में अम्मी और मेरी बहिन

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The Romantic
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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 15:38

में अम्मी और मेरी बहिन-7

मुझे नींद आ गई और में नंगा ही अम्मी के बेड पर सो गया,
करीब दो घंटे बाद अम्मी ने मुझे उठाया और बोली= साहिल निचे चल न नजमा आ गयी है,
हम दोनों कपडे पहन कर निचे आये, नजमा हाल में बेठी थी,
उसकी शक्ल थोड़ी उतरी हुई लग रही थी,
मैंने अम्मी को धीरे से कहा तो अम्मी ने नजमा से पूछा की क्या हुआ,
नजमा ने कहा की कुछ नहीं हुआ अम्मी बस में थक गयी हूँ और कुछ देर सोना चाहती हूँ,
यह कहकर नजमा अपने रूम में चली गई...
नजमा की चल में भी कुछ लंगडाहट सी थी,
अम्मी ने मेरी तरफ देखा और मैंने अम्मी की तरफ देखा,
नजमा के जाने के बाद अम्मी बोली= साहिल आज नजमा की हालत कुछ ठीक नहीं लग रही है ना,,
में = हाँ अम्मी मुझे शक है की नजमा आज किसी से चुद्वाकर आ रही है,
अम्मी = हाँ बेटा मुझे भी ऐसा ही लग रहा है ओर्र उसकी चाल भी एसी ही लग रही है,
लगता है की सलीम ने ही उसको चोदा है, मैंने एक दिन सलीम को नजमा की किस्सी लेते भी देखा था बेटा.
मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था सलीम के उपर दिल में आ रहा था की अभी सलीम की अम्मी को चोद दू पर
में मजबूर था.
=
तभी अम्मी खड़ी होकर नजमा के रूम की तरफ गयी.
मेरा मन उदास था की मेरी बहिन आज जरुर ही चुद कर आई है,
मन ही मन में नजमा को चोदना चाहता था,मेरे मन में नजमा की मस्त गांड की तस्वीर नाच रही थी.
काश नजमा एक बार मेरा लंड अपनी गोल मटोल गान में ले ले ..
ये सोच कर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया,
में अपनी सगी बहिन को ही चोदने की सोच रहा था.
=
तभी अम्मी नजमा के रूम से बहार आई,
मैंने अम्मी से पुछा की क्या हुआ है नजमा को,
तो अम्मी ने कहा = कुछ नहीं हुआ है यार उसके पीरियड चालू हो गए है और नजमा पेड लगाना भूल गयी थी,
मैंने मन ही मन चेन की सांस ली,की मेरी बहिन अभी चूदी नहीं है ..
तभी अम्मी बोली = बहिन की चूत की बहुत फिक्र है तेरे को साहिल.
में बोला = अम्मी मेरी बहिन की चूत कोई ऐसे ही मार ले मुझे ये बिलकुल भी पसंद नहीं है,
अम्मी = तो कोई केसे मारे तेरी बहिन की चूत को ..(अम्मी ने मेरे लंड को फिर पकड लिया कपड़ो के उपर से)
उन्हों ने अपने होंठ मेरे
होंठों पर रख दिए. मेरे होंठ थोडा खुले और उनकी जीभ को
अंदर जाने का रास्ता दे दिया. कई मिनिट्स हम इसी तरह एक दूसरे को
चूमते रहे.वो तब मेरी गर्दन पर हल्के हल्के से अपने दाँत गढ़ा रही थे.
मेरे कानो की एक लौ अपने मुँह मे लेकर चूसने लगी . मेरी ज़ुबान तालू से चिपक गयी. और मुँह सूखने लगा.
"आआहह" मेरे मुँह से ना चाहते हुए भी एक आवाज़ निकल गयी.
मैं अपने हाथों से उसके सिर को अपनी योनि पर दाब
दिया. मेर्री जीभ अब अम्मी की योनि के अंदर घुस कर अम्मी को पागल करने लगा.
मैं अम्मी के बालों को खींच रहा थी तो कभी
अपनी उंगलियों से अम्मी के निपल्स को ज़ोर ज़ोर से मसलता . अपने जबड़े को
सख्ती से मैने भींच रखा था जिससे किसी तरह की कोई आवाज़ मुँह
से ना निकल जाए. लेकिन फिर भी काफ़ी कोशिशों के बाद भे हल्की दबी
दबी कराह मुँह से निकल ही जाती थी. अम्मी ने मेरे उपर झुकते हुए
फुसफुसते हुए कहा=आअहह…..ये क्या कर दिया तुम ने…… मैं पागल हो जाउंगी बेटा ……….
प्लीईईससस्स और बर्दस्त नही हो रहा है. अब आआ जाऊ"
तो तड़पने लगी और बोली- मेरे प्यारे बेटे,
क्यूँ तड़पा रहा है अपनी अम्मी को ,फाड़ डाल न जल्दी से अपनी अम्मी की चूत ….!
मार दे ……..उईईइ ……मा ईईइ मर गई रे……मेरा लंड तनने लगा था,
अम्मी की कमर पकड़ कर मैने उसे खींच लिया. वो मुझ से लिपट गयी उस की चुचियाँ मेरे सीने से दब गयी,
मेरा लंड उसके पेट के बीच में फ़स गया. उस का कोमल बदन बाहों में लेना मुझे बहुत मीठा लगा.
मेरे होटों पर हलका सा चुंबन कर के मेरी बाहों से छूट कर वो भाग गयी मैं सोचता रह गया,
इसे कहते है खड़े लंड पर डंडा ....

