Hot stori घर का बिजनिस compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: Hot stori घर का बिजनिस

Unread post by The Romantic » 07 Nov 2014 09:44

घर का बिजनिस --8

खामोशी होने के बाद मुझे अरविंद ने आवाज दी। जब मैं अंदर गया तो वो उस वक़्त रूम में खड़ा हुआ दीदी की टाँगों और बेड पे गिरे हुये खून को देख रहा था। मैंने भी जब दीदी की खून से भरी हुई फुद्दी की तरफ देखा तो एक बार परेशान हो गया। लेकिन दीदी के चेहरा पे हल्की सी मुश्कान साफ नजर आ रही थी।

मुझे अरविंद ने कहा- “यार, सच में तेरी बहन ने बहुत मजा दिया है… दिल तो कर रहा है कि अभी फिर से चोद डालूं… लेकिन नहीं मुझे अभी जाना है फिर कभी सही…” और पास ही पड़े अपने कपड़े उठाकर उनमें से ₹10,000 मुझे और ₹10,000 ही दीदी को दिए और बोला- “ये रख लो, मैं तुम्हें अपनी खुशी से दे रहा हूँ…” और कपड़े पहनकर निकल गया।

मैं भी अरविंद के पीछे ही निकला और जाकर दरवाजा लाक करके वापिस दीदी के पास आया तो दीदी अपने घर वाले कपड़े लेकर वाश-रूम में जा रही थी। दीदी के वाश-रूम में जाते ही मैंने बेड से चादर उतार दी और उसे अलमारी में रख दिया और बाकी बची हुई शराब की बोतल को उठाकर बगल में रख दिया और दीदी की वापसी का इंतजार करने लगा।

दीदी जब रूम से वापिस आई तो हल्का सा लड़खड़ा रही थी। मैं आगे बढ़ा और जाकर दीदी को एक बाजू से पकड़कर बेड तक लाया और बेड पे बिठा दिया और बोला- दीदी, आप ठीक हो ना?

दीदी मेरी आँखों में देखकर हल्का सा मुश्कुराई और बोली- “हाँ भाई, मैं ठीक हूँ…”

मैं- “दीदी, अगर आप बोलो तो मैं आपको अभी घर ले चलूं…”

दीदी- क्यों भाई? मैं यहाँ तुम्हारी दुकान पे नहीं रह सकती क्या?

मैं दीदी की बात से काफी शर्मिंदा हुआ और बोला- “क्यों नहीं दीदी? आपका जितना दिल करे यहाँ रहो…”

दीदी- “भाई, तुम मेरी बात का कोई गलत मतलब नहीं लेना। मैं आपको तना नहीं दे रही। लेकिन ये भी तो सच ही है ना कि ये आपकी दुकान है और मैं आपकी दुकान का सामान हूँ…”

मैंने दीदी की तरफ देखा जो कि मुझे ही देख रही थी बोला- “हाँ दीदी, बात तो आपकी सच ही है…”

दीदी ने मेरा हाथ पकड़कर अपने हाथ में भर लिया और दोनों हाथों से सहलाने लगी और बोली- “भाई, आप बहुत अच्छे हो…”

मैं- “दीदी, आप भी बहुत अच्छी हो और जो आपने अपने और हम सबके लिए ये जो कदम उठाया है इससे मैं और भी आपसे प्यार करने लगा हूँ…”

दीदी- “अच्छा भाई, अब मैं कुछ देर आराम कर लूँ फिर घर की तरफ चलते हैं…”

मैं- “दीदी, अगर आप कहो तो मैं आपको थोड़ा दबा दूँ इससे आपको आराम मिलेगा…”

दीदी कुछ देर तक मेरी आँखों में देखती रही और फिर दीदी ने कहा- “ठीक है, दबा दो…”

अब मैं दीदी के साथ ही बेड पे आ गया और दीदी के पैरों की तरफ बैठ गया और दीदी की टांगें दबाने लगा और दीदी ने अपनी आँखें बंद कर लीं।

कुछ देर तक मैं बारी-बारी दोनों टाँगों को दबाता रहा और फिर मैं अपने हाथ दीदी की रानों तक ले गया और दबाने से ज्यादा सहलाने लगा। दीदी ने अपनी आँखों को खोला और मेरी तरफ देखकर कहा- “भाई, अगर आप इसी तरह दबाना चाहते हो तो जरा ठहरो मैं उल्टी होकर लेट जाती हूँ आप दबा लो…”

