हमारा चुंबन ख़तम होने के बाद उन्होने मुझे किसी गुड़िया की तरह अपने हाथों मे उठाया और मुझे बाथरूम मे ले आए. उस समय 6.30 हुए थे और हमारे पास पार्टी मे जाने के पहले काफ़ी समय था. उन्होने फव्वारा चालू किया और हम दोनो भीगने लगे. मैने अपना गीला गाउन उतार कर अपने सेक्सी बदन को कपड़े से आज़ाद किया. गर्मी का मौसम और फव्वारे का ठंडा ठंडा पानी. लेकिन वो ठंडा पानी भी हमारी चुदाई की गर्मी को कम नही कर रहा था, बल्कि और बढ़ा रहा था. मैने उनकी चड्डी भी उतार दी और देखा की उनका खड़ा हुआ लंबा लॉडा मुझे सलाम कर रहा था. मैने देखा कि उनके लंड के आस पास कुछ बाल उग आए हैं. मेरी चूत तो बिल्कुल सॉफ, बिना बालों के, चिकनी थी क्यों कि मैने तो दो दिन पहले ही अपनी चूत के बाल सॉफ किए थे. मैने उनके खड़े हुए, सख़्त, लंबे और मोटे लंड लो अपने हाथ मे पकड़ा. उनके लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली पर से होता हुआ पानी नीचे गिर रहा था.
मेरे पति को पता है कि मुझे चूत या लंड पर बाल पसंद नही है, खास कर के मुख मैतून करते वक़्त. वो तुरंत समझ गये की मेरी आँखों ने क्या देखा है. उन्होने तुरंत नीचे के बाल साफ करने वाला सामान बाथरूम की छोटी आलमारी से निकाला. मैं फव्वारे के नीचे बैठी उनको देख रही थी जबकि वो फव्वारे के बरसते पानी से बाहर चले गये. उन्होने अपने खड़े लंड के आस पास, जहाँ जहाँ बाल थे, और लंड के नीचे लटकी गोलियों की थैली पर भी थोड़ी शेविंग क्रीम लगाई. हमेशा की तरह मैने उनको अपनी झाँटे सॉफ करने मे मदद की क्यों कि मुझे ये काम पसंद है. जब वो रेज़र से अपने बाल साफ कर रहे थे तो मैने उनका लंड पकड़ रखा था और मैने उनके लंड के नीचे की गोलियों की थैली को भी इधर उधर कर के वहाँ से बाल साफ करने मे उनकी मदद की. जल्दी ही उनका सुंदर लंड बिना बालों के, चिकना हो कर मेरी आँखों के सामने था. अब वो भी फव्वारे के नीचे आ गये थे और उनके लौडे के आस पास लगी साबुन पानी मे बह गई और उनका लंड चमक उठा. मैने बिना कोई समय बर्बाद किए तुरंत ही नीचे बैठे बैठे उनका प्यारा सा, खड़ा हुआ, सख़्त, लंबा और मोटा लंड चूसने के लिए अपने मूह मे ले लिया. वो खड़े थे और उनके हाथ मेरे सिर के बालों मे प्यार से घूमने लगे जबकि मैं बाथरूम के फर्श पर बैठ कर उनके लंड को चूस रही थी. आप को मेरे पति की मर्दानगी मालूम ही है कि उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है और ज़्यादातर उनकी एक चुदाई मे मेरी दो चुदाई हो जाती है. उनकी ये मर्दानगी हम दोनो के लिए बड़े गर्व की बात है. अब मुझे उनको अपने हाथ और मूह से ही इतना गरम करना था और इतना आगे ले जाना था कि चोद्ते वक़्त उनके लंड से मेरे खुद के झड़ने के साथ ही पानी निकले. फव्वारे से बरसता पानी हम को और भी सेक्सी बना रहा था. उन के लंड का मूह मेरे मूह मे था और निचला हिस्सा मेरे हाथ मे था. मेरी जीभ उनके लंड के मूह, सुपाडे पर घूम रही थी जो उनको पूरा मज़ा दे रही थी. वो हमेशा कहतें हैं कि मैं बहुत अच्छा लंड चुस्ती और चाट ती हूँ. मैं खुद जानती हूँ कि मैं कितनी क़ाबलियत के साथ लंड चुस्ती हूँ. मैं उनका लंड अपनी हथेली मे पकड़ कर आगे पीछे करते हुए उनके लंड का सुपाडा चूस रही थी. उनका लंड चूस्ते और मूठ मारते हुए मुझे ये अंदाज़ा हो गया था कि मैं उनको आधी दूर ले आई हूँ और अब हम अपना पसदीदा चुदाई का खेल शुरू कर सकतें हैं. मेरी चूत तो उनका लंड चूस्ते चूस्ते ही काफ़ी गीली हो चुकी थी और उनका लंड लेने को तय्यार थी.
