Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ

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The Romantic
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ

Unread post by The Romantic » 24 Dec 2014 13:42

इस पोज़ मे मीना की साँवली चूत पूरी तरह से दिख रही थी. उसकी

चूत मेरी चूत से बड़ी थी. दरार खुली हुई थी. मीना की चूत

देख मैने सोचा कि मेरा तो सब कुच्छ इससे अच्छा है. अगर मेरे साथ

रमेश को ज़्यादा मज़ा आया तो वह मीना से ज़्यादा हमको प्यार करेगा.

मैने चूचियों को गद्दे मे दबा पीछे से चूतड़ उभारा और मुँह

को मीना की चूत के पास ला प्यार से जीभ को उसकी चूत पर चलाया

तो मीना अपनी चूत को हाथ से खोलती बोली, "चूत के अंदर तक जीभ

डालकर तब तक चाटना जब तक भैया तुम्हारी चाटते रहें. मज़ा लेना

सीख लो तभी जवानी का मज़ा पाओगि."

मीना की चूत पर जीभ लगाने मे सचमुच हमको काफ़ी मज़ा आया.

तभी रमेश नीचे कसी चड्डी की चूत पर उंगली चला हमे मज़े के

सागर मे ले जाते बोला, "तुम्हारी चड्डी बड़ी कसी है. फाड़ कर

चाट लें?" "हाए फाड़ दीजिए ना." मैं मीना की झारी चूत के

फैले दरार मे जीभ चलाती दोनो हाथों से मर्द की तरह उसके

गदराए अनारो को दबाती वासना से भर बोली. तभी रमेश ने दोनो

हाथों को चड्डी के इधर उधर लगा ज़ोर्से खींचा तो मेरी पुरानी

चड्डी एक झटके मे ही छार्र से फॅट गयी. उसे पूरी तरह अलग कर

मेरी गदराई हसीन गुलाबी चूत को नंगी कर उंगली को दरार मे

चलाता बोला, "ज़रा सा चूतड़ उठाओ."

नंगी चूत को रमेश की उंगलियों से सहलवाने मे इतना मज़ा आया कि

मेरे अंदर जो थोड़ी बहुत झिझक थी, वह भी ख़तम हो गयी. मैने

चूतड़ उठाया तो वह बोला, "ज़रा मीना की चूत चाटना और चूची

दबाना बंद करो." मैने चूची से हाथ अलग कर चूत से जीभ

निकाली तो उसने मेरी चूत को उंगलकी से कुरेदते पूछा, "अब ज़्यादा

मज़ा आ रहा है कि मीना की चाटते हुवे?" "जी अब कम आ रहा

है." "ठीक है तुम मीना की चॅटो."

मैं फिर मीना की चूत चाटते हुवे उसकी चूचियाँ दबाने लगी तो

रमेश से नंगी चूत सहलवाने मे ग़ज़ब का मज़ा आने लगा. अभी

रमेश ने मेरी चाटना शुरू नही किया था पर उंगली से ही हल्का पानी

बाहर आया तो वह मेरी फटी चड्डी से मेरी चूत को पोछते पूरी

चूत को सहलाता अपनी बहन से बोला, "मीना इसकी अभी चुदी नही

है." "हां भैया मेरी सहेली को तुम ही चोद्कर जवान करना. अब तो

शर्मा भी नही रही है." "ठीक है रानी इसको भी तेरी तरह जवान

कर देंगे. वैसे चोदने लायक पूरी गदराई चूत है. क्यूँ सुनीता

कितने साल की हो?" "जी चौदह की." "बड़ी मस्त हो बोलो इसका मज़ा

हमसे लोगि या शादी के बाद अपने पति से?"

भाई लोगो आगे की कहानी अगले पार्ट मे आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः.........


The Romantic
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ

Unread post by The Romantic » 24 Dec 2014 13:43

होली पे चुदाई --3

गतान्क से आगे..........

