मेरी बीबी की सहेली

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The Romantic
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Re: मेरी बीबी की सहेली

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 17:03

मेरी बीबी की सहेली पार्ट--5

गतान्क से आगे......... ' देव मेरे राजा अपनी बीबी के साथ भी बाथरूम मे

घुसते हो क्या??" तुम तो बहुत उस्ताद हो औरत को बिल्कुल चुदासी रंडी की

तरह बना देते हो???" मुझे इतने सालों तक क्यूँ तडपाया मेरी चूत ना जाने

कितने लंड का स्वाद ले चुकी है लेकिन मेरी चूत की प्यास नही भुजी अभी तक.

मैने उसकी चूत से हाथ हटाकर उसके दूसरे निपल और दूध को सहलाने लगा और

उसकी गर्दन मे लिक्क करने लगा अब मैं उसके दोनो मम्मो को बहुत तार्जीह दे

रहा था और उनको सर्क्युलर मोशन मे कभी हल्का कभी बिल्कुल वैसे जैसे नीबू

निचोड़ते है ऐसा निचोड़ रहा था. साथ मे गर्दन से उसके कान तक और गर्दन से

उसके बूब्स तक लिक्क भी कर रहा था वो क्मोड पर बैठी अपनी साँसे भारी करती

हुई. मोन कर रही थी शाइयियी सीईईईईईई ऊओमुंम्म्म बहुत अछा लग रहा है देव

मेरे डार्लिंग जिजुउउउ..... प्लज़्ज़्ज़ आज मुझे जी भरकर चोदना.... मेरी

चूत की आग ठंडी कर देना ..... जीजू तुम्हारा लंड कहा हाईईईई मुझे उसके

सहलाने दो...... ऐसा बक रही थी ज्योति. मैने ज्योती से पूछा "तुमने कर ली

हो तो उठो...." और चलो बाथ टब मे...... वो लड़खड़ाती सी खड़ी हुई और अपनी

गांद धोइ पहले पानी से फिर लिक्विड सोप से..... ... मैने बाथ टब का हॉट

वॉटर टॅप ऑन कर दिया था. ज्योति बोली यहा नही चलो पूल मे. उसने घर मे

छोटा सा अंडर रूफ पूल बनवा रखा था. पूल मे लेगया उसको और पहले पूल के

बाहर शवर से उसको नहलाया और मैने नाहया मेरा लंड फन्फना रहा था. और अपनी

पूरी जवानी के जोश से आज तो मुझे नॉर्मल साइज़ से कुछ इंच ज़्यादा ही

लंबा दिख रहा था. मैं पूल मे घुस गया और उसको पूल के किनारे बनी टॉप

पट्टी पर बैठा दिया. इससे मैं ऐसी पोज़िशन मे आ गया जहा से मैं उसकी पूरी

बॉडी एक्सप्लोर कर सकता था. मैने उसकी दोनो टांगे फैला दी और बोला'''

