देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब - Hindi sex strory

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sexy
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Re: देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब - Hindi sex strory

Unread post by sexy » 01 Oct 2015 09:09

मैं मुस्कराया और पीछे सर कर के उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, फिर जब उसको सामने से देखा तो दंग रह गया।

उसकी चूचियाँ इतनी बड़ी थी कि उसके आधी-2 बाहों को छुपा रहीं थी। उसके गहरे भूरे रंग के चुचूक लगभग एक सेन्टीमीटर के होंगे जो कि पूरी तरह से खड़े थे, जैसे वो मुझे बुला रहे हों।

मैं तुरन्त एक चूची को दबाने लगा और दूसरी चूची की घुन्डी को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर मैंने उसकी सलवार उतारने के लिए उसको खड़ा किया और नाड़ा खोल कर सलवार को उससे अलग किया, नीचे उसने गुलाबी रंग की ही पैन्टी पहन रखी थी। लगे हाथ मैंने उसको भी उतार फेंका। उसकी गद्देदार बुर शेव की हुई थी। ठीक बुर की दरार के ऊपर हल्की झांटों से मेरे वास्तविक नाम का प्रथमाक्षर लिखा था।

अनायास ही मेरा हाथ उस पर चला गया और सरकते हुए उसकी बुर तक पहुँच गया। उसकी बुर बिल्कुल गीली हो चुकी थी। फिर मैंने अपनी बीच की उंगली उसमें डाल दी। इसके बाद वो मुझसे लिपट गई। फिर मैंने उसको अपने से अलग किया और दो कदम पीछे हट कर मैंने उसे गौर से देखा और लगा कि शायद किरण की सुन्दरता को बयान करने के लिए मेरे जैसे लेखक के पास उपयुक्त शब्द ही नहीं हैं, वो अद्वितीय लग रही थी, मैं मन्त्रमुग्ध सा खड़ा रहा।

फिर उसने पूछा- आप क्या देख रहे हैं?

मैं एकदम से चौंक कर बोला- कुछ नहीं ! तुम यह बताओ कि तुम्हारे बदन का आकार क्या है?

वो बोली- 36-28-34

मैंने कहा- तुम्हारे जैसी बदनाकृति लाखों में एक होती होगी।

फिर मैंने उसके पास जाकर उसको अपनी बाहों में समेट लिया और ताबड़तोड़ चूमने लगा। फिर उसने मुझे अपने से थोड़ा अलग किया और मेरी कमीज उतारने लगी। मैंने उसका सहयोग किया। तत्पश्चात उसने मेरी जीन्स का बटन खोला और ज़िप खोल कर जैसे ही जीन्स नीचे खिसकाई, वैसे ही मेरा खड़ा लण्ड उसके मुँह से टकराया। वह एकदम चौंक गई। फिर उसने बड़े गौर से मेरे लण्ड और सीने को निहारा और बोली- माई गॉड ! आपका बदन तो प्राकृतिक रूप से ही बाल रहित है, आप बहुत सेक्सी दिख रहे हैं। और आप का ‘ये’ तो बहुत बड़ा और मोटा है, उस पर काला तिल आपके लण्ड को और सेक्सी बना रहा है। आपने जो फोटो भेजी थी उसमे तो काफी छोटा और पतला नजर आता था।

मैंने कहा- फोटो और असलियत में हमेशा फर्क होता है।

तो वो बोली- मुन्ना, मुझे डर लग रहा है ! इतना बड़ा कैसे जाएगा?

मैंने पूछा- अच्छा यह बताओ कि तुमने पहले कभी किसी के साथ चुदाई की है या नहीं?

वो बोली- मैंने सिर्फ अपनी उंगली की है, किसी के साथ अभी तक कुछ नहीं किया।

फिर मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जायेगा।

तुरन्त ही मैंने उसे कूल डाउन किया और बोला- लो इसे पहले चूसो…

वो बोली- नहीं, मुझे ठीक नहीं लगेगा।

मैंने कहा- चैटिंग में तो तुम मेरे लण्ड को बहुत चाव से चूसती थीं और जब तुम्हारे सामने मौका है तो तुम मना कर रही हो?

