घर के रसीले आम compleet

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The Romantic
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Re: घर के रसीले आम

Unread post by The Romantic » 10 Dec 2014 13:27

गतान्क से आगे..................
कमला- हरिया ला ज़रा टार्च जला कर दिखा बेटा अंधेरे मे रोटिया जल रही है
हरिया- अच्छा मम्मी अभी लाया और फिर हरिया ने अपनी मम्मी के सामने बैठ कर टार्च मारना शुरू की और कमला रोटिया सेकने लगी, तभी हरिया की टार्च की टार्च की रोशनी सीधी कमला की जाँघो की जड़ो तक चली गई और उपर से कमला ने जैसे ही माथे का पसीना पोछने के लिए पेटिकोट उपर उठाया, हरिया की आँखे फटी की फटी ही रह गई,


कमला का बिना बालो वाला उठा हुआ भोसड़ा पूरा उसके बेटे के सामने आ गया और हरिया आँखे फाडे-फाडे अपनी मम्मी की रसीली फूली हुई चूत को देखने लगा, जब कमला रोटिया सेंकती तब हरिया टार्च उपर कर देता और जब वह बेलने लगती तब हरिया टार्च की रोशना सीधे अपनी मम्मी की चूत पर मार देता लेकिन तभी कमला की नज़र हरिया के लूँगी के नीचे चली गई जहा से हरिया की लूँगी के थोड़ा साइड से हरिया का मोटा लंड पूरी तरह तना हुआ था और हरिया के उकड़ू बैठने की वजह से उसका लंड बहुत विकराल और मोटा नज़र आ रहा था,


कमला ने जब अपने बेटे का तना हुआ लंड देखा तो उसे समझते देर नही लगी की हरिया टार्च की रोशनी उसकी चूत पर मार रहा है, कमला की चूत मे भी अपने बेटे की हरकत से पानी आ गया और उसने अपनी जाँघो को थोड़ा और इस तरह खोल दिया कि हरिया आसानी से अपनी मम्मी की चूत को देख सके,


हरिया अपनी मम्मी की चूत को देखता हुआ बीच-बीच मे नज़रे बचा कर अपने लंड की खाल को बार-बार पीछे करने की कोशिश करता और वह जब ऐसा करता तो उसका बड़ा सा सूपड़ा पूरे ताव मे आ जाता जैसे अभी अपनी मम्मी की चिकनी चूत मे घुस जाना चाहता हो, करीब 20 मिनिट तक हरिया अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को घूरता रहा, उसके बाद हरिया अपने बापू का खाना लेकर खेतो पर चला जाता है,

हरिया के जाने के बाद कमला बाहर बैठ कर सुस्ता रही थी तभी दूसरी और से चंदा आ जाती है,

चंदा-क्यो मालकिन काम ख़तम करके बैठी हो क्या
कमला- हा रे अभी सब निपटाया है, तू बता आज बड़ी खुस दिख रही है कुछ मिल गया है क्या
चंदा- कमला के पैरो के पास बैठ कर उसकी टाँगो की गोरी पिंडलियो मे हाथ फेरते हुए, मुस्कुरकर अब क्या बताऊ मालकिन आज जबसे वह काला नाग देखा है कही मन ही नही लग रहा है


कमला- हैरान होते हुए कौन सा कला नाग
चंदा- मुस्कुरकर, अरे मालकिन वही जो आपके बेटे के पास है
कमला- उसकी बात का मतलब समझते हुए, चुप कर बेशरम, तुझे शर्म नही आती तेरे बेटे की उमर का है वह
चंदा- अरे मालकिन मेरे लिए तो वह बेटे जैसे है पर आपका तो अपना बेटा है, पर जब आप उसका मोटा डंडा देख लोगि तो अपने बेटे का लंड चूसे बिना नही रह सकोगी, इतना मस्त लंड है उसका


कमला- बंद कर अपनी बकवास और कोई दूसरी बात कर
चंदा- अच्छा मालकिन हरिया भी जानता तो होगा कि उसकी मम्मी की गदराई जवानी सारे गाँव की मर्दो को पागल किए रहती है,
कमला- नही उसे कुछ पता नही है, मुझे तो कभी ऐसा नही लगा
चंदा- अच्छा मालकिन एक बात पूंच्छू सच-सच बताना आपको चंदा की कसम है