हम दोनो पानी बरसाते फव्वारे के नीचे आमने सामने खड़े थे. मेरी चुचियों और मेरी निपल्स पर से होता हुआ फव्वारे का पानी बह रहा था. उन्होने मेरी गीली चुचियों को, गीली निपल्स को बहुत ही प्यार से चूसा.
हम दोनो को ही हमेशा अलग अलग पोज़िशन मे चुदाई करना पसंद है. उन्होने अपने हाथ मेरे पीछे करते हुए मुझे मेरी नंगी गंद पकड़ कर उठा लिया. मैं जैसे उनकी हथेलियों पर अपनी गंद टिका कर बैठी थी. मैं चुद्वाने के लिए तय्यार थी और मेरी चूत भी उनके लंड का स्वागत करने को तय्यार थी. क्यों कि मैं उनके दोनो हाथ पर अपनी गंद रख कर बैठी थी और वो खड़े थे, मैने अपना हाथ नीचे करके, उनके इंतज़ार करते हुए गरम लौडे को पकड़ कर अपनी चूत के दरवाजे पर लगाया और उन्होने मेरी गंद ज़रा दबाई तो उनका फन्फनाता हुआ लंड मेरी चूत मे घुसने लगा. चुदाई की इस पोज़िशन मे मेरे लिए ज़्यादा कुछ करने को नही था सिवाय चुद्वाने के. वो मेरी गंद पकड़े हुए थे और मुझे उपर नीचे, उपर नीचे कर रहे थे. मेरे हाथ उनकी गर्दन पर लिपटे हुए थे. हमेशा की तरह उनका लंबा लंड मेरी चूत की गहराइयों मे मज़ा देने वाले स्थान को खत खता रहा था. वो मेरी गंद पकड़ कर मुझे चोद रहे थे और मैं अपनी गंद उनके हाथ मे रख कर मज़े से चुद्वा रही थी. फव्वारे के बरसते पानी के नीचे जो जवान नंगे जिस्म जल रहे थे और अपनी चुदाई की गर्मी को कम करने की कोशिश कर रहे थे. बहते पानी मे भी चुदाई की फ़चा फॅक .. फ़चा फॅक…….. फाका फक…… फाका फक हो रही थी. एक बार फिर मुझे लगा कि मैं उनसे कहीं पहले ही झाड़ जाउन्गि. मैं अपने पूरे अनुभव और क़ाबलियत के साथ इस तरह चुद्वा रही थी कि उनको भरपूर मज़ा मुझको चोद्ने मे आए. अब उनकी चोद्ने की रफ़्तार बढ़ गई थी और उनका लंड तेज़ी से और जल्दी जल्दी मेरी गीली चूत मे अंदर बाहर हो रहा था. हमारी आँखें चुदाई के आनंद के मारे बंद हुई जा रही थी. चुदाई का पूरा दारोमदार उन पर था और वो मेरी नंगी गंद पकड़ कर धक्के लगा रहे थे. मैं जोरदार चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी. उनके लंड के, मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मेरी चुचियाँ उच्छल रही थी. वो मुझे किसी गुड़िया की तरह अपने हाथों मे उठाए बाथरूम मे बरसते पानी के नीचे चोद रहे थे. मुझे उनके तेज होते धक्कों, उनके लंड के मेरी चूत मे आते जाते और अधिक सख़्त होने से ये पता चल चुका था कि जल्दी ही उनका लंड मेरी चूत मे अपना लंड रस बरसाने वाला है. मैं तो पहले से ही अपने झड़ने के काफ़ी करीब थी. अचानक ही उनकी चुदाई की रफ़्तार तूफ़ानी हो गई और मैं उनके हाथों मे किसी खिलोने की तरह हवा मे उच्छल रही थी. मेरी हवा मे उच्छलती चुचिया कई बार मेरी खुद की ठुड्डी से टकराई. मैं तो बस पहुँचने ही वाली थी और मेरा नंगा बबन झड़ने के लिए अकड़ने लगा. उनका लॉडा भी हर धक्के के साथ सख़्त, और सख़्त होता जा रहा था.
