Hindi Sex Stories By raj sharma

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raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 20:57

मिली और मैं



यह कहानी मैं अपनी मिली के लिए लिख रहा हूँ. मिली मेरी जान है, और उसके पास मेरी सबसे प्यारी चूत है. कुछ ही दिनो में उसकी शादी होने वाली है अर्जुन नाम के एक लड़के से. अर्जुन एक 6 फुट का नौजवान है जो मिली को बिस्तर में बहुत मज़े देता है. अर्जुन भी मेरी मिली की तरह बहुत चुदासु है. वो तो लड़कों को भी चोद्ता है, और इससे मिली बहुत गरम हो जाती है.

उस दिन मिली और मैं चुदाई के बाद बात कर रहे थे. तब मुझे मिली ने कहा कि उसकी बड़ी इच्छा है कि स्मृति ईरानी (क्योंकि सास भी कभी बहू थी की तुलसी वीरानी) उसकी सास हो और रक्षंदा ख़ान उसकी ननद. यही नही, उसकी एक चुदाई-सहेली है, रेणु, जिसे वो अपने पति के घर में नौकरानी रखना चाहती है. तब मैने अपने होंठो से मिली की आँखों पर हल्के से चूमा और अपना हाथ उसकी गीली चूत पर रख दिया. फिर मैने उसकी आँखें बंद की और उसे उसकी सुहाग रात के अगले दिन की कहानी बताना शुरू की.

मिली और मेरा एक अग्रीमेंट है कि उसकी सुहाग रात के दिन उसे अर्जुन के सामने मैं चोदून्गा. आक्च्युयली, जब अर्जुन ने मिली से शादी करनी चाही तो मिली ने यह शर्त रखी थी. अर्जुन के मान जाने पर ही वो शादी के लिए राज़ी हुई. खैर, सुहाग रात के दिन मैने नंगे अर्जुन के सामने उसकी पत्नी को बहुत चोदा. फिर उसी के बिस्तर में मिली और मैं सो गये. अर्जुन को ज़मीन पर ही सोना पड़ा.

अगले दिन, मिली सबसे पहेले उठी. उसने अपने नंगे बदन पर एक नाइटी डाली और कमरे से बाहर गयी. वहाँ जो उसने देखा, उससे तो उसकी चूत इतनी गरम हो गयी वो ऑलमोस्ट झाड़ ही गयी. उसकी सास, स्मृति, सिर्फ़ सफेद रंग के अंदर के कपड़ों में सोफा पर बैठी थी. उसका गोरा बदन, वो बड़े बड़े उभार, और वो चिकनी मोटी जांगें जैसे बुला रही हो, "आओ, मुझे चोदो. मैं बहुत दिनो से चुद्ने के लिए बेकरार हूँ."

स्मृति अकेली नही थी. रेणु भी थी. और उसके तन पर एक भी कपड़ा नही था. इस घर का यह नियम था कि नौकरानी कभी भी कपड़े नही पहेन सकती, और जो भी चाहे उसे चोद सकता है. वैसे तो मिली ने रेणु को कई बार चोदा था पर उसे अपनी सास के पैर दबाते हुए इस हाल में देखना उसे कुछ ज़्यादा ही मज़े दे रहा था. रेणु का बदन भी बहुत गोरा है, और उसके मम्मे पके हुए आमों से कम नही है - उतने ही बड़े और उतने ही रसीले. उसकी गांद तो लगता है कि उपर वाले ने बड़ी नज़ाकत से बनाई है.

तभी वहाँ रक्षंदा आती है. अपनी ननद को यूँ वस्त्र-हीन देखकर मिली की चूत एक बार तो झाड़ ही गयी. अगर रेणु का रंग गोरा है, तो रक्षंदा का तो मैदे जैसा है. चिकना बदन है, और उसके निपल्स बहुत पिंक हैं. और उन रसीले होंठो के बारे में तो पूछो ही मत.

स्मृति: अर्रे, मिली आओ. कैसी रही तेरी सुहाग रात? मिली: अच्छी थी मम्मी. रक्षंदा: सिर्फ़ अच्छी? मिली: नही. बहुत अच्छी थी. इतना मज़ा तो मुझे कभी नही आया.

रक्षंदा मिली के पास आती है और उसकी नाइटी उतार देती है. फिर वो उसके सावले बदन पर अपनी नाक रगड़ती है. मिली की सिर्फ़ चूत ही नही, उसके मम्मे भी एकदम मस्त हैं. पर इस समय रक्षंदा मिली की चूत सूंघ रही थी.

रक्षंदा: मम्मी, इसकी चूत से सुपादे की गंध तो आ रही है लेकिन यह सुपाड़ा भैया का नही है. स्मृति: क्या? मिली, कल किससे चुदी तू? मिली: अपने आशिक़ से. अगर आप नही जानती तो यह मेरी अर्जुन से शादी करने की शर्त थी. स्मृति: अर्जुन! अर्जुन, बाहर तो आ रे.

अर्जुन अपनी मा की आवाज़ सुनकर नंगे बदन आता है. उसका काला लॉडा खड़ा हुआ है, और उससे हल्की सी पानी की रेखा छ्छूट रही है. उसके आँड एकदम तने हुए हैं.

