प्यास बुझती ही नही compleet

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The Romantic
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Re: प्यास बुझती ही नही

Unread post by The Romantic » 24 Dec 2014 12:40

good one keep going

007
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Re: प्यास बुझती ही नही

Unread post by 007 » 25 Dec 2014 08:51

प्यास बुझती ही नही--21

गतान्क से आगे..........................

इनस्पेक्टर शर्मा, 32 य्र्स, मॅरीड हॅविंग 1 किड, पर उसकी वाइफ अक्सर अपने मयके मे रहती है और शर्मा अपने सरकारी क्वॉर्टर मे.....कभी कभी छुट्टियो मे अपनी वाइफ के पास चला जाता है और चोद कर चला आता है......पर इन सब से उसकी सेक्स सॅटिस्फॅक्षन नही होती है....उसे चाहिए पार्मेनेंट कोई मिले जो रात को रंगीन कर सके...इधर इनस्पेक्टर शर्मा सेक्स की बुक पढ़ना, इंटरनेटपर राज शर्मा की कामुक कहानियाँ देखना और चुदाई मे काफ़ी इंटेरेस्टे ले रहा था...विशेष कर रश्मि मे...वो रश्मि को हर हाल मे पाना चाहता था...पर वो ये भी चाहता था कि रश्मि उसे चाहे और उसके बिस्तेर की सोभा बने....तभी वो रश्मि को इंप्रेस कर रहा था........उसका लंड 8" लंबा...और ओरल सेक्स मे इंटेरेस्ट भी लेता था.............उसने बेडरूम मे, बाथरूम मे और यान्हा तक के लेट्रीन मे भी रश्मि के फोटो लगा रखी थी....रोज अपने लंड को रश्मि के होंठो पर रखता था और मूठ मार कर सो जाता था....

दूसरी तरह रश्मि भी इनस्पेक्टर शर्मा को अंदर ही अंदर चाहने लगी थी….पर वो अपने मुँह से आक्सेप्ट नही कर रही थी….जब वो इनस्पेक्टर शर्मा के साथ जीप पर बैठ कर जा रही थी तो दो बार वो इनस्पेक्टर शर्मा के बदन को टच किया….वो सिहर गयी थी…..पर उसे उस समय कुच्छ अजीब लगा…. पर आज राज के कुरेदे जाने पर वो टीस फिर जाग उठी………….वो मन ही मन इनस्पेक्टर शर्मा को चाहने लगी……इनस्पेक्टर शर्मा, लंबा कद, चौड़ा सीना, चौड़ी कमर, और हो ना हो उसका लंड भी बड़ा ही होगा…जैसा कि परसोनालिटी से लगता है….उसके मुँह और चूत मे पानी आ गया………ये सोचते ही फिर वो शर्मा गयी…..वैसे वो राज से कई बार चुद चुकी थी …पर फिर भी उसे एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी…..क्योकि इनस्पेक्टर शर्मा बाहर के मर्द थे……………उसने अपने मन से पूछा …क्या ये ठीक रहेगा……किसी गैर मर्द से सेक्स करना कहाँ तक उचित है…..राज तो मर्द है…इसे समाज कुच्छ नही बोलेगा…पर मे तो एक औरत हू…और वो भी विडो….समाज की नज़र मे…………..हेई भगवान ….क्या करू.

उसकी चूत मे चिंतिया चलने लगी…….पॉज़िटिव और नेगेटिव सोचते सोचते वो सो गयी…क्योकि सुबह स्मृति को वापस देहरादून जाना था….

करीब 10 बजे पर इनस्पेक्टर शर्मा का फोन आया रश्मि के मोबाइल पर.....रश्मि उस समय नहाने जा रही थी....उसके बदन पर सिर्फ़ एक पेटिकोट था जो कि चुचियो को ढँके हुए था......रश्मि भाग कर अपने रूम मे गयी और मोबाइल ऑन कर सुनने लगी......दूसरी तरफ इनस्पेक्टर शर्मा थे.....

इनस्पेक्टर शर्मा: हाई.....हाउ आर यू..?

रसम: ठीक हू.....अओर आप

इनस्प. शर्मा: ठीक ठाक...क्या कर रही हो...

रश्मि: नहाने जा रही थी....