मेरी कबड चढ़ो ज्योति रानी तुम सामली ज़रूर हो पर बहुत सुंदर और चुदासी

हो... तुम्हारी चूत से तो किसी भट्टी की चिमनी की तरह से गर्म भाप निकल

रही है. मैं उसके मम्मे मसल रहा था और चूत और गांद के छेद के भीच मे दो

उंगलियों से मसाज भी कर रहा था" ज्योई मोन करते हुए कहने लगी " शाइयियी

मेरे जनम्म्म बहुत मज़ा आ रहा है, इस तरीका से तो किसी ने भी मुझे प्यार

नही किया.... तुम्हारी बीबी इसीलिए तुम्हारी दीवानी है और वो तुमको एक पल

के लिए भी दूर नही करना पसंद करती है" साली बहुत स्वार्थी है शादी के

पहले मेरे से अपनी चूत चटवाती थी और मज़ा लेती थी. उसने मेरे से प्रॉमिस

किया था कि वो अपनी शादी के बाद अपने पति यानी कि तुमसे मुझे भी

चुदवायेगी. शी रज्जा बहुत और करो बहुत मज़ा रहा हाईईईईईई" (ज्योति) बके

जा रही थी. दोस्तो अब आगे की कहानी ज्योती की मुँह ज़ुबानी

सुनो............. मेरे तन बदन मे आग सुलग ने लगी थी मैं देव के मस्त लंड

को पूरा का पूरा अपनी चूत मे महसूस करना चाहती थी इसके लिए मैं बरसो तदपि

थी. मेरी सुहाग रात भी बिल्कुल ठंडी ही रही थी क्योंकि मेरे पति दीपक

मेरी चूत की गर्मी सहन नही कर पाए थे और मेरी चूत मे घुसते ही झार गये

थे. उनका यह हॉल हर रात को होता था मैं चुदाई की आग मे तरस रही थी. यह तो

अछा हुआ कि मेरी भी शादी हुए अभी 2 महीने ही निकले थे. "देव मेरी

डार्लिंग मुझे जल्दी से अपने प्यारे लंड से चोदो और मुझ पर किसी प्रकार

का रहम मत करना" प्ल्ज़ मेरी प्यास भुजा दो. "आओ देव मेरे पास आओ ' देव

मेरे को पूरी ताक़त से थामे हुए था मैं हिल भी नही पा रही थी देव पूल मे

था और मैं पूल की उप्पेर वॉल पर टिकी थी इसी बीच देव ने मेरी दोनो टांगे

फैला दी और अपनी जीव का कमाल दिखाना शुरू कर दिया देव मेरी इन्नर थाइस से

चूत के बगल तक और गांद के छेद और चूत के छेद के बीच मे अपनी जीव घुमा रहा

था. देव की जीव का हर एक स्पर्श उसकी जीव की गर्मी मेरी चूत मे समाती जा

रही थी मैं जल रही थी मैने अपने हाथ से ही अपनी चूत मरोड़ना शुरू कर

दिया. और देव से कहा' हाई मेरे राजा मत तद्पाओ मेरी चूत पर तरस खाओ

उम्म्म्म शाइयियी सीईईईईईईईई मैं बहुत तदपी हू प्लज़्ज़्ज़ देव्व्व्व बाद

मे चाट लेना पहले मुझे अपने लंड से चोद दो " देव ने मेरी चूत की फाँक खोल

कर मेरी चूत मे जीव से चोदना चालू कर दिया था.. "हा देव और अंदर तक और

तेज़ी से चोदो. मेरी सहेली तो खूब गांद उठा उठा कर तुमसे अपनी चूत और

गांद चटवाती और चुदवाती है" बहुत किस्मत वाली है वो जिसको तुम्हारे जैसा

प्यार करने वाला और चोदने वाला चोदु पति मिला. प्लज़्ज़्ज़ अपनी साली को

प्यासा मत छोड़ना.. शी देव जल्दी करो और मैने देव के बाल जोरो से पकड़ कर

ना जाने कहा से मुझमे इतनी शक्ति और ताक़त आ गई कि मैने देव का मूह अपनी

चूत पर रगड़ना चालू कर दिया इधर मैं अपनी चूत भी उसके मूह पर दबा रही थी"

देव का मूह मेरी चूत और जाँघो के भीच दब गया था जिससे उसकी साँस रुक रही

थी उसने मेरी दोनो टाँगे हटा कर अपना मूह हटाया और मेरे को पूल मे खीच

लिया. पूल मे नी तक पानी था देव ने मुझे कुतिया बना दिया और पहली ही बार

मे वो मुझे डॉग्गी स्टाइल से चोद ने वाला था. मैं तो खुश हो गई क्योंकि

किसी का लंड मुझे मिस्षनरी पोज़िशन मे मेरी चूत की गहराई तक नही पहुचा

था. मेरे हज़्बेंड का लंड तो देव के लंड का आधा लंबा और पेन्सिल की तरह

पतला था और मुलायम भी था. इधर देव का लंड बिल्कुल देव जैसा लंबा चौड़ा और

नसो से भरा हुआ. देव ने मेरी गर्दन पूल की नीचे वाली सीढ़ी पर टीका दी और

मेरी एक टाँग को शवर के टॅप पर टीका कर बाँध दिया मैने पूछा ऐसा क्यों

किया जानू. देव बोला " अरी चुददो देख अभी तेरी चूत तो क्या तेरी गर्दन तक

मेरा लंड महसूस होगा तुमको" इस पोज़िशन मे मेरी चूत बिल्कुल खुल गई थी और

देव की लंबाई ज़्यादा होने के कारण आंगल उसके लंड घुसने के लिए सफिशियेंट

हो गया था ऐसे मे गहरा पेनीश्रेशन होना था देव ने मेरी इन्नर थाइस पर फिर

से लिक्क करते हुए मेरी चूत के किनारे आ गया. देव मेरी लाबिया और

क्लाइटॉरिस से नीचे पेरिनुम तक जीव से चूत मे इंग्लीश के लेटर बनाते हुए

लिक्क कर रहा था मैं तो ना जाने कितने गहरे आनंद के समुंदर मे डूब रही

थी. मेरी चूत जोरो से जूसज़ का दरिया बहा रही थी मेरी मूह से आहह और्र

सीईईईई उम्म्म्म जल्दी चोदो मत तडपाऊ की आवाज़े लगातार निकल रही थी. मेरी

कराहतों और मोनिग से देव को और आनंद आ रहा था अभी मैं इसका मज़ा ले ही

रही थी मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने बिल्कुल जलता हुआ अंगारा मेरी चूत के

मुहाने पर रख दिया हो. यह देव का फंफनता हुआ सूपड़ा था. जिसको मैं अपनी

चूत पर महसूस कर रही थी "देव मेरे ख़सम मेरे चोदु जीजू प्लज़्ज़्ज़ मैं

जल कर भस्म हो जाऊंगी इस चूत की आग मे मैं तुम्हारे पाव पड़ती हू मेरी

चूत फार्डो चोद ओ प्लज़्ज़्ज़........" देव मुस्कुराता हुआ मेरे दोनो

पॉंदों(गांद) को सहला रहा था और मेरी गांद के छेद से लेकर चूत की ऊपरी

हिस्से यानी क्लाइटॉरिस तक लंड रगड़ रहा था. तबी देव मेरे सामने आए और

उसने मेरे बॉल पकड़ कर मेरा चेहरा ऊपेर उठाया . देव ने बड़ी ही बहरहमी से

मेरे बाल खीचे हुए थे जिससे मेरा मूह दर्द के मारे खुल गया था देव ने एक

झटके मे अपना हल्लभी लॉडा मेरे मूह मे घुसेड दिया. मुझे लगा कि मेरे होंठ

साइड से फट जाएँगे और वो जोरो से लंड पेलता हुआ मेरे गले तक जा पहुचा

मेरी साँस रुकती हुई सी लगी तो एक झटके ही मे निकाल लिया. मैं हड़बड़ा गई

थी देव मेरी इस हालत पर मुसुकुरा रहा था उसने बड़े प्यार से मेरे माथे को

चूमा और फिर होंठो को चूमा और बोला ' मेरी चुदैल रानी छीनअल्ल कैसा लगा

स्वाद. मज़ा आया कि नही. वो क्या है कि जब तक औरत तडपे नही मुझे मज़ा नही

आता. इसके बाद मैं बहुत प्यार से तुमको चोदुन्गा. चॅटो मेरा लंड एक बार"

