नशे की सज़ा compleet

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007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:38

कुछ देर बाद जब राज पूरी तरह से उत्तेजित हो गया तो बोला-“ मेरा वीर्य रस बाहर निकलने बाला है. ध्यान रहे कि इसकी एक भी बूँद गिरनी नही चाहिए और तुम इसे पूरा का पूरा पी जाओगी.अगर एक भी बूँद ज़मीन पर या कहीं और गिरी तो तुम्हे उसे भी चटकार सॉफ करना होगा.”

अगले ही पल उसके लिंग से एक जोरदार पिचकारी निकली और मेरे पुर मूह में उसका वीर्य रस भर गया.मैने भी उसको जल्दी जल्दी पीने की कोशिश की ताकि उसकी एक भी बूँद कहीं भी गिरने ना आए.लेकिन ऐसा हुआ नही-मेरी लाख कोशिशों के बब्ज़ूद कुछ वीर्य रस की बूँदें इनस्पेक्टर के जूतों पर जा गिरी और अमित ने तुरंत मौके का फायडा उठाते हुए मुझे अगला हुक्म सुना डाला-“ जूतों को चाट चाट कर सॉफ करो वरना तुम्हारी सज़ा कम नही होगी.”

मैने राज की तरफ इस भाव से देखा की शायद उसे मुझ पर दया आ जाए लेकिन वो अपनी ज़िद पर कायम था-“ अब तुम्हारी जीभ से मेरे जूते सॉफ होने चाहिए…..”

कोई और रास्ता ना देख मैने हार मान ली और बिल्कुल उल्टी होकर वहीं ज़मीन पर लेट गयी ताकि अपनी जीभ को उसके जूतों पर फिराकर उस पर से वीर्य रस की बूंदे चाट सकूँ.

जूते चाटने के बाद मैं उठाने लगी तो राज ने लगभग डाँटने वाले अंदाज़ मे कहा- “ ठीक से चतो जूते.जब तक मैं ना कहूँ चाटती रहो-नशा करने की कुछ तो सज़ा मिलनी ही चाहिए तुम्हे.”

और मैने दोबारा से उसके जूते चाटने शुरू कर दिए.

कुछ देर बाद राज ने कहा-“ चल अब उठ जा और कुछ नाच गाने का प्रोग्राम शुरू कर.”

मैं जैसे ही उठकर खड़ी हुई, राज ने कमरे मे रखे हुए म्यूज़िक सिस्टम को चालू करते हुए मुझे हिदायत दी-“ इस सीडी मे 5 सेक्सी सॉंग्स हैं-इन सभी सॉंग्स पर तुझे अपने सेक्सी नंगे बदन को ठीक से थिरकना है-डॅन्स इतना सेक्सी होना चाहिए कि मैं खुश होकर हर गाने के साथ तेरी बाकी की सज़ा भी माफ़ करता चला जाऊं.अब सिर्फ़ 5 साल की सज़ा बाकी है और 5 गानो पर तुझे डॅन्स करना है.समझी ? “

“जी सर समझ गयी.5 सेक्सी गानों पर मुझे डॅन्स करना है जिससे आप खुश हो जाय…..” मेरे मूह से निकला.

“ हाँ तुम बिल्कुल ठीक जा रही हो. बस एक बात का ध्यान रहे कि अगर मुझे तुम्हारा डॅन्स पसंद नही आया तो वो बाला डॅन्स काउंट नही होगा….” राज ने मुझे डराने के लिए शायद इसलिए कहा ताकि मैं अपनी बेस्ट पर्फॉर्मेन्स दे सकूँ.

“ठीक है सर . मैं बहुत ही सेक्सी डॅन्स करूँगी ताकि आप पूरी तरह खुश होकर मेरी सज़ा को माफ़ करते रहें.” मैने भी मानो उसे चुनौती देते हुए कहा.

007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:39

उधर म्यूज़िक सिस्टम पर पहला गाना बाज़ना शुरू हुआ और इधर मेरा सेक्सी नंगा बदन भी संगीत के साथ साथ थिरकने लगा.