मैं दीदी की बात से खुश हो गया और दीदी के उल्टा लेटते ही दीदी की रानों को दबाने लगा और सहलाने लगा। दीदी क्योंकि आराम से लेटी हुई थी इसलिए मैं अपने हाथों को आहिस्ता से खिसकता हुआ दीदी की नरम और गोल-गोल चूतड़ों तक ले गया और अचानक दिल को बड़ा करके दीदी की गाण्ड को भी हल्का सा दबा दिया। दीदी की गाण्ड को मैंने जैसे ही दबाया दीदी के मुँह से हल्की से उन्म्मह… की आवाज निकली जिसे सुनते ही मैं समझ गया कि दीदी भी पूरा मजा ले रही हैं।

अब मैं दीदी की गाण्ड से थोड़ा नीचे रानों के ऊपर बैठ गया और अपने लण्ड जो कि दीदी की नरम गाण्ड पे हाथ फेरने की वजह से पूरा हार्ड हो चुका था दीदी की गाण्ड के ऊपर टिका दिया और दीदी के कंधे दबाने लगा। दीदी ने भी अपनी गाण्ड को हल्का सा मेरे लण्ड की तरफ दबा दिया जिससे मुझे और भी मजा आने लगा और मैं दीदी की गाण्ड पे अपने लण्ड को इसी तरह रगड़ता रहा और दीदी को दबाता रहा।

कुछ देर के बाद दीदी ने अपना मुँह मेरी तरफ घुमाया और कहा- “भाई, अभी बस करो बाद में दबा देना अब हमें घर जाना चाहिए…”

दीदी की बात सुनकर मैं थोड़ा होश में आ गया और खड़ा हो गया जिससे दीदी को मेरा खड़ा लण्ड साफ नजर आने लगा और दीदी भी अब बिना शरम किए मेरे लण्ड को ही घूर रही थी।

मैं वहाँ से सीधा वाश-रूम में गया और मूठ लगाकर अपने लण्ड को ठंडा किया और दीदी के पास वापिस आ गया और बोला- “चलो दीदी चलते हैं…”

दीदी ने उठकर अपनी जीन्स शर्ट जो कि फर्श पे पड़ी हुई थी उठाकर अलमारी में रखी और फिर तैयार होकर मेरे साथ चल पड़ी।

मैंने कहा- दीदी, आपने अपनी ड्रेस यहाँ क्यों छोड़ दी है घर लेकर नहीं जानी क्या?

दीदी ने कहा- भाई, ये कपड़े यहाँ के लिए हैं। हमारे मुहल्ले में नहीं पहन सकते तो फिर यहाँ ही रहने दो घर लेकर जाने का क्या फायदा?

हम फ्लैट से निकले और एक रिक्सा में बैठकर घर आ गये और आते ही अम्मी ने दीदी को अपने साथ रूम में बुला लिया। क्योंकि बाकी बहनें भी उस वक़्त घर पे ही थीं।

अभी मैं जाकर रूम में बैठा ही था कि पायल भागती हुई मेरे रूम में आ गई और बोली- भाई खाना लायें आपके लिए?

मैंने कहा- “हाँ ले आओ…”

और पायल उसी तरह भागती हुई वापिस चली गई तो मैं उसके भागने की वजह और कुछ शराब के असर से अपनी छोटी बहन की गाण्ड को घूरने लगा जो कि दीदी की गाण्ड से कुछ बड़ी ही थी। ये ख्याल आते ही कि पायल की गाण्ड दीदी से बड़ी है मैं सोच में पड़ गया कि कहीं पायल किसी से चुदवा तो नहीं चुकी? ये ख्याल आया ही था तो मैं दिल में हँस पड़ा कि नहीं अभी वो बच्ची है लेकिन उसकी गाण्ड मेरे इस तसोर के लिए काफी थी

जैसे ही पायल खाना लेकर आई मैंने कहा- “बैठो यहाँ…”

और जैसे ही पायल मेरे पास बैठी तो सून्न… ससून्न… करके कुछ सूँघने लगी
मैंने कहा- “क्या हुआ बच्चे? क्या सूँघ रही हो तुम? हाँ…”

पायल ने कहा- भाई, आपको कोई अजीब सी महक नहीं आ रही है क्या?
मैं- “कैसी महक बच्चे? मुझे तो नहीं आ रही…”

पायल- लगता है कि काफी दिन हो गये आपके रूम की सफाई नहीं हुई… चलो कोई बात नहीं मैं हूँ ना, कर दूँगी…”

मैं- अच्छा, ज्यादा बातें ना बना और ये बताओ कि पढ़ाई कैसी चल रही है तुम्हारी?

पायल- भा, वो तो एकदम मस्त चल रही है लेकिन भाई?

मैं- हाँ बोलो, लेकिन क्या बात है? जो तुम मुझसे करना चाहती हो और कर नहीं पा रही?

पायल- “भाई, मुझे ना अपने कालेज़ की तरफ से एक ट्रिप के लिए जाना है। अम्मी से पूछा तो उन्होंने पापा की तरफ भेज दिया और पापा ने कहा कि अपने भाई से बात कर लो…”

मैं- अच्छा, कब जाना है तुम्हें?

