नशे की सज़ा compleet
Re: नशे की सज़ा
“ ठीक है सर “ मुझे समझ नही आया क़ी क्या कहूँ.
“ आओ मेरे प्राइवेट रूम मे चलो और अपने हाथ अब नीचे कर सकती हो.वहाँ मैं तुम्हे डVड प्लेयर पर नेहा की दुर्दशा की कहानी दिखाऊंगा.” यह कहकर राज ने दीवार मे एक जगह हाथ रखा और वहाँ एक दरवाज़ा खुल गया-इस दरवाज़े का मुझे अंदाज़ा ही नही था.मैं भी उसके साथ साथ उस आलीशान प्राइवेट रूम मे आ गयी जहाँ एक किंग साइज़ डबल बेड और एक डVड प्लेयर रखा हुआ था.
डVड प्लेयर ओन करके राज बेड पर रिलॅक्स करने की पोज़िशन मे बैठ गया और मुझसे बोला-“ आओ तुम मेरी गोद मे बैठो और मुझे गर्म रखने का काम करो.”
अपने खड़े लिंग के उपर उसने मुझे बिठा लिया और मेरे चिकने पेट पर अपने हाथ फिरने लगा.
“एक बार नीचे झुको और मेरे लिंग को अपने मूह मे लेकर उस पर अपनी जीभ घूमाओ.” राज ने मुझसे कहा और मैं नीचे की तरफ झुकने लगी तभी उसने मुझे रोक दिया और बोला-“ अभी इसकी ज़रूरत नही है.बस मैं ऐसे ही टेस्ट कर रहा था क़ी तुम कितनी अग्यकारी हो और तुम उस टेस्ट मे पास हो गयी हो.अब देखो उस लड़की की कहानी जिसने मेरे हुक्म को ना मानने की ग़लती की और उसकी उसे क्या सज़ा मिली………”
उधर लसीडी बिग स्क्रीन पर नेहा वाली डVड चलनी शुरू हो गयी……
एक लड़की को लेकर एक हवलदार इनस्पेक्टर राज के रूम मे आता है-लड़की बेहद खूबसूरत है और उसकी उमर यही कोई 20 साल के आसपास लग रही थी.
“सर.इस लौंडिया को मैने न्स्ड कॉलेज के बाहर ड्रग्स बेचते हुए पकड़ा है…” हवलदार ने लड़की को राज के हवाले करते हुए कहा.
इनस्पेक्टर राज शर्मा ने एक बार नीचे से उपर तक लड़की पर अपनी नज़र डाली-लड़की ने ब्लू कलर की स्किन टाइट डेनिम जीन्स पहन रखी थी और उपर लाल रंग थे स्किन टाइट टॉप पहना हुआ था.उसके टॉप और जीन्स के बीच मे लगभग 2-3 इंच का पूरा गॅप था जिसमे उसकी नाभि और पतली कमर सॉफ नज़र आ रही थी. हवलदार ने लड़की के हाथ पीछे की तरफ करके उनमे हथकड़ी पहनाई हुई थी जिससे उसके सीने के उभार और भी अधिक उठकर आगे को आ गये थे.
इनस्पेक्टर ने लड़की की खूबसूरती का जायज़ा लेने के बाद हवलदार की तरफ देखा और उससे पूछा-“ ड्रग्स भी बरामद हुए क्या इसके पास से ? “
“ जी सर……….यह रहा.” हवलदार ने एक छोटा सा पॅकेट इनस्पेक्टर के हाथ मे पकड़ा दिया-“ इसी पॅकेट को बेचते हुए मैने इसे पकड़ा है.”
Re: नशे की सज़ा
“ इस लौंडिया की तलाशी भी ली है कि इसके पास और भी ड्रग्स हैं कि नही ?” इनस्पेक्टर ने हवलदार से सवाल किया.
“हां सर” हवलदार ने हिचकिचाते हुए कहा-“ एक बार तो साहब मैने इसकी तलाशी ले ली है……पर उसमे कुछ और नही मिला.”
इनस्पेक्टर और हवलदार की बातचीत से लड़की का मूह शर्म से एकदम लाल हो गया था और उसने अपनी नज़रें ज़मीन पर गढ़ा रखी थीं.
“ ठीक है हवलदार ! इसकी बाकी की तलाशी मैं लेकर इस केस को आगे देखता हूँ.तुम अब जा सकते हो.” राज शर्मा ने हवलदार को यह कहकर चलता कर दिया.
इस बीच राज का एक हाथ मेरे सीन एके उभारों को सहलाने मे मशगूल हो गया था और अपना दूसरा हाथ वो मेरी चिकनी जांघों पर फिरा रहा था-मैं नेहा की कहानी देखने मे इतनी खो सी गयी की अपनी हालत का जैसे मुझे अंदाज़ा ही नही रहा.
हवलदार के जाने के बाद राज अपनी टांगे चौरी करके सोफे पर आराम से बैठ गया और नेहा की तरफ देखकर बोला-“क्या नाम है तुम्हारा ?”
“ जी नेहा अरोरा !” लड़की सहमी हुई थी.
राज ने अपना पोलीस वाला डंडा(केन) उठाया और उसे उसकी नाभि पर घूमाते हुए पूछने लगा-“ यह ड्रग्स का धंधा कब से कर रही है और कौन कौन तेरे साथ इस गोरख धंधे मे शामिल है.?”
