छोटी सी जान चूतो का तूफान

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rajaarkey
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Re: छोटी सी जान चूतो का तूफान

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 07:34

नेहा: (चाइ पीते हुए) साहिल स्कूल चला गया ना ?

पायल: हां दीदी अभी थोड़ी देर पहले गया है…आप सूनाओ आपके बाबा कैसे है, सब ठीक है ना….

नेहा: हां सब ठीक है….

पायल: भाभी तुम्हारे बाबा कैसे है….

पूनम: पहले से बेहतर है….कल हॉस्पिटल से डिसचार्ज हुए है…

नीलम: गीता भी स्कूल चली गई होगी ना.

पायल: हां में वो भी गई है…

नीलम: ठीक है जाते हुए उसे बता देंगे, ताकि वो इधर ना चली आए. ये सोच कर कि पता नही मा और भाभी आए है या नही…

नेहा: तो क्या हुआ काकी….ये भी तो उसका ही घर है…

थोड़ी देर सब इधर उधर के बातें करते है, और फिर नीलम अपनी बहू पूनम के साथ घर चली जाती है.रास्ते में स्कूल में रुक कर नीलम गीता को मिलकर बता देती है कि वो सीधा घर आ जाए…

गीता मन ही मन सोचती है, अगर मा और भाभी दो चार दिन और वही रुक जाते तो, कितना अच्छा होता….शायद उसे साहिल के साथ कोई मोका मिल जाता…पर ना तो गीता को मोका मिल पा रहा था…और ना ही पायल को. दोनो के जिस्म में वासना की आग लगी हुई थी..

ख़ासतोर पर पायल के जिस्म में….जबसे वंश पैदा हुआ था…रवि ने पायल की तरफ ध्यान देना कम कर दिया था.दूसरा काम का बोझ इतना था कि, वो रात को देर से घर आता…कई बार भैंसो लेजाने और लाने के लिए पैदल ही भैंसो के साथ कई-2 किमी चलना पड़ता…और जब रवि थका हारा घर आता. खाना खाते ही सो जाता…

पर पायल इस बात को नही समझ रही थी कि, उसका पति कितना मेहनत कर रहा था पैसे के लिए…पायल को तो ऐसा लग रहा था कि, उसका बाहर किसी औरत के साथ चक्कर है..इसलिए रवि उस पर ध्यान नही देता….पायल ने इस बारे मे कभी रवि से बात करने की भी ज़रूरत नही समझी, अब जब कि साहिल में उसे अपनी चूत की आग ठंडी करने का ज़रिया नज़र आ रहा था… उसने भी रवि के बारे में सोचना छोड़ दिया था…

दूसरी तरफ जवानी गीता के बदन पर कहर ढा रही थी….जहाँ से भी वो गुजरती, लोग अपने दिल पर हाथ रख कर ठंडी आहहे भरने लगते…पर गीता अपनी मा और भाई विजय से बहुत डरती थी…और गाओं में तो ऐसी बातें जंगल की आग की तरह फैलती है….ये जानते हुए आज तक गीता ने किसी की तरफ आँखे उठा कर नही देखा था…

पर साहिल उसे अपनी अंदर की आग को शांत करने का सबसे आसान रास्ता लगता था….क्योंकि वो बेरोक टोक उनके घर आ जा सकता था….और छोटे होने के कारण उसकी मा भी गीता या साहिल पर शक नही कर सकती थी….इसीलिए वो साहिल के पीछे पड़ चुकी थी….

और साहिल तो जैसे सपनो की दुनाया में पहुच गया था..हर तरफ ऐश ही ऐश थी उसकी, सुबह स्कूल जाते वक़्त उसकी मा तो पैसे देती ही थी, पर साथ में चाची भी अब खुल कर साहिल पर मेहरबान थी….ऊपेर स्कूल में भी गीता भी कुछ ना कुछ साहिल को खाने के लिए देती रहती…

दोपहर को पायल और नेहा ने मिल कर खाना बनाया….और फिर कुलवंत सिंग अपने भाई रवि के साथ दोपहर को घर पहुँच गया…दोनो बेहद थके हुए थे….