“भाई, 3 दिन बाद जाना है अगर आप बोलो तो मैं सुबह हाँ बोल दूँ क्या?

मैं- नहीं, मैं कल बताऊँगा तुम्हें जाना है कि नहीं…” और तब तक मैं खाना खा चुका था और पायल को बोला- “चलो बर्तन उठा लो और जाओ यहाँ से और अम्मी को भेज देना…”

पायल के जाने के कुछ ही देर के बाद अम्मी मेरे पास आ गई तो मैंने अम्मी को दरवाजा लाक करने के लिए बोला। अम्मी दरवाजा लाक करके मेरे पास आई तो मैंने कहा- पायल आपने को मेरे पास क्यों भेजा था?

अम्मी ने कहा- बेटा, तुमने कहीं पायल को हाँ तो नहीं कर दी है क्या?

मैं- नहीं अम्मी, अभी हाँ तो नहीं की लेकिन मना भी नहीं किया है… क्यों कोई खास बात है क्या?

अम्मी- “हाँ बेटा, ऋतु ने मुझे कुछ दिन पहले ये बताया था कि पायल किसी लड़के के चक्कर में है और मुझे लगता है कि ये भी इसका कोई ड्रामा ही होगा…”

मैं- अम्मी, मैं ऐसा करता हूँ कि कल पायल के कालेज़ जाता हूँ और वहाँ से पता करता हूँ कि कोई ट्रिप है या नहीं? और अगर है तो कब की है?

अम्मी- हाँ, ये ठीक रहेगा। इस तरह कम से कम हमें पता तो चल ही जायेगा?

मैं- “ठीक है अम्मी, मैं सुबह पता करके आपको बता दूँगा और फिर जो करना हुआ आप मुझे बता देना…”
अम्मी- अच्छा ये बता, अंजली ने परेशानी तो नहीं खड़ी की वहाँ?

मैं- “नहीं अम्मी, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और दीदी ने सब कुछ आराम से कर लिया था…”

अम्मी- और तू ने कुछ नहीं किया क्या?

मैं- नहीं अम्मी, आपको तो पता है कि दीदी का पहली बार था और खून भी काफी निकला था इसलिए मैंने कोई रिस्क लेना मुनासिब नहीं समझा…”

अम्मी- चल ठीक है, तू आराम कर…” और उठकर मेरे रूम से निकल गईं। मैं भी कुछ देर के बाद उठकर घर से निकल आया और अपने दोस्तों के साथ घूमता फिरता रहा और फिल्म भी देखी और रात को 11:00 बजे घर आया और आते ही सो गया।

सुबह उठा तो पायल और ऋतु पढ़ने के लिए जा चुकी थीं। मैंने नहाकर कपड़े बदली किए और नाश्ता करके पायल के कालेज़ की तरफ निकल गया। कालेज़ पहुँचकर मैं सीधा प्रिन्सिपल के ओफिस गया और उससे पायल की क्लास का बताकर पूछा- क्या कोई ट्रिप जा रहा है कालेज़ की तरफ से?

टीचर ने हाँ में सर हिला दिया और कहा- “जी आज से ठीक 3 दिन के बाद जा रहा है…”

मैंने कहा- “थैंक्स सर… अब मुझे इजाजत दें…” और उठकर घर की तरफ चल पड़ा।

सारे रास्ते मैं ये ही सोचता रहा कि आखिर पायल ने एक दिन पहले जाने का क्यों बताया? क्या सच में वो किसी और के साथ चुदाई के लिए जाना चाहती है? या कोई और बात है?


The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: Hot stori घर का बिजनिस

Unread post by The Romantic » 07 Nov 2014 09:45

घर का बिजनिस -9

जैसे ही मैं घर आया तो देखा कि अम्मी बैठक में अपने किसी ग्राहक के साथ थीं और बुआ दीदी के साथ बाहर ही बैठी हुई थी। मुझे देखकर दीदी हल्का सा मुश्कुरा दी।

बुआ ने कहा- हाँ आलोक, क्या बना? पता किया पायल का या नहीं?

मैं- हाँ, पता तो किया है बुआ और पायल ने हमें गलत बताया है…?

बुआ- क्या कोई ट्रिप नहीं जा रहा कालेज़ की तरफ से?

मैं- “बुआ, ट्रिप तो जा रहा है लेकिन 3 दिन बाद… पायल ने हमें जो बताया है उसके हिसाब से ट्रिप दो दिन बाद है…”

दीदी- भाई हो सकता है कि पायल से गलती हो गई हो और वो ये ही बताना चाहती हो कि ट्रिप 3 दिन बाद है…”

मैं- “हाँ, हो तो सकता है… इसके लिए ऐसा करते हैं कि पायल को आने दो एक बार फिर पूछ लेंगे…”
दीदी- हाँ भाई, ये ठीक है…”

अभी हम ये बातें ही कर रहे थे कि बापू और अम्मी बैठक में से बाहर निकल आए और अम्मी अभी नंगी ही थी और वो सीधा बाथरूम की तरफ चली गई।

तो बापू हमारे पास आ गये और पूछे- हाँ आलोक क्या बना पायल का?