जुली को मिल गई मूली compleet
Re: जुली को मिल गई मूली
मैं खुद को रोक नही सकी और करीब करीब चिल्लाई – ओह डियर…….. मैं तो गई जानू.
वो बोले – रूको जूली……….. मैं भी आया.
हम दोनो प्यार और चुदाई के मज़े और उत्तेजना मे बड़बड़ाने लगे.
” लव यू डियर…….. ओह डार्लिंग……….. जानू……… जान….. आआहह …. ऊऊहह …… हाआअन्न्ननणणन्.”
अचानक, मैं झाड़ गई और मैने अपने आप को स्वर्ग मे महसूस किया. मेरे हाथ उनकी गर्दन पर कस गये पर नीचे उनके लंड के तूफ़ानी धक्के मेरी चूत मे लगातार जारी थे. मुझे पता था कि वो भी जल्दी ही झड़ने वाले हैं. मैं भी उनको चुदाई की मंज़िल पर पहुँचने मे पूरा साथ दे रही थी. करीब 10 धक्कों के बाद, उन्होने मेरी नंगी गंद को पकड़ कर अपने लंड पर भींच लिया और उनका लंड मेरी चूत मे अपना लंड रस बरसाने लगा. उनका लंड किसी पंप की तरह अपना पानी मेरी चूत की गहराइयों मे नाचता हुआ फेंक रहा था. उन के लंड का इस तरह नाच नाच कर पानी निकालना मुझे बहुत पसंद है. हम दोनो इसी तरह झड़ने का मज़ा ले रहे थे और किसी तरह उन्होने मेरी लटकती चुचि को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगे. मेरे पति को ये अच्छी तरह पता है कि चुदाई मे ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा कैसे लिया जाता है और कैसे दिया जाता है. अपने लंड के पानी की मेरी चूत के अंदर अंतिम बौछार करके उन्होने मुझे नीचे उतारा. उनका लंड मेरी चूत से बाहर आ चुका था. मैने देखा की उनका लंड पूरी तरह गीला था, उनके खुद के लंड से निकले रस से और मेरी चूत के रस से. फव्वारे से बरसता पानी उनके लंड को सॉफ करने लगा और मेरी चूत से उनका छ्चोड़ा गया पानी भी मेरे चूत रस के साथ बाहर आने लगा था.
बाथरूम मे, फिर एक बार हमारे बीच एक शानदार चुदाई संपन्न हुई, इस बार तो मैं चुदाई के समय उनके हाथों मे लटकी हुई थी.
उन्होने मेरी चूत पर शॅमपू लगा कर सॉफ किया और मैने उनके लंड को साबुन लगा कर सॉफ किया.
अपना अपना नंगा बदन पूंछ कर हम दोनो ही नंगे बाथरूम से बेडरूम मे पार्टी मे जाने के लिए तय्यार होने को आए.
