चुदाई का सिलसिला पार्ट -१०
मुस्कान के इशारे पर शास ने अपने ठुमके मार रहे लंड पर दबाव बढ़ाया.....पर शास का लंड फिशल कर मुस्कान की चूत की क्लिट को रगड़ता हुवा उप्पेर हो गया.....इस पर मुस्कान की तेज सिसकारी निकल गयी....उउउउउउउउउईईईईईईईईईईईएम्म्म्म्म्म्म्म्म. ...शास ने अपने लंड को दुबारा अड्जस्ट किया अओर इस बार एक भारी धक्का लगाया.....मुस्कान की चीख के साथ लंड का सूपड़ा चूत मैं दाखिल हो गया.....ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवुयीईयियीयियायायेयीययाया आअहह.. चुदाई मैं माहिर हो चुके शास ने दूसरा धक्का अओर ताक़त से लगाया तो आधा लंड मुस्कान की चूत मैं समा गया.....मुस्कान की चीखे...अओर आँखों से आँसू छलक आए.....आसहनीया पीड़ा अओर दर्द से मुस्कान छटपटाने लगी......मुस्कान शास की पकड़ से निकलने की अ-सफल कोशिस मैं लग गयी....दर्द उससे अब बर्दास्त नही हो रहा था.....शास ने मुस्कान को चुम्म कर धीरे से कहा...मुस्कान जान....बस थोडा सा सब्र करो उसके बाद दर्द पीड़ा सब गायब हो जाएगी....पहली बार एसा होता ही है.......शास इस प्रकार समझा रहा था...जैसे वो चुदाई का विद्वान हो......मगर मुस्कान तो दर्द से मरी जा रही थी......उसे तो चूत मैं शास का लंड किशी शूल की तरह चुभ रहा था.....सारी उत्तेजना दर्द मैं बह गयी थी.....शास की बातों का कोई परभाव अब उस पर नही हो रहा था........दर्द की सिसकियाँ...आँखों से आँसू......दर्द की रेखाए उसके चेहरे, अओर सिसकारियों से झलक रही थी.......अब शास भी मुस्कान का दर्द देख कर परेशान हो चला था....लंड को बाहर निकाल ले....या नही..???? अगर आज लंड बाहर निकाल लिया तो मुस्कान हमेशा की लिए सायेद सेक्स से दूर हो जाएगी...???? इस दर्द का अहसास उसे सेक्स से दूर कर देगा.....???? इसी उलझन मैं शास......शास की निगाहें मुस्कान पर ही केंद्रित थी.....मुस्कान के चेहरे पेर आते जाते भाव व समझने का पारियास कर रहा था......
शास.....अब दर्द कुछ कम हुवा...???? मुस्कान......
मुस्कान............................................ ....????
शास......कुछ तो बोलो मुस्कान....???? ये तुम्हारी परेशानी अब मुझसे देखी नही जा रही है...???? है...अगर आज मैने ये लंड बाहर निकाल लिया तो तुम हमेशा के लिए उस सुख से सायेद दूर हो जाओगी..... जिसके लिए नर अओर मादा.... तरेस्ते है.....यही सुख तो उन्हे एक दूसरे के करीब...इतने करीब लाता है..... कि दुनिया तक से बागावत पर उतेर आते है.....जो दोनो के मिलन की बुनियाद है..... सेक्स....???? ये दर्द तो कुछ ही लम्हों मैं ख़तम हो जाएगा.....पर वो दूरी सायेद कभी कम ने हो पाए.....फिर ये भी तो सोचो की नर-मादा मैं आकर्षण की बुनियाद सेक्स ही तो है.... अगर इसमे सिर्फ़ दर्द ही होता तो कयूं ये संसार इसके पीछे पागलों की तरह भागता....बोलो मुस्कान..बोलो....अगर तुमने अब भी जवाब नही दिया...तो मैं ये लंड बाहर निकाल लूँगा....क्यूँ की तुम्हारा कोई भी दर्द मेरा अपना है....अओर मैं तुम्हे कोई दर्द देने की सोच भी नही सकता हूँ.....?????
मुस्कान...दर्द की रेखाए अभी तक उसके चेहरे पर थी.....मगर पहले से कुछ कम हुवा था......उसने सोचा ये तो एक दिन होना ही था..... कियूं ना आज कुछ देर के लिए बार्देस्ट कर लूँ.......फिर शास ने अगर अपना लंड बाहर निकाला तो सायेद उसका दिल टूट जाए......वह कितनी उम्मीदों के साथ, ने जाने कितनी ही देर से यहाँ मेरा ही एंतजार कर रहा था.....मेरी हर भावना का ध्यान रखखा, फिर उसे भी बड़ी बात तो ये है.....उसने कितनी दूर का सोच कर सीमा भाभी से दूर यहाँ पर मेरा एंतजार किया, कि कभी सीमा भाभी बाद मैं मुझे ब्लॅकमेल ने करे.....मेरा अओर शास का संबंध ही कया था....कियूं शास ने मेरे लिए इतना सोचा.......मुस्कान शास तुम्हे प्यार करता है.....अओर प्यार मैं त्याग होता है.....चाहे कष्ट भी कियूं ना उठाना पड़े.....फिर शास तो कह भी रहा है कि दर्द कुछ ही देर मैं समाप्त हो जाएगा........मुस्कान शास को मत रोको, अगर तूने जबाब नही दिया तो....????????? मुस्कान कह दे उसे , कह भी दे उसे
मुस्कान....शास मुझे नही मालूम था कि इतना दर्द होता ही.......
शास...शिरफ़ पहली बार ही होता है...वो भी कुछ देर के लिए...अगर तुम भी एंजाय करो तो अओर कम होगा......
मुस्कान...ठीक है शास अब जो भी हो तुम अपना काम करो....मेरी चिंता मत करो....
शास...नही मुस्कान तुम्हारी चिंता तो मुझे होगी ही....पर अगर तुम भी सह-योग करो तो तुम्हे दर्द कम होगा.......
मुस्कान...मैं कया करूँ...दर्द बहुत हुवा है.....????
शास...अब कैसा है...???
मुस्कान ... अब तो कम है.......
शास...ठीक है....मैं धीरे धीरे करता हूँ....मुस्कान दर्द के बाद भी धीरे से मुस्कुरा दी इस पर शास भी मुस्कुरा दिया.....अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए....फिर मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे बोला...कया लाजबाब है...तुम्हारी ये चुचियाँ...???? इस पर मुस्कान फिर से मुस्कुरा दी......अओर शास ने मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे मुस्कान के होंठ चूमता रहा अओर चूत मैं लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.....मुस्त टाइट लंबा तगड़ा...मोटा लंड चूत मैं मस्ती से आगे पीछे हो रहा था.......अब मुस्कान का दर्द लगभग ख़तम हो चुक्का था...वो भी इस चुदाई को एंजाय करने लगी थी.....लगभाफ़ 10-15 मिनूट तक ऐसे ही चलता रहा अओर अब मुस्कान फिर से मस्ती मैं आ चुकी थी.....उसकी उत्तेजना...फिर बढ़ चली थी.......मगर शास का आधा लंड अभी भी मुस्कान की चूत मैं जाने के लिए मचल रहा था....
शास...मुस्कान अभी आधा लंड तो बाहर ही है...इसे भी अब अंदर कर दूं????
मुस्कान...ब्स अओर रहने दो...इसी से कम चला लो....
शास....मैं तो चला लूँगा पर तुम्हारी चूत प्यासी ही रह जाएगी.....अओर ये लंड भी तड़फता ही रह जाएगा......सारी चुदाई ही अधूरी ही रह जाएगी......
मुस्कान...तुम्हारी जो एच्छा...जब मैने इतना दर्द झेल लिया तो बाकी भी देखा जाएगा.....एक पुरानी कहावेत है जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डरना...मुस्कान ने मुस्कुराते हुवे जबाब दिया.....
शास...अच्छा...तो ये बात है....लो फिर बाकी भी झेल ही लो.....
मुस्कान...मैं तय्यार हूँ....इतना तो मैने अब जान ही लिया की एस दर्द के बाद फिर थोड़ी देर मैं सब ठीक हो जाता है.... अओर इस बार मैं पूरी तरह से तय्यार हूँ....
शास...ये हुई ना कुछ बात.....लो अब झेलो...अओर चूतड़ पीछे करके एक ही जूरदार धक्का लगा दिया.....मुस्कान की एक तेज चीख निकल गयी अओर शास का पूरा लंड चूत को फाडता हुवा मुस्कान की चूत मैं समा गया......मुस्कान दर्द से बेहाल होने लगी थी....दर्द उसे बिल्कुल भी बर्दस्त नही हो रहा था.....उधर शास मुस्कान की चुचियाँ दबा दबा कर उसके होंठ चूम रहा था.....अओर अब लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुवे चुचियाँ पीना शुरू कर चुक्का था.....मुस्कान को शास का अंदर बाहर होता लंड किशी गरम रोड की तरह कंट मैं चुभ रहा था.....मुस्कान अपने टीत अओर हूथ भींच लिए...अओर दर्द को बर्दास्त करने की कोसिस करने लगी......मगर उसकी दर्दीली सिसकारिया नही रुक पा रही थी......उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउ उउउउउईईईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईइ लगभग 10 मिनिट्स तक एसे ही दर्दीली चुदाई के बाद अब मुस्कान को भी मज़ा आना शुरू हो गया था.....उसकी दर्दीली सिसकियाँ अब उतत्ज़क सिसरारियों मैं बदेलने लगी थी.....उसके चूतड़ भी हरकत करने लगे थे......अब मुस्कान पूरा लंड मस्ती से ले रही थी....इस अहसास से शास ने धड़कको की रफ़्तार कम कर दी अओर मुस्कान का चेहरा दोनो हाथों मैं लेकर मुस्कान की आँखों मैं झाँका....जो सुर्ख लाल हो चली थी.....मुस्कान ने मुस्कुरकर अपना चेहरा शास के सीने मैं छुपा लिया.....अओर...
मुस्कान...कया देखते हो शास.....???????
शास...देखता हूँ की मेरी जानम मुस्कान का अब कया हाल है...???
मुस्कान...कियूं, मेरी बहुत चिंता है...????
शास...कया तुम्हे नही मालूम की मुझे तुम्हारी कितनी चिंता है....????
मुस्कान...जब मेरी इतनी ही चिंता है.....तो धक्को की रफ़्तार कम कियूं कर दी....???? अब तो मज़ा आया है अओर तुमने स्पीड घटा दी......?????
शास...तो लो अभी बढ़ा देते है...अओर मुस्कान का चेहरा पकड़ कर उप्पेर उठाया....उसकी अंखँ बंद थी .....शास ने मुस्कान के होंठ चूमे....मुस्कान ने आँखें खोलकर शास को देखा अओर हंस कर फिर से मूह शास के शीने मैं छुपा लिया.........
शास का लंड अब तूफान मैल की तरह मुस्कान की चूत मैं आ जा रहा था......मुस्कान अब अपनी उत्तेजना छुपा नही पा रही थी....उसकी उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआआहह जैसी सिसकियाँ शास को अओर तूफ़ानी बना रही थी.....अओर मुस्कान शास से पूरी तरह से चिपक गयी थी.....उसकी उखड़ी साँसे बता रही थी की इस बीच उसका पानी चूत मैं ही निकल चुक्का था.......लंड की रफ़्तार पर फुच..फूच जैसी आवाज़....चूत के जीयादा गीले होने कई कारण थे.....इसका अहसास शास को भी ही चुक्का था.....कि मुस्कान एक बार झाड़ चुकी है......
मुस्कान..मुस्कान ने चेहरा उप्पेर किया अओर शर्मीली आँखों से शास की अओर देख कर बोली.....कयूं शास इतनी देर की चुदाई पर, भी अभी मन नही भरा है..?????.
शास...तुम्हारा मन भर गया कया.....????
मुस्कान...मैने एस्सा कब कहा...???
शास..... तो फिर कया कहा...???
मुस्कान....तुम्हारा लंड तो अभी भी चूत मैं ठुमके लगा रहा है....???
शास... लंड चूत मैं ठुमके लगाकर ही तो उसे पटा-ता है.....
मुस्कान...अच्छा जी....लंड के ठुमके से चूत पट जाती है....???
शास... बिना लंड के ठुमके के कया चूत पानी छोड़ती है.....???
मुस्कान...चलो...तुम बड़े वो हो ????
शास...बड़े वो कया....खराब..????
मुस्कान...नही अच्छे....अओर फिर से शास से चिपक गयी.....
शास पूरी रफ़्तार से चुदाई कर रहा था.....मुस्कान के हाथ उसकी पीठ अओर चुतदो पर घूम रहे थे तथा....उसका मूह...शास की चेस्ट के साथ छेड़छाड़ कर रहा था ....उत्तेजना चरम पर थी.....चुदाई अपने पूरे योवेन पर पहुँच चुकी थी.....शास अओर मुस्कान का कशाव एक दूसरे पर बढ़ता जा रहा था......मुस्कान का सरीर गुनगुनाने लगा था.....उसकी साँसे लंबी अओर तेज हो रही थी......उसके चूतड़ अब उछाल कर पूरा लंड अंदर लेने की कोशिस कर रहे थे.....धीरे धीरे मुस्कान का सरीर उसका साथ छोड़ने ही वाला था.....वो जाने लगी थी उस दुनिया मैं......जिसके लिए...उसने इतना दर्द झेला था.....उसकी आँखों पर , बेधता दबाव उन्हे बंद होने के लिए मजबूर कर रहा था.......यही स-तिति अब शास की भी हो चली थी.....अब वो डूबने ही वाले थे चुदाई के अंतिम भंवर मैं.....जहाँ शिरफ़ ...अपार शान्ती होता...है चेतना.....भी कुछ देर के लिए सू-न्य हो जाती है........
आख़िर बाँध टूट ही गया......दोनो एक दूसरे मैं सामने की कोशिस मैं....लंड चूत के अंतिम छोर पेर पहुँच कर होली की पिचकाई छोड़ने के लिए तय्यार......अओर चूत बाल्टी भरकर पानी लंड पर उदेलने ही वाली थी......उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउस्म्म्म्म्म्म्म्म्म्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सी ईयियेयीययेयेयीयाथ्हीयीयियूयूवूऊवूऊयूयुयूवयू उउउउउस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स की लंबी धुन...अओर शास अओर मुस्कान पूरी तरह से चिपक गये...दोनो मजबूती से एक दूसरे को अपनी बाहों मैं बँधे हुवे......बंद आँखें.....बस...लंबी..छोटी साँसे अओर उउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्मीईईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह की धुन......फिर उसके बाद एक लंबी शान्ती....को भंग करती तेज तेज साँसे............................एक दूसरे की बाहों मैं बँधे शास अओर मुस्कान............
कुछ देर शास अओर मुस्कान एक दूसरे की बाहों मैं बँधे यूँ ही पड़े रहे.....फिर शास ने अपना मूह मुस्कान के कंधे से निकाल कर मुस्कान को देखा.....वह अब भी शांत थी....शास ने मुस्कान के गुलाबी होंठ एक बार फिर चूम लिए..... अब मुस्कान ने आँखें खोलकर शास की तरफ देखा..... अओर शर्मा कर अपने चेहरे को अपने दोनो हाथों से ढक लिया.....
शास...कया हुवा मुस्कान...????
मुस्कान...कुछ नही....
शास...फिर चेहरा कियूं छुपा लिया....???
मुस्कान...हमे शर्म आती है...
शास....कैसी शर्म,...अब तो हम एक हो चुके हैं.....???
मुस्कान...एक कैसे हुवे...???
शास....लंड तो अभी भी तुम्हारी चूत मैं है...कया ये प्रमाण कम है...???
मुस्कान...चलो हम बात नही करते हैं....
शास...कियूं मुस्कान....बात कियूं नही करती है.....????
मुस्कान... चलो अब हटाओ...हमें छोड़ो.....आप को तो लज्जा नही है हमें तो शर्म आ रही है.......
शास....कया अपनो से शर्म होती है....???
मुस्कान...अब छोड़ो भी....कोई आ गया तो...????
शास ने सोचा ये तो मुस्कान ठीक कह रही है....कोई आ भी सकता है....अओर मुझे अओर मुस्कान को एक साथ देखकर, ??? सब मामला गड़बड़ हो जाएगा.....शास ने लंड को बाहर खिछा...जो फूच की आवाज़ के साथ बाहर निकल आया.....उसके साथ ढेरसारा वीर्या अओर हल्का सा खून मिला वीर्या भी मुस्कान की चूत से बाहर निकालने लगा था.....
मुस्कान...बस अब मन भर गया...???
शास...नही मन तो नही भरा...पर तुम्हारी एक बात ठीक लगी है....अगर कोई आ गया अओर हम दोनो को एक साथ देखार.....सारा मामला बिगड़ जाएगा.....तुम्हारी इस प्यारी सी चूत को तो सो बार चोद कर भी मन नही भरने वाला है.....
मुस्कान की चूत से बहता गर्म लावा....चूत अंदर से कई जगह से छिल गयी थी....अओर पहली चुदाई होने के कारण.....चूत का गुलाबी द्वार अब शुर्ख लाल मैं बदल गया था.....उसका मूह भी अब खुला नज़र आ रहा था.....उस से बहता खून मिला हुवा वीर्या....एसा लग रहा था जैसे ज्वलमुखी के मूह से गरम लावा बहार निकल कर बह रहा हो.......शास ने रुमाल निकाल कर मुस्कान की चूत को सॉफ किया......अभी भी कभी...कभी...चूत का मूह खुल-बंद हो रहा था.....इस द्रस्य को देख कर शास का ढीले पड़े लंड ने फिर ठुमका मार दिया अओर सरसराहट के साथ उसका साइज़ बढ़ने लगा.......शास कभी मुस्कान के कयामत सरीर अओर कभी उसकी चूत पर देखा रहा था......लगता था कि उसके लंड की भूख अभी नही मिटी थी...पर कोई आ जाएगा का डर......उसने मुस्कान के चेहरे की अओर देखा.....जो शास को ही निहार रही थी....आँखें मिलते ही दोनो मुस्कुरा दिए.......
मुस्कान...कया सोच रहे हो शास...???
शास....कुछ नही...बस देखा रहा था की तुम अओर तुम्हारी ये चूत कितनी सुंदर है....
मुस्कान...कया अब भी....????
शास...है.....अब तो अओर जीयादा सुंदर हो गयी ...???
मुस्कान...पहले से जीयादा सुंदर ...???? के. मतलब...????
शास...बस ये समझ लो की अब मैं तुम्है पहले से भी जीयादा प्यार करने लगा....
मुस्कान...मुस्कान ने मुस्कुरकर पूछा...कया पहले कम प्यार था..???
शास...नही....अब अओर जीयादा बढ़ गया है.....
मुस्कान...अच्छा जी....??? मुस्कान की मुस्कुराहट से मानो शास पर बिजलियाँ गिरा गयी हों....कया कामुक मुस्कुराहट थी मुस्कान की.......??? शास तो पहले से ही उसके रूप-योवेन से घायल था....इस पर उसके सरीर मैं अओर बिजलिया सी दौड़ गयी.....मुस्कान ने फिर कहा....ऐसे ही बैठे रहोगे की अब जाओगे भी....??? कया इरादा है जनाब का...???
शास...इरादा तो बुलंद हैं जाने-जान पर वही डर...कि कोई....????
मुस्कान...शास अपनी बात पूरी भी नही कर पाया था, मुस्कान बोल उठी.....आ जाएगा....??? यही ना...??? बड़े डरपोक हो शास तुम तो....???
