मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
फ्फ्फ्फ्फ आआआआऐईईईई जैसी आवाज़ें निकल रही थी और उसका बदन काँपने लगा और मेरे सर को बड़ी ज़ोर से अपनी चूत मे दबा के पकड़ लिया और मेरे मूह मे अपनी कुँवारी चूत का कुँवारा रस छोड़ने लगी उसका ऑर्गॅज़म चल रहा था आँखें बंद थी और ज़ोर ज़ोर से साँस ले रही थी और देखते ही देखते उसका बदन काँपने लगा और एक दम से ढीला पड़ गया. मैने उसको उठा के बेड पे लिटा दिया. उसकी आँखें बंद हो गयी थी और गहरी गहरी साँसें लेती हुई वो किसी बेजान (लाइफलेस डॉल) गुड़िया की तरह से बेड पे पड़ी सो गयी. पिंकी बेड पे नंगी लेटी बोहोत ही खूबसूरत लग रही थी उसके बाल पिल्लो पे बिखरे पड़े थे और टाँगें खुली हुई थी चूत चूसने से और जूस निकलने से चमकदार हो गयी थी और काटने से उसकी चूत लाल हो गयी थी उसकी पिंक कलर की क्लाइटॉरिस चूत के पंखाड़ियों से बाहर झाँक रही थी और उसके पंखाड़िया भी सूज के थोड़े से मोटे भी हो गये थे.
मैं फिर इंटरनेट पे अपनी मेल्स चेक करने लगा. थोड़ी ही देर मे पिंकी उठ के बैठ गयी और मेरे तरफ देखने लगी और बोली के राजा यह कैसा मज़ा था मुझे आज से पहले ऐसा मज़ा कभी नही मिला तुम ने तो मुझे जन्नत का मज़ा दिया तो मैं धीरे से मुस्कुरा के बोला के अभी तुम ने देखा ही क्या है इस से भी ज़ियादा मज़ा दूँगा तुमको तुम कुछ बड़ी तो हो जाओ तो उसने बोला के हे राज देखो मैं बड़ी हो गयी हू तुम मुझे छोटी ना समझो तो मैं ने कहा ठीक है बाबा तुम अब बड़ी हो गई हो लंड चूसने के और चूत को चुसवाने के काबिल हो गयी हो तो वो हस्ने लगी और अपने कपड़े पहेन्ने लगी. मैं तो चेर पे नंगा ही बैठ था वो मेरे नज़दीक आ गयी और मेरे हाफ एरेक्ट लंड को अपने हाथ से पकड़ के बोली के यह तो एक दम से मॉन्स्टर है मेरे राजा तो मैं ने पूछा तुम्है पसंद है तो उसने मुस्कुराते हुए मेरे लंड से खेलते हुए कहा के हा आज से यह ही मेरा राजा है तो मैं ने बोला के तो फिर एक बार और प्यार तो कर्लो अपने राजा को तो वो मेरे दोनो पैरो के बीचे
मैं चेर के सामने बैठ गयी और मेरा मूसल लंड जो अब उसका राजा हो चुका था उसको प्यार से सहलाने लगी जिस से मेरा लंड एक ही मिनिट के अंदर लहरा के खड़ा हो गया जिसे उसने घापक से अपने मूह मे ले लिया और लॉली पोप की तरह चूसने लगी. एक टाइम चूसने से ही लगता था के उसे अछी ख़ासी प्रॅक्टीस हो गयी है और लगता था के वो लंड चूसने मे पर्फेक्ट हो गयी है. मैं भी नीचे हाथ डाल के उसको बूब्स को मसल्ने लगा. उसका मूह मुझे अपने लंड पे बोहोत अछा लग रहा था बोहोत ही मज़ा आ रहा था मैं अपनी चेर पर आंड थोड़ी आगे कर के कुछ और रिलॅक्स हो के बैठ गया जिस से उसको लंड चूसने मैं आ सांई हो रही थी. एक हाथ से मेरे लंड के डंडे को पकड़ा हुआ था मूठ मार रही थी और आधा लंड उसके मूह मे था. उसका गरम मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था और फिर थोड़ी ही देर मे अपनी चेर से खड़ा हो गया और उसके सर को पकड़ के उसका मूह चोदने लगा उसके हाथ मेरी गंद पे थे और वो मस्त चूस रही थी और फिर थोड़ी ही देर मे मेरे लंड मे से गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी मलाई उड़ उड़ के उसके मूह को भरने लगी जिसे उसने एक ड्रॉप गिराए बिना निगल लिया.
मैं ने भी कपड़े पहेन लिए और हम दोनो नीचे आ गये लंच के लिए. उसके बाद जब भी और जैसे भी मोका मिलता एक दूसरे की मलाई निकाल देते. कभी वो सिर्फ़ मेरे लंड को चूस के मलाई निगल लेती तो कभी मैं उसकी चूत को चाट चाट के उसकी मलाई निकाल के खा जाता कभी मोका मिलता तो दोनो एक दूसरे का माल निकाल देते और फिर हम ने 69 पोज़िशन भी ट्राइ किया बड़ा मज़ा आता था लैकिन अभी तक पिंकी को चोदा नही था. चोदना तो चाहता था लैकिन अभी फिलहाल नही के कही कोई प्राब्लम ना हो और वो भी मुझ से चुदना चाहती थी दोनो रेडी थे लैकिन चोदने के लिए सही मोके का वेट कर रहे थे जो के मिला लैकिन कुछ महीनो के बाद.
अब गर्मियों का मौसम ख़तम हो गया था और बारिश का सीज़न स्टार्ट हो गया था मौसम बोहोत ही अछा चल रहा था कभी कभी तो सारा दिन बरसात की हल्की हल्की फुहार पड़ती रहती धूप तो कभी कभार ही निकलती थी. एक दम से मस्त मौसम ऐसे मौसम मे ब्लंकेट से बाहर निकलने का मॅन नही करता था. उस दिन अछी ख़ासी ठंड पड़ रही थी. मुझे सुबह के 6 बजे ही पिंकी का फोन आया वो बोली के राजा तुम जल्दी से यहा आ जाओ तुम्हारे साथ मुझे ब्रेकफास्ट लेना है हम कही बाहर जाएँगे तुम्हारी बाइक पे देखो तो मौसम कितना प्यारा हो रहा है तो मैं अपने गरम बिस्तर से बाहर निकला और ब्रश करके गरम पानी से शवर ले के उसके घर आ गया. पिंकी की माताजी जाग रही थी उन्हो ने पूछा के अरे राजा आज इतनी जल्दी तो
मैं ने कहा के आंटीजी पिंकी का फोन आया था के बाहर कामत होटेल मे जा के मेरे साथ ब्रेकफास्ट करने का बोला तो वो मुस्कुरा दी और बोली के पगली है यह लड़की भी तुम्है खमखा इतनी सवेरे उठा दिया तो मैं मुस्कुरा के बोला के नही आंटी ऐसी कोई बात नही थोड़ी मेरी भी आउटिंग हो जाएगी वैसे भी आजकल कॉलेज को छुट्टियाँ चल रही है तो उन्हो ने पिंकी को पुकारा और बोली के देख राजा आ गया है. पिंकी ने सिंपल सलवार कमीज़ पहनी हुई थी तो मैं ने कहा अरे इतनी ठंड मैं ऐसे ही जाओगी कम से कम स्वेटर तो पहेन लो तो उसने बोला के तुम भी तो बर्म्यूडा और टी शर्ट मे हो और तुम ने भी तो कोई जॅकेट नही पहना है तो मैं ने बोला के मुझे आज ठंड का मज़ा लेना है तो उसने बोला के हा मैं भी आज ठंड का मज़ा लेना चाहती हू. बाइक की लोंग ड्राइव पे ठंड का मज़ा लूँगी आज तुम्हारे साथ तो उसकी माताजी बोली के पिंकी बेटा कुछ गरम पहेन ले नही तो ठंड मे बीमार हो जाएगी तो उसने हंसते हुए कहा के मोम मैं बोहोत दीनो से बीमार नही पड़ी हू ना अछा है एक टाइम बीमार तो हो जाने दो तो हम दोनो हंस दिए तो मैं ने बोला के ठीक है मैं भी अपनी जॅकेट ले लेता हू और तुम भी अपना स्वेटर या जॅकेट ले लो ठंड ज़ियादा महसूस हुई तो यूज़ कर लेंगे तो उसने कहा ठीक है और ऊपेर जा के अपना लंबा लेदर जॅकेट पहेन के आ गयी.