फिर में अपना लंड अपने हाथ में लेकर अपने रूम में आ गया, आज भाईजान आने वाले थे,
मुझे लगा की आज अम्मी भाईजान का लंड अपनी चूत में लेगी शायद....
ये सोच कर मेरा लंड फिर से अंगड़ाई लेने लगा तभी मुझे नजमा का ख्याल आया.
मेरा लण्ड तो आज किसी अड़ियल टट्टू की तरह खड़ा था,
लंड के अंदर लावा कुलबुला रहा था मुझे लगा अगर उसे जल्दी ही नहीं निकाला गया तो मेरी नसें ही फट पड़ेंगी.
अम्मी तो गांड दिखाकर चली गयी थी, मेरा 7 इंच का लण्ड कुतुबमीनार की तरह खड़ा था,
अब में किसी चूत या गांड की जरुरत महसूस कर रहा था,तभी बहार डोरबेल बजी लगता है की भाई जान आये थे,
मैंने बाहर जाकर देखा तो भाईजान ही थे उनके हाथ में एक पेकेट था, उन्होंने भी मेरी तरफ देखा और बोले=अभी सोया नहीं है छोटे,
में = नींद नहीं आ रही है भाईजान,
भाईजान = चल उपर चलते है अम्मी के पास..
मैंने मना कर दिया तो वो उपर अम्मी के पास चाले गए,
मेरे ख्यालो में नजमा ही नजमा थी और में आज उसकी चूत को चोदना चाहता था,
भाईजान के उपर जाने के दस मिनिट बाद में नजमा के रूम की तरफ गया.
रूम को खोला तो वो खुल गया लगता था की नजमा नें अंदर से लॉक नहीं किया था,
मैंने धीरे से रूम खोला और अंदर गया,
अंदर अँधेरा था और बेड पर से लाइट दिख रही थी लगता था की नजमा बेड पर लेपटोप पर कुछ कर रही थी,
बेड पर नजमा कुछ ऐसे लेती थी की दरवाजे की तरफ उसकी टंगे थी,
वो बेड पर उलटी लेती हुई थी,और लेपटोप पर .....
अल्लाह उफ्फ्फ मेरी छोटी बहिन अपने लेपटोप पर एक xxx फिल्म देख रही थी,
वो भी कालिए की नजमा ने अपने कानो पर EARफोन लगा रखा था और पुरे गोर से फिल्म देख रही थी,
बिच बीच में वो अपनी चूत भी रगड़ रही थी अपने हाथ से,
उसने पतली सी नाइटी पहन रखी थी और अन्दर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी मुझे ऐसा लगा,
फिल्म में एक गोरी लड़की जो देखने में बिल्कुल नजमा के जेसी ही थी,
उस लड़की की गांड वो कालिया मार रहा था और उसका लंड अल्लाह करीब 10 इंच का था,
कालिया पुरे जोश में था और उस लड़की की गांड में दे दनादन कर रहा था,
लड़की भी उसे पूरा साथ दे रही थी और उचक उचक कर अपनी गांड मरवा रही थी,
तभी नजमा ने अपनी नाइटी उपर की तरफ खिंची मेरा ख्याल सही था,
नजमा ने निचे कुछ नहीं पहना था अब मुझे अँधेरे मी कुछ कुछ दिखने लगा था,
नजमा ने अपना हाथ अपनी चूत से हटाकर अपनी गांड सहलाने लगी थी,
अब नजमा हलकी हलकी सिसकिय भर रही थी,और अपनी गांड के छेद को कुरेद रही थी,
मुझसे अब रहा नहीं गया और मेंने जल्दी से रूम की लाइट जला दी, जेसे बम्ब फटा हो नजमा उछल कर बेड से खड़ी हुई,
सामने मुझे देखा ...
उसकी नाइटी अब भी उपर ही थी मुझे उसकी चूत की झलक मिली ..
अल्लाह क्या चूत थी मेरी सगी बहिन की एक भी बाल नहीं और लाल चूत कोरी कोरी चूत ,,,
नजमा अवाक् थी .. फिर में बोला = नजमा ये सब क्या है में अभी भाई और अम्मी को बुलाता हूँ ,,
नजमा ने मेरे पैर पकड़ लिए और बोली = नहीं भाईजान प्लीज़ नहीं ...
उसकी आँखों में आंसू आ गए, उसने ऊपर चेहरा करके उनसे कहा : नहीं भेजना ..ऐसा मत करना...
आज के बाद ऐसा नहीं होगा...मुझे माफ़ कर दीजिये...!
में = तुम ये सब कर रही हो लगता है की जवानी कुछ ज्यादा ही चढ़ गयी है तुम पर जरुर लडको से भी चुद्वाती हो बाहर जाकर ,,
नजमा = नहीं भाईजान अम्मी की कसम किसी को अपनी चूत पर हाथ भी लगाने नहीं दिया है आज तक...
में = ये में केसे मानु बहिन तेरी इस हरकत से लगता है की तुम लंड ले चुकी हो अपनी चूत और गांड में ...
नजमा = नहीं भाईजान नहीं ...
में = और लेपटोप पर ये सब देखती है ये गन्दी गन्दी फिल्मे वो भी शादी से पहले ही..और अपनी चूत में अंगुली भी डालती हो..
नजमा = मुझे माफ़ करदो भाईजान में आपको अपनी सहेली से सेटिंग करवा दूंगी बस आप किसी को या सब मत बताना..
नजमा रोने लगी थी , में भी नाटक ही कर रहा था आखिर मुझे नजमा को चोदना जो था.
में नजमा की कंधो से पकड कर खड़ा किया और उसका सर चूम लिया और बोला =नजमा'
मेरी बहिन में किसी को कुछ नहीं बताऊंगा बस तुम मुझे अपनी गांड इसी तरह से मारने दो एक बार सिर्फ..
मैंने लेपटोप की और इशारा किया..
नजमा को मैंने हलके से अपनी तरफ खिंचा में लंड अब नजमा की चूत से रगड कहा रहा था..
वो मेरी और देख रही थी,फिर उसने अपना सर झुका लिया और बोली= भाईजान आप क्या कह रहे हो,
आप तो मेरे सगे भाई हो, ये नाजायज होगा भाईजान...
मैंने उसकी गांड सहलानी शुरू की और बोला=तुम तो नेट पर ये सब देख रही ओ ना मेरी बहना,
सेक्स में कुछ भी नाजायज नहीं होता है और देखो न मेरा लंड केसे खड़ा है,
क्या तुम्हारा फर्ज नहीं है की अपने भाई की मदद करो और इस लंड को बेठादो इसका रस निचोड़ दो ..
और मैंने अपना लंड बरमुडे से निकल कर नजमा के सामने लहराया,
उसकी आँखों में भी लाल डोरे तैरने लगे, वो बोली=पर भाईजान अगर भाई या अम्मी को पता लगा तो ..