अर्जुन: आपने बुलाया मा? स्मृति: हां. मिली क्या कह रही है? कि कोई शर्त थी? तब भी तूने शादी की इससे? अर्जुन: मा, आपको तो पता है कि इस घर में कोई रांड़ ही बहू बन सकती है. मुझे इससे बड़ी कोई भी रांड़ नही मिली. इसका मूह तो देखिए. इससे अच्छा कोई लॉडा नही चूस्ता है. और, अगर मैं इसकी चुदाई-सहेलियों की बात पर यकीन करूँ तो इससे अच्छी चूत भी कोई चाट ती नही है. इसके घर आने से रक्षंदा और आपकी चूत, और मेरे और पिताजी के लॉड सब खुश रहेंगे. स्मृति: ह्म... यह तो तूने ठीक कहा. अब मालूम हुआ कि मैने एकदम रंडवे बेटे को जनम दिया है. चूत खुश हो गयी यह जानकार.

स्मृति अपने हाथ में अर्जुन का अंग पकड़ लेती है और उसे अपनी मूह की तरफ लेती है. होन्ट से चूमती है और फिर चूसने लगती है. मा बेटे का यह प्यार देखकर मिली बहुत खुश हुई. उसकी दिल्ली तमन्ना थी कि उसका पति उसकी सास को चोदा करे.

वैसे तो अर्जुन और मिली का समझौता सिर्फ़ सुहाग रात तक ही सीमित था लेकिन अपनी जान की सास की गोरी जांगें देखकर मेरी नियत बदल गयी. फिर जब मैने उन्हे अपने ही बेटे का लंबा अंग चूस्ते देखा तब तो बस मुझे मालूम हो गया कि मुझे इस 48 वर्षीए चूत में अपना 7 1/2 इंच का लंड मारना ही है. मैने स्मृति की ओर प्रस्थान किया. सबसे पहेले मुझे रक्षंदा ने आते देखा.

रक्षंदा: ओह, तो यह है मेरी भाभी का आशिक़.

स्मृति भी अर्जुन को चूसना रोक कर मेरी ओर देखने लगती है. उसकी आँखें बता रही थी कि उसे मेरा शरीर पसंद आ रहा है.

रक्षंदा: वैसे, मिस्टर. आशिक़, तेरा लॉडा खड़ा कैसे है? भाभी ने तो कम से कम कल रात तुझे सात बार चोदा होगा. अब भी तेरे में इतनी शक्ति है चोद्ने की? मैं: सच बोलूं तो मुझे भी नही पता था कि मेरी मर्दानगी इतनी जल्दी जाग जाएगी. ये तो तेरी मा की गोरी जांगें और उनके मूह में अर्जुन के लॉड का कमाल है. स्मृति: यहाँ तो ला अपना अंग. मैं भी तो देखूं कि इसमें ऐसा क्या मिला मेरी बहू को जो मेरा बेटा नही दे पाया इसे.

स्मृति मेरा लॉडा अपने कोमल हाथों में लेती है, और दो तीन बार हिलाती है. क्योंकि मैं खड़ा था और वो बैठी मुझे उसकी ब्रा के अंदर तक दिखाई दे रहा था. मुझसे अब और नही रहा गया और मैने उसकी ब्रा खोल दी. इससे पहेले कि वो कुछ भी बोल सके, मेरे हाथ उन चूचों पर थे और उन्हे दाब रहे थे. इतने बड़े और तने हुए मम्मे मैने आज तक कभी भी अपने हाथों में नही लिए थे. मैने अपना दाया पैर उठाकर उसकी चूत के पास रखा और उसकी चड्डी के उपर से ही अपने पैर के अंगूठे से उसकी चूत घिसने लगा. उसकी आँखें बंद हो गयी और उसने मेरा लॉडा अपने मूह में ले लिया.

अब तक मैं मिली को सबसे अच्छा लॉडा चूसने वाली समझता था. अब भी मेरी फॅवुरेट वोही है. लेकिन अगर थोड़ी प्रॅक्टीस करे तो स्मृति मिली से आगे निकल सकती है. उसके होन्ट जब मेरा लंड चूस रहे थे तब उसके दाँत हल्के हल्के काट रहे थे और ज़बान उन जगहों पर घूम रही थी जिनके बारे में मुझे पता ही नही था. मैने भी उसकी चूत रगड़ना जारी रखा. जब मुझे लगा कि वो झड़ने वाली है तब मैं रुक गया. इससे स्मृति एकदम बौखला गयी.

स्मृति: कैसा मर्द है रे, भद्वे? औरत के छूटने से पहेले ही रुक गया? मैं: रुका नही, मेरे मन में इस समय एक आइडिया है. चलिए, आप चड्डी उतारिये और कुतिया बन जाइए.

इस समय तो स्मृति को अगर मैं रेणु की चूत चाटने कहेता तो वो भी करती. यह तो उसके लिए बहुत ही आसान था. बहुत जल्दी उसकी गोरी चिकनी गांद हवा में थी और मेरा मूह उसकी चूत पर. यहाँ भी मैने यही सिलसिला जारी रखा. उसकी योनि को मैं चाट ता लेकिन उसके झड़ने से पहेले रुक जाता. वो पागल हो रही थी और झड़ने के लिए बेताब थी.

