कोई ऐसा कैसे कर सकता है? Hindi sex story

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Fuck_Me
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कोई ऐसा कैसे कर सकता है? Hindi sex story

Unread post by Fuck_Me » 26 Aug 2015 09:18

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मैं आपको अभी हाल की एक घटना बताना चाहूंगी…
शनिवार को नीरज (मेरे मंगेतर) का फोन आया कि दोपहर को लंच के लिए मिलना है।

शनिवार को मेरे ऑफिस का हाफ डे रहता है तो मुझे भी कोई समस्या नहीं थी।

दो बजे मैं ऑफिस से निकली, रास्ते में वो मिल गए और हमने एक रेस्टोरेंट में खाना खाया।

खाने के कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि उनका कोई MR दोस्त यहाँ रहता है, जो अभी कहीं बाहर गया हुआ है, उसके घर पर चलते हैं।

वहाँ जाकर उन्होंने मुझे एक सोने की चैन तोहफ़े में दी और मुझे किस किया।


आज के किस और पहले हुए उनके किस में मुझे बहुत अंतर नज़र आया, यह चुम्बन बहुत ही सौम्य था… वो धीरे धीरे मेरा निचला होंठ चूस रहे थे…
मुझे भी मज़ा आने लगा… मैंने भी आँखें बंद कर ली और पूरी तरह से उनका साथ देना शुरू कर दिया।
पहले के सारे चुम्बनों में मैंने कभी पहल नहीं की, पता नहीं आज यह इतना इतना सौम्य और आनन्ददायक कैसे था?

15 मिनट बाद जब यह सिलसिला टूटा तो उन्होंने वो चेन गिफ्ट पैक में से निकल कर मेरे गले में पहनाई… दुपट्टा निकाल कर एक बगल में रख दिया और हम दोनों कांच में देखने लगे।
वो मेरे पीछे खड़े थे, मुझे अपनी कूल्हों की दरार में कुछ कड़क कड़क सा महसूस हुआ।
मेरी धड़कनें बढ़ने लगी।

तभी उनका एक हाथ मेरे पेट को सहलाने लगा और वो मेरी पीठ को चूमने लगे, कभी गर्दन का पिछला हिस्सा कभी पीठ!
मुझे डर लग रहा था।

फिर उन्होंने मेरी कमीज़ उतरवा दी और मैं सलवार और ब्रा में उनके सामने खड़ी थी।

उन्होंने मुझे नीचे ज़मीन पर बिस्तर पर बिठाया और खुद मेरे गोद में सर रख कर लेट गए।

मैं तो शर्म से लाल हुई पड़ी थी, तभी नीरज ने मेरी ब्रा ऊपर की और मेरे स्तन चूसने लगे।
बिल्कुल किसी छोटे बच्चे की तरह से वो मेरे स्तन चूसे जा रहे थे।
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि… यह हो क्या रहा है?

अब तक मैंने भाभियों को अपने अपने बच्चों को दूध पिलाते ही देखा है… और आज नीरज बारी बारी से मेरे दोनों स्तनों के निप्पल चूस रहे थे!

थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे लिटा दिया और मेरी सलवार भी सरका दी।
मैंने काली पैन्टी पहनी हुई थी, वो मेरी योनि को पैन्टी के ऊपर से ही चाट रहे थे, जब पैन्टी भी सरका दी तो अब मैं पूरी तरह से नंगी थी…
लेकिन अजीब बात यह थी कि उन्होंने पूरे कपड़े पहने हुए थे।
यह बात मुझे अजीब लगी, वो मेरी योनि को भरपूर चाट रहे थे, चूस भी रहे थे।

मेरी योनि के छोटे छोटे रूएंदार बालों को अपनी जीभ से सहला रहे थे, मुझे एक अजीब मीठी मीठी सी गुदगुदी सी हो रही थी।

मैंने भी अपनी दोनों टांगें खोल कर उनको आमंत्रण दे दिया।

पर यह क्या हुआ?
उन्होंने मुझे घोड़ी बनने को कहा, मैं बनी तो मेरी योनि पूरी तरह से नज़र आने लगी और चूतड़ भी खुल कर दिखाई देने लगे।

मेरे चूतड़ों को भी उन्होंने खूब चूमा…
यह नया अनुभव मुझे भी अच्छा लग रहा था… पर आगे यह क्या हुआ?

वो तो मेरा मलमार्ग भी चूस रहे थे!!
यह कैसे हो सकता है? …कोई ऐसा कैसे कर सकता है?

लेकिन वो तो उसमें ख़ुशी ख़ुशी अपनी जीभ डाल रहे थे!

मैंने रोका तो मुझे उन्होंने चुप करा दिया।

यह मेरे लिए पूरी तरह से एक नई बात थी लेकिन मुझे मज़ा भी आ रहा था, मुझे उनकी जीभ महसूस हो रही थी, पूरे शरीर में ऐसी कोई जगह नहीं बची जहाँ उन्होंने मुझे चूमा न हो… पेट पर, जांघों पर, सीने पर… हर जगह…

यह सब काफ़ी देर से चल रहा था, लंच को भी काफ़ी समय हो गया था, मुझे अब पेशाब लगा मैंने उनको कहा।
तो बोल पड़े- मेरे मुँह में कर दो, मैं पी लूँगा।

यह कैसे हो सकता है? कोई ऐसा कैसे कर सकता है…??
मैंने मना किया पर नीरज माने नहीं…!!
मैंने उनको डराने के लिया थोड़ा सा पेशाब किया तो वो तो पी गए!!

हे भगवान… मैंने यह क्या किया? अपने होने वाले पति को मैंने अपना पेशाब पिला दिया?!?

मैं भाग कर बाथरूम में गई… वापस आकर देखा तो वो अपना जीन्स, अण्डरवीयर उतार कर खड़े है और उनका फनफनाता हुआ लिंग निकला हुआ है जिसकी सारी नसें साफ़ साफ़ दिखाई दे रही हैं।

तभी नीरज ने कहा- चूसो इसको… इसको अपने मुंह में लो…!

मैंने मना कर दिया- मुझे यह सब गंदा लगता है… मैंने केवल फिल्मों में देखा है… मुझे घिन्न आती है… कोई भी किसी के मल-मूत्र के अंगों को कैसे अपने मुख में ले सकता है? मुझे यह सब गंदा लगता है… मुँह में बाल आते हैं।
नीरज ने बार बार आग्रह किया पर मैंने उनका लिंग मुँह में नहीं लिया।

तो वो गुस्सा होने लगे और मुझे वापस कपड़े पहनने को कहा।

मैंने उनको समझाया कि मुझे यह पसंद नहीं! मैंने कपड़े पहने।
उन्होंने मुझे वापस घर पर छोड़ा… और वो मुझे गेट पर ही छोड़ कर वापस चले गए।

माँ ने बहुत पुकारा पर नीरज अंदर ही नहीं आए।

फिर मैंने उनको बहुत फ़ोन किया पर कोई जवाब नहीं…
माँ-पापा ने भी फ़ोन किया… पर कोई जवाब नहीं…
माँ-पापा मुझ से पूछ रहे हैं कि नीरज नाराज़ क्यों है? ऐसा क्या हो गया? किस बात पर झगड़ा हो गया…? जब तोहफे में सोने की चेन दी है तो फिर यह लड़ाई क्यों?

माँ-पापा से क्या कहूँ?
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.

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