पिंकी बोली मोम आज मेरा पिक्निक का मूड है हो सकता है के ब्रेकफास्ट के बाद हम दोनो शमिरपेट तक जा के आएँगे. शमिरपेट, हयदेराबाद से तकरीबन 30-35 किलोमीटर पे एक पिक्निक स्पॉट है जहा रोड से थोड़ा नीचे उतार पे एक नदी बहती है और कुछ नदी के किनारे गार्डेन जैसा बना हुआ है वाहा है और रोड पे कुछ रोड साइड ढाबे ( एक टाइप के छोटे होटेल्स ) है जहा पिक्निक पे आने वाले अपनी पसंद के खाने खास तोर से पकवा के खाते है वाहा तक जा के आएगे तो उसकी माताजी बोली के ठीक है चली जाओ पर जल्दी वापस आ जाना तो पिंकी बोली के मोम मेरे साथ राजा है ना तुम क्यों डरती हो और अब मैं उतनी छोटी बच्ची भी तो नही हू मैं भी बड़ी हो गयी हू तो माताजी ने मज़ाक से हंसते हुए बोला के हा अभी अभी तो 19 वा साल लगा है तुझे और तू ऐसे समझ रही है जैसे 25 वा साल लगा हो तो पिंकी ने बोला के “मोम तुम ही तो कहा करती हो के पिंकी अब तुम बड़ी हो गयी हो ऐसे ना करो और वैसे ना करो तो आप ही बताओ के मैं बड़ी हो गयी हू या नही तो उसकी माताजी ने हस्ते हुए कहा के अछा बाबा तू अब बड़ी हो गयी है पर अपना ध्यान रखना तो पिंकी बोली के मोम आप भी ना” बेकार मे फिकर करती हो और हा मैं अपना ध्यान रखूँगी और हम लोग जल्दी ही आ जाएँगे तो उसकी माताजी ने कहा ठीक है बेटा जा और आछे से ठंड के मज़े ले के आ तो हम ने मम्मी को थॅंक्स बोला और बाहर निकल गये.
मेरे पास निकल और रेड कलर के कॉंबिनेशन की यामेहा स्पोर्ट्स बाइक है जिसकी पेट्रोल टॅंक पे और बॉडी पे येल्लो कलर के फ्लेम्स बने हुए है जिसे देखने से ऐसा लगता है जैसे बाइक जल रही हो. मेरी बाइक की सीट पीछे से थोड़ी उठी हुई है और सामने से झुकी हुई पीछे बैठने वाला चलाने वाले से कुछ ऊँचा हो के बैठ ता है ( स्लॅनटिंग पोज़िशन ). मुझे अपनी बाइक बोहोत ही पसंद है और मैं ने उसे बड़े चाव से संभाल के रखा है हमेशा चमकती रहती है. घर से बाहर निकलते ही हम दोनो मेरे घर की तरफ चल पड़े क्यॉंके मेरी बाइक घर पे ही थी. मेरे घर के गॅरेज मे जैसे ही उसने मेरी बाइक को देखा तो हंस के बोली के वाउ लगता है तुम्हारी बाइक कुछ ज़ियादा ही गरम दिख रही है तो मैं ने अपनी एक आँख बंद कर के बोला हा मेरे जैसी गरम है मेरी बाइक भी तो पिंकी ने बोला के अछा दिखाओ तो कितने गरम हो तुम तो मैं ने कहा अभी दिखाता हू और उसको पकड़ के अपनी ओर घुमाया और एक ज़बरदस्त किस कर दिया और एक ही मिनिट के अंदर हम टंग सकिंग किस कर रहे थे और मेरा लंड तो फॉरन ही बर्म्यूडा मे खड़ा हो गया जिसे पिंकी ने महसूस किया और जितनी देर किस चलता रहा उसने मेरे बर्म्यूडा के पाएंचे मे से हाथ अंदर डाल के मेरे आकड़े हुए लोहे जैसे मूसल लंड को पकड़ के दबाने लगी और मैं बे हद गरम हो चुका था मैं ने किस ख़तम करके पूछा के हा बोलो गर्मी है ना मेरे अंदर तो उसने उखड़ी उखड़ी सांसो से कहा हा बाबा तुम्हारे अंदर बोहोत गर्मी है और इतनी थोड़ी सी देर मे ही उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी और उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी शर्ट के अंदर किसी समंदर की लहर की तरह ऊपेर नीचे हो रहे थे जिसे मैं ने पकड़ के दबाया. अभी मैं सोच ही रहा था के उसकी शर्ट ऊपेर उठा के उसके बूब्स को चूसूं तो सडन्ली मुझे किसी के आने की आहट महसूस हुई देखा तो पापा अपनी कार की तरफ आ रहे थे हमै देख के बोले के इतनी सुबह सुबह कहा जा रहे हो तो मैं ने बोला हम कामत होटेल मे ब्रेकफास्ट के लिए जा रहे है इतने मे ही पिंकी ने बोला के अंकल हम ब्रेकफास्ट के बाद शमिरपेट भी जाएँगे थोड़ी देर घूम के वापस आएँगे तो उन्हो ने कहा हे ठीक है और बोला के मैं भी 2 दिन के लिए बाहर टूर पे जा रहा हू और वो अपनी कार मे बैठ के चले गये मैं ऊपेर गया और अपना बर्म्यूडा उतार के जीन्स पहेन लिया और अपना लोंग लेदर जॅकेट और लेदर ग्लव्स पहेन के आगेया और हम बाइक पे बैठ के होटेल की तरफ चल पड़े.
अभी हम बाइक पे बाहर निकले ही थे के हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी तो मैं ने कहा के अछा हुआ के तुम ने जॅकेट पहेन ली नही तो बारिश मे तुम्हारी शर्ट गीली हो जाती और होटेल के सारे लोग तुम्हारी बूब्स को ही देखते रहते तो उसने मेरे बॅक पे घूसे
मारने शुरू कर दिए और बोली के बड़े शैतान हो तुम. फिर बोली के राजा सच मे आज मेरा मूड बारिश मे भीगने का हो रहा है तो मैं ने कहा के ठीक है ब्रेकफास्ट कर के जब हम शहेर से बाहर निकलेंगे ना तब तुम अपना जॅकेट उतार देना और भीग जाना तो उसने कहा के गुड आइडिया. कामत होटेल एक चैन ऑफ होटेल्स है जहा साउत इंडियन इडली, वाडा, डोसा वाघहैरा मिलता है. सड़क परबारिश की वजह से और स्कूल को छुट्टी होने की वजह से रश नही था और एक दम से सुबह का भी तो टाइम था इसी लिए हम जल्दी ही होटेल पहुँच गये और ऑर्डर दे दिया. ब्रेकफास्ट और कॉफी पी के हम लोग बाहर निकले और दोनो ने लेदर ग्लव्स और फुल्ली कवर्ड और फुल्ली प्रोटेक्टिव हेल्मेट पहेन लिए जिस से चेहरा पूरा छुप जाता है और कोई पहचान भी नही पाता के कोन बाइक चला रहा है और कोन पीछे बैठा है और ठंडी हवा भी नही लगती. अभी तक सूरज नही निकला था और हर तरफ बदल छाए हुए था और फॉग था जिस वजह से सॉफ दिखाई भी नही दे रहा था. सड़क बारिश के पानी से कच्ची थी और हम दोनो धीरे धीरे मौसम का मज़ा लेते हुए शहेर से बाहर निकल आए.
