Chanchal choot चंचल चूत compleet

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raj..
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Re: Chanchal choot चंचल चूत

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 06:40

चंचल चूत पार्ट---2



गतांक से आगे........................

दोनो के दिल बोहोत ज़ोर ज़ोर से धड़क रहे थे. दोनो साइलेंट थे बॅस मूह से मस्त सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी. मेरी उंगली उसकी चूत के सुराख के अंदर थी पर पूरी अंदर नही गई थी ऐसे ही थोड़ी सी उंगली ही अंदर बहेर कर रहा था. उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गई थी. चंचल ने अपना हाथ अपनी टांगो के बीच मे डाल के मेरे लंड को अछी तरह से पकड़ लिया था और दबा रही थी. अपनी चूतड़ उछाल उछाल के मेरी उंगली का मज़ा ले रही थी. उसके मूह से आवाज़ें निकलनी शुरू हो गई थी आआहह राआआआजज़ाआा बोहोत मज़ा आ रहा है आईसीईईई हीईीईईईईई उउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और्र्ररर करूऊओ नाआआ प्लीईएआसए… आईईीीससईईई हीईईईईईई आअहह मेरी गोदी मे ऑटोमॅटिकली आगे पीछे होने लगी जैसे मेरी उंगली को चोद रही हो आआआअहह उउउहह ईईएहह

राआआआआआअजज़ाआाआआआआ बूऊऊहूऊऊऊऊवटतत मज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआआआआआआअ एयेए रहााअ है… मेरी उंगली उसकी चूत के सुराख मे अंदर बहेर और कभी उसके चूत के दाने का मसाज.. थोड़ी देर मे ही उसका बदन अकड़ने लगा और चूतड़ को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगी चूत इतनी गीली हो गई मैं समझा शाएद उसकी सूसू निकल पड़ी हो. आआहह उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊओिईईई राआजाआअ करते हुए वो शांत हो गई और उसकी पीठ मेरे सीने से लग गई.

थोड़ी देर मे जब उसकी साँस ठीक हुई और उसकी आँख खुली तो उसको कुछ होश आया. उसने देखा के मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पास मे ही तो उसने फिर से उसको पकड़ लिया और धीरे से दबा दिया. मैं ने उसको पॅसेंजर सीट पे बिठा दिया. धीरे धीरे उसे पता चला के क्या हुआ..

उसने नशीली आँखो से मुझे देखा और कहा “ हे राजा यह क्या कर दिया तुम ने यह कैसा मज़ा दे दिया तुम ने” मैं मुस्कुराते हुए बोला के मैं ने वोही किया जो तुम दोपेहेर को ऊपेर सोफे पे बैठ के कर रही थी.वो चौंक गई और बोली.. क्या मतलब, मैं क्या कर रही थी दोपेहेर को ? मैं ने बोला के जब

तुम सोफे पे बैठी थी और अपनी मस्त चूत का मसाज कर रही थी तो स्टेरकेस मे से मैं ने उसको देखा. ओह तो तुम ने देखा मुझसे वो शरमाते हुए बोली. मैं ने कहा हा और तभी सोचा के तुम्हारी चूत का मसाज करना चाहिए.वो शरारत से आँख मारते हुए हंस के बोली, सिर्फ़ मसाज या कुछ और भी ? मैं भी हंस दिया और बोला के हा सब कुछ.

इस बीच वो मेरे लंड को पकड़े हुए थी और मसाज कर रही थी. मैं ने चंचल को थोडा सा कॉर्स्स क्या और किस करने लगा. पहले तो उसको समझ नही आरहा था के किस कैसे किया जाता है पर जब मैं ने अपनी जीभ उसके मूह मे डाली तो वो मेरी जीभ को चूसने लगी तब उसको ऑटोमॅटिकली किस करना आ गया. कभी मैं उसकी जीभ को चूस्ता तो कभी वो मेरी जीभ को चूस्ति. उसकी आँखें फिर से मस्ती मे बंद होने लगी उसके बदन मे फिर से एलेक्ट्रिसिटी दौड़ने लगी. मेरे लंड का भी बुरा हाल था जोश मे हिल रहा था लोहे जैसा सख़्त हो गया था.