"हाए आपसे." मैं मीना की चूत से मुँह अलग कर बोली. "मीना तुम्हारी

सहेली की चूत टाइट है. तुम अकेले मे इसको तैय्यार करना. हमे

बहुत पसंद है तुम्हारी सहेली." "हां राजा यह तो पड़ोस की ही है.

भैया इसे तो तुम जानते ही हो." "हां पर आज पहली बार मिल रहा

हूँ." और इसके साथ मेरी मस्त गुलाबी फांको को चुटकी मे दबाकर

मसला तो मैं अपने आप कमर उभारती बोली, "हाए रमेश अच्छा लग

रहा है. ऐसे ही करो." तभी आगे से मीना चूत को उचकाती

बोली, "आ रहा है ना जन्नत का मज़ा?" "हां हाए."

"सुनीता. इसी तरह शरमाना नही, जिसको मेरे भैया चोद देते हैं

वह मेरे भैया की दीवानी हो जाती है. अभी तो शुरुआत है आगे

देखना. मैं तो भैया से खूब चुदवाती हूँ. रोज़ रात मे भैया

के कमरे मे ही सोती हूँ. तुम्हारे लिए भी बड़ा अच्छा मौका है.

घर खाली है जब चाहो भैया को बुलाकर डलवा लो. फिर जब मम्मी

पापा आ जाएँ तो मेरे घर आ जाना."

मीना की बातों से हमे अपने बदन का लाजवाब मज़ा मिल रहा था. वह

अभी तक मेरी गदराई 14 साल की चूत को सहला रहा था. मैं

चूचियाँ दबाती सहेली की चूत चाट्ती मज़ा ले रही थी. बाहर होली

का हुरदांग मचा था और घर मे जवानी का. तभी मेरी चूत की फाँक को

उंगली से कुरेदते रमेश ने पूछा, "सच बताओ हमारे साथ चूत का

मज़ा आ रहा है." "जी हाए बहुत आ रहा है. हाए नही शरमाएँगे,

हमको भी मीना की तरह चोदो ना.

"अभी मीना और तुमको चोद्कर चले जाएँगे. तुम खा पीकर घर पर

रहना तो तुमको अकेले मज़ा लेना सिखाएँगे. चूत तुम्हारी बड़ी मस्त

है. जितना चुदवाओगि उतना ही मज़ा पाओगि." फिर वह अपनी बहन से

बोला, "मीना तुमको ऐतराज़ ना हो तो दोपहर को अकेले तुम्हारी सहेली को

चोद दें." "नही भैया कहो तो अभी चले जाएँ." "ठीक है जाओ.

आज मैं तुम्हारी इस गदराई कुँवारी सहेली को जी भरकर रंग खिला

दूँ." और झुककर मेरी गदराई गोरी गोरी चूत को जीभ से लापर

लापर चाटने लगा.

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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ

Unread post by The Romantic » 24 Dec 2014 13:44

हमको अब तक का सबसे हसीन मज़ा चटवाने मे आया. वह चूत की

दरारों को फैला रानो के बीच मुँह डाल जीभ को दरार और

गुलाबी छेद पर चला रहा था. मेरी आँखें बंद हो गयी. करीब 10

मिनिट तक मेरी चूत को इसी तरह से चाट्ता रहा और जब अलग हुवा

तो मीना नही थी. उसका लंड अभी भी उसी तरह खड़ा था. मस्ती के

आलम मैं मीना कब कमरे से चली गयी इसका पता ही नहा चला. मैं

घबराई तो वह मेरे उभारों को हाथ से थपथपाते बोला, "मीना को

हटा दिया है अब अकेले मज़ा लो. उसके रहने से तुम्हारा मज़ा किरकिरा हो

जाता. पहली बार चुदोगि तो पूरा मज़ा आराम से लो. हाए तुम्हारी चूत

और चूचियाँ मीना से अच्छी हैं अब तुम्ही को पेला करेंगे."