हल्की हल्की बारिश कंटिन्यू थी और कुछ ठंड भी अछी ख़ासी पड़ रही थी. ब्रेकफास्ट के बाद गरमा गरम कॉफी पीने से जो बदन मे गर्मी आई थी वो भी ख़तम हो गयी थी. यह तो अछा हुआ के मैं बर्म्यूडा चेंज करके जीन्स पहेल लिया था. पिंकी मेरे से चिपक के बैठी थी उसके छोटे छोटे बूब्स मुझे अपने जॅकेट के ऊपेर से ही महसूस हो रहे थे. वैसे तो पिंकी मेरे साथ मेरी बाइक के बोहोत टाइम बैठ चुकी है और चिपक के भी बैठ चुकी है पर आज कुछ ज़ियादा ही चिपक के बैठी थी और कंटिन्यू मेरी बॅक पे अपने बूब्स को मसल भी रही थी.
हयदेराबाद और सेकुन्डराबाद ट्विन सिटीस है. अब हम सेकुंडराबाद के औत्स्किर्ट मे मिलिटरी के बॅरक्स है उनको भी क्रॉस कर के आगे निकल आए जहा से सिटी लिमिट्स ख़तम हो गयी थी है और अब हम शमिरपेट से तकरीबन 10 – 12 किलोमीटेर ही दूर थे. अब रोड एक दम से क्लियर थी कोई सिटी की ट्रॅफिक नही थी बस कभी कभी कोई इक्का दुक्का ट्रक या बस गुज़र जाती थी.
मैं फिर इंटरनेट पे अपनी मेल्स चेक करने लगा. थोड़ी ही देर मे पिंकी उठ के बैठ गयी और मेरे तरफ देखने लगी और बोली के राजा यह कैसा मज़ा था मुझे आज से पहले ऐसा मज़ा कभी नही मिला तुम ने तो मुझे जन्नत का मज़ा दिया तो मैं धीरे से मुस्कुरा के बोला के अभी तुम ने देखा ही क्या है इस से भी ज़ियादा मज़ा दूँगा तुमको तुम कुछ बड़ी तो हो जाओ तो उसने बोला के हे राज देखो मैं बड़ी हो गयी हू तुम मुझे छोटी ना समझो तो मैं ने कहा ठीक है बाबा तुम अब बड़ी हो गई हो लंड चूसने के और चूत को चुसवाने के काबिल हो गयी हो तो वो हस्ने लगी और अपने कपड़े पहेन्ने लगी. मैं तो चेर पे नंगा ही बैठ था वो मेरे नज़दीक आ गयी और मेरे हाफ एरेक्ट लंड को अपने हाथ से पकड़ के बोली के यह तो एक दम से मॉन्स्टर है मेरे राजा तो मैं ने पूछा तुम्है पसंद है तो उसने मुस्कुराते हुए मेरे लंड से खेलते हुए कहा के हा आज से यह ही मेरा राजा है तो मैं ने बोला के तो फिर एक बार और प्यार तो कर्लो अपने राजा को तो वो मेरे दोनो पैरो के बीचे
मैं चेर के सामने बैठ गयी और मेरा मूसल लंड जो अब उसका राजा हो चुका था उसको प्यार से सहलाने लगी जिस से मेरा लंड एक ही मिनिट के अंदर लहरा के खड़ा हो गया जिसे उसने घापक से अपने मूह मे ले लिया और लॉली पोप की तरह चूसने लगी. एक टाइम चूसने से ही लगता था के उसे अछी ख़ासी प्रॅक्टीस हो गयी है और लगता था के वो लंड चूसने मे पर्फेक्ट हो गयी है. मैं भी नीचे हाथ डाल के उसको बूब्स को मसल्ने लगा. उसका मूह मुझे अपने लंड पे बोहोत अछा लग रहा था बोहोत ही मज़ा आ रहा था मैं अपनी चेर पर आंड थोड़ी आगे कर के कुछ और रिलॅक्स हो के बैठ गया जिस से उसको लंड चूसने मैं आ सांई हो रही थी. एक हाथ से मेरे लंड के डंडे को पकड़ा हुआ था मूठ मार रही थी और आधा लंड उसके मूह मे था. उसका गरम मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था और फिर थोड़ी ही देर मे अपनी चेर से खड़ा हो गया और उसके सर को पकड़ के उसका मूह चोदने लगा उसके हाथ मेरी गंद पे थे और वो मस्त चूस रही थी और फिर थोड़ी ही देर मे मेरे लंड मे से गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी मलाई उड़ उड़ के उसके मूह को भरने लगी जिसे उसने एक ड्रॉप गिराए बिना निगल लिया.
मैं ने भी कपड़े पहेन लिए और हम दोनो नीचे आ गये लंच के लिए. उसके बाद जब भी और जैसे भी मोका मिलता एक दूसरे की मलाई निकाल देते. कभी वो सिर्फ़ मेरे लंड को चूस के मलाई निगल लेती तो कभी मैं उसकी चूत को चाट चाट के उसकी मलाई निकाल के खा जाता कभी मोका मिलता तो दोनो एक दूसरे का माल निकाल देते और फिर हम ने 69 पोज़िशन भी ट्राइ किया बड़ा मज़ा आता था लैकिन अभी तक पिंकी को चोदा नही था. चोदना तो चाहता था लैकिन अभी फिलहाल नही के कही कोई प्राब्लम ना हो और वो भी मुझ से चुदना चाहती थी दोनो रेडी थे लैकिन चोदने के लिए सही मोके का वेट कर रहे थे जो के मिला लैकिन कुछ महीनो के बाद.
अब गर्मियों का मौसम ख़तम हो गया था और बारिश का सीज़न स्टार्ट हो गया था मौसम बोहोत ही अछा चल रहा था कभी कभी तो सारा दिन बरसात की हल्की हल्की फुहार पड़ती रहती धूप तो कभी कभार ही निकलती थी. एक दम से मस्त मौसम ऐसे मौसम मे ब्लंकेट से बाहर निकलने का मॅन नही करता था. उस दिन अछी ख़ासी ठंड पड़ रही थी. मुझे सुबह के 6 बजे ही पिंकी का फोन आया वो बोली के राजा तुम जल्दी से यहा आ जाओ तुम्हारे साथ मुझे ब्रेकफास्ट लेना है हम कही बाहर जाएँगे तुम्हारी बाइक पे देखो तो मौसम कितना प्यारा हो रहा है तो मैं अपने गरम बिस्तर से बाहर निकला और ब्रश करके गरम पानी से शवर ले के उसके घर आ गया. पिंकी की माताजी जाग रही थी उन्हो ने पूछा के अरे राजा आज इतनी जल्दी तो
मैं ने कहा के आंटीजी पिंकी का फोन आया था के बाहर कामत होटेल मे जा के मेरे साथ ब्रेकफास्ट करने का बोला तो वो मुस्कुरा दी और बोली के पगली है यह लड़की भी तुम्है खमखा इतनी सवेरे उठा दिया तो मैं मुस्कुरा के बोला के नही आंटी ऐसी कोई बात नही थोड़ी मेरी भी आउटिंग हो जाएगी वैसे भी आजकल कॉलेज को छुट्टियाँ चल रही है तो उन्हो ने पिंकी को पुकारा और बोली के देख राजा आ गया है. पिंकी ने सिंपल सलवार कमीज़ पहनी हुई थी तो मैं ने कहा अरे इतनी ठंड मैं ऐसे ही जाओगी कम से कम स्वेटर तो पहेन लो तो उसने बोला के तुम भी तो बर्म्यूडा और टी शर्ट मे हो और तुम ने भी तो कोई जॅकेट नही पहना है तो मैं ने बोला के मुझे आज ठंड का मज़ा लेना है तो उसने बोला के हा मैं भी आज ठंड का मज़ा लेना चाहती हू. बाइक की लोंग ड्राइव पे ठंड का मज़ा लूँगी आज तुम्हारे साथ तो उसकी माताजी बोली के पिंकी बेटा कुछ गरम पहेन ले नही तो ठंड मे बीमार हो जाएगी तो उसने हंसते हुए कहा के मोम मैं बोहोत दीनो से बीमार नही पड़ी हू ना अछा है एक टाइम बीमार तो हो जाने दो तो हम दोनो हंस दिए तो मैं ने बोला के ठीक है मैं भी अपनी जॅकेट ले लेता हू और तुम भी अपना स्वेटर या जॅकेट ले लो ठंड ज़ियादा महसूस हुई तो यूज़ कर लेंगे तो उसने कहा ठीक है और ऊपेर जा के अपना लंबा लेदर जॅकेट पहेन के आ गयी.
