RajSharma stories
मुझे कुच्छ कुच्छ होता है --4
गतान्क से आगे ...........
थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद, हम दोनो ने अपने अपने कपड़े पहने और वहाँ से वापस आ गये. ड्राइवर का घर पास में ही था. उसके पास जाकर मैने उसे कार दे कर कहा कि हम लोग आज कहीं पार्टी में जा रहे हैं. मैने उसे समझा दिया कि वो घर में कह दे कि मैं एक सहेली के घर चली गयी हू. आज रात उसके घर पर ही रहूंगी. फिर मैने उसे 500 का एक नोट पकड़ा दिया. रुपये पाकर वो खुश हो गया, बोला, “मेडम जी ! आप बेफ़िक्र हो जाइए. मैं सब संभाल लूँगा. मालकिन को ऐसा समझावंगा कि वो कुछ नहीं कहेंगी आपको.”
उसके बाद हम दोनो वहाँ से निकल गये. एक जगह रुक कर शिवम ने टेलिफोन बूथ से अपने दोस्त को फोन कर दिया. उसके बाद उसने मुझे बताया कि उसका दोस्त मौजूद था और उसने कह दिया है कि वो सारा इंटेज़ाम कर देगा.
“सारे इंटेज़ाम से तुम्हारा क्या मतलब?”
“मतलब खाने पीने से है.” शिवम ने मुस्कुरा कर कहा. हम दोनो एक ऑटो के ज़रिए उसके दोस्त के बंग्लो में पहुँच गये. अच्छा ख़ासा बंग्लो था, काफ़ी अच्छी तरह सज़ा हुआ.
शिवम के दोस्त ने हम दोनो का स्वागत किया. वो भी आकर्षक लड़का था. वो शिवम से तो खुलकर बात करने लगा मगर मुझसे बात करने में झिझक रहा था. अंदर जाने के बाद मैने सिवम से कहा कि मैं अपने घर फोन करना चाहती हूँ.
उसने सहमति जताई तो मैने मम्मी को फोन करके कह दिया कि मैं आज रात नीमा के घर में हूँ और कल सुबह ही आउन्गि. मम्मी कुच्छ ख़ास विरोध नहीं कर पाई. नीमा का नाम मैने इसलिए लिया था कि उसके घर का फोन नंबर मम्मी के पास नहीं था. वो उससे फोन करके पूछ नहीं सकती थी कि मैं उसके पास
हूँ या नहीं. फिर एका एक विचार आया कि अगर मेरी डाइयरी मम्मी को मिल गयी तो उसमें फोन नंबर है. इसलिए मैने नीमा को भी इस बारे में बता देना ठीक समझा. नीमा को फोन किया तो वो पहले तो हँसने लगी फिर बोली, “लगता है शिवम के साथ मौज मस्ती करने में लगी हुई है. अकेले अकेले मज़े लेगी अपनी सहेली का कुच्छ ख़याल नहीं है तुझे.”
वो बड़ी सेक्सी लड़की थी. मैने भी हंस कर कहा, “अगर तेरा मन इतना बेताब हो रहा है चुदवाने का तो फिर तू भी आजा, वैसे भी यहाँ दो लड़के हैं. एक तो शिवम है और दूसरा उसका दोस्त. आजा तो तेरा भी काम बन जाएगा. मैं उसे तेरे लिए मना कर रखती हूँ.”
“वो मान जाएगा?”
“क्यों नहीं मानेगा यार. तेरी जैसी लड़की की चूत को देखकर कोइ भी लड़का
चोदने के लिए मना नहीं करेगा. तू है ही ऐसी कि, कोइ मना करे ये नामुमकिन है.”
“ठीक है तो फिर मैं भी घर में कोइ ना कोइ बहाना बना कर आ रही
हूँ.”
उसने फोन काट दिया. मैने उसके बारे में शिवम को बताया, तो वो अपने दोस्त को बोला ले यार अजय तेरा भी इंतज़ाम हो गया है. इसकी एक सहेली है नीमा, वो आ रही है.”