मैंने बापू को भी बता दिया तो बापू ने कहा- “चलो कोई बात नहीं, आती है तो पूछ लेना…”

फिर बुआ और दीदी की तरफ देखकर कहा- “तुम दोनों तैयार हो जाना और शाम के 4:00 बजे आलोक के साथ फ्लैट के लिए निकल जाना। हो सकता है कि रात तुम लोगों की वहाँ ही गुजरे…”

बुआ ने कहा- हाँ भाई, काम जो ऐसा है जिसमें सारी रात दुकान चलती है और दिन में सोना पड़ता है हेहेहेहेहे…”

बापू भी हँस पड़े और उठकर बाहर चले गये फिर हम सबने मिलकर खाना बनाया और तब तक पायल और ऋतु भी घर आ गये थे तो अम्मी ने कहा- “खाना खाते हुये सबके सामने पूछ लेना पायल से, ठीक है…”

मैंने अम्मी की बात सुनकर हाँ में सर हिला दिया और जब हम सब खाना खाने बैठे तो मैंने कहा- “पायल कब जाना है तुम्हारा ट्रिप? और कितने पैसे चाहिए हैं तुम्हें?

पायल- “भाई दो दिन बाद जाना है और मुझे ₹5,000 चाहिए हैं बस…”

मैं- अच्छा, लेकिन तुम्हारे टीचर तो बता रहे थे कि ट्रिप 3 दिन बाद जाना है। लेकिन तुम दो दिन का बता रही हो एक दिन तुम्हें किसके साथ रहना है?

मेरी बात सुनते ही पायल के हाथ से निवाला गिर गया और वो हकलाते हुये- “वो… ब…भाई न…नहीं तो दो दिन बाद ही है…”

अम्मी ने पायल को घूरते हुये कहा- “क्यों पायल? तुम्हें एक दिन पहले कहाँ जाना है? हाँ…”

पायल ने अपना सर झुका लिया और कुछ नहीं बोली।

तो पापा ने पायल से कहा- चलो अभी खाना खाओ बाद में बात करेंगे इसपे ओके… अभी कोई बात नहीं करेगा…”

फिर सबने खामोशी से खाना खाया लेकिन पायल से कुछ खाया नहीं जा रहा था और ऋतु पायल की ऐसी हालत देखकर खिली जा रही थी।

खाना खाने के बाद बापू ने कहा- “पायल तुम और आलोक, तुम दोनों मेरे रूम में आओ और हाँ बाकी कोई नहीं आएगा…” और उठकर जाने लगे।

तो अम्मी ने कहा- अगर आप नाराज ना हो तो मैं भी आ जाऊँ?

अम्मी की बात सुनकर बापू ने कुछ सोचा और हाँ में सर हिलाते हुये बोले- “ठीक है आ जाओ तुम भी…” और रूम में चले गये।

बापू के जाने के बाद मैं अम्मी और पायल के साथ रूम में गया तो बापू ने पायल को घूरते हुये कहा- पायल, मुझे तुमसे ये उमीद नहीं थी कि तुम ऐसी निकलोगी…”

पायल- सारी बापू, गलती हो गई मुझसे प्लीज़्ज़… बापू मुझे मफ कर दो…”

अम्मी बापू को चुप रहने का इशारा करते हुये बोली- पायल, तुझे पता है कि तुम्हें और ऋतु को पढ़ने और किसी अच्छी जगह शादी करने के लिए मैं तुम्हारी बुआ और दीदी क्या कर रही हैं…” और तुम क्या कर रही हो?

पायल रोते हुये अम्मी से बोली- “अम्मी, मुझसे गलती हो गई। मैं अब ऐसा कुछ भी नहीं करूंगी…”

बापू अम्मी से बोले- “आज के बाद इसका पढ़ना बंद करो। ये बाहर नहीं जाया करेगी और अगर इसको इतना ही शौक चढ़ा है तो इसे भी लगाओ काम पे। चलो कुछ पैसे ही कमाकर लाया करेगी…”

पायल- नहीं बापू, प्लीज़्ज़… मुझे मफ कर दो। अब मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगी…”

बापू ने पायल की कोई बात नहीं सुनी और अम्मी के इशारा पे रूम से बाहर चले गये तो अम्मी ने कहा- पायल, किसके साथ मुँह काला करती फिर रही है? तू अब बता जरा?