पिंकी बोली मोम आज मेरा पिक्निक का मूड है हो सकता है के ब्रेकफास्ट के बाद हम दोनो शमिरपेट तक जा के आएँगे. शमिरपेट, हयदेराबाद से तकरीबन 30-35 किलोमीटर पे एक पिक्निक स्पॉट है जहा रोड से थोड़ा नीचे उतार पे एक नदी बहती है और कुछ नदी के किनारे गार्डेन जैसा बना हुआ है वाहा है और रोड पे कुछ रोड साइड ढाबे ( एक टाइप के छोटे होटेल्स ) है जहा पिक्निक पे आने वाले अपनी पसंद के खाने खास तोर से पकवा के खाते है वाहा तक जा के आएगे तो उसकी माताजी बोली के ठीक है चली जाओ पर जल्दी वापस आ जाना तो पिंकी बोली के मोम मेरे साथ राजा है ना तुम क्यों डरती हो और अब मैं उतनी छोटी बच्ची भी तो नही हू मैं भी बड़ी हो गयी हू तो माताजी ने मज़ाक से हंसते हुए बोला के हा अभी अभी तो 19 वा साल लगा है तुझे और तू ऐसे समझ रही है जैसे 25 वा साल लगा हो तो पिंकी ने बोला के “मोम तुम ही तो कहा करती हो के पिंकी अब तुम बड़ी हो गयी हो ऐसे ना करो और वैसे ना करो तो आप ही बताओ के मैं बड़ी हो गयी हू या नही तो उसकी माताजी ने हस्ते हुए कहा के अछा बाबा तू अब बड़ी हो गयी है पर अपना ध्यान रखना तो पिंकी बोली के मोम आप भी ना” बेकार मे फिकर करती हो और हा मैं अपना ध्यान रखूँगी और हम लोग जल्दी ही आ जाएँगे तो उसकी माताजी ने कहा ठीक है बेटा जा और आछे से ठंड के मज़े ले के आ तो हम ने मम्मी को थॅंक्स बोला और बाहर निकल गये.
मेरे पास निकल और रेड कलर के कॉंबिनेशन की यामेहा स्पोर्ट्स बाइक है जिसकी पेट्रोल टॅंक पे और बॉडी पे येल्लो कलर के फ्लेम्स बने हुए है जिसे देखने से ऐसा लगता है जैसे बाइक जल रही हो. मेरी बाइक की सीट पीछे से थोड़ी उठी हुई है और सामने से झुकी हुई पीछे बैठने वाला चलाने वाले से कुछ ऊँचा हो के बैठ ता है ( स्लॅनटिंग पोज़िशन ). मुझे अपनी बाइक बोहोत ही पसंद है और मैं ने उसे बड़े चाव से संभाल के रखा है हमेशा चमकती रहती है. घर से बाहर निकलते ही हम दोनो मेरे घर की तरफ चल पड़े क्यॉंके मेरी बाइक घर पे ही थी. मेरे घर के गॅरेज मे जैसे ही उसने मेरी बाइक को देखा तो हंस के बोली के वाउ लगता है तुम्हारी बाइक कुछ ज़ियादा ही गरम दिख रही है तो मैं ने अपनी एक आँख बंद कर के बोला हा मेरे जैसी गरम है मेरी बाइक भी तो पिंकी ने बोला के अछा दिखाओ तो कितने गरम हो तुम तो मैं ने कहा अभी दिखाता हू और उसको पकड़ के अपनी ओर घुमाया और एक ज़बरदस्त किस कर दिया और एक ही मिनिट के अंदर हम टंग सकिंग किस कर रहे थे और मेरा लंड तो फॉरन ही बर्म्यूडा मे खड़ा हो गया जिसे पिंकी ने महसूस किया और जितनी देर किस चलता रहा उसने मेरे बर्म्यूडा के पाएंचे मे से हाथ अंदर डाल के मेरे आकड़े हुए लोहे जैसे मूसल लंड को पकड़ के दबाने लगी और मैं बे हद गरम हो चुका था मैं ने किस ख़तम करके पूछा के हा बोलो गर्मी है ना मेरे अंदर तो उसने उखड़ी उखड़ी सांसो से कहा हा बाबा तुम्हारे अंदर बोहोत गर्मी है और इतनी थोड़ी सी देर मे ही उसकी साँसें तेज़ी से चलने लगी थी और उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी शर्ट के अंदर किसी समंदर की लहर की तरह ऊपेर नीचे हो रहे थे जिसे मैं ने पकड़ के दबाया. अभी मैं सोच ही रहा था के उसकी शर्ट ऊपेर उठा के उसके बूब्स को चूसूं तो सडन्ली मुझे किसी के आने की आहट महसूस हुई देखा तो पापा अपनी कार की तरफ आ रहे थे हमै देख के बोले के इतनी सुबह सुबह कहा जा रहे हो तो मैं ने बोला हम कामत होटेल मे ब्रेकफास्ट के लिए जा रहे है इतने मे ही पिंकी ने बोला के अंकल हम ब्रेकफास्ट के बाद शमिरपेट भी जाएँगे थोड़ी देर घूम के वापस आएँगे तो उन्हो ने कहा हे ठीक है और बोला के मैं भी 2 दिन के लिए बाहर टूर पे जा रहा हू और वो अपनी कार मे बैठ के चले गये मैं ऊपेर गया और अपना बर्म्यूडा उतार के जीन्स पहेन लिया और अपना लोंग लेदर जॅकेट और लेदर ग्लव्स पहेन के आगेया और हम बाइक पे बैठ के होटेल की तरफ चल पड़े.
अभी हम बाइक पे बाहर निकले ही थे के हल्की हल्की बारिश शुरू हो गयी तो मैं ने कहा के अछा हुआ के तुम ने जॅकेट पहेन ली नही तो बारिश मे तुम्हारी शर्ट गीली हो जाती और होटेल के सारे लोग तुम्हारी बूब्स को ही देखते रहते तो उसने मेरे बॅक पे घूसे
मारने शुरू कर दिए और बोली के बड़े शैतान हो तुम. फिर बोली के राजा सच मे आज मेरा मूड बारिश मे भीगने का हो रहा है तो मैं ने कहा के ठीक है ब्रेकफास्ट कर के जब हम शहेर से बाहर निकलेंगे ना तब तुम अपना जॅकेट उतार देना और भीग जाना तो उसने कहा के गुड आइडिया. कामत होटेल एक चैन ऑफ होटेल्स है जहा साउत इंडियन इडली, वाडा, डोसा वाघहैरा मिलता है. सड़क परबारिश की वजह से और स्कूल को छुट्टी होने की वजह से रश नही था और एक दम से सुबह का भी तो टाइम था इसी लिए हम जल्दी ही होटेल पहुँच गये और ऑर्डर दे दिया. ब्रेकफास्ट और कॉफी पी के हम लोग बाहर निकले और दोनो ने लेदर ग्लव्स और फुल्ली कवर्ड और फुल्ली प्रोटेक्टिव हेल्मेट पहेन लिए जिस से चेहरा पूरा छुप जाता है और कोई पहचान भी नही पाता के कोन बाइक चला रहा है और कोन पीछे बैठा है और ठंडी हवा भी नही लगती. अभी तक सूरज नही निकला था और हर तरफ बदल छाए हुए था और फॉग था जिस वजह से सॉफ दिखाई भी नही दे रहा था. सड़क बारिश के पानी से कच्ची थी और हम दोनो धीरे धीरे मौसम का मज़ा लेते हुए शहेर से बाहर निकल आए.
