खाना टेबल पर आया तो हम बातें करते हुए खाना खाने लगे. हम ने खाना ख़तम किया और अब हम को तलाश थी किसी ऐसी जगह की जहाँ हम एक फटाफट चुदाई करके अपने जिस्मों की आग को बुझा सकें.
“स्विम्मिंग पूल” मेरे पति ने मेरे कान मे कहा तो मैं अपना पर्स ले कर खड़ी हो गई और स्विम्मिंग पूल की तरफ बढ़ी. मेरे पति मेरे पीछे पीछे आ रहे थे.
जब हम स्विम्मिंग पूल पर पहुँचे तो देखा कि वो सुन सान पड़ा है और दोपहर मे इस समय वहाँ कोई भी तैरने वाला मौजूद नही है. उन्होने चेंजिंग रूम का दरवाजा धकेल कर खोला और हम अंदर आ गये. मैने अपना पर्स वहाँ बने काउंटर पर रखा और अपने पति की तरफ घूमी. हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे. मेरी चूत मे खुजली और चुलबुलाहट शुरू हो गई थी जो मुझे बता रही थी कि मुझे, मेरी चूत को, मेरे पति के जवान, लंबे, मोटे और गरमा गरम लंड की कितनी ज़रूरत है.
” दरवाजा बंद करदो” मेरी आवाज़ खाली कमरे मे गूँज रही थी.
वो घूमे और उन्होने चेंजिंग रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. चेंजिंग रूम मे हम दोनो अकेले थे. फटाफट चुदाई के लिए ये बहुत अच्छी जगह थी. वो धीरे धीरे चलते हुए मेरे नज़दीक आए तो मेरे दिल की धड़कनें बढ़ने लगी, साँसें तेज होने लगी और नसों मे खून की रफ़्तार बढ़ गई. उन्होने अपना हाथ मेरी गर्दन के पीछे रखा और और हमारे सेक्सी और रसीले होंठ आपस मे मिल गये. उनकी जीभ मेरी जीभ से खेलने लगी. ये ऐसा चुंबन था जिस से कोई भी लड़की पिघल जाती है.
उन्होने अपने होंठ मेरे होठों पर से हटाए और उनके हाथ मेरे सेक्सी जिस्म पर फिरते हुए मेरे मम्मे, मेरी चुचियों पर पहुँचे तो उन्होने मेरी चुचियों को गाड़ी के हॉर्न की तरह दबाया. मेरी दोनो निप्पल सख़्त हो चली थी. उनके हाथ मेरे जिस्म पर रेंगते हुए मेरी गंद पर पहुँचे. वो मेरे सामने अपने घुटनों पर बैठ गये और उनके हाथ मेरी नंगी सेक्सी टाँगों पर फिरते हुए उपर आने लगे तो रोमांच से मेरे रोएँ खड़े हो गये. मैने अपनी साँसे रोक ली थी और उनके हाथ धीरे धीरे मेरी स्कर्ट के अंदर पहुँचे. उन्होने अपनी उंगली मेरी चूत की दीवारों के बीच घुमाई तो हम दोनो ने ही महसूस किया कि मेरी चूत काफ़ी गीली हो चुकी है. उन्होने धीरे से मेरी चड्डी खींच कर नीचे कर दी और मैने अपने पैर उठा कर चड्डी को बाहर किया. उन्होने मेरी चड्डी उठा कर सूँघी और मेरे चूत रस की सुगंध ली. जब उन्होने मेरी स्कर्ट उपर उठाई तो मैने अपने पैर चौड़े किए और उन्होने मेरी चूत को चूम लिया. मैने अपनी गंद काउंटर के कोने पर टिकाई और उनकी उंगकी धीरे से मेरी चूत की दरार मे घूम गई. मेरी गंद अपने आप ही उपर नीचे होने लगी क्यों कि मैं तो जल्दी से जल्दी उनके लंड को अपनी चूत मे खा जाना चाहती थी. पर उनको चोद्ने की इतनी जल्दी नही थी. वो मुझे और गरम करना चाहते थे, और सटना चाहते थे. जब उन्होने अपनी जीभ मेरी चूत पर बाहर और अंदर फिराई तो मैं जैसे स्वर्ग मे पहुँच गई. फिर उन्होने अंपनी जीभ मेरी गीली और नशीली चूत के अन्द्रुनि भाग पर फिराई तो मेरे पैर अपने आप ही चुदाई की चाह मे और चौड़े हो गये.