कमला- अरे मैने तुझसे कभी कुछ च्छुपाया है क्या, जब तू खुद मुझे रोज आकर बताती है कि तेरा पति तुझे किस-किस तरह चोदता है तो मे भी तो तुझे अपने साथ हुई हर बात बता देती हू,
चंदा- अच्छा तो सच बोलना, तुम तो हरिया के साथ घर मे रहती हो कभी उसका मोटा लंड देखा है कि नही


कमला- उसकी बात पर मुस्कुरकर, तू कोई और बात नही पूछ सकती थी क्या
चंदा- कमला की साडी के अंदर हाथ डाल कर उसकी फूली हुई चूत को सहलाती हुई, मालकिन सच बताओ ना
कमला- चंदा द्वारा अपनी चूत मे हाथ फेरने से गरम होने लगती है और उसकी आग भी भड़कने लगती है, आह चंदा आराम से मसल,
चंदा- बोलो ना मालकिन

कमला- हा रे मैने भी अपने बेटे का मोटा लंड देखा है,
चंदा- आश्चर्या से कब देखा है मालकिन
कमला- एक बार पहले देखा था और फिर आज तेरे जाने के बाद जब मे झोपड़ी मे गई तो हरिया सो रहा था और उसका मोटा लंड पूरी तरह तना हुआ था और उसकी लूँगी से बाहर निकला हुआ था तब मैने हरिया का मोटा लंड देख लिया

चंदा- कमला की चूत मे उंगली पेल कर उसकी चूत के दाने को सहलाते हुए, ओह मालकिन तो फिर बताओ कैसा लगा तुम्हे तुम्हारे बेटे का लंड,
कमला- तूने तो आज ही देखा है, मैने तो कई बार पहले भी उसका लंड देखा है
चंदा- वो कैसे


कमला- एक बार तो वह बाथरूम मे नहा रहा था और जब मे बाल्टी मे पानी लेकर आई तो वह पूरा नंगा होकर अपने मोटे लंड पर खूब साबुन लगा कर मसल रहा था और उसका लंड किसी डंडे की तरह खड़ा हुआ था और एक बार वह नहा कर आया और अपने कमरे का दरवाजा खोल कर अपने लंड पर खूब सरसो का तेल लगा-लगा कर मालिश कर रहा था,


चंदा- वाह मालकिन तुमने तो अपने बेटे के लंड का खूब आनंद लिया है,
कमला- पर चंदा एक बात कहु, उस दिन जब बाथरूम मे वह अपने लंड पर साबुन लगा कर मसल रहा था तो मुझे ऐसा लगा जैसे वह मुझे देख चुका है और जानबूझ कर मुझे अपना मोटा लंड दिखाने की कोशिश कर रहा है,
और तो और एक दिन जब वह अपने लंड पर खूब तेल लगा-लगा कर मालिश कर रहा था तब मे उसके कमरे मे जाते-जाते उसके लंड को देख कर एक दम से दरवाजे के पीछे हो गई और धीरे से उसके लंड की ओर झाँका,


तब भी मुझे ऐसा लगा था जैसे वह मुझे अपना मोटा लंड खूब मसल-मसल कर जान बुझ कर दिखा रहा है,

कमला की चूत मसल्ने से वह पूरी पानी-पानी हो चुकी थी और चंदा उसकी चूत मे लगातार अपनी दो उंगलिया चलाती हुई उससे बाते कर रही थी.
चंदा- एक बात कहु मालकिन, मुझे तो ऐसा लगता है जैसे हरिया तुम्हे पूरी नंगी करके चोदना चाहता है,

कमला- आह आह यह तू कैसे कह सकती है
चंदा- क्यो कि कल जब तुम नहा रही थी तब वह बाथरूम के उस छेद से तुम्हे पूरी नंगी नहाते हुए देख रहा था,

कमला- उसकी और अचरज से देखती हुई, तुझे कैसे पता
चंदा- क्यो कि मे कुछ काम से वापस आई थी और तुम्हारा दरवाजा भी खुला हुआ था, और तो और वह झोपड़ी के पीछे जब अपना लंड हिला रहा था तब भी तुम्हे ही अपने ख्यालो मे पूरी नंगी करके चोद रहा था, तभी तो उसके मुँह से आ मम्मी, आ मम्मी जैसी आवाज़े आ रही थी,