हल्की हल्की बारिश कंटिन्यू थी और कुछ ठंड भी अछी ख़ासी पड़ रही थी. ब्रेकफास्ट के बाद गरमा गरम कॉफी पीने से जो बदन मे गर्मी आई थी वो भी ख़तम हो गयी थी. यह तो अछा हुआ के मैं बर्म्यूडा चेंज करके जीन्स पहेल लिया था. पिंकी मेरे से चिपक के बैठी थी उसके छोटे छोटे बूब्स मुझे अपने जॅकेट के ऊपेर से ही महसूस हो रहे थे. वैसे तो पिंकी मेरे साथ मेरी बाइक के बोहोत टाइम बैठ चुकी है और चिपक के भी बैठ चुकी है पर आज कुछ ज़ियादा ही चिपक के बैठी थी और कंटिन्यू मेरी बॅक पे अपने बूब्स को मसल भी रही थी.
हयदेराबाद और सेकुन्डराबाद ट्विन सिटीस है. अब हम सेकुंडराबाद के औत्स्किर्ट मे मिलिटरी के बॅरक्स है उनको भी क्रॉस कर के आगे निकल आए जहा से सिटी लिमिट्स ख़तम हो गयी थी है और अब हम शमिरपेट से तकरीबन 10 – 12 किलोमीटेर ही दूर थे. अब रोड एक दम से क्लियर थी कोई सिटी की ट्रॅफिक नही थी बस कभी कभी कोई इक्का दुक्का ट्रक या बस गुज़र जाती थी.
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
पिंकी अपने हाथ मेरे जॅकेट और टी शर्ट के अंदर से होते हुए मेरे सीने के मुलायम और सॉफ्ट बालो से खेल रही थी. उसको लगा के लेदर ग्लव्स की वजह से उसको मेरे बदन का स्पर्श अछी तरह नही मिल रहा है तो उसने ग्लव्स को निकाला और जॅकेट की जेब मे डाल लिया और अपने हाथो से मेरे सीने को मसल्ने लगी जिस से मेरे बदन मे बिजली दौड़ने लगी. आज पिंकी कुछ ज़ियादा ही रोमॅंटिक हो गयी थी और मेरे कान को अपने होटो से और कभी दांतो से काट रही थी. मुझे उसकी गरम गरम साँसें अपने
गर्दन (नेक) पे महसूस होने लगी और मेरा लंड मेरी जीन्स के अंदर मचलने लगा. वो तो अछा हुआ के मैं ने अंडरवेर नही पहना था नही तो जीन्स के अंदर अकड़ते अकड़ते मेरे लंड का तो बुरा हाल हो जाता. पिंकी बाइक पे कुछ ऐसे स्टाइल मे बैठी थी के देखने वालो को पता ही नही चलता था के उसके हाथ कहा है. वो अपने हाथ मेरे सीने पे और पेट पे घुमा रही थी और फिर अपने हाथो को एक दम से मेरे आकड़े हुए फुल्ली एरेक्ट लंड पे रख दिया और मेरे मूह से लंबी साँस निकल गयी तो उसने मेरे कान मे कहा क्या हुआ मेरे राजा तो मैं ने कहा के कुछ नही तो उसने कहा क्यों अछा नही लग रहा क्या तो मैं ने बोला के नही ऐसी बात नही बोहोत अछा लग रहा है तो उसने लंड को थोडा और दबा दिया. मुझे उसके हाथो का स्पर्श बोहोत अछा लग रहा था और मेरा लंड उसका हाथ लगने से कुछ ज़ियादा अकड़ने लगा तो उसने कहा क्यों पॅंट टाइट हो गयी क्या तो मैं ने कहा हा तो उसने कहा कोई बात नही यह लो और उसने पॅंट की ज़िप खोल दी और हाथ अंदर डाल के लंड को बाहर निकाल दिया और बोली के अब तो ठीक है ना तो मैं ने कहा पागल हो गयी हो तुम कोई देख लेगा यह क्या कर रही हो तो उसने बोला के पहली बात तो यह के रोड पे कोई ट्राफ्फिक नही है और दूसरी बात यह के जॅकेट लंबा होने की वजह से किसी हो भी पता नही चले गा के जॅकेट के अंदर क्या हो रहा है तो मैने नीचे झाँक के देखा तो वाकई मे किसी को कुछ भी नही दिख सकता था उसने जॅकेट को ऊपेर तक खेंच लिया था और लंड के डंडे को अपने हाथो से पकड़ के दबा रही थी. मेरा लंबा और मोटा लंड उसके छोटे हाथ मे आधा ही आ रहा था और मेरे कान की लोलकी को चूस्ते हुए लंड का मूठ मारने लगी. मेरे कान मे आहिस्ता से बोली के राजा यह शानदार लंड मुझे कब दे रहे हो तो मैं ने हंसते हुए कहा के अरे जब तुम्हारा दिल चाहे लेलो यह तुम्हारा ही तो है तो उसने कहा सच कह रहे हो राजा मैं जब कहुगी तुम मुझे देदोगे तो मैं ने कहा के हा बाबा सच कह रहा हू जब तुम्हारा जी चाहे ले लो यह अब तुम्हारा ही है तो वो फिर से मेरे कान का नीचे लटकते हुए पोर्षन को अपने होटो से चूस्ते हुए बोली अगर मुझे आज ही चाहिए तो क्या दे दोगे तो मैं ने कहा हा क्यों नही तो उसने कहा के ठीक है मुझे यह आज ही चाहिए तो मैं ने कहा के ठीक है बाबा ले लेना ज़रा शमिरपेट के ब्रिड्ज के नीचे तो पहुँच जाने दो तो उसने एक लंबी आअहह भर के कहा हहाई इतना लंबा इंतेज़ार मैं कैसे करू तो मैं ने कहा के पिंकी तुम तो सच मे पागल ही हो गयी हो अरे बाबा अभी थोड़ी ही देर मे हम वाहा होगे ना थोड़ा तो सबर करो तो उसने एक ठंडी साँस लेते हुए कहा के ठीक है ऐसे तगड़े लंड के लिए मैं थोड़ा और इंतेज़ार कर सकती हू. मोटर बाइक अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी ठंडी हवा मे बड़ा मज़ा आरहा था. हम ने
अपने हेल्मेट पहले ही निकाल लिए थे और मौसम का मज़ा ले रहे थे.
एक तो ठंडी हवा और उसपर से पिंकी के छोटे छोटे हाथो के स्पर्श से मेरा लंड आज कुछ ज़ियादा ही अकड़ गया था और मुझे बे इंतेहा मज़ा आ रहा था. जब कभी सामने वाली सड़क दूर तक खाली नज़र आती तो वो मेरे लंड को जॅकेट से बाहर निकाल देती तो बारिश की बूँदो से लंड गीला हो जाता और ठंड लगने से कुछ और अकड़ जाता और जब कोई कार, बस या लॉरी दिखाई देती तो पिंकी मेरे लंड को जॅकेट के अंदर छुपा के पकड़ लेती. वो मेरे लंड से ऐसे ही खेलती रही और अब हम शमिरपेट के करीब पहुँच चुके थे. आक्च्युयली इतनी सुबह सुबह कोई पिक्निक के लिए आता भी नही था लोग जॅनरली यहा 11 या 12 बजे के बाद से ही आना शुरू होते है और आज तो बारिश भी हो रही थी तो इसी लिए यहा हम दोनो के सिवा और कोई भी नही था.