शास...तुम्हारी वेजेह से ही.....???? तुम्हाइन किशी के सामने सरमिंदा ना होना पड़े....वेर्ना तुम्हे अओर तुम्हारी इस चूत को रात भर चोदने का इरादा था......
मुस्कान... अब नही है कया.....???
शास... मुस्कान के इस सवाल पर शास चोंक गया....???....कया...???
मुस्कान...कया हिन्दी समझ मैं नही आती है....??? अओर मुस्कान ने एक अदा के साथ मुस्कुरा कर मूह दूसरी तरफ फेर लिया....पर बिजली तो वो फिर से गिरा ही चुकी थी.....
शास... आती है अओर शास तुरंत मुस्कान के उप्पेर आ गया....अओर उसके चेहरे को अपने हाथों मैं लेकर मुस्कान के होंठ चूमकर बोला.....जानू-जान मैं तो तुम्हरी इस गुलाब से सुर्ख लाल हुई चूत को चाटने का पहले ही मन बना चुक्का था.....पर अब तो मेरा ये तनटनाता हुवा लंड ही इसकी पप्पी लेगा.........इसको तो बस हिन्दी ही आती है.....एसीलिए ये गुलाबी चूत पर फिदा होकर अब एस्को चूमने के लिए तय्यार है.......इस बीच शास के दोनो हाथ मुस्कान की चुचियों से खेल रहे थे......
मुस्कान...नही शास...कोई आ जाएगा....मैं तो मज़ाक कर रही थी....अब रहने दो...???
शास...तुमने ही कहा था मुस्कान जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डर्ना??????? अब तो जो भी होगा देखा जाएगा.....मैं तो मान ही चुक्का था....पर ये तो अभी भी नही मान रहा है....शास ने अपने लंड की अओर एशारा करते हुवे कहा.....
मुस्कान...सच क्यो नही कहते की तुम्हारा ही मन अभी नही भरा है.....???
शास...है...डियर मुस्कान...तुम भी तो काहदो...की मन अभी नही भरा...नही भरा...नही भरा...नही भरा....के मन अभी नही भरा......
इस बात पर शास अओर मुस्कान दोनो खिलखिलाकर हंस पड़े......
चुदाई का सिलसिला
Re: चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -११
मन ही मन तो मुस्कान भी दुबारा चुदाई चाह रही थी....उसकी छूट की खुजली भी अभी तक पूरी तरह से नही मिटी थी.....चुदाई का जीयादा समय तो दर्द सहने मैं ही गुजर गया था.........वह मन ही मन चाह रही थी की शास अपना तना हुवा ये लंड एक ही झटके मैं उसकी चूत मैं डाल कर चोद दे....पर शर्म- हया के कारण वह कुछ नही कह पा रही थी....दोस्तो .ये भी अजीब दास्तान है चूत की जब तक चुदी नही थी....तब तक उसे लंड की एच्छा कभी नही हुई....अओर अब चुद चुकी तो लॅंड खाने की एच्छा अओर बढ़ गई......मगर मुस्कान अपने पर काबू रखते हुए बोली .......
मुस्कान...शास अब रहने दो....कोई आ गया तो वास्तव मैं गड़बड़ हो जाएगी....
शास. ओ भी समझा रहा हूँ पर ये तो अभी भी नही मान रहा है....एस्को कैसे सम्झाउ....????
मुस्कान...ये कया कह रहा है.....???
शास ...तुम्हारी चूत का पानी एक बार अओर पीना चाहता है.....
मुस्कान...इसे मेरी चूत का पानी इतना पसंद आ गया कया...???
शास...तभी तो झटके खा रहा है......
एन सब बातों के साथ साथ शास के हाथ अओर मूह अपना काम भी कर रहे थे.....उसके हाथ मुस्कान की चुचियाँ मसल रहे थे अओर उसका मूह उसके होंठ अओर चुचियाँ बारी बारी से पी रहे थे......मुस्कान की चूत भी लगातार पानी छोड़ रही थी.....अओर उसके दरवाजे जल्दी-जल्दी खुल व बंद हो रहे थे......
मुस्कान...शास प्लीज़ अब रहने दो...देखो कितनी देर हो गयी....अब सब लोग आने वाले होंगे....???
शास...अच्छा मुस्कान एक काम करते है...जैसे दारू पीने वालों के लिए , पटियाला पेग, मीडियम पेग, अओर स्माल पेग होता है, जैसे बोतल, अध्धा, अओर क्वॉर्टर होता है, वैसे ही इस बेचारे को बस एक स्माल पेग पीला देते है......???
मुस्कान...मुस्कान जानती थी...कि अब शास उसे दुबारा चोदने की पूरी तय्यारी कर चुक्का है...अओर वह भी तो पूरी तरह से तय्यार हो चुकी थी.....पर फिर भी मुस्कुराते हुवे बोली.....ठीक है जल्दी से स्माल पेग से ही काम चला लो.....उसकी चूत मैं भी तो सुरसूराहट मची हुई थी.....वह भी कहाँ शास को छोड़ना चाहती थी.....मगर हाई रे समय...अगर ये समय यहीं रुक जाता तो कितना अच्छा होता....मगर मजबूरी ये सब उनके हाथ मैं नही था...........
शास...तो एंतजार कर रहा था....उसने तो पूरी तय्यारी कर ली थी...उसका लंड भी मुस्कान की चूत को लगातार छू रहा था...अओर अंदर जाने के लिए झटके खा रहा था.....मुस्कान की चूत भी दरवाजा खोलकर खड़ी थी....अओर उसे अंदर आने के लिए कह रही थी.....पानी पीने अओर पीलाने के लिए.....
शास अओर मुस्कान दोनो ही चाह रहे थे....उनकी गरम साँसें उनके सरीर मैं बहते खून की रफ़्तार तेज हो चुकी थी....उनकी धड़कने बढ़े चुकी थी.....मुस्कान की चूत के मूह को छूता हुवा शास के लंड का सूपड़ा....हल्के से दबाव का एंतजार कर रहा था......दोनो शरीरो की आग भड़क चुकी थी.....रूम मैं वही सिसकारियाँ...कामुक महॉल....थर-थराते होंठ .....
शास...मुस्कान की बोझिल आँखों मैं झाँकते हुवे....कया तय्यार हो...????
मुस्कान...?????????????????????????
शास...मुस्कान बोलो ना...तय्यार हो कि नही...???
मुस्कान...कया सभी कुछ मूह से ही कहा जाएगा कया???....तुम्हे तो शर्मा आती नही...???? मुस्कान ने आँखें बंद कर ली थी........मुझे भी बेशर्म बनाकर ही छोड़ोगे......शादी भयया- भाभी की है अओर सुहाग-रात मनाने मैं तुम लगे हो................कया पूरी रात ही????????????????
शास ने अपने लंड का सूपड़ा...मुस्कान की चूत पर ठीक से अड्जस्ट किया.....मुस्कान के सरीर मैं सिहरन सी दौड़ गई.....उसकी चूत ने मूह खोल लिया था...जैसे वो जन्मो की पयासी हो...अओर एंतजार था....शास के लंड का अंदर घुसने का......
शास...हैं मुस्कान अगर तुम कहो तो मैं तुम्हे पूरी रात ही चोदना चाहता हूँ.....
मुस्कान...सारी रात को छोड़ो....अब जो करना है...जल्दी से कर लो.....???
शास...जो होकम जाने जा....ए ये लो....अओर शास ने एक जूरदार धड़क्का लगा दिया....
मुस्कान की चीख निकल गयी.....पर शास का पूरा लंड मुस्कान की चूत मैं समा चुक्का था.....आआआआआआआआहह आआआआआआआईईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईई
मुस्कान...शास कया मार ही डालोगे...????
शास...कियूं कया हुवा....??? अब तो पूरा रास्ता खुला हुवा था........
मुस्कान...पर तुम्हारा लंड तो मानो अओर मोटा हो गया है.....आआआआआअहह.
शास अओर मुस्कान की ये चुदाई लगभग 24-30 मिनिट्स तक चली....कामुक आवाजो अओर सिसकारियो के बीच दोनो पानी छोड़कर शांत हो गये......अओर एक दूसरे की बाहों मैं लेयटे रहे..................
कुछ देर के बाद मुस्कान ने शास को बाहर भेज दिया कहीं कोई आ ने जाए....अओर स्वयं गद्दे पर फ्रेश होकर लेट गयी....मुस्कान आज बहुत खुस थी....उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे.....उसकी चूत कुछ सूज गयी थी अओर दुख भी रही थी...फिर भी मुस्कान खुस थी....अओर ने जाने कब मुस्कान को नींद आ गयी...............................
शास...मुस्कान के कमरे से धीरे से निकल कर सीधा घर गया, अओर सीमा दीदी जो अब फेरों (मनडेप) मैं बैठ चुकी थी ....की नज़रों से खुद को बचाता हुवा...उपेर के रूम मैं चला गया...अओर बेड पेर लेट गया.....मुस्कान के बारे मैं सोच्चते हुवे ने जाने कब शास को भी नींद आ गयी.........
जब शास की आँखें खुली तो मॉर्निंग के 4 बज चुके थे अओर सीमा दीदी उसे जगा रही थी....
शास ने आँखें खोल कर देखा तो सामने सीमा दीदी खड़ी थी....शास जल्दी से उठ बैठा....
शास...कया हुवा दीदी...????
सीमा...तुम कहाँ थे शास...???? मैं तुम्हें कब से ढूँढ रही थी...???
शास...मैं तो यही था दीदी....उपेर आया अओर लेट गया तो नींद आ गयी...........
सीमा...अओर मुस्कान कहाँ है..???
शास...मुझे कया मालूम दीदी....??? मैं तो आपके पास से आकर लेट गया था...उसके बाद मुझे कुछ नही पता.......
सीमा...तुमने बहुत बड़ी ग़लती की शास....??? तुम्हे तो मुस्कान को भी चोदना चाहिए था....
शास...मगर कियूं दीदी...???
सीमा...बस ये समझ लो की ये मेरी एच्छा थी.....तुम दुबारा मुझे नज़र ही नही आए.....???
शास...दीदी रात भर तो आप के साथ रहा अओर उसके बाद पूजा जी आ गयी...एसलिए थकान से नींद आ गयी थी......
सीमा... वो तो ठीक है...पर मुझे बता तो देते की मैं उप्पेर जा रहा हूँ....मैं तुम्हें किशी के द्वारा बुलवा लेती.....????
शास...मैने समझा कि मैं मुस्कान को टाय्लेट ले गया था एसलिए आप मुझसे नाराज़ है एसीलिए मैं सीधा यहीं चला आया था......
सीमा का चेहरा अभी भी उदास था....उसके मन मैं कया चल रहा है...ये अंदाज़ा लगाने की शास कोशिस कर रहा था.....शायद सीमा के सोचेने का केंद्र अभी मुस्कान ही थी.....
सीमा परेशान थी कि एक अच्छा मौका उसके हाथ से निकल गया है.....अगर आज कहीं शास ने मुस्कान को चोद दिया होता तो......?????? बाजी उसके हाथ मैं होती......अओर वह ससुराल मैं मुस्कान को अपने मर्ज़ी से नचा सकती थी.......मगर अब सब हाथ से निकल चुक्का है.....
सीमा...नही शास मैं तुमसे नाराज़ कियों होती...???? मैने ही तो तुम्हे मुस्कान के साथ टाय्लेट करने के लिए भेजा था.....हां...मैं एसलिए ज़रूर तुमसे नाराज़ हूं की तुमने मुस्कान को चोदने का एक अच्छा मौका खो दिया........
शास...तो कया हुवा दीदी....??? कया मुस्कान को चोदना ज़रूरी था....????
सीमा...हा शास मुस्कान तो चुदना ज़रूरी था.....कया तुम मेरी ये छोटी सी एच्छा भी पूरी नही कर सकते थे....????
शास...मैं कया करता दीदी...??? कया मुस्कान को ज़बरदस्ती चोद देता...???? टाय्लेट जाते-आते हुवे उसने तो कोई बात नही की...????
सीमा...ठीक है उसने कोई बात नही की.....पर तुम्हें तो करनी चाहिए थी.....अओर मैं ये जानती हूँ की वो तुमसे चुदना चाहती थी...जब तुम दोनो टाय्लेट से आए....तुम्हारा ये लंड क्यों खड़ा था....अओर उसका चेहरा कियूं लाल था.....???? मैं जानती हूँ शास तुम भी उसे चोदना चाहते थे अओर वह भी तुमसे चुदना चाहती थी....पर तुम्हारी एक छोटी सी भूल ने सारा काम खराब कर दिया........तुम्हे वहाँ से नही जाना चाहिए था......
शास...हां दीदी मैं तो उसे चोदना चाहता था...पर तुमसे डर लगता था.....कही आप नाराज़ ना हो जाए...आपकी एक्लोति ननद जो थी मुस्कान...??? अओर फिर.आपने भी तो मुझे कोई एशारा नही किया जिससे मैं समझ पाता.....कि मुस्कान को चोदना है....???? पर दीदी मुस्कान के बारे मैं हम कैसे कह सकते है कि वो भी चुदना चाहती थी.....????
सीमा...मैने उसके चेहरे को देखकर ये जान लिया था...आख़िर मैं भी एक लड़की हूँ...??? अओर फिर तुम्हारे जाने के बाद वह काफ़ी उदास थी अओर तुम्हारे बारे मैं ही सोच रही थी......उसने कई बार तुम्हारे बारे मैं बात भी की....उसकी आँखें लगातार तुम्हें ही ढूँढ रही थी....ये मैं जान चुकी थी.....पर तुमने वहाँ से जाकर बड़ी ग़लती की....अओर फिर लौट कर भी नही आए.....एसे भी मैं अनुमान लगा सकती हूँ....कि वो भी तुम्हारे लिए परेशान थी....????
शास...सॉरी दीदी...पर अब मैं कया कर सकता हूँ....???????????
सीमा...कोई बात नही..शास....मैं ही देखती हूँ.....अगर अब मौका मिले तो चूक मत जाना ....अओर हा.....उसे चोद्कर मुझे बताना मत भूलना....मैं अब जाती हूँ नीचे सब मेरा एंतजार कर रहे होंगे....बिदाई का समय हो चुक्का है शास जब तक मैं ससुराल से लौटकर ना आउ तुम यही पर रहना.....मैं फोन कर दूँगी यहाँ पर पूजा तुम्हारा ध्यान रख्खेगि........???? कह कर सीमा जल्दी से रूम से निकल गयी............................
अओर शास सोच रहा था की ....जिस मुस्कान को चुदवाने के लिए दीदी एत्नि परेशान है.... उनके चेहरे की रोनक गायब है.....वो तो बेचारी चुद भी चुकी है....ये शास भी तो मज़े लूट चुक्का है....पर दीदी सायेद अब इस संबंध मैं तुम्हारी तमन्ना पूरी हो या नही...ये कह नही सकता हूँ......तभी शास के दिमाग़ (मन) मैं बिजली सी कोंध गयी....????
शास उठो चलो एक बार अओर मुस्कान को सावधान कर दो....सीमा दीदी से वो सावधान रहे.....पता नही कब-कहाँ उस बेचारी मुस्कान को दीदी फँसा दे...???? उसे बता दे शास कि वो सीमा दीदी से बचकर ही रहे.........अओर शास तुरंत उठा अपुर कपड़े पहन कर रूम से बाहर निकल गया.......वह जानता था की मुस्कान के पैर की चोट अभी ठीक नही हुवी है.....अओर वह जनवासे के सिवाय अओर कही नही जा सकती है....एसलिए शास के कदम जनवासे की तरफ मूड गये......
शास ने जनवासे मैं आकर देखा....काफ़ी भीड़-भाड़ हो रही थी....सभी बिदाई की तय्यारी मैं लगे थे......अपना अपना समान एकट्ठा कर रहे थे.....कुछ लड़के दूल्हे के साथ घर की अओर किशी आखरी रस्म को पूरी करने के लिए जा रहे थे.....शास एधर उधर देखता हुवा सीधे उसी रूम मैं चला गया जिस मैं मुस्कान थी....उसके पास कुछ लड़कियाँ बैठी थी..........फिर भी शास उसके पास चला गया....
शास....अब कैसी हो मुस्कान जी.....????
मुस्कान...ओह! शास तुम....??? अब पहले से ठीक है...दर्द भी कम है....मुस्कान ने अपनी सहेलियों की अओर मूह करके सभी लड़कियूं को बताया की ये शास....सीमा भाभी की बुआ जी के लड़के है......अओर शास ये मेरी फ्रेंड्स है......सभी लड़कियो ने शास की अओर मुस्कुरकर देखा.....शास ने हाथ जोड़ दिए......मुस्कान ने आगे बताया जब कल मेरे चोट लग गयी थी तो शास ने मेरी एधर उधर जाने मैं काफ़ी मदद की....
मुस्कान...बैठो शास...
शास...जी....अओर शास वही पर बैठ गया....आप लोगो ने चलने की तय्यारी कर ली...???
मुस्कान...जाना तो है ही....
एक लड़की...कहो तो मुस्कान को यही छ्चोड़ दे...??? इस पर साभी बाकी लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी...अओर शास झेप गया.....उसने मूह नीचे करके कहा...मेरा ये मतलब नही था....
दूसरी...तो कया मतलब था आपका शास जी...????
शास...जी वो......???? अचानक हुवे इस हमले का कोई उत्तर नही सोच पा रहा था.....फिर धीरे से बोला जी मेरा मतलब था की रात हुई उस घटना के कारण आपलोग शादी को एंजाय नही कर पाए....इसका हमे दुख है.....
मुस्कान...ये सीधा सादा शास...कियूं इसका मज़ाक बनाना चाहती हो....???
लड़कियाँ...अच्छा जी सीधा-साधा शास.....ओह!!!! अब पता चला हमे..........अओर सभी खिल-खिला कर हंस पड़ी मुस्कान अओर शास दोनो ही शर्मा गये....कहते है जहाँ गहर होती है पानी वही भरता है.... शास अओर मुस्कान को लगा जैसे उनकी चोरी पकड़ी गयी हो....एसलिए मुस्कान ने झल्लाकर लड़कियो को डाँट दिया.....अच्छा चलो जाओ यहा से....
लड़कियाँ...हम तो मज़ाक कर रहे थे तुम तो बुरा मान गई....सॉरी यार....
शास...कोई बात नही...मुस्कान जी कया हुवा...करने दो ना एन्हे मज़ाक......इस पर फिर से सभी खिल-खिला कर हंस पड़े......मुस्कान शास से कुछ पर्सनल बात करना चाहती थी पर वो समझ नही पा रही थी कि के करे....याहि हाल तो शास का भी था...वह नही समझ नही पा रहा था कि मुस्कान को कैसे बताए कि सीमा दीदी से सावधान रहे....एशी कसमकास मैं दोनो...कुछ बोल ही नही पा रहे थे....पर जब लगान सच्ची होती है तो कोई ना कोई रास्ता निकल ही आता है.... तभी मुस्कान की मुम्मी ने आकर सभी लड़कियो से कहा....
मूमी...लड़कियूं चलो...दुल्हन की बेदाई के समय तो वहाँ पर रहो....फ़िजूल बाते बाद मैं कर लेना........बेटी मुस्कान कया तुम भी जाओगी...???
मुस्कान...नही मम्मी मैं नही जाओंगी...चलने मैं अभी परेसानी होती है......
मूमी...ठीक है तुम यहहीं बैठो...हम अभी आते है....ये लड़का कौन है...???
मुस्कान..ममी ये शास है....भाभी जी की बूवजि का लड़का...मेरी चोट के बारे मैं पूछने आया था.....
शास...मौसी जी नमेस्ते ....शास ने हाथ जोड़कर कहा....अओर उठने लगा.....
