नशे की सज़ा compleet
Re: नशे की सज़ा
नेहा समझ गयी और विवेक के पास उसके बिस्तर पर पहुँचकर उसके लिंग को पकड़कर सहलाने लगी. विवेक ने पहली बार उसके सीने के उभारों पर अपना हाथ फिराया और उन्हे धीरे धीरे दबाने लगा. कुछ ही देर बाद विवेक ने उसे ऑर्डर दिया-“इसे अपने मूह के अंदर लेकर इस पर हल्के हल्के अपनी जीभ घूमाओ.” और नेहा ने उसके हुक्म का पालन करते हुए विवेक के लिंग को अपने मूह मे ले लिया और उसे जन्नत का मज़ा पहुँचाने लगी.
विवेक और नेहा की इस जबरदस्त कामलीला देखकर मेरी और सलोनी की हालत भी कामोत्तेजना से काफ़ी अजीब हो गयी थी और हम दोनो का योनि प्रदेश जबरदस्त गीला हो चुका था.
विवेक ने कुछ ही समय बाद अपना वीर्य रस नेहा के मूह मे छोड़ दिया जिसे नेहा किसी एक्सपर्ट कॉक सकर की तरह फटाफट गटक गयी. नेहा ने उसके बाद विवेक के लिंग की अपनी जीभ से सफाई कर डाली और मैने देखा की विवेक को इस आनंद के झोंके में नींद आ गयी थी.
विवेक को सोया देख मैने नेहा को अपने पास बुला लिया-“ इधर आजा चिकनी.”
इस बीच सलोनी ने कमरे मे रखे कप बोर्ड मे से एक लेदर का हंटर निकाल लिया-वहाँ कप बोर्ड में ऐसी कयी चीज़ें रखी हुई देन जो पोलीस वाले आमतौर पर इनटेरगेशन में इस्तेमाल करते हैं.
नेहा मेरे पास आकर खड़ी हो गयी-मैने अपनी जीन्स उतारकर पॅंटी भी खिसका ली थी और मेरी गीली हो रही योनि नेहा की जीभ का इंतेज़ार कर रही थी.
नेहा अभी तक खड़ी थी शायद मेरे अगले हुक्म का इंतेज़ार कर रही थी; लेकिन इसे मैने उसकी हिमाकत समझा और उसकी तरफ देखकर कहा-“ चल शुरू हो जा या फिर तुझे अब यह बताना पड़ेगा कि तुझे क्या करना है ?”
नेहा शायद जानबूझकर अंजान बनना चाहती थी और मेरी तरफ देखे बिना बोली-“ मैं समझी नही मॅम कि आप क्या चाहती हैं.”
मैने सलोनी की तरफ देखा और कहा-“सलोनी ज़रा इसे समझा कि इसे क्या करना है”
सलोनी ने मुझसे कहा-“ निशा हम लोग इसे लेकर बाहर वाले एरिया में चलते हैं-यहाँ विवेक सर रिलॅक्स कर रहे हैं-उन्हे डिस्टर्बेन्स होगा.”
हम दोनो बाहर वाले ड्रॉयिंग एरिया मे आकर सोफे पर बैठ गयी और हमारे पीछे पीछे नेहा भी आ गयी और मेरे सामने खड़ी हो गयी.
सलोनी ने सोफे पर बैठे बैठे नेहा की तरफ देखा और अपने हाथ में लिए हुए हंटर पर हाथ फिराते हुए बोली-“ कुछ समझ आया कि समझाना पड़ेगा ?”
नेहा कुछ बोली नही और सलोनी ने फटक से एक हंटर उसके मखमली बदन पर लगा दिया. बदन पर हंटर लगते ही नेहा एकदम ज़मीन पर बैठ गयी और अपने मूह को मेरे योनि प्रदेश के नज़दीक लाकर अपनी जीभ उसपर घुमाने लगी.
“हाथ उपर उठा चीक्कनी”, सलोनी ने एक हंटर नेहा के और लगाते हुए कहा और नेहा ने ज़मीन पर बैठे बैठे मेरी योनि को चाटते हुए ही अपने हाथ उपर उठा लिए.
क्रमशः.......
Re: नशे की सज़ा
raj sharma stories
नशे की सज़ा पार्ट--15
गतान्क से आगे......
