मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानीcompleet

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raj..
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Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Nov 2014 10:08

12

गतान्क से आगे.....................

नीता जो कि पहले अपने किसी बाय्फ्रेंड से चुद चुकी थी…तब उस समय मुझे वर्जिनिटी के बारे मे पता नही था….और मेने अपनी कमर को आगे की तरफ धक्का दिया…मेरे लंड का सुपाड़ा नीता की चूत के दीवारों को फैलाता हुआ और अंदर घुस्स गया…मेरा आधा लंड नीता की चूत के छेद मे समा चुका था…नीता अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी…उसने मेरी जाँघो को पकड़ कर ऊपेर के तरफ अपनी गांद को उछाला…लंड फिर से गीली चूत मे और अंदर चला गया…अब मुझे कुछ और सीखने के ज़रूरत नही थी…मेनू नीता की जाँघो को पकड़ कर अपनी कमर तेज़ी से आगे की तरफ हिलाई…मेरा लंड नीता की टाइट गीली चूत मे पूरा का पूरा घुस्स गया….

नीता: अहह ऑश अभिईिइ तेरा लौदा सच मेन्णन बहुत मोटा हाईईइ…आह चोद्द मेरी चुचियो को चुस्स….अहह चोद्द नाआअ….

में जैसे ही नीता की चुचि को मुँह मे लेने के लिए झुका…तो उसकी सलवार बीच मे रुकावट बन गयी…..

मे: इसे उतार दो ना ठीक से नही हो रहा….

नीता: नहिी अभीइ समझा कारर्र अहह

मेने नीता की जाँघो को को घुटनो से मोड़ कर तेज़ी से अपना लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया…लंड नीता की गीली चूत मे फतच-2 के आवाज़ से सरसरता हुआ अंदर बाहर होने लगा…

नीता: ह ओह अहह अभिईीईई धीरे-2 नही ऑश अभिईीईई और्र जोर्र्र्र से धक्का मार्र आ ओह उंघह उंघह आह उंह बहुत मज़ा आ रहा है…..और ज़ोर सीई अपना लौदी को मेरीए फुडीईईई मे ठोकक ह मररर सूत्या…

मेने अपनी लंड को तेज़ी से नीता के चूत के अंदर बाहर करते हुए….उसकी सलवार को पकड़ कर उसकी टाँगों मे से निकाल दिया…जैसे ही उसकी टाँगें सलवार से आज़ाद हुई…नीता ने अपनी जाँघो को और फैला लिया…और मुझे अपने ऊपेर खींच लिया…और पागलों के तराहा मेरे होटो को चुसनी लगी…मेने भी अपने दोनो हाथों से नीता की चुचियो को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया…नीता ने अपनी जाँघो को उठा कर मेरी कमर पर चढ़ा लिया…जिससे अब मेरा लंड उसकी चूत मे और गहराई तक जाकर चोट करने लगा था…नीता ने मेरी टीशर्ट को मेरी पीठ से थोड़ा ऊपेर कर दिया…और अपने हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी…नीता ने मेरे होंटो को छोड़ दिया…और मेरी तरफ तेज़ी से साँसे लेती हुई देखने लगी…

नीता: ह अभिईिइ मेरे मुम्मोनन कूऊ चुस्स्स्सस्स आआअहह ह चुस्स्स अभिईिइ अहह तेरे लौदी नी तीए मेरिइईई फुददी मे आग्गग लगाआ डीईई हाईईइ…तेरा लौदा आज्ज्जज्ज्ज मेरीई फुददी कूऊव पढ़ह कर हीईई दूं लेगा… आह ह छोद्द्द्द्दद्ड मॅर मेरी फुडीई और्र जोर्र्र्र सीईई हन आशीए हीए अपना लौदाअ अंदर दीए मेरीए फुद्दिईई मेन्णन्न्

मे अब पूरी रफतार से अपने लंड को नीता की चूत मे अंदर बाहर कर रहा था…मेरे लंड की नसें फूलने लगी…और नीता का बदन एंथने लगा…

नीता: अहह अहह अहह ओह ओह ऑश अभिईिइ रुकना नहिी आह मेरी फुद्दिईईई पानी चोदेन्न्न्न्न वालीी हाईईईईई मेरे काम होनईए वाला हाईईईई हाईए ओह्ह मज्जा आ गया….