“ सर,मैं बिल्कुल निर्दोष हूँ और मुझे इस हवलदार ने जान-बूझ कर फँसाया है. मैं बी.ए. की स्टूडेंट हूँ और कॉलेज के बाहर लंच टाइम मे आई हुई थी,तभी इस हवलदार ने मेरे पास आकर कुछ बदतमीज़ी करने की कोशिश की जिसका मैने विरोध करते हुए हवलदार को एक थप्पड़ लगा दिया. मेरे थप्पड़ लगते ही हवलदार ने आगबबूला होकर मुझे हथकड़ी लगा दी और बोला-“अब तुझे ऐसे केस मे फंसौंगा की तू सारी जिंदगी याद रखेगी.”
“लेकिन यह जो ड्रग्स का पॅकेट बरामद हुआ है तेरे पास से यह भी झूठ है क्या ? “ राज ने रौब दिखाने के लिए अपना डंडा उसके नितंबों पर मारते हुए पूछा.
“यह पॅकेट हवलदार ने अपनी पॉकेट से निकालकर आपको ऐसे ही पकड़ा दिया है ताकि झूठ-मूठ का केस मेरे खिलाफ बन सके.हथकड़ी लगान के बाद रास्ते मे जीप मे भी हवलदार ने मेरी तलाशी लेने के बहाने मेरे साथ जी भरकर बद्त-मीजी की.” नेहा ने लगभग रोते हुए अपनी आपबीती इनस्पेक्टर राज शर्मा को इस नीयत से बताई की शायद वो उसकी कुछ मदद करेगा.
राज कुछ देर तक चुपचाप अपने डंडे को उसके सीने के उभारों पर घुमा-घुमा कर अपना मनोरंजन करता रहा फिर बोला- “ यहाँ जितनी भी तुम्हारी जैसी लड़कियाँ पकड़कर लाई जाती हैं सब की सब यही कहानी दोहराती हैं जो तुमने मुझे अभी अभी सुनाई है-लेकिन हक़ीकत कुछ और ही निकलती है,मैं ऐसा करता हूँ कि एक बार तुम्हारी तलाशी अपने तरीके से ले लेता हूँ-अगर मुझे लगा की तुम निर्दोष हो तो तुम्हे छोड़ दिया जाएगा वरना 20 साल के लिए बिना जमानत के अंदर जैल की चक्की पीसनी पड़ेगी.”
“ लेकिन सर मैं बिल्कुल निर्दोष हून.आअप चाहे तो मेरी तलाशी लेकर देख सकते हैं.” नेहा को अभी भी उम्म्मीद थी की इनस्पेक्टर तलाशी लेने के बाद उसे छोड़ देगा.
“ आओ इधर मेरे नज़दीक आकर खड़ी हो जाओ ताकि मैं तुम्हारी तलाशी ले सकूँ.” राज ने उसे अपनी तरफ बुलाते हुए कहा और वो उसके नज़दीक आकर खड़ी हो गयी.
Re: नशे की सज़ा
इनस्पेक्टर ने अपने हाथ उसके कपड़ों के उपर से ही फिरा फिरा कर उसके खूबसूरत बदन की फिगर का भरपूर जयजा लिया.जब उसके हाथ उसके सीने के उभारों पर पहुँचे तो उसने उनको मस्ती मे दबाना शुरू कर दिया.इस पर नेहा एकदम भड़क पड़ी-“ सर यह आप क्या कर रहे हैं.यह तो सरासर बद्त-मीजी है.”
अगले ही पल इनस्पेक्टर ने एक थप्पड़ नेहा के गालों पर लगाते हुए कहा-“ अभी तो तेरे साथ बदतमीज़ी की नही है.अब मैं तुझे बताउन्गा की बदतमीज़ी कैसे करते हैं.” इतना कहने के साथ ही राज अपना एक हाथ नेहा के नाभि प्रदेश पर ले गया और उसे लगभग मसल्ते हुए हाथ को उसने जीन्स के अंदर घुसाकर उसे उसके योनि प्रदेश पर टीका दिया-“अब तेरी तलाशी ऐसे होगी की तू हमेशा याद रखेगी और पोलीस वालों की रेस्पेक्ट करना भी सीख जाएगी.”
शर्म से नेहा का बुरा हाल हो चुका था.उसके आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे.इनस्पेक्टर ने एक थप्पड़ और लगाते हुए उससे कहा-“अब यह रोना धोना बंद कर और चुप चाप खड़ी रहकर मुझे अपनी मनमानी करने दे ताकि मेरे रंग मे भंग ना पड़े.काफ़ी दीनो बाद दो तेरे जैसे खूबसूरत लौंडिया पकड़ मे आई है और तब ही नखरे दिखाने मे लगी हुई है.”
“ मुझे छोड़ दो प्लीज़ ! मुझे और जलील मत करो ! मुझे घर जाने दो प्लीज़ ! “ नेहा बोलती जा रही थी.उसे अभी भी उम्मीद थी कि शायद इनस्पेक्टर को उस पर तरस आ जाए और वो उसे जाने दे.
“ तेरे जैसी खूबसूरत और सेक्सी क्रिमिनल्स को हम लोग ऐसे ही छोड़ने लगे तो हम लोग क्या करेंगे ? “ राज ने उसकी तरफ देखते हुए उसकी हथकड़ी खोल दी और फिर बोला-“ अब बिना कोई नखरा किए अपने सारे कपड़े खोल दे और अपनी खूबसूरत जवानी के जलवे दिखा.”
जब नेहा के बदन मे कोई भी हरकत नही हुई तो राज ने अपना पोलीस वाला डंडा फिर से उठाया और उसकी टाँगो के बीच मे रखकर उसके योनि प्रदेश वाले भाग को दबाते हुए बोला-“ कपड़े उतारने मुझे भी आते हैं लेकिन मैं तुझी से उतर्वाउन्गा….उतार कपड़े……..या फिर……..”