आपने साथ मैं लिपीसटिक ले गई थी उसे अपने होठों पे आछे से
लगाया ओर बाबूजी के लंड पे चारो तरफ किस के निशान छोड़ दिए और
उठ खड़ी हुई तो शालु बोली भाभी इसे तो उपेर कर दो तो मैने कहा कि
नही दीदी इसे ऐसे ही रहने दो तो वो बोली कि वो क्यो तो मैने कहा कि
आप बस चुप चाप देखती रहो कि होता क्या है ओर हम वापिस आपने रूम
मे आ गई लेकिन आग दोनो की चूत मैं भड़क रही थी सो दोनो ने एक
दूजे की चूत मैं उंगली डाल के वो आग भुज़ाई.
जब आग भुज गई तो शालु दीदी बोली कि भाभी अब मुझसे रहा नही जा
रहा अब मैं और सस्पेंस मे नही रह सकती क्या आप मुझे मेरे कुछ
सवालों के जवाब देंगी तो मैने कहा कि ठीक है बाबा अब मैं भी आप
को सस्पेंस मैं नही रखूँगी सब कुछ बता दूँगी पूछो क्या पूछना है
तो वो बोली की भाभी पहले तो ये बताओ कि बाबूजी उठे क्यो नही थे ये
सब क्या चक्कर है. मैने कहा कि आप अभी भी नही समझी तो वो बोली
की नही तो मैने कहा कि ठीक है दीदी मैं बताती हूँ आप को मैने
जो दूध आप को दिया था बाबूजी को पिलाने के लिए उस्मै नींद की गोलिया
घोली हुई थी मैने तभी तो हम 20-25 मिंट बाद गये थे बाबूजी के
रूम मे तो वो मुझे हैरानी से देखती हुई बोली के भाभी आप तो
कमाल की चीज़ हो यार ओरये बताओ कि आप ने बाबूजी के लोवर को उप्पेर
क्यो नही किया ओर उसपे किस के निशान क्यो छोड़ दिए. मैने कहा कि वो
इसलिए दीदी कि जब बाबूजी उठेंगे तब तक हम सो चुके होंगे अगर हम
लोवर को उप्पेर कर देते तो उन्हे ये पता नही चलता कि उनके साथ क्या
हुआ है लेकिन जब वो आपने लंड को लोवर के बाहर पाएँगे तो सोचेंगे
कि ये बाहर कैसे आ गया अब रही किस के निशानो की बात तो वो इस
लिए कि अगर बाबूजी लंड को बाहर देखते तो पहली बार तो सोचते कि ये
बाहर कैसे आ गया फिर सोचते कि हो सकता है मैने ही इसे नींद मैं
बाहर निकाल लिया होगा लेकिन अब जब वो आपने लंड पे किस के निशान
देखेंगे तो ज़रूर सोचेंगे कि ये निशान कैसे आ गये ओर वो भी
लिपीसटिक के ओर फिर वो सोचेंगे कि हम दोनो के सिवा तो घर मैं कोई
भी लेडी नही है सो हो सकता है कि वो हमारे रूम की तरफ भी आएँ
कि हम क्या कर रही हैं ये सब उनके मन मैं हमारे खिलाफ शक का
बीज़ बोने के लिए है ताकि वो सोचें कि कहीं ये दोनो ही ऐसा तो नही
कर रही. वो बोली भाभी आप तो बहुत ही गजब की चीज़ हो लगता है
कि आप ने बहुत लंड खाए हैं
ससुर बने साजन (sasur bane sajan) compleet
Re: ससुर बने साजन
पहले तो मैने कहा कि नही दीदी लेकिन
जितनी उतावली आप हो रही हैं आप ने ज़रूर लगता है कि बहुत खाए है
तो वो बोली नही भाभी एक बाबूजी के लंड को पाने की तमन्ना की है ओर
लगता है कि वो अब आप की वजह से पूरी हो जाएगी लेकिन भाभी एक बात
पूछूँ मैने कहा कि पूछो तो वो बोली के भाभी जो तुम्हारा प्लान है उसे
तो तुम अकेली भी पूरा कर सकती थी घर पे किसी और को तो क्या मुझे
भी पता नही चलता कि आप ने क्या किया है फिर आप ने मुझे क्यो बुला
लिया तो मैने कहा कि दीदी पहले मेरा इरादा भी अकेले मज़ा लेने का था
लेकिन जब मैने पहले दिन बाबूजी का लंड देखा तो मैं सारी रात प्लान
