रश्मि एक सेक्स मशीन compleet
Re: रश्मि एक सेक्स मशीन
रजनी ने अपना हाथ जीवन की फ्रेंची के अंदर डाल कर उसके तने हुए लिंग को अपनी हथेली मे थाम लिया. उसने फ्रेंची के एलास्टिक को नीचे सरका कर जीवन के तगड़े लिंग को बाहर निकाला. दोनो महिलाए उसके लिंग को ऐसे देख रही थी मानो वो उसे नाप तौल रही हों. रजनी ने जीवन का लिंग अपनी मुट्ठी मे भर लिया. वो उसके सूपदे के उपर चढ़े चमड़े को नीचे सरका कर उसके लिंग को धीरे धीरे सहलाने लगी. करिश्मा ने जीवन के लिंग के नीचे हाथ सरका कर उसकी गेंदों को मसला. उसके हाथ मेरी नज़रों से छिप गये थे क्योंकि जीवन के टाँगों के जोड़ पर अभी भी फ्रेंचिए चढ़ि हुई थी. मेरे बदन मे भी सिहरन सी दौड़ने लगी. किसी ब्लू फिल्म से भी ज़्यादा मज़ा आने लगा. ये पहली बार था कि मैं अपने हज़्बेंड को किसी और महिला से सेक्स मे लिप्त होते हुए देख रही थी.
इधर दिवाकर ने मेरी बेल्ट को लूस कर दिया. अब मेरा गाउन भी आगे से खुल कर अलग हो गया था जिस वजह से मेरे स्तन अब बेपर्दा हो गये थे. मेरे निपल्स दोनो पहले से ही सख़्त हो कुके थे. होते भी क्यों ना बस के अंदर तो अब सेक्स की गर्म आँधी बहने लगी थी. बस एर कंडीशंड थी मगर वहाँ मौजूद हर किसी के चेहरे पर पसीने की बूँदें चमकने लगी थी. वो दोनो मेरे बदन को सहला रहे थे मगर मेरा ध्यान तो सामने चल रही सेक्स गेम पर था.
जीवन अब बिल्कुल नग्न हो गया था. दोनो लड़कियाँ तो पहले से ही बिल्कुल नग्न अवस्था मे थी. रजनी और करिश्मा अब भी उसकी एक एक जांघों पर बैठी हुई उसके बदन को सहला रही थी. करिश्मा उसके लिंग को अपने हाथों से सहलाने लगी तो रजनी उसके बॉल्स को दबाने लगी. मैने देखा की जीवन का लिंग पूरी तरह खड़ा हो गया था.
रजनी अब उसकी जांघों से उतार कर जीवन के पैरों के पास घुटनो के बल बैठ गयी. उसने जीवन के लिंग को अपनी मुट्ठी मे थाम रखा था. अब वो जीवन के लिंग को अपनी जीभ से चाटने लगी. जीवन के लंड पर नीचे से उपर तक वो अपनी जीभ फिरा रही थी. रजनी तब भी जीवन के सीने से सटी जीवन के मुँह मे अपनी जीभ फिरा रही थी.
इधर दिवाकर और तरुण ने मेरे एक एक स्तन को अपने हाथों मे थाम लिया और उसे बड़े प्यार से सहलाने लगे. वो दोनो अब नीचे झुक कर मेरे स्तनो को चूम रहे थे अपनी जीभ को मेरे स्तनो पर फिरा रहे थे. तरुण तो मेरे स्तनो पर हल्के हल्के से अपने दाँत गढ़ा रहा था. दिवाकर ने मेरे स्तानो के नीचे अपनी हथेली रख कर उसे कुच्छ उठा कर तरुण को दिखाया.
“ तरुण दोनो अमृत से भरे हुए हैं.”
“पता है. इसका स्वाद आज भी मेरी ज़ुबान से लगा हुया है. मगर स्वामी जी की आग्या के बिना इसको व्यर्थ मत करना.” तरुण ने कहा.