कुलवंत सिंग: रवि तुम खाना खा कर आराम कर लो, आज शाम फिर से मंडी जाना है. में भी भैंसो को चारा डाल कर आराम कर लेता हूँ…

रवि: नही भाई आप आराम कीजिए….आप ने दो दिन से सही से आराम नही किया. में भैंसो को चारा डाल देता हूँ…..

खाना खाने के बाद रवि भैंसो को चारा डाल कर अपने रूम में आ गया.पायल वंश के साथ लेटी हुई थी….रवि प्यार से वंश पर हाथ फेरने लगा….”आराम से अभी सोया है.कच्ची नींद में होगा”

रवि: यार थकान से जान निकली जा रही है…

पायल: (मूह बनाते हुए) तो फिर ऐसा काम करते ही क्यों हो…कोई और काम कर लो…

रवि: पागल हो क्या….पता है कल कितना मुनाफ़ा हुआ है…

पायल: (खुस होते हुए) कितना जानू..

रवि: (हंसते हुए) अच्छा पैसो का नाम आते ही, जनाब के मिज़ाज बदल गये..

पायल: जी बताओ ना…

रवि: कल हमारी 8 भैंसे बिक गई….हर भैंस से 5000 -2 मुनाफ़ा हुआ है. कुल मिला कर 40000 का मुनाफ़ा हुआ है….

फिर रवि अपनी जेब से 15000 रुपये निकाल कर पायल को देता है, और कहता है..

रवि: ये लो मुनाफ़े के 15 हज़ार.

पायल: और बाकी के 5 हज़ार…

रवि: वो मेरे पास है.मॅंडी में कभी भी ज़रूरत पड़ जाती है…

पायल: अच्छा ठीक है….

रवि: आज 10 भैंसे और खरीदी है…बस उनके अच्छे पैसे मिल जाए तो इस मंडी से बल्ले बल्ले हो जाएगे….

rajaarkey
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Re: छोटी सी जान चूतो का तूफान

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 07:34

पायल उठ कर अलमारी में पैसे रख कर वापिस बेड पर आकर लेट गई… रवि भी आँखें बंद किए लेटा हुआ था….

पायल: जी सो गए क्या ?

रवि: ह्म्म यार बहुत नींद आ रही है.शाम होते ही फिर से जाना है..थोड़ा आराम करने दो….

थोड़ी देर बाद रवि घोड़े बेच कर सो जाता है….पायल की अभी आँख लगी ही थी, कि नेहा डोर पर दस्तक देती है….

पायल: अर्रे भाभी आओ ना अंदर..

नेहा: वो तुम्हारी मा का फोन आया है…आकर बात कर लो…..पायल उठ कर नेहा के साथ उसके रूम में आ गई….वहाँ कुलवंत सिंग और साहिल बेड पर सो रहे थी….पायल ने रेसिवेर कान पर लगाया और कहा…..

पायल: हां बोलो मा क्या बात है…

नीलम: (दूसरी तरफ फोन पर) बेटा तुम्हारे मामा का फोन आया था.

पायल: हां क्या कह रहे थे मामा जी…

नीलम: तेरे भाई (पायल के मामा का लड़का) मोहित के लिए लड़की देखी,है उनकी मँगनी पर बुला रहे है….हम सब जा रहे है, तू भी चल साथ में..

पायल: नही मा में नही जा पाउन्गि..आपको तो पता है ना मा घर पर कितना काम होता है…

नीलम: हां जानती हू. मुझे पता था, तू मना कर देगी….अच्छा सुन एक काम तो कर दे मेरा…

पायल: हां बोलो मा….

नीलम: बेटा हम तो सब जा रहे है…पीछे घर पर कोई नही रहेगा. तो तू शाम को इधर आ जाना.भैंसो को पानी और चारा डाल देना…और हां रात को यही सो जाना….तुझे तो पता है..आज कल कितनी चोरियाँ हो रही है…

पायल: ठीक है मा..में उधर आ जाउन्गि…

जैसे ही पायल की मा ने उसे अपने यहाँ रात को रुकने के लिए कहा… पायल का शैतानी दिमाग़ कार की स्पीड पर दौड़ने लगा. फिर उसके होंठो पर लंबी मुस्कान फेल गई…नेहा बेड पर बैठी पायल को देख रही थी…

नेहा: क्या बात है, किस बात पर खुस हो रही हो…..