मूमी... जीते रहो... बैठो बेटा तुम यहीं मुस्कान के पास ये अकेली रह जाएगी ....हम सभी अभी आते है.......
अंधे को कया चाहिए दो आखें...शास अओर मुस्कान दोनो तो यही चाहते थे....जैसे ही मम्मी मुड़कर गई दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा अओर मुस्कुरा दिए......
मुस्कान...कैसे हो शास...???
शास...मैं अच्छा हूँ तुम अब कैसी हो....??? रात मैं जीयादा दिक्कत तो नही हुई...???
मुस्कान...मुस्कुरकर आँखों की बिजलियाँ शास पर गिरा दी अओर बोली... दिक्कत तो तुम दूर कर गये थे....उसके बाद तो हम आराम से सोए..........
शास...ने एधर-उधर देखा अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए..........कहो तो एक बार अओर दिककात को दूर कर दे..????
मुस्कान...बड़े बेशरम हो मौका मिलते ही..........???? वास्तव मैं दिक्कत दूर करनी है तो हमारे घर आना......मुस्कान ने शास को खुला निमंत्रण दे दिया....????
शास...जानती हो वहाँ दीदी होंगी....???
मुस्कान...तो कया हुवा....????
शास...यही तो बताने आया था...की ज़रा दीदी से सावधान रहना.....उन्हे कोई भी आपनी राज की बात मत बताना.....वेर्ना वे आपको हमेशा ब्लॅकमेल करती रहेगी.....???
मुस्कान...तुम्हें कैसे पता...???
शास...मुझ पर विस्वास है...???
मुस्कान...अपने से जीयादा हो गया है...
शास...तो फिर मेरी बात का धयान रखना...दीदी तुम्हारी किशी भी कमज़ोरी का फायेदा उठाने के लिए हर पर्यत्न करेंगी....बस तुम सावधान रहना.....उन्है कोई भी आपनी बात मत बताना....अओर मेरे बारे मैं उनसे कम ही बात करना....
मुस्कान...कया कह रहे हो शास....भाभी भला एसा कियूं करेंगी....????
शास...तुम कितने भोली हो मुस्कान....तुम नही जानती....वो तुम्हे बस मैं रखने के लिए तुम्हे किशी से भी चुदवा सकती है.....अगर तूने अब भी मेरी बात नही मानी तो बाद मैं पछताॉगी........
मुस्कान...ठीक है शास....मैने तुम्हारी बात मान ली....मैं हमेशा एस बात का ध्यान रकखूँगी कि मेरी हर बात उनसे राज़ ही रहे....
शास...थॅंक्स मुस्कान...अब मैं चलता हूँ....कभी फिर मुलाकात होगी......
मुस्कान...खाली ही चले जाओगे...???
शास...नही तुम्हाई यादें...अओर प्यार है मेरे साथ....अओर एक बार अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए....मुस्कान ने भी शास के होंठ चूमकर....ये हमेशा याद रखना....अओर जब भी मेरी याद आए तो हमारे घर चले आना....एसके बाद शास मुस्कान के रूम से बाहर निकल गया.........................
शास जब घर पहुँचा तो बिदाई की सभी तय्यारिया हो चुकी थी.....सीमा दीदी दुल्हन के लिबास मैं लिपटी हुई थी.....ना जाने सीमा ने शास को कैसे देखा लिया...सायेद उसकी आँखें शास को ढूँढ रही हो....सीमा दीदी की एक फ्रेंड शास के पास आकर बोली ....शास तुम्हें सीमा बुला रही हैं....शास सीमा दीदी के पास चला गया.....आपने बुलाया दीदी..???
सीमा...हां शास....कल से देख रही हूँ...तुम मेरे पास कम ही आते हो...कया बात है....???? कहाँ रहते हो...????
शास...नही दीदी ऐसी तो कोई बात नही...बस भीड़-भाड़ मैं सायेद....मैं आपको नज़र ना आता हूँ......मैं तो आपके आसपास ही रहता हूँ.....
सीमा...नही शास....ये बात नही है...मुझे तुम्हारे मैं कुछ बदलाव सा नज़र आ रहा है.....जब से तुम मुस्कान से मिले हो...मुझ से कुछ दूर-दूर रहने लगे...कया ये झूठ है....???
शास....नही दीदी एसा नही है...मैं खुद ही आपको मिस कर रहा हूँ...आप तो भीड़-भाड़ मैं रहती है मैं कुछ मन की बात भी नही कर पाता हूँ....फिर आपको तो जीजाजी का लंड रात मैं मिल जाएगा...लकिन मेरा लंड तो आपने भी प्यासा छोड़ दिया था......बस मैं प्यासा ही एधर उधर घूमता रहता हूँ.....
सीमा...सीमा के चेहरे पेर लालिमा दौड़ गयी...आँखें कुछ पल के लिए झुक गयी...फिर आँखें उठा कर शास की अओर देखा....मुझे बहुत मिस करते हो....???
शास...जी दीदी..............
सीमा...बस दो दिन की ही तो बात है.....उसके बाद तो मैं लौट अवँगी...तुम जिभरकर प्यास बुझा लेना....अओर मुस्कुरा दी......
तभी सीमा के पास बहुत सी लॅडीस आ गयी अओर उनकी बाते बंद हो गयी.....बाहर दुल्हन के लिए गाड़ी सजकर तय्यार खड़ी थी....सभी वहाँ पर अब दुल्हन के आने का एंतजार कर रहे थे....कुछ लड़कियो ने सीमा को पकड़कर उठाया अओर गाड़ी की अओर लेकर चलने लगी....अब सुरू हुवा...रोने-धोने का सिलसिला.....एक दूसरे के गले लगकर सीमा दीदी भी घुघंट मैं रो रही थी....सभी ओरतो (लॅडीस) की आँखें भी गीली हो गयी थी....अओर सीमा को एक दुल्हन की ही तरह सजी हुई गाड़ी मैं बिठा दिया गया....ढेरो आशीर्वाद दूल्हा-दूल्हें के लिए सभी सगे-संबंदियों ने दिए.....फिर दूल्हा भी सीमा की बगल मैं बैठ गया....अओर गाड़ी चल दी......कुछ दूर जाकर गाड़ी रुकी...कुछ बड़े-बाजुर्गो मैं गुफ्तगू हुई...अओर फिर गाड़ी चल दी.....अओर सीमा दीदी बाबुल का घर छोड़ कर चली गयी....ससुराल.....
उसके बाद सभी लौट आए अओर दूसरे कार्यो मैं लग गये.....कुछ मेहमान अपने घर जाने की तय्यारी मैं जुट गये.....दोपेहर होते-होते घर मैं सन्नाटा छा गया था....मेहमान जा चुके थे...अओर घर के लोग....खाना खाकर सोने चले गये थे रात भर के जागे हुवे जो थे.....अब वहाँ पर चालपेहल सब ख़तम हो चुकी थी....रह गया था एक सामान्य सा घर......जहाँ पर कुछ खास घर के मेहमान ही बचे थे...शास जब से आया था....पहले सीमा दीदी अओर बाद मैं मुस्कान से ही जुड़ा रहा उसे मालूम ही नही चला की शादी मैं कॉन-कोन खास मेहमान आए थे....यहाँ तक की वह अपनी मौसी अओर उनकी दो बेटियों अओर एक बेटे से भी नही मिल पाया था....हा शादी मैं देखा ज़रूर था.....हाई-हेलो भी हुई थी......पर उनके लिए समय उस समय नही था शास के पास......
शास की मालती मौससी की दो बेटियाँ.....कंचन अओर पायल सेकेंडरी अओर सीनियर सेकेंडरी की स्टूडेंट थी थी बेटा....अभी छोटा था....जो 4र्थ या 5थ का ही स्टूडेंट था......बच्चे मौससी की ही तरह सुंदर थे.......शास भी उप्पेर के रूम मैं गया जहाँ से उसकी सीमा दीदी अओर पूजा की यादें जुड़ी थी.....उसने देखा.....कि वहाँ शास की मम्मी, मौससी अओर उनके तीनो बच्चे सो रहे थे.......दोनो बेड फुल थे.....शास ने एक चटाई उठाई अओर एक तरफ डालकर वहीं पर लेट गया.....कुछ ही देर मैं उसे भी नींद आ गयी...... नींद आते ही शास के ख़यालों मैं.....मस्त मुस्कान चली आई...अओर उसकी सुगंधित टाइट गुलाबी चूत.......उसके गोल-गोल सॉलिड बूब्स.....शास को नींद मैं भी लुभाने लगे....शास के सरीर मैं......सुरसूरहट सी होने लगी......अओर उसका लंड पेंट मैं ही बॅमबू बन गया....जो पेंट की चेन को तोडने का पारियास कर रहा था....अओर शास नींद मैं भी मस्त मुस्कान के सरीर से खेलता रहा.....अओर उसका लंड झटके ख़ाता रहा........
शाम के लगभत 4 बजे थे कि कंचन टाय्लेट के लिए उठी...अओर बाथरूम की तरफ जाते हुवे उसकी नज़र शास पर पड़ी जो फर्श पर चटाई बिछा कर सो रहा था.....पर जैसे ही उसकी नज़र शास के बॅमबू बने लंड पर पड़ी तो कंचन के सरीर मैं ल़हेर सी दौड़ गयी...शरम से उसका चेहरा लाल हो गया.....अओर वह तुरंत ही बाथरूम मैं चली गयी.....बाथरूम मैं जाकर कंचन ने अपना चेहरा मिरर मैं देखा.....उसकी गालो पर शुर्खी बता रही थी....कि उसे उस चीज़ का अहसास होने लगा था....जो योवेन आने के बाद होता है....कई बार स्कूल जाते हुवे लोकल बस मैं.....कई लंड उसकी गांद को रगड़ चुके थे.....अओर उस समय उसने चूत मैं गीलापन महसूस किया था.....मगर आज का अहसास कुछ अलग ही था....उसके सरीर की शिहरन...उसकी चूत का गीलापन कुछ अओर ही संकेत दे रहे थे......कंचन ने शीशे के सामने ही अपना ट्रोवजेर अओर पॅंटी नीचे खिसकाई.....अओर अपनी कोरी....मुलायम बालों वाली चूत को देखकर खुद ही शर्मा गयी.....अओर अनायास ही उसका एक हाथ उसकी चूत पर घूमने लगा था....उसकी बुर अओर गीली हो चली थी......एक लंड के अहसास ने उसकी बुर मैं हल्की हल्की खुजली कर दी थी.....की उसकी एक उंगली बुर के छेद पर हरकत करने लगी.....मदहोश होती कंचन.....क्लिट को छूकर छेद पर रखी उंगली.....उसकी उत्तेजना अनायास ही बढ़ गयी थी....अओर उंगली बुर के छेद मैं धीरे धीरे अंदर बाहर होने लगी थी....जिंदगी का पहला हस्त-मेथुन......बुर से बहता पानी.......एक अजीब अनुभव.....पूरे सरीर मैं अजीब सी एइन्ठन.....कंचन की उंगली की अचानक स्पीड बढ़ गयी....शुर्ख होता चूत का गुलबीपन.....फिर अचानक कंचन की नज़रे शीशे (मिरर) पर पड़ी तो वो अओर शर्मा गयी....उसकी चूत से गरम गरम लिसलिषा पानी उसकी उंगली को गीला कर चुक्का था.....कंचन ने अपने आप को बड़ी मुस्किल से रोका.....अओर टाय्लेट शीट पर बैठ कर अपनी बुर को ठंडे ठंडे पानी से धोया.....अओर टाय्लेट करके उठी....अपने चेहरे को भी धोया.....तब जाकर कुछ नर्माल महसूस किया.....अओर बाथरूम से बाहर निकल आई.....टवल से चेहरा सॉफ कर वह जाकर फिर से पायल दीदी के पास लेट गयी.....अभी भी बार बार उसकी निगाहें शास के बॅमबू बने लंड की अओर घूम जाती थी......फिर कंचन ने अपना एक पैर पायल दीदी के उप्पेर रख कर उधेर करवेट ले ली......मगर उसके जेहन मैं शास का लंड नाच रहा था......अओर उसका एक हाथ पायल की भारी –भारी गोल-मटोल टाइट चुचि पर आकर अपना हल्का मगर लगातार दबाव बढ़ा रहा था....अओर उसका घुटना पायल की जांघों के बीच एक गुदगुदी उभार को महसूस कर रहा था.........
कंचन एक बड़ी ही सुन्दर लड़की थी, उसकी लंबाई लगभग 5.5 इक-हरे शरीर की मलिक, बड़ी-बड़ी आँखें गुलाबी सुर्ख होत किशी को भी अपनी अओर आकृषित कर लेते थे.....उसके रूप-रंग के कई दीवानो ने उसके एर्दगिर्द मंडराना सुरू कर दिया था....पर कंचन ने आज तक किशी भी लड़के को भाव नही दिया था......वेशे तो स्कूल की कयि सहेलिया थी.....पर उसकी अपनी बड़ी बेहन पायल से ही जीयादा पट ती थी....दोनो साथ साथ स्कूल जाती-आती थी.....रास्ते मैं कई बार कुछ लड़को ने उन पर डोर डालने का पारियास किया.....पर उन्होने कभी किशी लड़के को महत्व नही दिया......एस्की एक वेजह पायल थी....पायल बड़ी ही सोमय लड़की थी....उसकी हाइट भी अच्छी थी....गोरा साफ सुथरा सरीर....नक्श बड़े ही लुभावने थे......पर उनकी मम्मी मालती जो उन्हे शिक्षा देती थी......पायल उसका ही अनुसरण करती थी.....एसीलिए आज तक वे दोनो बहने एस दुनिया की चमक-दमक से दूर ही रहती थी.....वैसे पायल का योवेन पूरे शबाब पर था....उसकी चुचियाँ काफ़ी भारी पर सॉलिड थी....चुचियो पर छोटी-छोटे ब्राउन निप्पेल्स उनकी सोभा मैं चार चाँद लगाते थे....उसके चूतड़ भी कंचन से कुछ भारी थे,,,पर कमर दोनो की ही पतली थी....पायल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी....अओर कंचन जवानी की दहलीज पर कदम रख रही थी.....पर आज उसके सरीर के वेर्ताव ने उसे भी अहसास करा दिया था कि....वो इतनी जवान हो चुकी थी....कि उसकी चूत लंड के लिए बैचेन होने लगी थी.......
कंचन के हाथों का दबाव.....पायल ने अपनी चुचियो पर महसूस किया....उसकी फूली हुई चूत भी अपने उप्पेर दबाव महसूस कर रही थी......पायल की नींद टूट चुकी थी....पर अभी उसने आखें नही खोली थी......कंचन के हाथ कभी कभी पायल की चुचियो के निपल को छेड़ रही थी.....पायल सोच रही थी कि आज कंचन को कया हुवा...एसा तो उसने पहले कभी नही किया.....वे दोनो बरसों से साथ ही सोती थी....पर आज कंचन का बर्ताव पायल को कुछ अलग ही लग रहा था......उसने कांचेन को रोकने की चेस्टा नही की सायेद उसे कंचन का ये बर्ताव अच्छा लग रहा था.....कुछ ही देर मैं पायल ने भी अपनी चूत मैं गीलापेन महसूस किया.....कंचन के पैर का घुटना उसकी चूत की क्लिट को कभी कभी छू जाता था.....पायल भी आँखें बंद किए हुवे....कंचन के खेल का आनंद ले रही थी....तभी उसे लगा की उसकी बुर से कुछ निकल रहा है......एक खिचाव सा उसके सरीर मैं हुवा....अओर चूत मैं कुछ होने लगा....जैसे उसका टाय्लेट निकलने ही वाला है.....पर एक अजीब आनंद ने उसे रोके रखखा.....तभी उसे उसकी चूत से गरम..गरम पानी निकलता महसूस हुवा.......अओर आँखों पर एक दबाव सा आ गया......अओर अंजाने मैं उसके होंठो की थरथार्हत से उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्मुउउउउउईईईईए जैसी सिसकी निकल ही गयी........अओर कंचन ने अपना काम बंद कर पायल के चेहरे की अओर देखने लगी....पायल की आँखें अभी तक बंद थी.......
कंचन...धीरे से ...कया हुवा दीदी...????
पायल............................................. ..............????
कंचन...पायल दीदी...कया हुआ....???? आप ऐसा कियूं कर रही है....???
पायल...पायल ने आँखें खोली....अओर बड़े प्यार से कंचन को देखती हुई बोली....कया कर रही थी तुम एत्नि देर से .....???
कंचन...कुछ भी तो नही दीदी.....
पायल...अच्छा....तुम कुछ नही कर रही थी...???
कंचन...डरते हुवे....दीदी कुछ नही सोते हुवे कही हाथ लग गया होगा.....
पायल...मुस्कुराते हुवे...अच्छा..सोते हुवे...ये सब हो रहा था..???
कंचन...कया हो रहा था दीदी..????
पायल...तुम्हे नही मालूम...कि कया हो रहा था...???
कंचन...नही दीदी मैं तो सो रही थी....आपकी आवाज़ सुन कर आँखें खुल गयी.....
पायल...अच्छा ठीक है....मम्मी को बताओँगी की कंचन.....????
कंचन....नही दीदी....प्लीज़....मम्मी को कुछ मत बताना.....???
पायल....तो बताओ कया कर रही थी....???
कांचें...कुछ नही दीदी....बस आपकी चुचियाँ अच्छी लगी....इन पर हाथ फेर रही थी......
पायल...अओर पैर का घुटना...कहाँ घुमा रही थी.....????
कांचें...दीदी...आपकी.....आपकी...वो....???
पायल...हां बोलो...नही तो मम्मी....
कांचें...प्लीज़ दीदी....आपकी चूत पर....मुझे जाने कियूं अच्छा लग रहा था....
पायल...कंचन सच सच बताओ कया बात है...नही तो मैं ये सब मम्मी को ज़रूर......????
कंचन...पायल को बीच मैं ही रोक कर, प्लीज़ दीदी...मम्मी को कुछ मत बताना.....मैं सब सच सच बता देती हूँ.....
पायल...अच्छा बताओ......???
कंचन...दीदी मैं टाय्लेट के लिए उठी तो शास भाय्या का वो.......???? दीदी प्लीज़ आगे मत पूछो...मुझे शरम आती है.....
पायल...अब बताओ भी..कंचन....मैं तुम्हें कुछ नही कहूँगी....
कंचन...दीदी ज़रा शास भाय्या का वो देखो....कंचन ने सोते हुवे शास की अओर एशारा किया...मगर अब तक...शास करवेट ले चुक्का था....अओर कुछ भी नज़र नही आ रहा था.....????
पायल...कया है शास भैया का....वो तो सो रहा है....???
कांचें...नही दीदी जब मैं उठी थी....तो....उनका वो....????
पायल...कया कंचन उनका वो...उनका वो कर रही है...बता ना....कया था...??? वो तो बेख़बेर सो रहा है...???
कंचन...दीदी शास भाय्या का वो...मेरा मतलब है....दीदी मुझे शरम आती है.....अब रहने भी दो...???
पायल...अच्छा अभी मेरी चुचिया अच्छी लग रही थी...अओर मेरी चूत भी अच्छी लग रही थी......अओर शास भाय्या का कया देखा ये बताते हुवे शरम आ रही है.....अब जल्दी से बता....शास भाय्या कया कर रहे थे....???
कंचन...दीदी...??? कंचन ने मूह पायल की बेगल मैं छुपा लिया....दीदी जब मैं टाय्लेट गयी तो शास भाय्या सो रहे थे अओर उनका लंड बॅमबू बना हुवा था.....
पायल...पगली...तो एसे कया होता है....सोते सोते हो गया होगा.....
कंचन...नही दीदी बहुत बड़ा बॅमबू था...आप देखती तो....????