स्मृति: साले, तू चाहता क्या है? मेरी जान निकालेगा क्या इस तरह से? मैं: नही. सब आपके हाथ में ही है. मैने अपने आप से एक वादा किया था कि जिस भी घर में मिली शादी करेगी, वहाँ पर उसकी सास का नही उसका हुकुम चलेगा. आपको अभी यह मान ना हो गा कि आज से मिली आपकी मालकिन है और आप उसकी दासी. घर का हर सदस्य मिली की हर बात मानेगा. मिली के सामने कोई भी कभी भी कपड़े नही पहेनेगा. मिली जो चाहे किसी के भी साथ कर सकती है. स्मृति: पागल हो गया है क्या? यह कभी नही हो सकता.

मैने कुछ कहा नही. सिर्फ़ स्मृति को तड़पाता गया. उसकी सबर की सीमा ख़तम होने आ रही थी. फिर जब मैने एकदम से उसकी गांद में दो उंगली दी तब वो चीख उठी.

स्मृति: अबे ठीक है, भद्वे. तू जीता. तेरी हर शर्त मंज़ूर है मुझे.

मैं: गुड. तो शूरवात अभी से करते हैं. मिली, लेट जा अपनी सास के नीचे और अपनी चूत इसके मूह पे रख. स्मृति, अपने होंठो से इसकी चूत को बंद कीजिए. मिली, अब तू मूतेगि और तेरी सास इसे पिएगी. अगर एक भी बूँद बाहर तपकी तो इसे मैं झड़ने नही दूँगा.

अपनी मा को इस हाल में देखकर, भाई-बहेन आउट ऑफ कंट्रोल हो रहे थे. रक्षंदा ने अर्जुन का लॉडा अपने हाथ में पकड़ा हुआ था और अर्जुन की उंगलियाँ अपनी बहेन की चूत को चोद रही थी. उनके मूह आपस में जुड़े हुए थे और ज़बानें एक दूसरे के मूह के अंदर थी. ऐसा काले और गोरे बदन का संगम मैने कभी नही देखा था. रेणु से भी बर्दाश्त नही हुआ और उसने भी अर्जुन की काली गांद को चाट ते हुए अपनी चूत घिसना शुरू कर दिया.

जब मिली ने मुझे इशारा दिया कि उसकी सारी पेशाब उसकी सास ने पी ली है तब मैने उसकी चूत में तीन उंगली, और गांद में दो, देते हुए उसे चाटना शुरू किया. बहुत ही जल्दी वो झड़ने लगी और एक ज़ोर की चीख के बाद वहीं पर मदहोश हो गयी.

वैसे, मैने मिली के कहेने पर अर्जुन की काफ़ी गांद मारी है. उसे दो लड़कों को चोद्ता देखा बहुत ही मज़ा आता है. लेकिन, इस बार मुझे बड़ी इच्छा हो रही थी अर्जुन की लेने की. मैने भाई-बहेन को अलग किया और एक ही झटके में अपने पुरुषांग अर्जुन की गांद में दे मारा. रक्षंदा ने अपने भाई का यह रूप पहेले नही देखा था. वो इतनी गरम हो गयी कि झाड़ ही गयी.

मैने अर्जुन का लॉडा हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया. और उसकी गांद मारता ही गया. मैं रुकने के मूड में था नही लेकिन रेणु का अपनी मालकिन के सामने खुले आम मूठ मारना मुझसे देखा नही गया. मैने अर्जुन को सोफा पर बैठा दिया और रेणु को उसके लॉड पर. फिर मैने अर्जुन का लॉडा रेणु की गांद में डाला और सामने से मैने उसकी चूत संभाली. रेणु की चीखें करुणा वाली भी थी और मज़े वाली भी.

वहीं, मिली अपनी ननद के मूह पर बैठी हुई थी और अपनी चूत चुस्वा रही थी. मिली के हाथ रक्षंदा के गोरे बड़े मम्मों पर थे जिन्हे वो बड़े ही बेदर्दी से दाब रही थी. उसकी गोरी टाँगें बार बार खुल-बंद हो रही थी. जब मिली ने यह देखा तो उसने पास ही रखे एक रुमाल से अपनी नंद की चूत पर कस्के वार किया. उसकी सफेद चूत पर एक लाल निशान तो पड़ गया लेकिन उस वार से रक्षंदा झाड़ भी गयी.

दुगनी चुदाई से रेणु की गांद और चूत फटने को आ रही थी. पर साथ ही वो झड़ने के बहुत करीब थी. उसे झाड़ने के लिए मैने उसके मूह पर ज़ोर का चुम्मा दिया और अर्जुन ने पीछे से उसके गोरे चूचे दाब दिए. रेणु तो झड़ी ही, साथ में अर्जुन ने भी अपना सारा सुपाड़ा रेणु की गांद में छ्चोड़ दिया.
अब सिर्फ़ एक ही काम बचा था. मैने मिली को अपनी बाहों में भर लिया और अपना हाथ उसकी गांद के नीच रख कर उसे गोदी में उठाया. फिर मैने उसकी चूत अपने लॉड पर रखी और पूरा अंदर घुस गया. मिली ने भी अपनी टाँगें मेरी कमर पर लॉक कर ली और हमारे होन्ट आपस में मिल गये. एक दीवार पर मिली की पीठ टिका के मैने उसे चोद्ना शुरू किया.