" हाई राजा मुझे मालूम था तुम ऐसा ज़रूर करोगे मैं इंतेज़ार कर रही थी इस

वक़्त का, मेरे चोदु ख़सम आओ मैं एक बार तो क्या जिंदगी भर तुम्हारा लॉडा

चूसना चाहूँगी. और मैं आइस क्रीम की तरह देव का लंड च्छुक चूक करके चूसने

लगी जिससे वो और कड़ा हो गया देव ने सेल्फ़ पर रखी क्रीम की डिब्बी उठाई

और मेरे पीछे पहुच कर फिर से मुझे उसी पोज़िशन मे कर दिया और बहुत सारी

क्रीम मेरी चूत के छेद मे भर दी और अपने लंड पर लगा ली.... "यह क्या देव

प्ल्ज़्ज़ यह नही मैं मर जाऊंगी तुम्हारा लंड घोड़े जैसा मोटा और लंबा

है" प्ल्ज़्ज़ यह नही.. देव ने मेरी गांद के छेद मे अपनी दो उंगलियों से

बहुत सारी क्रीम घुसेड दी थी और वो उसे छेद के अंदर ऐसे फैला रहा था

(चिकना कर रहा था) जैसे किसी चीज़ पर मक्खन या लोहे पर ग्रीस लगा रहा हो'

देव ने फिर से अपना लंड मेरी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे धीरे मेरी चूत

की लंबाई की डाइरेक्षन मे लंड घिसने लगा. उसका लंड बहुत कड़क और फूला हुआ

था साथ ही गरम भी बहुत था इसलिए चूत मे लगी क्रीम के साथ बहुत अछा लग रहा

था 'मैं चुदाई की चाहत मे आई-बाई बकने लगी थी..... " तभी अचानक मेरी आँखो

मे अंधेरा छा गया और मुझे मेरी चूत मे ऐसा लगा जैसे किसी ने उबलता हुआ

लावा और कोई बहुत मोटा डंडा घुसेड दिया हो..... " अयीईयी मर गैईईइ,,, रुक

जाअ साले हरामी चूदुउउउउउउउ फट गैईईई थोड़ा तो रहम कर देता मेरे ऊपरर रा

हॅयियी भगवांन्न्न् मेरी चूत फट गेयीयीयीयियी रुक जाऊ प्लज़्ज़्ज़्ज़ अब

नहियिइ निकल लो" देव रुका हुआ था और मेरे दोनो मम्मो को मसल रहा था. मेरी

पीठ पर और गर्दन पर वेट किस्सस दे रहा था मुझे इस्मै बहुत आराम मिल रहा

था. जब कुछ साँस थमी तो मैने नीचे नज़र दौड़ाई तो मेरे मूह से "हाई

भगवान.... यह-- ई--तनाअ क्खून कहा से टपक रहा है" मेरी कई बार चुदाई हो

चुकी थी पर इस दर्द के लिए मैं से हमेशा ही तड़प रही थी." " रानी चिंता

मत करो अभी तुम को यह लंड भी छोटा महसूस होगा और मज़ा भी बहुत आएगा... यह

तुम्हारी चूत मे जाम लगा हुआ था बहुत सालों से जो मेरे लंड ने खोल दिया

आज" और वो मेरे निपल्स मरोड़ ने लगा मुझे बहुत अछा लग रहा था और बहुत

धीरे धीरे अपना लंड बाहर खीच रहा था. देव ने सिर्फ़ सूपड़ा ही मेरी चूत

मैरख छोड़ा था और बाकी पूरा लंड बाहर निकाल लिया था. देव पक्का चुड़क्कड़

था उसने लंड को वोही रोक कर मेरी गांद के और चूत के दोनो तरफ दो उंगलियो

से मालिश कर रहा था जिससे मुझे बहुत आराम मिल रहा था अब मैं भी मस्ती मे

आने लगी थी क्रमशः.........

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Re: मेरी बीबी की सहेली

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 17:03

मेरी बीबी की सहेली पार्ट--5 gataank se

aage......... ' dev mere raja apni bb ke saath bhi bathroom mai ghuste

ho kya??" tum to bahut ustaad ho aurat ko bilkul chudaassi randi ki

tarah bana dete hoo???" mujhe itne saalon tak kyun tadpayaa meri choot

na jaane kitne lund ka swaad le chuki hai lekin meri choot ki pyass

nahi bhuji abhi takk. maaine uski choot se haath hatakar uske doosre

nipple aur doodh ko sehlane laga aur uski gardan mai lick karne laga

ab mai uske dono mammo ko bahut taarjeeh de raha tha aur unko circular

motion mai kabhi halka kabhu bilkul waise jaise neeboo nichodte hai

aisa nichd raha thaa. saath mai gardan se uske kaan tak aur gardan se

uske boobs tak lick bhi kar raha thaa wo comode par baithi apni

saansain bhaari karti huii. moan kar rahi thii hiiii siiiiiiii

ooomummmm bahut acha lag raha haiii dev mere darling jijuuuu.....

plzzz aaj mujhe ji bharkar chodnaaa.... meri choot ki aag thandi kar

denaaa ..... jiju tumhara lund kaha haiiiii mujhe uske sehlane

dooo...... aisa bak rahi thi jyoti. maine hyoti se poocha "tumne kar

li ho to uthoo...." aur chalo baath tub mai...... wo ladkhadati si

khadi hui aur apni gaand dhoi pehle paani se phir liquid soap se.....

