hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!
Re: hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!
भाग 10
सागर अपने कमरे आ के बेड पे लेट जाता है। वो बहोत खुश था की प्रभा ने उसे कुछभी नहीं कहा और इस बात की जादा ख़ुशी थी की उन्होंने बाबा से कुछ नहीं कहा था।
सागर:- थैंक गॉड...!!!माँ ने बाबा से कुछ नहीं कहा...लेकिन बार बार वो ये क्यू। कह रही थी की मुझसे बात करो मैं हु ना...छोड़ ना यार...मेरे लिए तो यही बहोत है की वो गुस्सा नहीं है।
इधर प्रभा वापस आके देखती है की सागर अपने कमरे में चला गया था। वो उस तरफ बढती है लेकिन अपने आप को रोक लेती है।
प्रभा:- मुझे लगता है मैं बहोत जल्दी कर रही हु। जल्दबाजी में कुछ गलत ना हो जाय...मुझे सब्र से काम लेना होगा..मुझे पहले ये देखना होगा की वो मेरे बारे में क्या सोचता है।फिर ही आगे कदम बढ़ाना होगा।
प्रभा मन ही मन कुछ सोचती है और अपने काम में लग जाती है।
थोड़ी देर बाद सागर बाइक लेके माधवी और प्रियंका को लेने निकल जाता है।
सागर माधवी और प्रियंका को स्कूल।से ले आता है।
माधवी जैसे घर पहोचति है....आपमे कपडे चेंज करती है और बाहर आके ....
माधवी:- माँ मैं प्रियंका के घर जा रही हु....शाम तक वही रुकूँगी और रात को प्रियंका अपने यहाँ आ रही है..हमें रविवार के। लिए बहोत होमवर्क मिला है....उसकी पसंद का कुछ बना के रखना...खाना यही खाएंगे......वो किसी एक्सप्रेस के भांति एक सांस में बोल पडी....
माँ:- हा हा ठीक है मेरी माँ....ये लड़की भी ना.....
सागर ये सब सुनके बहोत खुश होता है।
सागर:- ये प्रियंका सच में बहोत चालाक है...क्या प्रोग्राम फिक्स किया है...रात को सबके सोने के बाद उससे आराम से मिल पाउँगा। शायद वो माधवी को भी बता दे...और उसे मना ले।
वो अब बेसब्री से रात का इंतज़ार कर रही था।
वो टीवी देखने लगा।
दोपहर के 3 बज रहे थे। अचानक जोरो की बारिश सुरु हो गयी। प्रभा ये देख अंदर से जल्दी में बाहर गयी और सुखाने डाले कपडे निकाल के लाने लगी। लेकिन बारिश इतनी तेज थी की कुछ ही पल में वो पूरी भीग गयी।
वो कपडे निकाल के अंदर आती है। और दरवाजे के पास रखे टेबल पर रख देती है और और अपनी साडी का पल्लू कंधे से निकाल के उससे अपना मुह पोछने लगती है। लेकिन उसकी पूरी की पूरी साडी भीग चुकी थी। ब्लाउज भी पूरा भीग चूका था। घर में वो ब्रा नहीं पहनती थी इस वजह से ब्लाउज पूरा उसके बदन से। चिपक गया था। उसकी गोरी चुचिया और काले निप्प्ल्स साफ़ दिखाई दे रहे थे। और उसका ब्लाउज भी डीप नेक था वो थोडा झुकी हुई थी जिसकी वजह से आधी चुचिया उसमे से झाँक रही थी। प्रभा अपने ही परेशानी में थी। वो इस बात से बिलकुल भी अनजान थी की सागर हॉल में बैठा टीवी देख रहा था और पिछले 3 4 मिनट से उसे।
सागर आँखे फाड़ के अपनी सेक्सी माँ को देख रहा था। बड़ी बड़ी चुचिया किसी के भी मुह में पानी आ जाय ऐसे बड़े निप्प्ल्स उफ्फ्फ्फ़ एकदम सपाट और गोरा पेट...वो किसी शहरी औरत के भांति वेल मैन्टेनेड थी।
सागर उसे ऐसे देख रहा था जैसे उसपे किसीने मोहनी वाला जादू कर दिया हो। जब प्रभा को ये अहसास होता है की सागर उसे एकटक देखे जा रहा है तो वो उसकी तरफ नजर उठा के देखती है। लेकिन सागर मदहोश हो के उसे देखे जा रहा था। प्रभा उसे अपनि तरफ ऐसे देखते गए देख थोड़ी शरमा जाती है और अपना पल्लू ठीक कर कपडे उठा के बाथरूम में चली जाती है। उनके घर में एक ही कॉमन बाथरूम था। गाँव में अक्सर ऐसाही रहता है।
प्रभा अंदर जाती है और बाथरूम बंद कर लेती है। वो जोर जोर से साँसे ले रही थी। ऐसा कुछ वो पहली बार महसूस कर रही थी। जब वो थोडा संभल जाती है तो अपने कपडे उतार देती है। लेकिन ये क्या वो जल्दी जल्दी में सूखे कपडे तो लाना ही भूल गयी थी। वो अपन आप को कोसती हुई वहा पड़ा एक टॉवल लपेट लेती है।*
जैसेही बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज आती है सागर उस तरफ मुड़। के देखता है। टॉवल में खुद को लपेटे हुए प्रभा को देखता है...उफ्फ्फ क्या क़यामत लग रही थी वो। लेकिन ये दृश्य सागर जादा देर नहीं देख पाता...क्यू की प्रभा झट से अपने कमरे में जा के दरवाजा अंदर से बंद कर लेती है।
प्रभा:- उफ्फ्फ्फ़ ये क्या हो रहा है मुझे?? किसी कुवारी लड़की की तरह क्यू पेश आ रही हु मैं?? उम्म्म लेकिन सागर को देखा...कैसे मेरा बदन घूरे जा रहा था। हाय रे उम्म्म्म काश की उसके मन में कुछ हलचल हुई हो...अरे हा यार...ये तरीका सही है...उसे ऐसेही अपना बदन दिखा दिखा के दीवाना बना देती हु...फिर खुद ही चलके आएगा मेरे पास...हा सच में ये तरकीब जरूर काम करेगी...और फिर वो अपनी अलमारी से साड़ी ब्लाउज निकल लेती है।
इधर सागर का लंड ये सब देख के अपने उफान पर था। प्रभा जैसेही अंदर जाती है...वो उठ के पहले तो बाहर का दरवाजा बंद कर देता है और फिर चुपके से कल वाली खिड़की के पास जाके अंदर देखने की कोशिस करता है।उसका नसिब जोरो पर था। खिड़की आज भी थोड़ी खुली हुई थी।प्रभा बेड के थोडा साइड में होने से सागर को ठीक से दिखाई नहीं पड़ता...वो थोड़ी खिड़की साइड में जाता है...अब उसे प्रभा का पिछला हिस्सा साफ दिखाई दे रहा था। प्रभा वही खड़ी थी। वो अलमारी से अपनी साडी और ब्लाउज निकाल चुकी थी। प्रभा लपेटा हुआ टॉवल निकाल फेकती है।
यहाँ सागर का दिल की धड़कन किसी ट्रेन जैसे दौड़ रही थी।उसके माँ की नंगी गांड उसके आँखों के सामने थी। उफ्फ्फ्फ़ क्या मांसल गांड थी उसकी।
सागर:- वाओ उफ्फ्फ क्या फिगर है माँ का स्स्स्स्स् उम्म्म और वो गांड की दरार उफ्फ्फ्फ़ जी कर रहा है अभी जाके उस दरार में लंड डाल दू। अह्ह्ह्ह स्स्स्स मेरा लंड तो फूल टाइट हो गया यार...
सागर अपना लंड बाहर निकाल के हिलाने लगता है।
प्रभा ब्लाउज पहन चूक थी।अब वो अपना पेटीकोट पहनने के लिए लेती है लेकिन उसका नाड़ा नहीं होता वो थोडा निचे झुक के ड्रावर से नाड़ा लेती है। उसे वो ढूंढने में थोडा टाइम लगता है...
इधर सागर की हलक सुख चुकी थी क्यू की सामने का नजारा किसी जन्नत से कम नहीं था।
निचे झुकने से प्रभा की गांड का छेद और चूत का छेद साफ दिखाई देने लगे थे। सागर ये देख के पागल सा हो जाता है।
सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म स्स्स्स ऐसी चूत और गांड तो मैंने किसी पोर्न मूवी में भी नहीं देखि किसी मॉडल की अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् मेरा तो पानी निकलने वाला है अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्*
सागर खुद को कण्ट्रोल करने की कोशिस करता है मगर नहीं कर पाता...और फच फच करके अपने लंड का पानी वही निकालने लगता है।
जब तक उसे खयाल आता है की उसने क्या किया है तब तक बहोत देर हो गयी थी। वो अपना लंड पैंट में वापस डालता है और रुमाल से वहा गिरा पानी साफ़ करने लगता है लेकिन जल्दी जल्दी में ठीक से साफ़ नहीं कर पता। वो देखता है की प्रभा ने साड़ी पहन ली है। वो अपने कमरे में चला जाता है। जैसे वो वहा से हटता है प्रभा को कुछ हलचल सी महसूस होती है...वो बाहर आके देखती है तो वहा कोई नहीं रहता..
प्रभा:- उफ्फ्फ ये खिड़की खुल्ली थी। कही सागर यहाँ से मुझे...वो इधर उधर देखती है...उसे सागर का वीर्य दीखता है...वो उसे उंगलीपे लेती है...उसको नाक से सूँघती है..
प्रभा:- अह्ह्ह ये तो वीर्य है...जरूर सागर ने यहाँ अपना पानी निकाला है...मतलब वो मुझे देख रहा था स्स्स्स्स् उम्म्म लगता है मेरा काम जल्दी ही बन जाएगा....जरा चाट के तो देखु स्वाद कैसा है? ...वो उंगली मुह में लेके चूसती है....अपनी आँखे बंद करती है...अह्ह्ह क्या स्वाद है उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स अभी तो इससे काम चला लेती हु...पर जल्द ही सीधा लंड को मुह लगा के पियूंगी.....
अपने ही खयालो में खोई प्रभा बारिश में भीगे हुए कपडे घर के आँगन में सुखाने के लिए डालने निकल पड़ती है।
सागर अपने कमरे आ के बेड पे लेट जाता है। वो बहोत खुश था की प्रभा ने उसे कुछभी नहीं कहा और इस बात की जादा ख़ुशी थी की उन्होंने बाबा से कुछ नहीं कहा था।
सागर:- थैंक गॉड...!!!माँ ने बाबा से कुछ नहीं कहा...लेकिन बार बार वो ये क्यू। कह रही थी की मुझसे बात करो मैं हु ना...छोड़ ना यार...मेरे लिए तो यही बहोत है की वो गुस्सा नहीं है।
इधर प्रभा वापस आके देखती है की सागर अपने कमरे में चला गया था। वो उस तरफ बढती है लेकिन अपने आप को रोक लेती है।
प्रभा:- मुझे लगता है मैं बहोत जल्दी कर रही हु। जल्दबाजी में कुछ गलत ना हो जाय...मुझे सब्र से काम लेना होगा..मुझे पहले ये देखना होगा की वो मेरे बारे में क्या सोचता है।फिर ही आगे कदम बढ़ाना होगा।
प्रभा मन ही मन कुछ सोचती है और अपने काम में लग जाती है।
थोड़ी देर बाद सागर बाइक लेके माधवी और प्रियंका को लेने निकल जाता है।
सागर माधवी और प्रियंका को स्कूल।से ले आता है।
माधवी जैसे घर पहोचति है....आपमे कपडे चेंज करती है और बाहर आके ....