पायल...मैं देखती तो कया उसके कपड़े उतार फैक्ति...???
कंचन..हो सकता है दीदी...????
पायल...अच्छा...???????????
फिर दोनो धीरे से हंस पड़ी....अओर एक दूसरे की आँखों मैं देखकर....फिर से मुस्कुरा दी....
मन ही मन तो मुस्कान भी दुबारा चुदाई चाह रही थी....उसकी छूट की खुजली भी अभी तक पूरी तरह से नही मिटी थी.....चुदाई का जीयादा समय तो दर्द सहने मैं ही गुजर गया था.........वह मन ही मन चाह रही थी की शास अपना तना हुवा ये लंड एक ही झटके मैं उसकी चूत मैं डाल कर चोद दे....पर शर्म- हया के कारण वह कुछ नही कह पा रही थी....दोस्तो .ये भी अजीब दास्तान है चूत की जब तक चुदी नही थी....तब तक उसे लंड की एच्छा कभी नही हुई....अओर अब चुद चुकी तो लॅंड खाने की एच्छा अओर बढ़ गई......मगर मुस्कान अपने पर काबू रखते हुए बोली .......
मुस्कान...शास अब रहने दो....कोई आ गया तो वास्तव मैं गड़बड़ हो जाएगी....
शास. ओ भी समझा रहा हूँ पर ये तो अभी भी नही मान रहा है....एस्को कैसे सम्झाउ....????
मुस्कान...ये कया कह रहा है.....???
शास ...तुम्हारी चूत का पानी एक बार अओर पीना चाहता है.....
मुस्कान...इसे मेरी चूत का पानी इतना पसंद आ गया कया...???
शास...तभी तो झटके खा रहा है......
एन सब बातों के साथ साथ शास के हाथ अओर मूह अपना काम भी कर रहे थे.....उसके हाथ मुस्कान की चुचियाँ मसल रहे थे अओर उसका मूह उसके होंठ अओर चुचियाँ बारी बारी से पी रहे थे......मुस्कान की चूत भी लगातार पानी छोड़ रही थी.....अओर उसके दरवाजे जल्दी-जल्दी खुल व बंद हो रहे थे......
मुस्कान...शास प्लीज़ अब रहने दो...देखो कितनी देर हो गयी....अब सब लोग आने वाले होंगे....???
शास...अच्छा मुस्कान एक काम करते है...जैसे दारू पीने वालों के लिए , पटियाला पेग, मीडियम पेग, अओर स्माल पेग होता है, जैसे बोतल, अध्धा, अओर क्वॉर्टर होता है, वैसे ही इस बेचारे को बस एक स्माल पेग पीला देते है......???
मुस्कान...मुस्कान जानती थी...कि अब शास उसे दुबारा चोदने की पूरी तय्यारी कर चुक्का है...अओर वह भी तो पूरी तरह से तय्यार हो चुकी थी.....पर फिर भी मुस्कुराते हुवे बोली.....ठीक है जल्दी से स्माल पेग से ही काम चला लो.....उसकी चूत मैं भी तो सुरसूराहट मची हुई थी.....वह भी कहाँ शास को छोड़ना चाहती थी.....मगर हाई रे समय...अगर ये समय यहीं रुक जाता तो कितना अच्छा होता....मगर मजबूरी ये सब उनके हाथ मैं नही था...........
शास...तो एंतजार कर रहा था....उसने तो पूरी तय्यारी कर ली थी...उसका लंड भी मुस्कान की चूत को लगातार छू रहा था...अओर अंदर जाने के लिए झटके खा रहा था.....मुस्कान की चूत भी दरवाजा खोलकर खड़ी थी....अओर उसे अंदर आने के लिए कह रही थी.....पानी पीने अओर पीलाने के लिए.....
शास अओर मुस्कान दोनो ही चाह रहे थे....उनकी गरम साँसें उनके सरीर मैं बहते खून की रफ़्तार तेज हो चुकी थी....उनकी धड़कने बढ़े चुकी थी.....मुस्कान की चूत के मूह को छूता हुवा शास के लंड का सूपड़ा....हल्के से दबाव का एंतजार कर रहा था......दोनो शरीरो की आग भड़क चुकी थी.....रूम मैं वही सिसकारियाँ...कामुक महॉल....थर-थराते होंठ .....
शास...मुस्कान की बोझिल आँखों मैं झाँकते हुवे....कया तय्यार हो...????
मुस्कान...?????????????????????????
शास...मुस्कान बोलो ना...तय्यार हो कि नही...???
मुस्कान...कया सभी कुछ मूह से ही कहा जाएगा कया???....तुम्हे तो शर्मा आती नही...???? मुस्कान ने आँखें बंद कर ली थी........मुझे भी बेशर्म बनाकर ही छोड़ोगे......शादी भयया- भाभी की है अओर सुहाग-रात मनाने मैं तुम लगे हो................कया पूरी रात ही????????????????
शास ने अपने लंड का सूपड़ा...मुस्कान की चूत पर ठीक से अड्जस्ट किया.....मुस्कान के सरीर मैं सिहरन सी दौड़ गई.....उसकी चूत ने मूह खोल लिया था...जैसे वो जन्मो की पयासी हो...अओर एंतजार था....शास के लंड का अंदर घुसने का......
शास...हैं मुस्कान अगर तुम कहो तो मैं तुम्हे पूरी रात ही चोदना चाहता हूँ.....
मुस्कान...सारी रात को छोड़ो....अब जो करना है...जल्दी से कर लो.....???
शास...जो होकम जाने जा....ए ये लो....अओर शास ने एक जूरदार धड़क्का लगा दिया....
मुस्कान की चीख निकल गयी.....पर शास का पूरा लंड मुस्कान की चूत मैं समा चुक्का था.....आआआआआआआआहह आआआआआआआईईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईई
मुस्कान...शास कया मार ही डालोगे...????
शास...कियूं कया हुवा....??? अब तो पूरा रास्ता खुला हुवा था........
मुस्कान...पर तुम्हारा लंड तो मानो अओर मोटा हो गया है.....आआआआआअहह.
शास अओर मुस्कान की ये चुदाई लगभग 24-30 मिनिट्स तक चली....कामुक आवाजो अओर सिसकारियो के बीच दोनो पानी छोड़कर शांत हो गये......अओर एक दूसरे की बाहों मैं लेयटे रहे..................
कुछ देर के बाद मुस्कान ने शास को बाहर भेज दिया कहीं कोई आ ने जाए....अओर स्वयं गद्दे पर फ्रेश होकर लेट गयी....मुस्कान आज बहुत खुस थी....उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे.....उसकी चूत कुछ सूज गयी थी अओर दुख भी रही थी...फिर भी मुस्कान खुस थी....अओर ने जाने कब मुस्कान को नींद आ गयी...............................
शास...मुस्कान के कमरे से धीरे से निकल कर सीधा घर गया, अओर सीमा दीदी जो अब फेरों (मनडेप) मैं बैठ चुकी थी ....की नज़रों से खुद को बचाता हुवा...उपेर के रूम मैं चला गया...अओर बेड पेर लेट गया.....मुस्कान के बारे मैं सोच्चते हुवे ने जाने कब शास को भी नींद आ गयी.........
जब शास की आँखें खुली तो मॉर्निंग के 4 बज चुके थे अओर सीमा दीदी उसे जगा रही थी....
शास ने आँखें खोल कर देखा तो सामने सीमा दीदी खड़ी थी....शास जल्दी से उठ बैठा....
शास...कया हुवा दीदी...????
सीमा...तुम कहाँ थे शास...???? मैं तुम्हें कब से ढूँढ रही थी...???
शास...मैं तो यही था दीदी....उपेर आया अओर लेट गया तो नींद आ गयी...........
सीमा...अओर मुस्कान कहाँ है..???
शास...मुझे कया मालूम दीदी....??? मैं तो आपके पास से आकर लेट गया था...उसके बाद मुझे कुछ नही पता.......
सीमा...तुमने बहुत बड़ी ग़लती की शास....??? तुम्हे तो मुस्कान को भी चोदना चाहिए था....
शास...मगर कियूं दीदी...???
सीमा...बस ये समझ लो की ये मेरी एच्छा थी.....तुम दुबारा मुझे नज़र ही नही आए.....???
शास...दीदी रात भर तो आप के साथ रहा अओर उसके बाद पूजा जी आ गयी...एसलिए थकान से नींद आ गयी थी......
सीमा... वो तो ठीक है...पर मुझे बता तो देते की मैं उप्पेर जा रहा हूँ....मैं तुम्हें किशी के द्वारा बुलवा लेती.....????
शास...मैने समझा कि मैं मुस्कान को टाय्लेट ले गया था एसलिए आप मुझसे नाराज़ है एसीलिए मैं सीधा यहीं चला आया था......
सीमा का चेहरा अभी भी उदास था....उसके मन मैं कया चल रहा है...ये अंदाज़ा लगाने की शास कोशिस कर रहा था.....शायद सीमा के सोचेने का केंद्र अभी मुस्कान ही थी.....
सीमा परेशान थी कि एक अच्छा मौका उसके हाथ से निकल गया है.....अगर आज कहीं शास ने मुस्कान को चोद दिया होता तो......?????? बाजी उसके हाथ मैं होती......अओर वह ससुराल मैं मुस्कान को अपने मर्ज़ी से नचा सकती थी.......मगर अब सब हाथ से निकल चुक्का है.....
सीमा...नही शास मैं तुमसे नाराज़ कियों होती...???? मैने ही तो तुम्हे मुस्कान के साथ टाय्लेट करने के लिए भेजा था.....हां...मैं एसलिए ज़रूर तुमसे नाराज़ हूं की तुमने मुस्कान को चोदने का एक अच्छा मौका खो दिया........
शास...तो कया हुवा दीदी....??? कया मुस्कान को चोदना ज़रूरी था....????
सीमा...हा शास मुस्कान तो चुदना ज़रूरी था.....कया तुम मेरी ये छोटी सी एच्छा भी पूरी नही कर सकते थे....????
शास...मैं कया करता दीदी...??? कया मुस्कान को ज़बरदस्ती चोद देता...???? टाय्लेट जाते-आते हुवे उसने तो कोई बात नही की...????
सीमा...ठीक है उसने कोई बात नही की.....पर तुम्हें तो करनी चाहिए थी.....अओर मैं ये जानती हूँ की वो तुमसे चुदना चाहती थी...जब तुम दोनो टाय्लेट से आए....तुम्हारा ये लंड क्यों खड़ा था....अओर उसका चेहरा कियूं लाल था.....???? मैं जानती हूँ शास तुम भी उसे चोदना चाहते थे अओर वह भी तुमसे चुदना चाहती थी....पर तुम्हारी एक छोटी सी भूल ने सारा काम खराब कर दिया........तुम्हे वहाँ से नही जाना चाहिए था......
शास...हां दीदी मैं तो उसे चोदना चाहता था...पर तुमसे डर लगता था.....कही आप नाराज़ ना हो जाए...आपकी एक्लोति ननद जो थी मुस्कान...??? अओर फिर.आपने भी तो मुझे कोई एशारा नही किया जिससे मैं समझ पाता.....कि मुस्कान को चोदना है....???? पर दीदी मुस्कान के बारे मैं हम कैसे कह सकते है कि वो भी चुदना चाहती थी.....????
सीमा...मैने उसके चेहरे को देखकर ये जान लिया था...आख़िर मैं भी एक लड़की हूँ...??? अओर फिर तुम्हारे जाने के बाद वह काफ़ी उदास थी अओर तुम्हारे बारे मैं ही सोच रही थी......उसने कई बार तुम्हारे बारे मैं बात भी की....उसकी आँखें लगातार तुम्हें ही ढूँढ रही थी....ये मैं जान चुकी थी.....पर तुमने वहाँ से जाकर बड़ी ग़लती की....अओर फिर लौट कर भी नही आए.....एसे भी मैं अनुमान लगा सकती हूँ....कि वो भी तुम्हारे लिए परेशान थी....????
शास...सॉरी दीदी...पर अब मैं कया कर सकता हूँ....???????????
सीमा...कोई बात नही..शास....मैं ही देखती हूँ.....अगर अब मौका मिले तो चूक मत जाना ....अओर हा.....उसे चोद्कर मुझे बताना मत भूलना....मैं अब जाती हूँ नीचे सब मेरा एंतजार कर रहे होंगे....बिदाई का समय हो चुक्का है शास जब तक मैं ससुराल से लौटकर ना आउ तुम यही पर रहना.....मैं फोन कर दूँगी यहाँ पर पूजा तुम्हारा ध्यान रख्खेगि........???? कह कर सीमा जल्दी से रूम से निकल गयी............................
अओर शास सोच रहा था की ....जिस मुस्कान को चुदवाने के लिए दीदी एत्नि परेशान है.... उनके चेहरे की रोनक गायब है.....वो तो बेचारी चुद भी चुकी है....ये शास भी तो मज़े लूट चुक्का है....पर दीदी सायेद अब इस संबंध मैं तुम्हारी तमन्ना पूरी हो या नही...ये कह नही सकता हूँ......तभी शास के दिमाग़ (मन) मैं बिजली सी कोंध गयी....????
शास उठो चलो एक बार अओर मुस्कान को सावधान कर दो....सीमा दीदी से वो सावधान रहे.....पता नही कब-कहाँ उस बेचारी मुस्कान को दीदी फँसा दे...???? उसे बता दे शास कि वो सीमा दीदी से बचकर ही रहे.........अओर शास तुरंत उठा अपुर कपड़े पहन कर रूम से बाहर निकल गया.......वह जानता था की मुस्कान के पैर की चोट अभी ठीक नही हुवी है.....अओर वह जनवासे के सिवाय अओर कही नही जा सकती है....एसलिए शास के कदम जनवासे की तरफ मूड गये......
शास ने जनवासे मैं आकर देखा....काफ़ी भीड़-भाड़ हो रही थी....सभी बिदाई की तय्यारी मैं लगे थे......अपना अपना समान एकट्ठा कर रहे थे.....कुछ लड़के दूल्हे के साथ घर की अओर किशी आखरी रस्म को पूरी करने के लिए जा रहे थे.....शास एधर उधर देखता हुवा सीधे उसी रूम मैं चला गया जिस मैं मुस्कान थी....उसके पास कुछ लड़कियाँ बैठी थी..........फिर भी शास उसके पास चला गया....
शास....अब कैसी हो मुस्कान जी.....????
मुस्कान...ओह! शास तुम....??? अब पहले से ठीक है...दर्द भी कम है....मुस्कान ने अपनी सहेलियों की अओर मूह करके सभी लड़कियूं को बताया की ये शास....सीमा भाभी की बुआ जी के लड़के है......अओर शास ये मेरी फ्रेंड्स है......सभी लड़कियो ने शास की अओर मुस्कुरकर देखा.....शास ने हाथ जोड़ दिए......मुस्कान ने आगे बताया जब कल मेरे चोट लग गयी थी तो शास ने मेरी एधर उधर जाने मैं काफ़ी मदद की....
मुस्कान...बैठो शास...
शास...जी....अओर शास वही पर बैठ गया....आप लोगो ने चलने की तय्यारी कर ली...???
मुस्कान...जाना तो है ही....
एक लड़की...कहो तो मुस्कान को यही छ्चोड़ दे...??? इस पर साभी बाकी लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी...अओर शास झेप गया.....उसने मूह नीचे करके कहा...मेरा ये मतलब नही था....
दूसरी...तो कया मतलब था आपका शास जी...????
शास...जी वो......???? अचानक हुवे इस हमले का कोई उत्तर नही सोच पा रहा था.....फिर धीरे से बोला जी मेरा मतलब था की रात हुई उस घटना के कारण आपलोग शादी को एंजाय नही कर पाए....इसका हमे दुख है.....
मुस्कान...ये सीधा सादा शास...कियूं इसका मज़ाक बनाना चाहती हो....???
लड़कियाँ...अच्छा जी सीधा-साधा शास.....ओह!!!! अब पता चला हमे..........अओर सभी खिल-खिला कर हंस पड़ी मुस्कान अओर शास दोनो ही शर्मा गये....कहते है जहाँ गहर होती है पानी वही भरता है.... शास अओर मुस्कान को लगा जैसे उनकी चोरी पकड़ी गयी हो....एसलिए मुस्कान ने झल्लाकर लड़कियो को डाँट दिया.....अच्छा चलो जाओ यहा से....
लड़कियाँ...हम तो मज़ाक कर रहे थे तुम तो बुरा मान गई....सॉरी यार....
शास...कोई बात नही...मुस्कान जी कया हुवा...करने दो ना एन्हे मज़ाक......इस पर फिर से सभी खिल-खिला कर हंस पड़े......मुस्कान शास से कुछ पर्सनल बात करना चाहती थी पर वो समझ नही पा रही थी कि के करे....याहि हाल तो शास का भी था...वह नही समझ नही पा रहा था कि मुस्कान को कैसे बताए कि सीमा दीदी से सावधान रहे....एशी कसमकास मैं दोनो...कुछ बोल ही नही पा रहे थे....पर जब लगान सच्ची होती है तो कोई ना कोई रास्ता निकल ही आता है.... तभी मुस्कान की मुम्मी ने आकर सभी लड़कियो से कहा....
मूमी...लड़कियूं चलो...दुल्हन की बेदाई के समय तो वहाँ पर रहो....फ़िजूल बाते बाद मैं कर लेना........बेटी मुस्कान कया तुम भी जाओगी...???
मुस्कान...नही मम्मी मैं नही जाओंगी...चलने मैं अभी परेसानी होती है......
मूमी...ठीक है तुम यहहीं बैठो...हम अभी आते है....ये लड़का कौन है...???
मुस्कान..ममी ये शास है....भाभी जी की बूवजि का लड़का...मेरी चोट के बारे मैं पूछने आया था.....
शास...मौसी जी नमेस्ते ....शास ने हाथ जोड़कर कहा....अओर उठने लगा.....
मूमी... जीते रहो... बैठो बेटा तुम यहीं मुस्कान के पास ये अकेली रह जाएगी ....हम सभी अभी आते है.......
अंधे को कया चाहिए दो आखें...शास अओर मुस्कान दोनो तो यही चाहते थे....जैसे ही मम्मी मुड़कर गई दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा अओर मुस्कुरा दिए......
मुस्कान...कैसे हो शास...???
शास...मैं अच्छा हूँ तुम अब कैसी हो....??? रात मैं जीयादा दिक्कत तो नही हुई...???
मुस्कान...मुस्कुरकर आँखों की बिजलियाँ शास पर गिरा दी अओर बोली... दिक्कत तो तुम दूर कर गये थे....उसके बाद तो हम आराम से सोए..........
शास...ने एधर-उधर देखा अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए..........कहो तो एक बार अओर दिककात को दूर कर दे..????
मुस्कान...बड़े बेशरम हो मौका मिलते ही..........???? वास्तव मैं दिक्कत दूर करनी है तो हमारे घर आना......मुस्कान ने शास को खुला निमंत्रण दे दिया....????
शास...जानती हो वहाँ दीदी होंगी....???
मुस्कान...तो कया हुवा....????
शास...यही तो बताने आया था...की ज़रा दीदी से सावधान रहना.....उन्हे कोई भी आपनी राज की बात मत बताना.....वेर्ना वे आपको हमेशा ब्लॅकमेल करती रहेगी.....???
मुस्कान...तुम्हें कैसे पता...???
शास...मुझ पर विस्वास है...???
मुस्कान...अपने से जीयादा हो गया है...
शास...तो फिर मेरी बात का धयान रखना...दीदी तुम्हारी किशी भी कमज़ोरी का फायेदा उठाने के लिए हर पर्यत्न करेंगी....बस तुम सावधान रहना.....उन्है कोई भी आपनी बात मत बताना....अओर मेरे बारे मैं उनसे कम ही बात करना....