मैं छ्छूटने के बहुत करीब था पर मुझे पता था कि मिली को थोड़ा टाइम है. मुझे पता नही था कि मैं इतनी देर रुक पाऊँगा कि नही. पर तभी मिली की मा वहाँ पर आती है. उसका इस तरह आना मिली के लिए झटका भी था और एग्ज़ाइटिंग भी. कभी अपनी मा के सामने नही चुदी थी वो. अपनी मा को देखकर मिली बहुत ज़्यादा थिरक गयी और उसकी चूत ने मेरे लॉड पर अपना पानी छ्चोड़ दिया. मैं भी बहुत दूर नही था और मैने अपना सारा लंड-रस मिली के चूत में झाड़ दिया.
आगे की कहानी फिर कभी आपका दोस्त राज शर्मा

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 21:11

मस्त गांड की कहानी

मेरा नाम राज शर्मा है, ३5/ साल का हूँ और मैं दूसरी स्टेट में नौकरी करता हु मैं ६ महिना में एक बार घर आता हूँ और महिना भर रुक कर फिर चला जाता हूँ. जब भी घर आता हूँ हर बार कोई न कोई लड़की की चुदाई करता हूँ. मैं करीबन २५ औरतो को चोद चुक्का हूँ और वो मेरी चुदाई से बहूतखुश भी हुई है अब मैं आपनी कहानी सुरु करता हूँ एकबार ट्रेन से डेल्ही से हावड़ा आ रहा था तो मेरा बर्थ साइड लोवेर था एंड मेरे ऊपर वाली बर्थ में एक औरत की बर्थ थी. दिन में उनके साथ मेरा बर्थ में बैठ के बात करते करते चल रहा था मैंने उनके बारे में पूछा तो वो बोली वो विधवा है और ३ साल पहले उसके पति का स्वर्गवास हुआ, वो मायके आये थी अभी घर जा रही है उनके पति सरकारी जॉब में थे और अब उन्हें उनकी जगह सर्विस मिल गयी है.

उनके दो बच्चे है एक बेटा और एक बेटी, बेटा १० साल का और बेटी ७ साल की, दोनों स्कूल जाते है.उनको देखके लगा उनकी एज ४३/४४, सीधी सादी सभ्य महिला, उनका सरीर बहुत सेक्सी लग रहा था ब्लाउज में से झाकती उनकी मोटी मोटी चुचिया बहुत मस्त लग रही थी बार बार उनकी चुचियो की झलक देखके मुझे बहोत अच्छा लगने लगा. रास्ते दोनों एकही बर्थ में दोनों बैठ के बात करते करते टाइम पास कर रहे थे . उन्होंने आपना फ़ोन नंबर मुझे दिया मैंने भी आपना नंबर उनको दिया. मैं आप को फ़ोन करूंगी तो आप बात कर लेना. हावड़ा में पहुच के वो बोली मेरा घर हावड़ा स्टेशन से लोकल ही दो स्टेशन बाद में ही है आप आजाना एकदिन बोलके वो हावड़ा में दूसरी लोकल ट्रेन में बैठ गयी. दो दिन बाद उनका फ़ोन आया और मुझे उनके घर आने केलिए रिक्वेस्ट कर रही थी, मैं भी घर में फ्री था तो मैं भी जाने केलिए हा कर दिया और नेक्स्ट डे शाम को चल दिया.

उनके घर करीब ८ बजे पंहुचा और देखा की घर में कोइ नही तो मैंने पूछा आप के बच्चे लोग कहा है तो वो बोली आज सुबह मेरे पति का भतीजा आया था वो बच्चो को ले गया. बात करते करते ९ बज गए.मैं सोफे पर बैठा था वो एकदम से मेरे पास आयी और मेरा हाँथ पकड़ कर मुझसे उठने को कहा, मैं उठ गया तो उन्होंने एक रूम की तरफ इशारा करके बोला की आप वहा रूम में बैठो . में आती हूँ ..मैं उस रूम की तरफ बढ़ने लगा और तभी उन्होंने ने पहले रूम की लाइट ऑफ कर दी ..मैं जिस रूम में पहुंचा बो बेडरूम था , वो भी ५ मिनिट के बाद आ गयी, बेड पर दिवार से पीठ टिका कर आराम से बैठ गयी .मैं भी उसके साथ पैर फेलाकर बैठ गया अब वो मेरी तरफ देखके बोली आप मुझे अच्छे लगे हो मैं बहुत परेसान हूँ मुझे अकेलापन बर्दास्त नहीं हो रहा है इस लिए मेने आप को आने केलिए रिक्वेस्ट करके बच्चो को भेज दिया.