अपने दोनो हाथ उपर उठाकर मेरे योनि प्रदेश पर अपनी जीभ फिराती हुई नेहा की सिचुयेशन बेहद एरॉटिक और ह्युमिलियेटिंग लग रही थी-और सलोनी उसे देख देख कर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो होकर बिना किसी बात के भी नेहा के बदन पर हंटर के स्ट्रोक लगाए जा रही थी.
जब मैं नेहा की चूमा चाती से बिल्कुल सॅटिस्फाइड हो गयी तो मैने उसे अपनी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए कहा-“ चलो अब अपने हाथ नीचे कर लो और सलोनी मॅम की भी इसी तरह से बढ़िया खिदमत करो ताकि तुम्हारी खिदमत से सलोनी मॅम भी खुश हो जाएँ.”
सलोनी ने हंटर मुझे पकड़ा दिया और खुद सोफे पर बैठते हुए बोली-“ निशा.यार,बीच बीच में इसके हंटर लगाती रहना ताकि यह पूरी तरह से मोटीवेट होकर मेरी खिदमत कर सके.”
यह कहने के साथ ही सलोनी ने नेहा की तरफ देखा-“चल चीक्कनी,आजा और शुरू हो जा.”
सलोनी ने अपनी जीन्स नही उतारी थी और नेहा शायद इस इंतेज़ार मे थी कि कब सलोनी अपनी जीन्स उतारे और नेहा अपना काम शुरू कर सके.लेकिन सलोनी को तो जैसे बहाना मिल गया.उसने नेहा के गाल पर चपत लगाते हुए कहा-“मेरे हुक्म की तामील करने मे इतनी देर क्यों ?”
नेहा पूरी तरह नंगी थी और अपने घुटनो के बल ज़मीन पर बैठी हुई थी-अपने दोनो हाथ उसने पहले से ही उपर कर रखे थे. जब मैने ईक हंटर नेहा के मखमली बदन के ईगल भाग मे लगाया तो उसके मूह से सिसकारी जैसी निकल गयी.मैने फिर से एक हंटर नेहा के बदन पर लगाते हुए कहा-“चिकनी ज़रा इशारा समझ और खुद ही सलोनी मॅम की जीन्स उतारकर अपना काम शुरू कर वरना तेरे बदन पर हंटर लगते रहेंगे.”
नेहा ने अपने हाथ नीचे किए और सलोनी के पास आकर उसके जीन्स का बटन खोलने लगी-ज़िप सरकने के बाद उसने जीन्स को सलोनी के घुटनो तक खिसका कर छोड़ दिया-सलोनी की नीले रंग की पॅंटी पर गीला होने के सॉफ संकेत मिल रहे थे.नेहा ने सलोनी की पॅंटी को भी नीचे खिसका दिया और सलोनी के गीले हो रहे योनि प्रदेश पर अपनी जीभ फिराने लगी. बीच बीच मे मैने ईक दो बार नेहा के बदन पर हंटर लगाए ताकि वो अपने काम को ठीक से करती रहे.
नेहा के इस सेक्सप्लाय्टेशन मे शाम के 5 बज चुके थे.सलोनी ने नेहा को अपनी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए उसे अपने कपड़े पहनने के लिए कहा और खुद भी कपड़े पहनने लगी.मैने तो अपने कपड़े पहले से ही ठीक कर रखे थे.नेहा को ड्रॉयिंग एरिया मे छोड़कर हम दोनो विवेक को देखने साथ वाले कमरे मे पहुँचे तो वो अभी तक सो रहा था-शायद उसने पहली बार किसी बढ़िया चीज़ को चखा था.
मैने विवेक को जगाने की नीयत से कमरे मे रखे टीवी सेट को ऑन कर दिया और उस पर न्यूज़ चॅनेल लगा दिया-न्यूज़ चॅनेल की आवाज़ से विवेक हड़बड़कर उठकर बैठ गया.न्यूज़ चॅनेल की सुर्खियाँ यह थी कि आज़ सुबह ड्री और पोलीस के जॉइंट ऑपरेशन मे सनसनी चॅनेल के 2 बड़े ऑफिसर्स बॉब्बी और रंजन को पोलीस हिरासत मे ले लिया गया है और कल उन्हे अदालत मे पेश किया जाएगा.
विवेक ने बिस्तर से उठकर अपने कपड़े ठीक करते हुए मेरी तरफ देखा और बोला-“बढ़िया लड़की है..मज़ा आ गया…रोजाना मिलती रहे तो ज़िंदगी ही संवर जाए भाय्या……….”