पायल ने सर उठाकर एक बार अम्मी और एक बार मेरी तरफ देखा और फिर सर झुका लिया।

तो मैंने कहा- पायल, सुना नहीं… अम्मी क्या पूछ रही हैं?

पायल ने अम्मी की तरफ देखा और बोली- “नहीं अम्मी, मैंने अभी तक ऐसा कोई काम नहीं किया है…”

अम्मी ने पायल की तरफ देखा और कहा- “चलो ठीक है। मैं मान लेती हूँ। लेकिन सच बता? क्या तू ये एक दिन किसी हरामजादे के साथ ही गुजरने वाली थी ना?

पायल ने अपना सर कुछ और झुका लिया तो मैं और अम्मी दोनों ही समझ गये कि पायल अपने किसी बायफ्रेंड के साथ पूरा एक दिन और रात गुजरने वाली थी।

अम्मी ने फिर से कहा- क्या वो तेरे साथ शादी करना चाहता है?
पायल ने सर उठाकर अम्मी की तरफ देखा और हाँ में सर हिला दिया।

अम्मी ने पायल से कहा- “उसका नंबर बताओ जरा मैं बात करना चाहती हूँ उसके साथ…”

पायल ने उस लड़के का नंबर बता दिया तो अम्मी ने मुझे नंबर मिलाने के लिए कहा। जैसे ही मैंने नंबर मिलाया तो अम्मी ने मुझसे मोबाइल ले लिया और स्पीकर ओन कर दिया। 2-3 रिंग आने के बाद ही काल रिसीव हो गई तो अम्मी ने कहा- मैं पायल की अम्मी बात कर रही हूँ… आप कौन हो?

लड़का- जी आंटी, कोई काम था क्या मेरे साथ?

अम्मी- हाँ, पायल बोल रही थी कि तुम उसके साथ शादी करना चाहते हो… क्या ये सच है?

लड़का- जी आंटी, मैं पायल से बहुत प्यार करता हूँ…”

अम्मी- “ठीक है, तुम अपने पापा का नंबर दो जरा मैं उनसे तुम्हारी शादी की बात करना चाहती हूँ…”

लड़का अम्मी की बात से घबरा गया और बोला- “जी आंटी, वो पापा तो कहीं आउट आफ सिटी गये हुये हैं अभी बात नहीं हो सकेगी…”

अम्मी- ठीक है, अगर तुम पायल से शादी करना चाहते हो तो अभी अपने 2-3 दोस्तों को लेकर यहाँ आ सकते हो?

लड़का- क्यों आंटी? अभी क्या करना है?

अम्मी- मैं पायल के साथ तुम्हारी शादी करना चाहती हूँ… क्या आ सकते हो?

लड़का- “वो… आंटी, मैं अभी शादी की जिम्मेदारी को बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा… सारी…” और इसके साथ ही काल भी कट कर दी।

फोने बंद होते ही अम्मी ने पायल की तरफ देखा और कहा- “क्यों बेटी, पता चल गया अपने प्यार का…”
अम्मी की बात सुनते ही पायल ने अपना सर झुका लिया।

तो अम्मी ने मुझसे कहा- “तुम जाओ, मैंने पायल के साथ कुछ बात करनी है…”

अम्मी की बात सुनकर मैं समझ गया कि अब अम्मी पायल को क्या समझायेंगी इसीलिए मैं वहाँ से बाहर निकल आया और बुआ के रूम की तरफ चल पड़ा जहाँ दीदी भी बैठी हुई थी।

मुझे देखते ही बुआ ने कहा- “आ गया मेरा राजा… क्या हुआ? कुछ हमें भी बता दो?

मैं हँसता हुआ बुआ के पास जाकर बैठ गया और बोला- बुआ, आप पहले तो मुझे ऐसे नहीं बोलती थी अब क्या हो गया है?

बुआ ने हँसते हुये दीदी की तरफ देखा और फिर मुझे देखा और बोली- पहले कभी तूने मुझे चोदा नहीं था ना… अब क्यों चोदता है मुझे?

बुआ की बात सुनकर दीदी बुरी तरह शर्मा गई और सर झुका के बैठ गई।

तो मैंने कहा- “बुआ, आप भी ना कुछ तो सोचा करो। दीदी भी बैठी है यहाँ हमारे साथ…”

बुआ ने कहा- यार, टेंशन क्यों लेते हो? ये भी अब हमारे जैसी ही है इससे क्या शरमाना? आज नहीं तो कल इसे भी तो तुम्हारा लण्ड लेना ही है ना अपनी फुद्दी में…”

दीदी बुआ की बात से झेंप गई और बोली- बुआ, अगर आपने ऐसी बातें ही करनी हैं तो मैं यहाँ से जाती हूँ…” और उठकर खड़ी हो गई।

तो बुआ ने दीदी का हाथ पकड़ लिया और बिठाते हुये बोली- “अच्छा बाबा अब नहीं बोलती, तू बैठ यहाँ…”

दीदी के बैठते ही बुआ ने मुझसे पूछा- हाँ, अब बताओ क्या बना पायल का?