माधवी:- माँ मैं प्रियंका के घर जा रही हु....शाम तक वही रुकूँगी और रात को प्रियंका अपने यहाँ आ रही है..हमें रविवार के। लिए बहोत होमवर्क मिला है....उसकी पसंद का कुछ बना के रखना...खाना यही खाएंगे......वो किसी एक्सप्रेस के भांति एक सांस में बोल पडी....
माँ:- हा हा ठीक है मेरी माँ....ये लड़की भी ना.....
सागर ये सब सुनके बहोत खुश होता है।
सागर:- ये प्रियंका सच में बहोत चालाक है...क्या प्रोग्राम फिक्स किया है...रात को सबके सोने के बाद उससे आराम से मिल पाउँगा। शायद वो माधवी को भी बता दे...और उसे मना ले।
वो अब बेसब्री से रात का इंतज़ार कर रही था।
वो टीवी देखने लगा।
दोपहर के 3 बज रहे थे। अचानक जोरो की बारिश सुरु हो गयी। प्रभा ये देख अंदर से जल्दी में बाहर गयी और सुखाने डाले कपडे निकाल के लाने लगी। लेकिन बारिश इतनी तेज थी की कुछ ही पल में वो पूरी भीग गयी।
वो कपडे निकाल के अंदर आती है। और दरवाजे के पास रखे टेबल पर रख देती है और और अपनी साडी का पल्लू कंधे से निकाल के उससे अपना मुह पोछने लगती है। लेकिन उसकी पूरी की पूरी साडी भीग चुकी थी। ब्लाउज भी पूरा भीग चूका था। घर में वो ब्रा नहीं पहनती थी इस वजह से ब्लाउज पूरा उसके बदन से। चिपक गया था। उसकी गोरी चुचिया और काले निप्प्ल्स साफ़ दिखाई दे रहे थे। और उसका ब्लाउज भी डीप नेक था वो थोडा झुकी हुई थी जिसकी वजह से आधी चुचिया उसमे से झाँक रही थी। प्रभा अपने ही परेशानी में थी। वो इस बात से बिलकुल भी अनजान थी की सागर हॉल में बैठा टीवी देख रहा था और पिछले 3 4 मिनट से उसे।
सागर आँखे फाड़ के अपनी सेक्सी माँ को देख रहा था। बड़ी बड़ी चुचिया किसी के भी मुह में पानी आ जाय ऐसे बड़े निप्प्ल्स उफ्फ्फ्फ़ एकदम सपाट और गोरा पेट...वो किसी शहरी औरत के भांति वेल मैन्टेनेड थी।
सागर उसे ऐसे देख रहा था जैसे उसपे किसीने मोहनी वाला जादू कर दिया हो। जब प्रभा को ये अहसास होता है की सागर उसे एकटक देखे जा रहा है तो वो उसकी तरफ नजर उठा के देखती है। लेकिन सागर मदहोश हो के उसे देखे जा रहा था। प्रभा उसे अपनि तरफ ऐसे देखते गए देख थोड़ी शरमा जाती है और अपना पल्लू ठीक कर कपडे उठा के बाथरूम में चली जाती है। उनके घर में एक ही कॉमन बाथरूम था। गाँव में अक्सर ऐसाही रहता है।
प्रभा अंदर जाती है और बाथरूम बंद कर लेती है। वो जोर जोर से साँसे ले रही थी। ऐसा कुछ वो पहली बार महसूस कर रही थी। जब वो थोडा संभल जाती है तो अपने कपडे उतार देती है। लेकिन ये क्या वो जल्दी जल्दी में सूखे कपडे तो लाना ही भूल गयी थी। वो अपन आप को कोसती हुई वहा पड़ा एक टॉवल लपेट लेती है।*
जैसेही बाथरूम का दरवाजा खुलने की आवाज आती है सागर उस तरफ मुड़। के देखता है। टॉवल में खुद को लपेटे हुए प्रभा को देखता है...उफ्फ्फ क्या क़यामत लग रही थी वो। लेकिन ये दृश्य सागर जादा देर नहीं देख पाता...क्यू की प्रभा झट से अपने कमरे में जा के दरवाजा अंदर से बंद कर लेती है।
प्रभा:- उफ्फ्फ्फ़ ये क्या हो रहा है मुझे?? किसी कुवारी लड़की की तरह क्यू पेश आ रही हु मैं?? उम्म्म लेकिन सागर को देखा...कैसे मेरा बदन घूरे जा रहा था। हाय रे उम्म्म्म काश की उसके मन में कुछ हलचल हुई हो...अरे हा यार...ये तरीका सही है...उसे ऐसेही अपना बदन दिखा दिखा के दीवाना बना देती हु...फिर खुद ही चलके आएगा मेरे पास...हा सच में ये तरकीब जरूर काम करेगी...और फिर वो अपनी अलमारी से साड़ी ब्लाउज निकल लेती है।
इधर सागर का लंड ये सब देख के अपने उफान पर था। प्रभा जैसेही अंदर जाती है...वो उठ के पहले तो बाहर का दरवाजा बंद कर देता है और फिर चुपके से कल वाली खिड़की के पास जाके अंदर देखने की कोशिस करता है।उसका नसिब जोरो पर था। खिड़की आज भी थोड़ी खुली हुई थी।प्रभा बेड के थोडा साइड में होने से सागर को ठीक से दिखाई नहीं पड़ता...वो थोड़ी खिड़की साइड में जाता है...अब उसे प्रभा का पिछला हिस्सा साफ दिखाई दे रहा था। प्रभा वही खड़ी थी। वो अलमारी से अपनी साडी और ब्लाउज निकाल चुकी थी। प्रभा लपेटा हुआ टॉवल निकाल फेकती है।
यहाँ सागर का दिल की धड़कन किसी ट्रेन जैसे दौड़ रही थी।उसके माँ की नंगी गांड उसके आँखों के सामने थी। उफ्फ्फ्फ़ क्या मांसल गांड थी उसकी।
सागर:- वाओ उफ्फ्फ क्या फिगर है माँ का स्स्स्स्स् उम्म्म और वो गांड की दरार उफ्फ्फ्फ़ जी कर रहा है अभी जाके उस दरार में लंड डाल दू। अह्ह्ह्ह स्स्स्स मेरा लंड तो फूल टाइट हो गया यार...
सागर अपना लंड बाहर निकाल के हिलाने लगता है।
प्रभा ब्लाउज पहन चूक थी।अब वो अपना पेटीकोट पहनने के लिए लेती है लेकिन उसका नाड़ा नहीं होता वो थोडा निचे झुक के ड्रावर से नाड़ा लेती है। उसे वो ढूंढने में थोडा टाइम लगता है...
इधर सागर की हलक सुख चुकी थी क्यू की सामने का नजारा किसी जन्नत से कम नहीं था।
निचे झुकने से प्रभा की गांड का छेद और चूत का छेद साफ दिखाई देने लगे थे। सागर ये देख के पागल सा हो जाता है।
सागर:- अह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म स्स्स्स ऐसी चूत और गांड तो मैंने किसी पोर्न मूवी में भी नहीं देखि किसी मॉडल की अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् मेरा तो पानी निकलने वाला है अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स्*
सागर खुद को कण्ट्रोल करने की कोशिस करता है मगर नहीं कर पाता...और फच फच करके अपने लंड का पानी वही निकालने लगता है।
जब तक उसे खयाल आता है की उसने क्या किया है तब तक बहोत देर हो गयी थी। वो अपना लंड पैंट में वापस डालता है और रुमाल से वहा गिरा पानी साफ़ करने लगता है लेकिन जल्दी जल्दी में ठीक से साफ़ नहीं कर पता। वो देखता है की प्रभा ने साड़ी पहन ली है। वो अपने कमरे में चला जाता है। जैसे वो वहा से हटता है प्रभा को कुछ हलचल सी महसूस होती है...वो बाहर आके देखती है तो वहा कोई नहीं रहता..
प्रभा:- उफ्फ्फ ये खिड़की खुल्ली थी। कही सागर यहाँ से मुझे...वो इधर उधर देखती है...उसे सागर का वीर्य दीखता है...वो उसे उंगलीपे लेती है...उसको नाक से सूँघती है..
प्रभा:- अह्ह्ह ये तो वीर्य है...जरूर सागर ने यहाँ अपना पानी निकाला है...मतलब वो मुझे देख रहा था स्स्स्स्स् उम्म्म लगता है मेरा काम जल्दी ही बन जाएगा....जरा चाट के तो देखु स्वाद कैसा है? ...वो उंगली मुह में लेके चूसती है....अपनी आँखे बंद करती है...अह्ह्ह क्या स्वाद है उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स अभी तो इससे काम चला लेती हु...पर जल्द ही सीधा लंड को मुह लगा के पियूंगी.....
अपने ही खयालो में खोई प्रभा बारिश में भीगे हुए कपडे घर के आँगन में सुखाने के लिए डालने निकल पड़ती है।
Re: hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!
