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प्यास बुझती ही नही compleet
Re: प्यास बुझती ही नही
rajsharma wrote:Great,, Great,,
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shukriya bhai
Re: प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-18
गतान्क से आगे..................................
जिंदगी पानी के बुलबुले के सामान है…किसके जीवन मे कब क्या होज़ायगा कुच्छ नही कहा जा सकता था..अभी थोड़ी देर पहले रश्मि एक कमल के फूल की तरह घर मे महकती थी पर अब एक बेवा की जिंदगी जी रही थी……राज और कमला ने एक अहम् फ़ैसला लिया …..कि ये फ्लॅट बेच देंगे और कही और जगह फ्लॅट खरीद लेंगे…जहाँ लोग हमे नही जानते हो…….और मे रश्मि से शादी कर लूँगा….पर क्या रश्मि इसके लिए तैयार हो जाएगी………??? ये एक अहम् सवाल था…..कमला तो घर की ख़ुसी के लिए अपनी छाती पर पत्थर रख सकती है…..कमला ने एक ज़िम्मेदार गृहिणी की तरह रश्मि को समझाया….
कमला: बेटा…जो हो गया सो होगया…उसके लिए जान देने से तो वो वापस नही आएगा…अब तुम अपने आपको सम्भालो…और नये सिरे से अपने जीवन को संवारो…..हमलोग फ़ैसला किए हैं कि ये फ्लॅट बेच देंगे और किसी दूसरी जगह फ्लॅट ले लेंगे…और ये तुमसे शादी कर लेंगे…फिर हमलोग आराम से एक साथ रहेंगे….हमे सिर्फ़ तुम्हारी रज़ामंदी का इंतजार है.
रश्मि: जो उचित समझे…..अब तो आपलोगो का ही सहारा है…इस जीवन मे अब क्या बचा है……एक औरत के लिए उसका पति ही सबकुच्छ होता है…अगर पति ना हो तो किसके सहारे जीवित रहेगी…मे अपने मा-पापा के घर नही जा सकती…क्योकि वो पहले से ही अपनी बड़ी बेटी से परेशान है….और यदि मे चली गयी तो उनपर तो पहाड़ टूट पड़ेगा……….दीदी आप जो सही समझे??? और हां कल से मे भी शॉप पे जाऊंगी…ताकि मे भी अपने पैर पर खड़ी हो सकु.
कमला: क्यो नही बेटे…तुम मेरी छ्होटी बहन की तरह हो तभी मे तुम्हे बेटी कह रही हू. मेरी तो कोई औलाद नही है और ना ही होगी…..अब सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद है कि इस घर मे कोई किलकरिया गूंजेगी….जब इनकी मा मरी थी तो मुझसे उम्मीद की थी कि इस घर का वारिस तुम दोगि….भगवान ने तो मुझे वो सुख नही दिया….मे चाहती हू कि तुम राज से शादी करो और उनके बच्चे की मा बनो…..तुम पति-पत्नी की तरह रहना और मे तुम्हारे बड़ी बहन……या तुम जो समझो.
रश्मि: नही दीदी तुम भी हमारे साथ ही रहोगी…उनकी पत्नी बन कर…हम्दोनो उनकी पत्निया है….अगर किसी के सहारे के लिए शादी किया जाता है तो शादी नही सम्मान है…..और अगर ये सम्मान मेरे जेठ जी दे रहे है तो मे खुस-किस्मत हू…मुझे पता है…जब मे रोड पर चलती हू इन कपड़ो मे (वाइट सारी) सब लोग भूकी नज़रो से देखते है…………………….
सभी लोग एक मौके के तलाश मे रहते है…कब मौका मिले और निगल जाए…….
कमला: तो फिर तय रहा अब तुम मेरी सौतन हो….
रश्मि: सौतन नही दीदी……बहन……तुम मेरी बड़ी बहन और मेरे पति की पत्नी…और मे तुम्हारे पति की पत्नी…………………….
कमला ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया…और फिर किचन मे चली गयी खाना बनाने.