मैं ने चंचल को झुकाया और अपने लंड पे उसका मूह रख दिया. उसका मूह ऑटोमॅटिकली खुल गया और उसने मेरे लंड के सूपदे को अपने मूह मे ले लिया और सूपड़ा चूसने लगी. वाउ. उसका गरम गरम मूह लंड के सूपदे पे लगते ही जैसा मेरे बदन मे करेंट दौड़ने लगा और अपने चूतड़ उठा के उसके मूह मे अपने लंड को थोडा और अंदर घुसा दिया. मैं उसकी चुचिओ को दबा रहा था और मसल रहा था और चंचल मेरे लंड को चूस रही थी जैसे मज़े दार लॉली पोप चूस रही हो.

raj..
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Re: Chanchal choot चंचल चूत

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 06:40

लंड मोटा था इसी लिए पूरा उसके मूह मे नही घुस्स पा रहा था बॅस लंड का सूपड़ा और थोड़ा सा लंड ही उसके मूह मे जा रहा था. मैं उसके मूह को आधे लंड से ही चोद रहा था. वो लंड को आइस लॉलो पोप की तरह से चूस रही थी. मैं तो बोहोत देर से गरम था मेरी क्रीम मेरे बॉल्स मे बाय्ल होने लगी. मेरा बदन अकड़ने लगा और आँखें बंद हो गई और मुझे महसूस हुआ के मेरी क्रीम अब निकलने वाली है तो मैं चंचल के सर को पकड़ के अपने अपने चूतड़ उठा उठा के लंड को उसके मूह मे घुसेड दिया और से उसके मूह को तेज़ी से चोदना शुरू किया, . मेरे चूतड़ सीट से उठ गये थे और मेरे लंड मे से क्रीम का एक फव्वारा जैसा निकलने लगा. चंचल घबरा गई और लंड को मूह से निकाल रही थी के मैं ने उसके सर को ज़ोर से पकड़ के अपना लंड उसके मूह मे फिर से घुसा दिया और ज़बरदस्ती ही सही चंचल को मेरे क्रीम खानी पड़ी. जब पूरी क्रीम निकल

गई और चंचल ने खा ली तो मैने चंचल से पूछा कैसी है. उसने मुस्कुराते हुए कहा यम्मी यम्मी है. मुझे पहले से पता होता के लंड की क्रीम इतनी यम्मी होती है तो मैं तो तुम्हारे लंड की क्रीम डेली ब्रेकफास्ट मे ब्रेड पे लगा के खाती. मैं हंस दिया और बोला के कोई बात नही कल से डेली खा लेना.

थोड़ी ही देर मई मेरा बदन भी शांत हो गया पर चंचल फिर से गरम हो गई थी. अब मैं अपनी सीट छोड़ के पॅसेंजर सीट पे आ गया और चंचल को सामने डॅशबोर्ड पे उसके चूतड़ टीका के खड़ा कर दिया ऐसे के उसकी गंद डॅशबोर्ड पे थी और उसके पैर सीट पे मेरे दोनो तरफ. मैं ने चंचल की चड्डी उतार दी तो चंचल की चंचल खुली चूत कार की धीमी लाइट मे मुझे मेरे सामने नज़र आने लगी. लाल लाल चूत और छोटा सा चूत का दाना वाउ बोहुत ही चिकनी थी उसकी चूत. एक भी झाँत का बॉल नही था उसकी प्यारी चूत पे. मैं ने पूछा तो चंचल ने बताया के उसको अभी तक मेनास भी नही हुए है. उसके बढ़ते हुए बदन को देख के मैं समझ गया के अभी तक नही हुए तो बॅस कुछ ही दीनो मे हो जाएगे.