भाग 11
सागर अपने कमरे में अपने बिस्तर पे लेटा किसी स्वर्ग की अनुभूति कर रहा था। इतने जोरदार तरीके से झड़ने के बाद वो ऐसी अवस्था में था जैसे उसने कोई नशा किया हो।
सागर:- उफ्फ्फ मजा आ गया....मेरा इस बार यहाँ रुकना सफल हो गया...चाची को चोदने मिला...माँ के सेक्सी बदन के दर्शन और ऊपर से बोनस प्रियंका...आज रात उसके भी मजे लूटूँगा। चलो अभी सो लेता हु रात को जागना जो है।
वासना के नशे में लिप्त सागर जल्द ही नींद के आगोश में समां जाता है।
रात को प्रियंका और माधवी घर आते है। सब मिलके खाना खाते है। सागर बहोत सावधान था। प्रियंका उसे इशारे कर रही थी पर वो चुप था। क्यू की उसे पता था की प्रभा की नजर उसपे जरूर होगी। खाना खत्म हो जाने के बाद सब मिलके थोड़ी देर टीवी देखा। बारिश बंद हो गयी थी मगर मौसम को बहोत ही सुहाना कर चुकी थी। ऐसे भीगे मौसम में बहोत से अरमान प्रभा सागर और प्रियंका के मन में मचल रहे थे।
*रात के दस बज गए थे। सब अपने अपने कमरे में सोने चले गए थे। सागर ने प्रियंका को छुप के से ये बता दिया था की वो 12 के बाद उनके कमरे में आएगा। सागर अपने कमरे में कोई किताब पढ़ रहा था और 12 बजने का इंतजार कर रहा था। प्रियंका और माधवी अपनी पढाई में लगे थे। माधवी प्रियंका को कुछ समझा रही थी पर उसका मन तो कही और ही था।
*इधर प्रभा और जसवंत मौसम का मजा लेने में लगे थे। जसवंत *प्रभा से किया वादा निभा रहा था। आज वो प्रभा की चुदाई के मुड़ में था। प्रभा भी आज बहोत मुड़ में थी। उसकी प्यास आज कई गुना बढ़ गयी थी।
प्रभा और जसवंत दोनों नंगे हो के एकदूसरे के जिस्म से खेल रहे थे। जसवंत प्रभा की चुचिया दबा रहा था चूस रहा था। प्रभा भी उसका साथ दे रही थी। जसवंत को पता था प्रभा को चूत चटवाना बहोत पसंद था। वो उसी काम में लग गया।
जसवंत ने प्रभा की टांगो को घुटनो से मोड़ के फैला दिए और वो उसकी चूत में जुबान फिराने लगा। जसवंत कभी उसकी चूत की फाको को मुह लेके खिचता तो कभी चूत के दाने को हलके हलके काटता...प्रभा तो जैसे सातवे आसमान में थी।*
जसवंत:- अह्ह्ह्ह प्रभा उम्म्म तुम्हारे चूत का स्वाद आज भी वैसा ही है ....स्स्स्स और उतनी ही टाइट है
प्रभा:- अह्ह्ह स्स्स्स्स् आपको मेरी टाइट चूत पसंद है इसीलिए तो मैंने अपने दोनों बच्चे के वक़्त सिजर करवाया था ताकि मेरी चुतबकि कसावट बनी रहे अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म अब बस भी करो डाल दो अपना लंड मेरी चूत में अह्ह्ह्ह्ह्ह कितने दिनों बाद लंड मिलने वाला है उसे अह्ह्ह्ह
जसवंत:- हां मेरी रानी अह्ह्ह मेरा लंड भी तैयार है अब अह्ह्ह्ह*
जसवंत प्रभा की चूत पे लंड रखता है और एक ही झटके में पूरा अंदर पेल देता है। प्रभा को उसके लंड की आदत थी। और इतना बड़ा भी नहीं था वो उसे आराम से अंदर ले लेती है। अब जसवंत अपना लंड प्रभा की चूत में अंदर बाहर कर रहा था। हमेशा जसवंत का चोदना एन्जॉय करनेवाली प्रभा का मुड़ आज कुछ और ही था। वो चुदवा तो अपने पति से रही थी पर इसका ध्यान पूरा अपने बेटे के लंड पे था।*
प्रभा:-(मन ही मन) अह्ह्ह्ह उम्म्म्म काश अभी इनकी जगह सागर का लंड मेरी चूत में होता स्सस्सस्सस उसका मोटा लंबा लंड स्सस्सस्स और उसके दमदार झटके अह्ह्ह्ह स्स्स्स अभी तो इनके झटको में भी पहले जैसा दम नही रहा।*
जसवंत लगातार प्रभा की चूत चोद रहा था। छप छप चप चप की आवाज निकल।रही थी।*
जसवंत:-अह्ह्ह्ह प्रभा उम्म्म्म्म्म कैसा लग रहा है? अह्ह्ह्ह मजा आ रहा है न?? उफ्फ्फ्फ्फ्फ
प्रभा:- हा अह्ह्ह्ह और जोर से चोदो ना अह्ह्ह्ह्ह और आआ र जोर से उफ्फ्फ्फ्फ्फ डालो और अंदर उफ्फ्फ्फ्फ़ फाड़ दो मेरी चूत को स्स्स्स्स्स्स्स
प्रभा ये सब सागर के बारे में सोच के बोल रही थी। असलियत में उसे कुछ ख़ास मजा नहीं आ रहा था।
जसवंत:- अह्ह्ह्ह उम्म्म प्रभा उफ्फ्फ्फ़ मेरा होने वाला है अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स
प्रभा:- उम्म्म्म स्स्स्स अह्ह्ह हा चोदो न अह्ह्ह स्स्स्स डाल दो अपना पानी मेरी चूत में स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह
जसवंत 8 10 धक्को के बाद झड़ने लगता है। वैसे प्रभा भी झड़ चुकी थी लेकिन उसे वो मजा नहीं आया था जो वो हमेशा महसूस करती है। या फिर उसकी प्यास कुछ जादा ही बढ़ गयी थी।
जसवंत प्रभा के बाजू में लेट जाता है। प्रभा भी वैसेही पड़ी थी।
जसवंत:- क्या बात है प्रभा??आज तुम्हे मजा नहीं आया क्या??
प्रभा:- बहोत मजा आया...ऐसा क्यू पूछ रहे हो??
जसवंत:- क्यू की झड़ने के बाद तुम मेरे लंड का रस चाटने के लिए टूट पड़ती हो उसपे लेकिन आज....
प्रभा:- अह्ह्ह्ह वो तो मैं अब थोड़ी देर बाद चाटने वाली हु... क्यू की एक बार और चुदना है मुझे अह्ह्ह्ह
जसवंत:- ओह्ह्ह ये बात है....तो हो जाओ सुरु...
प्रभा उठती है और जसवंत का लंड चाटने लगती है। थोड़ी देर बाद जसवंत का लंड फिर से खड़ा हो जाता है। प्रभा उसपे बैठ के उसे अपनी चूत में अंदर बाहर करती है।
प्रभा:-मन ही मन....क्या हो गया है मुझे?? जिस लंड से इतने साल मैं अपनी चूत की खुजली मिटाती आयी हु...आज मुझे उससे चुदने में बिलकुल भी मजा नहीं आ रहा...उल्टा मेरी चूत की आग और बढ़ रही है।
प्रभा जसवंत को कहती है की वो ऊपर आके उसे पहले की तरह चोदे। जसवंत उसे फिरसे अपने निचे लिटा के चोदने लगता है।प्रभा भी अब बहोत कोशिश के बाद सागर के बारे में सोचना छोड़ चुदाई का मजा लेने लगती है। 10 15 मिनट की चुदाई के बाद दोनों झड़ जाते है। और अपने कपडे पहन के सो जाते है। कुछ ही पलो में वो गहरी नींद में सो जाते है।
यहाँ सागर के लिए एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा था। प्रियंका को पहली बार अकेले मिलने के ख़याल से ही वो बहोत उत्तेजित था। एक दो बार तो उसने सोचा की अभी चला जाय लेकिन पकडे जाने के डर से उसने खुद को रोक लिया। आखिर उससे रहा नहीं गया...11.30 के करीब वो अपने कमरे से बाहर निकला। उसने प्रभा के कमरे का जायजा लिया वो सो रहे थे। फिर धीरे से वो माधवी के कमरे की और बढ़ा। उसने दरवाजा धीरे धकेला...वो खुला था। सागर दबे पाँव से अंदर गया प्रियंका उसका इन्तजार कर रही थी। कमरे में एक छोटे बल्ब की रौशनी थी। उसे देख के प्रियंका भी धीरे से बेड से उठ जाती है। सागर उसके पास जाता है। माधवी सो रही थी। वो एकदूसरे को देखते है। प्रियंका उसे देख मुस्कुरा रही थी। सागर उसके करीब जाता है उसका हाथ अपने हाथो में लेता है उसे अपने इतने करीब पाके प्रियंका शरमा के निचे देखने लगती है। सागर उसकी चीन को पकड़ के उसका चेहरा ऊपर उठाता है और उसकी आँखों में देखते हुए अपने होठ उसके होठो के करीब ले जाता है।लेकिन प्रियंका अपना चेहरा दूसरी तरफ करके उसे पीछे धकेल देती है। और इशारे से कहती है क्या है?? पागल हो गए हो क्या??
सागर फिर से उसके करीब जाता है।
सागर:- (धीरे से) क्या हुआ??
प्रियंका:- क्या कर रहे हो...माधवी जाग जायेगी ...
सागर:-तो मेरे कमरे में चलो...
प्रियंका:- अरे पागल हो क्या? माधवी मुझे यहाँ नहीं देखेगी तो चिल्लाना सुरुबकर देगी। पुरे घर को जगा देगी। यहाँ कमसे कम जाग भी गयी तो हम उसके हाथ पैर जोड़ के मना तो लेंगे।
सागर:- क्यू तुमने उसे बताया नहीं क्या??
प्रियंका:- नहीं...उसे मैं अपने तरीके से धीरे धीरे बताउंगी...
सागर:- ठीक है....बातो बातो में सागर उसे कब कमर से पकड़ के अपनी और खीच लेता है प्रियंका को पता भी नहीं चलता। जब उसे अहसास होता है तो वो उससे छुटने की कोशिश करती है। लेकिन सागर उसे और कस के जकड लेता है।
प्रियंका:- छोडो ना प्लीज...
सागर:- अरे यार क्या कर रही हो?? अब क्या मैं तुम्हे एक बार गले भी नहीं लगा सकता??
ये सुनके प्रियंका चुप हो जाती है और सागर की आँखों में देखने लगती है।
प्रियंका:- सागर...
सागर:- हा बोलो...सागर भी उसकी आँखों में देखते हुए कहता है।
प्रियंका:- सागर...i love you...
सागर :- ओह्ह्ह प्रियंका...i love you too....
और उसे कसके अपने सीने से लगा लेता है। प्रियंका भी उससे चिपक जाती है। कुछ देर तक वो दोनों एकदूसरे की बाहो में बाहे डाले वैसेही खड़े रहते है।
प्रियंका की चुचियो का दबाओ सागर अपने सीने पे महसूस कर रहा था। एक कमसिन कली उसकी बाहो में थी। उत्तेजित तो वो पहले से ही था। प्रियंका को भी उसके लंड का आभास हो रहा था। प्रियंका की हाइट सागर से कम थी। सागर का लंड प्रियंका के चूत के ऊपर वाले पेट के हिस्से से सटा हुआ था।आज पहली बार कोई मर्द उसे इसतरह से छु रहा था। उसकी साँसे तेज होने लगी थी। तेज चलती साँसों की वजह से प्रियंका की चुचियो का दबाओ सागर के सीने पे पड़ रहा था। इससे सागर की बेचैनी और भी बढ़ रही थी। वो अपना लंड का दबाओ धीरे से प्रियंका के पेट पे और बढ़ाता है।
इससे पहले की वो आगे कुछ बोल पाते या कर पाते माधवी थोड़ी हलचल करती है। इससे दोनों डर जाते है। वो देखते है की माधवी अभी भी सो रही थी तब उनकी जान में जान आती है।
प्रियंका:- सागर तुम जाओ...माधवी जग गयी न तो प्रॉब्लम हों जायेगी।
सागर:- अरे कुछ नहीं होगा....वो इधर उधर देखता है।
वो वहा माधवी के स्टडी टेबल *के साइड में बैठते है...वो जग भी गयी तो तुम चेयर पे बैठ जाना और मैं तुम्हारे पीछे छुप जाऊँगा।
प्रियंका को ये आईडिया पसंद आता है। वो स्टडी टेबल के साइड में जाके निचे जमीन पे बैठ जाते है। और दीवार से अपनी पीठ सटा देते है।
सागर अपना एक हाथ प्रियंका के गर्दन के निचे ले जाके उसके दूसरे कंधे पे रख देता है।और दूसरे हाथ से प्रियंका का हाथ अपने हाथो में ले लेता है और अपनी उंगलिया उसकी उंगलियो में फसा देता है।प्रियंका अपना सर उसके कंधे पे रखती है और दूसरा हाथ सागर के हाथ पे रख के उसे धीरे धीरे सहलाने लगती है।प्रियंका का हाथ निचे से होता है। सागर उसे अपनी जांघो पे लंड से थोड़ी दूर रख देता है और धीरे धीरे दूसरे हाथ से उसका कन्धा सहलाने लगता है।
प्रियंका:- ओह्ह सागर मुझे यकीन नहीं हो रहा की आज मेरा सपना सच हो गया है...
सागर:- अरे यकीन तो मुझे अपनी किस्मत पे नहीं हो रहा *तुम्हारी जैसी इतनी खूबसूरत लड़की मुझसे प्यार करती है।
प्रियंका:- कुछ भी..तुम्हारे सामने मैं कुछ भी नहीं...झल्ली लगती हु..
सागर:- पागल हो तुम..मेरे सामने तुम झल्ली नहीं मैं लल्लू लगता हु...