गर्दन (नेक) पे महसूस होने लगी और मेरा लंड मेरी जीन्स के अंदर मचलने लगा. वो तो अछा हुआ के मैं ने अंडरवेर नही पहना था नही तो जीन्स के अंदर अकड़ते अकड़ते मेरे लंड का तो बुरा हाल हो जाता. पिंकी बाइक पे कुछ ऐसे स्टाइल मे बैठी थी के देखने वालो को पता ही नही चलता था के उसके हाथ कहा है. वो अपने हाथ मेरे सीने पे और पेट पे घुमा रही थी और फिर अपने हाथो को एक दम से मेरे आकड़े हुए फुल्ली एरेक्ट लंड पे रख दिया और मेरे मूह से लंबी साँस निकल गयी तो उसने मेरे कान मे कहा क्या हुआ मेरे राजा तो मैं ने कहा के कुछ नही तो उसने कहा क्यों अछा नही लग रहा क्या तो मैं ने बोला के नही ऐसी बात नही बोहोत अछा लग रहा है तो उसने लंड को थोडा और दबा दिया. मुझे उसके हाथो का स्पर्श बोहोत अछा लग रहा था और मेरा लंड उसका हाथ लगने से कुछ ज़ियादा अकड़ने लगा तो उसने कहा क्यों पॅंट टाइट हो गयी क्या तो मैं ने कहा हा तो उसने कहा कोई बात नही यह लो और उसने पॅंट की ज़िप खोल दी और हाथ अंदर डाल के लंड को बाहर निकाल दिया और बोली के अब तो ठीक है ना तो मैं ने कहा पागल हो गयी हो तुम कोई देख लेगा यह क्या कर रही हो तो उसने बोला के पहली बात तो यह के रोड पे कोई ट्राफ्फिक नही है और दूसरी बात यह के जॅकेट लंबा होने की वजह से किसी हो भी पता नही चले गा के जॅकेट के अंदर क्या हो रहा है तो मैने नीचे झाँक के देखा तो वाकई मे किसी को कुछ भी नही दिख सकता था उसने जॅकेट को ऊपेर तक खेंच लिया था और लंड के डंडे को अपने हाथो से पकड़ के दबा रही थी. मेरा लंबा और मोटा लंड उसके छोटे हाथ मे आधा ही आ रहा था और मेरे कान की लोलकी को चूस्ते हुए लंड का मूठ मारने लगी. मेरे कान मे आहिस्ता से बोली के राजा यह शानदार लंड मुझे कब दे रहे हो तो मैं ने हंसते हुए कहा के अरे जब तुम्हारा दिल चाहे लेलो यह तुम्हारा ही तो है तो उसने कहा सच कह रहे हो राजा मैं जब कहुगी तुम मुझे देदोगे तो मैं ने कहा के हा बाबा सच कह रहा हू जब तुम्हारा जी चाहे ले लो यह अब तुम्हारा ही है तो वो फिर से मेरे कान का नीचे लटकते हुए पोर्षन को अपने होटो से चूस्ते हुए बोली अगर मुझे आज ही चाहिए तो क्या दे दोगे तो मैं ने कहा हा क्यों नही तो उसने कहा के ठीक है मुझे यह आज ही चाहिए तो मैं ने कहा के ठीक है बाबा ले लेना ज़रा शमिरपेट के ब्रिड्ज के नीचे तो पहुँच जाने दो तो उसने एक लंबी आअहह भर के कहा हहाई इतना लंबा इंतेज़ार मैं कैसे करू तो मैं ने कहा के पिंकी तुम तो सच मे पागल ही हो गयी हो अरे बाबा अभी थोड़ी ही देर मे हम वाहा होगे ना थोड़ा तो सबर करो तो उसने एक ठंडी साँस लेते हुए कहा के ठीक है ऐसे तगड़े लंड के लिए मैं थोड़ा और इंतेज़ार कर सकती हू. मोटर बाइक अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी ठंडी हवा मे बड़ा मज़ा आरहा था. हम ने
अपने हेल्मेट पहले ही निकाल लिए थे और मौसम का मज़ा ले रहे थे.
एक तो ठंडी हवा और उसपर से पिंकी के छोटे छोटे हाथो के स्पर्श से मेरा लंड आज कुछ ज़ियादा ही अकड़ गया था और मुझे बे इंतेहा मज़ा आ रहा था. जब कभी सामने वाली सड़क दूर तक खाली नज़र आती तो वो मेरे लंड को जॅकेट से बाहर निकाल देती तो बारिश की बूँदो से लंड गीला हो जाता और ठंड लगने से कुछ और अकड़ जाता और जब कोई कार, बस या लॉरी दिखाई देती तो पिंकी मेरे लंड को जॅकेट के अंदर छुपा के पकड़ लेती. वो मेरे लंड से ऐसे ही खेलती रही और अब हम शमिरपेट के करीब पहुँच चुके थे. आक्च्युयली इतनी सुबह सुबह कोई पिक्निक के लिए आता भी नही था लोग जॅनरली यहा 11 या 12 बजे के बाद से ही आना शुरू होते है और आज तो बारिश भी हो रही थी तो इसी लिए यहा हम दोनो के सिवा और कोई भी नही था.
Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi
मोटेक्ष आ गये जिसपे से ट्रॅफिक पास होती थी और ब्रिड्ज के नीचे नदी बहती थी. यहा बड़े बड़े पोर बाइक को सड़क से नीचे उतार के ब्रिड्ज के नीचे खड़ा कर दिया और हम उस ब्रिड्ज के पास और कुछ झाड़ियाँ थी और ब्रिड्ज से थोड़ी दूर पे बोहोत बड़ा सा गार्डेन था जहा जनरली फॅमिलीस पिक्निक के लिए आते थे. हम ने पठारॉं ( स्टोन्स ) के बीच ऐसी जगह चूज़ की जहा इत्तेफ़ाक से अगर कोई आ भी जाता तो हमै नही देख सकता था. हम अभी भी जॅकेट पहने हुए थे क्यॉंके ब्रिड्ज के नीचे ठंडी हवा चल रही थी. जैसे ही हम वाहा पहुँचे बाइक को स्टॅंड लगाया पिंकी मुझ से दीवानो की तरह लिपट गयी और किस करने लगी टंग सकिंग किस कर रही थी और मेरे लंड को अपने हाथो ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी और देखते ही देखते उसने मुझे दो बड़े पठारो के बीच मे पुश किया और फॉरन ही नीचे बैठ के मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और लंड के डंडे को अपने हाथो से पकड़ के लंड को चूसने लगी. उसका गरम गर्म मूह मेरे लंड पे बोहोत अछा लग रहा था और मैं ने उसके सर को पकड़ लिया और उसके मूह को चोदने लगा. पिंकी मेरे लंड से तकरीबन 1 घंटे से खेल रही थी इसी लिए मे भी फुल मूड मे आ गया था और 5 मिनिट के अंदर ही मेरे लंड मे से गरम गरम और गाढ़ी गाढ़ी मलाई निकल के पिंकी के मूह मे पिचकारी की तरह गिरने लगी जिसे उसने बड़े मज़े से खा लिया और लास्ट ड्रॉप के निकलने तक चूस्ति ही रही और फिर मुझे थोड़ा और पीछे पुश किया और मुझे एक छोटे से पत्थर पे बिठा दिया तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के खेचा और डाइरेक्ट उसकी सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत पे किस किया तो उसकी टाँगें खुद ही खुल गयी और हाथ से मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मैं घुसा दिया. मैं सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत को
काट रहा था और उसकी जॅकेट और शर्ट के अंदर हाथ डाल के उसके बूब्स को पकड़ लिया वाउ उसने ब्रस्सिएर भी नही पहनी थी. उसके छोटे छोटे बूब्स मेरे पूरे हाथ मैं समा गये जिन्है मैं मसल्ने लगा और फिर हाथ नीचे ला के सलवार के स्ट्रिंग को टटोलने लगा तो पता चला के उसकी सलवार मे नाडा नही बल्कि एलास्टिक है जिसे मैं ने नीचे खेचा और उसकी नंगी चूत पे मूह रख दिया. क्या बताउ दोस्तो उसकी चूत वासना की आग मे किसी भट्टी की तरह जल रही थी और बे इंतेहा गरम हो चुकी थी. उसकी चूत किसी मक्खन की तरह चिकनी और किसी भट्टी की तरह गरम हो गयी थी और मेरी ज़ुबान लगते ही वो समंदर की तरह गीली हो गयी थी. उसकी चूत के पंखाड़िया एक दूसरे से मिले हुए थे और चूत एक लकीर की तरह दिख रही थी उसकी चूत के पंखाड़ियों को खोल के अंदर ज़ुबान डाल दिया और उसकी क्लाइटॉरिस से खेलने लगा वो मस्ती मे पागल हो गयी और मेरे सर को पकड़े अपनी चूत मेरे मूह मे पागलो की तरह रगड़ने लगी और एक ही मिनिट के अंदर मेरे मूह मे अपनी चूत ज़ोर से दबा दी और उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो मस्ती मे काँपने लगी और काँपते हुए आआआआआअहह और सस्स्स्
स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली और अपनी चूत को मेरे मूह पे रगड़ते हुए मेरे मूह मे झरने लगी और मैं उसकी छोटी सी मक्खन जैसे कुँवारी चूत का कुँवारा मीठे मीठा जूस पीता रहा उसके हाथ मेरे सर को पकड़े हुए थे और उसका बदन किसी कमान की तरह अकड़ गया था उसका ऑर्गॅज़म चलता ही रहा और जब उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हुआ तो उसका बदन ढीला पड़ गया और मैं ने उसको नीचे लिटा दिया. थोड़ी देर के बाद उसकी आँख खुली और मेरी तरफ देख के मुस्कुराई और मेरी गोदी मे अपना सर रख दिया और मेरे थाइस पे अपना हाथ बड़े प्यार से फैरने लगी.