इनस्प. शर्मा: व्हाट्स आ ग्रेट सीन आइ थिंक...

रश्मि: आप पोलीस वाले इतने रोमॅंटिक कब से होने लगे?

इनस्पेक्टर शर्मा: क्यो...? पोलीस वालो की भावनाए नही होती क्या?

रश्मि: ह्म इंट्रेस्टिंग...और बताओ...? क्या चल रहा है

इनस्पेक्टर शर्मा: आज मेरा बर्तडे है और मेने एक पार्टी रखी है सिर्फ़ तुम्हारे लिए....होप सो...कि तुम आओगी....बाकी तुम्हारी मर्ज़ी.

रश्मि: कुच्छ सोचते हुए.....मे वादा तो नही करूँगी पर मे कोशिश ज़रूर करूँगी...पर समय ज़्यादा नही लगना चाहिए...?

इनस्प. शर्मा: बिल्कुल नही...और फिर मे खुद छोड़ दूँगा.....

रश्मि: तब ठीक है...मे अपने जेठ जी से पुच्छ के बताउन्गि...

इनस्प. शर्मा: उनसे क्यो पुच्छना....? तुम खुद डिसिशन ले सकती हो

रश्मि: मिस्टर. मेरे घर मे एक रूल है ....सभी डिसिशन घर के बड़े लोग लेते है ...सही और ग़लत...... और फिर मेरे गार्डियन वही है...मे उनके आदेश के वगैर कुच्छ भी नही करूँगी....

इनस्प. शर्मा: इंट्रेस्टिंग...आइ इंप्रेस्ड....

रश्मि: ह्म...अब मे फोन रखती हू......बाइ...

इनस्पेक्टर शर्मा और भी कुच्छ पुच्छना चाहता था....तब तक फोन काट दिया रश्मि ने.....................................

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इनस्पेक्टर शर्मा ने अपना घर का अड्रेस रश्मि को स्मस कर दिया और स्मस पर ही इन्विटेशन दे दिया.....ये इन्विटेशन तो सभी के लिए था ...पर ज़्यादा ज़ोर रश्मि को दिया गया था....जो कि राज समझ सकता था....पर वो कुच्छ बोला नही...

सिर्फ़ इतना ही कहा.....तुम्हे बुलाया है....तुम जाओ..पर ज़्यादा वक़्त नही लगना चाहिए.

रश्मि: मे जाना तो नही चाहती पर....उसका रिक्वेस्ट आया था और फिर हमारा केस भी उसी के हाथ मे है...

राज: नही तुम जाओ.....

रश्मि: ह्म्‍म्म और वो अपने कमरे मे चली गयी...

शाम को करीब 5 बजे तैयार होकर घर से जैसे ही निकली....सामने इनस्पेक्टर शर्मा एक कार लेकर खड़ा था....

इनस्प. शर्मा: आइए मेडम.....

रश्मि: अरे आप??? और गाड़ी??? क्या बात है...कही नौकरी लग गयी क्या?

इनस्प. शर्मा: नही मेडम....ऐसी हमारी किस्मत कहाँ? किसी दोस्त से ली है आपके लिए...

रश्मि: हूऊ...सो नाइस ऑफ यू......

इनस्प.शर्मा: वेलकम...और कार का गेट खोल दिया...

रश्मि: अरे नही ...मे आपके बगल मे बैठूँगी....नही तो लोग समझेंगे....मालकिन बैठी है और ड्राइवर गाड़ी चला रहा है...

इनस्प. शर्मा: तो क्या हुआ..मे तो हू ही आपका ड्राइवर...

रश्मि: मेरा ड्राइवर...??? ंतलब?

इंस्पक्तॉर शर्मा: बात को सुधारते हुए...मेरा मतलब है इस कार का ड्राइवर...

रश्मि: सब कुच्छ समझती हू.........हल्की सी शर्मा गयी...

करीब 30 मीं के सफ़र के बाद दोनो एक छ्होटे से घर पर रुके.....इनस्पेक्टर शर्मा ने अपना गेट का ताला खोला और उसे बोला...वेलकम मेडम...

रश्मि : अरे आप अकेले??? कोई और नही है क्या घर मे?

इनस्प. शर्मा: वाइफ मयके गयी है.....अभी 2 मंत से अकेले हू...

रश्मि: आप ने कहा था कि पार्टी है...तो लोग कहाँ है?