प्रियंका ये सुनके थोडा टर्न होती है और एक प्यार भरा चाटा सागर के गाल पे मारती..प्रियंका के टर्न होने से सागर का हाथ उसकी पीठ पे आ जाता है।
प्रियंका:- चुप करो...मेरे सागर के बारे में ऐसा मत बोलो...वर्ना बहोत पिटोगे..मेरा सागर बहोत हैंडसम है...ऐसा बोलके उसी पोजीशन में वो उसे बाहो में भर लेती है और अपना सर उसकी छाती पे रख देती है। सागर उसका हाथ छोड़ के उसको अपनी बाहों में लेता है।
सागर:- अच्छा इतना प्यार करती हो मुझसे??
प्रियंका भी उसे और कसके पकड़ती है।
प्रियंका:- हा बहोत प्यार करती हु...
सागर:- सच में??
प्रियंका अपना चेहरा ऊपर उठाती है। सागर को अपने इतने करीब पाके एक नशा सा चढ़ गया था उसपे।
प्रियंका:- हा...उसकी आँखों में देखते हुए वो कहती है।
सागर भी उसकी आँखों में देखता है...और धीरे से अपना चेहरा झुका के उसके होठो के पास अपने होठ लेके जाता है। प्रियंका इस बार अपना चेहरा दूसरी तरफ नहीं बल्कि उसकी और बढ़ाती है। दो तपते प्यासे होठ आखिर एक दूसरे से जुड़ ही जाते है।प्रियंका सागर के भीगे होटो का स्पर्श अपने होठो पे पाक अंदर तक सिहर जाती है।उसकी आँखे अपने आप बंद हो जाती है। सागर भी प्रियंका के नाजुक होठो के स्पर्श से रोमांचित हो उठता है।वो धीरे से अपने होठ खोल के प्रियंका का निचला होठ धीरे धीरे चूसने लगता है। प्रियंका भी उसीका अनुकरण करती है।धीरे धीरे वो एकदूसरे को होठो को चूस रहे थे। दोनों के तन बदन उस भीगी रात में भी एक आग सी लग जाती है।दोनों आँखे बंद कर उस पल का मजा ले रहे थे।जो किस धीरे धीरे सुरु हुआ था अब वो रफ़्तार पकड़ चूका था। दोनों अब आवेश में आके *एक दूसरे के होठ चूसने में लगे थे। सागर अब प्रियंका के मुह में जुबान डालके *उसके होठो को चूम रहा था। प्रियंका भी अब बेहिचक उसकी जुबान को चूस रही थी। थोड़ी दी बाद प्रियंका सागर के मुह में अपनी जुबान डालती है सागर उसे पागलो की तरह चूसने लगता है। ये सिलसिला कुछ देर युही चलता रहता है। जब वो थक जाते है तो जोर जोर से साँसे लेते हुए एकदूसरे की आँखों में देखते रहते है।प्रियंका शरमा के उसके बाहो में खुद का चेहरा छुपा लेती है।
दोनों भी इस प्यार भरे चुम्बन का स्वाद शायद अपनी पूरी जिंदगी नहीं भुलने वाले थे।प्रियंका के लिए ये पल बहोत ख़ास था। वो सोचती है की एक लड़की का पहला चुम्बन इससे अच्छा नहीं हो सकता। *ये पल उसकी जहन में कुछ इसतरह छप गया था की कोई लाख कोशिस कर ले उसे मिटा नहीं पायेगा।
*सागर का हाल भी कुछ ऐसाही था। भलेही उसने कल मीना की चुदाई की हो लेकिन ये किस उसके लिए बहोत स्पेशल था।
सागर थोडा सामने की तरफ आता है प्रियंका भी बैठ जाती है। सागर उसकी कमर पे अपना हाथ रखता है और उसकी और झुकता चला जाता है। प्रियंका भी निचे निचे झुकती चली जाती है।दोनों के जिस्म वासना की आग में जलने लगे थे।प्रियंका अब पूरी तरह फर्श पर लेट चुकी थी।ठंडा फर्श उसके बदन में लगी आग को बढ़ाने का काम कर रहा था।सागर अब पूरी तरह से उसपे झुक गया था।उसका एक हाथ प्रियंका के गर्दन के निचे था और दूसरा उसके पेट पर...वो एक दूसरे को देख रहे थे। उनकी सांसे एक दूसरे के चेहरे से टकरा रही थी। जो भी बातें हो रही थी वो अब आँखों से हो रही थी। प्रियंका का चेहरा उस धीमी रोशनी में किसी मोती की तरह चमक रहा था। सागर अब अपने होश जैसे खो चूका था। वो धीरे से अपने होठ फिर से प्रियंका के होटो पे रख देता है...............
सागर अपने कमरे में अपने बिस्तर पे लेटा किसी स्वर्ग की अनुभूति कर रहा था। इतने जोरदार तरीके से झड़ने के बाद वो ऐसी अवस्था में था जैसे उसने कोई नशा किया हो।
सागर:- उफ्फ्फ मजा आ गया....मेरा इस बार यहाँ रुकना सफल हो गया...चाची को चोदने मिला...माँ के सेक्सी बदन के दर्शन और ऊपर से बोनस प्रियंका...आज रात उसके भी मजे लूटूँगा। चलो अभी सो लेता हु रात को जागना जो है।
वासना के नशे में लिप्त सागर जल्द ही नींद के आगोश में समां जाता है।
रात को प्रियंका और माधवी घर आते है। सब मिलके खाना खाते है। सागर बहोत सावधान था। प्रियंका उसे इशारे कर रही थी पर वो चुप था। क्यू की उसे पता था की प्रभा की नजर उसपे जरूर होगी। खाना खत्म हो जाने के बाद सब मिलके थोड़ी देर टीवी देखा। बारिश बंद हो गयी थी मगर मौसम को बहोत ही सुहाना कर चुकी थी। ऐसे भीगे मौसम में बहोत से अरमान प्रभा सागर और प्रियंका के मन में मचल रहे थे।
*रात के दस बज गए थे। सब अपने अपने कमरे में सोने चले गए थे। सागर ने प्रियंका को छुप के से ये बता दिया था की वो 12 के बाद उनके कमरे में आएगा। सागर अपने कमरे में कोई किताब पढ़ रहा था और 12 बजने का इंतजार कर रहा था। प्रियंका और माधवी अपनी पढाई में लगे थे। माधवी प्रियंका को कुछ समझा रही थी पर उसका मन तो कही और ही था।
*इधर प्रभा और जसवंत मौसम का मजा लेने में लगे थे। जसवंत *प्रभा से किया वादा निभा रहा था। आज वो प्रभा की चुदाई के मुड़ में था। प्रभा भी आज बहोत मुड़ में थी। उसकी प्यास आज कई गुना बढ़ गयी थी।
प्रभा और जसवंत दोनों नंगे हो के एकदूसरे के जिस्म से खेल रहे थे। जसवंत प्रभा की चुचिया दबा रहा था चूस रहा था। प्रभा भी उसका साथ दे रही थी। जसवंत को पता था प्रभा को चूत चटवाना बहोत पसंद था। वो उसी काम में लग गया।
जसवंत ने प्रभा की टांगो को घुटनो से मोड़ के फैला दिए और वो उसकी चूत में जुबान फिराने लगा। जसवंत कभी उसकी चूत की फाको को मुह लेके खिचता तो कभी चूत के दाने को हलके हलके काटता...प्रभा तो जैसे सातवे आसमान में थी।*
जसवंत:- अह्ह्ह्ह प्रभा उम्म्म तुम्हारे चूत का स्वाद आज भी वैसा ही है ....स्स्स्स और उतनी ही टाइट है
प्रभा:- अह्ह्ह स्स्स्स्स् आपको मेरी टाइट चूत पसंद है इसीलिए तो मैंने अपने दोनों बच्चे के वक़्त सिजर करवाया था ताकि मेरी चुतबकि कसावट बनी रहे अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म अब बस भी करो डाल दो अपना लंड मेरी चूत में अह्ह्ह्ह्ह्ह कितने दिनों बाद लंड मिलने वाला है उसे अह्ह्ह्ह
जसवंत:- हां मेरी रानी अह्ह्ह मेरा लंड भी तैयार है अब अह्ह्ह्ह*
जसवंत प्रभा की चूत पे लंड रखता है और एक ही झटके में पूरा अंदर पेल देता है। प्रभा को उसके लंड की आदत थी। और इतना बड़ा भी नहीं था वो उसे आराम से अंदर ले लेती है। अब जसवंत अपना लंड प्रभा की चूत में अंदर बाहर कर रहा था। हमेशा जसवंत का चोदना एन्जॉय करनेवाली प्रभा का मुड़ आज कुछ और ही था। वो चुदवा तो अपने पति से रही थी पर इसका ध्यान पूरा अपने बेटे के लंड पे था।*
प्रभा:-(मन ही मन) अह्ह्ह्ह उम्म्म्म काश अभी इनकी जगह सागर का लंड मेरी चूत में होता स्सस्सस्सस उसका मोटा लंबा लंड स्सस्सस्स और उसके दमदार झटके अह्ह्ह्ह स्स्स्स अभी तो इनके झटको में भी पहले जैसा दम नही रहा।*
जसवंत लगातार प्रभा की चूत चोद रहा था। छप छप चप चप की आवाज निकल।रही थी।*
जसवंत:-अह्ह्ह्ह प्रभा उम्म्म्म्म्म कैसा लग रहा है? अह्ह्ह्ह मजा आ रहा है न?? उफ्फ्फ्फ्फ्फ
प्रभा:- हा अह्ह्ह्ह और जोर से चोदो ना अह्ह्ह्ह्ह और आआ र जोर से उफ्फ्फ्फ्फ्फ डालो और अंदर उफ्फ्फ्फ्फ़ फाड़ दो मेरी चूत को स्स्स्स्स्स्स्स
प्रभा ये सब सागर के बारे में सोच के बोल रही थी। असलियत में उसे कुछ ख़ास मजा नहीं आ रहा था।
जसवंत:- अह्ह्ह्ह उम्म्म प्रभा उफ्फ्फ्फ़ मेरा होने वाला है अह्ह्ह्ह स्सस्सस्स
प्रभा:- उम्म्म्म स्स्स्स अह्ह्ह हा चोदो न अह्ह्ह स्स्स्स डाल दो अपना पानी मेरी चूत में स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह
जसवंत 8 10 धक्को के बाद झड़ने लगता है। वैसे प्रभा भी झड़ चुकी थी लेकिन उसे वो मजा नहीं आया था जो वो हमेशा महसूस करती है। या फिर उसकी प्यास कुछ जादा ही बढ़ गयी थी।
जसवंत प्रभा के बाजू में लेट जाता है। प्रभा भी वैसेही पड़ी थी।
जसवंत:- क्या बात है प्रभा??आज तुम्हे मजा नहीं आया क्या??
प्रभा:- बहोत मजा आया...ऐसा क्यू पूछ रहे हो??
जसवंत:- क्यू की झड़ने के बाद तुम मेरे लंड का रस चाटने के लिए टूट पड़ती हो उसपे लेकिन आज....
प्रभा:- अह्ह्ह्ह वो तो मैं अब थोड़ी देर बाद चाटने वाली हु... क्यू की एक बार और चुदना है मुझे अह्ह्ह्ह
जसवंत:- ओह्ह्ह ये बात है....तो हो जाओ सुरु...
