Aab mera tanaa hua land Kamini kee chhotee see naajuk choot ke kareeb hichkole maar rahaa thaa.
Maine dheere se vaisleen lekar usakee choot me aur apane land par chipod lee taaki land Ghusaane me aasaanee ho.
Saaraa maamalaa set ho chukaa thaa.. Apanee kamsin saalee kee makkhan jaisee naajuk boor ko chodane kaa mera barso puraanaa khwaab pooraa hone vaalaa thaa.
Mai apane land ko haath se pakad kar usakee choot par ragadne lagaa. Kathor land kee ragad khaakar thodee hee der me Kamini kee fuddee (clitoris) kadee ho kar tan gayee.
Vo mastee me kaapane lagee aur apane chootad ko jor jor se hilaane lagee.
Bahut achchaa lag rahaa hai jeeju....... O..oo... O..ooohh ..aah bahut majaa aaaaarahaa hai... Aur ragadiye jeeju...tej tej ragadiye.... "
Vo mastee se paagal hone lagee thee aur apane hee haatho se apanee choochiyo ko masalane lagee thee.
Mujhe bhee bahut majaa aa raha thaa.
Mai bola, Mujhe bhee bahut majaa aa rahaa hai saalee. Bas aise hee saath detee raho. Aaj mai tumhe chodakar pooree aurat banaa doongaa."
Mai apanaa land vaise hee lagaataar usakee choot par ragadtaa jaa rahaa thaa.
Vo fir bolane lagee. "Haay jeeju jee....ye aapane kyaa kar diyaa......oooooh..mere poore badan me karant daud rahaa hai........meree choot ke andar aag lagee huee hai jeeju.... Ab sahaa nahee aataa... Ooooh jeeju jee... Mere achche jeeju.... Kuch keejiye na.. Mere choot kee aag bujhaa deejiye....apanaa land meree bur me ghusaa kar chodiye jeeju...please…. Jeeju...chodo meree choot ko.
Lekin Kamini, tum to kah rahee thee kee meraa land bahut motaa hai, tumhaaree boor fat jaayegee. Ab kyaa ho gayaa?"
Maine yu hee prashna kiyaa.oh jeeju, mujhe kyaa maalum thaa ki chudaaee me itanaa majaa aataa hai. Aaaaaah ab aur bardaashta nahee hotaa."
Kamini apanee kamar ko uthaa-uthaa kar patak rahee thee.
Haee jeeju..... Ooooooh... Aag lagee hai meree choot ke andar .. Ab der mat keejiye.... Ab land ghusaa kar chodiye apanee saalee ko... Ghused deejeeye apane land ko meree bur ke andar... Fat jaane deejiye isko ....kuch bhee ho jaaye magar chodiye mujhe " Kamini paagalo kee tarah badbadaane lagee thee. Mai samajh gayaa, lohaa garam hai isee samay chot karanaa theek rahegaa.
Maine apane fanafanaaye huye kathor land ko usakee choot ke chote se ched par achchee tarah set kiyaa. Usakee taango ko apane pet se sataa kar achchee tarah jakad liyaa aur ek jor daar dhakkaa maaraa.Achaanak Kamini ke gale se ek tej cheekh nikalee.
Aaaaaaaaaaaaaah. ..baap reeeeeeee... Mar gayee mai.... nikaalo jeeju..bahut dard ho raha hai....bas karo jeeju... nahee chudawaanaa hai mujhe....meree choot fat gayee jeeju... chod deejiye mujhe ab...meree jaan nikal rahee hai." Kamini dard se behaal hokar rone lagee thee.
Maine dekhaa, mere land kaa supaadaa usakee choot ko faad kar andar ghus gayaa thaa. Aur andar se khoon bhee nikal rahaa thaa.
kramashah.....................
Jija sali ka pyaar जीजा साली का प्यार compleet
Re: Jija sali ka pyaar जीजा साली का प्यार
जीजा साली का प्यार--3
गतान्क से आगे,,,
अपनी दुलारी साली को दर्द से बिलबिलाते देख कर मुझे दया तो बहुत आई लेकिन मैने सोचा अगर इस हालत मे मैं उसे छोड़ दूँगा तो वो दुबारा फिर कभी इसके लिए राज़ी नही होगी.