अजय के चेहरे पर निखार आ गया. बेड रूम में आ कर हम तीनो बातें करने लगे. कुच्छ देर में ही अजय से मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी. उसने बताया कि वो भी पहले एक लड़की से प्यार करता था मगर बाद में उसने धोखा दे दिया तो उसने किसी और को प्रेमिका बनाने के बारे में सोचा ही नहीं.
थोड़ी देर तक बैठे बैठे मुझे बोरियत महसूस होने लगी. शिवम ने मेरी मानो स्तिथि भाँप ली. वो अपने दोस्त से बोला, “यार अजय ! ज़रा उस तरफ देखना.” अजय दूसरी ओर देखने लगा तो शिवम ने मुझे बाहो में ले लिया और मेरी चूचियों को दबाने लगा. होंठो को भी हौले हौले किस करने लगा. तभी वहाँ नीमा आ गयी. शिवम मुझसे लिपटा हुआ था, उसे देखकर हम दोनो अलग हो गये. मैने कहा, “हम तेरी ही राह देख रहे थे, वह भी बेचैनी से.”
उसके बाद मैने उसका परिचय शिवम और अजय से करवाया. मैं देख रही थी कि अजय गहरी निगाहों से नीमा की ओर देखे जा रहा था. सॉफ ज़ाहिर हो रहा था कि नीमा उसे बहुत पसंद आ रही है.
एका एक मैं बोली, “यार, तुम दोनो ने एक दूसरे को पसंद कर लिया है तो फिर
तुम दोनो दूर दूर क्यों खड़े हो. एंजाय करो यार.” यह कहते हुए मैने नीमा को अजय की ओर धकेल दिया. अजय ने जल्दी ही उसे बाहों में ले लिया. वो दोनो झिझकें नहीं यह सोच कर मैं भी शिवम से लिपट गयी और उसके होंठो को चूमने लगी. शिवम मेरी चूची दबाने लगा तो अजय ने भी नीमा के मम्मो पर हाथ रख दिया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा. मैं नीमा की ओर देखकर मुस्कुराइ. नीमा भी मुस्कुरा दी फिर अजय के बदन से लिपट कर उसे चूमने लगी. उन दोनो की शर्म खोलने और दोनो को ज़्यादा उत्तेजित करने के इरादे से मैं शिवम के कपड़े उतारने लगी. कुच्छ देर में मैने उसके कपड़े उतार दिए और लंड को पकड़ कर सहलाने लगी तो वो भी मेरी चूचियों को बेपर्दा करने लगा.
उधर नीमा मेरी देखा देखी, अजय के कपड़े उतारने लगी. कुच्छ ही देर में उसने अजय के सारे कपड़े उतार दिए. वो तो मुझसे भी एक कदम आगे निकली और उसने झुक कर अजय का लंड दोनो हाथो में पकड़ा और सुपादे को चाटने लगी.
मैने भी उसकी देखा देखी, शिवम के लंड को मूह में ले लिया और उसे सुपादे को चूसने लगी. एक समय तो हम दोनो सहेलियाँ मस्ती से लंड मूह में लिए हुए चूस रही थी. मुझे जितना मज़ा आ रहा था उससे कहीं ज़्यादा मज़ा नीमा को अजय का लंड चूसने में आ रहा था, यह मैने उसके चेहरे को देखकर अंदाज़ा लगाया था. वो काफ़ी खुश लग रही थी. बड़े मज़े से लंड के ऊपर मूह को आगे पीछे करते हुए वो चूस रही थी.