मेरा डॅन्स देख कर राज काफ़ी उत्तेजित सा हुआ जा रहा था.इसका अंदाज़ा मुझे इसी से हो गया कि उसने शराब की एक और बोतल खोल ली थी और उसका एक हाथ अपने पॅंट के उपर के उभार पर से हट ही नही रहा था-गाना काफ़ी फास्ट म्यूज़िक पर चल रहा था इसलिए मेरा शरीर भी की प्रोफेशनल आइटम गर्ल की तरह थिरक रहा था.अचनाक गाना और म्यूज़िक दोनो बंद हो गये और उसके साथ ही मुझे भी कुछ पल का मानो ब्रएक मिल गया

“ ठीक है. बढ़िया डॅन्स कर लेती हो तुम.अब अगला डॅन्स एक पुराने गाने पर है और इसमे बहुत आहिस्ता आहिस्ता तुमने अपने बदन तो मूव करना है.डॅन्स करते समय तुम्हारा बदन मेरे बिलकूम नज़दीक होना चाहिए ताकि मैं अगर चाहूं तो तुम्हारे खूबसूरत बदन को बीच बीच मे सहला भी सकूँ.” राज ने लंबी सी हिदायत दे डाली.

मैं जान बूझकर उसके एकदम नज़दीक आकर खड़ी हो गयी-इतने नज़दीक के मेरे सीने के उभर उसके चेहरे को लगभग स्पर्श करने लगे. उसने एक हाथ बढ़कर म्यूज़िक सिस्टम चालू कर दिया और एक बड़ा ही पुराना लेकिन पॉपुलर सॉंग बाज़ने लगा-“भीगा बदन जलने लगा……….” यह मुझे ध्यान आया कि किसी फिल्म मे ज़ीनत अमान के उपर फिल्माया गया था.

राज ने खड़े होकर शराब की एक नयी बोतल खोल ली थी और उसमे से उसने शराब को मेरे बदन पर डालते हुए मुझे शराब से भिगोना शुरू कर दिया.पूरी बोतल खाली होते होते मैं पूरी तरह शराब मे भीग चुकी थी और मेरे बदन अभी भी उस बेहद सेक्सी गाने की धुनओ पर लगातार थिरक रहा था. राज ने अब मेरे बदन को जगह जगह से चूमना, चाटना शुरू कर दिया था और मेरे लिए अपना डॅन्स जारी रखना काफ़ी मुश्किल हो रहा था.गाना ख़तम होते होते उसने लगभग मेरे पुर बदन को छत डाला.मेरा अपने उपर से कंट्रोल एकदम ख़तम हो गया लगता था क्यूंकी अमित की पुर 5 मिनिट तक लगातार की गयी चूमा चाती से मैं भी ज़रूरत से ज़्यादा उत्तेजित हो चुकी थी.

राज अब सोफे पर बैठ चुक्का था लेकिन मेरा नंगा बदन अभी भी उसकी गिरफ़्त मे था जिसे वो काफ़ी उदारता के साथ सहला-थपथपता जा रहा था. मेरी दोनो जांघों के बीच का योनि प्रदेश पूरी तरह भीगा हुआ था-राज ने कुछ देर तक वहाँ अपने हाथ को फिराया फिर अचानक बोला –“चलो सेम दीवार से सटकार खड़ी हो जाओ.नाच गाने का बाकी का प्रोग्राम बाद मे होगा.अभी मेरे लिंग को कुछ राहत की ज़रूरत है.”

राज के इस नये ऑर्डर से मानो मेरे जांघों के बीच से पानी की धारा सी बहने लगी.उसके इस नये हुक्म को सुनकर मुझे अपने स्कूल के दीनो के पनिशमेंट की याद ताज़ा हो आई .स्कूल मे भी मुझे मेरे मेथ के टीचर मोहित सर मुझे दीवार से ऐसे ही सटकार खड़े होने की सज़ा देते थे-स्कूल मे मुझे अपने हाथ भी उपर करने होते थे. मैं दीवार की तरफ मूह करके दीवार से सटकार खड़ी हो गयी और राज के कहे बिना ही मैने अपने हाथ भी उपर कर लिए.

राज मेरे पीछे आकर मुझसे सटकार खड़ा हो गया-उसका खड़ा लिंग मेरे नितंबों से टकरा रहा था-कुछ देर तक वो अपने लिंग को मेरे नितंबों पर रगड़ता रहा, फिर अचानक मुझे पकड़कर उसने मेरा मूह अपनी तरफ कर लिया-मैने देखा की उसने अपना लिंग पॅंट से बाहर निकाला हुआ था और वो पूरी तरह से तन कर एकदम लगभग 7 इंच का हो गया था.मैने अपने हाथ उपर उठाए हुए थे जिसकी वजह से मेरे सीने के उभार और भी अधिक उभर कर बाहर की तरफ आ गये थे.