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Re: घर के रसीले आम

Unread post by The Romantic » 10 Dec 2014 13:28


कमला- यह तू क्या कह रही है चंदा,
चंदा- मे तो कहती हू मालकिन, घर मे मोटा लंड है उससे अपनी इस मस्तानी चूत को खूब कस कर ठुकवा लो तुम्हारी आग भी शांत हो जाएगी और तुम्हारे बेटे को भी अपनी मम्मी की नंगी जवानी का लुफ्त मिल जाएगा,

कमला- यह क्या कह रही है तू चंदा
चंदा- मे सच कहती हू मालकिन, अगर तुमने एक बार अपने बेटे का मोटा लंड अपनी इस मक्खन जैसी चिकनी चूत मे ले लोगि तो फिर तुम्हे किसी की ज़रूरत नही रहेगी और फिर तुम जब चाहोगी तुम्हारा बेटा तुम्हे तबीयत से चोद देगा


कमला- अरे तू पागल हो गई है, नही-नही मे ऐसा नही कर सकती
चंदा- अरे मालकिन आप तो बेकार मे डर रही है, मेरे बेटे का ऐसा मोटा लंड होता तो मे तो दिन भर उससे अपनी चूत मरवाती,

कमला- पर यह सब कैसे होगा
चंदा- अरे यह सब करने की ज़रूरत ही कहाँ है बस आज रात को उसे प्यार से अपनी गोद मे सुला कर सहलाते हुए अपने बारे मे बात शुरू कर देना वह खूब ही धीरे-धीरे तुम्हे दबोचने लगेगा,

चंदा- अच्छा मालकिन अब मे जा रही हू बहुत देर हो रही है
चंदा के जाने के बाद कमला सोचती है चंदा ठीक ही कह रही है और फिर यह तो मे भी जानती हू कि हरिया की नज़रे मेरे उपर कैसी है, चंदा क्या जाने हरिया मेरे साथ क्या-क्या कर चुका है, और हरिया भी सोचता है जैसे उसकी मा कुछ जानती नही है,

कमला बैठी-बैठी हरिया की पुरानी हर्कतो को सोचने लगती है और अपने मन मे चंदा से बाते करने लगती है आज कमला बहुत गरम हो चुकी थी उसके बदन की आग ठंडी होने का नाम ही नही ले रही थी और उसकी आँखो के सामने उसके बेटे का तगड़ा लंड नज़र आ रहा था,

कमला अपने मन मे चंदा से बात करती हुई, अरे चंदा तू क्या जाने इस पूरे गाँव मे मेरी चूत और गान्ड का सबसे बड़ा दीवाना और कोई नही बल्कि मेरा बेटा है, रात को जब मे सो जाती हू तो वह टार्च लेकर मेरे पैरो की ओर बैठ कर मेरी सदी उठा देता था और रात-रात भर मेरी चूत को झाँक-झाँक कर देखता था,

वह सोचता था मे नींद मे हू लेकिन मे जागती रहती थी और उसकी इस हरकत से मेरी चूत पूरी गीली हो जाती थी और मे जानबूझ कर अपनी दोनो जाँघो को और भी ज़्यादा फैला लेती थी ताकि मेरा बेटा अपनी मम्मी की मस्त चूत पूरी तरह देख सके,
मे जानती थी कि वह मेरी चूत और गान्ड का दीवाना है इसलिए कई बार जब वह तक लगाए अपने अंधेरे कमरे से आँगन की ओर देखता रहता था तब मे जानबूझ कर आँगन मे बैठी-बैठी अपनी चूत को साडी के उपर से खुजलने लगती थी,


तब हरिया का मुँह देखने लायक होता था, कई बार तो मे आँगन मे पूरी नंगी होकर ही घूमती थी और अपने बेटे को अपनी चूत और गान्ड खूब उठा-उठा कर दिखती हुई कपड़े पहनती थी, और मे यह भी जानती थी कि जब चंदा मेरे पैरो मे तेल लगा कर मालिश करती है तब हरिया मेरी नंगी जाँघो और चूत को देखने के लिए कितना मरता था और मे चंदा को बातो मे लगा कर जानबूझ कर अपनी पूरी चूत खोल कर दिखती थी, मैने भी कई बार हरिया को मूठ मारते हुए देखा था,