अब मुझे मीना से जलन होने लगी. चूत चाट कर पूरी तरह मस्त कर

हमे अपना दीवाना कर दिया था. रमेश ने चाटकर मज़े के साथ जो

मेरी चूत को अपनी बहन मीना की चूत से हसीन और लाजवाब बताया तो

उससे मैं पूरी तरह अपनी जवानी का मज़ा उसे देने को तैय्यार थी.

मन मे यही था कि अभी ऊपरी खेल खेल रहा है तो इतना मज़ा आ

रहा है, जब लंड पेलकर चूत चोदेगा तो कितना मज़ा आएगा. वैसे

मीना की चूत चाटने और उसकी सेब सी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाने

मैंमज़ा आया था पर उसका अपने भाई को मेरे पास अकेले छ्चोड़कर

चला जाना बड़ा ही अच्छा लग रहा था. इस समय मेरी चाटी गयी चूत

झनझणा रही थी. रमेश ने जीभ को चूत के गुलाबी छेद मैं

डालकर चटा था उससे मैं बुरी तरह उत्तेजित हो गयी थी. उसके लंड

ने इतने पर भी पानी नही फेंका था. उसने चड्डी फाड़ कर मज़ा लिया

था. शर्ट खुली थी और दोनो अमरूद तने थे.

वह मेरी गोल गोल छ्होटी छ्होटी चूचियों को कसकर दबाते हुवे

बोला, "सच बताना मेरे साथ होली का मज़ा आ रहा है या नही?" "जी

बहुत मज़ा आ रहा है." "तभी तो मीना को हटा दिया. होती तो कहती

पहले मेरी चोदो. पिच्छली होली से उसे चोद रहा हूँ पर अभी भी

उसका मन नही भरा. रोज़ रात मे दो तीन बार चुदवाती है. अब उसे

कम चोद करेंगे. बस तभी जब तुम्हारी नही मिलेगी. कितनी काली सी

बेकार चूत है उसकी. हाए तुम्हारी चूत तो देखते ही पागल हो गये

हैं. ऐसी पाए तो बस चौबीस घंटे डाले पड़े रहे. काश मेरी

बहन की ऐसी होती." उसने एक हाथ से आगे से फटी चड्डी की नंगी

चूत को सहलाते कहा तो मैं बोली, "मेरी चूत तो आपकी ही है. इसे

चोदिये ना."

"बर्दाश्त नही कर पओगि रानी चूत फॅट जाएगी. इतनी हसीन चूत को

जल्दी मे खराब ना कर्वाओ. रात मे तुम अपने ही घर मे सोना तो

आकर रात मे चोदेन्गे. जितना चुद्वओगि उतना ही मज़ा पओगि और

चूत भी जवान होगी. अगर तुम्हारी भी मीना की तरह होती तो अभी

चोद्कर खराब कर देता. हाए काश मीना की भी ऐसी ही होती." "हाए

रमेश मेरी भी तुम्हारी है." "हाँ रानी पर मीना तो मेरी बहन है,

हमेशा घर मे ही रहती है. जब चाहा चोद लिया पर जब तुम्हारे

मम्मी पापा आ जाएँगे तो कैसे होगा."

"हो जाएगा. दिन मे मैं आपके घर आ जाया करूँगी और रात मैं आप

पीछे वाले दरवाज़े से आ जाया करिएगा." "हां यह ठीक रहेगा.

मीना की देखा है." "हां." "मीना की तुम्हारी जैसी जानदार फाँक नही

हैं. चोदने मे फांके ही सूपदे से रगड़ खाती हैं तो लड़कियों

को मज़ा आता है. मम्मी पापा तो कई दिन बाद आएँगे." "जी."

अब हमे बैठकर एक हाथ से चूची के उठे उठे निपल और दूसरे

हाथ से लहसुन(क्लाइटॉरिस) मीसवाते हुवे उसके लंड को झटका खाते

देखने मे ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं रमेश की दीवानी हो गयी.

उसे मैं मीना से ज़्यादा पसंद थी. "सुनीता." "जी." "मीना की चूत

काली है." "जी पर आप तो उसे खूब चोद्ते हैं. पिच्छले साल होली से

बराबर चोद रहे हैं."

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