में = वो सब मुझ पर छोड़ दो मेरी बहना और मैंने नजमा की मस्त चुन्चिया पकड़ ली ,,
चुन्चिया को जोर से दबाया तो नजमा चीखी =अह्ह्हह्ह्ह्ह ...... ओह्ह्हह्ह या......म्मम्म...भाई प्लीज़ धीरे से ..
क्या शेप थी उसकी...उसकी भरपूर जवानी को बिना ब्रा और पेंटी में देखकर मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था .
वो पहले ही फिल्म देख कर गर्म हो चुकी थी,मैंने उसको लिप किस कर लिया,
बहिन मन ही मन सोच रही थी की अपने ही सगे भाई के साथ कोई कैसे लिप किस कर सकता है...
पर उसकी भी उत्तेजना बढती जा रही थी..
नजमा=पर भाई में अपनी चूत नहीं दूंगी आपको ...बस गांड मर लो वो भी एक बार पर किसी को बताना मत,
में मन ही मन बहुत ही खुश था ..मैंने हामी भर ली ..
फिर मैंने देर ना करते हुए अपनी बहिन को अपनी बांहों में उठाया और बेड की तरफ ले गया.
मेरी पीठ उसकी छाती से जा टकराई और उसने आगे हाथ करके मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए,
और बोली = भाई मेरे बूब मत दबाना प्लीज़ ..दर्द होता है भाई जान ..
में मान गया ,मैंने उसे घुमा कर अपनी तरफ मुंह कर लिया और उसे चूमने लगा...
मेरे होंठ उसके मुंह में जाकर ज्यादा ही सोफ्ट हो गए थे..और पानी भी ज्यादा निकल रहा था मेरे मुंह से अब...
मेंने अपना बरमूडा खोल कर वही फेंक दिया और एक झटके से नजमा का हाथ पकड़ कर अपने दनदनाते हुए लंड के ऊपर रख दिया...
उसने उसे आगे पीछे करना शुरू किया और में उसके सर के बाल सहलाने लगा...
हम दोनों एक दुसरे को चूमने चाटने में इतने मशगूल हो चुके थे की हमें याद ही नहीं रहा की रूम अब भी खुला है ..
तभी नजमा को ये ख्याल आया और उसने भाग कर दरवाजा लॉक किया ,
मैंने tab तक लेपटोप पर एक फिल्म लगा दी थी ... मस्त गांड मरने की फिल्म थी ..
वो चल कर बेड पर आ गयी मैंने उसको बांहों में भरा और चूमने लगा...
वाह...क्या एकसास था..
मेरा दिल जोर-२ से धड़कने लगा...इतना रोमांच मैंने आज तक महसूस नहीं किया था...
पहले चुम्बन का...
उसके मोटे होंठ इतने सोफ्ट थे की उन्हें चबाने में काफी मजा आ रहा था...
और फिर उसकी तरफ से भी कार्यवाही होनी शुरू हो गयी...
वो भी मेरा साथ दे रही थी पर थोड़ी झिझक भी रही थी .
वो भी फिल्म देखने लगी थी, मैंने उसे नंगा कर दिया ,
में झुका और उसके खड़े हुए निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा.
फिर में उसके मुम्मो को चूसते हुए उसने एक हाथ नीचे लेजाकर उसकी चूत के ऊपर रख दिया.वो सिसक पड़ी
उसने अपनी चूत पर अपना हाथ रख लिया,पर में आज चूत नहीं गांड ही मरने के मुड में था,
इतने में मेरी अंगुली उसकी गाण्ड के खुलते बंद होते छेद से जा टकराई, उसकी गाण्ड का छेद तो पहले से ही गीला और चिकना हो रहा था,
मैंने पहले तो अपनी अंगुली उस छेद पर फिराई और फिर उसे उसकी गाण्ड में डाल दी, वो तो चीख ही पड़ी,
(इसे तो जन्नत का दूसरा दरवाज़ा कहते हैं। इसमें जो आनंद मिलता है दुनिया की किसी दूसरी क्रिया में नहीं मिलता)
वो मेरे लण्ड को हाथ में पकड़े घूरे जा रही थी मैं उसके मन की हालत जानता था,
कोई भी लड़की पहली बार चुदवाने और गाण्ड मरवाने के लिए इतना जल्दी अपने आप को मानसिक रूप से तैयार नहीं कर पाती,
पर मेरा अनुमान था वो थोड़ी ना नुकर के बाद मान जायेगी,
नजमा = पर मैंने तो सुना है इसमें बहुत दर्द होता है ?
में = तुमने किस से सुना है ?
नजमा = वो .. मेरी एक सहेली है .. वो बता रही थी कि जब भी उसका बॉयफ्रेंड उसकी गाण्ड मारता है तो उसे बड़ा दर्द होता है,
में =अरे मेरी बहना तुम खुद ही सोचो अगर ऐसा होता तो वो बार बार उसे अपनी गाण्ड क्यों मारने देती है.. ?
नजमा =हाँ यह बात तो तुमने सही कही !
फिर मैंने उसके हाथ को पकड़ा और उसे अपने लंड के ऊपर रख दिया,
बस अब तो मेरी सारी बाधाएं अपने आप दूर हो गई थी, गाण्ड मारने का रास्ता निष्कंटक (साफ़) हो गया था,
मैंने झट से उसे अपनी बाहों में दबोच लिया। वो तो उईईईईईई …. करती ही रह गई।
नजमा = भाईजान मुझे डर लग रहा है ….। प्लीज धीरे धीरे करना !
में = अरे मेरी बुलबुल मेरी जान तू बिल्कुल चिंता मत कर .. यह गाण्ड चुदाई तो तुम्हें जिन्दगी भर याद रहेगी !
वह पेट के बल लेट गई और उसने अपने नितम्ब फिर से ऊपर उठा दिए,
मैंने उसके ड्रेसिंग टेबल पर पड़ी पड़ी क्रीम की डब्बी उठाई और ढेर सारी क्रीम उसकी गाण्ड के छेद पर लगा दी,
फिर धीरे से एक अंगुली उसकी गाण्ड के छेद में डालकर अन्दर-बाहर करने लगा,
रोमांच और डर के मारे उसने अपनी गाण्ड को अन्दर भींच सा लिया,
मैंने उसे समझाया कि वो इसे बिल्कुल ढीला छोड़ दे, मैं आराम से करूँगा बिल्कुल दर्द नहीं होने दूंगा.
पहाले तो मैंने सोचा था कि थूक से ही काम चला लूं पर फिर मुझे ख्याल आया कि गाण्ड एक दम कुंवारी और झकास है,
कहीं इसे दर्द हुआ और इसने गाण्ड मरवाने से मना कर दिया तो मेरी दिली तमन्ना तो चूर चूर ही हो जायेगी, मैं कतई ऐसा नहीं चाहता था.
