालियो को सहलाता हुआ जब अपनी
नज़रे पायल की ओर करता है तो पायल की कातिल निगाहो और उसके मस्त रूप को देखता ही रह जाता है और उसकी नज़रे अपनी दीदी
की कत्ल कर देने वाली नज़रो से मिल जाती है, दोनो की कामुक नज़रे जब एक दूसरे से मिलती है तो दोनो एक दूसरे को खा जाने वाली
चुदास भरी नज़रो से देखते है और रवि का जहाँ लोड्ा भनभाना जाता है वही पायल की पेंटी उसकी चूत रस से गीली हो जाती
है,
रवि- पायल की आँखो मे देखता हुआ अपने मन मे बोलता है, दीदी क्या हुस्न है तुम्हारा, तुम्हारे इस रसीले हुस्न को मे
पी जाना चाहता हू एक बार अपनी चूत मरवा लो ना मुझसे,
पायल- उसकी आँखो मे देखती हुई, अपने मन मे, अरे पगले पेर क्या सहला रहा है एक बार मेरी चूत को खोल कर सहला दे,
मे तो तुझसे चुदवाने को तैयार बैठी हू, कब चोदेगा मुझे,
दोनो एक दूसरे को देखते हुए अपने मन की बात अपने मन मे ही कहते है फिर दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते
है,
पायल- क्या बात है बड़े प्यार से देख रहा है अपनी दीदी को,
रवि- मुस्कुराते हुए उसके गोरे पेरो की पिंडालियो को सहलाता हुआ, दीदी तुम बहुत सुंदर हो और उसकी आँखो के सामने
उसके मोटे-मोटे तने हुए दूध को देखने लगता है
पायल- अपने उसी पेर से जिसे रवि पकड़ कर बैठा था, एक लात रवि के सीने मे मार कर मुस्कुराते हुए, रवि तू वाकई मे
बहुत बड़ा कमीना है,
रवि- पीछे गिरते हुए अपने आप को संभाल कर, मुस्कुराते हुए पायल की आँखो मे देख कर, दीदी तुम्हारी किस्मत
अच्छी है कि तुम मेरी दीदी हो नही तो अभी तक तो मे कमिनेपन की सारी हदे पर कर जाता,
पायल- सोफे से अपनी पीठ को उठा कर अपने हाथो की दोनो कोहनियो को अपनी जाँघ पर रख कर अपने दोनो हाथो से अपनी
तोड़ी को पकड़ कर सोफे पर बैठ कर रवि की आँखो मे मुस्कुराते हुए देखती हुई,
पायल- क्या कमीनपन दिखाता तू
रवि- उसकी लात खाकर थोड़ा गुस्से मे आ गया था और बिना डरे पायल की आँखो के सामने ही उसके मोटे-मोटे दूध को
देख कर, क्या तुम नही जानती कि मे क्या कमीना पन दिखाता,
पायल- अपनी आँखे उसको दिखाती हुई थोड़ा सा मुस्कुरा कर, हिम्मत है तो दिखा
रवि- देखो दीदी मुझे चलेंज मत करो तुम मेरी दीदी हो इस लिए अभी तक बचती आ रही हो, नही तो
पायल- अपनी आँखो से उसको डराने की कोशिश करती हुई, नही तो क्या करता तू मेरे साथ
रवि- अपनी नज़रे इधर उधर करता हुआ, दीदी अब जाने भी दो नही तो तुम्हे बुरा लग जाएगा,
पायल- मे जानती हू क़ि तू मेरे बारे मे क्या सोचता है, तेरी कामिनी हरकते मुझसे छुपी नही है
रवि- उसके सामने ही उसके मोटे खरबूजो जैसे कसे दूध को देख कर उसकी आँखो मे देखता है और पायल की ओर
मुस्कुरा कर, तो दीदी तुम क्या चाहती हो,
पायल- उसकी बात को समझ कर उठ कर उसे एक झपत उसकी पीठ पर मार कर, रवि तू वाकई कमीना है अपनी बहन को भी
नही छोड़ रहा है, और फिर अपनी मोटी गान्ड को मतकाते हुए मुस्कुरा कर किचन की ओर जाने लगती है
रवि- दीदी तुम तो आराम से चल रही हो देखा मेने कैसे तुम्हारी मोच ठीक कर दी,
पायल- पलट कर उसकी और मुस्कुरा कर देखते हुए, कमीना कही का, कॉफी पिएगा
रवि- उसके दूध को घूर कर मुस्कुराता हुआ पिला दो ना
पायल उसकी हरकत से मन ही मन मे खुस होती हुई मुस्कुरा कर फिर से पलट कर अपने गदराए मोटे-मोटे चुतड