और नीता का बदन झटके खाने लगा…और फिर एक दम से एन्थ गया…और फिर नीता के होंटो पर मुसकन फैल गयी…और आँखें बंद करके अपनी चूत के पानी से मेरे लंड को भिगोने लगी…और कुछ ही धक्को के बाद मेरे लंड ने भी पहली बार अपने वीर्य की बोछर नीता की चूत की दीवारों पर कर दी…मेरे लंड से एक के बाद एक 3-4 बार वीर्य की पिचकारी छूटी…हर बार नीता की कमर नीचे से थोड़ा झटका खाती…और उसकी चूत मेरे लंड को अंदर ही अंदर…कस कर निचोड़ने लग जाती…मे नीता के ऊपेर गिर पड़ा…थोड़ी देर लेटा रहने के बाद मेने नीता की तरफ देखा…उसकी आँखें बंद थी…होंटो पर सन्तुस्ति से भरी मुस्कान फेली हुई थी..

मे अभी के पहले सेक्स के बारे मे सुन कर एक दम गरम हो चुकी थी….चूत के दीवारों पर सरसारहात होने लगी थी…

मे: फिर तो आप ने नीता को खूब चोदा होगा…वो तो रोज आपके लंड को अपने चूत मे लेती हो गी…

अभी: नही क्योंकि कुछ ही दिनो मे उसकी सगाई हो गयी…और फिर शादी हो गयी…मतल्ब उसके बाद आप ने उसे नही चोदा…उसे तो नही पर उसकी शादी के बाद मे चूत के लिए तरस गया था…और फिर एक दिन मेने अपनी नौकरानी को चोद दिया…साली बहुत ही गरम माल थी…उसकी स्टोरी भी सुनाऊ क्या…

मे: नही अभी नही….बाबू आप की कहानी सुन कर मेरी चूत पानी छोड़ने लगी है…पहले एक बार अपने लौदे से इसकी खुजली मिटा दो ना…

अभी: अच्छा ठीक है….चल पहले मेरा लौदा चूस कर खड़ा कर…फिर तेरी चूत को फाड़ुँगा….

मे उठ कर अभी की जाँघो पर आ गयी….और झुक कर अभी के लंड को मुँह मे ले लिया..उसके लंड पर मेरी चूत का पानी लगा हुआ था…मे एक दम से मदहोश हो कर अभी के मोटे लंड को चूसने लगी…अभी ने मेरे सर को कस के पकड़ लिया…और अपनी कमर को ऊपेर की तरफ उछाल कर मेरे मुँह को चोदने लगा…उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरे मुँह के अंदर बाहर हो रहा था….और कुछ ही पलों मे अभी का लंड एक दम से अकड़ कर खड़ा हो गया….

मे: एक बात बोलू बाबू जी…

अभी: हां बोलो…

मे: आप पंजाबी लोग क्या खाते हो…जो आपके लंड मे इतना दम होता है…

अभी: ये तो पंजाबियो के खून मे ही ऐसे ताक़त होती है…अब आगे -2 देख दिन रात मे तुम्हारी चूत मे अपना लौदा घुसा कर चोदता रहूँगा….

मे: बाबू जी मे भी यही चाहती हूँ…मे तो आप के लंड के दासी बन गयी हूँ…पर क्या करूँ नेहा का ध्यान भी रखना पड़ेगा…कहीं उसे पता ना चल जाए

अभी: तूँ क्यों फिकर कर रही है…अगर पता चल भी गया तो क्या होगा…अब वो भी जवान हो चुकी है…कुछ नही कहेगी…

मे: नही-2 बाबू जी…उसे किसी कीमत पर पता नही चलना चाहिए…

अभी: तूँ तो ऐसे ही फिकर कर रही है…तूँ कहे तो उसे भी इस चुदाई के खेल मे शामिल कर दे…फिर दोनो मा बेटी मिल कर मुझसे चुदवाना…

मे: नही -2 बाबू जी… ये आप क्या कह रहे हैं…वो तो अभी…उसकी उमेर ही क्या है….और अगर उसने किसी को बता दिया तो…नही -2 बाबू जी आप ऐसे कोई हरकत नही करोगे…

अभी ने मेरे बालों को पकड़ कर खींच कर ऊपेर कर दिया…और मे अभी के ऊपेर आ गयी…अभी ने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर टिका दिया…और अपनी कमर को ऊपेर की तरफ उछाला…धक्का इतना जबरदस्त था…के अभी का गधे जैसा मोटा लंड भी…मेरी चूत के दीवारों को चीरता हुआ अंदर घुस्स गया…मे दर्द से चीख पड़ी…