________________________________________
राज ने जल्दी ही एक बिल्डर की मदद से अपना फ्लॅट बेच दिया और देल्ही मे ही कोनट प्लेस के पास एक अप्पर्टमेंट मे 3 बीएचके का एक फ्लॅट खरीद लिया...जो कि 7थ & टॉप फ्लोर पर था...........घर का आनॉगरेशन खुद रश्मि और राज ने किया....साथ मे थी उसकी वाइफ कमला....... सब कुच्छ ठीक चल रहा था....पर अभी तक रश्मि और राज के बीच सेक्स एनकाउंटर नही हो रहा था....फ़ैसला ये किया गया कि सनडे को मंदिर मे रश्मि और राज की शादी हो जाएगी...और फिर हनिमून के लिए देल्ही से बाहर सिम्ला जाना तय हुआ....पर वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है....अभी भी रश्मि को उसका बीता हुआ समय वापस उसके आगे खड़ा हो जाता है.....यानी कि इनस्पेक्टर शर्मा.. ये अचानक उसके फ्लॅट मे आ धमका और राजेश के मौत का अपडेशन उसे बताने लगा.....रश्मि ने सोचा कि इसे किसने बताया यान्हा का पता........
इनस्पेक्टर शर्मा: रश्मि जी....वो पॅंटी वाली का पता चल गया है..और उस पॅंटी पर जो वीर्य लगा हुआ था वो आपके हज़्बेंड का था...पर उस पे जो झांतो के बाल थे वो किसी और लेडी के थे..........ये लेडी कौन है ये पता करना पड़ेगा...
रश्मि: (खीझते हुए)...तो फिर इतने दिन तक आप ने किया क्या???????आपको पता लगाना चाहिए ना............
इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम, उसी सिलसिले मे तो यान्हा आया हू...बहुत मुस्किल से आपका फ्लॅट मिला है....अब पोलीस भी क्या कर सकती है जब आप जैसी हसीना मदद ना करे.
रश्मि ने गौर से देखा इनस्पेक्टर शर्मा के चेहरे पर एक शैतानी थी...
रश्मि: क्या मतलब है आपका???
इनस्पेक्टर शर्मा: मतलब सॉफ है...जो मे पुच्छ ता हू उसका जवाब चाहिए.
रश्मि: मे सारा कन्फेशन पहले ही दे चुकी हू...प्लीज़ हमे और परेशान मत करो.
इनस्पेक्टर शर्मा: सुना है कि आप शादी करने जा रही है?
रश्मि: ये आपको किसने कहा.
इनस्पेक्टर शर्मा: ये मत पुछो किसने कहा...ये बताओ ये सही है या नही?
रश्मि: हां सही है? और कुच्छ
इनस्पेक्टर शर्मा: आप दूसरी शादी नही कर सकती? इट्स ए मर्डर केस....जब तक ये सावित नही होगा तुम दूसरी शादी नही कर सकते....समझे.....
चलता हू.........................................नमस्ते...फिर मिलेंगे.
रश्मि ने अपना सिर पीट लिया.....अब क्या करे...???? तभी वो राज को फोन मिलाया ...और सारी बाते बता दी...................................
राज: अबे यार .....क्या करू इस इनस्पेक्टर शर्मा का....
तभी पास पड़ी डॉक्टर. नेहा ने कहा...क्या हो गया कुच्छ हमे भी बताओ.....
राज; कुच्छ नही..यार इनस्पेक्टर शर्मा बार बार परेशान करने आ जाते है रश्मि को.....वो एक्सप्लाय्ट भी कर रहे है............
डॉक्टर. नेहा: मे कुच्छ करू????
राज: तुम क्या कर सकती हो?
डॉक्टर. नेहा: मेरा फ्रेंड है कमिशनर ऑफ देल्ही पोलीस के ऑफीस मे..इसका ट्रान्स्फर करवा देते है..............
राज: उससे क्या होगा...अगर कोई दूसरा आएगा तो वो भी परेशान करेगा.
डॉक्टर. नेहा: ये तो है...पर क्या करे? कोई वकील से सलाह लेते है.
राज: इसमे वकील कुच्छ नही कर सकता जब तक कि पोलीस का आरोप ना लगे...अभी तक ये केस भी नही बनाया है.
डॉक्टर. नेहा; मेरी फिरेंड कुच्छ हेल्प कर सकती है...मे कुच्छ करती हू....कल फोन कर लेना..................
पर मुझे क्या मिलेगा इसके बदले.
राज: बताओ ना क्या चाहिए.
नेहा: वही जो आप भी चाहते हो
राज: सच?????????? वो माइ गॉड मेरी तो निकल पड़ी?
नेहा बुरी तरह शर्मा गयी……….
राज: पर मे बहुत परेशान करूँगा….सोच लो?
नेहा: मुझे मंजूर है
राज: तो फिर अभी????