प्रभा उठती है और जसवंत का लंड चाटने लगती है। थोड़ी देर बाद जसवंत का लंड फिर से खड़ा हो जाता है। प्रभा उसपे बैठ के उसे अपनी चूत में अंदर बाहर करती है।
प्रभा:-मन ही मन....क्या हो गया है मुझे?? जिस लंड से इतने साल मैं अपनी चूत की खुजली मिटाती आयी हु...आज मुझे उससे चुदने में बिलकुल भी मजा नहीं आ रहा...उल्टा मेरी चूत की आग और बढ़ रही है।
प्रभा जसवंत को कहती है की वो ऊपर आके उसे पहले की तरह चोदे। जसवंत उसे फिरसे अपने निचे लिटा के चोदने लगता है।प्रभा भी अब बहोत कोशिश के बाद सागर के बारे में सोचना छोड़ चुदाई का मजा लेने लगती है। 10 15 मिनट की चुदाई के बाद दोनों झड़ जाते है। और अपने कपडे पहन के सो जाते है। कुछ ही पलो में वो गहरी नींद में सो जाते है।
यहाँ सागर के लिए एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा था। प्रियंका को पहली बार अकेले मिलने के ख़याल से ही वो बहोत उत्तेजित था। एक दो बार तो उसने सोचा की अभी चला जाय लेकिन पकडे जाने के डर से उसने खुद को रोक लिया। आखिर उससे रहा नहीं गया...11.30 के करीब वो अपने कमरे से बाहर निकला। उसने प्रभा के कमरे का जायजा लिया वो सो रहे थे। फिर धीरे से वो माधवी के कमरे की और बढ़ा। उसने दरवाजा धीरे धकेला...वो खुला था। सागर दबे पाँव से अंदर गया प्रियंका उसका इन्तजार कर रही थी। कमरे में एक छोटे बल्ब की रौशनी थी। उसे देख के प्रियंका भी धीरे से बेड से उठ जाती है। सागर उसके पास जाता है। माधवी सो रही थी। वो एकदूसरे को देखते है। प्रियंका उसे देख मुस्कुरा रही थी। सागर उसके करीब जाता है उसका हाथ अपने हाथो में लेता है उसे अपने इतने करीब पाके प्रियंका शरमा के निचे देखने लगती है। सागर उसकी चीन को पकड़ के उसका चेहरा ऊपर उठाता है और उसकी आँखों में देखते हुए अपने होठ उसके होठो के करीब ले जाता है।लेकिन प्रियंका अपना चेहरा दूसरी तरफ करके उसे पीछे धकेल देती है। और इशारे से कहती है क्या है?? पागल हो गए हो क्या??
सागर फिर से उसके करीब जाता है।
सागर:- (धीरे से) क्या हुआ??
प्रियंका:- क्या कर रहे हो...माधवी जाग जायेगी ...
सागर:-तो मेरे कमरे में चलो...
प्रियंका:- अरे पागल हो क्या? माधवी मुझे यहाँ नहीं देखेगी तो चिल्लाना सुरुबकर देगी। पुरे घर को जगा देगी। यहाँ कमसे कम जाग भी गयी तो हम उसके हाथ पैर जोड़ के मना तो लेंगे।
सागर:- क्यू तुमने उसे बताया नहीं क्या??
प्रियंका:- नहीं...उसे मैं अपने तरीके से धीरे धीरे बताउंगी...
सागर:- ठीक है....बातो बातो में सागर उसे कब कमर से पकड़ के अपनी और खीच लेता है प्रियंका को पता भी नहीं चलता। जब उसे अहसास होता है तो वो उससे छुटने की कोशिश करती है। लेकिन सागर उसे और कस के जकड लेता है।
प्रियंका:- छोडो ना प्लीज...
सागर:- अरे यार क्या कर रही हो?? अब क्या मैं तुम्हे एक बार गले भी नहीं लगा सकता??
ये सुनके प्रियंका चुप हो जाती है और सागर की आँखों में देखने लगती है।
प्रियंका:- सागर...
सागर:- हा बोलो...सागर भी उसकी आँखों में देखते हुए कहता है।
प्रियंका:- सागर...i love you...
सागर :- ओह्ह्ह प्रियंका...i love you too....
और उसे कसके अपने सीने से लगा लेता है। प्रियंका भी उससे चिपक जाती है। कुछ देर तक वो दोनों एकदूसरे की बाहो में बाहे डाले वैसेही खड़े रहते है।
प्रियंका की चुचियो का दबाओ सागर अपने सीने पे महसूस कर रहा था। एक कमसिन कली उसकी बाहो में थी। उत्तेजित तो वो पहले से ही था। प्रियंका को भी उसके लंड का आभास हो रहा था। प्रियंका की हाइट सागर से कम थी। सागर का लंड प्रियंका के चूत के ऊपर वाले पेट के हिस्से से सटा हुआ था।आज पहली बार कोई मर्द उसे इसतरह से छु रहा था। उसकी साँसे तेज होने लगी थी। तेज चलती साँसों की वजह से प्रियंका की चुचियो का दबाओ सागर के सीने पे पड़ रहा था। इससे सागर की बेचैनी और भी बढ़ रही थी। वो अपना लंड का दबाओ धीरे से प्रियंका के पेट पे और बढ़ाता है।
इससे पहले की वो आगे कुछ बोल पाते या कर पाते माधवी थोड़ी हलचल करती है। इससे दोनों डर जाते है। वो देखते है की माधवी अभी भी सो रही थी तब उनकी जान में जान आती है।
प्रियंका:- सागर तुम जाओ...माधवी जग गयी न तो प्रॉब्लम हों जायेगी।
सागर:- अरे कुछ नहीं होगा....वो इधर उधर देखता है।
वो वहा माधवी के स्टडी टेबल *के साइड में बैठते है...वो जग भी गयी तो तुम चेयर पे बैठ जाना और मैं तुम्हारे पीछे छुप जाऊँगा।
प्रियंका को ये आईडिया पसंद आता है। वो स्टडी टेबल के साइड में जाके निचे जमीन पे बैठ जाते है। और दीवार से अपनी पीठ सटा देते है।
सागर अपना एक हाथ प्रियंका के गर्दन के निचे ले जाके उसके दूसरे कंधे पे रख देता है।और दूसरे हाथ से प्रियंका का हाथ अपने हाथो में ले लेता है और अपनी उंगलिया उसकी उंगलियो में फसा देता है।प्रियंका अपना सर उसके कंधे पे रखती है और दूसरा हाथ सागर के हाथ पे रख के उसे धीरे धीरे सहलाने लगती है।प्रियंका का हाथ निचे से होता है। सागर उसे अपनी जांघो पे लंड से थोड़ी दूर रख देता है और धीरे धीरे दूसरे हाथ से उसका कन्धा सहलाने लगता है।
प्रियंका:- ओह्ह सागर मुझे यकीन नहीं हो रहा की आज मेरा सपना सच हो गया है...
सागर:- अरे यकीन तो मुझे अपनी किस्मत पे नहीं हो रहा *तुम्हारी जैसी इतनी खूबसूरत लड़की मुझसे प्यार करती है।
प्रियंका:- कुछ भी..तुम्हारे सामने मैं कुछ भी नहीं...झल्ली लगती हु..
सागर:- पागल हो तुम..मेरे सामने तुम झल्ली नहीं मैं लल्लू लगता हु...
प्रियंका ये सुनके थोडा टर्न होती है और एक प्यार भरा चाटा सागर के गाल पे मारती..प्रियंका के टर्न होने से सागर का हाथ उसकी पीठ पे आ जाता है।
प्रियंका:- चुप करो...मेरे सागर के बारे में ऐसा मत बोलो...वर्ना बहोत पिटोगे..मेरा सागर बहोत हैंडसम है...ऐसा बोलके उसी पोजीशन में वो उसे बाहो में भर लेती है और अपना सर उसकी छाती पे रख देती है। सागर उसका हाथ छोड़ के उसको अपनी बाहों में लेता है।
सागर:- अच्छा इतना प्यार करती हो मुझसे??
प्रियंका भी उसे और कसके पकड़ती है।
प्रियंका:- हा बहोत प्यार करती हु...
सागर:- सच में??
प्रियंका अपना चेहरा ऊपर उठाती है। सागर को अपने इतने करीब पाके एक नशा सा चढ़ गया था उसपे।
प्रियंका:- हा...उसकी आँखों में देखते हुए वो कहती है।
सागर भी उसकी आँखों में देखता है...और धीरे से अपना चेहरा झुका के उसके होठो के पास अपने होठ लेके जाता है। प्रियंका इस बार अपना चेहरा दूसरी तरफ नहीं बल्कि उसकी और बढ़ाती है। दो तपते प्यासे होठ आखिर एक दूसरे से जुड़ ही जाते है।प्रियंका सागर के भीगे होटो का स्पर्श अपने होठो पे पाक अंदर तक सिहर जाती है।उसकी आँखे अपने आप बंद हो जाती है। सागर भी प्रियंका के नाजुक होठो के स्पर्श से रोमांचित हो उठता है।वो धीरे से अपने होठ खोल के प्रियंका का निचला होठ धीरे धीरे चूसने लगता है। प्रियंका भी उसीका अनुकरण करती है।धीरे धीरे वो एकदूसरे को होठो को चूस रहे थे। दोनों के तन बदन उस भीगी रात में भी एक आग सी लग जाती है।दोनों आँखे बंद कर उस पल का मजा ले रहे थे।जो किस धीरे धीरे सुरु हुआ था अब वो रफ़्तार पकड़ चूका था। दोनों अब आवेश में आके *एक दूसरे के होठ चूसने में लगे थे। सागर अब प्रियंका के मुह में जुबान डालके *उसके होठो को चूम रहा था। प्रियंका भी अब बेहिचक उसकी जुबान को चूस रही थी। थोड़ी दी बाद प्रियंका सागर के मुह में अपनी जुबान डालती है सागर उसे पागलो की तरह चूसने लगता है। ये सिलसिला कुछ देर युही चलता रहता है। जब वो थक जाते है तो जोर जोर से साँसे लेते हुए एकदूसरे की आँखों में देखते रहते है।प्रियंका शरमा के उसके बाहो में खुद का चेहरा छुपा लेती है।
दोनों भी इस प्यार भरे चुम्बन का स्वाद शायद अपनी पूरी जिंदगी नहीं भुलने वाले थे।प्रियंका के लिए ये पल बहोत ख़ास था। वो सोचती है की एक लड़की का पहला चुम्बन इससे अच्छा नहीं हो सकता। *ये पल उसकी जहन में कुछ इसतरह छप गया था की कोई लाख कोशिस कर ले उसे मिटा नहीं पायेगा।
*सागर का हाल भी कुछ ऐसाही था। भलेही उसने कल मीना की चुदाई की हो लेकिन ये किस उसके लिए बहोत स्पेशल था।
सागर थोडा सामने की तरफ आता है प्रियंका भी बैठ जाती है। सागर उसकी कमर पे अपना हाथ रखता है और उसकी और झुकता चला जाता है। प्रियंका भी निचे निचे झुकती चली जाती है।दोनों के जिस्म वासना की आग में जलने लगे थे।प्रियंका अब पूरी तरह फर्श पर लेट चुकी थी।ठंडा फर्श उसके बदन में लगी आग को बढ़ाने का काम कर रहा था।सागर अब पूरी तरह से उसपे झुक गया था।उसका एक हाथ प्रियंका के गर्दन के निचे था और दूसरा उसके पेट पर...वो एक दूसरे को देख रहे थे। उनकी सांसे एक दूसरे के चेहरे से टकरा रही थी। जो भी बातें हो रही थी वो अब आँखों से हो रही थी। प्रियंका का चेहरा उस धीमी रोशनी में किसी मोती की तरह चमक रहा था। सागर अब अपने होश जैसे खो चूका था। वो धीरे से अपने होठ फिर से प्रियंका के होटो पे रख देता है...............