अभी ने मेरी गांद को दोनो तरफ से पकड़ कर…मेरी गांद को अपनी जाँघो से थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…और अपना लंड अपने सुपाडे तक फिर से बाहर निकाल एक झटके मे पेल दिया..लंड फिर से एक बार मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…मे दर्द से बिलबिला रही थी…

मे: अहह बाबू जीए क्या कारर्र रही हूओ धीरीए मेरीईए भोसड़िइईई चिल गाईए अहह बबुऊ जीईए धीरीई…

तब तक अभी मेरी चूत मे अपने मोटे लंड को 4-5 बार बड़ी बेदर्दी से अंदर बाहर कर चुका था…

अभी: अब बोल साली अपनी बेटी मुझसे चुदवाएगी….

मे: ईए आप्प्प क्या कह रहीए हैं बाबू जीई…अगर उसने किसी को बता दिया तो…

अभी: एक बात बता तुझे मेरा लंड चाहिए कि नही….

मे: हाां बबुउुउउ जीईए चहीए…ईए चूत्त आप की हैइ….मे अब और तरस कर नही जीना चाहती अहह धीरे….(अभी ने फिर से अपने लौदे को पूरा निकाल कर मेरे चूत मे पेल दिया ) आह पार…अगर वू नाआ मनी और उसने किसी को बता दिया तो…

raj..
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Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Nov 2014 10:08

अभी: तो तू मुझ पर छोड़ दे…बस जैसी मे कहता हूँ करती जाआअ…बोल करेगी ना…मेरी बात को रंडी के तराहा मानेगी ना…( और अभी ने फिर से मेरी चूत मे और जबरदस्त धक्का दिया)

मे: हां बबुउुउउ जीई जैसी आपप कहेंगे…..पर इस रनडिीई को डिन्न्न्न् रात आपका लौदा अपनी भोसड़ी मे चाहिए….

अभी: (मेरी चूत को तेज़ी से अपने लंड से चोदते हुए) हां रानी हान्ं मे तुम दोनो को डिन्न्न्न् रातत्तत्त चौदूँगा….साली को जब से देखा…ये लंड शांत होनी का नाआअँ नही ले रहा….मे तुम दोनो को अपनी रंडी बना कर रखूँगा…..

मे: पर बाबू जीई उसकी जिंदगी तो खराब नही होगी…

अभी: यार तेरी लड़की इतनी खूबसूरत है मे तो सारी जिंदगी उसके साथ गुजारने के लिए तैयार हूँ…कहो तो उससे शादी कर लूँ

मे: पर बाबू जी अभिईिइ तो वो सिरफफ़्फ़ 14साल की है….

अभी: चलो तब्ब चूत्त्त चुदवाना तो सीख जाएगी….

और अभी ने मुझे अपने ऊपेर खींच लिया…और मेरे होंटो को अपने होंटो मे लेकर चूसने लगा…अभी का मोटा लौदा..मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था…अब मे भी मस्ती मे आ कर अपनी गांद को उछाल-2 कर अपनी चूत को अभी के लंड पर पटकने लगी….

मे: अहह बबुउउउ जीई और्र ज़ोर्से चोदू हन्न्न आईसीए अपने लौदे को मेरीई चूत मे ठोकते राहूओ….

मे अभी की पहली चुदाई की कहानी सुन कर पहले से ही बहुत गरम हो चुकी थी…इसलिए 5 मिनट मे ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया…और हन्फ्ते हुए अभी पर पसर गयी…अभी मुझे बाहों मे भर कर पलट गया…और अब वो मेरे ऊपेर आ गया था..उसने मेरी दोनो जाँघो को आपस मे सटा दिया..और घुटनो से मोड़ कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा…मेरे जांघे सटी होने कारण…अभी का लंड मुझे अपनी चूत मे और ज़्यादा रगड़ ख़ाता हुआ महसूस हो रहा था..पर अभी-2 झड़ने के कारण मे एक दम सुस्त से पढ़ गयी थी…अभी तेज़ी से मेरी चूत को फतचा-2 चोद रहा था…मुझे फिर से मस्ती आने लगी..और मे आहह आहह करने लगी…अचानक अभी ने अपना लौदा मेरी चूत से निकाल दिया…और बेड से उतर कर खड़ा हो गया…

अभी: चल अब इधर आ कर मेरे सामने कुतिया की तराहा बन जा…मे मदहोश से होकर बेड के किनारे जा कर अपने घुटनो के बल आ गयी…और अभी ने मेरे चुतडो को पकड़ कर फैला कर मेरी चूत के छेद पर टिका दिया…