नेहा: अभी????च्ीईीईईईई……
फिर कभी
गतान्क से आगे..................................
जिंदगी पानी के बुलबुले के सामान है…किसके जीवन मे कब क्या होज़ायगा कुच्छ नही कहा जा सकता था..अभी थोड़ी देर पहले रश्मि एक कमल के फूल की तरह घर मे महकती थी पर अब एक बेवा की जिंदगी जी रही थी……राज और कमला ने एक अहम् फ़ैसला लिया …..कि ये फ्लॅट बेच देंगे और कही और जगह फ्लॅट खरीद लेंगे…जहाँ लोग हमे नही जानते हो…….और मे रश्मि से शादी कर लूँगा….पर क्या रश्मि इसके लिए तैयार हो जाएगी………??? ये एक अहम् सवाल था…..कमला तो घर की ख़ुसी के लिए अपनी छाती पर पत्थर रख सकती है…..कमला ने एक ज़िम्मेदार गृहिणी की तरह रश्मि को समझाया….
कमला: बेटा…जो हो गया सो होगया…उसके लिए जान देने से तो वो वापस नही आएगा…अब तुम अपने आपको सम्भालो…और नये सिरे से अपने जीवन को संवारो…..हमलोग फ़ैसला किए हैं कि ये फ्लॅट बेच देंगे और किसी दूसरी जगह फ्लॅट ले लेंगे…और ये तुमसे शादी कर लेंगे…फिर हमलोग आराम से एक साथ रहेंगे….हमे सिर्फ़ तुम्हारी रज़ामंदी का इंतजार है.
रश्मि: जो उचित समझे…..अब तो आपलोगो का ही सहारा है…इस जीवन मे अब क्या बचा है……एक औरत के लिए उसका पति ही सबकुच्छ होता है…अगर पति ना हो तो किसके सहारे जीवित रहेगी…मे अपने मा-पापा के घर नही जा सकती…क्योकि वो पहले से ही अपनी बड़ी बेटी से परेशान है….और यदि मे चली गयी तो उनपर तो पहाड़ टूट पड़ेगा……….दीदी आप जो सही समझे??? और हां कल से मे भी शॉप पे जाऊंगी…ताकि मे भी अपने पैर पर खड़ी हो सकु.
कमला: क्यो नही बेटे…तुम मेरी छ्होटी बहन की तरह हो तभी मे तुम्हे बेटी कह रही हू. मेरी तो कोई औलाद नही है और ना ही होगी…..अब सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद है कि इस घर मे कोई किलकरिया गूंजेगी….जब इनकी मा मरी थी तो मुझसे उम्मीद की थी कि इस घर का वारिस तुम दोगि….भगवान ने तो मुझे वो सुख नही दिया….मे चाहती हू कि तुम राज से शादी करो और उनके बच्चे की मा बनो…..तुम पति-पत्नी की तरह रहना और मे तुम्हारे बड़ी बहन……या तुम जो समझो.
रश्मि: नही दीदी तुम भी हमारे साथ ही रहोगी…उनकी पत्नी बन कर…हम्दोनो उनकी पत्निया है….अगर किसी के सहारे के लिए शादी किया जाता है तो शादी नही सम्मान है…..और अगर ये सम्मान मेरे जेठ जी दे रहे है तो मे खुस-किस्मत हू…मुझे पता है…जब मे रोड पर चलती हू इन कपड़ो मे (वाइट सारी) सब लोग भूकी नज़रो से देखते है…………………….
सभी लोग एक मौके के तलाश मे रहते है…कब मौका मिले और निगल जाए…….
कमला: तो फिर तय रहा अब तुम मेरी सौतन हो….
रश्मि: सौतन नही दीदी……बहन……तुम मेरी बड़ी बहन और मेरे पति की पत्नी…और मे तुम्हारे पति की पत्नी…………………….
कमला ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया…और फिर किचन मे चली गयी खाना बनाने.