थोड़ी देर बाद उसने लंड को मूह से निकाला और जल्दी जल्दी अपने निचले कपड़े
उतारने लगी. मुझसे नज़र टकराते ही मुस्कुरा दी. मैं भी मुस्कुराइ और मस्ती से शिवम के लंड को चूसने में लग गयी. कुच्छ देर बाद ही मैं भी नीमा की तरह शिवम के बदन से अलग हो गयी और अपने कपड़े उतारने लगी. कुछ देर बाद हम चारो के बदन पर कोइ कपड़ा नहीं था.
RajSharma stories मुझे कुच्छ कुच्छ होता है compleet
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
Re: RajSharma stories मुझे कुच्छ कुच्छ होता है
अजय नीमा की चूत को चूसने लगा तो मेरे मन में भी आया कि शिवम भी मेरी चूत को उसी तरह चूसे. क्योंकि नीमा बहुत मस्ती में लग रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे वो बिना लंड घुस्वाए ही चुदाई का मज़ा ले रही है. उसके मूह से बहुत ही कामुक सिसकारियाँ निकल रही थी. शिवम भी मेरी टाँगो के बीच में झुक कर मेरी चूत को चाटने चूसने लगा तो मेरे मूह से भी कामुक सिसकारियाँ निकालने लगी. कुच्छ देर तक चूसने के बाद ही मेरी चूत बुरी तरह गरम हो गयी. मेरी चूत में जैसे हज़ारो कीड़े रेंगने लगे. मैने जब नीमा की ओर देखा तो पाया उसका भी ऐसा ही हाल था. मेरे कहने पर शिवम ने मेरी चूत चाटना बंद कर दिया. एका एक मेरी निगाह अजय के लंड की ओर गयी, जिसे थोड़ी देर पहले नीमा चूस रही थी. लंड उसके मूह के अंदर था इसलिए मैं उसे ठीक से देख नहीं पाई थी.
अब जब मैने अच्छी तरह देखा तो मुझे अजय का लंड बहुत पसंद आया. मेरे मन में कोइ बुरा ख़याल नहीं था. ना मैं शिवम के साथ बेवफ़ाई करना चाहती थी. बस मेरा मन कर रहा था का एक बार मैं अजय का लंड मूह में लेकर चूसू. यह सोच कर मैने कहा, “यार ! क्यों ना हम चारो एक साथ मज़ा ले. जैसे ब्लू फिल्म में दिखाया जाता है.”
अब अजय और नीमा भी मेरी ओर देखने लगे. मैं बोली, “हम चारो दोस्त हैं.
इसलिए आज अगर कोइ और किसी और के साथ भी मज़ा लेता है तो बुरा नहीं
होगा. क्यों शिवम, मैं ग़लत कह रही हूँ?”
“नहीं !” वो बोला, मगर मुझे लगा कि वो मेरी बात समझ ही नहीं पाया है. नीमा ने पूछ लिया. मैने कहा, “मान ले शिवम अगर तेरी चूत चाते तो मुझे कोइ फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए. उसी प्रकार अगर मैं अजय का लंड मूह में ले लूँ तो बाकी तुम तीनो को फ़र्क नहीं पड़ेगा. मैं ठीक कह रही हूँ ना?”
मेरी बात का तीनो ने समर्थन किया. मैं जानती थी कि किसी को मेरी बात का
कोइ ऐतराज़ नहीं होगा. क्योंकि एक प्रकार से मैने सबके मन की इच्छा पूरी करने की बात कही थी. सब राज़ी हो गये तो मैने आइडिया दिया कि बिल्कुल ब्लू फिल्म की तरह से जब मर्ज़ी होगी, लड़का या लड़की डबल लेंगे.
मेरी यह बात भी सबको पसंद आ गयी. उसी समय शिवम ने नीमा को खींचकर अपने सीने से लगा लिया और उसके सीने पर कश्मीरी सेब की तरह उभरे हुए मम्मो को चूसने लगा. और मैं सीधे अजय के लंड को चूसने में लग गयी. उसके मोटे लंड का साइज़ था तो शिवम जैसा ही मगर मुझे उसका लंड को चूसने में कुच्छ ज़्यादा ही अनद आ रहा था. मैं मज़े से लंड को मूह में काफ़ी अंदर डाल कर अंदर बाहर करने लगी. उधर नीमा भी शिवम के लिंड को चूसने में लग गयी थी.