मुस्कान...कया कह रहे हो शास....भाभी भला एसा कियूं करेंगी....????
शास...तुम कितने भोली हो मुस्कान....तुम नही जानती....वो तुम्हे बस मैं रखने के लिए तुम्हे किशी से भी चुदवा सकती है.....अगर तूने अब भी मेरी बात नही मानी तो बाद मैं पछताॉगी........
मुस्कान...ठीक है शास....मैने तुम्हारी बात मान ली....मैं हमेशा एस बात का ध्यान रकखूँगी कि मेरी हर बात उनसे राज़ ही रहे....
शास...थॅंक्स मुस्कान...अब मैं चलता हूँ....कभी फिर मुलाकात होगी......
मुस्कान...खाली ही चले जाओगे...???
शास...नही तुम्हाई यादें...अओर प्यार है मेरे साथ....अओर एक बार अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए....मुस्कान ने भी शास के होंठ चूमकर....ये हमेशा याद रखना....अओर जब भी मेरी याद आए तो हमारे घर चले आना....एसके बाद शास मुस्कान के रूम से बाहर निकल गया.........................
शास जब घर पहुँचा तो बिदाई की सभी तय्यारिया हो चुकी थी.....सीमा दीदी दुल्हन के लिबास मैं लिपटी हुई थी.....ना जाने सीमा ने शास को कैसे देखा लिया...सायेद उसकी आँखें शास को ढूँढ रही हो....सीमा दीदी की एक फ्रेंड शास के पास आकर बोली ....शास तुम्हें सीमा बुला रही हैं....शास सीमा दीदी के पास चला गया.....आपने बुलाया दीदी..???
सीमा...हां शास....कल से देख रही हूँ...तुम मेरे पास कम ही आते हो...कया बात है....???? कहाँ रहते हो...????
शास...नही दीदी ऐसी तो कोई बात नही...बस भीड़-भाड़ मैं सायेद....मैं आपको नज़र ना आता हूँ......मैं तो आपके आसपास ही रहता हूँ.....
सीमा...नही शास....ये बात नही है...मुझे तुम्हारे मैं कुछ बदलाव सा नज़र आ रहा है.....जब से तुम मुस्कान से मिले हो...मुझ से कुछ दूर-दूर रहने लगे...कया ये झूठ है....???
शास....नही दीदी एसा नही है...मैं खुद ही आपको मिस कर रहा हूँ...आप तो भीड़-भाड़ मैं रहती है मैं कुछ मन की बात भी नही कर पाता हूँ....फिर आपको तो जीजाजी का लंड रात मैं मिल जाएगा...लकिन मेरा लंड तो आपने भी प्यासा छोड़ दिया था......बस मैं प्यासा ही एधर उधर घूमता रहता हूँ.....
सीमा...सीमा के चेहरे पेर लालिमा दौड़ गयी...आँखें कुछ पल के लिए झुक गयी...फिर आँखें उठा कर शास की अओर देखा....मुझे बहुत मिस करते हो....???
शास...जी दीदी..............
सीमा...बस दो दिन की ही तो बात है.....उसके बाद तो मैं लौट अवँगी...तुम जिभरकर प्यास बुझा लेना....अओर मुस्कुरा दी......
तभी सीमा के पास बहुत सी लॅडीस आ गयी अओर उनकी बाते बंद हो गयी.....बाहर दुल्हन के लिए गाड़ी सजकर तय्यार खड़ी थी....सभी वहाँ पर अब दुल्हन के आने का एंतजार कर रहे थे....कुछ लड़कियो ने सीमा को पकड़कर उठाया अओर गाड़ी की अओर लेकर चलने लगी....अब सुरू हुवा...रोने-धोने का सिलसिला.....एक दूसरे के गले लगकर सीमा दीदी भी घुघंट मैं रो रही थी....सभी ओरतो (लॅडीस) की आँखें भी गीली हो गयी थी....अओर सीमा को एक दुल्हन की ही तरह सजी हुई गाड़ी मैं बिठा दिया गया....ढेरो आशीर्वाद दूल्हा-दूल्हें के लिए सभी सगे-संबंदियों ने दिए.....फिर दूल्हा भी सीमा की बगल मैं बैठ गया....अओर गाड़ी चल दी......कुछ दूर जाकर गाड़ी रुकी...कुछ बड़े-बाजुर्गो मैं गुफ्तगू हुई...अओर फिर गाड़ी चल दी.....अओर सीमा दीदी बाबुल का घर छोड़ कर चली गयी....ससुराल.....
उसके बाद सभी लौट आए अओर दूसरे कार्यो मैं लग गये.....कुछ मेहमान अपने घर जाने की तय्यारी मैं जुट गये.....दोपेहर होते-होते घर मैं सन्नाटा छा गया था....मेहमान जा चुके थे...अओर घर के लोग....खाना खाकर सोने चले गये थे रात भर के जागे हुवे जो थे.....अब वहाँ पर चालपेहल सब ख़तम हो चुकी थी....रह गया था एक सामान्य सा घर......जहाँ पर कुछ खास घर के मेहमान ही बचे थे...शास जब से आया था....पहले सीमा दीदी अओर बाद मैं मुस्कान से ही जुड़ा रहा उसे मालूम ही नही चला की शादी मैं कॉन-कोन खास मेहमान आए थे....यहाँ तक की वह अपनी मौसी अओर उनकी दो बेटियों अओर एक बेटे से भी नही मिल पाया था....हा शादी मैं देखा ज़रूर था.....हाई-हेलो भी हुई थी......पर उनके लिए समय उस समय नही था शास के पास......
शास की मालती मौससी की दो बेटियाँ.....कंचन अओर पायल सेकेंडरी अओर सीनियर सेकेंडरी की स्टूडेंट थी थी बेटा....अभी छोटा था....जो 4र्थ या 5थ का ही स्टूडेंट था......बच्चे मौससी की ही तरह सुंदर थे.......शास भी उप्पेर के रूम मैं गया जहाँ से उसकी सीमा दीदी अओर पूजा की यादें जुड़ी थी.....उसने देखा.....कि वहाँ शास की मम्मी, मौससी अओर उनके तीनो बच्चे सो रहे थे.......दोनो बेड फुल थे.....शास ने एक चटाई उठाई अओर एक तरफ डालकर वहीं पर लेट गया.....कुछ ही देर मैं उसे भी नींद आ गयी...... नींद आते ही शास के ख़यालों मैं.....मस्त मुस्कान चली आई...अओर उसकी सुगंधित टाइट गुलाबी चूत.......उसके गोल-गोल सॉलिड बूब्स.....शास को नींद मैं भी लुभाने लगे....शास के सरीर मैं......सुरसूरहट सी होने लगी......अओर उसका लंड पेंट मैं ही बॅमबू बन गया....जो पेंट की चेन को तोडने का पारियास कर रहा था....अओर शास नींद मैं भी मस्त मुस्कान के सरीर से खेलता रहा.....अओर उसका लंड झटके ख़ाता रहा........
शाम के लगभत 4 बजे थे कि कंचन टाय्लेट के लिए उठी...अओर बाथरूम की तरफ जाते हुवे उसकी नज़र शास पर पड़ी जो फर्श पर चटाई बिछा कर सो रहा था.....पर जैसे ही उसकी नज़र शास के बॅमबू बने लंड पर पड़ी तो कंचन के सरीर मैं ल़हेर सी दौड़ गयी...शरम से उसका चेहरा लाल हो गया.....अओर वह तुरंत ही बाथरूम मैं चली गयी.....बाथरूम मैं जाकर कंचन ने अपना चेहरा मिरर मैं देखा.....उसकी गालो पर शुर्खी बता रही थी....कि उसे उस चीज़ का अहसास होने लगा था....जो योवेन आने के बाद होता है....कई बार स्कूल जाते हुवे लोकल बस मैं.....कई लंड उसकी गांद को रगड़ चुके थे.....अओर उस समय उसने चूत मैं गीलापन महसूस किया था.....मगर आज का अहसास कुछ अलग ही था....उसके सरीर की शिहरन...उसकी चूत का गीलापन कुछ अओर ही संकेत दे रहे थे......कंचन ने शीशे के सामने ही अपना ट्रोवजेर अओर पॅंटी नीचे खिसकाई.....अओर अपनी कोरी....मुलायम बालों वाली चूत को देखकर खुद ही शर्मा गयी.....अओर अनायास ही उसका एक हाथ उसकी चूत पर घूमने लगा था....उसकी बुर अओर गीली हो चली थी......एक लंड के अहसास ने उसकी बुर मैं हल्की हल्की खुजली कर दी थी.....की उसकी एक उंगली बुर के छेद पर हरकत करने लगी.....मदहोश होती कंचन.....क्लिट को छूकर छेद पर रखी उंगली.....उसकी उत्तेजना अनायास ही बढ़ गयी थी....अओर उंगली बुर के छेद मैं धीरे धीरे अंदर बाहर होने लगी थी....जिंदगी का पहला हस्त-मेथुन......बुर से बहता पानी.......एक अजीब अनुभव.....पूरे सरीर मैं अजीब सी एइन्ठन.....कंचन की उंगली की अचानक स्पीड बढ़ गयी....शुर्ख होता चूत का गुलबीपन.....फिर अचानक कंचन की नज़रे शीशे (मिरर) पर पड़ी तो वो अओर शर्मा गयी....उसकी चूत से गरम गरम लिसलिषा पानी उसकी उंगली को गीला कर चुक्का था.....कंचन ने अपने आप को बड़ी मुस्किल से रोका.....अओर टाय्लेट शीट पर बैठ कर अपनी बुर को ठंडे ठंडे पानी से धोया.....अओर टाय्लेट करके उठी....अपने चेहरे को भी धोया.....तब जाकर कुछ नर्माल महसूस किया.....अओर बाथरूम से बाहर निकल आई.....टवल से चेहरा सॉफ कर वह जाकर फिर से पायल दीदी के पास लेट गयी.....अभी भी बार बार उसकी निगाहें शास के बॅमबू बने लंड की अओर घूम जाती थी......फिर कंचन ने अपना एक पैर पायल दीदी के उप्पेर रख कर उधेर करवेट ले ली......मगर उसके जेहन मैं शास का लंड नाच रहा था......अओर उसका एक हाथ पायल की भारी –भारी गोल-मटोल टाइट चुचि पर आकर अपना हल्का मगर लगातार दबाव बढ़ा रहा था....अओर उसका घुटना पायल की जांघों के बीच एक गुदगुदी उभार को महसूस कर रहा था.........
कंचन एक बड़ी ही सुन्दर लड़की थी, उसकी लंबाई लगभग 5.5 इक-हरे शरीर की मलिक, बड़ी-बड़ी आँखें गुलाबी सुर्ख होत किशी को भी अपनी अओर आकृषित कर लेते थे.....उसके रूप-रंग के कई दीवानो ने उसके एर्दगिर्द मंडराना सुरू कर दिया था....पर कंचन ने आज तक किशी भी लड़के को भाव नही दिया था......वेशे तो स्कूल की कयि सहेलिया थी.....पर उसकी अपनी बड़ी बेहन पायल से ही जीयादा पट ती थी....दोनो साथ साथ स्कूल जाती-आती थी.....रास्ते मैं कई बार कुछ लड़को ने उन पर डोर डालने का पारियास किया.....पर उन्होने कभी किशी लड़के को महत्व नही दिया......एस्की एक वेजह पायल थी....पायल बड़ी ही सोमय लड़की थी....उसकी हाइट भी अच्छी थी....गोरा साफ सुथरा सरीर....नक्श बड़े ही लुभावने थे......पर उनकी मम्मी मालती जो उन्हे शिक्षा देती थी......पायल उसका ही अनुसरण करती थी.....एसीलिए आज तक वे दोनो बहने एस दुनिया की चमक-दमक से दूर ही रहती थी.....वैसे पायल का योवेन पूरे शबाब पर था....उसकी चुचियाँ काफ़ी भारी पर सॉलिड थी....चुचियो पर छोटी-छोटे ब्राउन निप्पेल्स उनकी सोभा मैं चार चाँद लगाते थे....उसके चूतड़ भी कंचन से कुछ भारी थे,,,पर कमर दोनो की ही पतली थी....पायल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी....अओर कंचन जवानी की दहलीज पर कदम रख रही थी.....पर आज उसके सरीर के वेर्ताव ने उसे भी अहसास करा दिया था कि....वो इतनी जवान हो चुकी थी....कि उसकी चूत लंड के लिए बैचेन होने लगी थी.......
कंचन के हाथों का दबाव.....पायल ने अपनी चुचियो पर महसूस किया....उसकी फूली हुई चूत भी अपने उप्पेर दबाव महसूस कर रही थी......पायल की नींद टूट चुकी थी....पर अभी उसने आखें नही खोली थी......कंचन के हाथ कभी कभी पायल की चुचियो के निपल को छेड़ रही थी.....पायल सोच रही थी कि आज कंचन को कया हुवा...एसा तो उसने पहले कभी नही किया.....वे दोनो बरसों से साथ ही सोती थी....पर आज कंचन का बर्ताव पायल को कुछ अलग ही लग रहा था......उसने कांचेन को रोकने की चेस्टा नही की सायेद उसे कंचन का ये बर्ताव अच्छा लग रहा था.....कुछ ही देर मैं पायल ने भी अपनी चूत मैं गीलापेन महसूस किया.....कंचन के पैर का घुटना उसकी चूत की क्लिट को कभी कभी छू जाता था.....पायल भी आँखें बंद किए हुवे....कंचन के खेल का आनंद ले रही थी....तभी उसे लगा की उसकी बुर से कुछ निकल रहा है......एक खिचाव सा उसके सरीर मैं हुवा....अओर चूत मैं कुछ होने लगा....जैसे उसका टाय्लेट निकलने ही वाला है.....पर एक अजीब आनंद ने उसे रोके रखखा.....तभी उसे उसकी चूत से गरम..गरम पानी निकलता महसूस हुवा.......अओर आँखों पर एक दबाव सा आ गया......अओर अंजाने मैं उसके होंठो की थरथार्हत से उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्मुउउउउउईईईईए जैसी सिसकी निकल ही गयी........अओर कंचन ने अपना काम बंद कर पायल के चेहरे की अओर देखने लगी....पायल की आँखें अभी तक बंद थी.......
कंचन...धीरे से ...कया हुवा दीदी...????
पायल............................................. ..............????
कंचन...पायल दीदी...कया हुआ....???? आप ऐसा कियूं कर रही है....???
पायल...पायल ने आँखें खोली....अओर बड़े प्यार से कंचन को देखती हुई बोली....कया कर रही थी तुम एत्नि देर से .....???
कंचन...कुछ भी तो नही दीदी.....
पायल...अच्छा....तुम कुछ नही कर रही थी...???
कंचन...डरते हुवे....दीदी कुछ नही सोते हुवे कही हाथ लग गया होगा.....
पायल...मुस्कुराते हुवे...अच्छा..सोते हुवे...ये सब हो रहा था..???
कंचन...कया हो रहा था दीदी..????
पायल...तुम्हे नही मालूम...कि कया हो रहा था...???
कंचन...नही दीदी मैं तो सो रही थी....आपकी आवाज़ सुन कर आँखें खुल गयी.....
पायल...अच्छा ठीक है....मम्मी को बताओँगी की कंचन.....????
कंचन....नही दीदी....प्लीज़....मम्मी को कुछ मत बताना.....???
पायल....तो बताओ कया कर रही थी....???
कांचें...कुछ नही दीदी....बस आपकी चुचियाँ अच्छी लगी....इन पर हाथ फेर रही थी......
पायल...अओर पैर का घुटना...कहाँ घुमा रही थी.....????
कांचें...दीदी...आपकी.....आपकी...वो....???
पायल...हां बोलो...नही तो मम्मी....
कांचें...प्लीज़ दीदी....आपकी चूत पर....मुझे जाने कियूं अच्छा लग रहा था....
पायल...कंचन सच सच बताओ कया बात है...नही तो मैं ये सब मम्मी को ज़रूर......????
कंचन...पायल को बीच मैं ही रोक कर, प्लीज़ दीदी...मम्मी को कुछ मत बताना.....मैं सब सच सच बता देती हूँ.....
पायल...अच्छा बताओ......???
कंचन...दीदी मैं टाय्लेट के लिए उठी तो शास भाय्या का वो.......???? दीदी प्लीज़ आगे मत पूछो...मुझे शरम आती है.....
पायल...अब बताओ भी..कंचन....मैं तुम्हें कुछ नही कहूँगी....
कंचन...दीदी ज़रा शास भाय्या का वो देखो....कंचन ने सोते हुवे शास की अओर एशारा किया...मगर अब तक...शास करवेट ले चुक्का था....अओर कुछ भी नज़र नही आ रहा था.....????
पायल...कया है शास भैया का....वो तो सो रहा है....???
कांचें...नही दीदी जब मैं उठी थी....तो....उनका वो....????
पायल...कया कंचन उनका वो...उनका वो कर रही है...बता ना....कया था...??? वो तो बेख़बेर सो रहा है...???
कंचन...दीदी शास भाय्या का वो...मेरा मतलब है....दीदी मुझे शरम आती है.....अब रहने भी दो...???
पायल...अच्छा अभी मेरी चुचिया अच्छी लग रही थी...अओर मेरी चूत भी अच्छी लग रही थी......अओर शास भाय्या का कया देखा ये बताते हुवे शरम आ रही है.....अब जल्दी से बता....शास भाय्या कया कर रहे थे....???
कंचन...दीदी...??? कंचन ने मूह पायल की बेगल मैं छुपा लिया....दीदी जब मैं टाय्लेट गयी तो शास भाय्या सो रहे थे अओर उनका लंड बॅमबू बना हुवा था.....
पायल...पगली...तो एसे कया होता है....सोते सोते हो गया होगा.....
कंचन...नही दीदी बहुत बड़ा बॅमबू था...आप देखती तो....????
पायल...मैं देखती तो कया उसके कपड़े उतार फैक्ति...???
कंचन..हो सकता है दीदी...????
पायल...अच्छा...???????????
फिर दोनो धीरे से हंस पड़ी....अओर एक दूसरे की आँखों मैं देखकर....फिर से मुस्कुरा दी....
Re: चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -१२
कंचन ने दूसरी तरफ देखा...शास अभी भी करवेट लेकर सोया था....अओर मम्मी वे मौससी भी साओई हुई थी.....ना जाने कियूं कंचन ने पायल को फिर बाँहो मैं भर लिया अओर उसकी गालों पर एक किस कर दिया.....
पायल...फिर कया हुवा कंचन...???
कंचन...कुछ नही दीदी आप बड़ी अच्छी लग रही है......
पायल...कया पहले अच्छी नही लगती थी....???
कंचन...नही दीदी ये बात नही है....हमने पहले कभी इस तरह से बात नही की थी......आज पहली बार तो मैने आपकी चुचियों को छुवा है....अओर दीदी आपकी बुर तो बड़ी ही गद्दे-दार लगी मुझे.....
पायल...आज कैसी-कैसी बाते कर रही हो....??? कया तुम शास को अभी तक नही भूली हो...???
कंचन....पता नही दीदी आज मुझे कया हो गया है....आपसे कुछ नही छुपौँगी....वेशे दीदी आप यकीन मानो शास बहिय्या का लंड बहुत ही बड़ा है....
पायल...कया तुमने देखा है....???
कंचन...आपको बताया ना दीदी....???
पायल...पर तुम्हे ये कैसे पता की शास भाय्या का बड़ा है....??? कया पता सभी के एसे ही होते हों....????
कंचन...नही दीदी...फिर कुछ रुक-कर...आप नाराज़ हो जाएँगी...???