मैने विवेक को टोका और कहा-“सर, लड़कियाँ तो सभी बढ़िया होती हैं……अगर उनका सही से इस्तेमाल किया जाए तो.”
विवेक मेरा इशारा समझ गया और बोला-“हां यह बात तो है…..अमित सर भी आप दोनो की बहुत तारीफ कर रहे थे.मुझे भी लगता है आप दोनो की स्पेशल सर्वीसज़ लेनी पड़ेंगी.”
इस बार सलोनी बोली-“ सर हम तो आपकी सर्विस के लिए हमेशा ही तैय्यार हैं.”
विवेक के अपनी घड़ी की तरफ देखा और बोला-“अब आज का कार्यक्रम तो यहीं पर ख़तम करते हैं.इस लड़की को भी अपने घर जाने को कह दो और आप लोग भी अपने अपने ठिकाने पर पहुँचकर आराम करो.”
नशे की सज़ा पार्ट--15
गतान्क से आगे......
अपने दोनो हाथ उपर उठाकर मेरे योनि प्रदेश पर अपनी जीभ फिराती हुई नेहा की सिचुयेशन बेहद एरॉटिक और ह्युमिलियेटिंग लग रही थी-और सलोनी उसे देख देख कर और भी ज़्यादा उत्तेजित हो होकर बिना किसी बात के भी नेहा के बदन पर हंटर के स्ट्रोक लगाए जा रही थी.
जब मैं नेहा की चूमा चाती से बिल्कुल सॅटिस्फाइड हो गयी तो मैने उसे अपनी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए कहा-“ चलो अब अपने हाथ नीचे कर लो और सलोनी मॅम की भी इसी तरह से बढ़िया खिदमत करो ताकि तुम्हारी खिदमत से सलोनी मॅम भी खुश हो जाएँ.”
सलोनी ने हंटर मुझे पकड़ा दिया और खुद सोफे पर बैठते हुए बोली-“ निशा.यार,बीच बीच में इसके हंटर लगाती रहना ताकि यह पूरी तरह से मोटीवेट होकर मेरी खिदमत कर सके.”
यह कहने के साथ ही सलोनी ने नेहा की तरफ देखा-“चल चीक्कनी,आजा और शुरू हो जा.”
सलोनी ने अपनी जीन्स नही उतारी थी और नेहा शायद इस इंतेज़ार मे थी कि कब सलोनी अपनी जीन्स उतारे और नेहा अपना काम शुरू कर सके.लेकिन सलोनी को तो जैसे बहाना मिल गया.उसने नेहा के गाल पर चपत लगाते हुए कहा-“मेरे हुक्म की तामील करने मे इतनी देर क्यों ?”
नेहा पूरी तरह नंगी थी और अपने घुटनो के बल ज़मीन पर बैठी हुई थी-अपने दोनो हाथ उसने पहले से ही उपर कर रखे थे. जब मैने ईक हंटर नेहा के मखमली बदन के ईगल भाग मे लगाया तो उसके मूह से सिसकारी जैसी निकल गयी.मैने फिर से एक हंटर नेहा के बदन पर लगाते हुए कहा-“चिकनी ज़रा इशारा समझ और खुद ही सलोनी मॅम की जीन्स उतारकर अपना काम शुरू कर वरना तेरे बदन पर हंटर लगते रहेंगे.”
नेहा ने अपने हाथ नीचे किए और सलोनी के पास आकर उसके जीन्स का बटन खोलने लगी-ज़िप सरकने के बाद उसने जीन्स को सलोनी के घुटनो तक खिसका कर छोड़ दिया-सलोनी की नीले रंग की पॅंटी पर गीला होने के सॉफ संकेत मिल रहे थे.नेहा ने सलोनी की पॅंटी को भी नीचे खिसका दिया और सलोनी के गीले हो रहे योनि प्रदेश पर अपनी जीभ फिराने लगी. बीच बीच मे मैने ईक दो बार नेहा के बदन पर हंटर लगाए ताकि वो अपने काम को ठीक से करती रहे.
नेहा के इस सेक्सप्लाय्टेशन मे शाम के 5 बज चुके थे.सलोनी ने नेहा को अपनी गिरफ़्त से आज़ाद करते हुए उसे अपने कपड़े पहनने के लिए कहा और खुद भी कपड़े पहनने लगी.मैने तो अपने कपड़े पहले से ही ठीक कर रखे थे.नेहा को ड्रॉयिंग एरिया मे छोड़कर हम दोनो विवेक को देखने साथ वाले कमरे मे पहुँचे तो वो अभी तक सो रहा था-शायद उसने पहली बार किसी बढ़िया चीज़ को चखा था.