तभी अजय ने मेरे कान में कहा, “तुम्हारी चूत मुझे अपनी ओर खींच रही है. कहो तो मैं तुम्हारी चूत अपने होंठो में दबाकर चूस लूँ?”
यह उसने इतने धीमे स्वर में कहा था कि मेरे अलावा कोइ और सुन ही नहीं सकता था. मैने मुस्कुरा कर हा में सिर हिला दिया. वो मेरी जाँघो पर झुका तो मैने अपनी टाँगो को थोड़ा सा फैला कर अपनी चूत को खोल दिया. वो पहले तो मेरी चूत के छेद को जीभ से सहलाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा था. मैं उसे काट काट कर चूसने के लिए कहने वाली थी, तभी उसने ज़ोर से चूत को होंठो के बीच दबा लिया और खुद ही काट काट कर चूसने लगा. मेरे मूह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगी “आआआअहह उूुुउउम्म्म्मममममम ऊऊऊफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआज्जजज्जाआायययी ढ़ीईईररर्र्रररीईईईई ककक्कााअटततततूऊऊओ आआआअहह हहाआआऐययईईईईईईई म्म्म्ममममम बहुत माआआ ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ आआआ र्र्ररराआहहााआ हहाआाईयईईईईईई.
अब तो मैं और भी मस्त होने लगी और मेरी चूत रस से गीली होने लगी. वो
फांको को मूह में लेकर जीभ रगड़ रहा था. मैने शिवम की ओर देखा तो पाया कि वो भी नीमा की चूत को चूसने में लगा हुआ था. नीमा के मूह से इतनी ज़ोर से सीकारियाँ निकल रही थी की अगर आस पास कोइ घर होता तो उस तक आवाज़ पहुच जाती और वो जान जाते कि यहाँ क्या हो रहा है.
“ख्हाअ ज्ज्ज्जाआओाऊूऊ छ्ूऊऊसस्सूऊओ और्र्र्र्र्ररर ज़्ज़्ज़्ज़ूऊऊररर्र्र्र्ररर
सस्स्स्सीईईई सस्स्स्सााालल्ल्ल्लीीई ककककककाअटततटटटटटतत्त ल्ल्ल्ल्लीीई
म्म्म्मीईररर्रृिईईईई कचहूऊतततत्त म्म्म्ममममम हहाआआआईयईईईईईईईईई म्म्म्ममममाआज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआअ आआआ र्रर्राआाहहााअ हहाआाईयईईईईईईईई उूुुउउफफफफफफफफफ्फ़ ऊऊओह”
खैर मेरी चूत को चूस्ते हुए जब अजय ने चूत को बहुत गरम कर दिया तो मैने जल्दी से उसके कान में बोली, “अब और मत चूसो. मैं पहले ही बहुत गरम हो चुकी हूँ. तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो वरना शिवम का दिल आ जाएगा. जल्दी से एक ही झटके में घुसा दो.”
वो भी मेरी चूत में अपना लंड डालने को उतावला हो रहा था, मैने अजय के साथ चुदवाने का इसलिए मन बना लिया था ताकि मुझे एक नये तरीके का मज़ा मिल सके.
क्रमशः...............
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
Re: RajSharma stories मुझे कुच्छ कुच्छ होता है
RajSharma stories
मुझे कुच्छ कुच्छ होता है --5
गतान्क से आगे ...........