... maine baath tum ka hot water tap on kar diya thaa. jyoti boli yeha

nahi chalo pool mai. usne ghar mai chota sa under roof pool banwa

rakha thaa. pool mai legaya usko aur pehle pool ke bahar shower se

usko nehlaya aur maine nahaya mera lund fanfana raha tha. aur apni

poori jawani ke josh se aaj to mujhe normal size se kuch inch jyada hi

lunba dikh raha tha. maine pool mai ghus gaya aur usko pool ke kinare

bani top patti par baitha diya. isse mai aisi position mai aa gaya

jaha se mai uski poori boodi explore kar sakta tha. maine uski dono

taangai faila di aur bola''' meri kabadan chudoo jyoti rani tum saamli

jaroor ho par bhut sunder aur chudassi hoo... tumhari choot se to kisi

bhatti ki chimani ki tarah se garm bhaap nikal rahi hai. uske mumme

masal raha thaa aur choot aur gaand ke ched ke bheech mai do ungliyon

se massage bhi kar raha thaa" jyoi moan kartey hue kehne lagi " hiiii

mere janammm bahut maja aa raha haiii, is tarika se to kisi ne bhi

mujhe pyaar nahi kiyaa.... tumhari bb isiliye tumhari diwani haii aur

wo tumko ek pal ke liye bhi door nahi karna pasand karti hai" saali

bahut swarthi hai saadi ke pehle mere se apni choot chatwati thi aur

maja leti thi. usne mere se promise kiya tha ki wo apni shaadi ke baad

apne pati yani ki tumse mujhe bhi chudwayegi. hii rajjaa bahut aur

karoo bahut maja raha haiiiiiii" mai (jyoti) bake jaa ra thi. mere tan

badan mai aag sulag ne lagi thi mai dev ke mast lund ko poora ka poora

apni choot mai mehsoos karna chahti thi iske liye mai barso tadpi thi.

meri suhag raat bhi bilkul thandi hi rahi thi kyonki mere pati deepak

meri choot ki garmi sehan nahi kar paye the aur meri choot mai ghuste

hi jhar gaye the. unka yeh hall har raat ko hota tha mai chudai ki aag

mai taras rahi thi. yeh to acha hua ki meri bhi shadi hue abhi 2

mahine hi nikle the. "dev meri darling mujhe jaldi se apne pyare lund

se chodo aur mujh par kisi prakar ka reham mat karna" plz meri pyass

bhuja do. "aao dev mere paas aao ' dev mere ko poori takat se thame

hue tha mai hil bhi nahi paa rahi hi dev pool mai tha aur main pool ki

upper wall par tiki thi isi beech dev ne meri dono taange faila di aur

apni jeev ka kamal dikhana shuru kar diya dev meri inner thighs se

choot ke bagal tak aur gaand ke ched aur choot ke chedd ke beech mai

apni jeev ghuma raha tha. dev ki jeev ka har ek spartsh uski jeev ki

garmi meri choot mai samati jaa rahi thi mai jal rahi thi maine apne

haath se hi apni choot marodna shuru kar diya. aur dev se kaha' hii

mere raja mat tadpaooo meri choot par taras khaooo ummmm hiiii

siiiiiiiiii mai bahut tarpi hooo plzzz devvvv baad mai chaat lenaa

pehle mujhe apne lund se chood dooo " dev ne meri choot ki faank khol

kar meri choot mai jeev se chodna chaloo kar diya thaaa.. "haa dev aur

ander tak aur tezi se chodo. meri saheli to khoob gaand utha utha kar

tumse apni choot aur gaand chatwati aur chudwati hai" bahut kismat

wali hai wo jisko tumhare jaisa pyar karne wala aur chodne wala chodu

pati mila. plzzz apni saali ko poyasa mat chornaa.. hii devvv jaldi

karooo aur maine dev ke bal joro se pakad kar na jane kaha se mujhme

itni shakti aur takat aa gai ki maine dev ka muh apni choot par

ragadna chaloo kar diya idar mai apni choot bhi uske muh par daba raha

tha" dev ka muh meri choot aur jhangoo ke bheech dab gaya tha jisse

uski saans rundh rahi thi usne meri dono tange hata kar apna muh

hataya aur mere ko pool mai kheech liya. pool mai knee tak paani tha

dev ne muhe kutiya bana diya aur pehli hi baar mai wo mujhe doggi

style se chod ne wala tha. mai to khus ho gai kyonki kisi ka lund

mujhe missionory position mai meri choot ki gehrai tak nahi pahucha

tha. mere husband ka lund to dev ke lund ka adha lumga aur pencil ki

tarah patla tha aur mulayam bhi tha. idhar dev ka lund bilkul dev

jaisa lumba chouda aur nasoo se bhara hua. dev ne meri gardan pool ki

neeche wali seedi par tika di aur meri ek taang ko shower ke tap par

tika kar baandh diya maine poocha aisa kyon kiya jaanu. dev bola " ari

chuddo dekh abhi teri choot to kya teri gardan tak mera lund mehsoos

hoga tumko" is position mai meri choot bilkul khul gai thi aur dev ki

lumbai jyada hone ke karan angle uske lund ghusne ke liye sufficient

ho gaya tha aise mai gehra penitration hona tha dev ne meri inner

thighs per fir se lick kiyaa artey hue meri choot ke kinare aa gaya.