हम जब होटेल से निकले तो एक थर्मस मे कॉफी फिल करवा ली थी और कुछ समोसे और स्नॅक्स का समान भी ले लिया था. थर्मस से कॉफी निकाल के हम पीने लगे. ठंडी हवा मे गरमा गरम कॉफी बोहोत अछी लग रही थी. हम दोनो एक दूसरे की कप से कॉफी पी रहे थे पिंकी मुझे हर थोड़ी देर मे किस कर रही थी मस्ती का महॉल था. गरमा गरम कॉफी पीने से हमारे बदन मे भी थोड़ी सी गर्मी आ गयी थी उतने मे ही
उसके फोन की घंटी बजी दूसरी तरफ से उसकी मम्मी बोल रही थी बेटा कहा हो तुम लोग तो उसने बोला के मम्मी हम बॅस अभी अभी शमिरपेट पहुँचे है तो उसने कहा के देखो यहा तो धुवा धार बारिश हो रही है मौसम बोहोत ही खराब है और सड़को पे काफ़ी पानी जमा हो गया है तुम लोग ऐसा करो के वाहा से फार्महाउस चले जाओ शाम तक बारिश कम हो गयी तो मैं बात दूँगी वापस आजाना नही तो एक रात वही रुक जाना तो उसने कहा ठीक है मम्मी फिर उसने फोन बंद किया उसकी आँखें चमकने लगी और खुशी से नाचने लगी जैसे बिन
माँगे ही भगवान ने उसके मन की बात सुन ली हो वो दीवानो की तरह मुझ से लिपट गयी और बोली के चलो राजा अब हम फार्महाउस चलेंगे तो मैं ने कहा के कही तुम पागल तो नही हो गयी हो तो उसने कहा के मम्मी का फोन था बता रही थी के हयदेराबाद मे धुवा धार बारिश हो रही है और मौसम बोहोत ही खराब है सड़को पे बे इंतेहा पानी जमा है और उन्हो ने ही कहा है के वापस आने के बजाए फार्महाउस चले जाओ.
पिंकी ने कहा के चलो अब वही चलते है और आज तुम अपना वादा पूरा करोगे तो मैं ने कहा कोनसा वादा तो उसने कहा के चलो वही बता ती हू और हम एक बार फिर से ऊपेर रोड पे आ गये और फार्महाउस की ओर चल पड़े. अभी हम 20 – 25 किलोमीटर ही आए होंगे के एक बार फिर से बारिश होने लगी. रास्ता भर पिंकी मेरे लंड को पकड़ी रही और खेलती रही कभी मूठ मारती कभी अपनी मुट्ठी मे पकड़ के ज़ोर से दबा देती. सड़क खाली पड़ी थी तो पिंकी ने बोला के राजा अब मैं बाइक चलाती हू तो मैं ने कहा के पागल हो गयी हो क्या यह तुम्हारी स्कूटी नही है जो बिना गियर के चलती हो यह हेवी वेहिकल है बेबी तो वो ज़िद्द करने लगी तो मैने ने कहा के अछा वेट करो जब फार्महाउस 15-20 किलोमीटर रह जाए तब ले लेना तो वो मान गयी.
अब फार्महाउस की कच्ची सड़क स्टार्ट होने से 10-15 किलोमीटर दूर थे के उसने कहा के अब मैं चलाती हू बाइक तो मैं ने सड़क के किनारे रोक के उसको सीट पे बिठा दिया और मैं पीछे बैठ गया. थोड़ी सी मुश्किल ज़रूर हुई पर वो बाइक चलाने लगी और जब देखा के उसको बाइक चलाने मई प्राब्लम नही हो रही है तो मैं ने अपना हाथ उसके शर्ट के अंदर डाल के उसके छोटे छोटे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया उसके मूह से ऊऊऊऊहह निकला आहह क्या मस्त बदन था उसका एक दम से मक्खन की तरह चिकना. उसके बूब्स मेरे दोनो हाथो मे अछी तरह से समा गये थे और मैं उन्हे दबा रहा था बड़ा मज़ा आ रहा था और फिर हाथ नीचे कर के उसकी सलवार के एलास्टिक के अंदर हाथ डाल के उसकी चिकनी चूत पे हाथ लगाया तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकल गयी. उसकी चूत बोहोत ही गरम हो गयी थी. मेरा हाथ लगते ही उसने अपनी टाँगें थोड़ी खोल दी थी और अब मैं उसकी चूत की मसाज कर रहा था कभी कभी उसकी चूत के पंखाड़ियों के बीच उंगली डाल के उसकी क्लाइटॉरिस को मसल देता उसकी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और उसको बाइक चलाने मे मुश्किल हो रही थी तो इसी लिए मैं ने अपने हाथ चूत पे से निकाल के उसके बूब्स पे रख दिए और दबाने लगा.