मेरे पति बोले – डार्लिंग ! एक कप चाइ मिलेगी ?
मैने उत्तर दिया – क्यों नही डियर ! मैं ज़रा गाउन पहन लूँ.
वो बोले – नही जानू. तुम जानती हो कि कपड़े तुम्हारे जिस्म पर अच्छे नहीं लगते जब हम दोनो घर मे अकेले होते है.
मैं बस इतना ही कह सकी – शरारती कहीं के.
और हम दोनो ही हंस पड़े. मैं चाइ बनाने के लिए किचन मे जाने को घूमी. मैं पूरी तरह नंगी थी और मेरे पति भी पूरे नंगे थे. हम दोनो को ही एक दूसरे का नंगा बदन बहुत पसंद है. अब उनका लॉडा शांत था और आराम से जैसे उनकी गोलियों की थैली पर बैठा हुआ था. मैं रसोई मे नंगी खड़ी हो कर चाइ बना रही थी और वो बाहर के कमरे मे सोफा पर नंगे बैठ कर टी.वी. देखने लगे. बाहर का कमरा कुछ इस पोज़िशन मे था की अगर रसोई का दरवाजा खुला हो तो एक कोने से रसोई मे बाहर के कमरे से देखा जा सकता है. मैने रसोई मे खड़े खड़े उनको बाहर के कमरे मे बैठा हुआ देखा जबकि चाइ उबल रही थी. मुझे फिर एक बार अपने चुड़क्कड़ पति और मेरी पसंद पर गर्व महसूस हुआ. एक बहुत ही अच्छे इंसान, हमेशा दूसरों का ध्यान रखने वाले, सुंदर, गोरे रंग के, लंबे कद के और मजबूत कसरती बदन के मालिक, और सब से उपर ये की चुदाई के मामले मे एक बहुत ही मज़बूत मर्द, ऐसे है मेरे पति. उनके पास एक शानदार, लंबा और मोटा लॉडा है जिसकी मैं दीवानी हूँ. मैं अपने आप को दुनिया की सबसे खुसकिस्मत औरत मानती हूँ जिसके पास दुनिया का सबसे अच्छा पति है.
वो बोले – रूको जूली……….. मैं भी आया.
हम दोनो प्यार और चुदाई के मज़े और उत्तेजना मे बड़बड़ाने लगे.
” लव यू डियर…….. ओह डार्लिंग……….. जानू……… जान….. आआहह …. ऊऊहह …… हाआअन्न्ननणणन्.”
अचानक, मैं झाड़ गई और मैने अपने आप को स्वर्ग मे महसूस किया. मेरे हाथ उनकी गर्दन पर कस गये पर नीचे उनके लंड के तूफ़ानी धक्के मेरी चूत मे लगातार जारी थे. मुझे पता था कि वो भी जल्दी ही झड़ने वाले हैं. मैं भी उनको चुदाई की मंज़िल पर पहुँचने मे पूरा साथ दे रही थी. करीब 10 धक्कों के बाद, उन्होने मेरी नंगी गंद को पकड़ कर अपने लंड पर भींच लिया और उनका लंड मेरी चूत मे अपना लंड रस बरसाने लगा. उनका लंड किसी पंप की तरह अपना पानी मेरी चूत की गहराइयों मे नाचता हुआ फेंक रहा था. उन के लंड का इस तरह नाच नाच कर पानी निकालना मुझे बहुत पसंद है. हम दोनो इसी तरह झड़ने का मज़ा ले रहे थे और किसी तरह उन्होने मेरी लटकती चुचि को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगे. मेरे पति को ये अच्छी तरह पता है कि चुदाई मे ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा कैसे लिया जाता है और कैसे दिया जाता है. अपने लंड के पानी की मेरी चूत के अंदर अंतिम बौछार करके उन्होने मुझे नीचे उतारा. उनका लंड मेरी चूत से बाहर आ चुका था. मैने देखा की उनका लंड पूरी तरह गीला था, उनके खुद के लंड से निकले रस से और मेरी चूत के रस से. फव्वारे से बरसता पानी उनके लंड को सॉफ करने लगा और मेरी चूत से उनका छ्चोड़ा गया पानी भी मेरे चूत रस के साथ बाहर आने लगा था.