पायल: वो दीदी मेरे मामा के लड़के की मँगनी है सब वहाँ जा रहे है..

नेहा: अच्छा ये तो बहुत खुशी की खबर है….तू भी जाएगी साथ में..

पायल: नही दीदी में नही जा रही…

नेहा: अर्रे क्यों ?

पायल: देखो ना दीदी इतनी गरमी है, और तुम्हे तो पता है वंश गरमी में कितना तंग करता है.वहाँ पर भीड़ भाड़ होगी, तो और तंग करेगा..

नेहा: हां वो तो है..

पायल: हां वो मा बोल रही थी कि, रात को में उनके यहाँ चली जाउ. और रात को वही सो जाउ क्यों कि आज कल बहुत चोरियाँ हो रही है….

नेहा: हां तो चली जाना ना.वैसे भी इन दोनो भाइयों ने तो, शाम को ही निकल जाना है….

पायल: पर दीदी में वहाँ अकेली, नही मुझे डर लगता है अकेले….

नेहा: अर्रे तो क्या हुआ…साहिल को साथ में लेजा….

नेहा की ये बात सुनते ही पायल के दिल के सितार झंझणा उठे….नेहा ने तो खुद उसकी मन की मुराद पूरी कर दी थी….पर फिर भी वो ऐसे दिखा रही थी..जैसे उसको नेहा की बहुत चिंता हो….

पायल: पर दीदी आप भी तो घर में अकेली हो जाओगी….

नेहा: अर्रे मेरी छोड़ वैसे भी में माला को बुला लूँगी यहाँ सोने के लिए.

पायल: ठीक है दीदी….में शाम को साहिल के साथ चली जाउन्गि…

उसके बाद पायल अपने रूम में आ जाती है.आज पायल मन ही मन बहुत खुस थी..रात के बारे में सोच कर अभी से उसकी चूत में कुलबुलाहट हो रही थी….दूसरी तरफ नेहा भी बहुत खुस थी क्योकि आज माला उसके साथ सोने वाली थी….माला का घर उनके पड़ोस में ही था….उसका पति हर समय नशे में डूबा रहता था…

और माला भी अपनी चूत की आग को लेकर परेशान थी….इसीलिए माला अपने दिल का बोझ हलका करने के लिए नेहा के पास आ जाती थी…फिर माला और नेहा एक दूसरे की आग शांत करने का ज़रिया बन गई…दोनो एक दूसरे की चूत को खूब चुस्ती, उंगली करती….और अपने तन की आग ठंडा करती..

इसीलिए नेहा भी बहुत खुस थी….क्योंकि कुलवंत की हालत भी अपने भाई जैसी हो गई थी….पहले कुलवंत सिंग कुछ और काम करता था…पर दो साल पहले जब उसका काम बंद हो गया तो, वो अपने भाई के साथ भैंसो के व्यापार करने लगा था….तब से नेहा भी पायल की तरह चुदासी हो गई थी.पर पायल को इस बात की भनक नही थी कि नेहा और माला के बीच ऐसा कुछ है….

शाम के 4 बजे कुलवंत सिंग और रवि जाने की तैयारी करने लगे….पायल और नेहा ने मिल कर खाना बनाया..और कुलवंत सिंग और रवि खाना खा कर मंडी के लिए सहर निकल गए…जैसे ही दोनो मर्द घर से बाहर गए. पायल रात के बारे में सोच सोच कर मचलने लगी…और जल्दी -2 काम निपटा कर अपनी मा के घर जाने की तैयारी करने लगी…

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Re: छोटी सी जान चूतो का तूफान

Unread post by rajaarkey » 30 Dec 2014 07:35

पर साहिल का कोई अता पता नही था….वो पहले ही स्कूल के ग्राउंड में जा चुका था….पायल तैयार होकर अपने साथ कुछ समान ले लिया. और नेहा के रूम में आकर साहिल के बारे में पूछने लगी…

पायल: दीदी साहिल कहाँ है…

नेहा: खेलने गया होगा….कुछ काम था क्या…

नेहा जब पायल की तरफ देखती है…वो जाने के लिए तैयार खड़ी थी….