उनकी जीभ मेरी चूत पर घूमती हुई मेरी चूत के अंदर जा कर मुझे मदहोश करने लगी. मेरी चूत का दाना तन गया जिसपर उनकी जीभ ने कमाल कर दिखाया. मेरी साँसें और तेज हो गई, मेरे मूह से आनंद भरी चीत्कार निकल रही थी. मेरी उंगलियाँ उनके हाथ पर कस गई और मुझे लगा कि मैं चुदवाने के पहले ही झाड़ जाउन्गि.
जुली को मिल गई मूली compleet
Re: जुली को मिल गई मूली
अब उन्होने मेरे टॉप और मेरी चोली को उपर करके मेरी चुचियों को ब्रा की क़ैद से आज़ाद कर्दिया. मेरी दोनो गुलाबी निपल्स तन कर खड़ी हो गई और मेरे पति ने एक निपल अपने मूह मे ली और उसको चूसना शुरू कर्दिया. मैने अपना हाथ नीचे किया और उनके पॅंट की ज़िप खोल दी. जैसा की उपेक्षित था, उनका चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा तन कर खड़ा हुआ था और चूत चुदाई को तय्यार था. उनकी जीभ सेक्सी तरीके से मेरी चुचि, मेरी निपल पर घूमती गई और मैने उनके लंड को खुली ज़िप के अंदर, उनकी चड्डी के उपर से ही ज़ोर से पकड़ लिया.
अब उनके मूह मे मेरी दूसरी निपल आ गई और उत्तेजना के मारे उन्होने करीब करीब मेरी निप्पल पर काट ही लिया था. उनका हाथ नीचे हुआ और उन्होने मेरी चूत के दाने को अपने अंगूठे से दबाया तो मेरी गंद काउंटर से उपर उठ गई.
उन्होने अपना खड़ा हुआ लंबा और मोटा लंड चड्डी से बाहर निकालने मे मेरी मदद की और मैने उनके लंड को पकड़ कर अपनी गीली गरम चूत पर रगड़ा. उनके लंड को अपने मूह पर पा कर जैसे मेरी चूत बहुत खुश हो गई और हमेशा की तरह ढेर सारा रस मेरी चूत से बाहर आया. मैने अपने घुटनों के बल बैठ कर उनके तन तनाते हुए लौडे को अपने हाथ मे पकड़ा. मैं उनका लंड चूसने को तय्यार थी और मैं ज़्यादा इंतज़ार नही कर सकी. मैने तुरंत ही उनके लंड के मूह पर, सूपदे पर अपनी जीभ फिराई.
हम दोनो ही अपनी चुदाई जल्द से जल्द पूरी करना चाहते थे, इस से पहले की कोई हमको वहाँ देखले.
मुझे पता है कि मेरे पति चुदाई मे बहुत मज़बूत हैं और हमेशा ही उनके लंड से पानी निकलने मे बहुत समय लगता है. इसलिए मेरे लिए ये ज़रूरी था कि चूत चुदाई के पहले उनके लंड को इतना गरम कर्दिया जाए ताकि उनका लंड मेरी चूत मे अपना पानी निकालने मे ज़्यादा वक़्त ना लगाए. और इसका एक ही रास्ता था कि मैं उनके लौडे को चूस चूस कर पानी निकालने के आधे रास्ते तक ले जाउ. मेरे पति हमेशा ही कहतें हैं कि मैं बहुत अच्छा लंड चुस्ती हूँ और आज एक बार फिर मैं अपनी लंड चूसने की क़ाबलियत उनके लंड पर दिखा रही थी.
उनका आधा लंड मेरे मूह मे था और मैं उसको चूस्ते हुए मेरे मूह के अंदर बाहर कर रही थी, जैसे उनका लंड मेरे मूह को चोद रहा था. ये मेरे अनुभव से मुझे पता चला कि अब मैं उनको काफ़ी गरम कर चुकी हूँ और अब चूत और लंड की चुदाई मे वो मेरे साथ ही झड़ेंगे, तो मैने उनका खड़ा लंड अपने मूह की पकड़ से आज़ाद किया.