तो वो बोली- चैटिंग की बात और है। वहाँ तो सब बातों ही में होता है। लेकिन यह तो वास्तविकता है।

मैंने कहा- एक बार कोशिश तो करो।

उसने कहा- ओ के।

फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गई, उसने मेरे लण्ड को एक हाथ से हलके से पकड़ा।

मैंने उससे कहा- जरा ताकत लगा कर पकड़ो इसे ! और ऊपर नीचे करो ! यही सब कुछ है।

वो धीरे-धीरे मुठ मारने लगी।

फिर मैंने कहा- त्वचा को थोड़ा और पीछे करो तो पूरा सुपारा बाहर निकल आएगा।

उसने वैसा ही किया और मेरा पूरा सुपारा बाहर आ गया, जिसको देखते ही वो बोली- यह तो पूरा ही गुलाबी है, आपका लण्ड तो काफी सांवला है और सुपारा गुलाबी ! यह तो गजब का कॉम्बीनेशन है, आई जस्ट लव इट।

मैंने कहा- तुमको पसन्द है ?

उसने अपना मुँह ऊपर करके बड़ी-2 आँखों से देखा और सर हिला कर बोली- हाँ !

मैंने कहा- अब इसे चूसो।

फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गई, उसने मेरे लण्ड को एक हाथ से हलके से पकड़ा।

मैंने उससे कहा- जरा ताकत लगा कर पकड़ो इसे ! और ऊपर नीचे करो ! यही सब कुछ है।

वो धीरे-धीरे मुठ मारने लगी।

फिर मैंने कहा- त्वचा को थोड़ा और पीछे करो तो पूरा सुपारा बाहर निकल आएगा।

उसने वैसा ही किया और मेरा पूरा सुपारा बाहर आ गया, जिसको देखते ही वो बोली- यह तो पूरा ही गुलाबी है, आपका लण्ड तो काफी सांवला है और सुपारा गुलाबी ! यह तो गजब का कॉम्बीनेशन है, आई जस्ट लव इट।

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Re: देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब - Hindi sex strory

Unread post by sexy » 01 Oct 2015 09:10

मैंने कहा- तुमको पसन्द है ?

उसने अपना मुँह ऊपर करके बड़ी-2 आँखों से देखा और सर हिला कर बोली- हाँ !

मैंने कहा- अब इसे चूसो।

तो उसने झिझकते हुए आधे सुपारे को मुँह में लिया और अपनी जुबान उसके अग्र भाग पर फिराने लगी। मैंने लण्ड को थोड़ा सा उसके मुँह में अचानक घुसेड़ दिया। उसके मुँह से ओह्ह्ह की आवाज आई।

उसने कहा- बदमाशी मत करिये, नहीं तो उल्टी आ जाएगी।

मैंने कहा- ठीक है, तुम आराम से, लेकिन कस कर चूसो।

तो उसने थोड़ी और हिम्मत दिखाई और पूरा सुपारा मुँह में ले लिया और अपने सिर को आगे पीछे करने लगी।

थोड़ी देर तक तो वो अपने तरीके से मेरे लण्ड को चूसती रही, फिर मैंने कहा- रुको ! मैं तुमको सही लण्ड चूसने का तरीका बताता हूँ।

वो बोली- हाँ बताइये !

मैंने कहा- पहले अपनी जुबान से सुपारे को थोड़ी देर चाटो, फिर पूरी जुबान को अपने निचले होंठ को दबाते हुए बाहर करो और ज्यादा से ज्यादा अपना मुँह खोलो, फिर लण्ड को अपने मुँह के अन्दर लो, तो पूरा का पूरा लण्ड तुम्हरे मुँह मे आसानी से चला जायेगा। शुरू में थोड़ा जायेगा लेकिन जब तुम दो-चार बार करोगी तो पूरा लण्ड अपने मुँह में ले सकोगी तब तुम्हें मजा आयेगा।

वो बोली- मैं कोशिश करती हूँ !

और जैसा मैंने उसको बताया, वैसे ही मेरे लण्ड को चूसने लगी। कोई पांच मिनट में ही उसने मेरा आधा लण्ड अपने मुँह के अन्दर ले कर सर को आगे पीछे करने लगी। मेरा लण्ड तो और कड़क हो गया, मैं भी धीरे-धीरे उसके मुँह को खड़े-खड़े चोदने लगा और झुक कर उसकी चूची दबाने लगा और घुन्डी को उंगलियों से मीसने लगा।

थोड़ी ही देर में वो मस्त होने लगी और अपने एक हाथ से बुर को सहलाने लगी। मैं समझ गया कि वो अब पूरी तरह गर्म हो चुकी है क्योंकि वह मस्त हो कर लण्ड को चूसे जा रही थी। फिर मैंने उसका सर पकड़ा और उसके मुँह को कायदे से चोदने लगा। बीच-बीच में वो अपने मुँह से पूरा लण्ड बाहर निकाल कर लम्बी सांस ले लेती थी और फिर मैं मुँह को चोदने लगता।