मैंने बुआ को जो हुआ था सब बता दिया।

तो बुआ खुश हो गई और बोली- “चलो अच्छा है कि पायल अभी तक बची हुई है वरना ये मुफ़्ती तो बर्बाद ही कर देते उसे और हमें पता भी नहीं चलता…”

मैं हाँ में सर हिला दिया और बुआ से पूछा- अब आप लोगों का कल का क्या इरादा है?

बुआ ने कहा कल से मैं और तुम्हारी बहन शाम 4:00 बजे ही तुम्हारे फ्लैट पे जाया करेंगे और सुबह वापिसी हुआ करेगी और तुम्हारी अम्मी यहाँ आने वाले छोटे मोटे ग्राहक निपटा दिया करेंगी और तुम्हारे बापू हमारे लिए ग्राहक ढूँढ़कर तुम्हारे पास भेज दिया करेंगे और इसके लिए हमारी पिक भी उन्होंने ले ली हैं।

.


The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: Hot stori घर का बिजनिस

Unread post by The Romantic » 07 Nov 2014 09:46

घर का बिजनिस -10

बाकी का सारा दिन इसी तरह गुजर गया कुछ टाइम घर पे और बाकी दोस्तों के साथ आवारागार्दी और मूवी देखने में और रात के दो बजे मैं घर आया तो अम्मी ने दरवाजा खोला और मुझे देखते ही पूछा- बेटा कहाँ गया था?

तो मैंने अम्मी को देखा और कहा- “कहीं नहीं अम्मी, बस जरा दोस्तों के साथ टाइम पास करने गया था…” और सीधा रूम में आकर सो गया

सुबह जब उठा तो 10:00 बज रहे थे। मैं उठा और बाहर बने बाथरूम में नहाने के लिए घुस गया और फिर कपड़े बदलकर बाहर आया और नाश्ता माँगा जो कि दीदी ने तैयार करके दिया और मेरे पास ही बैठ गई। मैं नाश्ता करने लगा तो दीदी ने कहा- “भाई पता है, आज से पायल भी हमारे साथ ही जाया करेगी…”

मैं- अच्छा, किसने बताया तुम्हें? हाँ।

दीदी- भाई, वो बुआ बता रही थी मुझे रात को जब आप बाहर गये हुये थे।

मैं- और क्या बता रही थी बुआ तुम्हें, मुझे भी तो बताओ। क्या पायल के लिए भी कोई मिल गया है?

दीदी- नहीं भाई, मिला तो नहीं लेकिन पायल को वहाँ इसलिए भेज रहे हैं कि वो सब कुछ देखे और इसके लिए तैयार रहे। किसी भी वक़्त कोई मिल सकता है तो पायल वहाँ मौजूद हो।

मैं- चलो अच्छा है और तुम सुनाओ मजे से हो ना कोई परेशानी तो नहीं है?

दीदी- “नहीं भाई, कोई परेशानी नहीं अगर हुई तो आप किसलिए हो…” और फिर मेरे नाश्ता करने के बाद बर्तन उठाकर ले गई और मैं अम्मी के रूम की तरफ चल पड़ा जहाँ कोई भी नहीं था।

मैं अभी बाहर निकला ही था कि दीदी ने कहा- भाई किसे ढूँढ़ रहे हो आप?

मैंने कहा- दीदी, अम्मी का पता है वो कहाँ होंगी इस वक़्त?

दीदी ने कहा- भाई, वो अम्मी… इस वक़्त ना बैठक में हैं और सर झुका लिया।

तो मैं दीदी के पास गया और दीदी को अपने साथ लिपटा लिया और बोला- दीदी, आप इतना शरमाती क्यों हो?

दीदी ने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप खड़ी रही तो मैंने दीदी का चेहरा थोड़ा ऊपर उठाया और दीदी की आँखों में देखते हुये दीदी के गालों पे हल्की सी किस कर दी, जिससे दीदी का सारा जिश्म कांप उठा और दीदी अपने आपको मुझसे छुड़वाकर अपने रूम में भाग गई।

दीदी के जाने के बाद मैं बाहर हाल में ही बैठ गया और टीवी देखने लगा। कुछ देर के बाद अम्मी रूम में आ गई और नहाने चली गईं। उनकी वापसी तक मैं ऐसे ही बैठा रहा और अम्मी का इंतेजार करता रहा। अम्मी नहाकर आई और मेरे पास ही बैठ गई।

तो मैंने कहा- अम्मी, बुआ और पायल कहाँ हैं? घर में नजर नहीं आ रही।

अम्मी ने कहा- बेटा, वो पार्लर गई हैं तैयार होने के लिए।

मैंने कहा- लेकिन अम्मी, पायल वहाँ क्या करेगी?