फिर मेने उसका हाँथ आपने हाँथ में लेकर उसे चूमा तो उसकी आँख बंद हो गयी साँसे तेज चलने लगी ..मेने उसे गोर से देखा ..उनका बदन इतना सेक्सी था की में बता नहीं सकता बूब्स बड़े थे और पेट की चमड़ी मुड़ी हुई थी जिसे देख कर मेने उनकी बुर की गहराई का अंदाज लगा लिया ..मांस से भरी हुयी जांघें साडी में से दिख रही थी बो सफ़ेद ब्लाउज पहने हुए थी उसमे से दूध का आकार साफ़ दिख रहा था ..मैं हाँथ चुमते हुए आगे बढ़ा और उसकी गर्दन से होते हुए उसके होंठो पर आपने होंठ रख दिए बो सिहर उठी और आपनी आँख खोल कर मुझे देखा और झट से मुझसे लिपट गयी ..वो लम्बी लम्बी साँसे ले रही थी ?उसने मुझे इतनी जोर से. ताकत के साथ मुझे आपनी बांहों में लिया के एक समय मेरी भी साँसे रुकने लगी.

करीब १५ मिनिट तक हम दोनों एक दुसरे के होंठ चूस रहे थे ..फिर मेने आपने होंठ उसके होंठो से आलग किये तो बो जोर से हांफ रही थी मेने अपने होंठ उसके गालो से रगड़ ते हुए उसकी गर्दन पर उसके कान पर चूमना सुरु कर दिया.बो मचल उठी फिर मेने एक हाँथ से उनके दूध को सहलाना सुरु किया तो उसने एक हाँथ मेरी गर्दन के पीछे डाल कर मेरा सर आपने सीने की तरफ खीच लिया और बिस्तर पर लेट गयी ..मेने ब्लौसे के ऊपर से ही दोनों दूध पर आपने होंठ फिराना चालू किया और एक हाँथ से उनकी साडी पकड़ कर जांघो तक ऊपर कर दी, अब में दूध से होते हुए पेट पर और उनकी नावेल को चूमने लगा बो आँख बंद किये हुए लेटी थी और आपने होंठ चबा रही थी ..जोर जोर से साँसे ले रही थी फिर मेने आपने होंठ साडी के ऊपर से ही उसकी बुर पर लगा दिए और जोर जोर से रगड़ने लगा..फिर मेने उसकी जांघो को देखा तो देख ता ही रह गया ..वो सबसे जयादा सेक्सी जाँघों के कारन ही लग रही थी ..क्या मसल जांघे थी उनकी.

मैं तो देख कर मस्त हो गया मैंने साडी और ऊपर उठाई तो मैं और हैरान रह गया वैसा लगा की उसके सरीर से सेक्स फट कर बाहर आने को बेताब हो रहा था ..बो ब्लू रंग की पेंटी पहने हुए थी मैंने उसकी जाँघों को खूब चूसा फिर मेने उनकी पेंटी निकाल दी सामने बिलकुल साफ़ चूत थी मेने आपने होंठ बहन रख दिए उसकी बुर गीली थी ..फिर मैं उसे चूत से चूमते हुए फिर जाँघों पर आया और जाँघों से होते हुए पूरे पैरो को चूमा. वो मुझे अजीब सी निगाहों से देख रही थी फिर मैं उन्हें आपनी बांहों में लेकर उठा कर खड़ा किया आब हम बिस्तर पर दोनों खड़े हुए थे ..मेने उन्हें आपने सीने से लगया और उसकी पीठ पर और गंद पर हाथ फिराने लगा. उनके चूतड बड़े बड़े थे उन्हें दबाने में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.

फिर मैंने उनकी साडी खोल दी आब बो सफ़ेद ब्लाउज और पेटीकोट में थी उसका तो जो हाल था सो था मेरा भी बुरा हाल था मुझे मेरी पसंद का सरीर जो मिलगया था बो खड़ी थी में नीचे बिस्तर पर बैठ गया और पों से चूमते हुए जाँघों पर आगया बो मेरे सर के बाल पकडे हुए थी आब मेने आपना मुह चूत पर लगाया तब उसने मेरा सर जोर से चूत के ऊपर दबा दिया ..उसे भी बहुत मजा आ रहा था वो मचल रही थी में चूत चूस रहा था वो बेकाबू हो रही थी और उसने खड़े रहते हुए एक पैर ऊपर उठा कर मेरे कंधो पर रख दिया जिस से आब में उसकी चूत के बिलकुल नीचे था आब उसने लगभग आपना पूरा बजन मेरे मुह पर चूत के सहारे रख दिया.

मैं भी लगातार चूस रहा था फिर उसने पैर नीचे किया और मेरा सर चूत पर जोर से दबाते हुए आपने दोनों पैर फेलाकर मेरे ऊपर आपना पूरा बजन डाल कर जोर लगाकर मुझे बिस्तर पर लेटने के लिए मजबूर कर दिया और मेरा मुह आभी भी उसकी चूत से सटा हुआ था और बो ताकत से मेरा सर आपनी चूत पर दबाये हुए थी आब में बिस्तर पर लेटा हुआ था और वो मेरे मुह पर आपनीचूत रखे हुए बेठी था.आब बो जोर जोर से मेरेमुंह पर आपनी चूत रगड़ने लगी बो मेरे बाल पकडे हुए थी जोर जोर से हिल रही थी करीब ५ मिनिट वैसा करने के बाद वो झड गई आब में हांफ रहा था वो वो कुछ नीचे खिसकी और मेरे सारे कपडे उतार दिए सबसे आखरी में उसने मेरा निक्कर उतारा मेरा खड़ा लंड देख कर वो मदहोश हो गयी.