“आज स्वामी जी से दो घूँट पीने की छ्छूट मिल जाए तो जीवन सफल हो जाए.” दिवाकर ने ये कह कर बड़ी मिन्नतों से स्वामी जी की तरफ देखा. स्वामी जी ने मुस्कुरा कर अपनी सहमति जता दी. फिर क्या था दोनो ने मेरे एक एक निपल अपने मुँह मे लेकर मेरे दूध को चूसा. दोनो एक एक घूँट लेने के बाद मेरे स्तनो को ऐसे छ्चोड़ दिए मानो इसके आगे दूध की जगह जहर निकलने वाला हो.
मेरे स्तनो मे भरे दूध को इस तरह आधा खाली करके छ्चोड़ देने पर मेरा सिर भन्ना गया. मैं उत्तेजना मे फूँक रही थी. मैने दोनो के सिर को अपनी हथेली से पकड़ कर वापस अपनी चूचियो से लगाना चाहा मगर दोनो टस से मस नही हुए.
मैने पास बैठे गुरुजी को देखा तो पाया वो दोनो ओर चल रहे वासना का खेल बारी बारी से देख कर उसका मज़ा ले रहे हैं. वो आज अभी तक केवल दर्शक की ही भूमिका मे थे. मुझे अपनी ओर देखता पाकर उन्हों ने मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया. उसके बाद उन्हों ने मुझे अपने लिंग की तरफ इशारा किया. मैने देखा की टाँगों के जोड़ पर उनका लिंग खड़ा होकर उनके बदन पर लिपटे गाउन मे एक टेंट बना रहा था. उनके लिंग का साइज़ तो वैसे ही इतना जबरदस्त था कि बिना उत्तेजना के भी अपना आभाष सामने वाले को करवाने मे माहिर था. मैं उनके लिंग को देख कर शर्मा कर उधर से अपनी नज़रें फेर ली.
तभी रंजन एक ग्लास और एक जग लेकर मेरे पास आ गया. मैं समझ गयी कि उनका
वापस मेरे स्तनों को किसी गाय या भैंस की तरह दूहने का इरादा है.
“स्वामी जी आप अपने मुँह से ही चूस लो ना इनमे जितना दूध भरा है. ये सब रहने दो.” मैने स्वामी जी को कहा.
“नही देवी इसके हकदार ये सब हैं. सारा मैं पी गया तो मेरे बाकी शिष्य प्यासे रह जाएँगे.”
रंजन ने मेरे एक स्तन के नीच जग को रख दिया. सबसे पहले दिवाकर मेरे एक स्तन को थाम कर उसे दूहने लगा. उसे इस काम मे शेखर मदद कर रहा था. शेखर मेरे निपल को जग की ओर कर के अपनी उंगलियों से दबा रखा था और दिवाकर मेरे स्तन को जड़ से लेकर निपल तक निचोड़ रहा था. मेरे स्तनो से चर्र्र्ररर छर्र्ररर की आवाज़ की साथ दूध की धार जग मे गिर रही थी. उन्होंने जग को एक सीट पर रख दिया और मुझे हाथों के बल उसके उपर झुका कर चौपाया बना दिया.अब वो वापस मेरे स्तनों से
दूध निचोड़ने लगे.
जब एक स्तन मे दूध ख़तम हो गया तो तरुण ने जग को अपनी तरफ खींच कर दूसरे स्तन के नीचे कर लिया और दूसरे स्तन को दूहने लगा. मैं उनकी इन हरकतों से कई बार खल्लास हो चुकी थी.
“अयाया….म्म्म्ममम….उईईईईई…..ऊओफफफफ्फ़…” मेरे मुँह से दबी दबी सिसकारियाँ निकल रही थी. मैं उत्तेजना मे अपने सिर को इधर उधर झटक रही थी. मेरे बाल खुल कर चारों ओर बिखर गये थे.
क्रमशः............
Re: रश्मि एक सेक्स मशीन
raj sharma stories
रश्मि एक सेक्स मशीन पार्ट -31
गतान्क से आगे...