तो अम्मी ने कहा- देखो बेटा, वहाँ जब लोग आयेंगे काम के लिए तो उन्हें जिस चीज की भी जरूरत हो पायल को ही भेजना इस तरह इसका डर भी खतम हो जायेगा।

मैंने अम्मी को कोई जवाब नहीं दिया और चुप हो गया और फिर बाकी दिन भी गुजर गया तो शाम 4:00 बजे मैं अपनी दो बहनों और बुआ को लेकर फ्लैट पे आ गया और उन्हें ड्रेस चेंज करने को बोला। जब तीनों ने ड्रेस चेंज कर ली तो कोई भी किसी से कम नहीं लग रही थी और पायल की गाण्ड तो मेरे लण्ड पे कयामत ढा रही थी। फिर हम वहाँ हाल में ही बैठ गये और इधर-उधर की बातें करके टाइम पास करने लगे।

कुछ ही देर के बाद बापू की काल आ गई उन्होंने कहा- “यार, दो आदमी भेजे हैं तुम्हारी तरफ और पैसे मैं ले चुका हूँ ठीक है…”

मैंने कहा- जी बापू और कोई बात?

तो बापू ने कहा- नहीं, बस ये ही बताना था और हाँ… उनमें से जो पहले भी आया था ना अंजली के लिए अरविंद उसे अंजली ही पसंद है। और दूसरे के पास अपनी बुआ को भेज देना।

मैंने बापू की बात सुनकर काल काट की और दीदी की तरफ देखा और कहा- “लो दीदी, लगता है आपका तो अरविंद आशिक हो गया…”

दीदी मेरी बात सुनकर हल्का सा हँस पड़ी।

तो मैंने कहा- “बुआ, आप भी तैयारी करो आपका भी काम है…”

बुआ ने कहा- “आने दे यार, जो भी है देख लूँगी साले हरामी को…” और हेहेहेहेहे करके हँसने लगी।

इस सबसे पायल थोड़ा घबराई हुई थी, लेकिन जाहिर नहीं होने दे रही थी। तभी दरवाजे की घंटी बजी तो मैं उठकर गया तो देखा कि अरविंद और उसके साथ एक और आदमी भी था जिन्हें मैं अंदर लाया और बिठा दिया।

अरविंद के साथ आने वाले ने बैठते ही पायल को अपनी तरफ खींच लिया क्योंकि अरविंद साहब दीदी को पकड़कर बैठ गये थे।

मैंने फौरन पायल का हाथ पकड़कर वहाँ से उठा दिया और बुआ को उसकी तरफ कर दिया और बोला- ये नहीं, भाई साहब आपने इसके पैसे दिए हैं।

उस आदमी का नाम जो मुझे बाद में पता चला कि बिनोद है। हँस पड़ा और बोला- “क्यों भाई, इसमें और उसमें क्या फरक है?

मैंने कहा- “ये अभी खुली नहीं है, नयी है। और तुमने इसके पैसे नहीं दिए हैं…”

मेरी बात सुनकर उसने दाँत निकाल दिए और बुआ को अपनी तरफ खींच लिया। लेकिन अरविंद साहब ने मेरी तरफ देखा और बोले- क्या सच में अभी सील पैक है ये लड़की?

मैंने कहा- जी सर, अभी तक किसी ने हाथ भी नहीं लगाया इसे।

अरविंद साहब ने अपनी पाकेट से मोबाइल निकाला और बापू को काल करके कहा- “यार, ये जो दूसरी लड़की है ना इसकी सील किसी और से नहीं खुलवाना। मैं कल तुम्हें पैसे दे दूँगा और कल इसकी खोलूंगा। ठीक है? और फिर काल कट करके दीदी के साथ लग गया।

पायल मेरे पास बैठकर बड़ी दिलचस्पी से ये सब देख रही थी।

तभी अरविंद साहब ने कहा- जाओ यार, बोतल ही ले आओ थोड़ा मजा ही कर लूँ। ऐसे मजा ही नहीं आ रहा है।
मैंने पायल को कहा- “जाओ और रूम की अलमारी से शराब की बोतल और गिलास ले आओ…”

पायल गई और 4 गिलास और शराब की बोतल ले आई जो कि उसने अरविंद साहब के सामने रख दी।

अरविंद साहब ने दीदी को कहा- “वो खुद बनाकर उसे पिलाए…”

दीदी उठी और शराब को दो गिलासों में डाल लिया और उस देने लगी।

तो अरविंद ने दीदी को एक हाथ से पकड़कर अपनी झोली में बिठा लिया और बोला- यहाँ बैठकर खुद भी पियो और मैं भी पियूंगा, मुझे इसी तरह मजा आएगा।