Re: hindi sex story - किस्से कच्ची उम्र के.....!!!!
भाग 12
प्रियंका ने अपनी सहेलियों से और गाँव की दूसरी औरतो से इन सब के बारे में सिर्फ सुना था...लेकिन आज वो खुद अनुभव कर करी थी। वो बहोत उत्तेजित हो गयी थी। वो अब कुछ जादा आवेग में थी। वो किस्स करते हुए टर्न हो कर सागर के कमर पे रख देती है और अपना एक पैर सागर के पैर पे रख देती है।सागर समझ जाता है उसे क्या करना है। वो उसकी कमर पे रखा हाथ धीरे से निचे ले जाके उसकी गांड को सहलाते जांघो पे ले जाता है और उसे पकड़ के अपनी और खिचता है..और अपनी कमर आगे करके अपना लंड प्रियंका की चूत से सटा देता है।प्रियंका जैसे ही उसके लंड का स्पर्श अपनी चूत के पास महसूस करती है उसकी आह निकल जाती है। वो सागर के ओंठो को छोड़ उसका सर अपने सीने से चिपका लेती है। सागर उसके गले पे किस करने लगता है और प्रियंका की गांड जांघे पीठ को सहलता रहता है।
प्रियंका उसके बालो में हाथ घूमते हुए उससे और चिपक जाती है। सागर का लंड बहोत टाइट हो चूका था। प्रियंका खुद को थोडा एडजस्ट करके उसके लंड को अपनी चूत पे ले आती है और उसको रगड़ने लगती है।सागर ये देख के और भी जोश में आ जाता है और धीरे धीरे अपनी कमर आगे पीछे कर प्रियंका की चूत पे झटके देने लगता है।सागर अब अपना हाथ प्रियंका के टी शर्ट के अंदर ले जाता है और उसकी नंगी पीठ सहलाने लगता है। फिर अपना हाथ धीरे से निचे ले जाके उसकी नाईट पैंट में घुसा देता है। प्रियंका अह्ह्ह्ह कर उठती है। सागर उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी गांड सहलाने लगता है।*
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर उम्म्म मत करो ऐसा प्लीज....
प्रियंका की बात सुनके सागर रुक जाता है मगर अपना हाथ बाहर नहीं निकालता...वो ऊपर की और देखते हुए प्रियंका को कहता है....
सागर:- क्या हुआ?? तुम्हे अच्छा नही लग रहा??
प्रियंका:- बहोत अच्छा लग रहा है ...मगर...
सागर:- फिर क्या हुआ?*
प्रियंका:- ये गलत है...
सागर:- कुछ गलत नहीं है...प्यार करना कोई गलत बात नहीं....ये तो सभी करते है।
वो उसकी गांड को दबाते हुए कहता है।
प्रियंका:-अह्ह्ह्ह बदमाश हाथ निकालो अपना...
सागर:- उम्म्म ठीक है....सागर हाथ निकाल लेता है....लेकिन एक झटके में उसे उठा के अपने गोद में ले लेता है और पीछे सरक के बैठ जाता है।प्रियंका अब उसकी गोद में दोनों तरफ पैर करके बैठी थी। उसकी चूत सागर के लंड के ऊपर थी। सागर अधलेटी पोजीशन में था ।
सागर:- उसके चेहरे के साइड से उंगलिया फिराता है और उसे किस करता है।किस करते हुए वो अब प्रियंका की विकसित होती चुचिया दबाने लगता है।प्रियंका उम्र के हिसाब से उसकी चुचिया काफी बड़ी थी। सागर उन्हें बहोत प्यार से धीरे धीरे मसल रहा था।प्रियंका सागर के हाथो का स्पर्श अपनी चुचिया पे पाके पागल सी हो जाती है। सागर दोनों हाथो से उसकी दोनों चुचिया मसल रहा था।
सागर:- ओह्ह्ह प्रियंका ...बहोत सेक्सी हो तुम स्स्स्स्स् और ये तुम्हारी चुचिया अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म प्रियंका अपना टी शर्ट उतार दो न...
प्रियंका:- नहीं पागल हो गए हो क्या अह्ह्ह्ह*
लेकिन सागर उसका टी शर्ट ऊपर कर देता है और ब्रा भी ऊपर सरका देता है....प्रियंका की गोरी चुचिया और उसके लाइट पिंक निप्प्ल्स सागर के होश उदा देती है।
प्रियंका बस अपनी आँखे बंद करके सागर की हरकतों मजा ले रही थी।
सागर:-ओह्ह्ह्ह वाओ स्स्स्स कितनी खूबसूरत है ये अह्ह्ह्ह्ह
सागर प्रियंका की चुचिया धीरे धीरे मसलने लगता है। फिर उन्हें बारी बारी चूसने लगता है।प्रियंका उसका सर अपनी चुचियो पे दबाने लगी थी। उसकी उत्तेजना अब चरम सीमा पर थी। वो अपनी चूत लगातार सागर के लंड से रगड़ रही थी।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स क्या हुआ मेरी जान?? बहोत रगड़ रही हो...बहोत आग लग गयी क्या निचे?
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह तुमने ही आग लगाई है और तुम ही पूछ रहे हो स्स्स्स्स्
सागर:-ह्म्म्म्म स्स्स्स तो अभी बुझा देता हु....
प्रियंका:- स्सस्सस्स कैसे बुझाओगे??
सागर:- क्यू तुमने कभी चुदाई के बारे में सुना नहीं क्या??
प्रियंका उसके मुह से चुदाई शब्द सुन के सिहर उठती है।
प्रियंका:- चुप करो बदमाश ...वो शर्मा के अपना चेहरा अपने हाथो से छुपा लेती है।
सागर:- उम्म्म्म मतलब सुना है...कभी देखि है किसीकी??
प्रियंका:- मुझे नहीं पता...
सागर प्रियंका के हाथ हटाता है।
सागर:- बोलो न...कभी देखि है?
प्रियंका अब थोडा सहज हो गयी थी।
प्रियंका:- नहीं..लेकिन सुना है..
सागर:- ह्म्म्म मतलब तुम्हे सब पता है....तो बताओ (प्रियंका का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखते हुए) इसे क्या कहते है?? (और अपना हाथ उसकी चूत पे रखते हुए) और इसे क्या कहते है?
प्रियंका:-तुम ही बताओ मुझे शर्म आती है।
सागर:-नहीं मैं तुम्हारे मुह से सुनना चाहता हु...
प्रियंका को पहले से ही इनसब बातो में बहोत दिलचस्पी रहती है। हमेशा बिनधास्त रहने वाली प्रियंका पता नहीं क्यू आज उसे बहोत संकोच हो रहा था।
सागर:-बोलो न मेरी जान अह्ह्ह्ह
प्रियंका सोचती है की अब बस बहोत हो गया शरमाना अब बेशरम बनके ही मजे लेना चाहिए।
प्रियंका:- सागर का लंड दबाती है.....इसे लंड कहते है...और इसे चूत ...वो सागर हा हाथ अपनी चूत पे दबाते हुए कह देती है और सागर की आँखों में देखने लगती है।
सागर:- उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स् वाओ कितना अच्छा लगा तुम्हारे मुह से सुनके स्सस्सस्स...एक बार फिर कहो ना...
प्रियंका:- जाओ अब नहीं ....
सागर:-प्रियंका....स्स्स मैं तुम्हारी चूत देखना चाहता हु। तुम्हे मेरा लंड नहीं देखना ??
प्रियंका:-नहीं मुझे नहीं देखना...और दिखाउंगी भी नहीं...
सागर उसकी चूत पैंट के ऊपर से सहला रहा था। प्रियंका की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी की उसकी पॅंटी और उसका नाईट पैंट दोनों भीग चूके थे।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स झूठी कही की स्स्स्स्स् अगर देखना नहीं है तो उसे पकड़ क्यू रखा है अह्ह्ह तुम्हे नहीं देखना तो मत देखो लेकिन मुझे देखने दो अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् कितनी गीली हो गयी है स्सस्सस्स
प्रियंका:-सागर सच कहु तो मेरा मन भी बहोत है पर यहाँ ये सब करना ठीक नहीं है...माधवी उठ गयी और हमें ऐसे देख लिया तो पता नहीं वो क्या करे??
सागर:- बस एक बार देख लेने दो प्लीज अह्ह्ह्ह्ह्ह
प्रियंका:- ठीक है लेकिन बस दूर से देखना उसे छूना मत अह्ह्ह*
सागर:- ठीक है....
प्रियंका माधवी की और देखती है वो चादर मुह पे लेके सो रही थी।
प्रियंका उठती है और सागर के बाजू में बैठ जाती है।सागर समझ जाता है उसे क्या करना है। वो उसके सामने आता है और उसकी पैंट को पॅंटी सहित उतारने लगता है।प्रियंका उसे *पूरा सहयोग देती है। सागर प्रियंका की पैंट घुटना तक ले आता है। प्रियंका उसे रोकने लगती है।
सागर:- एक पैर से पूरा निकल दो...
प्रियंका उसकी बात मान लेती है। सागर पैंट उतारने के बाद उसके पैर फैला देता है।उसकी गोरी चिकनी बिना बालो वाली चूत देख सागर के होश उड़ जाते है। वो निचे झुक के अपना चेहरा उसकी टांगो के बिच ले जाता है।
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर क्या कर रहे हो??
सागर:- इस धीमी रोशनी में ठीक से दिखाई नहीं दे रहा...
प्रियंका:- लेकिन प्लीज छूना मत...
सागर अब कुछ भी सुनने के मूड में नहीं था। वो अपना चेहरा चूत के बहोत करीब ले जाता है। प्रियंका उसकी साँसे अपने चूत पे महसूस कर पा रही थी। सागर अपना हाथ आगे बढ़ाता है और उसकी चूत के आजूबाजू के हिस्से को सहलाता है।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स प्रियंका उम्म्म्म क्या मस्त चूत है तुम्हारी अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् और क्या खुसबू आ रही है स्स्स्स्स्स्स्स*
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह्ह सागर नहीं प्लीज हाथ हटाओ अपना
सागर:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह रुक जाओ जान स्स्स्स अभी मैं इसे हाथ से नहीं अपने होठो से छूने वाला हु स्स्स्स
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह नहीं....
लेकिन सागर अब रुकने वाला नहीं था। और प्रियंका भी यही चाहती थी।
सागर प्रियंका के पैर पकड़ के थोडा अपनी और खिचता है प्रियंका भी अपनी गांड को थोडा ऊपर की और करती है। अब सागर के सामने प्रियंका की कोमल सी चूत थी। वो झट से अपना मुह प्रियंका की चूत से सटा देता है और उसे चूमने लगता है। प्रियंका को तो जैसे बिजली का झटका लगा हो...वो अपना मुह अपीने हाथो से दबा लेती है ताकि उसकी सिसकिया माधवी सुन ना ले।सागर उसकी चूत चाटने लगता है।उसकी गीली चूत का स्वाद उसे मदहोश कर रहा था।उसकी महक उसे दीवाना बना रही थी।
सागर:- उफ्फ्फ्फ़ क्या चूत है स्सस्सस्स उम्म्म्म अह्ह्ह्ह
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर उफ्फ्फ्फ़ चाटो ना और स्स्स्स्स् कितने दिनों से इस पल।के बारे में सोच सोच के चूत में उंगली डाल के हिलाती थी अह्ह्ह्ह
सागर:- स्स्स्स अह्ह्ह हा मेरी जान उफ्फ्फ्फ़ अब तुम्हे *उंगली से अपनी चूत चोदने की जरुरत नहीं अह्ह्ह
सागर उसकी चूत के दाने को चुस्त हुआ उसकी चूत में एक उंगली डालता है।
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ सागर अह्ह्ह्ह
सागर:-(मन में) उफ्फ्फ कितनी टाइट है इसकी चूत स्स्स्स्स् मजा आएगा ये कुवारी चूत चोदने में अह्ह्ह्ह्ह
सागर प्रियंका की चूत में थोडा फ़ास्ट उंगली अंदर बाहर करने लगता है और चूत के दाने को जुबान से होटो चूसने लगता है। प्रियंका पहले ही बहोत उत्तेजित हो चुकी थी वो सागर के चूसने और उंगली के अंदर बाहर होने से कुछ पल में झड़ जाती है।
जब झड़ जाती है वो सागर को रोक उसे अपने गले लगा लेती है।*
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर उफ्फ्फ्फ्फ्फ स्स्स्स*
सागर:-क्या हुआ प्रियंका??