फिर मैंने उसे अपने दोनों हाथों से अपने नितम्बों को चौड़ा करने को कहा,
उसने मेरे बताये अनुसार अपने नितम्बों को थोड़ा सा ऊपर उठाया और फिर दोनों हाथों को पीछे करते हुए नितम्बों की खाई को चौड़ा कर दिया,
भूरे रंग का छोटा सा छेद तो जैसे थिरक ही रहा था,,
मैंने एक हाथ में अपना लण्ड पकड़ा और उस छेद पर रगड़ने लगा,
फिर उसे ठीक से छेद पर टिका दिया,
अब मैंने उसकी कमर पकड़ी और आगे की ओर दबाव बनाया, वो थोड़ा सा कसमसाई पर मैंने उसकी कमर को कस कर पकड़े रखा।
अब उसका छेद चौड़ा होने लगा था और मैंने महसूस किया मेरा सुपारा अन्दर सरकने लगा है.
उसके मुंह से एक लम्बी आह निकल गयी.
नजमा =आआआआअह्ह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ़........ ऊईई .. भाई … बस … ओह … रुको … आह … ईईईईइ ….!
अब रुकने का क्या काम था मैंने एक धक्का लगा दिया.
इसके साथ ही गच्च की आवाज के साथ आधा लण्ड गाण्ड के अन्दर समां गया,
जैसे-२ मेरा लंड अन्दर जा रहा था, उसकी आँखे चोडी होती जा रही थी...
उसके साथ ही नजमा चीख उठी =ओह … भाई जान निकालो बाहर .. आआआआआआआ ………?
में = बस मेरी बहन बस अब ज्यादा नहीं है ..
नजमा = भाईजान . .. मेरी गाण्ड फ़ट रही है !
मैं जल्दी उसके ऊपर आ गया और उसे अपनी बाहों में कस लिया,
वो कसमसाने लगी थी और मेरी पकड़ से छूट जाना चाहती थी,
मैं जानता था थोड़ी देर उसे दर्द जरुर होगा पर बाद में सब ठीक हो जाएगा,
मैंने उसकी पीठ और गले को चूमते हुए उसे समझाया=बस… बस…. मेरी बहिन …. जो होना था हो गया !
नजमा = भाई बहुत दर्द हो रहा है .. ओह … मुझे तो लग रहा है यह फट गई है,
प्लीज बाहर निकाल लो नहीं तो मेरी जान निकल जायेगी आया ……ईईईई … !
मैं उसे बातों में उलझाए रखना चाहता था, ताकि उसका दर्द कुछ कम हो जाए और मेरा लण्ड अन्दर जाये ,
कहीं ऐसा ना हो कि वो बीच में ही मेरा काम खराब कर दे और मैं फिर से कच्चा भुन्ना रह जाऊं,
तुम बहुत खूबसूरत हो .. पूरी पटाका हो बहिन .. मैंने आज तक तुम्हारे जैसी फिगर वाली लड़की नहीं देखी..
सच कहता हूँ तुम जिससे भी शादी करोगी पता नहीं वो कितना किस्मत वाला बन्दा होगा।”
“हुंह.. बस झूठी तारीफ रहने दो भाई .. झूठे कहीं के..?
मैंने उसके गले पीठ और कानों को चूम लिया, उसने अपनी गाण्ड के छल्ले का संकोचन किया तो मेरा लण्ड तो गाण्ड के अन्दर ही ठुमकने लगा.
नजमा अब तो दर्द नहीं हो रहा ना ?
नजमा =ओह .. थोड़ा तो हो रहा है ? पर आप चिंता ना करो कि पूरा अन्दर चला गया..?
मेरा आधा लण्ड ही अन्दर गया था पर मैं उसे यह बात नहीं बताना चाहता था,
मैंने उसे गोल मोल जवाब दिया”ओह .. मेरी जान आज तो तुमने मुझे वो सुख दिया है जो बुआ ने भी कभी नहीं दिया ,,
गाण्ड की यही तो लज्जत और खासियत होती है,
( चूत का कसाव तो थोड़े दिनों की चुदाई के बाद कम होने लगता है.
पर गाण्ड कितनी भी बार मार ली जाए उसका कसाव हमेशा लण्ड के चारों ओर अनुभव होता ही रहता है,
खेली खाई औरतों और लड़कियों को गाण्ड मरवाने में चूत से भी अधिक मज़ा आता है,
इसका एक कारण यह भी है कि बहुत दिनों तक तो यह पता ही नहीं चलता कि गाण्ड कुंवारी है या चुद चुकी है.
गाण्ड मारने वाले को तो यही गुमान रहता है कि उसे प्रेमिका की कुंवारी गाण्ड चोदने को मिल रही है== ये बातें मुझको बाद में पता चली ..)
अब तो नजमा भी अपने नितम्ब उचकाने लगी थी,और ....
नजमा बोल रही थी = आह्ह्ह्हह्ह भाई ......यु आर ग्रेट.....अह्ह्ह्हह्ह ....म......भाई ......फास्ट....फाआस्ट....फास्ट.....अह्ह्हह्ह........
उसका दर्द ख़त्म हो गया था और लण्ड के घर्षण से उसकी गाण्ड का छल्ला अन्दर बाहर होने से उसे बहुत मज़ा आने लगा था,
अब तो वो फिर से सित्कार करने लगी थी, और अपना एक अंगूठा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी और दूसरे हाथ से अपने उरोजों की घुंडी मसल रही थी.
मैंने एक हाथ से उसके अनारदाने (भगान्कुर) को अपनी चिमटी में लेकर मसलना चालू कर दिया,
नजमा तो इतनी उत्तेजित हो गई थी कि अपने नितम्बों को जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगी थी ....
“ओह .. भाईजान एक बार पूरा डाल दो … आह … उईईईईईईईईइ …या या या ………..”
मैंने दनादन धक्के लगाने चालू कर दिए, मुझे लगा नजमा एक बार फिर से झड़ गई है,
अब मैं भी किनारे पर आ गया था, आधे घंटे की चुदाई के बाद अब मुझे लगने लगा था कि मेरा भी पानी अब छूटने ही वाला है ..
मैंने उसे अपनी बाहों में फिर से कस लिया और फिर 5-7 धक्के और लगा दिए, उसके साथ ही नजमा की चित्कार और मेरी पिचकारी एक साथ फूट गई,
कोई 5-6 मिनट हम इसी तरह पड़े रहे,और फिल्म देखते रहे ..
जब मेरा लण्ड फिसल कर बाहर आ गया तो मैं उसके ऊपर से उठ कर बैठ गया, नजमा भी उठ बैठी,
वो मुस्कुरा कर मेरी ओर देख रही थी जैसे पूछ रही थी कि उसकीमस्त गांड केसी थी ..?