अब उनके मूह मे मेरी दूसरी निपल आ गई और उत्तेजना के मारे उन्होने करीब करीब मेरी निप्पल पर काट ही लिया था. उनका हाथ नीचे हुआ और उन्होने मेरी चूत के दाने को अपने अंगूठे से दबाया तो मेरी गंद काउंटर से उपर उठ गई.
उन्होने अपना खड़ा हुआ लंबा और मोटा लंड चड्डी से बाहर निकालने मे मेरी मदद की और मैने उनके लंड को पकड़ कर अपनी गीली गरम चूत पर रगड़ा. उनके लंड को अपने मूह पर पा कर जैसे मेरी चूत बहुत खुश हो गई और हमेशा की तरह ढेर सारा रस मेरी चूत से बाहर आया. मैने अपने घुटनों के बल बैठ कर उनके तन तनाते हुए लौडे को अपने हाथ मे पकड़ा. मैं उनका लंड चूसने को तय्यार थी और मैं ज़्यादा इंतज़ार नही कर सकी. मैने तुरंत ही उनके लंड के मूह पर, सूपदे पर अपनी जीभ फिराई.
हम दोनो ही अपनी चुदाई जल्द से जल्द पूरी करना चाहते थे, इस से पहले की कोई हमको वहाँ देखले.
मुझे पता है कि मेरे पति चुदाई मे बहुत मज़बूत हैं और हमेशा ही उनके लंड से पानी निकलने मे बहुत समय लगता है. इसलिए मेरे लिए ये ज़रूरी था कि चूत चुदाई के पहले उनके लंड को इतना गरम कर्दिया जाए ताकि उनका लंड मेरी चूत मे अपना पानी निकालने मे ज़्यादा वक़्त ना लगाए. और इसका एक ही रास्ता था कि मैं उनके लौडे को चूस चूस कर पानी निकालने के आधे रास्ते तक ले जाउ. मेरे पति हमेशा ही कहतें हैं कि मैं बहुत अच्छा लंड चुस्ती हूँ और आज एक बार फिर मैं अपनी लंड चूसने की क़ाबलियत उनके लंड पर दिखा रही थी.
उनका आधा लंड मेरे मूह मे था और मैं उसको चूस्ते हुए मेरे मूह के अंदर बाहर कर रही थी, जैसे उनका लंड मेरे मूह को चोद रहा था. ये मेरे अनुभव से मुझे पता चला कि अब मैं उनको काफ़ी गरम कर चुकी हूँ और अब चूत और लंड की चुदाई मे वो मेरे साथ ही झड़ेंगे, तो मैने उनका खड़ा लंड अपने मूह की पकड़ से आज़ाद किया.
Re: जुली को मिल गई मूली
मेरे पैर उनकी कमर से लिपट गये, उनके हाथ मेरी गंद के नीचे थे और उनका लंबा और मोटा लंड मेरी चूत मे घुसा हुआ मुझे चोद रहा था. शुरूवात से ही उनके धक्के काफ़ी तेज थे क्योंकि वो पहले से ही गरम थे. मैने अपना हाथ नीचे करके खुद ही अपनी चूत के दाने को मसला जिस से मैं जल्दी ही झाड़ गई, पर मेरे पति मेरी चूत को लगातार चोद रहे थे. दो चुदाई के दीवाने चुड़क्कड़ अपना चोद्ने और चुद्वाने का काम बहुत मन लगा कर कर रहे थे. जल्दी ही मैं दूसरी बार झड़ने को तय्यार थी. मेरी साँसे तेज हो गई, बदन अकड़ने लगा और मज़ा बढ़ता गया.
एक जोरदार धक्के के साथ उनका लंड मेरी चुत की गहराईयो मे अपने लंड रस की बरसात करता हुआ मेरी चुदाई की प्यास को बुझाने लगा. मैं खुद भी बहुत ज़ोर से झाड़ चुकी थी. हम दोनो की आँखों मे परम संतुष्टि के भाव थे. उनके लंड ने मेरी चूत के अंदर अपने पानी का अंतिम फव्वारा छ्चोड़ा और वो मुझ से लिपट गये.
उन से लिपटे हुए, मैने उनके कान मे कहा – ” मुझे मूतना है.”
वो मुस्कराते हुए बोले – चुदाई के बाद हमेशा ही तुम्हारा मूत निकलता है.