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह्ह कुछ मत पूछो कुछ मत बोलो बस मुझे अपनी बाहो में ऐसेही रहने दो।
सागर और प्रियंका थोड़ी देर ऐसेही बैठे रहे। प्रियंका अब नार्मल हो चुकी थी।
प्रियंका:- सागर आज की रात मैं कभी भूल नहीं पाऊँगी...थैंक यू...
सागर:- हम्म इस रात को और यादगार बनाना चाहता हु...
प्रियंका:- वो ककैसे?
सागर:- तुम्हारी इस कुवारी चूत में अपना लंड डाल के उसपे हमेशा के लिए अपना नाम लिखना चाहता हु।प्रियंका मैं तुम्हे चोदना चाहता हु अभी...
प्रियंका:- अह्ह्ह सागर...मैं भी तुमसे चुदवाना चाहती हु...मगर यहाँ नहीं ...इसतरह नहीं...मैंने सुना है की पहली बार बहोत दर्द होता है। अगर मेरी चींख निकल गयी तो बहोत प्रॉब्लम हो जायेगी। और तुम्हारा लंड भी कितना बड़ा है...कही मेरी जान ही ना निकल जाय...
सागर को प्रियंका की बात में दम लगता है। और उSइ मिना चाची की कही बात भी याद आती है।
सागर:- ह्म्म्म ठीक है मैं कल का दिन हु यही कुछ करते है...अब मुझसे रहा नहीं जाएगा...देखो न कैसे मेरा लंड अकड़ सा गया है।तुम तो फ्री हो गयी जरा मुझे भी फ्री करने में मदत कर दो...
प्रियंका:-हा ये मैं कर सकती हु...ऐसा बोल के प्रियंका सागर का लंड बाहर निकालती है।उस लंड को देख उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है। उसने जितना सोचा था उससे जादा बड़ा था सागर का लंड।
प्रियंका:- बापरे कितना मोटा और लंबा है ये उफ्फ्फ्फ्फ़*
सागर:-हा तुम्हारे लिए ही है.....अह्ह्ह प्रियंका उफ्फ्फ तुम्हारे कोमल हाथो के स्पर्श से तो और भी उड़ने लगा है अह्ह्ह्ह
प्रियंका:-फ़िक्र मत करो ...अभी उस्का इलाज करती हु।
सागर:- ह्म्म्म तुम्हे पता है इसका इलाज कैसे किया जाता है...
प्रियंका:- हा पता है....
प्रियंका ऐसा बोल के उसे मुठी में पकड़ के *ऊपर निचे करने लगती है। सागर अपनी आँखे बंद कर प्रियंका की हरकतों का मजा लेने लगता है। प्रियंका अब सागर का लंड अपने मुह में लेने लगती है।सागर को जैसे ही इसका अहसास होता है वो अपनी आँखे खोल।के उसे अपना लंड चूसते हुए देखने लगता है।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स मेरी जान उफ्फ्फ्फ्फ़ तुम्हे ये भू पता है?
प्रियंका:-स्स्स्स हा मुझे सब पता है....
सागर:- उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह चूसो मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह*
प्रियंका बड़ी मुश्किल से उसके लंड का टोपा अपने मुह में लेके चूस रही थी। लेकिन ये सब उसके लिए पहली बार होने के वजह से वो ठीक से नहीं कर पा रही थी।
सागर:- अह्ह्ह्ह प्रियंका उम्म्म्म बस थोड़ी देर और मेरी जान मेरा होने ही वाला है अह्ह्ह्ह्ह्ह
प्रियंका उसका लंड मुह में भर के उसकी मुठ मारने लगती है। सागर थोड़ी ही देर में झड़ जाता है। उसका वीर्य पूरा प्रियंका में मुह पे उड़ जाता है। प्रियंका अपना मुह अपने पास के रुमाल से पोंछ लेती है।
सागर:- प्रियंका उफ्फ्फ्फ्फ़ मजा आ गया....स्स्स्स एसिमि इतना मजा आया सोचो चुदाई में कितना मजा आएगा....अह्ह्ह्ह स्स्स अब तो जल्द ही चुदाई का प्रोग्राम फिक्स करना पड़ेगा।
प्रियंका:- हा सागर अह्ह्ह अब तो बिना चुदे मुझसे भी नहीं रहा जाएगा।
वो फिर से एकदूसरे को गले लगा के एक किस करते है। और सागर धीरे से दबे पाँव अपने कमरे में चला जाता है। प्रियंका भी चुपचाप अपनी जगह पे आके सो जाती है।
सागर और प्रियंका बेड पे लेटे हुए बीते पलो की यादो में खोये थे और आने वाले पलो के बारे में सोचते हुए सो जाते है.........इस बात से बेखबर की उनकी ये दो घंटो की रासलीला माधवी सोने का नाटक कर देख चुकी थी.......................
प्रियंका ने अपनी सहेलियों से और गाँव की दूसरी औरतो से इन सब के बारे में सिर्फ सुना था...लेकिन आज वो खुद अनुभव कर करी थी। वो बहोत उत्तेजित हो गयी थी। वो अब कुछ जादा आवेग में थी। वो किस्स करते हुए टर्न हो कर सागर के कमर पे रख देती है और अपना एक पैर सागर के पैर पे रख देती है।सागर समझ जाता है उसे क्या करना है। वो उसकी कमर पे रखा हाथ धीरे से निचे ले जाके उसकी गांड को सहलाते जांघो पे ले जाता है और उसे पकड़ के अपनी और खिचता है..और अपनी कमर आगे करके अपना लंड प्रियंका की चूत से सटा देता है।प्रियंका जैसे ही उसके लंड का स्पर्श अपनी चूत के पास महसूस करती है उसकी आह निकल जाती है। वो सागर के ओंठो को छोड़ उसका सर अपने सीने से चिपका लेती है। सागर उसके गले पे किस करने लगता है और प्रियंका की गांड जांघे पीठ को सहलता रहता है।
प्रियंका उसके बालो में हाथ घूमते हुए उससे और चिपक जाती है। सागर का लंड बहोत टाइट हो चूका था। प्रियंका खुद को थोडा एडजस्ट करके उसके लंड को अपनी चूत पे ले आती है और उसको रगड़ने लगती है।सागर ये देख के और भी जोश में आ जाता है और धीरे धीरे अपनी कमर आगे पीछे कर प्रियंका की चूत पे झटके देने लगता है।सागर अब अपना हाथ प्रियंका के टी शर्ट के अंदर ले जाता है और उसकी नंगी पीठ सहलाने लगता है। फिर अपना हाथ धीरे से निचे ले जाके उसकी नाईट पैंट में घुसा देता है। प्रियंका अह्ह्ह्ह कर उठती है। सागर उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी गांड सहलाने लगता है।*
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर उम्म्म मत करो ऐसा प्लीज....
प्रियंका की बात सुनके सागर रुक जाता है मगर अपना हाथ बाहर नहीं निकालता...वो ऊपर की और देखते हुए प्रियंका को कहता है....
सागर:- क्या हुआ?? तुम्हे अच्छा नही लग रहा??
प्रियंका:- बहोत अच्छा लग रहा है ...मगर...
सागर:- फिर क्या हुआ?*
प्रियंका:- ये गलत है...
सागर:- कुछ गलत नहीं है...प्यार करना कोई गलत बात नहीं....ये तो सभी करते है।
वो उसकी गांड को दबाते हुए कहता है।
प्रियंका:-अह्ह्ह्ह बदमाश हाथ निकालो अपना...
सागर:- उम्म्म ठीक है....सागर हाथ निकाल लेता है....लेकिन एक झटके में उसे उठा के अपने गोद में ले लेता है और पीछे सरक के बैठ जाता है।प्रियंका अब उसकी गोद में दोनों तरफ पैर करके बैठी थी। उसकी चूत सागर के लंड के ऊपर थी। सागर अधलेटी पोजीशन में था ।
सागर:- उसके चेहरे के साइड से उंगलिया फिराता है और उसे किस करता है।किस करते हुए वो अब प्रियंका की विकसित होती चुचिया दबाने लगता है।प्रियंका उम्र के हिसाब से उसकी चुचिया काफी बड़ी थी। सागर उन्हें बहोत प्यार से धीरे धीरे मसल रहा था।प्रियंका सागर के हाथो का स्पर्श अपनी चुचिया पे पाके पागल सी हो जाती है। सागर दोनों हाथो से उसकी दोनों चुचिया मसल रहा था।
सागर:- ओह्ह्ह प्रियंका ...बहोत सेक्सी हो तुम स्स्स्स्स् और ये तुम्हारी चुचिया अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म प्रियंका अपना टी शर्ट उतार दो न...
प्रियंका:- नहीं पागल हो गए हो क्या अह्ह्ह्ह*
लेकिन सागर उसका टी शर्ट ऊपर कर देता है और ब्रा भी ऊपर सरका देता है....प्रियंका की गोरी चुचिया और उसके लाइट पिंक निप्प्ल्स सागर के होश उदा देती है।
प्रियंका बस अपनी आँखे बंद करके सागर की हरकतों मजा ले रही थी।
सागर:-ओह्ह्ह्ह वाओ स्स्स्स कितनी खूबसूरत है ये अह्ह्ह्ह्ह
सागर प्रियंका की चुचिया धीरे धीरे मसलने लगता है। फिर उन्हें बारी बारी चूसने लगता है।प्रियंका उसका सर अपनी चुचियो पे दबाने लगी थी। उसकी उत्तेजना अब चरम सीमा पर थी। वो अपनी चूत लगातार सागर के लंड से रगड़ रही थी।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स क्या हुआ मेरी जान?? बहोत रगड़ रही हो...बहोत आग लग गयी क्या निचे?
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह तुमने ही आग लगाई है और तुम ही पूछ रहे हो स्स्स्स्स्
सागर:-ह्म्म्म्म स्स्स्स तो अभी बुझा देता हु....
प्रियंका:- स्सस्सस्स कैसे बुझाओगे??
सागर:- क्यू तुमने कभी चुदाई के बारे में सुना नहीं क्या??
प्रियंका उसके मुह से चुदाई शब्द सुन के सिहर उठती है।
प्रियंका:- चुप करो बदमाश ...वो शर्मा के अपना चेहरा अपने हाथो से छुपा लेती है।
सागर:- उम्म्म्म मतलब सुना है...कभी देखि है किसीकी??
प्रियंका:- मुझे नहीं पता...
सागर प्रियंका के हाथ हटाता है।
सागर:- बोलो न...कभी देखि है?
प्रियंका अब थोडा सहज हो गयी थी।
प्रियंका:- नहीं..लेकिन सुना है..