dev meri labiya aur clitoris se neeche perinum tak jeev se choot mai

english ke letter banate hue lick kar raha tha mai to na jaane kitne

gehre anand ke samunder mai doob utar rahi thi. meri choot joro se

juices ka dariya baha rahi thi meri muh se aahhh aurr siiiiii ummmm

jaldii choodooo mat tadpaaooo ki awajain lagataar nikal rahi thi. meri

karahton aur moanig se dev ko aur anand aa raha tha abhi mai iska maja

le hi rahi thi mujhe aisa laga jaise kisi ne bilkul jalta hua angara

meri choot ke muhane par rakh diya hooo. yeh dev ka fanfanata hua

supada tha. jusko mai apni choot par mehsoos kar rahi thiii "dev mere

khasam mere chodu jiju plzzz mai jal kar bhasm ho jaoongi is choot ki

aag maii main tumhare paav padti hooo meri choot faardo chod ooo

plzzz........" dev muskurata hua mere dono pondon(gaand) ko sehla raha

tha aur meri gaand ke cheedh se lekar choot ki oopri hisse yani

clitoris tak lund ragad raha tha. tabi dev mere saamne aaye aur usne

mere baal pakad kar mera chera ooper uthaya . dev ne badi hi behrehmi

se mere baal kheeche hue the jisse mera muh dard ke maare khul gaya

tha dev ne ek jhatke mai apna hallabhi lauda mere muh mai ghused diya.

mujhe laga ki mere aounth side se fat jayenge aur wo joro se lund

pelta hua mere gale tak ja pahucha meri saans rukti hui si lagi to ek

jhatke hi mai nikal liya. mai hadbada gai thi dev meri is halat par

musukura raha tha uske bade pyar se mere maate ko chuma aur fir hooth

ko chuma aur bola ' meri chuddo rani chinall kaisa laga swadd. maja

aya ki nahi. wo kya hai ki jab tak aurt tadpe nahi mujhe maja nahi

aata. iske baad mai bahut pyaar se tumko chodungaa. chatogi mera lund

ek baar" " hi raja mujhe maloom tha tum aisa jaroor karoge mai

intezaar kar rahi thi is waqt ka, mere chodu khasam aao mai ek baar to

kya jindagi bhar tumhara lauda choosna chaoongi. aur mai ice cream ki

tarah dev ka lund chhuk chuk karke choosene lagi jisse wo aur kada ho

gaya dev ne self par rakhi cream ki dibbi uthai aur mere peeche pahuch

kar fir se mujhe usi position mai kar diya aur bahut saari cream meri

choot ke cheed mai bhardi aur apen lund par laga li.... "yeh kya dev

plzz yeh nahii mai mar jaoongi tumhara lund ghode jaisa mota aur lumba

hai" plzz yeh nmahiii.. dev ne meri gaand ke ched mai apni do ungliyon

se bahut saari cream ghused di thi aur wo use ched ke ander aise faila

raha tha (chikna kar raha tha) jaise kise cheech par makkhan ya lohe

par greeze laga raha ho' dev ne fir se apna lund meri choot ke muhane

par rakhaa aur dheere dheere meri choot ki lambahi ki direction mai

lund ghisne laga. uska lund bahut kadak aur phoola hua tha saath hi

garam bhi bhaut tha isliye choot mai lagi cream ke saath bahut acha

lag raha tha 'mai chudai ki chahat mai aai-bai bakne lagi thii..... "

tabhiii achanak meri aankho mai andhera cha gaya aur mujhe meri choot

mai aisa laga jaise kisi ne ubalta hua lawa aur koi bahut mota danda

ghused diya hoo..... " aiii mar gaiiiiii,,, ruk jaaa saalee haramiiii

chooduuuuuuuu fat gaiiiiiii thoda to reham kar deta mere ooparr raa

haiii bhagwaannnn meri choot fat gaiiiiiiii ruk jaoooo plzzzz ab

nahiiii nikal loooo" dev ruka hua tha aur mere dono mammo ko masal

raha thaa. Meri peeth par aur gardan par wet kisses de raha tha mujhe

ismai bahut aaram mil raha tha. jab kuch saans thami to maine neeche

nazar dudai to mere muh se "hi bhagwaan.... yehh-- i--iitnaaa kkhoon

kaha se tapak raha haii" meri kai bar chudai ho chuki thi par is dard

ke liye mai hamesha hi tadap rahi thi." " rani chinta mat karo apni

tum ko yeh lund bhi chota mehsoos hoga aur maja bhi bhuat ayegaa...

yeh tumhari choot mai jaam laga hua tha bahut saalon se jo mere lund

ne khol diya aaj" aur wo mere nipples marod ne laga mujhe bahut acha

lag raha thaa aur bahut dheere dheere apna lund bahar kheech raha tha.

dev ne sirf supada hi meri choot mairakh choda tha aur baki pora lund

bahar nikal liya tha. dev pakka chudakkad tha usne lund ko wohi rok

kar meri gaand ke aur choot ke dono taraf do ungliyo se maalish kar

raha tha jisse mujhe bahut aaram mil raha tha ab mai bhi masti mai

aane lagi thi kramashah........