नेहा: ओह्ह में तो ही भूल ही गई…मैने साहिल को बताया ही नही कि, उसे तुम्हारे साथ जाना है….

पायल: पर गया कहाँ है ?

नेहा: तू बैठ में जाकर देखती हूँ…

नेहा बाहर आकर गॅली में देखने लगी.बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थी…नेहा ने उन्हे आवाज़ लगाई तो एक लड़का नेहा के पास आया…

लड़का: जी आंटी….

नेहा: तुमने साहिल को देखा है ?

लड़का: हां थोड़ी देर पहले बॅट पकड़ कर स्कूल की तरफ जा रहा था..

नेहा: जा उसे बुला ला जाएगा बुलाने..

लड़का: जी आंटी अभी बुला कर लाता हूँ..

नेहा: कहना कि उससे मम्मी बुला रही है…ज़रूरी काम है जल्दी साथ में ले आना…

वो लड़का दौड़ता हुआ ग्राउंड की तरफ चला गया..नेहा अंदर आकर अपने रूम में आ गई…जहाँ पायल बैठी हुई थी…

पायल: कहाँ है दीदी साहिल… ?

नेहा: ग्राउंड में गया है…पड़ोसी के लड़के को भेजा है बुलाने के लिए…

तभी बाहर अचानक तेज हवा चलने लगती है…नेहा दौड़ कर छत पर चली गई….पायल भी वंश को बेड पर लेटा कर नेहा के साथ ऊपेर आ गई, और कपड़े उतारने लगी….हवा तेज होते हुए आँधी का रूप ले चुकी थी. दूर आसमान में काले बदल उमड़ रहे थे…और उसी तरफ आ रहे थे…

नेहा: लगता है बारिश होने वाली है…

पायल: हां दीदी.पर अब में कैसे जाउन्गि…..

नेहा: चल पहले नीचे चलते है.ये साहिल भी अभी तक नही आया..

जैसे ही दोनो नीचे आए, साहिल गेट से अंदर दाखिल हुआ , और नेहा के पास आकर बोलने लगा…..

साहिल: क्या हुआ मा क्यों बुलाया….

नेहा: अर्रे में तुझे बताना भूल गई कि, तुझे चाची के साथ उनके मायके जाना था…उनके घर पर कोई नही है….तुम दोनो रात को वही सो जाना….

पायल: पर भाभी बाहर तो बारिश शुरू हो गई है….अब कैसे जाएँगे…

नेहा: थोड़ा इंतजार कर ले, बारिश रुक जाएगी…

पायल: (मन ही मन बुदबुदाते हुए)पता नही कब रुकेगी…और मेरी फुद्दि पर कब सावन बरसेगा….

शाम के 7 बजे तक बारिश होती रही….बादल होने के कारण अंधेरा भी जल्दी घिर आया था…और थोड़ी देर बाद बारिश धीरे-2 रुक गई….पायल तो तब से बाहर नज़रे जमाए हुए थी….जैसे ही बारिश बंद हुई, पायल वंश को गोद में उठा कर खड़ी हो गई

पायल: दीदी बारिश रुक गई है..अब मुझे चलना चाहिए..

नेहा: अच्छा ठीक है ध्यान से जाना.अंधेरा हो गया है…

पायल: ठीक है दीदी….

फिर पायल और साहिल घर से निकल कर आगे बढ़ने लगे…साहिल का स्कूल उन दोनो गाओं के बीच में था…वो लगभग आधा रास्ता तय कर चुके थे…पर बारिश फिर से शुरू हो गयी. पहले हल्की सी फुँहार पड़ती रही और फिर अचानक से बारिश तेज हो गई….

पायल ने अपने साथ छाता ले लिया था…और छाता खोल कर वंश के ऊपेर कर दिया…बारिश इतनी जोरदार थी, कि वो ना तो खुद को और ना ही वंश को भीगने से बचा पे….दोनो तेज कदमो से चलते हुए, किसी तरह पायल के मायके पहुच गई….पायल की मा ने उसे बताया था कि वो घर की चाबी अपनी पड़ोसन को पकड़ा कर जाएँगी….