बाथरूम मे, फिर एक बार हमारे बीच एक शानदार चुदाई संपन्न हुई, इस बार तो मैं चुदाई के समय उनके हाथों मे लटकी हुई थी.
उन्होने मेरी चूत पर शॅमपू लगा कर सॉफ किया और मैने उनके लंड को साबुन लगा कर सॉफ किया.
अपना अपना नंगा बदन पूंछ कर हम दोनो ही नंगे बाथरूम से बेडरूम मे पार्टी मे जाने के लिए तय्यार होने को आए.
मेरे पति बोले – डार्लिंग ! एक कप चाइ मिलेगी ?
मैने उत्तर दिया – क्यों नही डियर ! मैं ज़रा गाउन पहन लूँ.
वो बोले – नही जानू. तुम जानती हो कि कपड़े तुम्हारे जिस्म पर अच्छे नहीं लगते जब हम दोनो घर मे अकेले होते है.
मैं बस इतना ही कह सकी – शरारती कहीं के.
और हम दोनो ही हंस पड़े. मैं चाइ बनाने के लिए किचन मे जाने को घूमी. मैं पूरी तरह नंगी थी और मेरे पति भी पूरे नंगे थे. हम दोनो को ही एक दूसरे का नंगा बदन बहुत पसंद है. अब उनका लॉडा शांत था और आराम से जैसे उनकी गोलियों की थैली पर बैठा हुआ था. मैं रसोई मे नंगी खड़ी हो कर चाइ बना रही थी और वो बाहर के कमरे मे सोफा पर नंगे बैठ कर टी.वी. देखने लगे. बाहर का कमरा कुछ इस पोज़िशन मे था की अगर रसोई का दरवाजा खुला हो तो एक कोने से रसोई मे बाहर के कमरे से देखा जा सकता है. मैने रसोई मे खड़े खड़े उनको बाहर के कमरे मे बैठा हुआ देखा जबकि चाइ उबल रही थी. मुझे फिर एक बार अपने चुड़क्कड़ पति और मेरी पसंद पर गर्व महसूस हुआ. एक बहुत ही अच्छे इंसान, हमेशा दूसरों का ध्यान रखने वाले, सुंदर, गोरे रंग के, लंबे कद के और मजबूत कसरती बदन के मालिक, और सब से उपर ये की चुदाई के मामले मे एक बहुत ही मज़बूत मर्द, ऐसे है मेरे पति. उनके पास एक शानदार, लंबा और मोटा लॉडा है जिसकी मैं दीवानी हूँ. मैं अपने आप को दुनिया की सबसे खुसकिस्मत औरत मानती हूँ जिसके पास दुनिया का सबसे अच्छा पति है.
Re: जुली को मिल गई मूली
चाइ ले कर मैं बाहरी कमरे मे आई और चाइ की ट्रे को टेबल पर रखा. उन्होने मुझे मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मुझे अपनी नंगी गोद मे बिठा लिया. उन्होने मुझे मेरे होठों पर चूमा और उनके हाथ मेरी नंगी पीठ सहलाने लगे. उनके गरमा गरम चुंबन से मैं फिर से गरम होने लगी. मैने अपनी नंगी गंद के नीचे, उनके पैरों के बीच कुछ हलचल महसूस की. मैं झट से खड़ी हो गई और देखा कि उनका लंड फिर से खड़ा होने लग गया है. ऐसा लग रहा था जैसे लंबे गुब्बारे मे हवा भर रही हो.
मैने मुस्कराते हुए कहा – हम को पार्टी मे जाने के लिए तय्यार होना है. ठीक?