मतकाती हुई किचन मे घुस जाती है, थोड़ी देर बाद पायल कॉफी के दो कप लेकर आती है और रवि को एक कप पकड़ाते हुए
सोफे पर अपनी गदराई मतवाली गान्ड को रख कर बैठ जाती है, फिर दोनो एक दूसरे की आँखो मे देख कर मुस्कुराते हुए
कॉफी का गरम-गरम घुट अपने गले से नीचे उतारने लगते है,
पायल- मुस्कुरा कर कैसी है
रवि- उसके खूबसूरत चेहरे को देख कर मुस्कुराता हुआ, बहुत अच्छी हो
पायल- उसकी बातो को समझ कर, मुस्कुराती हुई मीठी है कि नही
रवि- पायल के गदराए दूध को देखता हुआ, उसकी आँखो मे देख कर जब पूरी पी लूँगा तब पता चलेगा कि मीठी है या
नही,
पायल- मुस्कुरा कर, क्यो देख कर पता नही चलता
रवि- पायल के जिस्म को उसकी आँखो के सामने उपर से लेकर नीचे तक देखता हुआ, कलर तो बहुत अच्छा है तो फिर मिठास
भी खूब होगी
पायल- मुस्कुरा कर आराम से पीना नही तो मुँह जल जाएगा
रवि- मुस्कुराते हुए, मुझे आराम से ही पीना पसंद है, मे पूरा रस ले -ले कर ही पीता हू तभी पीने का असली मज़ा आता
है,
पायल- मुस्कुरा कर कभी कोई दूसरा ब्रांड पिया है
रवि- मुस्कुरा कर नही, और पायल की ओर अपने आइब्रो उचकाता हुआ उसकी और इशारा करता हुआ, मुझे तो शुरू से यही
ब्रांड पसंद है,
पायल- कभी पी कर छोड़ने का इरादा है कि नही
रवि- मुस्कुरा कर नही, मे तो जिंदगी भर पीऊंगा
पायल - तुझे कब-कब पीना पसंद है
रवि- मुस्कुराते हुए वैसे तो किसी भी टाइम पिला दो पी लूँगा, लेकिन रोज रात को सोने से पहले पीने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए,
क्रमशः.........................
रवि- पायल की गोरी और चिकनी पिंडालियो को अपने हाथो से पकड़ कर हल्के-हल्के सहलाने लगता है और पायल अपनी कामुक
नज़रो से मंद-मंद मुस्कुराती हुई रवि की ओर देखती रहती है, रवि अपनी दीदी की गोरी-गोरी पिंडालियो को सहलाता हुआ जब अपनी
नज़रे पायल की ओर करता है तो पायल की कातिल निगाहो और उसके मस्त रूप को देखता ही रह जाता है और उसकी नज़रे अपनी दीदी
की कत्ल कर देने वाली नज़रो से मिल जाती है, दोनो की कामुक नज़रे जब एक दूसरे से मिलती है तो दोनो एक दूसरे को खा जाने वाली
चुदास भरी नज़रो से देखते है और रवि का जहाँ लोड्ा भनभाना जाता है वही पायल की पेंटी उसकी चूत रस से गीली हो जाती
है,
रवि- पायल की आँखो मे देखता हुआ अपने मन मे बोलता है, दीदी क्या हुस्न है तुम्हारा, तुम्हारे इस रसीले हुस्न को मे
पी जाना चाहता हू एक बार अपनी चूत मरवा लो ना मुझसे,
पायल- उसकी आँखो मे देखती हुई, अपने मन मे, अरे पगले पेर क्या सहला रहा है एक बार मेरी चूत को खोल कर सहला दे,
मे तो तुझसे चुदवाने को तैयार बैठी हू, कब चोदेगा मुझे,
दोनो एक दूसरे को देखते हुए अपने मन की बात अपने मन मे ही कहते है फिर दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते
है,
पायल- क्या बात है बड़े प्यार से देख रहा है अपनी दीदी को,
रवि- मुस्कुराते हुए उसके गोरे पेरो की पिंडालियो को सहलाता हुआ, दीदी तुम बहुत सुंदर हो और उसकी आँखो के सामने
उसके मोटे-मोटे तने हुए दूध को देखने लगता है
पायल- अपने उसी पेर से जिसे रवि पकड़ कर बैठा था, एक लात रवि के सीने मे मार कर मुस्कुराते हुए, रवि तू वाकई मे
बहुत बड़ा कमीना है,
रवि- पीछे गिरते हुए अपने आप को संभाल कर, मुस्कुराते हुए पायल की आँखो मे देख कर, दीदी तुम्हारी किस्मत
