मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

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sexy
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मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:05

Part 1

मेरी उम्र ३० साल है और मेरी बीवी जूली २६ साल की है] हमारी शादी को २ साल हो गए हैं] अभी हमारे कोई बेबी नहीं है] मैं औसत कदकाठी का साधारण काम करने वाला इंसान हूँ जो समाज से बहुत डरता है और अपनी कोई बात जगजाहिर करना नहीं चाहता और सेक्स के मामले में भी साधारण ही हूँ]
मगर इसे अपनी किस्मत कहू या बदकिस्मती कि मेरी शादी एक बहुत सुंदर लड़की जूली से हो गई वो एक क़यामत ही है ५ फुट ५ इंच लम्बी, बिलकुल दूध जैसा सफ़ेद रंग जिसमे सिंदूर मिला हो और गजब के उसके अंग, मम्मे ३७ पतली कमर शायद २५ और खूब बहार को उठी हुई उसकी गांड ३८] उसकी गांड इतनी गद्देदार है कि अच्छो अच्छो का लंड पानी छोड़ देता है जिसे मैंने कई बार महसूस किया है, उसकी इसी गांड के कारण सुहागरात को मेरे लंड ने भी जवाब दे दिया था] चलिए वो किस्सा भी आपको बता ही देते हैं]

सुहागरात में उसके गोर सुंदर और गर्म वदन ने ही मुझे बहुत उत्तेजित कर दिया था और ऊपर से जब मैं उसको प्यार कर रहा था तब वो उल्टी पेट के बल पलंग पर लेट गई उसके सफ़ेद वदन पर केवल एक काली पैंटी थी जो उसकी गांड को गजब का सेक्सी बना रही थी] फिर जब उसकी पीठ को चूमते हुए जब मैं उसकी कच्छी ओके उसके चूतड़ों से नीचे उतारने लगा तो उसके हिलते हुए चूतड़ों के बीच उसका सुरमई गुदाद्वार देख मेरे छक्के छूट गए और जैसे ही मैंने उसकी झांकती गुलाबी, चिकनी चूत जिसके दोनों होंट आपस मैं चिपके थे देखते ही मेरे पसीने छूट गए] उसके इसी अंगो ने मेरे को उसके सामने शर्मिन्दा करवा दिया] मगर उसने बड़े प्यार से मुझसे कहा कोई बात नहीं]
उसका यह प्यार अभी भी जारी है वो कभी कोई डिमांड नहीं रखती और न कभी मुझसे लड़ाई करती है और मेरा बहुत ध्यान रखती है इसीलिए मैं उससे कुछ नहीं कहता और न ही उसकी हरकतों को रोक पा रहा हूँ]
अब आपसे उसके इसी ब्यवहार के बारे मैं बाताऊंगा]

जूली हमेशा बहुत हंसमुख सभी से खुलकर बातचीत करने वाली, सभी का ध्यान रखने वाली लड़की है] मेरे सभी दोस्त और रिस्तेदार उसको बहुत पसंद करते हैं] हम एक अलग फ्लैट लेकर रहते हैं]
वो एक ईसाई परिवार से है तो कपडे उसके काफी मॉडर्न ही होते थे पर इसके लिए मैंने कभी उसको मन नहीं किया था]
पहले साल तक तो सब कुछ मुझे नॉर्मल ही लगा था और हमारा जीवन भी आम पति पत्नी जैसा ही बीता था] हाँ हमारा सेक्स सप्ताह मैं एक या दो बार ही होता था मगर उसने कभी शिकायत नहीं की] और न ही कभी वो डिमांड करती थी जब मेरा मन होता है तो वो खुद ही तैयार हो जाती है]
मेरे दोस्तों के साथ उसका हंसी मजाक या मेरे भाइयों के साथ उसकी छेड़छाड़ सब कुछ नॉर्मल ही लगता था मगर पिछले १ साल से सब कुछ बदल गया है जूली को मैं सीदीसादी समझता था मगर वो तो सेक्स की मूरत निकली] अब तो बस मैं उसको छिपकर उसकी हरकतों को देखता रहता हूँ न तो उससे कुछ कहता हूँ और न ही उसकी किसी बात का विरोध करता हूँ]
शायद यही सुंदर पत्नी रखने की सजा है]

दोस्तों शादी के बाद का १ साल तो ऐसे ही गुजर गया, या तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया जूली कि हरकतों पर या फिर वो भी सती सावित्री ही बनी रही]

असली कहानी १ साल बाद शुरू हुई जब मैंने उसकी १ हरकत को नोट किया]

अब वहीँ से मै आपको अपनी कहानी से अवगत कराता हूँ]

मेरा छोटा भाई देलही से आया हुआ है वो वहाँ इंजीनियरिंग केर रहा है २२ साल का गठीला जवान है, दोनों देवर भाभी में हंसी मजाक होता रहता है] पर वो जवानी ही लगता था मगर.