मैने उसे हौसला देते हुए कहा. "बस साली थोड़ा और दर्द सह लो. पहली बार चुदवाने मे दर्द तो सहना ही पड़ता है. एक बार रास्ता खुल गया तो फिर मज़ा ही मज़ा है."
मैं कामिनी को धीरज देने की कोशिश कर रहा था मगर वो दर्द से छटपटा रही थी.
मैं मर जाऊंगी जीजू... प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए...बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.. प्लीज़ जीजू...निकाल लीजिए अपना लंड", कामिनी ने गिड़गिदाते हुए अनुरोध किया.
लेकिन मेरे लिए ऐसा करना मुमकिन नही था. मेरी साली कामिनी दर्द से रोती बिलखती रही और मैं उसकी टाँगो को कस कर पकड़े हुए अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करता रहा. थोड़ी थोड़ी देर पर मैं लंड का दबाव थोड़ा बढ़ा देता था ताकि वो थोड़ा और अंदर चला जाए.
इस तरह से कामिनी तकरीबन 15 मिनट तक तड़पती रही और मैं लगातार धक्के लगाता रहा.
कुछ देर बाद मैने महसूस किया की मेरी साली का दर्द कुच्छ कम हो रहा था. दर्द के साथ साथ अब उसे मज़ा भी आने लगा था क्योकि अब वह अपने चूतड़ को बड़े ही लय-ताल मे उपर नीचे करने लगी थी.
उसके मूह से अब कराह के साथ साथ सिसकारी भी निकलने लगी थी.
मैने पूछा. "क्यो साली, अब कैसा लग रहा है? क्या दर्द कुछ कम हुआ?
हा जीजू, अब थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा है. बस धीरे धीरे धक्के लगाते रहिए. ज़्यादा अंदर मत घुसाईएगा. बहुत दुखता है." कामिनी ने हान्फ्ते हुए स्वर मे कहा.
ठीक है साली, तुम अब चिंता छोड़ दो. अब चुदाई का असली मज़ा आएगा."
मैं हौले हौले धक्के लगाता रहा. कुछ ही देर बाद कामिनी की चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी..
मेरा लंड भी अब कुछ आराम से अंदर बाहर होने लगा.
हर धक्के के साथ फॅक-फॅक की आवाज़ आनी शुरू हो गयी.
मुझे भी अब ज़्यादा मज़ा मिलने लगा था.
कामिनी भी मस्त हो कर चुदाई मे मेरा सहयोग देने लगी थी.
वो बोल रही थी, आब अच्छा लग रहा है जीजू, अब मज़ा आ रहा है.ओह जीजू.....ऐसे ही चोदते रहिए....और अंदर घुसा कर चोदिये जीजू....आ आपका लॅंड बहुत मस्त है जीजू जी.....बहुत सुख दे रहा है.
कामिनी मस्ती मे बड़बदाए जा रही थी. मुझे भी बहुत आराम मिल रहा था.
मैने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. तेज़ी से धक्के लगाने लगा. अब मेरा लगभग पूरा लंड कामिनी की चूत मे जा रहा था मैं भी मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरे मूह से मस्ती के शब्द फूटने लगे.
हाई कामिनी, मेरी प्यारी साली, मेरी जान...आज तुमने मुझ से चुदवा कर बहुत बड़ा उपकार किया है.... हा.... साली. तुम्हारी चूत बहुत टाइट है....बहुत मस्त है...तुम्हारी चूची भी बहुत कसी कसी है. ओह्ह....बहुत मज़ा आ रहा है.
गतान्क से आगे,,,
अपनी दुलारी साली को दर्द से बिलबिलाते देख कर मुझे दया तो बहुत आई लेकिन मैने सोचा अगर इस हालत मे मैं उसे छोड़ दूँगा तो वो दुबारा फिर कभी इसके लिए राज़ी नही होगी.
मैने उसे हौसला देते हुए कहा. "बस साली थोड़ा और दर्द सह लो. पहली बार चुदवाने मे दर्द तो सहना ही पड़ता है. एक बार रास्ता खुल गया तो फिर मज़ा ही मज़ा है."
मैं कामिनी को धीरज देने की कोशिश कर रहा था मगर वो दर्द से छटपटा रही थी.
मैं मर जाऊंगी जीजू... प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए...बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.. प्लीज़ जीजू...निकाल लीजिए अपना लंड", कामिनी ने गिड़गिदाते हुए अनुरोध किया.