कमला अपने ख्यालो मे खोई हुई थी और जब कुछ देर बाद
हरिया वापस आता है तब उसकी मम्मी आँगन मे चटाई बिछा कर बैठ जाती है, हरिया सीधे आकर अपनी मम्मी की जाँघो मे सर रख कर लेट जाता है

कमला-आ गया बेटे
हरिया- मम्मी आज मे तुम्हारी गोद मे ही सो जाता हू और हरिया अपना मुँह अपनी मम्मी के नंगे पेट और नाभि से जैसे ही लगता है उसका लंड तन कर खड़ा हो जाता है, हरिया अपने हाथो को अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतडो पर फेरता हुआ अपने मुँह से उसके नंगे पेट को हल्के-हल्के दबाता रहता है और हरिया को ऐसा लगता है जैसे वह अपनी मम्मी की चूत को अपने मुँह से दबा रहा है.

कमला- क्या बात है आज अपनी मम्मी पर बड़ा प्यार आ रहा है
हरिया- प्यार क्यो नही आएगा, आख़िर मेरी मम्मी है जो इतनी अच्छी, लेकिन मुझे तुम्हारी एक बात अच्छी नही लगती,
कमला- उसके सर पर हाथ फेरती हुई, वह भला क्या

हरिया- यही कि तुम यह जो अपनी साडी घर के बाहर जब जाती हो तब भी इतनी नीचे तक बाँधती हो, घर मे तो फिर भी ठीक है पर बाहर जब जाती हो तो मुझे अच्छा नही लगता है,
कमला- मुस्कुराते हुए, इसमे बुराई क्या है बेटे, मे तो शुरू से ही साडी को अपनी नाभि से बहुत नीचे तक बाँधती हू,

हरिया- मम्मी घर पर जब रहती हो तो इस तरह से कोई दिक्कत नही होती है लेकिन जब तुम बाहर जाती हो तो लोग तुम्हे गंदी नज़रो से देखते है,
कमला- लगता है तुझसे किसी ने मेरे बारे मे कुछ कहा है क्या,
हरिया-नही मम्मी ऐसा नही है

कमला- तो फिर मे सब को तो अच्छी लगती हू इस तरह साडी बाँधने पर तो क्या तुझे अच्छी नही लगती हू,
हरिया- नही मम्मी मुझे तो आप बहुत अच्छी लगती हो पर सिर्फ़ घर मे ही ऐसे रहा करो ना,

कमला- क्यो घर मे भी क्यो रहू, जब मे दूसरे लोगो को नही दिखाउन्गि तो अपने बेटे को क्यो दिखाऊ
हरिया- मम्मी मे तो तुम्हारा बेटा हू मेरे सामने ऐसे रहने मे क्या दिक्कत है

कमला- मुस्कुरकर उसके गाल खिचती हुई, क्यो मे तेरी मम्मी हू तो क्या तेरे सामने नंगी हो जाउ,
हरिया- अरे मम्मी तुम्हे वही तो समझाना चाहता हू, तुम ऐसी हालत मे आधी नंगी ही नज़र आती हो और फिर लोग तुम्हारे बारे मे ग़लत बाते करते है,

कमला- मुझे मालूम था कि तुझसे किसी ने कुछ कहा है या फिर तूने किसी को मेरे बारे मे बाते करते हुए सुना है
हरिया- उठ कर बैठ जाता है और, अब मम्मी तुम्हे क्या बताऊ बस जाने भी दो,

कमला- उसे अपने सीने से चिपकते हुए, अच्छा बाबा कल से मे तेरे सामने ऐसे ही रहूंगी और बाहर जाउन्गि तो अपनी नाभि छुपा लूँगी, पर अब बता भी दे क्या सुना है तूने,

हरिया- अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुचियाँ पर अपना मुँह दबाते हुए, रहने दो मम्मी तुम्हे अच्छा नही लगेगा,
कमला- उसे अपने पास लिटा लेती है और बगल मे खुद लेट जाती है और फिर उसके गालो को सहलाते हुए उसके चेहरे को पकड़ कर अपने सीने से दबाते हुए, अच्छा तो तू नही बताएगा अपनी मम्मी से भी भला कोई कुछ छुपाता है क्या, चल अब बता भी दे,