अब दीदी अरविंद की गोदी में बैठी शराब की चुस्कियां भर रही थी और अरविंद शराब की चुस्कियों के साथ दीदी की चूचियां को भी मसल रहा था जिससे दीदी का चेहरा लाल होता जा रहा था। अरविंद ने वहाँ बैठकर खुद भी 3 पेग लगाए और दीदी को भी 3 पेग लगवा दिए जिससे दीदी हल्के नशे में हो गई थी और तब अरविंद ने दीदी को अपने साथ लिया और रूम की तरफ चल पड़ा।

बिनोद और बुआ जो कि पहले ही एक रूम में जा चुके थे।

उसके बाद पायल ने मेरी तरफ देखा तो उसका चेहरा लाल तमाटर हो रहा था और उसकी आँखों में इस वक़्त सिर्फ़ एक ही चीज नजर आ रही थी और वो थी सेक्स… सिर्फ़ सेक्स की भूख। अब रूम में से दीदी की आवाजें सुनाई देने लगी थीं- “आअह्ह… सस्स्सीए… उन्नमह… हाँ… खा जाओ… प्लीज़्ज़… ऊओ… इसी तरह… हाँ जोर से चाटो…”

क्योंकि बुआ वाला रूम जरा आगे था और दरवाजा भी लाक था जिसकी वजह से वहाँ से कोई आवाज नहीं सुनाई दे रही थी।

पायल भी दीदी और अरविंद के रूम से आने वाली आवाज़ों को सुनकर काफी गरम हो रही थी और बैठी अपनी रानों को भींच रही थी।

मैंने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और टीवी लगाकर बैठ गया क्योंकि सच तो ये था कि इन आवाज़ों की वजह से मेरा अपना हाल भी पतला हो रहा था और दिल कर रहा था कि पायल को यहाँ ही गिरा लूँ और चोद डालूं। लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता था क्योंकि पायल की सील अभी खुली नहीं थी।

कोई 30 मिनट के बाद अरविंद साहब ने आवाज दी।

तो मैंने पायल की तरफ देखा और कहा- जाओ सुनो, क्या बोल रहे हैं?

पायल उठकर रूम में गई और कुछ देर के बाद घबराई हुई वापिस आ गई और बोली- “भाई, उन्होंने ये पैसे दिए हैं कि कुछ खाने के लिए मंगवा दो। उन्हें भूख लगी है…”

मैंने कुछ देर तक सोचा और पायल को कहा- “तुम ऐसा करो कि ये सामने के बाथरूम में घुस जाओ और जब तक मैं ना बोलूं बाहर नहीं आना, वरना आज ही काम खराब हो जायेगा…”

पायल के बाथरूम में जाकर लाक करने के बाद मैं फ्लैट से निकला और करीब की ही मार्केट से खाना पैक करवा के ले आया। जैसे ही मैं फ्लैट में आया तो देखा कि दीदी और अरविंद बाहर हाल ही में नंगे बैठे हुये थे और दीदी नशे में अरविंद के साथ चिपटी हुई थी।

मैंने पायल को आवाज दी तो वो भी बाथरूम से बाहर आ गई और दीदी को इस तरह नशे में अरविंद के साथ चिपका देखकर शर्मा गई।

मैंने पायल को खाने का सामान दिया जिसे वो किचेन में ले गई और खाना बर्तनों में लगाकर उनके सामने रख दिया।

अरविंद भी उस वक़्त अच्छे खासे नशे में था खाना देखकर बोला- “आ जाओ यार, तुम लोग भी आ जाओ हमारे साथ ही खाना खाओ…” और दीदी को भी खाने के लिए बोलकर खाने पे टूट पड़ा।

खाना खाने के बाद अरविंद ने एक बार फिर से दीदी को अपनी तरफ खींच लिया और किस करने लगा और दीदी की चूचियां दबाने लगा जिससे दीदी शराब और सेक्स के नशे में गरम हो गई और अरविंद के लण्ड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी। कुछ देर बाद अरविंद ने दीदी को पकड़कर सोफे पे ही सीधा कर दिया और दीदी की चूत को लाल्लप्प सर्ल्लप्प की आवाज के साथ चाटने लगा।

जिसे देखकर पायल भी काफी गरम हो गई और अपनी जीन्स के ऊपर से ही अपनी फुद्दी को रगड़ने लगी।
कुछ देर तक अरविंद दीदी की साफ और प्यारी फुद्दी को चाटता रहा और फिर दीदी की टाँगों को उठाकर अपने लण्ड को दीदी की फुद्दी में घुसा दिया जिससे दीदी के मुँह से सस्सीए… आहिस्ता करो… प्लीज़्ज़… उन्म्मह… की आवाज करने लगी।

Post Reply