चंचल की चूत पे मैं ने किस किया तो वो बेचैन हो गई उसके मूह से बोहोत ज़ोर की सिसकार निकल गई…आआआहह और मेरे सर को पकड़ के अपनी चिकनी चूत मेरे मूह से रगड़ने लगी. उसकी चूत को मैं चाटने लगा ऊपेर से नीचे, नीचे से ऊपेर आअहह क्या स्वीट टेस्ट था उसकी ब्रांड न्यू चूत का जिसमे से थोड़ा थोड़ा जूस निकल रहा था. दोनो हाथों से उसके चूत के दोनो लिप्स को खोल के अंदर के पोर्षन पे जीभ लगाई तो वो मज़े से चिल्लाने लगी. और अपनी गंद उठा के चूत को मेरे मूह पे रगड़ने लगी. मेरा सर पकड़ा हुआ था और मेरे मूह को वो अपनी चूत से चोद रही थी. मेरे हाथ उसकी नेकेड गंद को पड़के हुए थे और मैं उसके छूतदों को दबा रहा था. आहह क्या वंडरफुल चिकने चूतड़ थे उसके.

कभी पूरी चूत को मैं अपने मूह मे ले के दाँतों से काट लेता तो वो मज़े से चिल्ला पड़ती ऊऊओिईईईईईई राआआअजजजाआा बोहोट मज़ाआ आआआअ रहााअ हाईईईईई आईसीईईई हीईीईईईईईईईई आआऐईईई और काटो राआआअजाअ यह मुझे बोहोत टंगगगगगगगगगगग कारटीईईईईईईईई हाईईईईईईईई आअहह आआईयईईईई और उसका बदन फिर से अकड़ने लगा और वो मेरा सर पकड़ के अपनी चूत मे ज़ोर से घुसाने लगी और ज़ोर ज़ोर से रगार्डने लगी उसकी आँखें बंद थी और वो मस्ती मैं आआअहह उउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकाल रही थी और सडन्ली उसकी चूत मे से मीठा मीठा रस्स निकलना शुरू हो गया और

मैं सारे का सारा रस्स पी गया.. उसकी आँखें बंद थी और उसकी गहरी चलती साँसें ठीक हो गई तब तक मेरा लंड अकड़ के जोश मे हिलने लगा था.

raj..
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Re: Chanchal choot चंचल चूत

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 06:41

चंचल को डॅश बोर्ड से नीचे उतरा तो चंचल ने मेरे खड़े हुए लंड को अपने छोटे से हाथों मे पकड़ लिया और दबाने लगी और कहा के राजा कुछ और भी तो करो ना. मैं ने कहा चंचल कही कोई प्राब्लम ना हो जाए तो वो बोली कैसी प्राब्लम .. कोई प्राब्लम नही होगी तुम कुछ करो ना प्लीज़ अब मुझ से रहा नही जाता.. मैं ने बोला के देखो चंचल कल हम पूरी तय्यारी से आते हैं और किसी और जगह चलते है. यहा तो कोई जगह हमारे लेटने के लिए ठीक नही है. उसने मेरे आकड़े हुए लंड को शरारत से हस्ते हुए और ज़ोर सी दबाते हुए कहा के इस का क्या होगा अब. . अब मेरे लंड मे से प्री कम निकल के उसके हाथ पे लगना शुरू हो गया था. चंचल ने पूछा हे राजा यह क्या है ? क्या तुम्हारी क्रीम ऐसी होती है ? मैं ने कहा नही यह तो प्री कम है यह चुदाई से पहले चूत को चिकना और स्लिपरी बनाने के लिए निकल ता है ता के लंड चूत मे आसानी से अंदर चला जाए तो वो बोली के कैसे जाएगा राजा इतना बड़ा तो है तुम्हारा लंड और मेरी चूत तो अभी बोहोत ही छोटी है. मैं ने कहा के कोशिश करते हैं धीरे धीरे डालूँगा पर फर्स्ट टाइम तो थोड़ी सी तकलीफ़ होगी पर बाद मे मज़ा ही मज़ा आएग तो उसने कहा ठीक है.

