ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
Re: ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
दोस्त हाज़िरी लगा दी है बहुत ही सुंदर अपडेट
Re: ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
Jemsbond wrote:Repped to you bro with love and affection
rajsharma wrote:दोस्त हाज़िरी लगा दी है बहुत ही सुंदर अपडेट
thanks dosto
Re: ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
-4
गतांक से आगे ...............................................
कल के वायियूर एक्सपीरियेन्स से तो जैसा रत्ना की सेक्षुयल डिज़ाइर्स मैं निखार आ गया था. अब तो रात भाई उसने सुरेश को सोने ही न्ही दिया .. आलम ये था कि सुरेश जैसा काम पिसाच भी थक कर सो गया था .. रात के सुनहरे सपने मैं जिसमे वो अप्प्नि ड्रीम गर्ल को देखना चाहता था . आज सनडे का दिन और सनडे को क्या होना है सुबह 5 बजे के टाइम ही आँख खुल गई और रेल-पेल स्टार्ट हो गई जो करीब 20 मिनूट चल पाई और दोनो फिर से सो गये और कब 11.00 बज गये पता ही न्ही चला ..
रत्ना: अफ आज क्या हो गया है . विभा भी आने वाली होगी और हम लोग अभी तक सो ही रहे है
सुरेश: अरे यार आने दो विभा को क्या करेगी मेरी साली साहिबा
रत्ना: अरे तुम फिर सुरू हो गये
सुरेश: लगता है तुम कल का वादा भूल गई हो
रत्ना: वादा कोन सा वादा
सुरेश: हुम्म... तो तुम मुझे बताना चाहती हो कि मैं विभा की न्ही देख सकता
रत्ना: देखिए ये सब मैं न्ही जानती लेकिन मैं अपपकी कोई हेल्प न्ही करने वाली
सुरेश: तुम अपपनी बात से मुकर रही हो
रत्ना: इसमे कैसा मुकरना
सुरेश: मैने कल तुम्हारी ज़रूरत पूरी की थी
रत्ना: वो तो तुम्हारी ज़िम्मेदारी है. तुम न्ही करोगे तो किसी ना किसी को पकड़ लाउन्गी
सुरेश: मुझे क्या प्राब्लम है डॉरलिंग मुझे तो टेस्ट बदलने की आदत है मैं तो चाहता हूँ कि तुम अपपने भाई को भी बुला लो और सुरू हो जाओ
रत्ना: आप न्ही सुधरेंगे !!!!!!!!!!!!
सुरेश: जो सुधर जाए वो सुरेश न्ही
तभी दरवाजे की बेल बज़ी और रत्ना ने गेट ओपन किया तो बाहर अप्सरा सी एक लड़की खड़ी थी जो थी तो थोड़ा सा मांसल {मीट फुल} लेकिन इतनी खूबसूरत थी कि हर कोई देखता ही रह जाए .. उसने एक ट्रॅन्स्परेंट सलवार पहना हुआ था . जिसमे उसकी ब्लू पॅंटी दिख रही थी. सुरेश की नज़र देख कर रत्ना बोली
रत्ना: जाओ विभा फ्रेश हो जाओ और चेंज कर लो ये क्या कपड़े पहनती हो देखो पॅंटी दिख रही है
विभा: अरे दीदी डरो न्ही मैं जीजू को देने न्ही आई हूँ यार "वाइ आर यू सो स्केर्ड " . 1 दिन मैं कुछ न्ही हो पाएगा कल तो चली ही जाउन्गी
रत्ना: बहुत बोनले लगी है तू अच्छा ये बता कि कंपनी के लिए आई है
विभा: दी मैं यहा पर "प्ले बॉय" की न्यू ऑफीस के लिए आई हूँ
रत्ना: "प्ले बॉय " तू वाहा क्या करेगी फोटू खिचवाएगी क्या नंगी नगी
विभा: अरे न्ही दीदी मैं तो मॅनेजर पोस्ट के लिए आई हूँ
रत्ना: देख कोई उल्टा सीधा काम मत करना, चल फ्रेश हो जा मैं नाश्ता तैयार करती हूँ सबके लिए
विभा: ओके दी......जीजू कहा गये
रत्ना : टाय्लेट गये होंगे जा तू बाथरूम मैं फ्रेश हो जा
विभा: जीजू ना आ जाए पीछे से
रत्ना: अरे तो क्या तू नगी होकर फ्रेश होती है
विभा: तो क्या चेंज कपड़े के उपर से ही कर लूँ..
रत्ना: भाई तू समझ ... वेट कर ले 5 मिनट
विभा: मुझे भूख लगी है मैं तो चली तुम कुछ ब्नाओ जल्दी से
इतना कह कर विभा टाय्लेट से जॉइंट बाथरूम मैं चली जाती है और फासएवाश करने लगती है तभी उसे टाय्लेट से सू-सू की तेज़ धार सुनाई पड़ती है .