उसने लंड को चूत के छेद पर रख कर अंदर की ओर धकेलना शुरू किया तो मैं इस डर में थी कि कहीं शिवम मेरे पास आकर यह ना कह दे कि वो मुझे पहले चोदना चाहता है. मैने जब उसकी ओर देखा तो वो अब तक नीमा की चूत को ही चूस रहा था. उसका ध्यान पूरी तरह चूत चूसने की ओर ही था. मैने इस मौके का लाभ उठाने का मन बनाया और चूत की फांको को दोनो हाथो से पकड़ कर फैला दिया ताकि अजय का लंड अंदर जाने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो.
और जब उसने मेरी चूत में लंड का सुपाड़ा डाल कर ज़ोर का धक्का मारा तो मैं सीसीया उठी. उसका लंड चूत के अंदर लेने का मन एका एक कुच्छ ज़्यादा ही बेताब हो गया. मैने जल्दी से उसका लंड एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत में डालने की कोशिश करनी शुरू कर दी. एक तरह मेरी मेहनत और दूसरी तरफ उसके धक्के, उसने एकदम से तेज़ धक्का मार कर लंड चूत के अंदर आधा पहुँचा दिया. ज़्यादा मोटा ना होने के बावजूद भी मुझे उसके लंड का झटका बहुत आनंद दे गया और मैं कमर उच्छाल उच्छाल कर उसका लंड चूत की गहराई में उतरवाने के लिए उतावली हो गयी.
तभी मैने शिवम की ओर देखा. वो भी नीमा को चोदने की तय्यारि कर रहा था. उसने थूक लगा कर नीमा की चूत में लंड घुसाया तो नीमा सिसकारी लेकर बोली, “उउईईईईईई दायया कितन मॉतााआ हाआाईयईईईईईईईईई. मेरी सखी देख रही है तेरे लवर का लंड. ये तो मेरी नाज़ुक चूत को फाड़ ही देगा. ऊऊओह गोद्द्द्द्द्द्द्दद्ड सस्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईई ढीईईररररीईई
ढीईईरररीईए घुसाआआआआअऊऊऊओ. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.”
वो मेरी ओर देख कर कह रही थी. उसकी हालत देखकर मुझे हँसी आ रही थी. क्योंकि मुझे मालूम था कि वो ज़रूर आक्टिंग कर रही होगी. क्योंकि वो पहले भी कयी बार चुदवा चुकी थी. इसका सबूत ज़रा ही देर में मिल गया, जब वो सिसकारी लेते हुए शिवम को लंड जड़ तक पहुँचाने के लिए कहने लगी. शिवम ने ज़ोरदार धक्का मार कर अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक पहुँचा दिया था. इधर मेरी चूत में भी अजय के लंड के ज़ोरदार धक्के लग रहे थे. कुच्छ देर बार शिवम ने कहा, “अब हम लोग पार्ट्नर बदल ले तो कैसा रहेगा?”
वैसे तो मुझे मज़ा आ रहा था, मगर फिर भी तय्यार हो गयी. अजय ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया. मैं शिवम के पास चली गयी. उसने नीमा की चूत से लंड निकाल कर मुझे घोड़ी बनाकर मेरी पीछे से चूत में लंड पेल दिया, एक झटके में आधा लंड मेरी चूत में समा गया, इस आसान में लंड चूत में जाने से मुझे थोड़ी परेशानी हुई मगर मैं झेल गाईउधर मैने देखा कि अजय ने नीमा की चूत में लंड घुसाया और तेज़ी से धक्के मारने लगा. साथ ही उसकी चूचियों को भी मसल्ने लगा. कुच्छ ही देर बाद हमने फिर पार्ट्नर बदल लिए. अब मेरी चूत में फिर से अजय का लंड था. उधर मैने देखा कि नीमा अब शिवम की गोद में बैठ कर उच्छल रही थी, और नीचे से शिवम का मोटा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. वो सिसकारी लेकर उसकी गोद में एक प्रकार से झूला झूल रही थी. मैने अजय की ओर इशारा किया तो उसने भी हामी भर दी. मैं उसकी कमर से लिपट गयी.