वो बोले – हां. तुम ठीक कहती हो, पर पार्टी हमारा थोड़ा इंतज़ार कर सकती है. एक छ्होटी सी, फटाफट चुदाई के बारे मे क्या ख़याल है?
मैने उत्तर दिया – मैं तय्यार हूँ. पर हम को पार्टी मे जाने मे देर हो जाएगी.
उन्होने एक लंबी साँस ली और बोले – ठीक है मेरी रानी. ये तो हमारा खेल है और हम इसको चाहें जब, चाहे जहाँ खेल सकतें हैं. कोई बात नही, पार्टी के बाद सही.
हम दोनो ने चाइ का अपना अपना कप उठाया और हम दोनो नंगे एक दूसरे के सामने बैठ कर चाइ की चुस्कियाँ लेने लगे. मेरी आँखें चाइ पीते वक़्त भी उनके बढ़ते हुए, लंबे होते हुए, मोटे होते हुए और खड़े होते हुए लौडे पर ही जमी रही. हमने अपनी अपनी चाइ ख़तम की और बेडरूम मे तय्यार होने को आ गये.
उन्होने क्रीम रंग की सफ़ारी पहनी और मैने नीले रंग की सारी पहनी. वो बहुत ही सुंदर लग रहे थे और मैने भी अपने आप को शीशे मे देखा.
मुझे देखकर वो बोले – तुम बहुत सुंदर दिख रही हो जूली जान. दिल तो करता है कि पार्टी मे जाकर क्या करना है ? क्यों ना हम अपनी निज़ी पार्टी मनाएँ, बिना कपड़ों के ?
मैं बोली – तुम फिर से शरारत कर रहे हो.
उत्तर मे वो हँसे और हम तय्यार हो कर पार्टी के लिए रवाना हो गये.
ये एक छ्होटी सी पार्टी थी जहाँ ज़्यादा लोग आमंत्रित नही थे. मुझे ये लिखते हुए बहुत अच्छा लग रहा है कि उस पार्टी मे मैं सब की नज़रों का केन्द्र थी. मैने उन औरतों की आँखों मे अपने लिए जलन देखी जिनके पति लगातार मुझे घूरे जा रहे थे. सच कहूँ तो उन औरतों की जलन देख कर मैं खुश हो रही थी. ये बहुत मज़ेदार पार्टी थी जो देर रात तक चली और जब हम घर पहुँचे तो रात के 1.30 बजे थे.
हम दोनो ही बहुत थकान महसूस कर रहे थे इसलिए बिना चुदाई किए, कपड़े उतार कर, नंगे होकर, एक दूसरे को बाहों मे ले कर हम जल्दी ही सो गये.
अगली सुबह, मेरे पति ने मेरी एक फटाफट चुदाई की और ऑफीस चले गये. मैं कंप्यूटर पर मेरी मैल देख रही थी तो अमेरिका से किसी आदमी की चॅट रिक्वेस्ट देखी. ज़्यादातर मैं अंजान आदमी की ऐसी रिक्वेस्ट पर ज़्यादा ध्यान नही देती. पर पता नही क्यों, मैने वो रिक्वेस्ट आक्सेप्ट करली. फिर मैने अपनी मैल चेक करनी और उनका जवाब देना शुरू किया.
शाम को मेरे पति ने मुझे फोन करके कहा कि उनको आज ऑफीस मे काम ज़्यादा होने की वजह से आने मे देरी होगी. मेरे पास करने को कुछ खास नही था तो समय बिताने के लिए मैने कंप्यूटर चालू किया. जैसे ही मैने कंप्यूटर मे अपनी मैल खोली, अमेरिका का वही व्यक्ति, जिसकी चॅट रिक्वेस्ट मैने सुबह स्वीकार की थी, वो लाइन पर था. मुझे भी समय बिताना था इसलिए मैं उस से चैटिंग करने लगी.
मैने मुस्कराते हुए कहा – हम को पार्टी मे जाने के लिए तय्यार होना है. ठीक?