लेकिन मेरे लिए ऐसा करना मुमकिन नही था. मेरी साली कामिनी दर्द से रोती बिलखती रही और मैं उसकी टाँगो को कस कर पकड़े हुए अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करता रहा. थोड़ी थोड़ी देर पर मैं लंड का दबाव थोड़ा बढ़ा देता था ताकि वो थोड़ा और अंदर चला जाए.
इस तरह से कामिनी तकरीबन 15 मिनट तक तड़पती रही और मैं लगातार धक्के लगाता रहा.
कुछ देर बाद मैने महसूस किया की मेरी साली का दर्द कुच्छ कम हो रहा था. दर्द के साथ साथ अब उसे मज़ा भी आने लगा था क्योकि अब वह अपने चूतड़ को बड़े ही लय-ताल मे उपर नीचे करने लगी थी.
उसके मूह से अब कराह के साथ साथ सिसकारी भी निकलने लगी थी.
मैने पूछा. "क्यो साली, अब कैसा लग रहा है? क्या दर्द कुछ कम हुआ?
हा जीजू, अब थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा है. बस धीरे धीरे धक्के लगाते रहिए. ज़्यादा अंदर मत घुसाईएगा. बहुत दुखता है." कामिनी ने हान्फ्ते हुए स्वर मे कहा.
ठीक है साली, तुम अब चिंता छोड़ दो. अब चुदाई का असली मज़ा आएगा."
मैं हौले हौले धक्के लगाता रहा. कुछ ही देर बाद कामिनी की चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी..
मेरा लंड भी अब कुछ आराम से अंदर बाहर होने लगा.
हर धक्के के साथ फॅक-फॅक की आवाज़ आनी शुरू हो गयी.
मुझे भी अब ज़्यादा मज़ा मिलने लगा था.
कामिनी भी मस्त हो कर चुदाई मे मेरा सहयोग देने लगी थी.
वो बोल रही थी, आब अच्छा लग रहा है जीजू, अब मज़ा आ रहा है.ओह जीजू.....ऐसे ही चोदते रहिए....और अंदर घुसा कर चोदिये जीजू....आ आपका लॅंड बहुत मस्त है जीजू जी.....बहुत सुख दे रहा है.
कामिनी मस्ती मे बड़बदाए जा रही थी. मुझे भी बहुत आराम मिल रहा था.
मैने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. तेज़ी से धक्के लगाने लगा. अब मेरा लगभग पूरा लंड कामिनी की चूत मे जा रहा था मैं भी मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरे मूह से मस्ती के शब्द फूटने लगे.
हाई कामिनी, मेरी प्यारी साली, मेरी जान...आज तुमने मुझ से चुदवा कर बहुत बड़ा उपकार किया है.... हा.... साली. तुम्हारी चूत बहुत टाइट है....बहुत मस्त है...तुम्हारी चूची भी बहुत कसी कसी है. ओह्ह....बहुत मज़ा आ रहा है.
Re: Jija sali ka pyaar जीजा साली का प्यार
कामिनी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदाई मे मेरी मदद कर रही थी. हम दोनो जीजा साली मस्ती की बुलंदियो को छू रहे थे.
तभी कामिनी चिल्लाई, ...जीजू... मुझे कुछ हो रहा है......आ हह....जीजू.... मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है.... ऊहह.. जीजू... मज़ा आ गया.....ह..उई.... माअं....
कामिनी अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लंड को अपनी बूर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी.
मैं समझ गया कि मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है.
वह झाड़ रही थी.
मुझ से भी अब और सहना मुश्किल हो रहा था.
मैं खूब तेज-तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा और थोड़ी ही देर मे हम जीजा साली एक साथ स्खलित हो गये.
बरसो से ईकात्ठा मेरा ढेर सारा वीर्य कामिनी की चूत मे पिचकारी की तरह निकल कर भर गया..
मैं उसके उपर लेट कर चिपक गया.
कामिनी ने मुझे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ लिया.
कुछ देर तक हम दोनो जीजा-साली ऐसे ही एक दूसरे के नंगे बदन से चिपके हान्फ्ते रहे.
जब साँसे कुछ काबू मे हुई तो कामिनी ने मेरे होटो पर एक प्यार भर चुंबन लेकर पूछा, "जीजू, आज आपने अपनी साली को वो सुख दिया है जिसके बारे मे मैं बिल्कुल अंजान थी. अब मुझे इसी तरह रोज चोदियेगा. ठीक है ना जीजू?"