मैने अपनी गर्देन को मोड़ कर स्तनों की तरफ देखा तो पाया कि पहला स्तन चार हाथों से मसले जाने के कारण सुर्ख लाल हो चुका था. उन लोगों ने मेरे दोनो स्तनो से मसल मसल कर आख़िरी बूँद तक दूध निकाल लिया था. मैं उनके इस तरह अपनी चुचियों के मसले जाने से उत्तेजना मे भर गयी थी. मेरे पूरे बदन मे ऐसा लग रहा था मानो हज़ारों चींटियाँ रेंग रही हों.
मैं उत्तेजना के मारे अपनी जांघों को एक दूसरे से रगड़ रही थी. मैने हाथ आगे बढ़कर रंजन और दिवाकर के गाउन के अंदर डाल दिया. और उनके लिंग को हाथ मे लेकर सहलाने लगी.
“आआआहह….रंजाआअँ आईसीई माआट चूऊसूओ” मैं उत्तेजना मे कांप रही थी.
मैं उनके लिंगों को अपनी मुट्ठी मे भर कर ज़ोर ज़ोर से सहला रही थी. मैने अपना निचला होंठ दाँतों के बीच दबा रखा था जिससी मुँह से कोई आवाज़ ना निकले. मगर जब बर्दास्त के बाहर हो जाता तो कुच्छ सिसकारी होंठों के बीच से रास्ता खोज कर बाहर आ ही जाती थी.
मैने सामने देखा रजनी जीवन के सामने बर्त पर पूरी तरह नग्न लेट गयी है. उसने अपनी टाँगें भी सिकोड कर बर्त के ऊपर रखली हैं और पैरों को जितना हो सकता था फैला दिया है. उससे उसकी टाँगों का जोड़ जीवन के चेहरे के सामने बेपर्दा हो गया है. रजनी ने अपनी उंगलियों से अपनी चूत की फाँकें अलग करते हुए जीवन से कहा,
"प्लीज़ बहुत खुजली हो रही है. इसे मिटा दो. देखो कितना लाल और रसीला है इसको एक बार चूम लो." कह कर उसने अपनी कमर को बेड से उपर उठा कर जीवन को आगे बढ़ने का न्योता दिया.
करिश्मा जो अब तक जीवन के लिंग को सहला रही थी, जीवन को घुटनो के बल अपने पास बैठने का इशारा किया. जब जीवन उसके कहे अनुसार बस के फर्श पर बिछे मोटे कालीन पर घुटनो के बल बैठ गया तो करिश्मा ने जीवन का सिर पकड़ कर रजनी की योनि पर दाब दिया.
जीवन रजनी की योनि को उपर से अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगा. पूरी योनि को अपनी जीभ से चाटने के बाद उसने अपनी जीभ को रजनी की चूत के अंदर डाल दिया. रजनी की कमर बर्त से उपर उठी हुई थी और उसने अपनी टाँगों को फैला कर अपने दोनो हाथों से अपनी योनि की फांको को खोल रखा था जिससे जीवन को उसके अंदर अपनी जीभ को घूमने मे दिक्कत नही आए. वो अपनी जीभ को रजनी की चूत के जितना अंदर डाल सकता था उतना अंदर कर उसे चाटने लगा.
रश्मि एक सेक्स मशीन पार्ट -31
गतान्क से आगे...
मैने अपनी गर्देन को मोड़ कर स्तनों की तरफ देखा तो पाया कि पहला स्तन चार हाथों से मसले जाने के कारण सुर्ख लाल हो चुका था. उन लोगों ने मेरे दोनो स्तनो से मसल मसल कर आख़िरी बूँद तक दूध निकाल लिया था. मैं उनके इस तरह अपनी चुचियों के मसले जाने से उत्तेजना मे भर गयी थी. मेरे पूरे बदन मे ऐसा लग रहा था मानो हज़ारों चींटियाँ रेंग रही हों.
मैं उत्तेजना के मारे अपनी जांघों को एक दूसरे से रगड़ रही थी. मैने हाथ आगे बढ़कर रंजन और दिवाकर के गाउन के अंदर डाल दिया. और उनके लिंग को हाथ मे लेकर सहलाने लगी.
“आआआहह….रंजाआअँ आईसीई माआट चूऊसूओ” मैं उत्तेजना मे कांप रही थी.