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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:40

“चलो अपनी जंघें खोलो” राज ने मुझे हुक्म दिया और मैं समझ गयी की वो क्या करने जा रहा था-अपने खड़े लिंग को उसने बड़ी सरलता से मेरी योनि के अंदर घुसा दिया और मेरे मखमली बदन को अपने बदन से चिपका लिया.उसके होंठ मेरे होंठों से सॅट गये थे जिन्हे वो जी भरकर चूम रहा था.

मुझे अपने हाथ उपर किए हुए काफ़ी वक़्त हो गया था और मुझे उन्हे उपर किए रखने मे ख़ासी तकलीफ़ भी हो रही थी.यह सही तट की राज के लिए मेरा यह हाथ उपर करके खड़े रहने का व्यू बेहद एरॉटिक था-लेकिन मेरे लिए अब हाथों को उपर करके खड़े रहना लगभग नामुमकिन सा होता जा रहा था और जब हाथ काफ़ी दर्द करने लगे तो मैने अपने हाथ नीचे कर लिए.जिस समय मैने हाथ नीचे किए उस समय तो इनस्पेक्टर ने कुछ नही कहा क्यूंकी उस समय तो उस पर जबरदस्त मस्ती छाई हुई थी क्यूंकी वो मेरे बदन को मसालने मे व्यस्त था.जब उसकी उत्तेजना का बाँध टूट गया तो मैने भी कस्के उसके बदन को पकड़ लिया क्यूंकी मेरे लिए भी यह पहला ही अनुभव था.

अपनी पॅंट की ज़िप को बंद करता हुआ वो फिर सामने पड़े सोफे पर बैठ गया और मेरी तरफ देखकर गुस्से से बोला-“तुम्हारा दिमाग़ लगता है काम नही कर रहा है.तुमने मेरी इज़ाज़त के बिना अपने हाथ नीचे कैसे किए ? चलो अपने हाथ उपर उठाओ….जल्दी..”

मैने ना चाहते हुए भी अपने हाथ फिर से उपर उठा लिए-मुझे इस पोज़िशन मे देखकर उसे शायद कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा था,लेकिन फिर भी मैने उससे कहा-“ सर,मेरे हाथों मे दर्द हो रहा था इसलिए मैने हाथ नीचे कर लिए थे और मैं तो पूरी तरह सहयोग भी कर रही हूँ-आप मुझ पर ऐसे ही गुस्सा हो रहे हैं.”

इनस्पेक्टर बोला-“ जबसे मैने यह पोलीस की वर्दी पहनी है तब से अपना हर हुक्म मनवाने की मुझे आदत सी पड़ गयी है-तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़कियों को तो मैं अपने मनोरंजन का साधन समझ कर उन्हे अपना गुलाम बनाकर रखता हूँ.तुम काफ़ी को-ऑपरेटिव हो और फटाफट तुमने मेरी गुलामी कबूल कर ली वरना तो तुम्हारी भी कुछ वही हाल होता जो नेहा का हुआ……”

“नेहा कौन है सर ? “ मेरे मूह से यकायक निकला .

“नेहा को भी मेरे पास पकड़कर लाया गया था-वो नशीले ड्रग्स का धंधा करती हुई पकड़ी गयी थी लेकिन वो तुम्हारी तरह को-ऑपरेटिव नही थी.देखना चाहोगी कि मैने उसके साथ क्या किया ?” राज ने मेरी तरफ देखते हुए कहा.

“ हां सर लेकिन ………..” मुझे समझ नही आया कि क्या कहूँ.

इनस्पेक्टर शायद मेरे डाउट को समझ गया और बोला-“ मेरे पास यहाँ जो कुछ भी होता है उसकी पूरी वीडियो रेकॉर्डिंग डVड फॉर्मॅट मे हर समय तैय्यर रहती है.मैने यहाँ इस तरह से सीक्रेट कॅमरा फिट कर रखे हैं की यहाँ होने वाला हर काम पूरी तरह रेकॉर्ड होकर मेरे फ्यूचर रेफरेन्स के लिए काम आता है.जब से तुम यहाँ आई हो और मैने तुम्हारे साथ जो कुछ भी अब तक किया है उस सब की डVड बन कर तैय्यर हो चुकी है………लेकिन मैं तुम्हे नेहा वाली डVड पहले दिखाना चाहूँगा ताकि तुम्हे यह मालूम पड़े कि मेरा हुक्म ना मानने पर मैं क्या हाल करता हूँ.”


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