विभा: हुम्म ., जीजू सू-सू कर रहे है लगता है.
उँची आवाज़ मैं..............
गतांक से आगे ...............................................
कल के वायियूर एक्सपीरियेन्स से तो जैसा रत्ना की सेक्षुयल डिज़ाइर्स मैं निखार आ गया था. अब तो रात भाई उसने सुरेश को सोने ही न्ही दिया .. आलम ये था कि सुरेश जैसा काम पिसाच भी थक कर सो गया था .. रात के सुनहरे सपने मैं जिसमे वो अप्प्नि ड्रीम गर्ल को देखना चाहता था . आज सनडे का दिन और सनडे को क्या होना है सुबह 5 बजे के टाइम ही आँख खुल गई और रेल-पेल स्टार्ट हो गई जो करीब 20 मिनूट चल पाई और दोनो फिर से सो गये और कब 11.00 बज गये पता ही न्ही चला ..
रत्ना: अफ आज क्या हो गया है . विभा भी आने वाली होगी और हम लोग अभी तक सो ही रहे है
सुरेश: अरे यार आने दो विभा को क्या करेगी मेरी साली साहिबा
रत्ना: अरे तुम फिर सुरू हो गये
सुरेश: लगता है तुम कल का वादा भूल गई हो
रत्ना: वादा कोन सा वादा
सुरेश: हुम्म... तो तुम मुझे बताना चाहती हो कि मैं विभा की न्ही देख सकता
रत्ना: देखिए ये सब मैं न्ही जानती लेकिन मैं अपपकी कोई हेल्प न्ही करने वाली
सुरेश: तुम अपपनी बात से मुकर रही हो
रत्ना: इसमे कैसा मुकरना
सुरेश: मैने कल तुम्हारी ज़रूरत पूरी की थी
रत्ना: वो तो तुम्हारी ज़िम्मेदारी है. तुम न्ही करोगे तो किसी ना किसी को पकड़ लाउन्गी
सुरेश: मुझे क्या प्राब्लम है डॉरलिंग मुझे तो टेस्ट बदलने की आदत है मैं तो चाहता हूँ कि तुम अपपने भाई को भी बुला लो और सुरू हो जाओ
रत्ना: आप न्ही सुधरेंगे !!!!!!!!!!!!
सुरेश: जो सुधर जाए वो सुरेश न्ही
तभी दरवाजे की बेल बज़ी और रत्ना ने गेट ओपन किया तो बाहर अप्सरा सी एक लड़की खड़ी थी जो थी तो थोड़ा सा मांसल {मीट फुल} लेकिन इतनी खूबसूरत थी कि हर कोई देखता ही रह जाए .. उसने एक ट्रॅन्स्परेंट सलवार पहना हुआ था . जिसमे उसकी ब्लू पॅंटी दिख रही थी. सुरेश की नज़र देख कर रत्ना बोली
रत्ना: जाओ विभा फ्रेश हो जाओ और चेंज कर लो ये क्या कपड़े पहनती हो देखो पॅंटी दिख रही है
विभा: अरे दीदी डरो न्ही मैं जीजू को देने न्ही आई हूँ यार "वाइ आर यू सो स्केर्ड " . 1 दिन मैं कुछ न्ही हो पाएगा कल तो चली ही जाउन्गी
रत्ना: बहुत बोनले लगी है तू अच्छा ये बता कि कंपनी के लिए आई है
विभा: दी मैं यहा पर "प्ले बॉय" की न्यू ऑफीस के लिए आई हूँ
रत्ना: "प्ले बॉय " तू वाहा क्या करेगी फोटू खिचवाएगी क्या नंगी नगी
विभा: अरे न्ही दीदी मैं तो मॅनेजर पोस्ट के लिए आई हूँ
रत्ना: देख कोई उल्टा सीधा काम मत करना, चल फ्रेश हो जा मैं नाश्ता तैयार करती हूँ सबके लिए
विभा: ओके दी......जीजू कहा गये
रत्ना : टाय्लेट गये होंगे जा तू बाथरूम मैं फ्रेश हो जा
विभा: जीजू ना आ जाए पीछे से
रत्ना: अरे तो क्या तू नगी होकर फ्रेश होती है
विभा: तो क्या चेंज कपड़े के उपर से ही कर लूँ..
रत्ना: भाई तू समझ ... वेट कर ले 5 मिनट
विभा: मुझे भूख लगी है मैं तो चली तुम कुछ ब्नाओ जल्दी से
इतना कह कर विभा टाय्लेट से जॉइंट बाथरूम मैं चली जाती है और फासएवाश करने लगती है तभी उसे टाय्लेट से सू-सू की तेज़ धार सुनाई पड़ती है .
विभा: हुम्म ., जीजू सू-सू कर रहे है लगता है.
उँची आवाज़ मैं..............