दोनो टांगे मैने उसकी कमर से लप्पेट दी थी और उसके गले में बाहें डाले, मैं झूला झूलते हुए चुदवा रही थी. बहुत मस्ती भरी चुदाई थी. कुच्छ देर बाद लंड के धक्के खाते खाते मैं झड़ने लगी, मेरी चूत में संकुचन होने लगा जिससे अजय भी झड़ने लगा. उसका वीर्य रस मेरी चूत के कोने कोने में ठंडक दे रहा था, बहुत आनंद आ रहा था.
उसके बाद उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकाल लिया. उधर वो दोनो भी झाड़
झूडा कर अलग हो चुके थे. हम सबने खाने पीने का प्लान बनाया. दोनो समान मौजूद थे. मैं आम तौर पर नहीं पीती हूँ और ना ही नीमा पीती है, मगर उस दिन हम सबने विस्की पी. खा पी चूकने के बाद हम चारो फिर मस्ती करने लगे, मस्ती करते करते ही मैने फ़ैसला कर लिया था कि इस बार गांद में लंड डलवाएँगे. जब मैने अजय और शिवम को अपनी मंशा के बारे में बताया तो वो दोनो राज़ी हो गये. नीमा तो पहले से ही राज़ी थी शायद. हम सबने तेल का इन्तेजाम किया. तेल लगा कर गांद मरवाने का यह आइडिया नीमा का था. शायद वो पहले भी इस तरीके से गांद मरवा चुकी थी.
तेल आ जाने के बाद मैने शिवम के लंड को पहले मूह में लेकर चूस कर खड़ा किया और उसके बाद उसके खड़े लंड पर तेल चुपद दिया और मालिश करने लगी. उसके लंड की मालिश करके मैं उसके लंड को एकदम चिकना बना दिया था. उधर नीमा अजय के लंड को तेल से तर करने में लगी हुई थी. शिवम में लंड को पकड़ कर मैने कहा “इस बार तेल लगा हुआ है, पूरा मज़ा देना मुझे.”
“फ़िक्र मत करो मेरी जान.” वो मुस्कुरा कर बोला और उसने मेरी गांद के सुराख पर रगड़ता रहा उसके बाद एक ही धक्के में अपना आधा लंड मेरी गांद में डाल दिया. मेरे मूह से ना चाहते हुए भी सिसकारी निकलने लगी. जितनी आसानी से उसका लंड अपनी चूत में मैं डलवा लेती थी, उतनी आसानी से गांद में नहीं.
खैर जैसे ही उसने दूसरा धक्का मार कर लंड को और अंदर करना चाहा, मैं अपना काबू नहीं रख पाई और आगे की ओर गिरी ओ वो भी मेरे साथ मेरे बदन से लिपटा मेरे ऊपर गिर पड़ा. एका एक वो नीचे की ओर हो गया और मैं उसके ऊपर, दबाव से उसका सारा लंड मेरी गांद में समा गया. मैं मारे दर्द के चीखने लगी. हहाआाईयईईईईईईई फफफफफफफ़ाआद्द्द्दद्ड डीईईईईई
म्म्म्ममीईरररृिईई आआआआहह गगग्गगाआआआन्न्न्न्ँद्द्द्दद्ड कोइईई
ब्ब्ब्बाआककचहााअ ल्ल्ल्लूऊओ म्मम्मूउुज्ज्ज्झहीईई उूुउउफफफफफफफफफ्फ़
ऊऊऊओह म्म्म्मममममममममम. मैं उससे छ्छूटने के लिया हाथ पैर मारने लगी तो उसने मुझे खींच कर अपने से लिपटा लिया और तेज़ी से उच्छल उच्छल कर गांद में घुसे पड़े लंड को हरकत देना स्टार्ट कर दिया.
मुझे कुच्छ कुच्छ होता है --5
गतान्क से आगे ...........