पायल...नही कंचन तुम बताओ....मैं नाराज़ नही हूँगी....
कंचन...मैने एक बार पापा-मूमी अओर कई बार अंकल-आंटी को कुछ करते हुवे देखा है...यकीन मानो दीदी...उनके तो इतने बड़े नही थे.....
पायल...तुमने मम्मी-पापा अओर अंकल-आंटी को कया करते हुवे देखा है....???
कंचन...दीदी...???? ये भी कोई बताने की बात है...???
पायल...उत्तेजित होते हुवे...बता ना कंचन...??? कया देखा है...???
कंचन...यही दीदी कि.......पापा मम्मी के उप्पेर उनकी चुचिया चूस रहे थे....अओर मम्मी उनके लंड पर हाथ फिरा रही थी....फिर मम्मी ने पापा के लंड को अपनी बुर मैं ले लिया था....
पायल...अओर अंकल आंटी को...???
कंचन...एक दिन दोप-हर मैं जब मैं स्कूल से आई तो देखा अंकल आंटी की चूत को चाट रहे थे अओर आंटी....ऊवूऊवूयूवम्म जैसे कर रही थी....जैसे थोड़ी देर पहले आपने किया था....चाचा का लंड भी साफ नज़र आ रहा था...कई बार मैने चाचा को चाची को चोदते हुवे देखा है.....एक दिन चाची चाचा के लंड को चूस रही थी.......
पायल...कया....????
कंचन...हा दीदी.......
पायल... सच कंचन चाची चाचा का लंड चूस रही थी....???
कंचन...सच दीदी....मैने खुद इन आँखों से देखा है....अओर हा दीदी चाचा चाची की चूत भी तो चाट रहे थे.....
पायल...कंचन चाची को कैसा लगता होगा.....???? मुझे तो सोच कर ही अच्छा नही लग रहा है......
कंचन...अओर चाचा को चाची की चूत चाटने मैं कैसी लग रही होंगी....???
पायल...मुझे कया पता...मैने तो देखा भी नही है....हा एक बार मम्मी-पापा को तो देखा था.....पापा उछाल उछाल कर अपना लंड मम्मी की चूत मैं अंदर बाहर कर रहे थे अओर मम्मी भी चूतड़ उछाल रही थी.....बस दूर से ही देखा था........
एन्हि बातों को करते हुवे उन दोनो ने महसूस किया कि उन दोनो की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी....अओर पॅंटी भी गीली हो चुकी थी....
पायल...तुम्हें कैसा लग रहा है....???
कंचन...दीदी आज बड़ा मज़ा आ रहा है....बस पूछो मत...मुझे तो लगता है...मेरी पॅंटी गीली हो गयी है.....
पायल...सायेद मेरा भी यही हाल है.....
कंचन...एक बात कहूँ दीदी...बुरा तो नही मनोगी...???
पायल...पूछो ना ...मैं बुरा नही मानूँगी....
कंचन...दीदी मुझे एक बार अपनी चूत दिखा दो....मेरे घुटने को बड़ी ही गुदगुदी से लग रही थी......
पायल....नही कंचन अभी नही...मम्मी अओर मौस्सि दोनो यही पर है....जाग गयी तो...??? फिर तुम देखकर कया करोगी....???
कंचन..दीदी बस मन कर रहा है....
पायल...छोड़ो अब चलो सो जाओ मा-मौससी भी सो रही है.....
कंचन...अब नींद कहा आ रही है.....???
पायल...कोई बात नही...आँखें बंद करो अओर सो जाओ.....
अओर पायल अओर कंचन दोनो सोने की कोशिस करने लगी...पर नींद उनसे कोसो दूर थी.....आँखें बंद करके....वे कया के सोच रही थी...ये तो वे ही जाने....पर इतना ज़रूर था...कि आज कंचन ने पायल की चूत की अब तक सोई हुई आग को चिंगारी दिखा दी थी....अओर सायेद खुद भी उसी आग का शिकार हो चुकी थी.....
तभी उन्होने महसूस किया कि रूम मैं कोई हलचल हुई है....दोनो ने धीरे से आँखें खोलकर देखा तो शास उठाकर बाथरूम की तरफ जा रहा था उसका लंड अभी भी बॅमबू बना हुवा था....जो पेंट से बाहर निकलने की कोशिश मैं था.....पायल को शरम सी आ गयी....उसने आँखें बंद कर ली लकिन कंचन धीरे धीरे शास के लंड पर निगाहे जमाए रही.....फिर शास बाथरूम मैं घुस गया.....दरवाजा थोड़ा ज़ोर से बंद होने के कारण कंचन की मम्मी उठ गयी....अओर शास की मम्मी को उठाने लगी.....बेहन उठो लगता है काफ़ी देर हो चुकी है....चलो नीचे कई काम पड़े होंगे.....फिर शास की मम्मी भी उठ कर बैठ गयी....उन्होने देखा की कंचन अओर पायल अभी तक सोई हुई है....मालती ने कंचन को आवाज़ लगी....कंचन उठो अब रात मैं जल्दी सो लेना.....चलो नीचे चलते है....पायल अओर कंचन भी एसे उठी जैसे वे गहरी नींद मैं से उठी हो......तभी शास भी बाथरूम से निकल आया.....मालती अओर नैना(शास की मम्मी) ने उसे देखा....तुम कब आए शास....
शास...काफ़ी देर हो गयी मौससी.....यही चटाई पर सोया था.....
मालती...नीचे कयूं सोया था..??? मुझे जगा दिया होता....या फिर दीदी के पास लेट जाता....???
शास...कोई बात नही मौससी...नीचे भी अच्छी नींद आई...फिर मैं आपलोगो को डिस्टर्ब नही करना चाहता था......कंचन सोचने लगी...अगर शास उसके पास लेट जाता तो मज़ा ही आ जाता....सायेद पायल ने भी यही सोचा हो...???
फिर सभी नीचे चले गये....अओर अपने अपने काम मैं लग गये.....पर कंचन की नज़र तो शास पर ही थी.....वो बार बार शास को देखा लेती थी....अओर शास सोच रहा था कि अकेले मैं कैसे समय कटेगा...???? कल से पूजा भी तो लौट कर नही आई....सीमा दीदी ने कहा था की वो पूजा को फोन कर देंगी....पर सायेद उन्होने भी उसे फोन नही किया होगा.....या फिर समय नही मिला होगा...??? इसी उधेड़-बुन मैं शास एधर उधर टहल रहा था....फिर सोचने लगा कि मुस्कान भी अच्छी लड़की थी.....कुछ ही देर के मिलन ने मुस्कान को शास के दिल मैं बिठा दिया था.....कया कर रही होगी....मुस्कान..??? कया कर रही होंगी सीमा दीदी....??? कया कर रही होगी पूजा...??? एन्हि स्वालो मैं घिरा शास......
मालती...कया बात है शास बेटे...??? कया तबीयत ठीक नही है....???
शास...नही मौससी मैं ठीक हूँ....
मल्टी...फिर उदास सा कियूं है...??? .चेहरा भी उतरा सा नज़र आ रहा है...???
नैना...कुछ नही रात मैं सोया नही होगा...सायेद एसीलिए....
मल्टी...हा ये हो सकता है.....कोई बात नही शास रात मैं जल्दी खाना खाकर उप्पेर के रूम मैं जाकर जल्दी सो जाना वहाँ कोई डेस्ट्रूब नही करेगा....बाकी सभी लोग तो नीचे ही सो जाएगे.....मालती ने फ़ैसला सुना दिया....
शास...आप तो बेवेजह परेशान हो रही है मौससी....मैं ठीक हूँ.....
लकिन मालती भी कहाँ मानने वाली थी....बात को पकड़ कर ही बैठ गयी....शास एधर आओ मेरे पास....अओर जैसे ही शास उनके पास गया...मौससी ने शास का हाथ पकड़ कर नब्ज़ देखने लगी....फिर ज़ोर से बोली.....
मालती...कहा है ठीक मुझे तो तुम्हे बुखार सा लग रहा है....चल बैठ जा मैं तुझे तुलसी की चाय बना कर देती हूँ.....अओर मालती मौससी चाय (टी) बनाने चली गयी....एस पर शास धीरे से मुस्कुरा दिया....थोड़ी ही देर मैं मौससी चाय ले कर आ गयी....अओर शास को देकर बोली....ले गरम-गरम पी लाए.....अओर शास मौससी से चाय लेकर धीरे धीरे पीने लगा.....
मालती...नैना एसा करो पहले खाना बनाने की तय्यारी करो...बच्चे जल्दी लेट जाएँगे...रात मैं जागने की आदेत तो है नही....अओर रात भर जागे है.....मालती ने अपने बड़े होने का फ़र्ज़ निभा दिया.....अओर नैना ने जी दीदी कहकर अपना फर्ज़ निभा दिया....अओर शास की मामी ने गर्देन हिलाकर अपना फर्ज़ निभाया.....अओर होने लगी रात के खाने की तय्यरी........फिर सभी आपने अपने काम मैं लग गये....
रात मैं खाना खाकर (डिन्नर लेकर) शास ने मौससी से कहा मौससी मैं अप्पर जाउ आप नही आएँगी कया...???
मौससी...उपेर बस दो ही तो बेड है....एक पर तुम लेट जाओ अओर दूसरे पर कंचन अओर पायल लेट जाएँगी....तुम तीनो भाई बेहन उप्पेर लेट जाओ...बाकी हम सभी नीचे ही लेट जाएगी.....अब गर्मी तो होती नही.....
शास...ठीक है मौससी....ये कहकर शास उप्पेर के रूम मैं चला गया.....अओर कंचन की आँखों मैं चमक आ गयी थी...की उन्हे भी बिन माँगे ही उप्पेर लेटेने की एज़ाज़्त् मिल गयी थी.....वह मन ही मन फुल्ली नही समा रही थी....जबकि पायल....सोच रही थी....कि अगर रात मैं उसे शास का खड़ा हुवा लंड देखने को मिल जाए तो वो कया करेगी.....??????
कंचन ने शास को उप्पेर जाते हुवे देखा.....उसने रात की पूरी प्लॅनिंग कर ली थी.........उसे लग रहा था की आज उसकी काफ़ी दीनो की तम्मानना....जो उसके दिल मैं बस्सी थी.....आज पूरी हो जाएगी....जब भी उसने मम्मी-पापा या चाचा-चाची को सेक्स करते देखती तो उसके मन मैं भी तूफान चलने लगते थे.....पर वो मजबूर थी....कुछ नही कर सकी....फिर पायल दीदी भी एक रुकावट थी.....सो आज वह भी दूर हो गयी है......उसने पायल दीदी की चूत मैं भी आग लगा दी थी.....उसने मन पक्का कर लिया था की वह किशी भी हालत मैं शास का मोटा भारी लंड आज चूत मैं लेकर ही रहेगी.....यही सोच-सोच कर उसकी चूत गीली हो चली थी....उसकी चूत मैं एक अजीब सी सुरसूराहट मची हुई थी......उसका मन कर रहा था....कि अभी तुरंत चली जाए....अओर शास के लंड को पकड़ ले....अओर शास को कहे....शास बहिय्या....अपना ये बहादुर लंड आज डाल दे अपनी इस बेहन की चूत मैं....फाड़ डाल आज एसे....मिटा दे एस्की खुजली....मिटा दे एस्की प्यास....कंचन की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी कि उसकी पॅंटी भी गीली हो गयी थी......उसकी साँसे गरम हो गयी थी....उधर पायल भी....कंचन की मनोदासा खूब समझ रही थी.....कल्पना तो पायल भी कर रही थी....पर बड़े ही शांत होकर....सुरसूरहट उसकी चूत मैं भी चल रहा था....पर उसे डर भी था...कि वो शास से कया कहेगी....कैसे उससे नज़रे मिला सकेगी...पर ये आग जीयादा सोचने कहा देती है...??? फिर से पायल ने सोच लिया जो होगा देखा जाएगा.....जैसा समय होगा वैसे ही हो जाएगा.....बरसों की छुपी ख्वाइश उसकी भी तो जाग चुकी थी.....पर वो एत्नि जीयादा बैचेन नही थी...उसे दूसरों का भी एहसास था.....कभी कोई कुछ समझ ने ले......मगर वह रे विधाता....उसे तो कुछ अओर ही मंजूर था.....शास को उप्पेर गये कुछ ही समय बीता था....तभी पूजा वहाँ आ धमकी.....अओर शास की मम्मी से बोली......बूवा जी मेरी मम्मी की तबीयत जीयादा खराब है....वे हॉस्पिटल मैं अड्मिट है....पापा अओर भैया भी वहीं पर है.....घर मैं मैं अकेली हू....अगर आप शास भाय्या को मेरे साथ भेज दे.....तो मुझे डर नही लगेगा....सीमा दीदी का फोन आया था उन्होने भी एसा ही कहा है....
नैना...ठीक है पूजा शास उप्पेर के रूम मैं गया है....उसे बुलाकर ले जा....
मल्टी...नही पूजा बेटे....शास की तबीयत ठीक नही है....उसे बुखार (फीवर) भी है, रात भर का जगा है.....तुम ऐसा करो की कंचन या पायल को ले जाओ....या फिर दोनो को ही ले जाओ.....उसे सोने दो.....
पूजा...ठीक है बूवजि....जैस्सा आप कहे......पर पूजा का चेहरा उतार गया था...उसके सारे अरमानो पर पानी फिर चुक्का था....वह तो ना जाने कितनी कल्पनाए करती हुई आई थी.... पर मालती बूवा ने सब पर पानी फेर दिया था.....उधर कंचन.... ये सब सुनकर उसका गला सूखा गया ......मानो किशी ने उसपेर लाखों बिजलिया एक साथ गिरा दी हो.......यही हॉल तो पूजा अओर पायल का भी हुवा...पर कोन कया कहे.....संभी के कुछ अरमान थे सभी काफ़ी देर से कल्पनाए बना रही थी.....शास के लंड पर उन सभी की नज़र थी.....पर ये तो सब पर पानी फैरने वाली बात हो गयी थी.... तीन-तीन गीली चूत अओर एक लंड....मालती को कोन समझाए भला कि उन सपनो का कया होगा.....जो वे ना जाने कब से बुन रही थी....उन चुतो का कया होगा जो शास के लंड के एंतजार मैं गीली हो चुकी थी....
कंचन...आख़िर जब कंचन से नही रहा गया तो उसने मम्मी (मालती) का विरोध कर दिया....नही मम्मी मैं नही जाओंगी......मेरे सर मैं तो काफ़ी दारद है....फिर मुझे दूसरी जगह नींद भी नही आती है....आप तो जानती है....मैं भी बीमार पड़ जाओंगी..........कंचन ने अपना पक्ष मजबूती से रखा दिया.....अब बेचारी पायल कया कहे.....जाना तो वह भी नही चाहती थी....पर मम्मी के आदेश को ना मानना उसके बस की बात नही थी.....
यही हाल तो पूजा का भी था....वह भी तो शिरफ़ शास के लिए ही आई थी....कंचन या पायल को ले जाने नही....वैसे तो घर पर पूजा की भाभी थी....पर सीमा ने जैसा उसे समझाया था ....उसने तो वो ही बोल दिया था.....पर ये तो फँसा उल्टा पड़ गया था.......
मालती...ठीक है...पायल तुम चली जाओ....एसका तो जुकाम हट ता ही नही.....
पूजा...रहने दो बूवा....मैं बराबर से चाची को बुला लूँगी....वे तो आने की लिए तय्यार है.....बस फोन पर सीमा दीदी से बात हुई.....उन्होने ही कह दिया कि शास को ले आओ.....वेसे भी वो बोर हो रहा होगा....सीमा दीदी शास भाय्या से बहुत प्यार करती है ना....उन्हे वहा पर भी शास की ही चिंता रही.....
मालती...मुझे भी कोई एतराज नही था बेटी......बस शास की तबीयात कुछ ठीक नही है....एसीलिए मैने कह दिया....तुम चाहो तो उप्पेर जाकर देखा लो....????
पूजा...अगर आप कहे तो मैं शास से पूछ लूं...कि वो जा सकता की नही....???
मालती...हां कियूं नही.....उसी से पूछ लो....पर उसकी तबीयत ठीक नही है.......मैं तो यही कहोंगी पूजा की उसे रहने ही दो अओर चाहो तो पायल को ले जाओ.....कया तुम्हे लगता है की मैं तुमसे झूट बोल रही हूँ...????
पूजा...नही बूवा....आप कैसी बात करती है.....मुझे कया आप पर यकीन नही है......कोई बात नही मैं पड़ोस वाली चाची को बुला लूँगी....ये कहकर पूजा वापस चली गयी.......एस पर कंचन अओर पायल ने राहत की साँस ली......अओर फिर रात की प्लॅनिंग मैं लग गयी..............उनकी ठंडी पड़ गयी चूत फिर से गरम होने लगी थी........
पूजा सीमा के घर से निकल कर सीधे अपने घर पहुँची.....उसका चेहरा उतरा हुवा था......कितनी भावनाओ के साथ वह शास को लॅने गई थी....पर बूवजि ने सब पर पानी फेर दिया.....पूजा की भाभी (गीता) ने जब उसका उतरा हुवा चेहरा देखा....तो पूजा से पूछा....कया हुवा दीदी...??? आपकी तबीयत तो ठीक है...???
पूजा...हा भाभी ठीक है.....
गीता...पर आपका चेहरा कियूं उतरा हुवा है.....कया शास भाय्या नही आए...???
पूजा...मैं ठीक हूँ भाभी...शास भाय्या की तबीयत खराब है उन्हे बुखार हो गया है......मालती बूवा ने यही बताया......
गीता...कया तुम शास भाय्या से नही मिली...???
पूजा...नही भाभी...वो उप्पेर के रूम मैं सो रहे थे.........
गीता...तो इसमे इतना परेशान होने की कया बात है....??? बुखार ही तो है....ठीक हो जाएगा.....सुबह जाकर देख आना....
पूजा...ये बात नही है भाभी....वो सीमा दीदी ने कहा था....वो...वो...वो...????
गीता...मैं समझी नही....??? सीमा दीदी ने कहा था...तो कया हुवा...जब उनकी तबीयत ही ठीक नही है तो फिर यहाँ कैसे आ सकते थे...फिर आप बेकार ही परेशान हो रही है....वहाँ उनकी देखभाल के लिए सब तो है ही......
पूजा...कुछ नही भाभी...आप नही समझोगी......
गीता मन ही मन सोचने लगी....आख़िर कया बात हो सकती है...??? यूँ ही तो पूजा दीदी का मूड खराब होने वाला नही था....कुछ तो ज़रूर है....गीता भी खेली खाई थी....उसने भी शादी से पहले कितने ही लड़को का लंड चखा था....जसका विचार आते ही उसकी चूत आज भी गीली हो जाती है.....फिर ये भी तो एक लड़के का ही मामला है...कहीं...???? गीता के माथे पर बल पड़ गये......सीमा का फोन..??? वो भी सुहाग-रात के दिन...??? पूजा का जल्दी जल्दी शास को लेने जाना...???? अओर उसकी तबीयत खराब होने के कारण पूजा का एस तरह मूड खराब होना...??? कुछ तो दाल मैं काला है....??? या फिर पूरी दाल ही काली है....???? गीता को समझते देर नही लगी...??? कि मामला एक लड़के से सम्बंधित है....अओर ज़रूर पूजा का उससे कुछ ...??? बिल्कुल यही बात हो सकती है....उसने पूजा को कुरेदा....???
गीता...तुम एआसा करो दीदी की शास की बूवजि से सीमा दीदी की बात करा दो ना...??? कया उनके घर मोबाइल नही है...????