बनाती रही उसे पाने का ओर प्लान मैने बना भी लिया था अकेले ही मज़ा
लेने का लेकिन फिर मैने सोचा कि जिसने मुझे उकसाया और ये बताया कि
मेरे घर पे इतना बड़ा लंड है ओर मेरे मन मे उसके लिए लालसा
भड़काई मैं उसे तो भूल ही रही हूँ.अगर मैं अकेली ही मज़ा ले
लूँगी तो ये ठीक नही होगा मैने सोचा कि ये आप का एहसान चुकाने का
अच्छा मौका है वो बोली कि कौन सा एहेसान चुकाने का तो मैने कहा कि
यही कि आप ने मुझे बाबूजी के लंड के बारे मैं जानकारी दी ओर मेरे
मन मैं उसे पाने की ख्वाइश पैदा की अब मैं भी तसली पा सकूँगी
और तुमसे कह सकूँगी कि सिर्फ़ आप ही नही हैं जिसने बड़े लंड से मज़ा
लिया है बल्कि मैं भी आप के बराबर ही 11इंच के लंड से चुद चुकी
हूँ. मेरी बातें सुन के वो बोली कि भाभी मैं आप को बहुत चाहती थी
लेकिन आज वादा करती हूँ कि अगर आप मेरी जान भी माँगोगी तो मैं दे
दूँगी आप मेरे बारे मैं इतना सोचती हैं.मैने उसे कहा कि दीदी आप
कैसी बातें करती हो आप आख़िर ननद हो मेरी मैं आप के बारे मैं
नही सोचूँगी तो किस के बारे मैं सोचूँगी. फिर वो बोली की वो तो ठीक
है भाभी लेकिन ये बताओ कि अभी आगे प्लान क्या है बाबूजी को पटाना
कैसे है अभी तो मैने उसके कान मे अपना सारा प्लान सुना दिया जिसे
सुनकर वो मेरी गालो को चूमने लगी और बोली कि भाभी गजब की चीज़ हो
आप मैने कहा की ठीक है अभी सो जाओ ओर वो सो गई.लेकिन मेरी आँखों
मैं नींद नही थी ओर मैं अपने प्लान के मुताबिक वेट कर रही थी
क्यो की मुझे यकीन था कि बाबूजी जब उठेंगे तो हमारे रूम की तरफ
ज़रूर आएँगे और मैं ये देखना चाहती थी कि वो आते हैं या नही इस
लिए मैं डोर के की होल मे आँखे लगा के बैठी थी और करीब
12.30 बजे बाबूजी उठे ओर मेरी सोच के मुताबिक वो हमारे रूम की तरफ
आए और डोर से कान लगा कर कोई आहट सुनने की कोशिश करने लगी
लेकिन दीदी सो गई थी और मैं कोई आहट करने वाली नही थी और 10 मिंट
रुकने के बाद वो आपने रूम मैं वापिस चले गये ओर मैं भी सो गई
लेकिन मन ही मन मैं बहुत खुश हो रही थी क्यो कि सब कुछ
मेरे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था.(आप सोच रहे होंगे के मैने
अपनी ननद को साथ मे शामिल क्यो किया वो इस लिए क्यो कि मैं बाबूजी
को ये शो करवाना चाहती थी कि उनकी बेटी मुझ से ज़यादा उतावली है
किसी से सेक्स करने के लए मुझे तो वो इस्तेमाल कर रही है जब कि मैं
अपनी ननद को इस्तेमाल कर रही थी)
जितनी उतावली आप हो रही हैं आप ने ज़रूर लगता है कि बहुत खाए है
तो वो बोली नही भाभी एक बाबूजी के लंड को पाने की तमन्ना की है ओर
लगता है कि वो अब आप की वजह से पूरी हो जाएगी लेकिन भाभी एक बात
पूछूँ मैने कहा कि पूछो तो वो बोली के भाभी जो तुम्हारा प्लान है उसे
तो तुम अकेली भी पूरा कर सकती थी घर पे किसी और को तो क्या मुझे
भी पता नही चलता कि आप ने क्या किया है फिर आप ने मुझे क्यो बुला
लिया तो मैने कहा कि दीदी पहले मेरा इरादा भी अकेले मज़ा लेने का था
लेकिन जब मैने पहले दिन बाबूजी का लंड देखा तो मैं सारी रात प्लान