वो बोले – हां. तुम ठीक कहती हो, पर पार्टी हमारा थोड़ा इंतज़ार कर सकती है. एक छ्होटी सी, फटाफट चुदाई के बारे मे क्या ख़याल है?
मैने उत्तर दिया – मैं तय्यार हूँ. पर हम को पार्टी मे जाने मे देर हो जाएगी.
उन्होने एक लंबी साँस ली और बोले – ठीक है मेरी रानी. ये तो हमारा खेल है और हम इसको चाहें जब, चाहे जहाँ खेल सकतें हैं. कोई बात नही, पार्टी के बाद सही.
हम दोनो ने चाइ का अपना अपना कप उठाया और हम दोनो नंगे एक दूसरे के सामने बैठ कर चाइ की चुस्कियाँ लेने लगे. मेरी आँखें चाइ पीते वक़्त भी उनके बढ़ते हुए, लंबे होते हुए, मोटे होते हुए और खड़े होते हुए लौडे पर ही जमी रही. हमने अपनी अपनी चाइ ख़तम की और बेडरूम मे तय्यार होने को आ गये.
उन्होने क्रीम रंग की सफ़ारी पहनी और मैने नीले रंग की सारी पहनी. वो बहुत ही सुंदर लग रहे थे और मैने भी अपने आप को शीशे मे देखा.
मुझे देखकर वो बोले – तुम बहुत सुंदर दिख रही हो जूली जान. दिल तो करता है कि पार्टी मे जाकर क्या करना है ? क्यों ना हम अपनी निज़ी पार्टी मनाएँ, बिना कपड़ों के ?
मैं बोली – तुम फिर से शरारत कर रहे हो.
उत्तर मे वो हँसे और हम तय्यार हो कर पार्टी के लिए रवाना हो गये.
ये एक छ्होटी सी पार्टी थी जहाँ ज़्यादा लोग आमंत्रित नही थे. मुझे ये लिखते हुए बहुत अच्छा लग रहा है कि उस पार्टी मे मैं सब की नज़रों का केन्द्र थी. मैने उन औरतों की आँखों मे अपने लिए जलन देखी जिनके पति लगातार मुझे घूरे जा रहे थे. सच कहूँ तो उन औरतों की जलन देख कर मैं खुश हो रही थी. ये बहुत मज़ेदार पार्टी थी जो देर रात तक चली और जब हम घर पहुँचे तो रात के 1.30 बजे थे.
हम दोनो ही बहुत थकान महसूस कर रहे थे इसलिए बिना चुदाई किए, कपड़े उतार कर, नंगे होकर, एक दूसरे को बाहों मे ले कर हम जल्दी ही सो गये.
अगली सुबह, मेरे पति ने मेरी एक फटाफट चुदाई की और ऑफीस चले गये. मैं कंप्यूटर पर मेरी मैल देख रही थी तो अमेरिका से किसी आदमी की चॅट रिक्वेस्ट देखी. ज़्यादातर मैं अंजान आदमी की ऐसी रिक्वेस्ट पर ज़्यादा ध्यान नही देती. पर पता नही क्यों, मैने वो रिक्वेस्ट आक्सेप्ट करली. फिर मैने अपनी मैल चेक करनी और उनका जवाब देना शुरू किया.
शाम को मेरे पति ने मुझे फोन करके कहा कि उनको आज ऑफीस मे काम ज़्यादा होने की वजह से आने मे देरी होगी. मेरे पास करने को कुछ खास नही था तो समय बिताने के लिए मैने कंप्यूटर चालू किया. जैसे ही मैने कंप्यूटर मे अपनी मैल खोली, अमेरिका का वही व्यक्ति, जिसकी चॅट रिक्वेस्ट मैने सुबह स्वीकार की थी, वो लाइन पर था. मुझे भी समय बिताना था इसलिए मैं उस से चैटिंग करने लगी.