पहले तो उसने मेरे लंड को प्यार से सहलाया और फिर मेरे लंड के आजू बाजू चूमती हुई लम्बी सांस ली और एक दम से मेरा लंड आपने मुह में ले लिया आब वो मेरा लंड चूस रही थी करीब ५ मिनिट लंड चूसने के बाद मुझे लगा आब वो और चूसले तो मैं झड जाऊँगा तब मैंने उसे ऊपर खीच लिया लेकिन ऊपर आने के बाद भी उसने मेरा लंड नहीं छोड़ा, वो मेरे दोनों तरफ पैर डाले घुटनो के बल बैठ कर मेरा लंड आपनी चूत से रगड़ने लगी कुछ देर बाद उसने एक दम से मेरा लंड अपनी चूत के दरबाजे पर घुसा दिया और खुद ही चीख पड़ी ..क्युंकी लंड अंदर नहीं गया था फिर मेने कुछ देर रुक कर जोर दार झटका दिया अह्ह्ह्हह्ह क्या गरम गरम गुफा थी बो मेरे लंड को तो मजा आ गया साथ ही बो भी दूसरी दुनिया में चली गई जोर से आपना पूरा बजन मेरे लंड पर रख दिया उनकी आँखे बंद थी और मुह खुला था अंदर साँसे ले रही थी कुछ देर बाद मैंने फिर एक दो धक्के मारे आब मेरा लंड सही जगह पर आ गया आब बो आपने दोनों हाथो के सहारे कुछ उप्पर उठी और आपनी गांड जोर जोर से हिला कर आगे पीछे होने लगी.

वो बहुत जोर जोर से धक्के लगा रही थी बहुत ताकत थी उसमे में, पागलो की तरह मुझे चोद रही थी मेरे मुह के सामने उसके दूध लटक रहे थे जिनका मैं लगातार रस पी रहा था उसे बहुत मजा आ रहा था.फिर आचानक उसने आपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से अह्ह्ह्ह??..हूऊऊऊओ??हह सी हम्म सीई?..म्म्म्माआआआअ की आवाज़ निकाल रही थी आब बो आपने एक हाँथ के सहारे थी और एक हाथ से मेरा सर आपने बूब्स पर दबाये हुए थी और बहुत स्पीड से पागलो की तरह आबाज़ निकालते हुए जोर जोर से धक्का मार रही थी, आचानक उसने बहुत जोर से चीखा अह्ह्हह्ह. ?..म्म्म्म्माआआ??गूऊऊऊ??.. सीई ???..उससे अह्ह्ह ??..हम्म?..हम्म. अह्ह्ह्ह और वो झड चुकी थी ..उसको जबरदस्त ख़ुशी हुयी थी? उसे पूरा आनद मिल गया था वो मेरे ऊपर लेट गयी, मेरा लंड आभी भी उसकी चूत में था वो मेरे सीने पर लेट रही थी मैं प्यार से उस के सर पर हाँथ फेरने लगा करेब १० मिनिट बाद हम उठे और एक एक करके बात रूम हो कर आये हम दोनों नंगे ही रूम में घूम रहे थे वो आ कर बेड पर लेट गयी उनके चुत्तर मुझे बुला रहे थे मैं पैर से फिर चूमते हुए आसली जगह पर आ गया फिर आपने दोनों होंठो से उसके चूतरो पर प्यार से किस किया और , मैंने एक गहरी सांस लेते हुए उसके चुत्तर को आपने दोनों हाँथ में लेकर दबाया और आपने होंठ और गाल चूत्तारों से रगड़ने लगा करीब १५ मिनिट तक जी भर कर उसके चुत्तर से खेलता रहा फिर मैं बिलकुल उनके उप्पर आ गया और आपना पूरा वज़न उनके उप्पर रख दिया और उनके चुत्तर पर आपना लंड रगड़ ने लगा.

फिर मैंने उनकी गांड के छेद में लंड डालना चाह तो उन्होंने ने मना कर दिया ..बोली प्ल्ज़ यहाँ नहीं मैं मान गया फिर मैंने उन की दोनों जांघें मोड़ कर घोड़ी स्टाइल में कर दिया और आपना लंड अंदर कर दिया ..आब में उनके चुत्तर पर दोनों हाँथ रखते हुए धक्के मार रहा था बो भी हिल हिल कर मेरा साथ दे रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था ?करीब १० मिनिट बाद मेने उनके पैर उठा कर आपने कंधे पर रख लिए और जोर जोर से चुदाई करने लगा, मेरा चुदाई से उसे भी मजा आ रहा था ..बो अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह सीईईए सिस्कार रही थी ?कुछ देर बाद मेने उन्हें सीधा लिटा दिया ?.मेने इतनी जोर से चुदाई की के..उन्हें भी बहुत मजा आ रहा था आब करीब २० मिनिट की चूदाई के बाद मैंने और उन्होंने एक साथ जबरजस्त पानी छोडा