मैं उनके लिंगों को अपनी मुट्ठी मे भर कर ज़ोर ज़ोर से सहला रही थी. मैने अपना निचला होंठ दाँतों के बीच दबा रखा था जिससी मुँह से कोई आवाज़ ना निकले. मगर जब बर्दास्त के बाहर हो जाता तो कुच्छ सिसकारी होंठों के बीच से रास्ता खोज कर बाहर आ ही जाती थी.
मैने सामने देखा रजनी जीवन के सामने बर्त पर पूरी तरह नग्न लेट गयी है. उसने अपनी टाँगें भी सिकोड कर बर्त के ऊपर रखली हैं और पैरों को जितना हो सकता था फैला दिया है. उससे उसकी टाँगों का जोड़ जीवन के चेहरे के सामने बेपर्दा हो गया है. रजनी ने अपनी उंगलियों से अपनी चूत की फाँकें अलग करते हुए जीवन से कहा,
"प्लीज़ बहुत खुजली हो रही है. इसे मिटा दो. देखो कितना लाल और रसीला है इसको एक बार चूम लो." कह कर उसने अपनी कमर को बेड से उपर उठा कर जीवन को आगे बढ़ने का न्योता दिया.
करिश्मा जो अब तक जीवन के लिंग को सहला रही थी, जीवन को घुटनो के बल अपने पास बैठने का इशारा किया. जब जीवन उसके कहे अनुसार बस के फर्श पर बिछे मोटे कालीन पर घुटनो के बल बैठ गया तो करिश्मा ने जीवन का सिर पकड़ कर रजनी की योनि पर दाब दिया.
जीवन रजनी की योनि को उपर से अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगा. पूरी योनि को अपनी जीभ से चाटने के बाद उसने अपनी जीभ को रजनी की चूत के अंदर डाल दिया. रजनी की कमर बर्त से उपर उठी हुई थी और उसने अपनी टाँगों को फैला कर अपने दोनो हाथों से अपनी योनि की फांको को खोल रखा था जिससे जीवन को उसके अंदर अपनी जीभ को घूमने मे दिक्कत नही आए. वो अपनी जीभ को रजनी की चूत के जितना अंदर डाल सकता था उतना अंदर कर उसे चाटने लगा.
Re: रश्मि एक सेक्स मशीन
रजनी उत्तेजना से अपने कूल्हे उचका रही थी. उसके हाथ मजबूती से बर्त के कुशन को पकड़ रखे थे. करिश्मा जीवन के सिर को रजनी की योनि पर दबाते हुए उसके बालों मे पर हाथ फिराने लगी. रजनी ने करिश्मा के बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा.
उसके चेहरे को अपने पास खींच कर उसके तप्त होंठों पर अपने होंठ रख दिया.
दोनो की जीभ एक दूसरे के मुँह के अंदर अटखेलिया कर रही थी. करिश्मा के हाथ रजनी की चुचियो पर फिर रहे थे. रजनी किसी महिला के हाथों से संतुष्ट नही हो पा रही थी इसलिए उसने जीवन के एक हाथ को पकड़ कर अपनी एक चूची पर रख दिया. जीवन के हाथ अब उसके निपल्स को मसल रहे थे. अब उत्तेजना को काबू मे रख पाना रजनी के बस के बाहर होता जा रहा था. तभी रजनी ने एक झटके के साथ अपनी योनि मे पानी छ्चोड़ दिया.
"ऊऊऊऊऊऊऊओ हह म्म्माआआआआआआआ आआअररर्ग्घह
ऊऊऊहह" एक ज़ोर दार चीख के साथ वो बर्त पर ढेर हो गयी.
जीवन किसी प्यासे की तरह उसकी योनि से पानी चूसने लगा. उसने अपने होंठ रजनी की योनि की दोनो फांकों पर रख दिए और अपनी लपलपाति जीभ से अंदर का सारा माल समेट कर अपने मुँह मे भरने लगा. मैं उसकी हरकतें देख कर ताज्जुब रह गयी. इतने आवेश से तो जीवन ने कभी मेरी योनि को भी नही चूसा था.