सागर:- ह्म्म्म मतलब तुम्हे सब पता है....तो बताओ (प्रियंका का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखते हुए) इसे क्या कहते है?? (और अपना हाथ उसकी चूत पे रखते हुए) और इसे क्या कहते है?
प्रियंका:-तुम ही बताओ मुझे शर्म आती है।
सागर:-नहीं मैं तुम्हारे मुह से सुनना चाहता हु...
प्रियंका को पहले से ही इनसब बातो में बहोत दिलचस्पी रहती है। हमेशा बिनधास्त रहने वाली प्रियंका पता नहीं क्यू आज उसे बहोत संकोच हो रहा था।
सागर:-बोलो न मेरी जान अह्ह्ह्ह
प्रियंका सोचती है की अब बस बहोत हो गया शरमाना अब बेशरम बनके ही मजे लेना चाहिए।
प्रियंका:- सागर का लंड दबाती है.....इसे लंड कहते है...और इसे चूत ...वो सागर हा हाथ अपनी चूत पे दबाते हुए कह देती है और सागर की आँखों में देखने लगती है।
सागर:- उफ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स् वाओ कितना अच्छा लगा तुम्हारे मुह से सुनके स्सस्सस्स...एक बार फिर कहो ना...
प्रियंका:- जाओ अब नहीं ....
सागर:-प्रियंका....स्स्स मैं तुम्हारी चूत देखना चाहता हु। तुम्हे मेरा लंड नहीं देखना ??
प्रियंका:-नहीं मुझे नहीं देखना...और दिखाउंगी भी नहीं...
सागर उसकी चूत पैंट के ऊपर से सहला रहा था। प्रियंका की चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी की उसकी पॅंटी और उसका नाईट पैंट दोनों भीग चूके थे।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स झूठी कही की स्स्स्स्स् अगर देखना नहीं है तो उसे पकड़ क्यू रखा है अह्ह्ह तुम्हे नहीं देखना तो मत देखो लेकिन मुझे देखने दो अह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् कितनी गीली हो गयी है स्सस्सस्स
प्रियंका:-सागर सच कहु तो मेरा मन भी बहोत है पर यहाँ ये सब करना ठीक नहीं है...माधवी उठ गयी और हमें ऐसे देख लिया तो पता नहीं वो क्या करे??
सागर:- बस एक बार देख लेने दो प्लीज अह्ह्ह्ह्ह्ह
प्रियंका:- ठीक है लेकिन बस दूर से देखना उसे छूना मत अह्ह्ह*
सागर:- ठीक है....
प्रियंका माधवी की और देखती है वो चादर मुह पे लेके सो रही थी।
प्रियंका उठती है और सागर के बाजू में बैठ जाती है।सागर समझ जाता है उसे क्या करना है। वो उसके सामने आता है और उसकी पैंट को पॅंटी सहित उतारने लगता है।प्रियंका उसे *पूरा सहयोग देती है। सागर प्रियंका की पैंट घुटना तक ले आता है। प्रियंका उसे रोकने लगती है।
सागर:- एक पैर से पूरा निकल दो...
प्रियंका उसकी बात मान लेती है। सागर पैंट उतारने के बाद उसके पैर फैला देता है।उसकी गोरी चिकनी बिना बालो वाली चूत देख सागर के होश उड़ जाते है। वो निचे झुक के अपना चेहरा उसकी टांगो के बिच ले जाता है।
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर क्या कर रहे हो??
सागर:- इस धीमी रोशनी में ठीक से दिखाई नहीं दे रहा...
प्रियंका:- लेकिन प्लीज छूना मत...
सागर अब कुछ भी सुनने के मूड में नहीं था। वो अपना चेहरा चूत के बहोत करीब ले जाता है। प्रियंका उसकी साँसे अपने चूत पे महसूस कर पा रही थी। सागर अपना हाथ आगे बढ़ाता है और उसकी चूत के आजूबाजू के हिस्से को सहलाता है।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स प्रियंका उम्म्म्म क्या मस्त चूत है तुम्हारी अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् और क्या खुसबू आ रही है स्स्स्स्स्स्स्स*
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह्ह सागर नहीं प्लीज हाथ हटाओ अपना
सागर:- स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह रुक जाओ जान स्स्स्स अभी मैं इसे हाथ से नहीं अपने होठो से छूने वाला हु स्स्स्स
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह नहीं....
लेकिन सागर अब रुकने वाला नहीं था। और प्रियंका भी यही चाहती थी।
सागर प्रियंका के पैर पकड़ के थोडा अपनी और खिचता है प्रियंका भी अपनी गांड को थोडा ऊपर की और करती है। अब सागर के सामने प्रियंका की कोमल सी चूत थी। वो झट से अपना मुह प्रियंका की चूत से सटा देता है और उसे चूमने लगता है। प्रियंका को तो जैसे बिजली का झटका लगा हो...वो अपना मुह अपीने हाथो से दबा लेती है ताकि उसकी सिसकिया माधवी सुन ना ले।सागर उसकी चूत चाटने लगता है।उसकी गीली चूत का स्वाद उसे मदहोश कर रहा था।उसकी महक उसे दीवाना बना रही थी।
सागर:- उफ्फ्फ्फ़ क्या चूत है स्सस्सस्स उम्म्म्म अह्ह्ह्ह
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर उफ्फ्फ्फ़ चाटो ना और स्स्स्स्स् कितने दिनों से इस पल।के बारे में सोच सोच के चूत में उंगली डाल के हिलाती थी अह्ह्ह्ह
सागर:- स्स्स्स अह्ह्ह हा मेरी जान उफ्फ्फ्फ़ अब तुम्हे *उंगली से अपनी चूत चोदने की जरुरत नहीं अह्ह्ह
सागर उसकी चूत के दाने को चुस्त हुआ उसकी चूत में एक उंगली डालता है।
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह स्स्स उफ्फ्फ्फ्फ्फ सागर अह्ह्ह्ह
सागर:-(मन में) उफ्फ्फ कितनी टाइट है इसकी चूत स्स्स्स्स् मजा आएगा ये कुवारी चूत चोदने में अह्ह्ह्ह्ह
सागर प्रियंका की चूत में थोडा फ़ास्ट उंगली अंदर बाहर करने लगता है और चूत के दाने को जुबान से होटो चूसने लगता है। प्रियंका पहले ही बहोत उत्तेजित हो चुकी थी वो सागर के चूसने और उंगली के अंदर बाहर होने से कुछ पल में झड़ जाती है।
जब झड़ जाती है वो सागर को रोक उसे अपने गले लगा लेती है।*
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह सागर उफ्फ्फ्फ्फ्फ स्स्स्स*
सागर:-क्या हुआ प्रियंका??
प्रियंका:- अह्ह्ह्ह्ह कुछ मत पूछो कुछ मत बोलो बस मुझे अपनी बाहो में ऐसेही रहने दो।
सागर और प्रियंका थोड़ी देर ऐसेही बैठे रहे। प्रियंका अब नार्मल हो चुकी थी।
प्रियंका:- सागर आज की रात मैं कभी भूल नहीं पाऊँगी...थैंक यू...
सागर:- हम्म इस रात को और यादगार बनाना चाहता हु...
प्रियंका:- वो ककैसे?
सागर:- तुम्हारी इस कुवारी चूत में अपना लंड डाल के उसपे हमेशा के लिए अपना नाम लिखना चाहता हु।प्रियंका मैं तुम्हे चोदना चाहता हु अभी...
प्रियंका:- अह्ह्ह सागर...मैं भी तुमसे चुदवाना चाहती हु...मगर यहाँ नहीं ...इसतरह नहीं...मैंने सुना है की पहली बार बहोत दर्द होता है। अगर मेरी चींख निकल गयी तो बहोत प्रॉब्लम हो जायेगी। और तुम्हारा लंड भी कितना बड़ा है...कही मेरी जान ही ना निकल जाय...
सागर को प्रियंका की बात में दम लगता है। और उSइ मिना चाची की कही बात भी याद आती है।
सागर:- ह्म्म्म ठीक है मैं कल का दिन हु यही कुछ करते है...अब मुझसे रहा नहीं जाएगा...देखो न कैसे मेरा लंड अकड़ सा गया है।तुम तो फ्री हो गयी जरा मुझे भी फ्री करने में मदत कर दो...
प्रियंका:-हा ये मैं कर सकती हु...ऐसा बोल के प्रियंका सागर का लंड बाहर निकालती है।उस लंड को देख उसकी आँखे फटी की फटी रह जाती है। उसने जितना सोचा था उससे जादा बड़ा था सागर का लंड।
प्रियंका:- बापरे कितना मोटा और लंबा है ये उफ्फ्फ्फ्फ़*
सागर:-हा तुम्हारे लिए ही है.....अह्ह्ह प्रियंका उफ्फ्फ तुम्हारे कोमल हाथो के स्पर्श से तो और भी उड़ने लगा है अह्ह्ह्ह
प्रियंका:-फ़िक्र मत करो ...अभी उस्का इलाज करती हु।
सागर:- ह्म्म्म तुम्हे पता है इसका इलाज कैसे किया जाता है...
प्रियंका:- हा पता है....
प्रियंका ऐसा बोल के उसे मुठी में पकड़ के *ऊपर निचे करने लगती है। सागर अपनी आँखे बंद कर प्रियंका की हरकतों का मजा लेने लगता है। प्रियंका अब सागर का लंड अपने मुह में लेने लगती है।सागर को जैसे ही इसका अहसास होता है वो अपनी आँखे खोल।के उसे अपना लंड चूसते हुए देखने लगता है।
सागर:- अह्ह्ह्ह स्स्स मेरी जान उफ्फ्फ्फ्फ़ तुम्हे ये भू पता है?
प्रियंका:-स्स्स्स हा मुझे सब पता है....
सागर:- उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह चूसो मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह*
प्रियंका बड़ी मुश्किल से उसके लंड का टोपा अपने मुह में लेके चूस रही थी। लेकिन ये सब उसके लिए पहली बार होने के वजह से वो ठीक से नहीं कर पा रही थी।
सागर:- अह्ह्ह्ह प्रियंका उम्म्म्म बस थोड़ी देर और मेरी जान मेरा होने ही वाला है अह्ह्ह्ह्ह्ह
प्रियंका उसका लंड मुह में भर के उसकी मुठ मारने लगती है। सागर थोड़ी ही देर में झड़ जाता है। उसका वीर्य पूरा प्रियंका में मुह पे उड़ जाता है। प्रियंका अपना मुह अपने पास के रुमाल से पोंछ लेती है।
सागर:- प्रियंका उफ्फ्फ्फ्फ़ मजा आ गया....स्स्स्स एसिमि इतना मजा आया सोचो चुदाई में कितना मजा आएगा....अह्ह्ह्ह स्स्स अब तो जल्द ही चुदाई का प्रोग्राम फिक्स करना पड़ेगा।
प्रियंका:- हा सागर अह्ह्ह अब तो बिना चुदे मुझसे भी नहीं रहा जाएगा।
वो फिर से एकदूसरे को गले लगा के एक किस करते है। और सागर धीरे से दबे पाँव अपने कमरे में चला जाता है। प्रियंका भी चुपचाप अपनी जगह पे आके सो जाती है।
सागर और प्रियंका बेड पे लेटे हुए बीते पलो की यादो में खोये थे और आने वाले पलो के बारे में सोचते हुए सो जाते है.........इस बात से बेखबर की उनकी ये दो घंटो की रासलीला माधवी सोने का नाटक कर देख चुकी थी.......................