बनाती रही उसे पाने का ओर प्लान मैने बना भी लिया था अकेले ही मज़ा
लेने का लेकिन फिर मैने सोचा कि जिसने मुझे उकसाया और ये बताया कि
मेरे घर पे इतना बड़ा लंड है ओर मेरे मन मे उसके लिए लालसा
भड़काई मैं उसे तो भूल ही रही हूँ.अगर मैं अकेली ही मज़ा ले
लूँगी तो ये ठीक नही होगा मैने सोचा कि ये आप का एहसान चुकाने का
अच्छा मौका है वो बोली कि कौन सा एहेसान चुकाने का तो मैने कहा कि
यही कि आप ने मुझे बाबूजी के लंड के बारे मैं जानकारी दी ओर मेरे
मन मैं उसे पाने की ख्वाइश पैदा की अब मैं भी तसली पा सकूँगी
और तुमसे कह सकूँगी कि सिर्फ़ आप ही नही हैं जिसने बड़े लंड से मज़ा
लिया है बल्कि मैं भी आप के बराबर ही 11इंच के लंड से चुद चुकी
हूँ. मेरी बातें सुन के वो बोली कि भाभी मैं आप को बहुत चाहती थी
लेकिन आज वादा करती हूँ कि अगर आप मेरी जान भी माँगोगी तो मैं दे
दूँगी आप मेरे बारे मैं इतना सोचती हैं.मैने उसे कहा कि दीदी आप
कैसी बातें करती हो आप आख़िर ननद हो मेरी मैं आप के बारे मैं
नही सोचूँगी तो किस के बारे मैं सोचूँगी. फिर वो बोली की वो तो ठीक
है भाभी लेकिन ये बताओ कि अभी आगे प्लान क्या है बाबूजी को पटाना
कैसे है अभी तो मैने उसके कान मे अपना सारा प्लान सुना दिया जिसे
सुनकर वो मेरी गालो को चूमने लगी और बोली कि भाभी गजब की चीज़ हो
आप मैने कहा की ठीक है अभी सो जाओ ओर वो सो गई.लेकिन मेरी आँखों
मैं नींद नही थी ओर मैं अपने प्लान के मुताबिक वेट कर रही थी
क्यो की मुझे यकीन था कि बाबूजी जब उठेंगे तो हमारे रूम की तरफ
ज़रूर आएँगे और मैं ये देखना चाहती थी कि वो आते हैं या नही इस
लिए मैं डोर के की होल मे आँखे लगा के बैठी थी और करीब
12.30 बजे बाबूजी उठे ओर मेरी सोच के मुताबिक वो हमारे रूम की तरफ
आए और डोर से कान लगा कर कोई आहट सुनने की कोशिश करने लगी
लेकिन दीदी सो गई थी और मैं कोई आहट करने वाली नही थी और 10 मिंट
रुकने के बाद वो आपने रूम मैं वापिस चले गये ओर मैं भी सो गई
लेकिन मन ही मन मैं बहुत खुश हो रही थी क्यो कि सब कुछ
मेरे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था.(आप सोच रहे होंगे के मैने
अपनी ननद को साथ मे शामिल क्यो किया वो इस लिए क्यो कि मैं बाबूजी
को ये शो करवाना चाहती थी कि उनकी बेटी मुझ से ज़यादा उतावली है
किसी से सेक्स करने के लए मुझे तो वो इस्तेमाल कर रही है जब कि मैं
अपनी ननद को इस्तेमाल कर रही थी)
Re: ससुर बने साजन
नेक्स्ट सुबह हम उठी और घर के काम मे लग गई जब मैं बाबूजी को
चाइ देने गई तो वो मुझे अजीब सी नज़रों से देख रहे थे मैं समझ
गई कि ये सब रात की वजह से है और मैने ये बात दीदी को बता दी और
जब वो बाबूजी के पास गई तो वो उसे भी उन्ही नज़रों से घूर रहे थे
ये दीदी ने बताया मुझे मैं समझ गई कि उनके मन मे हमारे खिलाफ
शंका का बीज जनम ले चुका है और ये ही हमारी सफलता के लिए ज़रूरी
भी था. बाबूजी खाना खाने के बाद शॉप पे चले गये थे मैं और
दीदी घर पे थी दीदी बहुत खुश नज़र आ रही थी मैने कारण पूछा
तो बोली कि भाभी क्यो अंजान बन रही हो ये सब आप की ही वजह से है