थोड़ी ही देर मे फार्महाउस की टर्निंग आ गयी जहा से फार्महाउस तकरीबन 5 किलोमीटर था और इस रोड पे कोई भी ट्रॅफिक
नही रहती थी क्यॉंके यह एक प्राइवेट टाइप की रोड थी. अभी हम टर्न लिए ही थे के सामने से बैल गाड़ी आती नज़र आई जिसपे गंगू बाई और उसका पति था. पिंकी ने बाइक रोक ली और पूछा तो पता चला के गंगू बाई बीमार है और वो सिड्डिपेट हॉस्पिटल जा रहे है तो उसने फॉरन डॉक्टर कविता को जो उसकी मोम की कॉलेज फेलो भी रह चुकी है और दोनो की अछी ख़ासी गहरी दोस्ती भी है और पिंकी की मोम जब कभी फार्महाउस आती है तो वो कविता को या तो अपने पास फार्महाउस ही बुला लेती है या खुद उसके घर चली जाती है. पिंकी ने डॉक्टर. कविता को फोन किया जिनका वाहा पे नर्सिंग होम था और बोला के मैं पिंकी बोल रही हू आंटी तो उसने पूछा हाई पिंकी कैसी हो तुम और तुम्हारी मोम कैसी है
काट रहा था और उसकी जॅकेट और शर्ट के अंदर हाथ डाल के उसके बूब्स को पकड़ लिया वाउ उसने ब्रस्सिएर भी नही पहनी थी. उसके छोटे छोटे बूब्स मेरे पूरे हाथ मैं समा गये जिन्है मैं मसल्ने लगा और फिर हाथ नीचे ला के सलवार के स्ट्रिंग को टटोलने लगा तो पता चला के उसकी सलवार मे नाडा नही बल्कि एलास्टिक है जिसे मैं ने नीचे खेचा और उसकी नंगी चूत पे मूह रख दिया. क्या बताउ दोस्तो उसकी चूत वासना की आग मे किसी भट्टी की तरह जल रही थी और बे इंतेहा गरम हो चुकी थी. उसकी चूत किसी मक्खन की तरह चिकनी और किसी भट्टी की तरह गरम हो गयी थी और मेरी ज़ुबान लगते ही वो समंदर की तरह गीली हो गयी थी. उसकी चूत के पंखाड़िया एक दूसरे से मिले हुए थे और चूत एक लकीर की तरह दिख रही थी उसकी चूत के पंखाड़ियों को खोल के अंदर ज़ुबान डाल दिया और उसकी क्लाइटॉरिस से खेलने लगा वो मस्ती मे पागल हो गयी और मेरे सर को पकड़े अपनी चूत मेरे मूह मे पागलो की तरह रगड़ने लगी और एक ही मिनिट के अंदर मेरे मूह मे अपनी चूत ज़ोर से दबा दी और उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो मस्ती मे काँपने लगी और काँपते हुए आआआआआअहह और सस्स्स्
स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली और अपनी चूत को मेरे मूह पे रगड़ते हुए मेरे मूह मे झरने लगी और मैं उसकी छोटी सी मक्खन जैसे कुँवारी चूत का कुँवारा मीठे मीठा जूस पीता रहा उसके हाथ मेरे सर को पकड़े हुए थे और उसका बदन किसी कमान की तरह अकड़ गया था उसका ऑर्गॅज़म चलता ही रहा और जब उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हुआ तो उसका बदन ढीला पड़ गया और मैं ने उसको नीचे लिटा दिया. थोड़ी देर के बाद उसकी आँख खुली और मेरी तरफ देख के मुस्कुराई और मेरी गोदी मे अपना सर रख दिया और मेरे थाइस पे अपना हाथ बड़े प्यार से फैरने लगी.
हम जब होटेल से निकले तो एक थर्मस मे कॉफी फिल करवा ली थी और कुछ समोसे और स्नॅक्स का समान भी ले लिया था. थर्मस से कॉफी निकाल के हम पीने लगे. ठंडी हवा मे गरमा गरम कॉफी बोहोत अछी लग रही थी. हम दोनो एक दूसरे की कप से कॉफी पी रहे थे पिंकी मुझे हर थोड़ी देर मे किस कर रही थी मस्ती का महॉल था. गरमा गरम कॉफी पीने से हमारे बदन मे भी थोड़ी सी गर्मी आ गयी थी उतने मे ही
उसके फोन की घंटी बजी दूसरी तरफ से उसकी मम्मी बोल रही थी बेटा कहा हो तुम लोग तो उसने बोला के मम्मी हम बॅस अभी अभी शमिरपेट पहुँचे है तो उसने कहा के देखो यहा तो धुवा धार बारिश हो रही है मौसम बोहोत ही खराब है और सड़को पे काफ़ी पानी जमा हो गया है तुम लोग ऐसा करो के वाहा से फार्महाउस चले जाओ शाम तक बारिश कम हो गयी तो मैं बात दूँगी वापस आजाना नही तो एक रात वही रुक जाना तो उसने कहा ठीक है मम्मी फिर उसने फोन बंद किया उसकी आँखें चमकने लगी और खुशी से नाचने लगी जैसे बिन
माँगे ही भगवान ने उसके मन की बात सुन ली हो वो दीवानो की तरह मुझ से लिपट गयी और बोली के चलो राजा अब हम फार्महाउस चलेंगे तो मैं ने कहा के कही तुम पागल तो नही हो गयी हो तो उसने कहा के मम्मी का फोन था बता रही थी के हयदेराबाद मे धुवा धार बारिश हो रही है और मौसम बोहोत ही खराब है सड़को पे बे इंतेहा पानी जमा है और उन्हो ने ही कहा है के वापस आने के बजाए फार्महाउस चले जाओ.
पिंकी ने कहा के चलो अब वही चलते है और आज तुम अपना वादा पूरा करोगे तो मैं ने कहा कोनसा वादा तो उसने कहा के चलो वही बता ती हू और हम एक बार फिर से ऊपेर रोड पे आ गये और फार्महाउस की ओर चल पड़े. अभी हम 20 – 25 किलोमीटर ही आए होंगे के एक बार फिर से बारिश होने लगी. रास्ता भर पिंकी मेरे लंड को पकड़ी रही और खेलती रही कभी मूठ मारती कभी अपनी मुट्ठी मे पकड़ के ज़ोर से दबा देती. सड़क खाली पड़ी थी तो पिंकी ने बोला के राजा अब मैं बाइक चलाती हू तो मैं ने कहा के पागल हो गयी हो क्या यह तुम्हारी स्कूटी नही है जो बिना गियर के चलती हो यह हेवी वेहिकल है बेबी तो वो ज़िद्द करने लगी तो मैने ने कहा के अछा वेट करो जब फार्महाउस 15-20 किलोमीटर रह जाए तब ले लेना तो वो मान गयी.
अब फार्महाउस की कच्ची सड़क स्टार्ट होने से 10-15 किलोमीटर दूर थे के उसने कहा के अब मैं चलाती हू बाइक तो मैं ने सड़क के किनारे रोक के उसको सीट पे बिठा दिया और मैं पीछे बैठ गया. थोड़ी सी मुश्किल ज़रूर हुई पर वो बाइक चलाने लगी और जब देखा के उसको बाइक चलाने मई प्राब्लम नही हो रही है तो मैं ने अपना हाथ उसके शर्ट के अंदर डाल के उसके छोटे छोटे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया उसके मूह से ऊऊऊऊहह निकला आहह क्या मस्त बदन था उसका एक दम से मक्खन की तरह चिकना. उसके बूब्स मेरे दोनो हाथो मे अछी तरह से समा गये थे और मैं उन्हे दबा रहा था बड़ा मज़ा आ रहा था और फिर हाथ नीचे कर के उसकी सलवार के एलास्टिक के अंदर हाथ डाल के उसकी चिकनी चूत पे हाथ लगाया तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकल गयी. उसकी चूत बोहोत ही गरम हो गयी थी. मेरा हाथ लगते ही उसने अपनी टाँगें थोड़ी खोल दी थी और अब मैं उसकी चूत की मसाज कर रहा था कभी कभी उसकी चूत के पंखाड़ियों के बीच उंगली डाल के उसकी क्लाइटॉरिस को मसल देता उसकी चूत बे इंतेहा गीली हो चुकी थी और उसको बाइक चलाने मे मुश्किल हो रही थी तो इसी लिए मैं ने अपने हाथ चूत पे से निकाल के उसके बूब्स पे रख दिए और दबाने लगा.
थोड़ी ही देर मे फार्महाउस की टर्निंग आ गयी जहा से फार्महाउस तकरीबन 5 किलोमीटर था और इस रोड पे कोई भी ट्रॅफिक
नही रहती थी क्यॉंके यह एक प्राइवेट टाइप की रोड थी. अभी हम टर्न लिए ही थे के सामने से बैल गाड़ी आती नज़र आई जिसपे गंगू बाई और उसका पति था. पिंकी ने बाइक रोक ली और पूछा तो पता चला के गंगू बाई बीमार है और वो सिड्डिपेट हॉस्पिटल जा रहे है तो उसने फॉरन डॉक्टर कविता को जो उसकी मोम की कॉलेज फेलो भी रह चुकी है और दोनो की अछी ख़ासी गहरी दोस्ती भी है और पिंकी की मोम जब कभी फार्महाउस आती है तो वो कविता को या तो अपने पास फार्महाउस ही बुला लेती है या खुद उसके घर चली जाती है. पिंकी ने डॉक्टर. कविता को फोन किया जिनका वाहा पे नर्सिंग होम था और बोला के मैं पिंकी बोल रही हू आंटी तो उसने पूछा हाई पिंकी कैसी हो तुम और तुम्हारी मोम कैसी है