उस सुबह मै उठकर newspaper पढ़ते हुए चाय पी रहा था] तभी

जूली सुनो जी, आप पेड़ों मै पानी डाल दो न मैं तब तक नास्ता तैयार केर लेती हूँ]

जूली ने गुलाबी सिल्की हाफ पजामी पहनी थी जो उसके घुटने तक ही थी वो उसके बदन से पूरी तरह कसी हुई थी] जिससे उसकी गांड बहार निकली हुई साफ़ दिख रही थी और इस पजामी में जब बो अंदर चड्डी नहीं पहनती थी तो उसकी चूत का आकार भी साफ़ दिखता था और पीछे से मुझे आज भी उसकी पजामी में कहीं कोई कच्छी का निशान नहीं दिख रहा था मतलब सामने से उसकी चूत गजब ढहा रही होगी]

मैंने १ दो बार उसको बोला भी है कि जान इस पजामी के अंदर कच्छी जरुर पहन लिया करो जब कोई और घर में आया हो मगर वो ऐसी बातों को नजरअंदाज़ कर देती थी मै भी ज्यादा नहीं टोकता था] ऊपर उसने एक सैंडो टॉप पहना था जो उसके विशाल मम्मो पर कसा था और उसके पेट पर नाभि तक ही आ रहा था उसकी पजामी और टॉप के बीच करीब ४ इंच सफ़ेद कमर दिख रही थी जो उसको बहुत सेक्सी बना रही थी]

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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:05

फिलहाल में पौधों में पानी डालने बहार चला जाता हूँ] तभी मेरा छोटा भाई भी किचन में आ जाता है उसकी आवाज आती है]

विजय लाओ भाभी मैं आपकी हेल्प करता हूँ] भैया कहाँ हैं]

पता नहीं क्यों मैं उन दोनों को देकने अंदर ही रुक जाता हूँ ऐसा पहली बार हुआ था, शायद जूली का वो सेक्सी रूप देख मैंने सोचा कि न जाने विजय को कैसा लगा होगा] क्या वो जूली को कुछ कहेगा]

मगर तभी विजय कि आवाज आती है]

विजय क्या भाभी वहार क्या कर रहे हैं भैया, क्या आज सुबह सुबह उनको वाहर निकाल दिया]

जूली चल पागल, वो पौधों में पानी डालने गए हैं]

विजय वाओ मतलब आज सुबह ही मौका मिल गया] चलो तो इस पौधे मै पानी हम डाल देते हैं]

उसका ये वाक्य सुनते ही मेरा माथा ठनक गया ये क्या कह रहा है ये मैंने दरबाजे की आड़ लेते हुए किचन मै झाँका और मेरे सारे सपने धरासाई हो गए

विजय अपनी भाभी से पीछे से चिपका था और उसकी हाथ उसको आगे से बांधे हुए थे

जूली हाथ हटा न पगले, तेरे भैया अभी आते ही होंगे और ये पौधा तो घर में ही है जब चाहे पानी डाल देना]

मैंने थोड़ा ओर आगे को होकर देखा तो, माय गॉड विजय का सीधा हाथ जूली के पजामी के अंदर था] मतलब वो उसकी चूत सहला रहा था, जो बिना किसी अवरोध के उसकी हथेली के नीचे थी]

विजय क्या भाभी गजब माल लग रही हो आज, और आपकी चूत पर तो हाथ रखते ही मन करता है कि..

जूली हाँ हाँ मुझे पता चल रहा है कि तुम्हारा क्या मन कर रहा है वो तो तुम्हारा ये मोटा लण्ड ही बता रहा है जो पजामी के साथ ही मेरी गांड में घुसा जा रहा है]

मै उसकी बातें सुन सॉकड था कि जूली ने कभी मेरे सामने इतना खुलकर ये शब्द नहीं बोले थे कभी कभी मेरे बहुत ज़ोर देने पर बोल देती थी मगर आज तो पराये मर्द के सामने रंडी कि तरह बोल रही थी.