उन्होने अपना नरम पड़ता लंड मेरी चूत से निकाला तो मैने अपने पैर ज़मीन पर रखे. मेरे पैर काँप रहे थे. मैं ठीक से खड़ी नही हो पा रही थी. उन्होने मुझे कमर से पकड़ा और मेरी तरफ देख कर मुस्काराए. ऐसा जोरदार, दमदार और तेज चुदाई की वजह से हुआ था.
मेरी ताक़त वापस आई तो मैने काउंटर पकड़ कर अपना संतुलन बनाया. मैं सामने बने सौचालय की तरफ बढ़ी. मैने अपने पर्स से टिश्यू पेपर निकाला और टाय्लेट सीट पर बैठी. मैने देखा कि मेरे पति भी वहाँ चेंजिंग रूम के वॉश बेसिन से टिश्यू पेपर ले कर अपना गीला लंड सॉफ कर रहे है. फिर उन्होने अपना लंड वापस अपनी चड्डी मे, अपनी पॅंट के अंदर डाला और ज़िप बंद की. उन्होने मेरी नीचे ज़मीन पर पड़ी चड्डी को उठाया और मेरी तरफ देखा. क्यों कि दरवाजा खुला हुआ था और वो मुझे मूत करते हुए देखने लगे.
मैने मूत कर अपनी चूत को टिश्यू पेपर से सॉफ किया और जब मैं खड़ी हुई तो उन्होने मेरी चड्डी मुझे पकडाई. मैने चड्डी पहनी और अपने हाथ धो कर सॉफ किए. मैने अपने कपड़े ठीक किए, उन्होने दरवाजा खोला और मैं अपना पर्स उठाकर उनके हाथ मे हाथ डाले बाहर आई.
बाहर कोई नही था और किसी को भी पता नही चला कि हम वहाँ एक गरमा गरम चुदाई कर के निकले हैं. ये एक बहुत रोमांच से भरी चुदाई थी. हम बाहर आ कर अपनी कार मे बैठे तो मैने अपने पति से कहा की मुझे कुछ चड्डिया ख़रीदनी है.
जल्दी ही हम बाज़ार पहुँचे और उन्होने कार एक बहुत बड़ी दुकान के सामने रोकी. हम दोनो ने ही दुकान मे प्रवेश किया और काउंटर पर जा कर मैने अपने लिए चड्डिया दिखाने को कहा. सेल्स गर्ल ने कई तरह की चड्डिया मुझे दिखाई तो मैने उनमे से एक चड्डी उठाकर पुच्छा की ट्राइयल रूम कहाँ है. मैं हाथ मे चड्डी ले कर ट्राइयल रूम मे गई और मेरे पति बाहर मेरा इंतेज़ार करने लगे.
ट्राइयल रूम के अंदर आकर मैने वो चड्डी पहनी तो मुझे लगा कि वो चड्डी मेरी गंद के नाप से थोड़ी छोटी है. मैं वहाँ खड़ी सोच रही थी कि क्या किया जाय, तब, मेरे पति का मोबाइल पर फोन आया कि मुझे इतना समय क्यों लग रहा है. मैने अपने पति को बताया कि चड्डी थोड़ी छोटी है तो मेरे पति ने मुझे वहाँ रुकने को कहा और बोले कि वो खुद दूसरी चड्डी ले कर ट्राइयल रूम मे आ रहे हैं. उन्होने सेल्स गर्ल को बताया तो उसने थोड़ी सी बड़ी साइज़ की कुछ चड्डिया मेरे पति को दी जिनके साथ मेरे पति ट्राइयल रूम मे आए. अंदर आकर उन्होने दरवाजा अंदर से बंद किया और मेरी तरफ घूमे. मैं वहाँ कमर के नीचे नंगी खड़ी थी. मैने उनको कहा कि वो चड्डी मुझे बहुत पसंद है पर ज़रा छोटी है. उन के हाथ मे भी बहुत सुंदर सुंदर चड्डिया थी और उन्होने मुझे वी चड्डिया ट्राइ करने को कहा.
एक जोरदार धक्के के साथ उनका लंड मेरी चुत की गहराईयो मे अपने लंड रस की बरसात करता हुआ मेरी चुदाई की प्यास को बुझाने लगा. मैं खुद भी बहुत ज़ोर से झाड़ चुकी थी. हम दोनो की आँखों मे परम संतुष्टि के भाव थे. उनके लंड ने मेरी चूत के अंदर अपने पानी का अंतिम फव्वारा छ्चोड़ा और वो मुझ से लिपट गये.