मैने विवेक को जगाने की नीयत से कमरे मे रखे टीवी सेट को ऑन कर दिया और उस पर न्यूज़ चॅनेल लगा दिया-न्यूज़ चॅनेल की आवाज़ से विवेक हड़बड़कर उठकर बैठ गया.न्यूज़ चॅनेल की सुर्खियाँ यह थी कि आज़ सुबह ड्री और पोलीस के जॉइंट ऑपरेशन मे सनसनी चॅनेल के 2 बड़े ऑफिसर्स बॉब्बी और रंजन को पोलीस हिरासत मे ले लिया गया है और कल उन्हे अदालत मे पेश किया जाएगा.
विवेक ने बिस्तर से उठकर अपने कपड़े ठीक करते हुए मेरी तरफ देखा और बोला-“बढ़िया लड़की है..मज़ा आ गया…रोजाना मिलती रहे तो ज़िंदगी ही संवर जाए भाय्या……….”
मैने विवेक को टोका और कहा-“सर, लड़कियाँ तो सभी बढ़िया होती हैं……अगर उनका सही से इस्तेमाल किया जाए तो.”
विवेक मेरा इशारा समझ गया और बोला-“हां यह बात तो है…..अमित सर भी आप दोनो की बहुत तारीफ कर रहे थे.मुझे भी लगता है आप दोनो की स्पेशल सर्वीसज़ लेनी पड़ेंगी.”
इस बार सलोनी बोली-“ सर हम तो आपकी सर्विस के लिए हमेशा ही तैय्यार हैं.”
विवेक के अपनी घड़ी की तरफ देखा और बोला-“अब आज का कार्यक्रम तो यहीं पर ख़तम करते हैं.इस लड़की को भी अपने घर जाने को कह दो और आप लोग भी अपने अपने ठिकाने पर पहुँचकर आराम करो.”
Re: नशे की सज़ा
हम लोग पोलीस गेस्ट हाउस के रिसेप्षन पर जैसे ही पहुँचे,वहाँ पर बैठे कॉन्स्टेबल ने एक डVड विवेक को थमाते हुए कहा-“सर, यह रही आज किए गये इनटेरगेशन की रेकॉर्डिंग.” विवेक ने डVड उसके हाथ से लेकर अपने बॅग मे रख ली और गेट से निकलकर पोलीस जीप की तरफ बढ़ने लगा.हम सब पहले की तरह जीप के पिछले भाग मे बैठ गये और विवेक ने ड्राइवर को ऑर्डर दिया-“चलो,पोलीस स्टेशन ले चलो !”
पोलीस स्टेशन नज़दीक ही था और हम लोग लगभग 10 मिनिट मे वहाँ पहुँच गये.वहाँ पहुँचकर,विवेक ने नेहा से कहा-“तुम अभी से निशा और सलोनी मॅम की कस्टडी मे हो ! जैसा यह कहें,तुम्हे वैसा ही करना है-तुम्हे इन्ही दोनो की जमानत पर छोड़ा जा रहा है.जब भी मुझे या फिर इन लोगो को ज़रूरत पड़ेगी,तुम्हे इनटेरगेशन के लिए अपने आप को हाज़िर करना होगा !”
इसके बाद विवेक ने जीप के ड्राइवर से कहा-“ इन लोगों को इनके घर तक छोड़ कर वापस आओ ! “
इसके बाद विवेक पोलीस स्टेशन के अंदर चला गया और ड्राइवर ने जीप स्टार्ट कर दी.मैने ड्राइवर को बता दिया था कि उसे नेहा को कहाँ ड्रॉप करना था और उसके बाद हम लोगों को हॉस्टिल मे कहाँ पर ड्रॉप करना था. नेहा का घर आने मे अभी करीब 30-35 मिनिट्स का समय था.मैने सोचा क्यूँ ना इस समय का भी कुछ सदुपयोग किया जाए.जीप का दरवाज़ा अंदर से बंद करने के बाद मैने नेहा से कहा-“टाइम कम है-फटाफट कपड़े उतार और नंगी हो जा !” नेहा को सारे कपड़े उतारने मे हेसिटेशन शायद इसलिए हो रही थी क्यूंकी उसे जीप मे लगी विंडोस से बाहर का सारा नज़ारा नज़र आ रहा था और उसे यह भी लगा की बाहर से भी अंदर का सारा नज़ारा देखा जा सकेगा.