उसने लंड को चूत के छेद पर रख कर अंदर की ओर धकेलना शुरू किया तो मैं इस डर में थी कि कहीं शिवम मेरे पास आकर यह ना कह दे कि वो मुझे पहले चोदना चाहता है. मैने जब उसकी ओर देखा तो वो अब तक नीमा की चूत को ही चूस रहा था. उसका ध्यान पूरी तरह चूत चूसने की ओर ही था. मैने इस मौके का लाभ उठाने का मन बनाया और चूत की फांको को दोनो हाथो से पकड़ कर फैला दिया ताकि अजय का लंड अंदर जाने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो.
और जब उसने मेरी चूत में लंड का सुपाड़ा डाल कर ज़ोर का धक्का मारा तो मैं सीसीया उठी. उसका लंड चूत के अंदर लेने का मन एका एक कुच्छ ज़्यादा ही बेताब हो गया. मैने जल्दी से उसका लंड एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत में डालने की कोशिश करनी शुरू कर दी. एक तरह मेरी मेहनत और दूसरी तरफ उसके धक्के, उसने एकदम से तेज़ धक्का मार कर लंड चूत के अंदर आधा पहुँचा दिया. ज़्यादा मोटा ना होने के बावजूद भी मुझे उसके लंड का झटका बहुत आनंद दे गया और मैं कमर उच्छाल उच्छाल कर उसका लंड चूत की गहराई में उतरवाने के लिए उतावली हो गयी.
तभी मैने शिवम की ओर देखा. वो भी नीमा को चोदने की तय्यारि कर रहा था. उसने थूक लगा कर नीमा की चूत में लंड घुसाया तो नीमा सिसकारी लेकर बोली, “उउईईईईईई दायया कितन मॉतााआ हाआाईयईईईईईईईईई. मेरी सखी देख रही है तेरे लवर का लंड. ये तो मेरी नाज़ुक चूत को फाड़ ही देगा. ऊऊओह गोद्द्द्द्द्द्द्दद्ड सस्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईई ढीईईररररीईई
ढीईईरररीईए घुसाआआआआअऊऊऊओ. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.”
वो मेरी ओर देख कर कह रही थी. उसकी हालत देखकर मुझे हँसी आ रही थी. क्योंकि मुझे मालूम था कि वो ज़रूर आक्टिंग कर रही होगी. क्योंकि वो पहले भी कयी बार चुदवा चुकी थी. इसका सबूत ज़रा ही देर में मिल गया, जब वो सिसकारी लेते हुए शिवम को लंड जड़ तक पहुँचाने के लिए कहने लगी. शिवम ने ज़ोरदार धक्का मार कर अपना लंड उसकी चूत की जड़ तक पहुँचा दिया था. इधर मेरी चूत में भी अजय के लंड के ज़ोरदार धक्के लग रहे थे. कुच्छ देर बार शिवम ने कहा, “अब हम लोग पार्ट्नर बदल ले तो कैसा रहेगा?”
वैसे तो मुझे मज़ा आ रहा था, मगर फिर भी तय्यार हो गयी. अजय ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया. मैं शिवम के पास चली गयी. उसने नीमा की चूत से लंड निकाल कर मुझे घोड़ी बनाकर मेरी पीछे से चूत में लंड पेल दिया, एक झटके में आधा लंड मेरी चूत में समा गया, इस आसान में लंड चूत में जाने से मुझे थोड़ी परेशानी हुई मगर मैं झेल गाईउधर मैने देखा कि अजय ने नीमा की चूत में लंड घुसाया और तेज़ी से धक्के मारने लगा. साथ ही उसकी चूचियों को भी मसल्ने लगा. कुच्छ ही देर बाद हमने फिर पार्ट्नर बदल लिए. अब मेरी चूत में फिर से अजय का लंड था. उधर मैने देखा कि नीमा अब शिवम की गोद में बैठ कर उच्छल रही थी, और नीचे से शिवम का मोटा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. वो सिसकारी लेकर उसकी गोद में एक प्रकार से झूला झूल रही थी. मैने अजय की ओर इशारा किया तो उसने भी हामी भर दी. मैं उसकी कमर से लिपट गयी.