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Re: मेरी बीबी की सहेली

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 17:05

मेरी बीबी की सहेली पार्ट--6

गतान्क से आगे......... " अरे चोदो मेरे राजा इस दर्द के लिए बहुत तड़प

रही हू, कई राते जागी हू.... मेरी चूत को इस तरीके से चोदो की इस चुदाई

का अहसास ज़िदगी भर रहे" देव के हाथ का मेरे शरीर पर फिसलना बहुत अछा लग

रहा था मेरे शरीर मे बहुत आग लगा रहा था... देव ने मेरे से कहा " अरी

मेरी कबाड़ी कल्लो रानी.... मैं भी तेरी इस काली कलूटी चूत का दीवाना हुआ

करता था.. मैं भी कई बार तुम्हारी चूत के नाम पर मूठ मार चुका हू" अब देव

धीरे धीरे लंड आगे पीछे करते हुए पेलने लगा था वो पूरा लंड सीधा खीचता और

जैसे स्क्रू कस रहा हो ऐसे लंड घुमा घूमाकर अंदर पेलता मेरी चूत की

दीवारे देव के लंड को कसे हुए थी अब मुझे मज़ा आने लगा था. मैने देव को

चिडाने के लिए बोला ' देव मेरे जानू तुम्हारा लंड भी कोई ख़ास नही लगा

मुझे अब तो आसानी से जा रहा है लेकिन मुझे मज़ा बहुत आ रहा है... देखो अब

जल्दी अपना लंड खाली मत कर देना...." नही तो मैं तुमको गॅंडू जीजू

बुलाऊंगीइइ.." मैने देव की मर्दानगी को तगड़ी ललकार लगा दी थी लेकिन देव

हल्का हल्का मुस्कुरा रहा था उसने अपनी स्पीड ज्यों की त्यों रखी और धीरे

से मेरे से बोला " मेरी रानी मुझे प्यार से चोदना पसंद है तुमको

ताबड़तोड़ चुदाई चाहिए क्या..... अभी मैने सिर्फ़ अपना आधा ही लंड पेला

है पूरा अभी तुम्हारी चूत मैं नही घुसा है तो तुम्हारी यह हालत है " मैं

सोच मे पड़ गई और मैने तुरंत कहा " देव मेरे प्यारे चोदु ख़सम तुम मुझे

प्यार से ही चोदो... मैं तो यूँ ही तुमको चिडाने के लिए कह रही थी" तभी

देव ने अपनी दो उंगलिया मेरे गांद के छेद मे डाल दी और गांद और चूत को एक

साथ चोदने लगा मैं दोहरे मज़े के नशे मे आ गई साथ ही मुझे जोश भी बदता जा

रहा था क्योंकि देव भी धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था और मुझे दर्द

भी हो रहा था चूत मे क्योंकि देव हर धक्के के साथ लंड कुछ इंच और अंदर

खिसक रहा था '' मैने मस्ती मे आकर अपने हाथ से अपनी गांद को फैलाया और

देव को बोला "देव आज तुम मेरी गांद भी मारना लेकिन प्यार से" "हा मेरी

रानी मैं उसी की तय्यारी कर रहा हू" देव बोला और तभी देव ने कहा ज्योति

हाथ सामने टेक एक फाइनल धक्का और जब तक मैं हाथ टेक कर तय्यार हो पाती

तभी मेरे मूह से बहुत जोरो से चीख निकल गई.. वो तो मेरा घर साउंड प्रूफ

है नही तो मोहल्ले वाले इकट्ठे हो जाते और सारा का सारा गुरु गोबिंद सिंग

वॉर्ड मेरे दरवाजे पर होता. मेरी चूत मे जलन हो रही थी इधर देव का लॉडा

मेरी बच्चे दानी को ठेले हुए था मुझे देव का लंड अपने पेट तक महसूस हो

रहा था. इधर मेरी चूत से फिर से खून की धार गिरने लगी थी जिससे पूल का

पानी लाल होना शुरू हो गया था मेरे पैर काप रहे थे मैं चाहकर भी अपने पैर

नही हिला सकती थी क्योंकि देव ने मेरे पैर बाँध दिए थे मैं कुछ देर आँख

बंद किए रही देव अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक घुसाए हुए था और वोही गोल

गोल घुमा रहा था और मेरे दूध मरोड़ रहा था मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद