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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 15:39

में अम्मी और मेरी बहिन-8

फिर में अपने रूम में जाकर सो गया ..
अगली सुबह आँख खुली तो दोपहर के 12 बज गए थे नजमा कॉलेज जा चुकी थी.
में उठा और नीचे रसोई में गया तो वहां एक नइ लड़की काम कर रही थी,
उसका नाम मदीना था ..
उसके पास भी मेरे रूम की एक चाभी रहती थी.
इसलिए मुझे पता भी नही चला कि मदीना मेरे रूम में आई है.
और मै नंगा ही सोया हुआ था.मदीना मेरे कमरे में अचानक आ गयी.
उसने मुझे नंगा सोया हुआ देखा तो वो मुझे वापस नहीं लौट मेरे कमरे की सफाई करने लगी.
सफाई कर के वो वापस दुसरे कमरे में चली गयी.
उसकी साडी ही रात की थी.मै सुबह के नौ बजे उठा.
मैंने अपने आप को नंगा पाया तो सोचा चलो कोई बात नहीं किसने मुझे देखा है?
अचानक कमरे में नजर दौड़ायी तो देखा हर सामान करीने से रखा हुआ है. तो क्या मदीना मेरे कमरे में आयी थी?
क्या उसने मुझे नंगा देख लिया है ,,,?
क्या मदीना मेरा लंड देख गयी है ..
मै सोच कर शर्मा गया. मै सोचा क्या सोचती होगी वो.
मेरी तो सारी इज्ज़त मिटटी में मिल गयी.
खैर मैंने कपडे पहने और अपने कमरे से बाहर आया.
देखा मदीना किचन में काम कर रही थी.
थोड़ी देर के बाद जब मै फ्रेश हो गया तो मैंने मदीना से नाश्ता मांगा.
उसने मुझे ब्रेड और आमलेट ला कर दी. मै चुप चाप खाता रहा.
मैंने धीरे से पूछ लिया =मेरे कमरे की सफाई तुमने कर दी?
मदीना ने कहा=हाँ.
मैंने कहा =कब?
मदीना ने कहा =जब आप सोये हुए थे.
मेरा गाल शर्म से लाल हो गया.
मैंने थोड़े गुस्से में कहा=मुझे जगा कर ना मेरे कमरे में आना चाहिए था,
तो वो बोली क्यों बाबु क्या होता फिर ,,,,,,,,,
मैंने कहा=अच्छा सुनो, अम्मी को नहीं बता देना आज सुबह के बारे में.
मदीना =क्या?
मैंने कहा =यही कि में नंगा सोया हुआ था.
मदीना ने मुस्कुराते हुए कहा =सिर्फ नंगे सोये थे आप,आपके तौलिये में ढेर सारा माल है वो किसका था?
मैंने कहा =हाँ जो भी था. किसी को बताना नही.
मदीना ने कहा=चिंता नहीं करें. नहीं बताऊँगी. अरे आप जवान है. ये सब तो चलता रहता है.
मै अब कुछ निश्चिंत हो गया. उसने मुझे जवान होने के कारण कुछ छुट दे दी .
मै ब्रेकफास्ट खा रहा था.
मदीना ने कहा= एक बात कहूं साहिल ? बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने कहा= बोलो क्या बात है?
मदीना ने कहा= आपका हथियार बहुत ही बड़ा है,
मैंने इतना बड़ा आज तक नहीं देकहा है ,,
मैंने कहा=हथियार,,,,, ये हथियार क्या है,
मदीना=हथियार मतलब आपका लंड कह के वो मुस्कुराने लगी.
ये सुन के मेरा दिमाग सन्न रह गया,तो इसने मेरे लंड का साइज़ भी देख लिया था,
मै अचानक उठा और अपने कमरे में आ कर लेट गया. मुझे मदीना पर काफी गुस्सा आ रहा था.
थोड़ी देर के बाद मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ.
मै सोचने लगा =सचमुच मेरे लंड का साइज़ बड़ा है. मेरी बहिन भी ये ही बोल रही थी और अम्मी और बुआ भी ...
तभी मदीना मेरे कमरे में आई,मैंने मदीना से कहा- क्या कर रही है तू अभी मेरे रूम में मदीना ...
मदीना= कुछ नही साहिल बस इधर उधर सफाई कर रही थी.
मैंने कहा =वो सब छोड़ दो और देख न मेरा बदन बड़ा दुःख रहा है क्या तू मेरी मालिश कर देगी?.
वो मेरे बगल में मेरे बिस्तर पर बैठ गयी, बोली =हाँ , क्यों नहीं ,आप लेट जाओ मै आपकी मालिश कर देती हूँ.
मै कहा =नहीं सिर्फ कंधे को थोडा दबा दो कह कर मैंने शर्ट उतार दिया. .
वो मेरे कंधो की मालिश करने लगी. फिर बोली =ये भी खोल दो साहिल अच्छे से तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ.
मैंने टीशर्ट उतार दिया. और बिस्तर पर लेट गया.मै सिर्फ बरमुडे में था.
वो मेरे नंगे छाती और पीठ की बेहतरीन तरीके से मालिश कर रही थी.
घर में सिर्फ अम्मी ही थी ,
में अपने रूम में था ,
एक लड़की मेरे बदन की मालिश कर रही थी, मामला फिट था. लगा अब सही मौका है इसे शीशे में उतारने का.
मै उसकी चूची को घूरने लगा. वो मेरी नजर को पढ़ रही थी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मैंने उस से कहा = मदीना , तू दिन भर काम करती है. थकती नहीं है क्या?
मदीना मेरे छाती पर हाथ फेरती हुई बोली = साहिल थकती तो हूँ , मगर काम तो निपटाना होता है न.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी मालिश रोकते हुए कहा=आज कौन सा काम है तुझे,
देखो न घर में कोई है भी नहीं बातचीत करने के लिए,
मै बहुत बोर हो रहा हूँ,तू यहाँ बैठ मेरे पास,आज तुझसे ही बात करके मन बहलाऊंगा.
मदीना =अच्छा साहिल जैसा तुम कहो ....
मैंने=ठीक से बैठ ना ..नहीं तू लेट जा....आराम से.. इसे अपना बिस्तर समझ.
मैंने जब ये कहाँ तो वो धीरे से मेरे बिस्तर पर मेरे बगल में लेट गयी.
उसकी बड़ी बड़ी चूचीया किसी गुम्बद की तरह ऊपर की तरफ ताक रही थी.
मेरी नजर कामुक होने लगी. मै उसकी कुर्ती में से झांकते उसके गोरे गोरे चुचियों पर नजर गडाने लगा.
वो भी मेरी नजर को ताड़ गयी थी.
अब उसकी चुचीयों के गहरी घाट बड़ी आसानी से दिख रहे थे.
मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई मस्त लड़की है,
और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है. वैसे भी घर पर अम्मी के शिवा कोई और है नहीं.
फिर मै उसके बदन से थोडा और सटते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा और कहा =और बता, तेरे घर में कौन कौन है.
उसने बेफिक्री के साथ कहा=में और मेरे अम्मी अब्बू साहिल ,
मैं उसकी नाभी पर उंगली फेरते हुए कहा=तेरे अब्बू क्या काम करते है ...
मदीना = मेरे अब्बू कुछ नहीं करते है ,साहिल ...
मैंने उसकी नाभि में उंगली डालते हुए पूछा=तो फिर घर केसे चलता है मदीना ....
मै उसके नाभि में उंगली डाल रहा था ,
लेकिन उसने किसी प्रकार का कोई प्रतिरोध नहीं किया तो मेरी हिम्मत बढी ,
में उसकी चुन्चिया दबाने लगा ...
इधर मेरा लंड टाईट होने लगा था .

मै जान बुझ कर उसके चूची पर हाथ रखे रहा........
काफी धीरे धीरे सहलाते हुए कहा=मुझे आज तक पता नहीं था की तेरे घर की हालत ये है.
तो आपके घर के खर्चे केसे चलते है मदीना ...
मदीना=साहिल आपको क्या बताऊ में की क्या क्या करना होता है,,
बस ये ही समझ लो की में गरीबी का जीता जगता साबुत हूँ और साहिल में क्या कहूँ की,,
कभी-कभी मुझे वो काम करना पड़ता है जो किसी भी लड़की के लिए के लिए भी बहुत ही खराब है ,
मेरे अब्बू ही मुझे .....और मदीना रोने लगी..मैंने उसे पुचकारा...और पूरी बात बताने को कहा..
मदीना= मेरे अब्बू मुझे दुसरे मर्दों के साथ भेजते है और खुद भी कभी कभी मेरे साथ वो काम करते है,
जो सिर्फ एक शोहर ही अपनी बीबी के साथ करता है,
में हेरान था की एक बाप अपनी ही बेटी को चोदता है और चुद्वाता भी है.