दोनो टांगे मैने उसकी कमर से लप्पेट दी थी और उसके गले में बाहें डाले, मैं झूला झूलते हुए चुदवा रही थी. बहुत मस्ती भरी चुदाई थी. कुच्छ देर बाद लंड के धक्के खाते खाते मैं झड़ने लगी, मेरी चूत में संकुचन होने लगा जिससे अजय भी झड़ने लगा. उसका वीर्य रस मेरी चूत के कोने कोने में ठंडक दे रहा था, बहुत आनंद आ रहा था.
उसके बाद उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकाल लिया. उधर वो दोनो भी झाड़
झूडा कर अलग हो चुके थे. हम सबने खाने पीने का प्लान बनाया. दोनो समान मौजूद थे. मैं आम तौर पर नहीं पीती हूँ और ना ही नीमा पीती है, मगर उस दिन हम सबने विस्की पी. खा पी चूकने के बाद हम चारो फिर मस्ती करने लगे, मस्ती करते करते ही मैने फ़ैसला कर लिया था कि इस बार गांद में लंड डलवाएँगे. जब मैने अजय और शिवम को अपनी मंशा के बारे में बताया तो वो दोनो राज़ी हो गये. नीमा तो पहले से ही राज़ी थी शायद. हम सबने तेल का इन्तेजाम किया. तेल लगा कर गांद मरवाने का यह आइडिया नीमा का था. शायद वो पहले भी इस तरीके से गांद मरवा चुकी थी.
तेल आ जाने के बाद मैने शिवम के लंड को पहले मूह में लेकर चूस कर खड़ा किया और उसके बाद उसके खड़े लंड पर तेल चुपद दिया और मालिश करने लगी. उसके लंड की मालिश करके मैं उसके लंड को एकदम चिकना बना दिया था. उधर नीमा अजय के लंड को तेल से तर करने में लगी हुई थी. शिवम में लंड को पकड़ कर मैने कहा “इस बार तेल लगा हुआ है, पूरा मज़ा देना मुझे.”
“फ़िक्र मत करो मेरी जान.” वो मुस्कुरा कर बोला और उसने मेरी गांद के सुराख पर रगड़ता रहा उसके बाद एक ही धक्के में अपना आधा लंड मेरी गांद में डाल दिया. मेरे मूह से ना चाहते हुए भी सिसकारी निकलने लगी. जितनी आसानी से उसका लंड अपनी चूत में मैं डलवा लेती थी, उतनी आसानी से गांद में नहीं.
खैर जैसे ही उसने दूसरा धक्का मार कर लंड को और अंदर करना चाहा, मैं अपना काबू नहीं रख पाई और आगे की ओर गिरी ओ वो भी मेरे साथ मेरे बदन से लिपटा मेरे ऊपर गिर पड़ा. एका एक वो नीचे की ओर हो गया और मैं उसके ऊपर, दबाव से उसका सारा लंड मेरी गांद में समा गया. मैं मारे दर्द के चीखने लगी. हहाआाईयईईईईईईई फफफफफफफ़ाआद्द्द्दद्ड डीईईईईई
म्म्म्ममीईरररृिईई आआआआहह गगग्गगाआआआन्न्न्न्ँद्द्द्दद्ड कोइईई
ब्ब्ब्बाआककचहााअ ल्ल्ल्लूऊओ म्मम्मूउुज्ज्ज्झहीईई उूुउउफफफफफफफफफ्फ़
ऊऊऊओह म्म्म्मममममममममम. मैं उससे छ्छूटने के लिया हाथ पैर मारने लगी तो उसने मुझे खींच कर अपने से लिपटा लिया और तेज़ी से उच्छल उच्छल कर गांद में घुसे पड़े लंड को हरकत देना स्टार्ट कर दिया.