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राज ने जल्दी ही एक बिल्डर की मदद से अपना फ्लॅट बेच दिया और देल्ही मे ही कोनट प्लेस के पास एक अप्पर्टमेंट मे 3 बीएचके का एक फ्लॅट खरीद लिया...जो कि 7थ & टॉप फ्लोर पर था...........घर का आनॉगरेशन खुद रश्मि और राज ने किया....साथ मे थी उसकी वाइफ कमला....... सब कुच्छ ठीक चल रहा था....पर अभी तक रश्मि और राज के बीच सेक्स एनकाउंटर नही हो रहा था....फ़ैसला ये किया गया कि सनडे को मंदिर मे रश्मि और राज की शादी हो जाएगी...और फिर हनिमून के लिए देल्ही से बाहर सिम्ला जाना तय हुआ....पर वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है....अभी भी रश्मि को उसका बीता हुआ समय वापस उसके आगे खड़ा हो जाता है.....यानी कि इनस्पेक्टर शर्मा.. ये अचानक उसके फ्लॅट मे आ धमका और राजेश के मौत का अपडेशन उसे बताने लगा.....रश्मि ने सोचा कि इसे किसने बताया यान्हा का पता........
इनस्पेक्टर शर्मा: रश्मि जी....वो पॅंटी वाली का पता चल गया है..और उस पॅंटी पर जो वीर्य लगा हुआ था वो आपके हज़्बेंड का था...पर उस पे जो झांतो के बाल थे वो किसी और लेडी के थे..........ये लेडी कौन है ये पता करना पड़ेगा...
रश्मि: (खीझते हुए)...तो फिर इतने दिन तक आप ने किया क्या???????आपको पता लगाना चाहिए ना............
इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम, उसी सिलसिले मे तो यान्हा आया हू...बहुत मुस्किल से आपका फ्लॅट मिला है....अब पोलीस भी क्या कर सकती है जब आप जैसी हसीना मदद ना करे.
रश्मि ने गौर से देखा इनस्पेक्टर शर्मा के चेहरे पर एक शैतानी थी...
रश्मि: क्या मतलब है आपका???
इनस्पेक्टर शर्मा: मतलब सॉफ है...जो मे पुच्छ ता हू उसका जवाब चाहिए.
रश्मि: मे सारा कन्फेशन पहले ही दे चुकी हू...प्लीज़ हमे और परेशान मत करो.
इनस्पेक्टर शर्मा: सुना है कि आप शादी करने जा रही है?
रश्मि: ये आपको किसने कहा.
इनस्पेक्टर शर्मा: ये मत पुछो किसने कहा...ये बताओ ये सही है या नही?
रश्मि: हां सही है? और कुच्छ
इनस्पेक्टर शर्मा: आप दूसरी शादी नही कर सकती? इट्स ए मर्डर केस....जब तक ये सावित नही होगा तुम दूसरी शादी नही कर सकते....समझे.....
चलता हू.........................................नमस्ते...फिर मिलेंगे.
रश्मि ने अपना सिर पीट लिया.....अब क्या करे...???? तभी वो राज को फोन मिलाया ...और सारी बाते बता दी...................................
राज: अबे यार .....क्या करू इस इनस्पेक्टर शर्मा का....
तभी पास पड़ी डॉक्टर. नेहा ने कहा...क्या हो गया कुच्छ हमे भी बताओ.....
राज; कुच्छ नही..यार इनस्पेक्टर शर्मा बार बार परेशान करने आ जाते है रश्मि को.....वो एक्सप्लाय्ट भी कर रहे है............
डॉक्टर. नेहा: मे कुच्छ करू????
राज: तुम क्या कर सकती हो?
डॉक्टर. नेहा: मेरा फ्रेंड है कमिशनर ऑफ देल्ही पोलीस के ऑफीस मे..इसका ट्रान्स्फर करवा देते है..............
राज: उससे क्या होगा...अगर कोई दूसरा आएगा तो वो भी परेशान करेगा.
डॉक्टर. नेहा: ये तो है...पर क्या करे? कोई वकील से सलाह लेते है.
राज: इसमे वकील कुच्छ नही कर सकता जब तक कि पोलीस का आरोप ना लगे...अभी तक ये केस भी नही बनाया है.
डॉक्टर. नेहा; मेरी फिरेंड कुच्छ हेल्प कर सकती है...मे कुच्छ करती हू....कल फोन कर लेना..................
पर मुझे क्या मिलेगा इसके बदले.
राज: बताओ ना क्या चाहिए.
नेहा: वही जो आप भी चाहते हो
राज: सच?????????? वो माइ गॉड मेरी तो निकल पड़ी?
नेहा बुरी तरह शर्मा गयी……….
राज: पर मे बहुत परेशान करूँगा….सोच लो?
नेहा: मुझे मंजूर है
राज: तो फिर अभी????
नेहा: अभी????च्ीईीईईईई……
फिर कभी