यह कार्यक्रम लगभग 15 मिनट चला। फिर मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने सोचा कि अपना लण्ड उसके मुँह से निकाल लूँ और बाहर ही झड़ जाऊँ, क्योंकि किरण पहली बार लण्ड चूस रही थी, पता नहीं उसको वीर्य का स्वाद कैसा लगे। लेकिन फिर मैंने सोचा कि उसको कोई विकल्प न दूँ तो ज्यादा ठीक रहेगा, जो होगा वो देखा जाएगा।

यही सोच कर मैं उसके मुँह को और तेजी के साथ चोदने लगा और 5-6 धक्कों के बाद जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैं एकदम से रुक गया और अपना लण्ड किरण के मुँह में ही रहने दिया और सारा वीर्य उसके मुँह में निकालने लगा। पहले तो किरण की समझ में कुछ नहीं आया। लेकिन जैसे ही वीर्य उसकी जुबान पर लगा वैसे ही उसने मेरा लण्ड अपने मुँह से निकाल दिया और जो वीर्य उसके मुँह में था उसको उसने बगल में थूक दिया और फिर मेरे लण्ड से निकलते हुए वीर्य को बड़े ध्यान से देखते हुए बोली- आप ने बताया नहीं कि आप डिस्चार्ज होने वाले हैं !

मैंने कहा- सॉरी यार, गलती हो गई।

फिर मैंने उससे पूछा- वीर्य का स्वाद कैसा है?

वो बोली- कुछ नमकीन सा, अजीब सा है।

मैंने पूछा- बहुत खराब तो नहीं है?

उसने कहा- नहीं, ठीक है ! पहली बार चखा है ना इसलिए थोड़ा अट्पटा सा लग रहा है।

तो मैंने कहा- जो मेरे लण्ड पर वीर्य लगा है उसे तुम चाट जाओ।

वो बोली- नहीं !

मैंने फिर जोर दिया तो मान गई और मेरे लण्ड को चूसने लगी और जितना भी वीर्य लगा था वो भी चाट गई।

फिर मैंने उसे पीठ के बल बिस्तर के किनारे लिटा दिया और खुद घुटनों के बल उसके टांगों के बीच फर्श पर बैठ गया फिर उसके पैर घुटनों से मोड़ कर फैलाये और अपनी जुबान बुर पर फिराई।

यकायक मुझे बंगलोर वाली दोस्त की सलाह याद आई, उसने कहा था कि अगर वो कुंवारी हो तो प्लेन कन्डोम प्रयोग करना और पहले उसकी बुर को उंगली से चोद कर अच्छी तरह तैयार करना, फिर बगैर रुके काफी देर तक चुदाई करना।

यही सोच कर मैं बुर की फाकों को फैला कर दाने को चाटने लगा और एक उंगली उसके बुर में घुसेड़ कर आगे-पीछे करने लगा। उसकी बुर पहले से ही बहुत गीली थी तो उंगली जाने में कोई परेशानी नहीं हुई। वो बुर चुसाई और उंगली चुदाई का आँख बन्द करके मजा ले रही थी। उसके दोनों हाथ अपनी चूचियों को सहला रहे थे।

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Re: देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब - Hindi sex strory

Unread post by sexy » 01 Oct 2015 09:10

फिर मैं उसकी बुर को दो उंगलियों से चोदने लगा और अंगूठे से बुर के दाने को रगड़ने लगा। इससे उसकी बुर से चिकना गाढ़ा पदार्थ निकलने लगा और बह कर उसके गाण्ड के छेद से होता हुआ नीचे बिछी चार पर टपकने लगा। फिर मैंने अपने दूसरे हाथ की एक उंगली को बुर-रस से सराबोर किया और उसके गाण्ड में धीरे से खोंस दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।

उसने अपनी गाण्ड थोड़ी सी ऊपर उचकाई और बोझिल आवाज में धीरे से कहा- मुन्ना प्लीज़ ! बदमाशी मत करो।

मैंने कहा- बस डार्लिंग एक मिनट।

कोई एक मिनट बाद मैंने अचानक अपनी चारों उन्गलियों को उसके बुर में घुसड़ दिया और अन्दर बाहर करने लगा। वो एकदम से अपने एक कोहनी के बल उठ बैठी और दूसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- मुन्ना प्लीज़ ! दर्द कर रहा है, छोड़ दीजिए प्लीज़ !