इनस्पेक्टर शर्मा: अरे पहले अंदर तो चलो.....रश्मि अंदर आ गयी.....और सोफे पर बैठते हुए कहा.....ह्म्‍म्म काफ़ी सुंदर मकान है आपका....पर जब घर दीवारो पर नज़र दौड़ाई तो वो बुरी तरह शर्मा गयी...क्योकि घर की दीवारो पर न्यूड और अर्ध-न्यूड फोनो टँगे हुए थे...कुच्छ तो बॉलीवुड हेरोयिन के थे कुच्छ पॉर्न-स्टार के थे........आप ने तो घर मे कोठा बना रखा है...

इनस्पेक्टर शर्मा : हां...मुझे ओरल सेक्स अच्छे लगते है.....और नेकेड फोटो भी....सॉरी फॉर दट.....मुझे फोटो उतरवा देना चाहिए......

रश्मि: जब लगाया है तो उतारने की कोई ज़रूरत नही है.....उन्हे वैसे ही रहने दीजिए...और बताए क्या किया जाय...क्या कर सकती हू आपके लिए....

इनस्प. शर्मा: बस कुच्छ नही...मे अभी आया....और वो चला गया...

रश्मि: साला देखने मे तो शरीफ लगता है...पर घर तो रंगीन बना रखा है....क्या इरादा है इसका??? पर वो बेचारा क्या कर सकता है...वाइफ है नही....तो इन फोटो से ही काम चला लेता होगा.......................

007
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Re: प्यास बुझती ही नही

Unread post by 007 » 25 Dec 2014 08:51

तभी इनस्पेक्टर शर्मा आ गया...उसके हाथ मे एक केक का डब्बा था.....वो उसने सामने एक टेबल पर रख दिया और किचन से कोल्ड ड्रिंक, समोसे और कुच्छ स्वीट्स लाकर रख दिए........और फिर रश्मि के बगल मे बैठ गया....

इनस्पेक्टर शर्मा:मुझे अभी भी यकीन नही हो रहा कि आप आएँगी

शर्मा ने रश्मि को एक पॅकेट देते हुए कहा....

इनस्प. शर्मा: मेडम ये छ्होटा सा गिफ्ट स्वीकार करे मेरी तरफ से...और अगर मुमकीन हो तो इसे पह्न कर इस नाचीज़ की इच्छा का ख़याल करे....वैसे कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही है......

रश्मि: कोई और आनेवाला है या हम ही लोग है...

इनस्पेक्टर शर्मा: और कोई नही आएगा क्योकि मुझे अभी यान्हा आए हुए 6 मंत ही हुए है....कोई विशेष नही जानते लोग...सो आप ही मेरी चीफ गेस्ट है...और होस्ट भी.

रश्मि: थॅंक्स ...और गिफ्ट ले कर जाने लगी...तो फिर पूछा.....ड्रेस कहाँ चेंज करू?

इनस्पेक्टर शर्मा खुस होते हुए...मेरे कमरे मे...चलिए मे बता देता हू.

इनस्पेक्टर शर्मा और रश्मि ने एक रूम मे चले गये....और फिर रश्मि ने दरवाजा अंदर से लगा लिया और स्विच ऑन कर दिया...कमरे मे रोशनी हो गयी...

रश्मि ने जब चारो तरफ देखा तो चौंक गयी...दरवाजे के चारे तरफ नेकेड फोटो लगे हुए थे...जिसे देख कर रश्मि भी सिहर गयी....ओह माइ गॉड....ये आदमी या घनचक्कर...क्या क्या फोटो टांग रखा है.....रश्मि...तुम आज चुद कर जाओगी...ऐसा मुझे लगता है (मन ही मन बुदबुदाई)....फिर वो सोचा....लीव इट... हमे क्या...और वो अपनी साड़ी खोलने लगी...वो बड़ी अदा से अपनी साड़ी खोल रही थी ....कमरे के एक कोने मे एक बड़ा सा मिरर लगा हुआ था...जिसमे उसका सेक्सी सरीर दिख रहा था.....रश्मि उसे देख कर शर्मा गयी...क्योकि मिरर मे उसकी गाड़ और चुचिया काफ़ी उत्तेजक लग रही थी....उसने अपनी चुचियो को और एक्सपोज़ किया और सरारती अंदाज मे कहा....इनस्पेक्टर शहाब...आज मे तुम्हारा सारा रस निकाल दूँगी..