कर दिया था कि मैं किस दर्द पर कराह रही हू दूध के या चूत के " मैने रोते

हुए देव से कहा जानू पेलो चोदो मेरे कू मेरी तुमने मुराद पूरी कर

दी....." "आज तुमने मुझे औरत बना दिया....... आज के बाद मैं रोज साड़ी ही

पहनुँगी ..... आज मेरी चूत को सही मर्द मिला हाई'''''' और देव ने पूरा

लंड बाहर खीचा और एक बार मे ही पूरा का पूरा फिर पेल दिया देव ऐसे ही

गहरे धक्के मार रहा था देव ने अपनी तूफ़ानी स्पीड पकड़ ली थी देव अपने

दोनो हाथो से मेरी गांद और चूत को फैलाए हुए था वो पोज़िशन ही ऐसे ली थी

उसने की उसका ज़्यादा से ज़्यादा लंड अंदर घुसेगा और डीप पेनीश्रेशन होगा

साथ ही वो मेरी चूत हाथो से फैला कर चोदे जा रहा था. अब मैं भी देव का

साथ देने लगी थी ; हा देव चोदो शाबाश मुझे भी अब मज़ा आ रहा है. यह बहुत

अछा दर्द है हा और जोरो से और जोरो से मैं देव के हर धक्के का जवाब अपनी

गांद पीछे धकेल कर दे रही थी मैं 2-3 बार पानी छोड़ चुकी थी. लेकिन मेरा

मन अभी भरा नही था देव ने मेरे पैर खोल दिए और मुझे पूल की पट्टी पर चित

लिटा दिया. उसने मेरी दोनो टाँगो को कुछ देर मसाज दिया जिससे मैं फिर से

चार्ज महसूस करने लगी और देव ने मेरी दोनो टांगे मेरे दूध तक मोडी जिससे

मेरी चूत बिल्कुल खुल गई इधर देव भी ताव मे था देव पूल मे ही रहा उसने

उसी पोज़िशन मैं एक सिंगल स्ट्रोक मैं ही पूरा का पूरा लंड पेल दिया था

और अब तोमुझे बहुत तूफ़ानी रफ़्तार से चोद रहा था. " हाई हम हूंम्म हुछ

फुक्कक फॅक फक्का पक की आवाज़े हो रही थी और मेरे मूह से भी एयेए हाअ और

जोरो से ऐसे ही चोद्ते रहो" देव तुमसे तो जो एक बार चुदवा ले फिर किसी

दूसरे के पास वो नही जा सकती" हा मेरे राजा और जोरो से आज साली चूत

कोफाड़ दो इसको.... हा राजा बहुत खुजलाती है बहुत परेशान करती है चोदो

मेरे राजा और जोरो से मैं आ रही हा और ज़ोर और अंदर डालो शाबाश हाआ.. अरे

और हिम्मत लगा और मैने पहली बार बहुत सारा पानी छोड़ा जो की देव ने मेरी

गर्दन उठाकर मेरे को निकलता हुआ दिखाया और देव फिर से अपनी स्पीड जारी

रखे था देवे मेरे मम्मे मरोड़ मरोड़ कर लाल नीले कर दिए थे देव इस्सामय

मेरे दोनो निपल्स को भी भीच रहा था मैं झरने के बाद निढाल सी होने लगी थी

तभी देव ने मुझे करवट दिला दी और फिर तिरछे मे लंड पेलने लगा मैं फिर से

मस्ती मे आ गई अब तक मेरे को चुदवाते हुए लगभग 30 मिनिट हो चुके थे लेकिन

देव झरने का नाम ही ले रहा था मैं अनगीनती बार झार चुकी थी. मेरे शरीर का

एक एक जोड़ ऐसे दुख रहा था जैसे उनमे हज़ारो सुई चूबो दी गई हो.. मैने

देव से कहा राजा प्ल्ज़ अब तुम झर जाओ "मैं तुम्हारी धार को अपनी चूत मे

महसूस करना चाहती हू" देव ने कहा अभी तो मैने चोदना शुरू किया है अभी से

बोली प्लज़्ज़्ज़ मुझे मेरी प्यास बुझाने दो ना...." मत तरपाऊ.. देव ने

कहा तो ठीक है और तभी मेरी आँखो मे फिर से अंधेरा सा छाता हुआ दिखाई दिया

और दिमाग़ जैसे सुन्न हो गया हू इस बार देव ने मुझे बिना तय्यार किए हुए

अपना सूपड़ा मेरी गांद के छेद पर रख कर थोड़ा अंदर सरका दिया था. मैं

चिल्ला पड़ी और देव से गिड़गिदने लगी प्ल्ज़ वाहा अभी नही वो भी आज ही

दूँगी पर अभी नही अभी तो मेरी चूत ही मारो" देव बहुत ही अछा आदमी है वो

जानता है औरत को कैसे खुश रखे उसने मेरी बात मान ली और मेरे को चूमते हुए

मुझे चित लिटाकर मिस्षनरी पोज़िशन मे मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चुचिया

उसकी मर्दानी छाती से रगड़ खा रही थी और देव मेरे होंठो को चूस्ते हुए

तबाद तोड़ धक्के मारे जा रहा था. इस पोज़ीशन मे देव का लंड मेरे

क्लाइटॉरिस को भी रगड़ रहा था जिससे मेरी चूत फिर से झरने को तय्यार हो

गई थी.. तभी देव ने कहा "क्यो चुड्डो रानी मेरा लावा मूह मे लोगि या अपनी

इस कल्ली कलूटी बुर मे" मैने झट से कहा " जानम मेरी यह कालू बहुत प्यासी

है इस मदारचोड़ी ने ना जाने कितने चक्को को चित किए हुए है आज इसकी जोरो

से रागड़ाई हो गई है आज इसी का पेट भर दो" हा राजा तुम बहुत आछे से

चोद्ते हो देव मेरे मम्मो को मसल रहा था और एक निपल अपने होंठो मे लेकर

भी चूस लेता था साथ ही कह रहा था " हाई रानी तुम्हारी चूत तो तुम्हरी

सहेली से भी ज़्यादा अछी है मुझे बहुत अछी लगी इसका स्वाद भी अछा है ....