में मदीना की चुचिया निहार रहा था,उसके मटकती मस्त गोल मटोल गांड देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
उसकी गांड एकदम सुदोल और उभरी हुई थी.
उसने एक बार पीछे मुड़कर मेरी चोरी पकड़ कर मुस्करा कर बोली
क्या मस्त चुन्चिया थी वो हिल भी रही थी,
लगता था की मदीना भी हवस के नशे में थी,
मैंने मोहिनी से कहा- क्या कर रही है तू अभी?
मदीना =कुछ नही बाबा, बस इधर उधर सफाई कर रही थी.
मैंने कहा=वो सब छोड़,देख न मेरा बदन बड़ा दुःख रहा है क्या तू मेरी मालिश कर देगी,
वो मेरे बगल में मेरे बिस्तर पर बैठ गयी. बोली=हाँ , क्यों नहीं .आप लेट जाओ मै आपकी मालिश कर देती हूँ.
मै कहा - नहीं सिर्फ कंधे को थोडा दबा दो कह कर मैंने शर्ट उतार दिया. .
वो मेरे कंधो की मालिश करने लगी. फिर बोली - ये गंजी भी खोल दो बाबा,
अच्छे से तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ. मैंने गंजी उतार दिया.
और बिस्तर पर लेट गया.मै सिर्फ बरमुडे में था, मेरी आँखों में शरारत थी,
वो मेरे नंगे छाती और पीठ की बेहतरीन तरीके से मालिश कर रही थी.
एक औरत मेरे बदन की मालिश कर रही थी,मामला फिट था,लगा अब सही मौका है इसे शीशे में उतारने का.
मै उसकी चूची को घूरने लगा. वो मेरी नजर को पढ़ रही थी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मेरी हिम्मत बढ़ गई, और मैंने उसके गालो पर हाथ फिराया वो धीमे धीमे हंस रही थी .
मैंने उस से कहा =मदीना, तू दिन भर काम करती है. थकती नहीं है क्या?
मेरे छाती पर हाथ फेरती हुई बोली=साहब, थकती तो हूँ , मगर काम तो निपटाना होता है न.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी मालिश रोकते हुए कहा=आज कौन सा काम है तुझे,
देखो न घर में अम्मी के शिवा कोई है भी नहीं बात चीत करने के लिए .
मै बहुत बोर हो रहा हूँ. तू यहाँ बैठ मेरे पास. आज तुझसे ही बात करके मन बहलाऊंगा.
मदीना =जैसा आप कहें साहिल, पर अगर आपकी अम्मी या भाईजान को पता लग गया तो ...?
मैं= कुछ नहीं होगा मदीना तुम चिंता ना कर ,ठीक से बैठ ना ..नहीं तू लेट जा....आराम से..
इसे अपना बिस्तर समझो और क्या देखोगी तुम लेपटोप पर बताओ ना ,
मैंने जब ये कहाँ तो वो धीरे से मेरे बिस्तर पर मेरे बगल में बेठ गयी.
मैंने मेरे लेपटोप पर एक सेमी sexi फिल्म चलादी
मदीना भी देख रही थी मेरे लेपटोप को ,
उसकी बड़ी बड़ी चूची किसी गुम्बद की तरह ऊपर की तरफ ताक रही थी.
मेरी नजर कामुक होने लगी. मै उसके ढीले ब्लाउज में से झांकते उसके गोरे गोरे चुचियों पर नजर गडाने लगा.
वो भी मेरी नजर को ताड़ गयी थी. उसने जान बुझ पर अपनी सलवार से दुपट्टा नीचे कर दिया और कहा - आज बड़ी गरमी है ना साहिल,
और ये केसी फिल्म है साहिल इसमें तो एक जवान लड़का एक बूढी ओरत के साथ ,,,
मदीना चुप हो गयी .
में = हाँ हाँ बोलो ना आगे मदीना क्या बोलना चाहती हो तुम ,
मदीन = शर्मा कर चुप हो गयी मैंने धीरे से अपनी कोहनी उसकी चुन्चियो से सटा दी ,
उसने कुछ नहीं कहा,अब उसकी चुचीयों के गहरी घाट बड़ी आसानी से दिख रहे थे.
उसके चूची के उभर के बिच की दरार कुछ फेली हुई सी थी.
मुझे लग गया कि ये बहूत ही खुली हुई मस्त औरत है और इस से कुछ गरम बातें की जा सकती है.
मैंने उसके साड़ी के पल्लू को उसके बदन से दूर हटाते हुए कहा कहा - हाँ सही कह रही है तू, बड़ी गरमी है.
वो बिना किसी परेशानी के मेरे बदन में सट गयी थी.
फिर मै उसके बदन से थोडा और सटते हुए मैंने अपना एक हाथ उसके पेट पर रखा.
मैंने उसकी चुन्चिया पकड ली , उसने सिसकी ली पर कुछ कहा नहीं,
उसके चूची को खुल्लम खुल्ला जोर जोर से दबाने लगा.
अब मुझे अन्दर से काफी यकीन हो गया कि इस से कुछ और भी काम करवाया जा सकता है.
मैंने अपनी एक टांग उसके ऊपर चढाते हुए,
meine उस से सट कर कहा=मदीना अगर मै तुमसे एक सवाल पूछूंगा तो तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
मदीना ने कहा= पहले पूछिए तो सही साहिल,
मैंने पूछा = तेरे अब्बू ने तुम्हे केसे चोदा था पहली बार बताओ ना..?
मदीना = बाबु ये लम्बी कहानी है किस्सी और दिन सुनाउंगी..
तभी किसी के आने की आवाज आई और
मदीना बहार चली गई अम्मी आई थी ...

The Romantic
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Re: में अम्मी और मेरी बहिन

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 15:40

में अम्मी और मेरी बहिन-9

अम्मी मेरे रूम में दाखिल हुई और बोली=> साहिल मेरे बेटे में किसी काम से तेरे भाईजान के साथ कुछ दिन के लिए बेंकोक जा रही हूँ,
बेटा तुम अपना और नजमा का ख्याल रखना हमारी सुबह की प्लेन है तो तुम रात में मेरे साथ सो जाना और अम्मी ने मेरा खड़ा लंड पकड लिया ,
अम्मी चोंक गयी और बोली => साहिल क्या मदीना को भी चोद डाला मेरे बेटे ,,
में => नहीं अम्मी ,
अम्मी => तो ये लंड क्यों खड़ा है तेरा और अभी अभी मदीना तेरे रूम से निकल कर गई है,