पूजा...नही भाभी.....फिर बूवजि सीमा दीदी से भी तो यही बात कहेंगी...???
गीता...आप समझती नही है....ये तो सभी जानते है की सीमा तुम्हारी पक्की दोस्त थी....यदि सीमा उन्हे फोन करेंगी तो बूवजि को मानना ही पड़ेगा....फिर शास रात मैं आपके पास होगा.....यही तो आप भी चाहती हैं ना दीदी...????
पूजा...मैं समझी नही भाभी....???
गीता...आपने बूवजि को कया कहा था.....???
पूजा....मैने कहा था...कि मैं घर मैं अकेली.......पूजा सकपका कर रुक गयी....फिर वो भाभी....ऐसा मुझे सीमा दीदी ने बोलने के लिए कहा था....
गीता...ओह! तो कया सीमा दीदी भी आपसे मिली हुई थी...???
पूजा...कया मतलब...भाभी ???
गीता...देखो..दीदी अगर मुझसे कोई बात छुपा-ऑगी तो आप ही घाटे मैं रहेंगी...??? अगर शास भाय्या आ भी गये तो भी मेरी मदद तो आपको लेनी ही पड़ेगी.....एसीलिए कहती हूँ मुझ से ना छुपाओ.....वेसे तो मैं सब कहानी जान ही चुकी हूँ.....बाकी आपकी एच्छा......हां एक बात अओर आप मेरी सग़ी ननद है....भला मैं आप का बुरा कैसे कर सकती हूँ...???? हैं अगर आपको चाहिए तो आपकी मदद कर सकती हूँ....????
पूजा....गीता भाभी को गले से लगाकर....आप कितनी अच्छी है..भाभी....???
गीता...दीदी मैं आपकी परेसानी इस लिए भी समझ सकती हूँ....कि..वो...????
पूजा..... हा भाभी बताओ ना....कया बात है...????
गीता....पूजा दीदी...मेरे भी कभी एसी तरह के संबंध रहे है....पर जब से तुम्हारे भाय्या से शादी हुई है... सब पर पानी फिर गया.....मैं वैसी ही हूँ...जैसी बियाह कर यहा आई थी....तुम्हारे भाय्या का लंड तो बहुत छोटा है अओर वे मुझे कभी भी संतुष्ट नही कर सके....दो चार धक्को मैं ही उनका पानी निकल जाता है....अओर लंड ढीला पड़ जाता है....कई बार तो उनका लंड चूत को टच करते ही पानी छोड़ देता है.....मैं तो सालों से झड़ी भी नही.....अंदर ही अंदर जलती रहती हूँ.....कया करूँ....????
पूजा...भाभी....???
गीता... हा पूजा दीदी सच कह रही हूँ....बरसो गुजर गये....चूत का पानी भी निकले हुवे.....एसीलिए तो कह रही हूँ कि मुझसे ना छुपाओ....???? सायेद मैं आपकी कुछ मदद कर सकू...???
पूजा...हां भाभी आप सच कह रही है.....सीमा दीदी ने मुझे शास का ख़याल रखने के लिए कहा था....शास भाय्या का लंड बहुत ही मोटा भारी लंबा है......मुझे उन्होने दो बार चोदा है......पूछो मत भाभी....बस स्वर्ग की सायर कराई है.....शास की चुदाई की कल्पना से ही मेरी चूत तो गीली हो जाती है..............अगर आप एक बार उनसे चुदवा लेगी तो.......?????
गीता... मेरी ऐसी किस्मेत कहाँ....???
पूजा...कियूं भाभी...???
गीता... अगर मेरी किस्मेत मैं मज़ा होता तो तुम्हारी भैया के लंड से ही मिल जाता... अओर फिर तुम शास को लेने गई....तो उसकी बूवा ने मना कर दिया....अगर शास तुम्हारे साथ आ जाता तो सायेद मुझे भी चुदाई का सुख मिल जाता.....???
पूजा...यही तो मैं सोच रही हूँ कि मैं कया करू...????
गीता...पूजा दीदी एक बात बताओ...कया सीमा दीदी भी....????
पूजा...हां भाभी....शादी की रात मैं एक साथ तीन बार...
गीता...कया...???
पूजा... हां भाभी....मैने बताया ना शास का लंड बहुत भारी है....अओर चुदाई के लिए तो मस्त लंड है....
गीता...कुछ सोचने लगी.....उसके मन मैं हज़ारों विचार आ जा रहे थे.....वह नही समझ पा रही थी कि शास के लंड को कैसी पाया जाए...पूजा ने उसकी चूत की आग मैं घी डाल दिया था...जिससे उसकी चूत मैं आग अओर भड़क गयी थी......
उधर पूजा के जाने के बाद....कंचन अओर पायल ने राहत की साँस ली.....वे दोनो अपनी अपनी प्लॅनिंग मैं लग गयी.....कुछ देर के बाद कंचन पायल के पास जाकर धीरे से बोली....दीदी...ये तो सारा मामला ही बिगड़ गया था....आज तो मम्मी का धन्यवाद करो....उन्होने ही मामला संभाल लिया...वेर्ना हम दोनो अपनी अपनी चूत मलते ही रह जाते....
पायल...धीरे बोल कंचन...किशी ने सुन लिया तो...???
कंचन...धीरे ही तो बोल रही हूँ...फिर चूत मैं जो सुरसूराहट हो रही है....वो तो अभी से बैचेन कर रही है..............
पायल...हां कंचन...आज तो मेरा भी यही हाल है...कि जल्दी से उप्पेर चली जाउ....पर ये काम भी तो निपटाना है.....
कंचन...पता नही शास सो गया होगा या अभी जाग रहा होगा......???
पायल...अभी इतना समय कहाँ हुवा है...जो वो सो गया होगा.....???
कंचन...मुझे तो पल पल भारी हो रहा है....
पायल...कंचन तुम बता रही थी कि शास का लंड बहुत बड़ा है...??? तो फिर वो इस छोटी सी चूत मैं जाएगा कैसे...???
कंचन...अब तो जैसे भी जाए...पर मैने तो आज उसे इस चूत मैं घुसाने की ठान ली है....चाहे फट भी जाए.....
पायल...फट भी जाए...जैसे फटने पर दर्द तो होगा ही नही....???
कंचन...कया मम्मी अओर चाची को दर्द होता है...वे तो मस्ती मैं चुदवाति है....
पायल...उनकी चूत भी तो बड़ी है....अओर लंड भी इतना बड़ा नही है....???
कंचन...हा ये तो है...पर करे कया....ये मेरी चूत तो लंड खाने के लिए उतावली हो रही है...लगातार गीली हो रही है....अंदर आब्जीब सी सुसुराहट...अओर खुजली सी मची है.....हाइ..मैं कया करूँ दीदी...???
पायल...कुछ देर एंतजार कर....उसके बाद जाते ही पहले शास का लंड सीधे अपनी चूत मैं डाल लेना...मेरा तो उसके बाद देखा जाएगा.....
कंचन...नही दीदी पहले तो आप ही चुदवाना....मैं तो आपकी फूली हुई चूत ही पहले देखूँगी...उसे देखने को भी तो मन कर रहा है.....
पायल...अच्छा ठीक है पहले ये काम तो निपटा ले..........
फिर दोनो काम मैं लग गयी...उनके हाथ बहुत तेज़ी से काम कर रहे थे जिससे वे जल्दी ही...उपेर शास के पास जा सके...........
उधर पूजा अओर गीता दोनो परेशान हो चुकी थी...उन्हे कोई रास्ता नज़र नही आ रहा था....दोनो ही उदास थी....उनका चेहरा उतरा हुवा था...तभी पूजा का भाई अनिल हॉस्पिटल से रात का खाना लेने के लिए घर पहुँचा....गीता अओर पूजा का उतरा हुवा चेहरा देखकर वह घबरा गया....
अनिल...कया हुवा गीता....तुम दोनो का चेहरा कियूं उतरा हुवा है....????
गीता...आप तो जानते है हम दोनो कभी अकेले नही रहे है....आप सभी तो हॉस्पिटल मैं रहेंगे....यहाँ मुझे अओर पूजा को डर लग रहा था....फिर इतनी बड़ी रात कैसे कटेगी....यही सोच-सोच कर हम दोनो परेशान है.....
अनिल...ये तो मजबूरी है गीता...कया किया जाए....मेरा भी हॉस्पिटल मैं रहना ज़रूरी है....मम्मी की तबीयत अभी भी जीयादा खराब है......
गीता....सीमा दीदी का फोन आया था पूजा दीदी के पास ....सीमा दीदी ने कहा था की उनकी बूवजि का लड़का शास यहाँ लेट जाएगा....पूजा गयी भी थी...पर बूवा मालती ने ये कह कर मना कर दिया कि उसको बुखार है......अब कया करे...???
पूजा...हां भाय्या....अगर शास यहाँ हमारे पास आ जाता तो कोई तो होता हुमारे पास.....
अनिल...हां पूजा तुम ठीक कहती हो....तुम तब तक खाना लगा दो मैं देखता हूँ........चाचा जी से बात करके....अओर बूवजि से भी बात करके आता हूँ....ये कहकर अनिल घर से निकल गया.....अओर गीता ने पूजा की अओर मुस्कुरकर देखा......फिर दोनो मुस्कुरा दिए.............
कंचन ने दूसरी तरफ देखा...शास अभी भी करवेट लेकर सोया था....अओर मम्मी वे मौससी भी साओई हुई थी.....ना जाने कियूं कंचन ने पायल को फिर बाँहो मैं भर लिया अओर उसकी गालों पर एक किस कर दिया.....
पायल...फिर कया हुवा कंचन...???
कंचन...कुछ नही दीदी आप बड़ी अच्छी लग रही है......
पायल...कया पहले अच्छी नही लगती थी....???
कंचन...नही दीदी ये बात नही है....हमने पहले कभी इस तरह से बात नही की थी......आज पहली बार तो मैने आपकी चुचियों को छुवा है....अओर दीदी आपकी बुर तो बड़ी ही गद्दे-दार लगी मुझे.....
पायल...आज कैसी-कैसी बाते कर रही हो....??? कया तुम शास को अभी तक नही भूली हो...???
कंचन....पता नही दीदी आज मुझे कया हो गया है....आपसे कुछ नही छुपौँगी....वेशे दीदी आप यकीन मानो शास बहिय्या का लंड बहुत ही बड़ा है....
पायल...कया तुमने देखा है....???
कंचन...आपको बताया ना दीदी....???
पायल...पर तुम्हे ये कैसे पता की शास भाय्या का बड़ा है....??? कया पता सभी के एसे ही होते हों....????
कंचन...नही दीदी...फिर कुछ रुक-कर...आप नाराज़ हो जाएँगी...???
पायल...नही कंचन तुम बताओ....मैं नाराज़ नही हूँगी....
कंचन...मैने एक बार पापा-मूमी अओर कई बार अंकल-आंटी को कुछ करते हुवे देखा है...यकीन मानो दीदी...उनके तो इतने बड़े नही थे.....
पायल...तुमने मम्मी-पापा अओर अंकल-आंटी को कया करते हुवे देखा है....???
कंचन...दीदी...???? ये भी कोई बताने की बात है...???
पायल...उत्तेजित होते हुवे...बता ना कंचन...??? कया देखा है...???
कंचन...यही दीदी कि.......पापा मम्मी के उप्पेर उनकी चुचिया चूस रहे थे....अओर मम्मी उनके लंड पर हाथ फिरा रही थी....फिर मम्मी ने पापा के लंड को अपनी बुर मैं ले लिया था....
पायल...अओर अंकल आंटी को...???
कंचन...एक दिन दोप-हर मैं जब मैं स्कूल से आई तो देखा अंकल आंटी की चूत को चाट रहे थे अओर आंटी....ऊवूऊवूयूवम्म जैसे कर रही थी....जैसे थोड़ी देर पहले आपने किया था....चाचा का लंड भी साफ नज़र आ रहा था...कई बार मैने चाचा को चाची को चोदते हुवे देखा है.....एक दिन चाची चाचा के लंड को चूस रही थी.......
पायल...कया....????
कंचन...हा दीदी.......
पायल... सच कंचन चाची चाचा का लंड चूस रही थी....???
कंचन...सच दीदी....मैने खुद इन आँखों से देखा है....अओर हा दीदी चाचा चाची की चूत भी तो चाट रहे थे.....
पायल...कंचन चाची को कैसा लगता होगा.....???? मुझे तो सोच कर ही अच्छा नही लग रहा है......
कंचन...अओर चाचा को चाची की चूत चाटने मैं कैसी लग रही होंगी....???
पायल...मुझे कया पता...मैने तो देखा भी नही है....हा एक बार मम्मी-पापा को तो देखा था.....पापा उछाल उछाल कर अपना लंड मम्मी की चूत मैं अंदर बाहर कर रहे थे अओर मम्मी भी चूतड़ उछाल रही थी.....बस दूर से ही देखा था........
एन्हि बातों को करते हुवे उन दोनो ने महसूस किया कि उन दोनो की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी....अओर पॅंटी भी गीली हो चुकी थी....
पायल...तुम्हें कैसा लग रहा है....???
कंचन...दीदी आज बड़ा मज़ा आ रहा है....बस पूछो मत...मुझे तो लगता है...मेरी पॅंटी गीली हो गयी है.....
पायल...सायेद मेरा भी यही हाल है.....
कंचन...एक बात कहूँ दीदी...बुरा तो नही मनोगी...???
पायल...पूछो ना ...मैं बुरा नही मानूँगी....
कंचन...दीदी मुझे एक बार अपनी चूत दिखा दो....मेरे घुटने को बड़ी ही गुदगुदी से लग रही थी......
पायल....नही कंचन अभी नही...मम्मी अओर मौस्सि दोनो यही पर है....जाग गयी तो...??? फिर तुम देखकर कया करोगी....???
कंचन..दीदी बस मन कर रहा है....
पायल...छोड़ो अब चलो सो जाओ मा-मौससी भी सो रही है.....
कंचन...अब नींद कहा आ रही है.....???
पायल...कोई बात नही...आँखें बंद करो अओर सो जाओ.....
अओर पायल अओर कंचन दोनो सोने की कोशिस करने लगी...पर नींद उनसे कोसो दूर थी.....आँखें बंद करके....वे कया के सोच रही थी...ये तो वे ही जाने....पर इतना ज़रूर था...कि आज कंचन ने पायल की चूत की अब तक सोई हुई आग को चिंगारी दिखा दी थी....अओर सायेद खुद भी उसी आग का शिकार हो चुकी थी.....
तभी उन्होने महसूस किया कि रूम मैं कोई हलचल हुई है....दोनो ने धीरे से आँखें खोलकर देखा तो शास उठाकर बाथरूम की तरफ जा रहा था उसका लंड अभी भी बॅमबू बना हुवा था....जो पेंट से बाहर निकलने की कोशिश मैं था.....पायल को शरम सी आ गयी....उसने आँखें बंद कर ली लकिन कंचन धीरे धीरे शास के लंड पर निगाहे जमाए रही.....फिर शास बाथरूम मैं घुस गया.....दरवाजा थोड़ा ज़ोर से बंद होने के कारण कंचन की मम्मी उठ गयी....अओर शास की मम्मी को उठाने लगी.....बेहन उठो लगता है काफ़ी देर हो चुकी है....चलो नीचे कई काम पड़े होंगे.....फिर शास की मम्मी भी उठ कर बैठ गयी....उन्होने देखा की कंचन अओर पायल अभी तक सोई हुई है....मालती ने कंचन को आवाज़ लगी....कंचन उठो अब रात मैं जल्दी सो लेना.....चलो नीचे चलते है....पायल अओर कंचन भी एसे उठी जैसे वे गहरी नींद मैं से उठी हो......तभी शास भी बाथरूम से निकल आया.....मालती अओर नैना(शास की मम्मी) ने उसे देखा....तुम कब आए शास....
शास...काफ़ी देर हो गयी मौससी.....यही चटाई पर सोया था.....
मालती...नीचे कयूं सोया था..??? मुझे जगा दिया होता....या फिर दीदी के पास लेट जाता....???
शास...कोई बात नही मौससी...नीचे भी अच्छी नींद आई...फिर मैं आपलोगो को डिस्टर्ब नही करना चाहता था......कंचन सोचने लगी...अगर शास उसके पास लेट जाता तो मज़ा ही आ जाता....सायेद पायल ने भी यही सोचा हो...???
फिर सभी नीचे चले गये....अओर अपने अपने काम मैं लग गये.....पर कंचन की नज़र तो शास पर ही थी.....वो बार बार शास को देखा लेती थी....अओर शास सोच रहा था कि अकेले मैं कैसे समय कटेगा...???? कल से पूजा भी तो लौट कर नही आई....सीमा दीदी ने कहा था की वो पूजा को फोन कर देंगी....पर सायेद उन्होने भी उसे फोन नही किया होगा.....या फिर समय नही मिला होगा...??? इसी उधेड़-बुन मैं शास एधर उधर टहल रहा था....फिर सोचने लगा कि मुस्कान भी अच्छी लड़की थी.....कुछ ही देर के मिलन ने मुस्कान को शास के दिल मैं बिठा दिया था.....कया कर रही होगी....मुस्कान..??? कया कर रही होंगी सीमा दीदी....??? कया कर रही होगी पूजा...??? एन्हि स्वालो मैं घिरा शास......
मालती...कया बात है शास बेटे...??? कया तबीयत ठीक नही है....???
शास...नही मौससी मैं ठीक हूँ....
मल्टी...फिर उदास सा कियूं है...??? .चेहरा भी उतरा सा नज़र आ रहा है...???
नैना...कुछ नही रात मैं सोया नही होगा...सायेद एसीलिए....
मल्टी...हा ये हो सकता है.....कोई बात नही शास रात मैं जल्दी खाना खाकर उप्पेर के रूम मैं जाकर जल्दी सो जाना वहाँ कोई डेस्ट्रूब नही करेगा....बाकी सभी लोग तो नीचे ही सो जाएगे.....मालती ने फ़ैसला सुना दिया....
शास...आप तो बेवेजह परेशान हो रही है मौससी....मैं ठीक हूँ.....
लकिन मालती भी कहाँ मानने वाली थी....बात को पकड़ कर ही बैठ गयी....शास एधर आओ मेरे पास....अओर जैसे ही शास उनके पास गया...मौससी ने शास का हाथ पकड़ कर नब्ज़ देखने लगी....फिर ज़ोर से बोली.....
मालती...कहा है ठीक मुझे तो तुम्हे बुखार सा लग रहा है....चल बैठ जा मैं तुझे तुलसी की चाय बना कर देती हूँ.....अओर मालती मौससी चाय (टी) बनाने चली गयी....एस पर शास धीरे से मुस्कुरा दिया....थोड़ी ही देर मैं मौससी चाय ले कर आ गयी....अओर शास को देकर बोली....ले गरम-गरम पी लाए.....अओर शास मौससी से चाय लेकर धीरे धीरे पीने लगा.....
मालती...नैना एसा करो पहले खाना बनाने की तय्यारी करो...बच्चे जल्दी लेट जाएँगे...रात मैं जागने की आदेत तो है नही....अओर रात भर जागे है.....मालती ने अपने बड़े होने का फ़र्ज़ निभा दिया.....अओर नैना ने जी दीदी कहकर अपना फर्ज़ निभा दिया....अओर शास की मामी ने गर्देन हिलाकर अपना फर्ज़ निभाया.....अओर होने लगी रात के खाने की तय्यरी........फिर सभी आपने अपने काम मैं लग गये....
रात मैं खाना खाकर (डिन्नर लेकर) शास ने मौससी से कहा मौससी मैं अप्पर जाउ आप नही आएँगी कया...???