मेरा सरकम्साइज़्ड, शार्प, मोटा लोहे जैसा सख़्त लंड रॉकेट की तरह खड़ा था और चंचल मेरे लंड को पकड़ के ऊपेर नीचे करने लगी जैसे उसे पता हो के मास्टरबेट कैसे करते हैं. मुझे मज़ा आ ने लगा था. वो कार के नीचे खड़ी थी और मैं सीट पे बैठा था. मेरे पैर डोर के बहेर निकले हुए था और चंचल मेरे दोनो पैरों के बीचे मे खड़ी मास्टरबेट कर रही थी. मेरे पैर चंचल की गंद को घेरे मे लिए हुए थे और मेरे हाथ उसकी गंद पे थे और मैं उसके छूतदों को दबा रहा था और एक उंगली उसकी गंद के छेद मे घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था चंचल मेरे मोटे लंड को अपने छोटे हाथों से दबा दबा के ऊपेर नीचे कर रही थी.

चंचल को पता नही क्या सूझा के उसने अपनी चूत को मेरे लंड के सूपदे से टच करना शुरू कर दिया और मूसल जैसे लंड को अपने चूत के दोनो लिप्स के बीचे मे से ऊपेर नीचे, नीचे ऊपेर कर के रगड़ने लगी कभी कभी लंड उसकी चूत के सूराख पे टिक्क जाता तो मुझे बोहोत मज़ा आता और वो भी सिसस्स्कारी भरती. मेरे लंड को हाथो से पकड़ के चूत मे ऐसे घिस्स रही थी जैसे कोई मसाला पीस रही हो.

लंड के प्री कम से उसकी चूत भी स्लिपरी हो गई थी और कभी कभी लंड का सूपड़ा उसके चूत मे थोड़ा सा घुस जाता तो वो चौंक के पीछे को हट जाती पर फिर से आगे आके लंड को चूत से रगड़ने लगती. मेरी क्रीम अब फिर से निकलने को रेडी थी मैं ने बोला चंचल और ज़ोर से और ज़ोर से आहह बोहोत मज़ा आ रहा है ऐसे ही आहह ऊओह उसके हाथ भी जोश मे और ज़ोर ज़ोर से चलने लगे. मेरी क्रीम बॅस अब लंड के सूराख तक आ गई तो मैं ने फिर से चंचल का सर पकड़ा और उसको झुका के उसके मूह मे अपने लंड का सूपड़ा घुसेड दिया तो उसने बिना हिचक के अपना मूह खोल के लंड के सूपदे को चूसना शुरू कर दिया और फिर 4 – 5 सेकेंड्स के अंदर ही मेरे लंड मे से क्रीम का फव्वारा ( फाउंटन ) निकलने लगा और चंचल के थ्रोट मे घुस्स गया. लंड मे से क्रीम निकलती रही और वो वो सारी क्रीम निगलती रही. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे सारे बदन मे ब्लड नही मेरे लंड की क्रीम है जो निकलती ही जा रही है और ख़तम ही नही हो रही है.

चंचल ने चूस चूस के मेरे लंड मे से निकली हुई क्रीम को खाया और लंड को सॉफ किया और अपने मूह उठा के मुझे देख के मुस्कुराने लगी. मैं कार से बहेर निकल आया और चंचल को अपनी बाँहो मे जाकड़ लिया. मेरी और उसकी हाइट मे बोहोत ज़ियादा डिफरेन्स नही था तो मेरा लंड उसके पेट के नीचे के हिस्से से टच हो रहा था चूत के करीब. उसके हाथ मेरी गंद पे थे दोनो एक दूसरे से एमब्रेस होते रहे. थोड़ी देर के बाद हम कार वापस ले के घर की तरफ चल दिए. रास्ते मे मेरे हाथ चंचल की चूत का मसाज कर रहे थे तो कभी उसकी वंडरफुल चुचिओ को मसल रहे थे और उसके हाथ मे मेरा लंड था. अभी ट्रॅफिक शुरू होने से पहले ही वो झुकी और मेरे लंड को फिर से अपने मूह मे ले के चूसने लगी और दबा के बोली के राजा मैं कल तक कैसे वेट करू आज ही रात कुछ करो ना. मैं ने कहा थोड़ा सबर करो नही तो बना बनाया खेल बिगड़ जाएगा तो वो खामोश हो गई और इसी तरह हम घर को पहुँच गये.

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