हरिया- अच्छा तुम कहती हो तो बता देता हू पर तुम गुस्सा तो नही हो जाओगी
कमला- अरे जब वह बात किसी और ने की है तो मे तुझ पर गुस्सा क्यो हो जाउन्गि
हरिया- अभी जब मे बापू का खाना दे कर लौट रहा था तब दीनू काका और उसके साथ और कोई भी आम के बगीचे के नीचे बैठे थे अंधेरा होने की वजह से मे उन्हे और वह मुझे देख नही पाए बस मैने दीनू काका की आवाज़ सुनी थी ,
क्रमशः......................


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Re: घर के रसीले आम

Unread post by The Romantic » 10 Dec 2014 13:28

गतान्क से आगे..................
कमला- क्या कह रहा था दीनू
हरिया- अपनी मम्मी के नंगे पेट और उसकी गहरी नाभि को सहलाते हुए, मम्मी वह कह रहे थे कि यार कमला भाभी का उठा हुआ पेट देख कर उनका लंड खड़ा हो जाता है,

कमला-हरिया की पीठ सहलाती हुई, और क्या कह रहा था वह
हरिया- अपनी मम्मी की मोटी जाँघो पर अपना एक पाँव लगा कर उसके गदराए पेट पर हाथ फेरता हुआ, मम्मी मैने जब उनकी यह बात सुनी तो मे वही रुक गया और फिर उन्होने तुम्हारे बारे मे बहुत गंदी-गंदी बाते की,
कमला की चूत अपने बेटे की बाते सुन कर खूब फूल चुकी थी और हरिया का मोटा लंड भी पूरी तरह तना हुआ था,

कमला- और क्या बाते की उन दोनो ने पूरी बात बता
हरिया- मम्मी मुझे शरम आती है
कमला- अरे अपनी मम्मी से भी कोई शरमाता है क्या, सब बेटे अपनी मम्मी से हर तरह की बात बता देते है चल बोल और क्या बात की उन दोनो ने
हरिया- मम्मी दीनू काका कह रहे थे कि कमला के भारी-भारी चूतड़ उन्हे बहुत अच्छे लगते है, वह तुम्हारे चुतडो को खूब नंगा करके चोदना चाहते है,
और फिर हरिया अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो को धीरे-धीरे दबाने लगता है,

कमला- और क्या कहा दीनू ने
हरिया- मम्मी वह कह रहे थे कि उन्हे तुम्हारा पूरा बदन बहुत अच्छा लगता है और वह तुम्हे अपनी गोदी मे अपने लंड के उपर बैठा कर तुम्हारे होंठो को खूब चूसना चाहते है, और कह रहे थे कि तुम एक बार मिल जाओ तो वह तुम्हे पूरी रात नंगी करके चोदना चाहते है,

कमला- तुझे बुरा नही लगा उनकी इस तरह की बातो से
हरिया- बुरा तो लगा पर मे क्या करता, जब तक वह बाते करते रहे मे वही खड़ा सुनता रहा और फिर जब वह दूसरी बात करने लगे तो मे वाहा से चुपचाप चला आया,

कमला- कितना गंदा आदमी है ये दीनू,
हरिया- अरे मम्मी सिर्फ़ दीनू को ही क्यो कोस्ती हो मुझे तो लगता है पूरा गाँव तुम्हारे बारे मे ऐसी ही बात करता होगा,

कमला-अच्छा पहले तू मेरे पास लेट जा और फिर मुझे पूरी बात अच्छे से बता कौन मुझे पूरी नंगी देखना चाहते है
हरिया- मा मैने तो सुना है गाँव के सभी लोग तुम्हे नंगी देखना चाहते है

कमला- क्या तेरा मन नही करता मुझे नंगी देखने का
कमला की बात सुन कर हरिया उससे एक दम से सॅट जाता है,
कमला- अच्छा यह बता तुझसे सबसे ज़्यादा मेरे बारे मे कौन बात करता है