में => नहीं, अम्मी वो तो आपकी याद आ गयी थी ना उससे ये खड़ा हो गया,
लेकिन आप जोगी तो इसका क्या होगा अम्मी..?
और मैंने अम्मी की सख्त चुन्चिया पकड़ ली.
अब में अम्मी के पीछे अपने घुटनो के बल हो कर उनके स्तनों को मसले जा रहा था,
और मेरी जीभ उनकी कमर पर चल कर रही थी,
जहाँ अम्मी की कमर पर कुर्ती लिपटी थी अब मैंने उनके पीछे से कमर पर जीभ और होठ फ़ेरते हुएउनके नितम्बों को
मेरी सलवार के ऊपर से दबाना और कचोटना शुरू कर दिया,
में अपने एक हाथ से उनकी कमर को अप्ने नजदीक रखने मे इस्तेमाल कर रहा था और दूसरे से क्रम बदल कर उनके चूतड़ों को दबा और निचोड़ रहा था,
शायद वो भी मेरे स्पर्श का प्रतिरोध न कर के उसका साथ अपने नितम्बों को उसकी ओर झुका कर देने लगी थी ,
मैंने उसकी कमर से कुर्ती को अलग करने का प्रयास किया .....
लेकिन मैंने जल्दी से अम्मी को नंगा कर दिया ..और अपने बेड पर लिटाया,
तभी अम्मी बोली=> साहिल समझ कोई बात दरवाजा खुला हुआ है कोई भी आ सकता है,
में भाग कर दरवाजा बंद करके अम्मी से लिपट गया.
अम्मी भी तेयार ही थी,
अम्मी => साहिल आज से तु मेरा शोहर है बैटा नहीं, तेरा पुरा हक्क है के तु मुझे चोद सके,… चोद मुझे साहिल ..
कह कर अम्मी बेड से उतर कर टेबल के पास नीचे खडी हुई डोगी पोज में झुक कर अपनी गंद उठाकर और अपनी गाण्ड को हल्का सा चान्टा मार कर बोली,
साहिल आ जाओ.. हुम्म्म्…
फ़िर दोनो हाथ से अपनी बडी गाण्ड को थोडा खोला और अपनी चूत में एक उन्गली डाली और बोली अब आ भी जाओ,
साहिल मेरे बेटे , …आओ और चोदो मुझे....
में अम्मी के पीछे गया लेकिन मुझे चूत मारनी थी और चूत दिख नहीं रही थी,
मैंने अम्मी को बोला तो अम्मी ने मेरे लंड को पकड़ कर चूत में सेट किया फिर मैंने अम्मी की कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा,
अम्मी => धीरे साहिल बेटा आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्’’ अस्स्स्स्स्स्स्स्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्’’ , वोव्व्व् तेरा लण्ड बहुत बडा है,साहिल .
फिर में अम्मी को कटिया बना कर चोदने लगा,
में आज सुबह से गर्म था और इसी वजह से मेरा 10 मिनिट में ही पानी निकलने हो आ गया,
फिर मैंने जल्दी से अपना वीर्य उगलता लण्ड और अन्दर तक अम्मी के मुँह में घुसेड़ दिया
मेरे मुंह से निकला => म्म्म्मममममममममममममम.................
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स................................
आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हहह...................................
ऊऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह............... ओह मेरे अम्मी में गया .. और थोड़ी देर तक ऐसे ही दबाये रहा,
वो मेरे लंड के पानी कोमज़ा ले ले कर पिने लगी थी,
अब भी अम्मी ने मेरे कड्क लण्ड का मुखमैथुन बन्द नहीं किया था ,
कुछ क्षणों में ही में अम्मी के मुँह में झड़ गया,
अब मेरा लण्ड अम्मी के मुँह में ही सिकुड़ने लगा तब जाकर उसने लण्डअपने मुँह से निकाला ,
मेरे लंड का पानी आमी के मुंह से बह कर उनके गालों से होता हुआ उनके कन्धे पर आने लगा,
और लगभग उनके पुरे बदन पर मेरा पानी लग गया था ,
अब में पूरी तरह से निढाल हो कर पड़ा था अब अम्मी ने मेरे पानी निकले लंड को हलके से चूस लिया ,
थोड़ी देर बादमें उनके ऊपर से हट गया और अम्मी तुरंत उठी और बाथरूम मे घुस गई और खुद को साफ़ किया.
फिर रात को अपने रूम में आने का बोल कर अम्मी निकल गयी..
<===>
मुझे नींद आ गयी करीब दो घंटे बाद किसी ने मुझे झकझोरा.
नजमा थी,
मैं = >सॉरी , वो ज़रा मेरी आँख लग गयी थी, मैं सो गया था. बोलो क्या बात है.
नजमा => भाईजान आप अपनी हालत देखो ना,
उई अम्मी में तो नंगा ही सो गया था.
खेर फिर मैंने नजमा को पकड कर अपनी और खिंचा वो झटके से मेरी गोद में गिर पड़ी मैंने उसको चूमना शुरू किया.
मेरी साँसे तेजी से चलने लगी थी,
अभी उसकी कोमल मुलायम पीठ से आगे उसके मखमली चुचियो की तरफ हाथ ले ही जा रहा था ..
लेकिन वो मुझसे छुट कर खड़ी हो गयी और बोली=> भाईजान पागल हो क्या अम्मी और भाईजान दोनों ही घर पर है,
और रूम भी खुला हुआ है प्लीज़ जल्द से अपने कपडे पहनो कुछ काम है आपसे...
फिर मैं फ्रेश होने के लिए बाथरूंम मे गया ओर जल्दी से फ्रेश होकर बाहर निकला.
नजमा वन्ही थी, आज मैं नजमा को कुतिया बना कर उसकी कुंवारी चूत चोद्ना चाहता था,
मैंने उसे किस करने की कोशिश की तो वो बोली:= भाई प्लीज़ नहीं मुझे पीछे में दर्द हो रहा है ,,
वो रुआंसी हो गयी,
पर में उसके बूब दबाने लगा,
नजमा = भाई नहीं करो प्लीज़ दर्द होगा ना...
में अब नजमा को चोदना चाहता था...
पर नजमा भाग कर बहार चली गई

में पागल हो गया रात में किसको चोदुंगा अम्मी की चूत या नजमा की गांड को ..?

नजमा के बहार जाते ही में भी बहार निकला ,
मेरा एक और भी दोस्त था जिसका नाम बिलाल था ,
बिलाल एक दुकान में जॉब करता था , लेडिज कपड़ो की दुकान थी ,
वहां वो सेल्समेन था , मेरी और बिलाल की जान पहचान नई नई ही थी ,
पर मुझे वो बहुत ही पसंद था, उसकी फिट बॉडी बिलकुल किसी हीरो की तरह ही थी,
बिलाल देखने में बहुत ही प्यारा लगता है ,
खाश बात ये थी , उसकी बातें भी मस्त होती थी,में अक्सर उससे मिलने जाता था,