अभी: चल साली..अपनी चूत को मेरे लंड पर पटक…

और मे किसी रंडी के तराहा अभी की बात को मानते हुए अपनी गांद को पीछे के तरफ करने लगी…लंड का सुपाडे मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर जाने लगा…लंड का सुपाडे धीरे-2 मेरी चूत के दीवारो पर रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जा रहा था…जो मेरी चूत की खुजली को और बढ़ा रहा था…जैसे ही अभी का आधा लंड मेरी चूत मे घुसा… अभी ने मेरे चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़; कर अपने लंड को ज़ोर से मेरी चूत मे पेल दिया…लंड का सुपाड़ा मेरी बच्चेदानि से जा तकरया….और मेरे मुँह से दर्द और वासना से भरी हुई अह्ह्ह्ह निकल गयी…

अभी ने मेरे चुतड़ों को पकड़ कर तबाद तोड़ धक्के लगाने चालू कर दिए…अभी का लंड फुल स्पीड मे अंदर बाहर होता हुआ…मेरी चूत को गहराईयो तक चोद रहा था.. मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम मे गूँज रही थी…मेरा मुँह रूम के विडो की तरफ था…और बाहर हाल मे लाइट जल रही थी…विंडो पर ग्लास लगा हुआ था…जिसके आर पार नही देखा जा सकता था…पर हाल की लाइट ऑन होने के कारण मुझे विंडो के ग्लास पर किसी की परछाई नज़र आई…कहीं नेहा तो नही… नही-2 वो बाहर क्या करेगी…

मेने पीछे मूड कर अभी को इशारे से उस तरफ देखने को कहा…अभी ने धक्के लगाने बंद कर दिए…और फुसफुसाते हुए बोला… (बाहर से अंदर नही दिखाई देता)

मेने अपने होंटो को अपने दाँतों मे दबा लिया..ताकि मेरी सिसकारिया ना निकले…अभी ने फिर से तेज़ी से धक्के लगाने चालू कर दिए…बाहर नेहा खड़ी है…ये सोच कर मे और गरम हो गयी…उसने कहीं मेरी मस्ती से भरी सिसकारियो को सुन तो नही लिया होगा…

ये सोच -2 कर मेरी चूत की आग फिर से बढ़ गयी…और मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया….अभी ने तेज़ी से धक्के लगाते हुए…मेरी चूत मे अपने लंड के गाढ़े पानी की बोछर कर दी….और फिर उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल दिया…वो परछाई अभी भी वहाँ थी…अभी ने मेरी गांद को थपथापया…और मुझे उठने का इशारा किया…मे बेड से नीचे खड़ी हो गयी….

अभी: (धीरे से) चल आज से ही तेरी बेटी को लाइन पर लाने के तैयारी करते हैं

मे: नही मुझे डर लग रहा है…

अभी: तुझे कुछ नही करना है…बस जैसे बोलू वैसे करती जा…

मेने हां मे सर हिला दिया…अभी मुझे डोर के पास ले गया…और मुझे डोर पर लगे पर्दे के पीछे छुपने के लिए कहा…मे पर्दे की पीछे छुप गयी…

अभी: बस अब यहाँ से छुप कर देख मेरा कामाल…

और अभी ने अपना अंडरवेर पहना और तेज़ी से डोर खोल कर बाहर निकल गया….मे पर्दे के पीछे छुप कर देखने लगी…मेरे तो पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी…दिल की धड़कन एक पल के लिए रुक गयी…बाहर नेहा विंडो के पास खड़ी थी…अभी को बाहर आता देख…वो एक दम से घबरा गयी…और मूड कर वापिस जाने लगी…नेहा एक बहुत ही सीधी साधी लड़की थी…और बहुत ही शर्मीली भी थी…किसी अंजान से बात करते हुए..वो एक दम से घबरा जाती थी…जैसे ही वो मूड कर जाने लगी…

अभी: रूको एक मिनिट…

नेहा के कदम वहीं थम गये…शायद वो बहुत ही घबरा गयी हो गी…अभी नेहा के पास गया…और उसके पीछे जाकर उससे एक दम सॅट कर खड़ा हो गया…हाल की लाइट जल रही थी…अभी का लंड अभी भी उसके अंडरवेर मे तन कर उभार बनाए हुआ था…जो नेहा के कूल्हे के एक साइड पर टच हो रहा था…नेहा की पीठ अभी की तरफ थी…

क्रमशः.................

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