तभी उसने पीछे हाथ कर विजय का लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया] विजय ने न जाने कब उसे अपने पजामे से बाहर निकाल लिया था वो अब जूली के हाथ में था] तभी जूली मेरी ओर घूमी तो मैंने देखा कि उसकी पजामी चूत से नीचे खिसकी हुई है अब उसकी नंगे सुतवाकार पेट के साथ उसकी छोटी सी चूत भी दिख रही है]

वो उसकी लण्ड को अपने हाथ से सहला उसकी पजामे में कर देती है और कहती है

जूली इसको अभी आराम करने दो इस सबके लिए अभी बहुत समय मिलेगा]

मैं उनकी ये सब हरकतें देख चुपचाप वाहर आ जाता हूँ और सोचने लगता हु कि क्या करूँ]

अब मैं कुछ देर के लिए बाहर आकर अपना सर पकड़कर बैठ गया] कुछ पल तो मुझे लगा कि मेरी दुनिया पूरी लुट गई है मैं लगभग चेतना विहीन हो गया था जब अंदर से कुछ आवाजें आयीं तब मैं उठा और पौधों को सही करके पानी देने लगा]

पानी देते हुए अचानक अपने भाई विजय की बात दिमाग में गूंजने लगी और न जाने कैसे मैं सोचने लगा कि पौधे की जगह मेरी बीवी नंगी अपनी टाँगे फैलाये लेटी है और विजय अपने लण्ड को हिला हिला कर अपना पानी उसकी चूत में डाल रहा है]

और ये सब सोचते ही मेरा अपना लण्ड सर उठाने लगा जाने कैसा भाग है ये कि अभी दिमाग काम नहीं कर रहा था और अब लण्ड भी पुरे जोश में था]

अब मेरे सामने दो ही रास्ते थे कि या तो लड़ झगड़ कर सब कुछ ख़त्म कर लिया जाये या फिर खुद भी एन्जॉय करो और उसको भी करने दो]

मैंने दूसरा रास्ता चुना क्युकि मैं भी पाकसाफ नहीं था और सेक्स को मजे की तरह ही देखता था]

सबसे बड़ी बात तो यही थी कि जूली एक पत्नी के रूप में तो मेरा पूरा ख्याल रखती ही थी बाकि ये शायद उसकी अपनी इच्छाएं थी]

दोस्त मेरे मन में बस यही ख्याल आ रहा था कि ज़िंदगी बहुत छोटी है इसमें जो मिले उससे एन्जॉय केर लेना चाहिए]

कम से कम जूली मेरा ख्याल तो रख ही रही थी मेरी इनसल्ट तो नहीं कर रही थी] अब मेरे पीछे वो कुछ अपनी इच्छाओं को पूरा कर रही थी तो मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगा]

ये सब सोच मेरा मन बहुत हल्का हो गया, और अपना काम ख़त्म कर मैं अंदर आ गया]

अंदर सब कुछ नॉर्मल था] जूली किचन में वैसे ही काम कर रही थी और विजय बाथरूम में था]

तभी मुझे विजय का अक्स दिखा वो कुछ पीछे को हुआ था]

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Re: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति

Unread post by sexy » 09 Sep 2015 08:05

ओह माय गॉड वो पूरा नंगा था, उसका टॉवेल उसके पैरों में था जिसे उसने अपने पैरों से पीछे को धकेला]

शायद उसी के लिए वो पीछे को हुआ होगा]

मुझे उसका लण्ड तो नहीं दिखा मगर मैं इतना मुर्ख भी नहीं था कि ये न समझ सकूँ कि इस स्थिति में उसका लण्ड ९० डिग्री पर खड़ा ही होगा]

अब सोचने वाली बात ये थी कि मेरे घर में रहते वो क्या करेगा]

वो फिर आगे को हो गया और मेरी नजरों से ओझल हो गया]

तभी फिर से आवाजे आने लगीं

जूली तुम बिलकुल पागल हो विजय क्या करते हो, तुम्हारा लण्ड कितना tite हो रहा है]

विजय हाँ भाभी अहा आज तो भैया के सामने ही ये तुम्हारी चूत में जाना चाहता है ओहूओ अहाह ह

जूली नहीईईईइ विजय प्लीज ऐसा मत करो, मैं उनके सामने ऐसा नहीं कर सकती]

मैं उनसे बहुत प्यार करती हूँ] अहाआआ विजय हा हा ओह मत करो न तुम बहुत बदमाश हो गए हो]

अहा क्या करते हो प्लीज तुम्हारा लण्ड तो आज मेरी पजामी ही फाड़ देगा अहाआआआ नहीईईईई

विजय पुच पुछ्ह्ह्ह्ह अहहहआआ आज नहीं छोडूंगा] ओहूऊओ लाओ इसको हटा दो]

जूली नहीईईईइ विजय क्या करते हो, पगला गए हो, देखो वो आते ही होंगे, मान जाओ ना प्लीज