और मुझे सबसे ज़्यादा जो पसंद आए वो यह कि जैसे झाँते मुझे पसंद है

बिल्कुल वैसे ही बना रखी थी" तभी देव ने अपने लंड बहुत गहरे गहरे स्ट्रोक

लगाने लगा मैं भी फिर से झाड़ने के करीब थी तो मैं देव को अपनी टाँगो मे

कसी हुई थी और देव का पूरा साथ दे रही थी एका एक देव मुझे गालियाँ देने

लगा उसको गाली देकर चोदने मे बहुत मज़ा आता है' री मदर्चोद ले और ले

भोसड़ा वाली तेरी बुर ने बहुत परेशान किया है मेरे लंड को ले अब खा जा

मदारचोड़. छिनाल्ल्ल ,,, ' हा मेरे राजा ' मैं छीनाल रंडी मदारचोड़ी....

" मैं जवाब दे रही थी क्योंकि देव झरने के बिल्कुल करीब था और वो इस जोश

मे मेरे शरीर को भी मरोड़े और निचोड़े ले रहा था तभी एक और जबरदस्त धक्का

लगा और देव ने अपना पूरा लंड मेरी बच्चे दानी की जड़ तक पेल कर वोही रुक

कर ना जाने कितनी पिचकारियाँ अपने गरम लावे की मारी होगी उसकी इन

पिचकार्रियों के साथ मैं भी झार गई....... "आईईईईईई देववव मेरे रजाअ मैं

गैईईईईईईईईईईईईईईईईईई उम्म्म्ममममममममममममममम लौउउउउउउउउउउउउउउउ" मेरी

बीबी की सहेली पार्ट--7 गतान्क से आगे......... देव मेरे ऊपेर पड़ा ऐसे

हाफ़ रहा था जैसे 100 200 किलोमेटेर की दौड़ लगा कर आया हो हम दोनो पसीने

मे भीगे हुए थे उसका लंड झरने के बाद भी मुलायम नही हुआ था वो अभी भी

मेरी चूत मे लंड पेले हुए पड़ा था और मेरे को चूम रहा था और उसने करवट

बदल कर मेरे को अपने ऊपेर कर लिया था मैं उठने वाली थी तभी उसने टोक

दिया' जानम ऐसी ग़लती मत करो... प्लज़्ज़्ज़ अभी एक और मज़ा बकाया है''''

देव के ऐसा कहने से मैं डर गई कि इतनी ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अब क्या

बकाया है " देव मुझे किस किए जा रहा था मुझे बहुत अछा लग रहा था इससे

मेरी चुदाई की थकान दूर होने लगी थी और मैं बहुत हल्का महसूस करने लगी

थी" देव ने कहा " मेरी जान मैं अभी तुम्हारी बुर मे मूतुंगा" मैं चौंक

पड़ी " क्या जीजू' क्या कह रहे हू सच मे !!!! क्या ऐसा हो सकता है!!!! "

देव बोला " क्या तुमको पसंद नही " "नही ऐसे बात नही ... दर असल ऐसा है कि

आज तक मुझे जीतनो ने भी चोदा या जीतनो ने भी मुझे बताया वो तो सभी कह रहे

थे कि बस लंड चूत मे झारा बल्कि चूत के दरवाजे पर ही झार जाता है" और बस

हो गया... तुम्हारी बीबी ने सही बताया था कि देव बहुत जबरदस्त चोद्ता है

और चुदाई के बाद असली मज़ा देता है. "मैं तय्यार हू इसके लिए.... मुझे

बताए मुझे क्या करना होगा " मैने पूछा देव कहने लगा कुछ ज़यादा नही अपनी

चूत को थोडा ढीला करो और उसने लंड अड्जस्ट करके बहुत गरमा गॅरम जेट जैसी

धार मेरी चूत मे भरने लगा मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी और मेरा पेट भी

उसकी पेशाब से फूलने लगा था उसका पेशाब मेरी चूत से बाहर भी रिसने लगा था

देव ने बहुत सारी पेशाब करी थी और पक से देव ने अपना लंड बाहर खीच लिया

और मेरी टांगे फैला दी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत मे किसी ने

फाउंटन फिट कर दिया हो इतनी जोरो से देव का पेशाब मेरी चूत से भरभर निकल

रहा था. यह तो बहुत ही अछा अनुभब था इसके बाद देव ने अपना लंड मेरे मूह

मे डाल दिया जिसको मैने चाट चाट कर सॉफ किया और देव नहाने लगा. मैने अपनी

चूत का आलम देखा तो वो सूजी फूली हुई थी और उसका मूह इंग्लीश के "ओ" के

आकार मे खुला हुआ था मेरे बूब्स पर लाल और नीले देव के दिए निशान थे. हम

दोनो ने नाहया और हम नंगे ही किचन मे गये जहा मेरी ममी सुबह बंदकपूर जाने

से पहले मेरे लिए पूरी, हलवा और रबरी छोड़ गयी थी. देव ने लगभग 500ग्राम

रबरी, 1/2 लीटर मिल्क और खूब पूरी खाई और दोनो बाते करने लगे. तो दोस्तो

कैसे लगी मेरी कहानी यह ओरिजिनल इन्सिडेंट है और भी मस्त कहानिया है आप

लोगो के लिए समय समय पर लाता रहूँगा तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज

शर्मा

समाप्त........

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