उसने काफ़ी देर बाद पहली बार प्रोटेस्ट किया-“मॅम प्लीज़,ऐसा मत करिए.बाहर सब देख रहे हैं.”
“हम तुझे नंगा करके अपनी गोद मे लिटाने वाले हैं चिकनी.तुझे उस हालत मे बाहर से कोई नही देख पाएगा-लेकिन तुम ज़रा जल्दी करो और वक़्त बर्बाद किया तो हमारे इरादे बदल भी सकते हैं.” मैने नेहा की तरफ देखकर सख़्त आवाज़ मे कहा.
सलोनी भी बोलने लगी-“ वैसे भी पोलीस की जीप है-कोई डर नही है की कोई इसे रोकने की कोशिश भी करेगा-और तूने कपड़े भी कौन से ज़्यादा पहन रखे हैं.सिर्फ़ एक जीन्स और टॉप ही तो उतरना है तुझे-चल हो जा फटाफट नंगी “
नेहा ने कोई और रास्ता ना देख अपना टॉप उतार दिया और फटाफट जीन्स भी उतार डाली-वो अब एकदम नंगी खड़ी थी.अपने आप को छुपाने के लिए वो नीचे बैठ गयी,लेकिन उसकी इस हरकत से सलोनी को गुस्सा आ गया और वो उसके गाल पर चपटलगाकर बोली-“खड़ी हो जा !” और नेहा ना चाहते हुए भी खड़ी हो गयी.
मैने भी सलोनी को सपोर्ट करते हुए कहा-“तेरी इतनी हिम्मत की तू हमारी पर्मिशन के बिना नीचे बैठ गयी-अब तेरी सज़ा यही है कि तू पूरे रास्ते ऐसे ही खड़ी रहेगी सबको अपने नंगे जिस्म की नुमायाश कराती हुई.” हम लोगों को मालूम था कि जीप की विंडोस पर जो ग्लास लगे हुए थे वो टिनटेड थे और उनमे से बाहर से अंदर सॉफ सॉफ नही देखा जा सकता था. यह बात नेहा को बिल्कुल नही मालूम थी इसलिए वो खड़ी हुई शर्म और जलालत से मरी जा रही थी.उसने अपने एक हाथ से अपने सीने को और दूसरे हाथ से अपने योनि प्रदेश को कवर किया हुआ था.
जैसे ही एक रेड लाइट पर जीप आकर रुकी,सलोनी ने और मज़े लेते हुए मुझसे कहा-“इस समय बाहर काफ़ी लोग हैं और रोशनी भी भरपूर है-फिर भी इसने अपने इस खूबसूरत बदन को वेवजह ही छुपा रखा है-लोगों का ठीक से मनोरंजन करना हमारा फ़र्ज़ बनता है.”
सलोनी की बात को समझते हुए नेहा को हुक्म दिया-“अपने दोनो हाथ उपर उठाओ और ज़रा घूमकर दिखाओ !”
नेहा ने कुछ भी नही किया तो सलोनी ने उसके दोनो हाथ खुद पकड़ कर उपर कर दिए और मेरी तरफ देखकर बोली-“निशा यार ज़रा चेक तो कर कि इसकी तबीयत कैसी है”
कहने के साथ ही मैने अपने हाथ उसके मखमली नंगे बदन पर फिराने शुरू कर दिए-सलोनी ने उसके दोनो हाथ पकड़े हुए थे इस वजह से वो शर्म और जलालत से कसमसाने के अलावा और कुछ भी नही कर पा रही थी.
ग्रीन लाइट हो गयी और जीप चल पड़ी-कुछ देर का रास्ता सुनसान था-अब हम लोगों ने नेहा को अपने घुटनो पर लिटा लिया और उसके मखमली नंगे बदन से खेलना शुरू कर दिया.जब नेहा के घर आने मे 5 मिनिट का समय रह गया तो हम लोगों ने उसे अपनी गिरफ़्त से आज़ाद किया और कहा –“चल अपने कपड़े पहन ले …तेरा घर आने वाला है.अभी तो हम तुझे आज़ाद कर रही हैं….लेकिन तू हमारी लाइफ टाइम सेक्स स्लेव है….इस बात का ख़याल रखना.”
