Bahan ki ichha -बहन की इच्छा
Re: Bahan ki ichha -बहन की इच्छा
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Re: Bahan ki ichha -बहन की इच्छा
Jemsbond wrote:plz update plz update plz update plz update plz update plz update plz update plz update
show8814 wrote:Waiting for next
dosto isi tarah coment dete rahiye update jaru milega
Re: Bahan ki ichha -बहन की इच्छा
बहन की इच्छा—7
गतान्क से आगे…………………………………..
मेने ऊर्मि दीदी को कहा के में टायलेट जाकर आता हूँ. बाथरूम में आकर मेने झट से मेरी शर्ट-पॅंट अंडरावेअर के साथ नीचे खींच ली और मेरा कड़ा लंड मुठ्ठी में पकड़'कर मेने पाँच छे स्ट्रोक मारे. अगले ही पल मेरा पानी छूट गया और वीर्य की छ्होटी मोटी, चार पाँच पिच'कारीया छिटक गयी. कुच्छ पल में मेरा लंड हिला रहा था. शांत हो जा'ने के बाद मेने पेशाब किया और फिर मेरा लंड पानी से साफ किया. झाड़'ने के बाद भी मेरा लंड थोड़ा कड़ा था फिर भी मेने उसे अंडरावेा में ठूंस लिया और शर्ट-पॅंट अच्छी तरह से पहन ली. सब कुच्छ ठीक ठाक है ये चेक कर के में बाथरूम से बाहर आया.
मेने देखा के ऊर्मि दीदी टीवी देख रही थी. में बाहर आया तो उस'ने हंस के मेरी तरफ देखा और वापस वो टीवी देख'ने लगी. में आकर बेड के कोनेपर उसके पैरो तले बैठ गया और उसकी तरफ देख'ने लगा. पाँच मिनट तो ऐसे ही गये, में ऊर्मि दीदी की तरफ देख रहा हूँ और वो टीवी की तरफ देख रही है. बीच बीच में वो मेरी तरफ देख'ती थी और शरम से हंस'ते हंस'ते वापस टीवी देख'ती थी. में बावले की तरह देख रहा था के वो अभी उठेगी या बाद में उठेगी लेकिन वो हिल भी नही रही थी. आखीर मेने उसे कहा,
"दीदी! तुम तैयार हो ना?"
"तैयार??.. किस लिए??"
"मुझे दिखाने के लिए. के नग्न स्त्री कैसी दिख'ती है."
"हां ! में तैयार हूँ!!"
"तो फिर दिखाओ ना मुझे.."
"में कैसे दिखाउ तुम्हें, सागर??"
"कैसे यानी? अभी तो तुम'ने कहा था के तुम तैयार हो दिखाने के लिए?"
"हां !. लेकिन में कैसे अप'ने भाई के साम'ने नंगी हो जाउ??"
"क्या मतलब, दीदी?? पहेलीया मत बुझाओ. साफ साफ कहो तुम क्या कह'ना चाह'ती हो?"
"अरे पागले!! तुम्हारी समझ में क्यों नही आ रहा है.. में कैसे तुम्हारे साम'ने मेरे कपड़े निकालू?? मुझे शरम आ रही है ना खुद के कपड़े निकाल'ने में! इस'लिए तुम्हें ही वो काम कर'ना पड़ेगा अगर तुम्हें मुझे नंगी देख'ना है तो."
गतान्क से आगे…………………………………..
मेने ऊर्मि दीदी को कहा के में टायलेट जाकर आता हूँ. बाथरूम में आकर मेने झट से मेरी शर्ट-पॅंट अंडरावेअर के साथ नीचे खींच ली और मेरा कड़ा लंड मुठ्ठी में पकड़'कर मेने पाँच छे स्ट्रोक मारे. अगले ही पल मेरा पानी छूट गया और वीर्य की छ्होटी मोटी, चार पाँच पिच'कारीया छिटक गयी. कुच्छ पल में मेरा लंड हिला रहा था. शांत हो जा'ने के बाद मेने पेशाब किया और फिर मेरा लंड पानी से साफ किया. झाड़'ने के बाद भी मेरा लंड थोड़ा कड़ा था फिर भी मेने उसे अंडरावेा में ठूंस लिया और शर्ट-पॅंट अच्छी तरह से पहन ली. सब कुच्छ ठीक ठाक है ये चेक कर के में बाथरूम से बाहर आया.
मेने देखा के ऊर्मि दीदी टीवी देख रही थी. में बाहर आया तो उस'ने हंस के मेरी तरफ देखा और वापस वो टीवी देख'ने लगी. में आकर बेड के कोनेपर उसके पैरो तले बैठ गया और उसकी तरफ देख'ने लगा. पाँच मिनट तो ऐसे ही गये, में ऊर्मि दीदी की तरफ देख रहा हूँ और वो टीवी की तरफ देख रही है. बीच बीच में वो मेरी तरफ देख'ती थी और शरम से हंस'ते हंस'ते वापस टीवी देख'ती थी. में बावले की तरह देख रहा था के वो अभी उठेगी या बाद में उठेगी लेकिन वो हिल भी नही रही थी. आखीर मेने उसे कहा,
"दीदी! तुम तैयार हो ना?"
"तैयार??.. किस लिए??"
"मुझे दिखाने के लिए. के नग्न स्त्री कैसी दिख'ती है."
"हां ! में तैयार हूँ!!"
"तो फिर दिखाओ ना मुझे.."
"में कैसे दिखाउ तुम्हें, सागर??"
"कैसे यानी? अभी तो तुम'ने कहा था के तुम तैयार हो दिखाने के लिए?"
"हां !. लेकिन में कैसे अप'ने भाई के साम'ने नंगी हो जाउ??"
"क्या मतलब, दीदी?? पहेलीया मत बुझाओ. साफ साफ कहो तुम क्या कह'ना चाह'ती हो?"
"अरे पागले!! तुम्हारी समझ में क्यों नही आ रहा है.. में कैसे तुम्हारे साम'ने मेरे कपड़े निकालू?? मुझे शरम आ रही है ना खुद के कपड़े निकाल'ने में! इस'लिए तुम्हें ही वो काम कर'ना पड़ेगा अगर तुम्हें मुझे नंगी देख'ना है तो."