फिर रश्मि ने पॅकेट खोला...उसमे एक सुन्दर सी साड़ी...रेड कलर की...मॅचाबल ब्लाउस, पेटिकोट...पॅंटी आंड ब्रा थी....अरे वाह....इनको तो मेरी चुचियो का साइज़ भी मालूम है...नंबर. देखते हुए बुदबुदाई....तभी रश्मि ने सोचा कि साड़ी पहनने से पहले पेशाब कर लू...वो अटॅच्ड बाथरूम मे चली गयी और अपनी पॅंटी नीचे करके मूतने लगी......जब वो मूत रही थी तो टाय्लेट के दरवाजे पर एक फोटो लग हुआ था...जिसमे एक लड़की अपनी आँखे मिन्चे हुए और लड़का लंड को ज़ोर से पेल रहा था.....लंड और बुर को क्लोज़-अप मे लिया गया था..जिसे देख कर रश्मि भी चुदासी हो गयी...वो लंड के पास अपनी एक उंगली ले गयी और उसे कुरेद दिया....वन्हा का काग़ज़ फॅट गया......और फिर उस लंड पर एक किस दे दी.......पेशाब करने के बाद अपना फेस सॉफ किया और फिर रूम मे आ गयी..

रश्मि ने बहुत अदा के साथ अपने सारे कपड़े उतारे...बट पॅंटी और ब्रा वही पहना.......और फिर जल्दी से नयी साड़ी, ब्लाउस और पेटिकोट पह्न लिया और फिर मुस्कुराते हुए इनस्पेक्टर शर्मा के पास गयी......

रश्मि: जल्दी करो..मुझे जल्दी जाना है.

इनस्पेक्टर शर्मा: ठहरो भाई.....और उसने केक का पेकेट खोल दिया और कॅंडल जलाया...आज वो 32 य्र्स का हो चुका था.....कॅंडल जलाने के बाद उसने केक को काटा और केक का एक टुकरा उसने रश्मि को खिलाया और रश्मि ने भी एक टुकड़ा उसे खिलाया......फिर रश्मि ने गाया.....हॅपी बर्तडे टू यू....डियर.....और उसे विश किया....इनस्पेक्टर शर्मा ने उसे कहा....विश मे ऐसे नही लूँगा.....

रश्मि: तो कैसे..?

इनस्पेक्टर शर्मा: अपने होंठो से एक केक खिलाओ...

रश्मि:शरमाते हुए...धत्त.....आपको शर्म नही आती.

इनस्पेक्टर शर्मा: भाई मे तो बिनती ही कर सकता हू ना...बाकी तुम्हारी मर्ज़ी.

वैसे तुमपर मेरा कोई हक़ तो है नही.....

रश्मि: नही नही ऐसी बात नही है...पर मे समाज से डरती हू....

इनस्प. शर्मा: यान्हा कोई नही आता.....प्लीज़.

रश्मि: रश्मि की साँसे ज़ोर ज़ोर से चलने लगी....वो सोची कि क्या करे और क्या ना करे.....तभी इनस्पेक्टर शर्मा ने उसका एक हाथ पकड़ लिया और उसे चूमने लगा.रश्मि इसके लिए तैयार नही थी....उसे अजीब लगा....और उसने उसे ज़ोर से धक्का दे दिया.....इनस्प. शर्मा लड़खड़ाते हुए 2 कदम पिछे हो गया.....

इनस्प.शर्मा: सॉरी...मे बहक गया.

रश्मि: मे सब समझती हू....मुझे घर जाना है....चलो

इनस्प. शर्मा: अभी इतनी जल्दी क्या है...अभी तो 8 बजे है.

रश्मि : मुझे डर लग रहा है....चलो....वरना मे ही चली जाती हू.

इनस्पेक्टर शर्मा: पर कुच्छ तो खा के जाओ.

रश्मि: अच्छा लो ये समोसे खा लेती हू....

इनस्प. शर्मा:ने अपने आपको कंट्रोल किया और फिर रश्मि के साथ उसके घर छोड़ दिया....रास्ते मे दोनो के बीच कोई बात-चीत नही हुई.....

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