हरिया- मम्मी वो जीतू है ना वही जब देखो मुझसे तुम्हारी बात करता है,
कमला- अच्छा तू बैठ कर मेरे पेर दबाते हुए बता क्या-क्या कहता है वह जीतू
हरिया-अपनी मा की मोटी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर, मा वह हमेशा मुझसे कहता है कि तेरी मा के चूतड़ बहुत मोटे-मोटे है, वह मुझसे कहता है कि तेरी मा की मोटी गान्ड अगर चाटने को मिल जाए तो सारी रात चाटता रहू

कमला- सीस्यते हुए, तो तुझे बुरा लगता था क्या
हरिया- हा मुझे बुरा तो लगता था लेकिन कभी-कभी अच्छा भी लगता था
कमला- तो क्या तू भी यही चाहता है कि तुझसे कोई तेरी मा के बारे मे बात करे
हरिया- मा मुझे पता नही क्यो यह सब अच्छा लगने लगा है

कमला- तो क्या तू भी मेरे बारे मे ऐसा ही सोचता है
हरिया- का हाथ एक दम से अपनी मम्मी के चुतडो पर रुक जाता है, नही मम्मी मे आपके बारे मे ऐसा क्यो सोचूँगा

कमला- तो सारा गाँव मेरे बारे मे ऐसा क्यो सोचता है
हरिया- अब मम्मी तुम इतनी अच्छी लगती हो इसलिए
कमला- तो तुझे मे अच्छी नही लगती हू
हरिया- अपनी मम्मी का चेहरा अपने दोनो हाथो मे भर कर, नही मम्मी मुझे तो तुम सबसे अच्छी लगती हो और सबसे सुंदर तुम्हारा यह चेहरा है जिसे मे दिन रात चूमना चाहता हू

कमला-मुस्कुरकर, क्या सच मच तुझे मेरा चेहरा इतना अच्छा लगता है,
हरिया- हा मम्मी तुम्हारा चेहरा बहुत खूबसूरत है
कमला- और तेरा दिल करता होगा कि तू मुझे खूब चूम ले
हरिया- हा मम्मी, और फिर हरिया अपनी मम्मी का चेहरा चूमते हुए उसके रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर लेता है,

कमला- उसे अपने से पूरी तरह चिपका लेती है, अच्छा बेटा वो दीनू मेरे चुतडो के बारे मे क्या कह रहा था
हरिया का लंड अपनी मम्मी के पेट से चिपका हुआ था और दोनो करवट लेकर एक दूसरे को सहला रहे थे, हरिया अपने मम्मी की बात सुन कर उसके मोटे चुतडो को अपने हाथो मे दबाते हुए, मम्मी दीनू काका कह रहे थे उन्हे तुम्हारे भारी भरकम उठे हुए चूतड़ बहुत अच्छे लगते है,

कमला- और तुझे मेरे मोटी चूतड़ कैसे लगते है?
हरिया- अपनी मम्मी की गदराई गान्ड को अपने हाथो मे भरकर दबोचते हुए, ओह मम्मी मुझे दुनिया मे सबसे अच्छी गान्ड अपनी मम्मी की ही लगती है,
कमला- क्या मन करता है तेरा मेरे चुतडो को देख कर

हरिया- मम्मी मेरा मन करता है कि मे तुम्हारे दोनो चुतडो के पाटो को फैला कर तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाट लू,
दोनो वासना के नशे मे डूब चुके थे और एक दूसरे के जिस्म को बुरी तरह मसल रहे थे

कमला- कैसे चाटने का मन होता है बेटा
हरिया- मम्मी तुम्हे घोड़ी बना कर तुम्हारी गान्ड चाटने का मन बहुत करता है,
कमला- तो क्या तू अपनी मम्मी की गान्ड चतेगा
हरिया- क्यो नही मम्मी, एक बार बस तुम अपनी गुलाबी गान्ड अपने बेटे से चटवा लो

कमला- और उसके बदले मे अपनी मम्मी को क्या चाताएगा
हरिया का अपनी मम्मी के मुँह से इतना सुनना था कि उसने अपनी मम्मी का हाथ पकड़ कर सीधे अपने मोटे लंड पर रख दिया, अपने बेटे का लोहे जैसा सख़्त और गरम लंड का एहसास पाते ही कमला पागल हो उठी और अपने बेटे के मोटे लंड को अपने हाथो मे भर-भर कर खूब कस-कस कर दबोचने लगी,

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