लेकिन मैं उसकी बुर और गाण्ड दोनो को ही अपनी उन्गलियों से चोदता रहा और बोला- बस डार्लिंग थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो। फिर तो मजा ही मजा है।

इस पर वो आआआह्ह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह करते फिर लेट गई। मैं करीब 5 मिनट तक इसी तरह उसको चोदता रहा, वो आआआह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह्ह्ह करती रही, फिर गाण्ड को थोड़ा ऊपर उठाते हुए उसने झटके से मेरे दोनों हाथ अपनी बुर और गाण्ड से निकाल दिया, और फिर उसका पेट एक दो बार फड़का और उसने जोर से कहा- आआआह्ह्ह्ह्ह फिर उसकी बुर से एक जबरदस्त फव्वारा फूट पड़ा। जिससे मेरा पूरा का पूरा चेहरा ही भीग गया और फिर उसने एक हाथ से अपनी बुर को जल्दी जल्दी रगड़ने लगी और एक बार फिर उसके मुँह से निकला- आआआह्ह्ह्ह्ह और इस बार उसकी बुर से हल्का सा फव्वारा फूटा फिर निढाल हो कर हांफते हुए करवट ले ली।

किरण तो परम आन्न्द प्राप्त कर निढाल सी लेट गई थी, इधर मेरा लण्ड थोड़ा मुर्झाया सा लटक रहा था जैसे किसी बच्चे को बिना वजह डांटा गया हो और वो गर्दन झुकाए खड़ा हो।

मैंने किरण से अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा- देखो इसे ! कितना उदास है !

फिर मैंने अपने लण्ड से कहा- अरे मेरे पप्पू ! क्यों उदास हो, अभी तुम्हारा नम्बर आता है ना !

इस पर किरण मुस्करा दी। फिर बुर-रस से भिगा मेरा चेहरा और हेयरलेस-सीना लिए मैं बिस्तर पर चढ़ा और किरण को सीधा किया। फिर उसके ऊपर ही लेट गया और चूमने लगा और कहा- अपने बुर-रस को चाट कर मेरा चेहरा तो साफ करो।

वो कुछ नहीं बोली लेकिन मुस्कराई। फिर उसने मुझे नीचे किया और खुद मेरे ऊपर आ गई। मेरे लण्ड के ऊपर उसकी बुर थी उसकी बड़ी-2 चूचियाँ मेरे गीले सीने से चिपक गईं। फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ा और अपनी जुबान से मेरा माथा चूमा और चाटना शुरू किया। फिर धीरे धीरे उसने मेरे गाल चाटे और फिर मेरे होठों को चूसा। फिर सीने को चूसते चाटते मेरे लण्ड तक सरकते हुए पहुँच गई। फिर उसने मेरे लण्ड को पकड़ा और सुपारे को मुँह में ले कर चूसने लगी। इस बार वो किसी एक्सपर्ट की तरह चूस रही थी फिर धीरे से घूम कर 69 की पोजीशन में आ गई।

अब मेरा लण्ड पूरी तरह खड़ा होने लगा। इधर मैं उसकी बुर को फिर से चूसने लगा। उसकी बुर अभी तक गीली थी उसका स्वाद बहुत अच्छा था। करीब 10 मिनट तक हम लोग चूसा-चासी करते रहे। अब मेरा लण्ड किरण को चोदने के लिए बिलकुल कड़क हो चुका था, मैंने किरण से कहा- मेरी पैन्ट में एक कन्डोम रखा है उसे निकालो !

किरण उठी और मेरी जीन्स के पॉकेट में हाथ डाला और दो पैकेट निकाले, वो बोली- इसमें तो दो हैं !

मैंने कहा- हाँ ! एक डॉटेड है और दूसरा प्लेन !

वो बोली- ये दो किस्म के क्यों लाए आप?

मैंने कहा- इसलिए लाया कि अगर तुम पहले से चुदी होती तो मैं डॉटेड वाला प्रयोग करता। लेकिन तुम पहली बार चुदने जा रही हो इसलिये प्लेन वाला इस्तेमाल करुंगा।

वो दोनों कन्डोम ले कर आ गई। फिर मैंने उससे कहा- ये वाला कन्डोम मेरे लण्ड पर चढ़ाओ।

उसने कन्डोम चढ़ाया।

फिर मैं उठा और उसको चित्त लिटा कर उसकी गाण्ड को बेड के किनारे तक घसीटा और उसके नीचे अपना रुमाल बिछा दिया और मैं खुद उसके पैरों के पास बेड के किनारे खड़ा हो गया। फिर मैंने उसके दोनों घुटने ऊपर मोड़े और उनके बीच में अपने दोनों हाथ डाल कर उसके ऊपर झुक गया। अब मेरा लण्ड ठीक उसके बुर के सामने ठुनका मार रहा था और उसकी बुर में घुसने के लिए तैयार था। फिर मैंने लण्ड के सुपाड़े को बुर के मुहाने पर रखा और अन्दर ठेल दिया।

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