मौससी...उपेर बस दो ही तो बेड है....एक पर तुम लेट जाओ अओर दूसरे पर कंचन अओर पायल लेट जाएँगी....तुम तीनो भाई बेहन उप्पेर लेट जाओ...बाकी हम सभी नीचे ही लेट जाएगी.....अब गर्मी तो होती नही.....
शास...ठीक है मौससी....ये कहकर शास उप्पेर के रूम मैं चला गया.....अओर कंचन की आँखों मैं चमक आ गयी थी...की उन्हे भी बिन माँगे ही उप्पेर लेटेने की एज़ाज़्त् मिल गयी थी.....वह मन ही मन फुल्ली नही समा रही थी....जबकि पायल....सोच रही थी....कि अगर रात मैं उसे शास का खड़ा हुवा लंड देखने को मिल जाए तो वो कया करेगी.....??????
कंचन ने शास को उप्पेर जाते हुवे देखा.....उसने रात की पूरी प्लॅनिंग कर ली थी.........उसे लग रहा था की आज उसकी काफ़ी दीनो की तम्मानना....जो उसके दिल मैं बस्सी थी.....आज पूरी हो जाएगी....जब भी उसने मम्मी-पापा या चाचा-चाची को सेक्स करते देखती तो उसके मन मैं भी तूफान चलने लगते थे.....पर वो मजबूर थी....कुछ नही कर सकी....फिर पायल दीदी भी एक रुकावट थी.....सो आज वह भी दूर हो गयी है......उसने पायल दीदी की चूत मैं भी आग लगा दी थी.....उसने मन पक्का कर लिया था की वह किशी भी हालत मैं शास का मोटा भारी लंड आज चूत मैं लेकर ही रहेगी.....यही सोच-सोच कर उसकी चूत गीली हो चली थी....उसकी चूत मैं एक अजीब सी सुरसूराहट मची हुई थी......उसका मन कर रहा था....कि अभी तुरंत चली जाए....अओर शास के लंड को पकड़ ले....अओर शास को कहे....शास बहिय्या....अपना ये बहादुर लंड आज डाल दे अपनी इस बेहन की चूत मैं....फाड़ डाल आज एसे....मिटा दे एस्की खुजली....मिटा दे एस्की प्यास....कंचन की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी कि उसकी पॅंटी भी गीली हो गयी थी......उसकी साँसे गरम हो गयी थी....उधर पायल भी....कंचन की मनोदासा खूब समझ रही थी.....कल्पना तो पायल भी कर रही थी....पर बड़े ही शांत होकर....सुरसूरहट उसकी चूत मैं भी चल रहा था....पर उसे डर भी था...कि वो शास से कया कहेगी....कैसे उससे नज़रे मिला सकेगी...पर ये आग जीयादा सोचने कहा देती है...??? फिर से पायल ने सोच लिया जो होगा देखा जाएगा.....जैसा समय होगा वैसे ही हो जाएगा.....बरसों की छुपी ख्वाइश उसकी भी तो जाग चुकी थी.....पर वो एत्नि जीयादा बैचेन नही थी...उसे दूसरों का भी एहसास था.....कभी कोई कुछ समझ ने ले......मगर वह रे विधाता....उसे तो कुछ अओर ही मंजूर था.....शास को उप्पेर गये कुछ ही समय बीता था....तभी पूजा वहाँ आ धमकी.....अओर शास की मम्मी से बोली......बूवा जी मेरी मम्मी की तबीयत जीयादा खराब है....वे हॉस्पिटल मैं अड्मिट है....पापा अओर भैया भी वहीं पर है.....घर मैं मैं अकेली हू....अगर आप शास भाय्या को मेरे साथ भेज दे.....तो मुझे डर नही लगेगा....सीमा दीदी का फोन आया था उन्होने भी एसा ही कहा है....
नैना...ठीक है पूजा शास उप्पेर के रूम मैं गया है....उसे बुलाकर ले जा....
मल्टी...नही पूजा बेटे....शास की तबीयत ठीक नही है....उसे बुखार (फीवर) भी है, रात भर का जगा है.....तुम ऐसा करो की कंचन या पायल को ले जाओ....या फिर दोनो को ही ले जाओ.....उसे सोने दो.....
पूजा...ठीक है बूवजि....जैस्सा आप कहे......पर पूजा का चेहरा उतार गया था...उसके सारे अरमानो पर पानी फिर चुक्का था....वह तो ना जाने कितनी कल्पनाए करती हुई आई थी.... पर मालती बूवा ने सब पर पानी फेर दिया था.....उधर कंचन.... ये सब सुनकर उसका गला सूखा गया ......मानो किशी ने उसपेर लाखों बिजलिया एक साथ गिरा दी हो.......यही हॉल तो पूजा अओर पायल का भी हुवा...पर कोन कया कहे.....संभी के कुछ अरमान थे सभी काफ़ी देर से कल्पनाए बना रही थी.....शास के लंड पर उन सभी की नज़र थी.....पर ये तो सब पर पानी फैरने वाली बात हो गयी थी.... तीन-तीन गीली चूत अओर एक लंड....मालती को कोन समझाए भला कि उन सपनो का कया होगा.....जो वे ना जाने कब से बुन रही थी....उन चुतो का कया होगा जो शास के लंड के एंतजार मैं गीली हो चुकी थी....
कंचन...आख़िर जब कंचन से नही रहा गया तो उसने मम्मी (मालती) का विरोध कर दिया....नही मम्मी मैं नही जाओंगी......मेरे सर मैं तो काफ़ी दारद है....फिर मुझे दूसरी जगह नींद भी नही आती है....आप तो जानती है....मैं भी बीमार पड़ जाओंगी..........कंचन ने अपना पक्ष मजबूती से रखा दिया.....अब बेचारी पायल कया कहे.....जाना तो वह भी नही चाहती थी....पर मम्मी के आदेश को ना मानना उसके बस की बात नही थी.....
यही हाल तो पूजा का भी था....वह भी तो शिरफ़ शास के लिए ही आई थी....कंचन या पायल को ले जाने नही....वैसे तो घर पर पूजा की भाभी थी....पर सीमा ने जैसा उसे समझाया था ....उसने तो वो ही बोल दिया था.....पर ये तो फँसा उल्टा पड़ गया था.......
मालती...ठीक है...पायल तुम चली जाओ....एसका तो जुकाम हट ता ही नही.....
पूजा...रहने दो बूवा....मैं बराबर से चाची को बुला लूँगी....वे तो आने की लिए तय्यार है.....बस फोन पर सीमा दीदी से बात हुई.....उन्होने ही कह दिया कि शास को ले आओ.....वेसे भी वो बोर हो रहा होगा....सीमा दीदी शास भाय्या से बहुत प्यार करती है ना....उन्हे वहा पर भी शास की ही चिंता रही.....
मालती...मुझे भी कोई एतराज नही था बेटी......बस शास की तबीयात कुछ ठीक नही है....एसीलिए मैने कह दिया....तुम चाहो तो उप्पेर जाकर देखा लो....????
पूजा...अगर आप कहे तो मैं शास से पूछ लूं...कि वो जा सकता की नही....???
मालती...हां कियूं नही.....उसी से पूछ लो....पर उसकी तबीयत ठीक नही है.......मैं तो यही कहोंगी पूजा की उसे रहने ही दो अओर चाहो तो पायल को ले जाओ.....कया तुम्हे लगता है की मैं तुमसे झूट बोल रही हूँ...????
पूजा...नही बूवा....आप कैसी बात करती है.....मुझे कया आप पर यकीन नही है......कोई बात नही मैं पड़ोस वाली चाची को बुला लूँगी....ये कहकर पूजा वापस चली गयी.......एस पर कंचन अओर पायल ने राहत की साँस ली......अओर फिर रात की प्लॅनिंग मैं लग गयी..............उनकी ठंडी पड़ गयी चूत फिर से गरम होने लगी थी........
पूजा सीमा के घर से निकल कर सीधे अपने घर पहुँची.....उसका चेहरा उतरा हुवा था......कितनी भावनाओ के साथ वह शास को लॅने गई थी....पर बूवजि ने सब पर पानी फेर दिया.....पूजा की भाभी (गीता) ने जब उसका उतरा हुवा चेहरा देखा....तो पूजा से पूछा....कया हुवा दीदी...??? आपकी तबीयत तो ठीक है...???
पूजा...हा भाभी ठीक है.....
गीता...पर आपका चेहरा कियूं उतरा हुवा है.....कया शास भाय्या नही आए...???
पूजा...मैं ठीक हूँ भाभी...शास भाय्या की तबीयत खराब है उन्हे बुखार हो गया है......मालती बूवा ने यही बताया......
गीता...कया तुम शास भाय्या से नही मिली...???
पूजा...नही भाभी...वो उप्पेर के रूम मैं सो रहे थे.........
गीता...तो इसमे इतना परेशान होने की कया बात है....??? बुखार ही तो है....ठीक हो जाएगा.....सुबह जाकर देख आना....
पूजा...ये बात नही है भाभी....वो सीमा दीदी ने कहा था....वो...वो...वो...????
गीता...मैं समझी नही....??? सीमा दीदी ने कहा था...तो कया हुवा...जब उनकी तबीयत ही ठीक नही है तो फिर यहाँ कैसे आ सकते थे...फिर आप बेकार ही परेशान हो रही है....वहाँ उनकी देखभाल के लिए सब तो है ही......
पूजा...कुछ नही भाभी...आप नही समझोगी......
गीता मन ही मन सोचने लगी....आख़िर कया बात हो सकती है...??? यूँ ही तो पूजा दीदी का मूड खराब होने वाला नही था....कुछ तो ज़रूर है....गीता भी खेली खाई थी....उसने भी शादी से पहले कितने ही लड़को का लंड चखा था....जसका विचार आते ही उसकी चूत आज भी गीली हो जाती है.....फिर ये भी तो एक लड़के का ही मामला है...कहीं...???? गीता के माथे पर बल पड़ गये......सीमा का फोन..??? वो भी सुहाग-रात के दिन...??? पूजा का जल्दी जल्दी शास को लेने जाना...???? अओर उसकी तबीयत खराब होने के कारण पूजा का एस तरह मूड खराब होना...??? कुछ तो दाल मैं काला है....??? या फिर पूरी दाल ही काली है....???? गीता को समझते देर नही लगी...??? कि मामला एक लड़के से सम्बंधित है....अओर ज़रूर पूजा का उससे कुछ ...??? बिल्कुल यही बात हो सकती है....उसने पूजा को कुरेदा....???
गीता...तुम एआसा करो दीदी की शास की बूवजि से सीमा दीदी की बात करा दो ना...??? कया उनके घर मोबाइल नही है...????
पूजा...नही भाभी.....फिर बूवजि सीमा दीदी से भी तो यही बात कहेंगी...???
गीता...आप समझती नही है....ये तो सभी जानते है की सीमा तुम्हारी पक्की दोस्त थी....यदि सीमा उन्हे फोन करेंगी तो बूवजि को मानना ही पड़ेगा....फिर शास रात मैं आपके पास होगा.....यही तो आप भी चाहती हैं ना दीदी...????
पूजा...मैं समझी नही भाभी....???
गीता...आपने बूवजि को कया कहा था.....???
पूजा....मैने कहा था...कि मैं घर मैं अकेली.......पूजा सकपका कर रुक गयी....फिर वो भाभी....ऐसा मुझे सीमा दीदी ने बोलने के लिए कहा था....
गीता...ओह! तो कया सीमा दीदी भी आपसे मिली हुई थी...???
पूजा...कया मतलब...भाभी ???
गीता...देखो..दीदी अगर मुझसे कोई बात छुपा-ऑगी तो आप ही घाटे मैं रहेंगी...??? अगर शास भाय्या आ भी गये तो भी मेरी मदद तो आपको लेनी ही पड़ेगी.....एसीलिए कहती हूँ मुझ से ना छुपाओ.....वेसे तो मैं सब कहानी जान ही चुकी हूँ.....बाकी आपकी एच्छा......हां एक बात अओर आप मेरी सग़ी ननद है....भला मैं आप का बुरा कैसे कर सकती हूँ...???? हैं अगर आपको चाहिए तो आपकी मदद कर सकती हूँ....????
पूजा....गीता भाभी को गले से लगाकर....आप कितनी अच्छी है..भाभी....???
गीता...दीदी मैं आपकी परेसानी इस लिए भी समझ सकती हूँ....कि..वो...????
पूजा..... हा भाभी बताओ ना....कया बात है...????
गीता....पूजा दीदी...मेरे भी कभी एसी तरह के संबंध रहे है....पर जब से तुम्हारे भाय्या से शादी हुई है... सब पर पानी फिर गया.....मैं वैसी ही हूँ...जैसी बियाह कर यहा आई थी....तुम्हारे भाय्या का लंड तो बहुत छोटा है अओर वे मुझे कभी भी संतुष्ट नही कर सके....दो चार धक्को मैं ही उनका पानी निकल जाता है....अओर लंड ढीला पड़ जाता है....कई बार तो उनका लंड चूत को टच करते ही पानी छोड़ देता है.....मैं तो सालों से झड़ी भी नही.....अंदर ही अंदर जलती रहती हूँ.....कया करूँ....????
पूजा...भाभी....???
गीता... हा पूजा दीदी सच कह रही हूँ....बरसो गुजर गये....चूत का पानी भी निकले हुवे.....एसीलिए तो कह रही हूँ कि मुझसे ना छुपाओ....???? सायेद मैं आपकी कुछ मदद कर सकू...???
पूजा...हां भाभी आप सच कह रही है.....सीमा दीदी ने मुझे शास का ख़याल रखने के लिए कहा था....शास भाय्या का लंड बहुत ही मोटा भारी लंबा है......मुझे उन्होने दो बार चोदा है......पूछो मत भाभी....बस स्वर्ग की सायर कराई है.....शास की चुदाई की कल्पना से ही मेरी चूत तो गीली हो जाती है..............अगर आप एक बार उनसे चुदवा लेगी तो.......?????
गीता... मेरी ऐसी किस्मेत कहाँ....???
पूजा...कियूं भाभी...???
गीता... अगर मेरी किस्मेत मैं मज़ा होता तो तुम्हारी भैया के लंड से ही मिल जाता... अओर फिर तुम शास को लेने गई....तो उसकी बूवा ने मना कर दिया....अगर शास तुम्हारे साथ आ जाता तो सायेद मुझे भी चुदाई का सुख मिल जाता.....???
पूजा...यही तो मैं सोच रही हूँ कि मैं कया करू...????
गीता...पूजा दीदी एक बात बताओ...कया सीमा दीदी भी....????
पूजा...हां भाभी....शादी की रात मैं एक साथ तीन बार...
गीता...कया...???
पूजा... हां भाभी....मैने बताया ना शास का लंड बहुत भारी है....अओर चुदाई के लिए तो मस्त लंड है....
गीता...कुछ सोचने लगी.....उसके मन मैं हज़ारों विचार आ जा रहे थे.....वह नही समझ पा रही थी कि शास के लंड को कैसी पाया जाए...पूजा ने उसकी चूत की आग मैं घी डाल दिया था...जिससे उसकी चूत मैं आग अओर भड़क गयी थी......
उधर पूजा के जाने के बाद....कंचन अओर पायल ने राहत की साँस ली.....वे दोनो अपनी अपनी प्लॅनिंग मैं लग गयी.....कुछ देर के बाद कंचन पायल के पास जाकर धीरे से बोली....दीदी...ये तो सारा मामला ही बिगड़ गया था....आज तो मम्मी का धन्यवाद करो....उन्होने ही मामला संभाल लिया...वेर्ना हम दोनो अपनी अपनी चूत मलते ही रह जाते....
पायल...धीरे बोल कंचन...किशी ने सुन लिया तो...???
कंचन...धीरे ही तो बोल रही हूँ...फिर चूत मैं जो सुरसूराहट हो रही है....वो तो अभी से बैचेन कर रही है..............
पायल...हां कंचन...आज तो मेरा भी यही हाल है...कि जल्दी से उप्पेर चली जाउ....पर ये काम भी तो निपटाना है.....
कंचन...पता नही शास सो गया होगा या अभी जाग रहा होगा......???
पायल...अभी इतना समय कहाँ हुवा है...जो वो सो गया होगा.....???
कंचन...मुझे तो पल पल भारी हो रहा है....
पायल...कंचन तुम बता रही थी कि शास का लंड बहुत बड़ा है...??? तो फिर वो इस छोटी सी चूत मैं जाएगा कैसे...???
कंचन...अब तो जैसे भी जाए...पर मैने तो आज उसे इस चूत मैं घुसाने की ठान ली है....चाहे फट भी जाए.....
पायल...फट भी जाए...जैसे फटने पर दर्द तो होगा ही नही....???
कंचन...कया मम्मी अओर चाची को दर्द होता है...वे तो मस्ती मैं चुदवाति है....
पायल...उनकी चूत भी तो बड़ी है....अओर लंड भी इतना बड़ा नही है....???
कंचन...हा ये तो है...पर करे कया....ये मेरी चूत तो लंड खाने के लिए उतावली हो रही है...लगातार गीली हो रही है....अंदर आब्जीब सी सुसुराहट...अओर खुजली सी मची है.....हाइ..मैं कया करूँ दीदी...???
पायल...कुछ देर एंतजार कर....उसके बाद जाते ही पहले शास का लंड सीधे अपनी चूत मैं डाल लेना...मेरा तो उसके बाद देखा जाएगा.....
कंचन...नही दीदी पहले तो आप ही चुदवाना....मैं तो आपकी फूली हुई चूत ही पहले देखूँगी...उसे देखने को भी तो मन कर रहा है.....
पायल...अच्छा ठीक है पहले ये काम तो निपटा ले..........
फिर दोनो काम मैं लग गयी...उनके हाथ बहुत तेज़ी से काम कर रहे थे जिससे वे जल्दी ही...उपेर शास के पास जा सके...........
उधर पूजा अओर गीता दोनो परेशान हो चुकी थी...उन्हे कोई रास्ता नज़र नही आ रहा था....दोनो ही उदास थी....उनका चेहरा उतरा हुवा था...तभी पूजा का भाई अनिल हॉस्पिटल से रात का खाना लेने के लिए घर पहुँचा....गीता अओर पूजा का उतरा हुवा चेहरा देखकर वह घबरा गया....
अनिल...कया हुवा गीता....तुम दोनो का चेहरा कियूं उतरा हुवा है....????
गीता...आप तो जानते है हम दोनो कभी अकेले नही रहे है....आप सभी तो हॉस्पिटल मैं रहेंगे....यहाँ मुझे अओर पूजा को डर लग रहा था....फिर इतनी बड़ी रात कैसे कटेगी....यही सोच-सोच कर हम दोनो परेशान है.....
अनिल...ये तो मजबूरी है गीता...कया किया जाए....मेरा भी हॉस्पिटल मैं रहना ज़रूरी है....मम्मी की तबीयत अभी भी जीयादा खराब है......
गीता....सीमा दीदी का फोन आया था पूजा दीदी के पास ....सीमा दीदी ने कहा था की उनकी बूवजि का लड़का शास यहाँ लेट जाएगा....पूजा गयी भी थी...पर बूवा मालती ने ये कह कर मना कर दिया कि उसको बुखार है......अब कया करे...???
पूजा...हां भाय्या....अगर शास यहाँ हमारे पास आ जाता तो कोई तो होता हुमारे पास.....
अनिल...हां पूजा तुम ठीक कहती हो....तुम तब तक खाना लगा दो मैं देखता हूँ........चाचा जी से बात करके....अओर बूवजि से भी बात करके आता हूँ....ये कहकर अनिल घर से निकल गया.....अओर गीता ने पूजा की अओर मुस्कुरकर देखा......फिर दोनो मुस्कुरा दिए.............