ह्ह्हाआ ओहूऊऊओ

विजय वॉउ भाभी क्या मस्त चूत है आपकी बिलकुल छोटी बच्ची कि तरह कितनी चिकनी और छोटी सी
दिल करता है खा जाउ इसको

वाकई जूली कि चूत बहुत खूबसूरत थी उसके छोटे छोटे होंट ऐसे आपस में चिपके रहते थे जैसे १०-१२ साल कि बच्ची के…

और चूत का रंग गुलाबी था जो उसकी गदराई सफ़ेद जांघों में जान डाल देता था]

उसकी चूत बहुत गरम थी और उसके होंटों को खोल जब लाली दिखती तो मुझे पक्का यकीन था कि बुड्ढों तक का लण्ड पानी छोड़ दे]

मगर इस समय वो चूत मेरे छोटे भाई विजय के हाथ में थी]

पता नहीं वो नालायक उसको कैसे छेड़ रहा होगा]

अब फिर से भयंकर आवाजे आने लगीं]

जूली ह्हाआआअ आआआअ ओहूऊऊओ विजय नहीईईईइ प्लीजज्ज्ज्ज्ज्ज़ नहीईईईईईई

विजय भाभीइइइइइइइ बस जरा सा झुक जाओ]

जूली वो आते होंगे तुम मानोगे नहीं]

विजय भाभी, भैया अभी नहा ही रहे हैं सॉवॅर कि आवाज आ रही है उनके आने से पहले हो जायेगा] बस जरा सा आहआआआ

जूली ओहूऊऊओ क्या करते हो ओहूऊऊ वहाँ नहीं विजय आहआआआआआ आआआआआ सूखा ही आआआ तुम तो मार ही दोगे]

पागल मैंने कितनी बार कहा है गांड में डालने से पहले कुछ चिकना लगा लो]

विजय मैंने थूक लगाया था न और आपकी चूत का पानी भी लगाया था अहाआआआ क्या छेद है भाभी मजा आ गया]

जूली चल पहले मलाई लगा,

अरे क्या करता है सब दूध ख़राब कर दिया, हाथ से लेकर लगा न,

लण्ड ही दूध में डाल दिया तू तो वाकई पगला गया है]

विजय जल्दी करो भाभी जब लण्ड पि सकती हो तो क्या लण्ड से डूबा दूध नहीं अहा जल्दी करो

जूली अहाआआआआ धीरे पागल ह्हाआआअ
ह्हाआआअ ओहूऊऊऊ

१० मिनट तक उनकी आवाजें आती रहीं, दोस्तों झूट नहीं बोलूंगा मैंने भी नहाने के लिए अपने कपडे निकाल दिए थे]

और इस समय पूरा नंगा ही उन दोनों को सुन रहा था मेरा लण्ड भी पूरा खड़ा था और मैं उसको मुठिया रहा था]

जूली अहा हाआआआ विजय बहुत जवर्दस्त है तुम्हारा लण्ड अहाआआ क्या मस्त छोड़ते हो अहा बस करो न अब ऐईईईइ

विजय आआआआआआआ ह्हह्हह्हह्ह
बस हो गया भाभी आआआह्ह्ह्ह्ह्हा

जूली ओहूऊऊऊ क्या कर रहे हो सब गन्दा कर दिया उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़

तभी विजय पूरा नंगा अपना टॉवेल उठा बाहर को आ गया]

उसका लण्ड अभी भी तना था और पूरा लाल दिख रहा था]

और फिर जूली भी बाहर आई, माय गॉड क्या लग रही थी]

उसका टॉप बिलकुल ऊपर था उसकी दोनों चूची बाहर निकली थी जिन पर लाल निसान दिख रहे थे]

ऊपर तनी हुई सफ़ेद चूची पर गुलाबी निप्पल चूसे और मसले जाने कि कहानी साफ़ कह रहे थे]

उसकी ब्रा एक और को लटकी थी उसकी शायद तक एक फीता टूट गया था]

और नीचे तो पूरा धमाकेदार दृश्य था उसकी पजामी उसके पंजों में थी]

और वो पजामी के साथ ही पैरों को खोलकर चल रही थी]

उसकी चूत इतनी गीली थी कि मेरा मन उसमे अपना लण्ड एक झटके में डालने को कर रहा था]

किचन से बाहर आ उसने टॉवेल ले मेरी और पीठ कर साफ करने लगी]

उसकी कमर से लेकर चुतड़ों तक विजय का वीर्य फैला था] वो जल्दी जल्दी साफ़ करते हुए बाथरूम कि ओर भी देख रही थी]

उसकी इस स्थिति को देखते हुए मेरे लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया]

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