उन से लिपटे हुए, मैने उनके कान मे कहा – ” मुझे मूतना है.”
वो मुस्कराते हुए बोले – चुदाई के बाद हमेशा ही तुम्हारा मूत निकलता है.
उन्होने अपना नरम पड़ता लंड मेरी चूत से निकाला तो मैने अपने पैर ज़मीन पर रखे. मेरे पैर काँप रहे थे. मैं ठीक से खड़ी नही हो पा रही थी. उन्होने मुझे कमर से पकड़ा और मेरी तरफ देख कर मुस्काराए. ऐसा जोरदार, दमदार और तेज चुदाई की वजह से हुआ था.
मेरी ताक़त वापस आई तो मैने काउंटर पकड़ कर अपना संतुलन बनाया. मैं सामने बने सौचालय की तरफ बढ़ी. मैने अपने पर्स से टिश्यू पेपर निकाला और टाय्लेट सीट पर बैठी. मैने देखा कि मेरे पति भी वहाँ चेंजिंग रूम के वॉश बेसिन से टिश्यू पेपर ले कर अपना गीला लंड सॉफ कर रहे है. फिर उन्होने अपना लंड वापस अपनी चड्डी मे, अपनी पॅंट के अंदर डाला और ज़िप बंद की. उन्होने मेरी नीचे ज़मीन पर पड़ी चड्डी को उठाया और मेरी तरफ देखा. क्यों कि दरवाजा खुला हुआ था और वो मुझे मूत करते हुए देखने लगे.
मैने मूत कर अपनी चूत को टिश्यू पेपर से सॉफ किया और जब मैं खड़ी हुई तो उन्होने मेरी चड्डी मुझे पकडाई. मैने चड्डी पहनी और अपने हाथ धो कर सॉफ किए. मैने अपने कपड़े ठीक किए, उन्होने दरवाजा खोला और मैं अपना पर्स उठाकर उनके हाथ मे हाथ डाले बाहर आई.
बाहर कोई नही था और किसी को भी पता नही चला कि हम वहाँ एक गरमा गरम चुदाई कर के निकले हैं. ये एक बहुत रोमांच से भरी चुदाई थी. हम बाहर आ कर अपनी कार मे बैठे तो मैने अपने पति से कहा की मुझे कुछ चड्डिया ख़रीदनी है.
जल्दी ही हम बाज़ार पहुँचे और उन्होने कार एक बहुत बड़ी दुकान के सामने रोकी. हम दोनो ने ही दुकान मे प्रवेश किया और काउंटर पर जा कर मैने अपने लिए चड्डिया दिखाने को कहा. सेल्स गर्ल ने कई तरह की चड्डिया मुझे दिखाई तो मैने उनमे से एक चड्डी उठाकर पुच्छा की ट्राइयल रूम कहाँ है. मैं हाथ मे चड्डी ले कर ट्राइयल रूम मे गई और मेरे पति बाहर मेरा इंतेज़ार करने लगे.
ट्राइयल रूम के अंदर आकर मैने वो चड्डी पहनी तो मुझे लगा कि वो चड्डी मेरी गंद के नाप से थोड़ी छोटी है. मैं वहाँ खड़ी सोच रही थी कि क्या किया जाय, तब, मेरे पति का मोबाइल पर फोन आया कि मुझे इतना समय क्यों लग रहा है. मैने अपने पति को बताया कि चड्डी थोड़ी छोटी है तो मेरे पति ने मुझे वहाँ रुकने को कहा और बोले कि वो खुद दूसरी चड्डी ले कर ट्राइयल रूम मे आ रहे हैं. उन्होने सेल्स गर्ल को बताया तो उसने थोड़ी सी बड़ी साइज़ की कुछ चड्डिया मेरे पति को दी जिनके साथ मेरे पति ट्राइयल रूम मे आए. अंदर आकर उन्होने दरवाजा अंदर से बंद किया और मेरी तरफ घूमे. मैं वहाँ कमर के नीचे नंगी खड़ी थी. मैने उनको कहा कि वो चड्डी मुझे बहुत पसंद है पर ज़रा छोटी है. उन के हाथ मे भी बहुत सुंदर सुंदर चड्डिया थी और उन्होने मुझे वी चड्डिया ट्राइ करने को कहा.