अच्छी है कि तुम मेरी दीदी हो नही तो अभी तक तो मे कमिनेपन की सारी हदे पर कर जाता,
पायल- सोफे से अपनी पीठ को उठा कर अपने हाथो की दोनो कोहनियो को अपनी जाँघ पर रख कर अपने दोनो हाथो से अपनी
तोड़ी को पकड़ कर सोफे पर बैठ कर रवि की आँखो मे मुस्कुराते हुए देखती हुई,
पायल- क्या कमीनपन दिखाता तू
रवि- उसकी लात खाकर थोड़ा गुस्से मे आ गया था और बिना डरे पायल की आँखो के सामने ही उसके मोटे-मोटे दूध को
देख कर, क्या तुम नही जानती कि मे क्या कमीना पन दिखाता,
पायल- अपनी आँखे उसको दिखाती हुई थोड़ा सा मुस्कुरा कर, हिम्मत है तो दिखा
रवि- देखो दीदी मुझे चलेंज मत करो तुम मेरी दीदी हो इस लिए अभी तक बचती आ रही हो, नही तो
पायल- अपनी आँखो से उसको डराने की कोशिश करती हुई, नही तो क्या करता तू मेरे साथ
रवि- अपनी नज़रे इधर उधर करता हुआ, दीदी अब जाने भी दो नही तो तुम्हे बुरा लग जाएगा,
पायल- मे जानती हू क़ि तू मेरे बारे मे क्या सोचता है, तेरी कामिनी हरकते मुझसे छुपी नही है
रवि- उसके सामने ही उसके मोटे खरबूजो जैसे कसे दूध को देख कर उसकी आँखो मे देखता है और पायल की ओर
मुस्कुरा कर, तो दीदी तुम क्या चाहती हो,
पायल- उसकी बात को समझ कर उठ कर उसे एक झपत उसकी पीठ पर मार कर, रवि तू वाकई कमीना है अपनी बहन को भी
नही छोड़ रहा है, और फिर अपनी मोटी गान्ड को मतकाते हुए मुस्कुरा कर किचन की ओर जाने लगती है
रवि- दीदी तुम तो आराम से चल रही हो देखा मेने कैसे तुम्हारी मोच ठीक कर दी,
पायल- पलट कर उसकी और मुस्कुरा कर देखते हुए, कमीना कही का, कॉफी पिएगा
रवि- उसके दूध को घूर कर मुस्कुराता हुआ पिला दो ना
पायल उसकी हरकत से मन ही मन मे खुस होती हुई मुस्कुरा कर फिर से पलट कर अपने गदराए मोटे-मोटे चुतड
मतकाती हुई किचन मे घुस जाती है, थोड़ी देर बाद पायल कॉफी के दो कप लेकर आती है और रवि को एक कप पकड़ाते हुए
सोफे पर अपनी गदराई मतवाली गान्ड को रख कर बैठ जाती है, फिर दोनो एक दूसरे की आँखो मे देख कर मुस्कुराते हुए
कॉफी का गरम-गरम घुट अपने गले से नीचे उतारने लगते है,
पायल- मुस्कुरा कर कैसी है
रवि- उसके खूबसूरत चेहरे को देख कर मुस्कुराता हुआ, बहुत अच्छी हो
पायल- उसकी बातो को समझ कर, मुस्कुराती हुई मीठी है कि नही
रवि- पायल के गदराए दूध को देखता हुआ, उसकी आँखो मे देख कर जब पूरी पी लूँगा तब पता चलेगा कि मीठी है या
नही,
पायल- मुस्कुरा कर, क्यो देख कर पता नही चलता
रवि- पायल के जिस्म को उसकी आँखो के सामने उपर से लेकर नीचे तक देखता हुआ, कलर तो बहुत अच्छा है तो फिर मिठास
भी खूब होगी
पायल- मुस्कुरा कर आराम से पीना नही तो मुँह जल जाएगा
रवि- मुस्कुराते हुए, मुझे आराम से ही पीना पसंद है, मे पूरा रस ले -ले कर ही पीता हू तभी पीने का असली मज़ा आता
है,
पायल- मुस्कुरा कर कभी कोई दूसरा ब्रांड पिया है
रवि- मुस्कुरा कर नही, और पायल की ओर अपने आइब्रो उचकाता हुआ उसकी और इशारा करता हुआ, मुझे तो शुरू से यही
ब्रांड पसंद है,
पायल- कभी पी कर छोड़ने का इरादा है कि नही
रवि- मुस्कुरा कर नही, मे तो जिंदगी भर पीऊंगा
पायल - तुझे कब-कब पीना पसंद है
रवि- मुस्कुराते हुए वैसे तो किसी भी टाइम पिला दो पी लूँगा, लेकिन रोज रात को सोने से पहले पीने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए,
क्रमशः.........................