आज उसका फोन आ गया था और उसने मुझे मिलने बुलाया,
वो एक रूम में किराये से रहता था ,
में पहली ही बार उसके रूम में जा रहा था,
में उसके रूम में पहुंचा,
छोटा सा लेकिन ठीक ठाक रूम था उसका,
उसने मेरा इस्तकबाल किया और मुझे अपने बेड पर बिठाया,
फिर मैंने उससे पुछा की आअज केसे याद किया तो वो बोला = साहिल भाई आज तुम्हे मस्त चीज से मिलवाना है ,
में = क्या है वो चीज ,
बिलाल = भाई थोडा इन्तजार करो ना,
फिर बिलाल ने शराब की बोटेल खोली और दो पेग बनाए.
हम दोनों ने दो दो पेग पिए ...थोडा थोडा नशा हो रहा था ..
फिर उसने टीवी ओन करदी और डीवीडी लगा दी,
टीवी पर एक सेक्स फिल्म चालू हो गयी ...
लेकिन फिल्म कुछ नई थी वो एक शी मेल यानी हिंजड़े की सेक्स फिल्म थी,
में पहली बार किसी शिमेल की फिल्म देख रहा था,
मुझे अजीब सा महसूस हो रहा था, बूब और लंड अल्लाह ने एक साथ ही बना दिए थे ,
फिल्म बहुत ही sexi थी , और उस शिमेल का लंड मुझसे भी बड़ा था,
और बहुत ही प्यारे बूब थे, फिल्म में वो पहले एक आदमी की गांड मरता है ,
फिर उस आदमी की बीबी को चोदता है , बहुत ही प्यारी फिल्म थी,
मैंने देखा की जब वो शिमेल आदमी की गांड मरता है तो वो आदमी बहुत मज़ा ले ले कर अपनी गांड मरवाता है ,
मुझे ये बात बहुत ही अजीब लगी की गांड मरवाने में भी मजा आता है किसी को ,
बिलाल भी गौर से फिल्म देख रहा था, बिलाल ने तहमद पहन रखी थी,
तहमद के अंदर बिलाल का लंड हिल रहा था और खड़ा भी हो गया था,
मेरा भी लंड खड़ा हो गया था,
बिलाल की आँखे लाल हो गई थी, वो बार बार अपना लंड खुजा रहा था ,
तभी रूम की घंटी बजी बिलाल ने रूम खोला,
वाह क्या चीज थी, दरवाजे के खुलते ही एक मस्त लड़की ने अदर कदम रखा,
क्या माल थी वो बिलकुल ही जोरदार और क्या फिगर थी उसकी मस्त बिलकुल बिपाशा बासु ही लग रही थी ,
उसके अंदर आते ही बिलाल ने रूम लॉक कर दिया. और बिलाल ने उसको किस किया और गले से लगा लिया .
फिल्म तब भी चल रही थी, उस लड़की ने सलवार कमीज पहन रखी थी,
उसके बूब तो अल्लाह लगभग 38 के या शायद उससे भी बड़े होगे.
वो बिलाल की गोद में ही बेठ गयी, बिलाल ने उसके बूब मेरे सामने ही दबा दिए...
वो हंसने लगी और बोली= क्या बात है बिलाल बहुत गरम हो रहे हो आज और तेरा लंड भी जोश में है आज ..
बिलाल ने उसके बूब जोर से दबाये तो उसने बिलाल का लंड पकड कर दबा दिया.
उई ऊऊऊऊऊईईईईईअद्दद्दद्ददीईईई बिलाल चिल्लाया .
तभी लड़की बोली = ये कौन है बिलाल नया माल है क्या तेरा ,,गांडू कमीने मेरे आशिक ..
में सकपका गया ..
बिलाल=नहीं जमीला ये मेरा दोस्त है, बहुत ही अच्छा और नेक है,
उस लड़की का नाम जमीला था ....
तभी बिलाल का फोन बजने लगा उसकी दुकान से फोन था और उसको बुलाया था.
बिलाल= साहिल भाई मुझे कोई काम हो गया है अब आप ही जमीला के साथ मस्ती करलो..
मेरी तो लोटरी ही लग गयी थी..
जमीला भी मुस्कुरा रही थी .
बिलाल मुझे कंडोम का एक पेकेट थमा कर निकल गया.
मैंने फिर रूम लॉक कर दिया और जमीला की तरफ देखा वो फिल्म को देख रही थी,
मैंने टीवी को देखा तो उसमे वो शिमेल एक लड़के की गांड मार रहा था ..
जमीला बहुत ही ध्यान से देख रही थी वो लड़का मज़ा ले ले के उस से गांड मरवा रहा था ..
मेरा लंड खड़ा हो गया था में जमीला के पास जाकर बेठ गया ,
जमीला ने मेरी और देखा वो मुझे एकटक देख रही थी उसकी साँस जोर जोर से चल रही थी ..
उसकी बड़ी बड़ी चुन्चिया जोर जोर से हिल रही थी ..
तभी उसने अपनी जीभ अपने होंठो पर चलने लगी जेसे कोई लोली पोप चूस रही हो ..
जमीला = साहिल आपकी शादी हो गई क्या ..?
में = नहीं और आपकी जमीला ...?
जमीला= हमारी किस्मत में कहा है शादी ..साहिल ..
में = क्यों जमीला आप बहुत ही सुन्दर हो न और सलीकेदार भी ..
तभी जमीला ने एक हाथ मेरे लंड के उपर रखा और दूसरा हाथ मेरे गाल पर..
में तो हवस से पागल ही हो गया था....
मेरा लंड मेरी पेंट फाड़ के बहार आना चाहता था, जमीला ने मुझे चूमा और में भी जमीला को जोर जोर से चूमने लगा,
टीवी पर वो शिमेल जोर जोर से उस लड़के की गांड मार रहा था.
जमीला=साहिल क्या आपको भी गांड का शौक है,
मेंने कहा ''हाँ ''
जमीला = माँरने का या मरवाने का या फिर दोनों का ...?
में = जमीला में गांड मारी जरुर है पर कभी मरवाई नहीं है तुमने ..?
जमीला= मैंने मरवाई है न साहिल पर मरवाने में भी अपना मज़ा है ,,
कभी मरवा कर तो देखो ..बहुत मज़ा आएगा साहिल ...देखो वो लड़का केसे प्यार से अपनी गांड मरवा रहा है,
मैंने उसको टालने के हिसाब से कहा = अगर ऐसा कोई शिमेल हो तो जरुर में भी गांड मरवा लूँगा ..
जमीला= क्या सही में साहिल ..?
मैंने उसे हाँ कहा [कहाँ ऐसा शिमेल मिलना था मुझे }
तो जमीला खुश हो गई और मुझे लिपकिस कर लिया ,मैंने भी उसके बूब दबाये...
क्या मस्त और भरे भरे बूब थे जमीला के में मस्ती में डूब गया..
जमीला ने मेरी कमीज उतार दी और मुझ्र पेंट उतरने को कहा ..
मैंने जल्दी से अपने कपड़ो को उतार फेंका और नंगा हो गया , मेरा लंड झटके ले रहा था ,
जमीला ने तुरंत ही मेरे लंड को अपने सुंदर मुंह में ले लिया और बड़े ही मस्त तरीके से चुने लगी .
जमीला मेरा लंड चूसते चूसते मेरी गांड को सहला रही थी और मेरे गांड के छेद को भी कुरेद रही थी,
में सेक्स की लज्जत में डूब रहा था ...
जमीला पता नहीं केसे केसे तरीको से मेरा लंड चूस रही थी बहुत ही मज़ा आ रहा था,
मुझे लगता था की में जमीला के मुंह में ही अपना पानी निकल दूंगा ..
तभी जमीला ने अपनी एक अंगुली मेरे गांड के छेद में डाल दी .
ऊईईई अम्मी ओह ओह ये क्या किया जमीला ने मेरी गांड में दर्द हुआ.
जमीला हंस पड़ी और बोली= अंगुली से ये हाल है तो लंड केसे लोगे अपनी गांड में साहिल..?
मेरी गांड में जलन हो रही थी.
में बोला=जमीला तुम भी बदमाश हो अचानक अंगुली डाल दी..
जमीला= हूँ साहिल तो ठीक है अब बोल कर डालती हूँ..
और जमीला मेरे पीछे आ गयी और हाई क्या हरकत की उसने अल्लाह ..
उसने उफ़ अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में डाल दी और घुमाने लगी गोल गोल.
में बयान नही कर सकता था की केसा मज़ा आ रहा था मुझको लगा की में जन्नत में पहुंच गया था जेसे ,,
उसने अपने हाथो से मेरी गांड का छेद छोड़ा कर लिया और मेरी गांड को जोरो से चाटने लगी,
क्या मज़ा आरहा था मुझको में मज़े में डूब गया था तभी जमीला ने फिर मेरी गांड में अपनी दो अंगुलिया फिर से डाल दी.
में फिर तडफा और वो हंस दी.
जमीला=लगता है आपकी गांड कभी नहीं चूदी है साहिल क्या मस्त गांड है आपकी,
में=जमीला आप लगता है गांड चाटने की शोकिन हो,
जमीला = हाँ साहिल मुझे गांड चाटने में मज़ा आता ह और चटवाने में भी ..
में = तो चट्वाओ अपनी गांड जमीला में चाटता हूँ ..
जमीला= रुको न साहिल धीरे धीरे सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है,
आपने कितनो की गांड माँरी है, अभी तक ..
में = दो गांड मरी है जमीला अभी तक मैंने..
जमीला=बिलाल की मरी है या नहीं साहिल.
में= नहीं तो जमीला क्या वो गांड मरवाता है, क्या .
जमीला= साहिल उसको तो बड़ा ही शोक है मरवाने का, और मुझे भी है मरवाने का..
बहुत ही मज़ा आता है गांड में बड़ा लंड ले ने का ..
तुम्हे मैंने जीभ से मज़ा दिया सोचो अगर जीभ इतना मज़ा देती है तो लंड कितना मजा देगा सोचो साहिल ...?


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