रजनी ने करिश्मा को छ्चोड़ कर अपने दोनो हाथों से जीवन के सिर को अपनी योनि पर दाब दिया. करिश्मा अब सेक्स की आग मे जलती हुई उनका खेल देख रही थी. जब उससे और नही रहा गया तो उसने जीवन को खींच कर रजनी से अलग किया उसने जीवन को खींच कर खड़ा किया और उसके बदन से लिपट गयी.
करिश्मा अपनी जीभ से जीवन के दोनो मटर के दाने सरीखे उभर आए निपल्स को छेड़ने लगी. उसने अपने दोनो स्तनो को पकड़ कर उन्हे उठाया फिर खुद पंजों के बल उपर होकर जीवन के निपल्स पर अपने निपल्स को रगड़ने लगी. जीवन काफ़ी उत्तेजित लग रहा था. उसने करिश्मा के स्तनो को थाम लिया और उसे मसल्ने लगा. कुच्छ देर बाद करिश्मा ने जीवन के बदन से लिपटे अपने बदन को अलग किया और जीवन को बर्त पर ही बिठा कर उसके सामने फर्श पर बैठ गयी. उसने जीवन के लिंग को अपने हाथों मे लेकर कुच्छ देर तक निहारा. फिर उसके सामने किसी टेबल टेन्निस की बॉल की तरह बने सूपदे पर से स्किन को नीचे सरका दिया. जीवन के लिंग से अब एक तार की चासनी की तरह एक डोर सी झूल रही थी. जिसके दूसरे सिरे से प्री कम की एक बूँद ज़मीन पर टपक गयी.
जीवन के लाल सूपदे पर करिश्मा ने अपने होंठ रख कर एक किस किया. फिर अपने होंठों को खोल कर धीरे धीरे उस मोटे लिंग को अपने मुँह मे सरकाने लगी. जीवन के लिंग को काफ़ी अंदर तक लेकर अपने मुँह को उसके लिंग पर ऊपर नीचे चलाने लगी. जीवन ने करिश्मा के सिर को एक हाथ से पकड़ रखा था. अपने हाथों से जैसे ही करिश्मा के सिर को अपने लिंग पर दबाता साथ ही साथ अपनी कमर को भी आगे की ओर थेल देता जिससे उसका लिंग करिश्मा के मुँह मे अंदर तक घुस जाए.
रजनी पास मे लेटी हुई करिश्मा का मुख मैथुन देख रही थी. एक बार झाड़ जाने की वजह से वो दो मिनिट के लिए शिथिल हो गयी थी. जिसका पूरा फ़ायदा करिश्मा ने उठाया. दोनो को कुच्छ देर तक लेटी हुई देखते रहने से रजनी के जिस्म मे वापस सेक्स का ज्वार चढ़ने लगा था. वो अपनी दोनो जांघों को एक दूसरे से रगड़ने लगी. वो अपना हाथ बढ़ा कर करिश्मा की चुचियो को मसल्ने लगी. उसके खड़े निपल्स को अपनी चुटकियों मे लेकर उमैथ्ने लगी.
रजनी से जब रहा नही गया तो उठ कर जीवन के सीने के बालों पर अपनी एक हथेली की उंगलियाँ फेरने लगी. दूसरा हाथ जीवन के लंड के नीचे लटक रहे गेंदों को मसल रहा था.
जीवन ने अचानक मेरी तरफ देखा. उस वक़्त मैं रंजन और दिवाकर के लिंग एक एक करके चूस रही थी. मैने अपने दोनो मुट्ठी मे दोनो के लंड थाम रखे थे. एक बार मैं रंजन के लिंग को चूस्ति दूसरी बार दिवाकर के लिंग को. दोनो अपने अपने लंड को बारी बारी से मेरे आगे कर देते और मैं अपने खुले मुँह के अंदर उन्हे लेकर अपनी जीभ से चाटने लगती. कुच्छ पल उसे चाटने के बाद अपने मुँह से निकाल कर दूसरे के लिंग को मुँह मे लेती. एक साथ दो क्रीम रोल्स के मज़े ले रही थी.