क्यो की आप के ही कारण मुझे बाबूजी के लंड के दर्शन हुए ओर उसे
चूसने का सोभाग्य मिला है मैं तो ये सोच कर खुश हो रही थी की
जब वो मेरे अंदर जाएगा तो मुझे कितना मज़ा आएगा. कुछ देर हम यू
ही बातें करते रहे और फिर शाम हो गई तो मैने कोई 6 बजे के करीब
शालु दीदी को बुलाया और आगे के प्लान पे काम करने को कहा तो उन्होने
झट से मेरे बेडरूम के डोर का शीशा तोड़ दिया हमारे यहाँ डोर मे
हाफ प्लाइ और हाफ शीशा लगा हुआ था जो हमने तोड़ दिया रात को अंदर
कुछ ना दिखे इस लिए हर शीशे के आगे परदा लगा हुआ था. हमने काँच
वहाँ से उठा दिया जब रात को बाबूजी आए तो दीदी ने सब से पहले
बाबूजी से ये ही कहा कि कल एक शीशा लगाने वाले को भेज दीजिएगा वो
मुझसे सफाई करते हुए शीशा टूट गया है बाबूजी बोले कि ठीक है
फिर मैने उन्हे खाना दिया और फिर 10 बजे गोलिओं वाला दूध पिला दिया और
फिर मैने और दीदी ने जी भर के बाबूजी के लंड को 20 मिंट तक चूसा
और फिर मैने दीदी से कहा क्या आज आप को पता है ना कि हमने क्या
करना है तो वो बोली कि याद है और फिर मैने बाबूजी के लंड पे अपनी
लापिसटिक के किस के निशान छोड़ दिए और हम दोनो बाबूजी का लोवर नीचे
ही छोड़ कर अपने रूम मे आ गई
चाइ देने गई तो वो मुझे अजीब सी नज़रों से देख रहे थे मैं समझ
गई कि ये सब रात की वजह से है और मैने ये बात दीदी को बता दी और
जब वो बाबूजी के पास गई तो वो उसे भी उन्ही नज़रों से घूर रहे थे
ये दीदी ने बताया मुझे मैं समझ गई कि उनके मन मे हमारे खिलाफ
शंका का बीज जनम ले चुका है और ये ही हमारी सफलता के लिए ज़रूरी
भी था. बाबूजी खाना खाने के बाद शॉप पे चले गये थे मैं और
दीदी घर पे थी दीदी बहुत खुश नज़र आ रही थी मैने कारण पूछा
तो बोली कि भाभी क्यो अंजान बन रही हो ये सब आप की ही वजह से है
क्यो की आप के ही कारण मुझे बाबूजी के लंड के दर्शन हुए ओर उसे
चूसने का सोभाग्य मिला है मैं तो ये सोच कर खुश हो रही थी की
जब वो मेरे अंदर जाएगा तो मुझे कितना मज़ा आएगा. कुछ देर हम यू
ही बातें करते रहे और फिर शाम हो गई तो मैने कोई 6 बजे के करीब
शालु दीदी को बुलाया और आगे के प्लान पे काम करने को कहा तो उन्होने
झट से मेरे बेडरूम के डोर का शीशा तोड़ दिया हमारे यहाँ डोर मे
हाफ प्लाइ और हाफ शीशा लगा हुआ था जो हमने तोड़ दिया रात को अंदर
कुछ ना दिखे इस लिए हर शीशे के आगे परदा लगा हुआ था. हमने काँच
वहाँ से उठा दिया जब रात को बाबूजी आए तो दीदी ने सब से पहले
बाबूजी से ये ही कहा कि कल एक शीशा लगाने वाले को भेज दीजिएगा वो
मुझसे सफाई करते हुए शीशा टूट गया है बाबूजी बोले कि ठीक है
फिर मैने उन्हे खाना दिया और फिर 10 बजे गोलिओं वाला दूध पिला दिया और
फिर मैने और दीदी ने जी भर के बाबूजी के लंड को 20 मिंट तक चूसा
और फिर मैने दीदी से कहा क्या आज आप को पता है ना कि हमने क्या
करना है तो वो बोली कि याद है और फिर मैने बाबूजी के लंड पे अपनी
लापिसटिक के किस के निशान छोड़ दिए और हम दोनो बाबूजी का लोवर नीचे
ही छोड़ कर अपने रूम मे आ गई