मेरे मुह्ह से भी जोर से आबाज़ निकल गयी..अह्ह्ह्हह्ह्ह उन्होंने तुरत मेरे मुह पर आपना हाँथ रख दिया और सीने पर खीच लिया हम बहुत हांफ रहे थे.हम इसे ही करीब १५ मिनिट एक दुसरे की बांहों में बाहें डाले और मेरा लंड उनकी बुर में था हम लेटे रहे फिर हम उठे बो बहुत खुस थी मुझे बहुत चूमे जा रही थी, बहुत प्यार किया मुझे भी उनपर बहुत प्यार आया खेर फिर हम बाथरूम गए और आकर मैं कपडे पहनके निकलने को तैयार था बो अब साडी पहन चुकी थी वो मेरा सीने आके चिपक गयी और चुमते हुए कहा फिर आप को बुला सकती हूँ क्या तो मेने कहाँ की हाँ क्यूँ नहीं मैं अभी एक महिना घर पर रहूँगा आप जब चाहे बुला लेना कहते हुए मैं दरवाजा के बाहर आ गया

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 12 Oct 2014 21:15

ट्यूशन वाले सर की पत्नी की चुदाई --1

मैं उस वक़्त इंजिनियरिंग के 1स्ट्रीट एअर में था और मेरे जो ट्यूशन टीचर थे
मेद्स के वो मरवारी थे. मैं उनके घर पर ट्यूशन पढ़ने जाता था. उनकी उमर
करीब 35 साल की थी. वो अपनी बीवी के साथ रहते थे. उनका एक लड़का था जोकि
हॉस्टिल मे रहकर पढ़ाई कर रहा था. उसे किसी ने देखा नही था.उनकी बीवी की
उमर शायद 28-30 की होगी. लेकिन वो अपनी उमर से काफ़ी छोटी दिखती थी. जब भी
मैं उनके घर जाता था तो वो मेरा बहुत ख्याल रखती थी. मेरे दिल मे भी उनके
लिए बहुत इज़्ज़त थी. लेकिन एक दिन मैने उन्हे नहाने के बाद सिर्फ़ पेटिकोट मे
देखा जो कि उनकी चूंचियाँ पर बँधा हुआ था. उनके गोरे पैर और पिंडलियाँ
खुली थी.. कितने गोरे और गदराए पैर थे. मैं उनकी चूंचियाँ को देखता ही
रह गया. उन्होने मुझे देखते हुए देखा ,वो थोड़ा मुस्कुराइ और अंदर चली
गयी. मेरा मन अब पढ़ाई मे नही लग रहा था. मेरा लंड कड़क होने लगा. किसी
तरह मैं उसे दबा रहा था. सर ने पूछा क्या हुआ?
मैने डरते हुए कहा मुझे बाथरूम जाना है उन्होने अपनी बीवी से कहा इसे बाथरूम दिखा दो.
वो तब तक सारी पहन चुकी थी, मरवरी स्टाइल मे. याने पेटीकोत मे लप्पेट कर
बाकी आँचल था. उनकी चूंचियाँ बड़े गले के ब्लाउस से आधी से ज़्यादा दिख रही
थी. ये देख कर मेरा लंड और कड़क हो गया. और मेरे 7.5 इंच के मोटे लंड को
सम्हालना मुश्किल हो गया. मैं बुक्स रखकर जैसे ही खड़ा हुआ, मेरे लंड ने
नाइट पाजामा मे टेंट बना दिया और उसने ये देखा और बड़ी अदा से मुस्कुराइ.
मुझसे कहा जल्दी आओ इधर है बाथरूम. मैं अंदर गया लेकिन जल्दी मे
दरवाजा बंद नही किया.
लंड को बाहर निकाला और पेशाब करने लगा लेकिन लंड ठंडा नही हो रहा था, सो मैं मूठ
मारने लगा.. 2 मिनिट मे ही उसने ज़ोर की पिचकारी मारी.. जो सामने दीवाल पर
गयी. उसको अच्छे से धोया और लंड को पॅंट के अंदर किया. जैसे ही मैं पीछे
घुमा मैने देखा दीवार के किनारे सर की वाइफ खड़ी है. इसका मतलब उसने
मुझे मूठ मारते हुए देखा था, क्यूकी वाहा से मेरा लंड पूरा दिखता था.मैं
सिर नीचा करके बाहर निकल आया. तब उसने धीरे से कहा.. बहुत मोटा और लंबा
है. ये कहकर वो जल्दी से चली गयी. वैसे मुझे वो अच्छी लगती थी और वो
भी मुझे पसंद करती थी. लेकिन उसके साथ सेक्स के लिए मैने कभी भी सोचा
नही था. मेरे सर मेद्स मे एक्सपर्ट थे. और उनसे पढ़ने के लिए बहुत लड़के
ट्यूशन लगवाना चाहते थे. लेकिन उन्होने सिर्फ़ मुझे ही चुना क्यूकी ट्यूशन उन्हे
पसंद नही था. ही ऑल्वेज़ उसेद टू बी बिज़ी इन सॉल्विंग मेद्स प्रॉब्लम्स आंड डूयिंग
सम अदर स्टफ्स . उनकी वाइफ को ये पसंद नही था. वो तो मुझे बहुत सेक्सी
लगती थी. उन्हे अच्छी चुदाई की चाहत थी और वो किसी को ढूँढ रही थी.
जबकि सर को लगता था कि अब सेक्स की कोई ज़रूरत नही है. ये बातें मुझे तब