मैने उसकी चूचियो को चूमते हुए जबाब दिया, "आज तुम्हे चोद्कर जो सुख मिला है वो तुम्हारी दीदी को चोद्कर कभी नही मिला..तुमने आज अपने जीजू को तृप्त कर दिया."
वह भी बड़ी खुश हुई और कहने लगी, “आप ने मुझे आज बता दिया कि औरत और मर्द का क्या संबंध होता है.”
वा मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसके रेशमी ज़ुल्फो से खेल रहा था..
कामिनी ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया.
उसके हाथो के सपर्श से फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा, फिर से मेरे मे काम वासना जागृत होने लगी.
जब फिर उफहान पर आ गया तो मैने अपनी साली से कहा पेट के बल लेट जाओ.
उसने कहा, क्यूँ जीजू?
मैने कहा, “इस बार तेरी गांद मारनी है. “
वह सकपका गयी और कहने लगी, “कल मार लेना.”
मैने कहा, “आअज सब को मार लेने दो कल पता नही में रहूं कि ना रहूं.”
यह सुनते ही उसने मेरा मूह बंद कर लिया और कहा, "आप नही रहेंगे तो मैं जीकर क्या करूँगी?"
वह पेट के बल लेट गयी. मैने उसकी चूतर के होल पर वसलीन लगाया और अपने लंड पर भी, और धीरे से उसकी नाज़ुक चूतर के होल मे डाल दिया.
तभी कामिनी चिल्लाई, ...जीजू... मुझे कुछ हो रहा है......आ हह....जीजू.... मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है.... ऊहह.. जीजू... मज़ा आ गया.....ह..उई.... माअं....
कामिनी अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लंड को अपनी बूर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी.
मैं समझ गया कि मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है.
वह झाड़ रही थी.
मुझ से भी अब और सहना मुश्किल हो रहा था.
मैं खूब तेज-तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा और थोड़ी ही देर मे हम जीजा साली एक साथ स्खलित हो गये.
बरसो से ईकात्ठा मेरा ढेर सारा वीर्य कामिनी की चूत मे पिचकारी की तरह निकल कर भर गया..
मैं उसके उपर लेट कर चिपक गया.
कामिनी ने मुझे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ लिया.
कुछ देर तक हम दोनो जीजा-साली ऐसे ही एक दूसरे के नंगे बदन से चिपके हान्फ्ते रहे.
जब साँसे कुछ काबू मे हुई तो कामिनी ने मेरे होटो पर एक प्यार भर चुंबन लेकर पूछा, "जीजू, आज आपने अपनी साली को वो सुख दिया है जिसके बारे मे मैं बिल्कुल अंजान थी. अब मुझे इसी तरह रोज चोदियेगा. ठीक है ना जीजू?"
मैने उसकी चूचियो को चूमते हुए जबाब दिया, "आज तुम्हे चोद्कर जो सुख मिला है वो तुम्हारी दीदी को चोद्कर कभी नही मिला..तुमने आज अपने जीजू को तृप्त कर दिया."
वह भी बड़ी खुश हुई और कहने लगी, “आप ने मुझे आज बता दिया कि औरत और मर्द का क्या संबंध होता है.”
वा मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसके रेशमी ज़ुल्फो से खेल रहा था..
कामिनी ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया.
उसके हाथो के सपर्श से फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा, फिर से मेरे मे काम वासना जागृत होने लगी.
जब फिर उफहान पर आ गया तो मैने अपनी साली से कहा पेट के बल लेट जाओ.
उसने कहा, क्यूँ जीजू?
मैने कहा, “इस बार तेरी गांद मारनी है. “
वह सकपका गयी और कहने लगी, “कल मार लेना.”
मैने कहा, “आअज सब को मार लेने दो कल पता नही में रहूं कि ना रहूं.”
यह सुनते ही उसने मेरा मूह बंद कर लिया और कहा, "आप नही रहेंगे तो मैं जीकर क्या करूँगी?"
वह पेट के बल लेट गयी. मैने उसकी चूतर के होल पर वसलीन लगाया और अपने लंड पर भी, और धीरे से उसकी नाज़ुक चूतर के होल मे डाल दिया.