नेहा के मूह से सिर्फ़ यही निकला-“ जी मॅम !”
कुछ ही देर बाद हमारा हॉस्टिल भी आ गया और हम दोनो भी जीप से उतारकर अपने हॉस्टिल मे आ गयी.सारे दिन की मौज़ मस्ती के बाद काफ़ी थकान जैसी होने की वज़ह से हम दोनो कुछ ही देर मे नींद की गोद मे समा गयी.
अगले दिन सनडे होने की वजह से छुट्टी का दिन था और हम दोनो ने आज भी आराम करने का मन बनाया हुआ था-हम लोग फ्रेश होने के बाद ब्रेकफास्ट करने के बाद जब रिलॅक्स होने के मूड मे बैठे तो उस समय सुबह के 11 बज चुके थे.
सलोनी ने मुझ से कहा-“यार ! तेरे इस अमित ने तो एन मौके पर आकर सारी की सारी बाज़ी ही पलट डाली. तू ठीक ही कह रही थी कि पोलीस वालों से दोस्ती करने मे मज़े ही मज़े हैं.”
मैने सलोनी की तरफ देखकर कहा-“ अब अमित तो क्या, विवेक भी अपनी मुट्ठी मे ही है.उसकी भी खातिरदारी हमने नेहा से कराई, उसकी वज़ह से वो हम लोगों से बहुत ज़्यादा इंप्रेस्ड है.”
हम लोग यह बातें कर री रहे थे कि मेरे मोबाइल फोन की घंटी बज उठी.मैने देखा कि इनस्पेक्टर विवेक का फोन था. मैने फोन उठाकर कान पर लगा लिया-“हेलो विवेक सर !”
सलोनी मेरी तरफ उत्सुकता देखे जा रही थी,क्यूंकी विवेक मुझसे फोन पर क्या कह रहा था,वो सुन नही पा रही थी.कुछ ही देर बाद मैने फोन बंद कर दिया और सलोनी की तरफ देखकर बोली-“आज सुबह 4 बजे ब्लूमून नाइट क्लब में रेड हुई थी.वहाँ से काफ़ी टीनेजर्स ड्रग्स के साथ पकड़े गये हैं…….ज़्यादातर लड़के लड़किया बड़े घरानो से ताल्लुक रखते थे और वो सभी ऊँची सिफारिश या फिर ले दे कर छूट गये हैं-विवेक से पास लेकिन एक चिकनी लड़की अभी भी रह गयी है-जिसकी यहाँ कोई ना तो सिफारिश करने वाला है और ना ही वो कुछ पैसा खिलाने की पोज़िशन मे है.पोलीस ने अफीशियल तौर पर सारे केस को रफ़ा दफ़ा कर दिया है-लेकिन विवेक ने उस लड़की को अभी भी रिहा नही किया है और वो लड़की क्यूंकी पहली बार गिरफ्तार हुई है इसलिए बहुत अधिक डरी हुई है.”
मेरे मूह से यह सब सुनकर सलोनी के चेहरे पर ग़ज़ब की चमक आ गयी-“फिर….आगे बता कि हमे भी इसमे कुछ करना है क्या ?”
“एसीपी अमित अफीशियल ट्रिप पर बाहर गये हुए हैं-विवेक ने अमित को भी फोन किया था कि इस खूबसूरत चिड़िया का किया जाए…..अमित ने विवेक को हिदायत दी है कि वो निशा और सलोनी की प्रेज़ेन्स मे उस लौंडिया का इनटेरगेशन पोलीस गेस्ट हाउस मे कर ले.” मैने सलोनी को बताया तो उसके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गयी.
मैं अभी सलोनी को यह सब बता ही रही थी कि मेरा मोबाइल फोन फिर से बज उठा.इस बार अमित की कॉल थी.मैने फोन उठाया-“हेलो अमित सर
कुछ देर बाद मैने फोन रख दिया और सलोनी की तरफ देखकर हंसते हुए बोली-“अमित की मुझे यह हिदायत है कि उस खूबसूरत लौंडिया के पर वो आज लेट नाइट पहुँचने के बाद खुद ही कतरेगा.तब तक विवेक उसके साथ कोई छेड़खानी ना कर बैठे,इसका हम लोगों को ख़याल रखना है.”
सलोनी को शायद कुछ समझ नही आया-“तू क्या कह रही है मुझे कुछ समझ नही आया…..”
दोस्तो कहानी अभी बाकी है कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः.......