पता चली जब मैं उनकी वाइफ के संपर्क मे आया और उनकी डाइयरी पढ़ी. मैने ये
डाइयरी उनके कपबोर्ड से निकाल के पढ़ी थी. उस डायरी मे मेरे बारे मे भी लिखा
था. तब मैं एक कमसिन लड़का हूँ और बहुत ही गरम लड़का हूँ, जो भी लड़की मुझ
से चुदवायेगि उसकी किस्मत खुल जाएगी. जिस लड़की को मेरा लंड मिलेगा वो बहुत
ही नसीब वाली होगी. अगर मुझे मौका मिले तो मैं इस लड़के से एक बार ज़रूर
चुदवाउन्गि और अपनी चूत की प्यास बुझाउन्गि. तब से उसकी डाइयरी की ये लाइन मेरे
दिमाग़ मे घूम रही थी.वो मुझसे चुदवाना चाहती थी लेकिन अपने पति से डरती
थी.और फिर उस दिन के बाद मेरी नज़र भी बदल गयी . उसकी उफनती हुई जवान
बदन को याद करके मैं अब रोज ही मूठ मारता था. मैने भी सोचा इसे एक मौका
दिया जाए, लेकिन कैसे? एक दिन मैने उन्हे सेल फोन पर कॉल किया और कहा कि
आज मैं 4 बजे आउन्गा.ये बात आप सर को बता दीजिए.मुझे मालूम था की सर 4
बजे लाइब्ररी जाते है और रात के 10 बजे वापिस आते है. मैने ये बात
जानबूझकर उसका सेल फोन पर कही थी. ये मेरी तरफ से इशारा था. क्यूकी इसके पहले मैने उसका सेल पर कभी कोई मेसेज नही दिया था. और जब से उसने मेरा लंड देख लिया था तब से मैने उसकी आँखो मे भी एक तड़प देखी थी. मैं उनके घर ठीक 4.30 पर पहुँचा. उसने दरवाजा खोला. मैने देखा आज उसने एक ट्रंपारेंट सारी पहनी थी और खुले गले का ब्लाउस. उसका फिगर 34 26 36 है. उसकी चूंचियाँ ब्लाउस फाड़ कर बाहर निकल रही थी. ब्लाउस छोटा था. और लहंगा नाभि के बहुत नीचे बँधा था.. जिससे आज उसका गोरा गोरा पेट और पतली कमर सॉफ दिख रहे थे.
उसका गोरा पेट और चिकनी कमर देख कर मेरा लंड हरकत मे आ गया. उसने मुझे बैठने को कहा और पानी लाने अंदर गयी. पानी देते हुए वो इस तरह झुकी की उसकी मदमस्त चुचियाँ मेरे सामने आ गयी. उफ्फ वो घाटी. रस दार चूंचियाँ देख कर मेरे मुँह मे पानी आ गया.. वो सोफे पर मेरे करीब ही किनारे पर बैठ गयी.मैने उन्हे हिचकिचाते हुए पूछा सर कहाँ है.. क्या आपने मेरे आने के बारे मे सर को बताया है? या वो भूल गयी? उसने कहा मैने सर को कुछ नही कहा. मैने पूछा क्यू? उसने कहा आज वो मुझे पढ़ाएँगी. ये कहते हुए वो अपने रसीले होंटो को दाँत से दबा रही थी और कोने मे काट रही थी. मैने तब कहा आप मज़ाक कर रही है उसने कहा नही मैं सीरियस्ली कह रही हूँ. तब मैने कहा आप कौन सा यूनिट सिखाएँगी? उसने कहा मैं सीरीयस हूँ लेकिन तुम्हे मेद्स नही पधाउन्गि ये बात उसने बड़े नटखट अंदाज़ मे कही. मैने पूछा फिर क्या पधओगि? वो चुप रही और मेरे करीब आगाई.और मेरा हाथ पकड़ लिया. उसने कहा आज तुम मेरे मेहमान हो . आज मैं तुम्हारी परीक्षा लेने वाली हूँ. मैने कहा कैसी परीक्षा?. उसने कहा बुद्धू मत बनो मैं जानती हू तुम मुजपे पे फिदा हो. मुझे मालूम था कि वो भी चुदवाने के लिए बेताब हो गयी है और तय्यार है.उसने मेरा हाथ पकड़ा और खड़ी हो गयी और मुझे अपने बेडरूम मे ले गयी.फिर उसने मेरे गाल पर किस किया..
और मेरे शर्ट और पॅंट खोल दिए. मुझे भी मज़ा आ रहा था.. उसका नरम हाथ
मेरे बदन पर घूम रहा था. उसने मेरी बनियान भी निकाल दी. मैने अब उसका
पल्लू नीचे गिरा दिया. उसकी बड़ी बड़ी रस भरी चूंचियाँ मेरे सामने थी. मैं
थोड़ा नर्वस था लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था. उसकी नॉकदार चुचियों को
देख कर मेरा लंड और कड़क होने लगा. उसकी तनी हुई चूंचियाँ किसी भी मर्द
को गरम कर देने लायक थे.अब मैने उसे अपने सीने से लगा लिया और उसका होंटो
को अपने होंटो मे क़ैद कर लिया और चूसने लगा..

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