पायल ने पड़ोस के घर का डोर नॉक किया, थोड़ी देर बाद औरत ने डोर खोला, और उसे अंदर आने को कहा…पर अब पायल बहुत जल्दी में थी.. इसीलिए उसने अंदर जाने से मना कर दिया.थोड़ी देर बाद वो घर की चाबियाँ ले आई…पायल ने चाबियाँ ली, और गेट खोल कर साहिल के साथ अंदर आ गई.

पायल: (साहिल को तल (लॉक) पकड़ाते हुए ) साहिल इसे लगा दे….

साहिल ने लॉक लगाया….और फिर अंदर आकर पायल ने उस रूम को खोलने को कहा….जहाँ पर उसकी मा सोती थी…साहिल ने जल्दी से डोर खोला, और पायल ने अंदर आते ही वंश को साहिल की बाहों में पकड़ा दिया…फिर जल्दी से बॅग खोल कर वंश के कपड़े निकाल कर दूसरे कपड़े पहना दिए..

बच्चे अक्सर पेशाब कर कपड़े गीले कर देते है.इसीलिए पायल उसके 5 सूट साथ लेकर आई थी….कपड़े पहनाने के बाद उसने बेड पर वंश को लेटा दिया…वंश को जैसे ही थोड़ी से गर्माहट मिली…वैसे ही वो सो गया.. पर साहिल और पायल दोनो भीगे हुए थे.वो तो बेड पर बैठ कर बेड भी नही गीला करने चाहते थे…

पायल ने रूम में इधर उधर देखा तो उसकी नज़र सामने पड़े टेबल पर रखे टवल पर पड़ी..” तू साहिल कपड़े उतार कर वो टवल लपेट ले..”

साहिल: पर चाची मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है.टवल भी गीला हो जाएगा. अगर बाहर गया तो….

पायल: तो जा ना पहले जाकर पेशाब कर आ….

साहिल: (बाहर कड़कती हुई बिजली को देख कर) नही मुझे बहुत डर लग रहा है..

पायल: (हंसते हुए) क्या डरता है इतना बड़ा हो गया और डरता है…

साहिल: कहाँ बड़ा हो गया हूँ…अभी तो छोटा हूँ…ये देखो..

साहिल अपने कंधे को चाची के कंधो तक ऊपेर करने की कॉसिश करता है… पर पायल का क़द भी गीता की तरफ लंबा था….वो गीता से क़द में सिर्फ़ एक इंच कम थी….इसीलिए साहिल महज उसके कंधो तक ही था…

पायल: (होंठो पर कातिल मुस्कान लाते हुए) पर तेरा वो तो अभी से खड़ा होने लग गया है…

साहिल चाची की बात सुन कर झेंप जाता है, और अपना सर झुका लेता है…

पायल: हाए ओये सदके जावां साडा साहिल शरमाता भी है….चल तेनू मूत करवा के लेऔनि..

फिर पायल साहिल का हाथ पकड़ कर बाथरूम की तरफ जाने लगी…बाथरूम में पहुच कर साहिल को कहते है “चल निकाल अपनी लुल्ली और मूत ले”

साहिल: पहले तुम उधर मूह करो…

पायल: (मुस्कराते हुए) क्यों मुझसे शरम आ रही है…

साहिल: हां…

पायल: अच्छा पुत्तर जब मेरे मम्मे चूस्ता है तब शरम नही आती.चल कर जल्दी नही तो मैं तेरा निक्कर उतारू…..

साहिल: नही रहने दो में खुद कर लेता हूँ….

पायल के मायके के घर में जो बाथरूम था….उसके अंदर टाय्लेट नही था… उसके घर के लोग बाथरूम को सिर्फ़ नहाने के लिए यूज़ करते थे.. टाय्लेट में गेट के पास बना हुआ था….और साहिल और पायल बाथरूम में थे.. पायल को अपने ऊपेर पड़ती बारिश के बूंदे आज और भड़का रही थी.. उसकी चूत में कुलबुलाहट और बढ़ चुकी थी….

बाथरूम के ऊपेर छत की जगह पुराने डोर रखे हुए थे..जिससे बाथरूम की आधी छत ही कवर हो पा रही थी….और आधी छत से बारिश की मोटी-2 बूंदे नीचे गिर रही थी….

क्रमशः........................


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