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देवरानी जेठानी का मुकाबला

Posted: 10 Sep 2015 09:44
by sexy
हैल्लो दोस्तों.. में तन्मय आप सभी पाठकों का स्वागत करता हूँ। में अपनी नानी के घर पर अपनी दो मामियों के साथ अकेला था और में अपनी बड़ी मामी को पहले ही चोद चुका था और वो एकदम हॉट और सेक्सी है। उन दोनों मामियों के बीच बहुत लड़ाई थी और वो दोनों एक ही घर में अलग अलग रहती थी.. बड़ी मामी तो रात में भी मुझसे चुदने को तैयार थी.. लेकिन में छोटी मामी को भी चोदना चाहता था।

फिर मेरे प्लान के मुताबिक बड़ी मामी से यह कहा कि में छोटी मामी की नंगी फोटो उनको दूँगा.. अगर उन्होंने इसमें मेरा साथ दिया तो और बड़ी मामी तैयार हो गयी और मैंने छोटी मामी को भी अपने साथ रात में एक ही कमरे में सोने के लिए तैयार कर लिया और हम सब लोग ज़मीन पर चटाई बिछाकर लेट रहे थे। मेरी एक तरफ बड़ी मामी और उनका बेटा और दूसरी तरफ छोटी मामी और उनका बेटा सोये थे। अब में आगे की कहानी सुनाता हूँ।

मेरी छोटी मामी बड़ी मामी से ज्यादा मस्त थी और उनका फिगर एकदम पतला था और वो गोरी भी थी.. हम सब लोग लाईट बंद करके लेट गये और आधे घंटे के बाद मैंने अपना काम शुरू किया.. बड़ी मामी तो तैयार ही थी और में उनके मज़े भी ले चुका था.. तो अब बारी छोटी मामी की थी। दोनों मामी मेरी तरफ़ कमर करके और अपने बेटे की तरफ मुहं करके लेटी हुई थी। तो मैंने छोटी मामी की तरफ अपना एक हाथ बढ़ाया तो एक मिनट के बाद मेरे शरीर से उनका स्पर्श हुआ और अंधेरे में ही में धीरे धीरे उनके चूतड़ो तक हाथ ले गया और पहले दूर से ही महसूस किया.. उनके चूतड़ एकदम तरबूज की तरह थे।

Re: देवरानी जेठानी का मुकाबला

Posted: 10 Sep 2015 09:44
by sexy
फिर मैंने धीरे से उनके चूतड़ो को हाथ लगाया। मुझे बड़ी मामी के चूतड़ याद थे उनके चूतड़ बहुत मुलायम एकदम रुई जैसे थे और छोटी मामी के चूतड़ बहुत सख्त थे। छोटी मामी गावं की गोरी थी एकदम मजबूत शरीर वाली.. उनके चूतड़ो पर में हाथ फेरने लगा और में उनके पूरे चूतड़ो पर हाथ घुमा रहा था.. उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी। तो में उनकी चूतड़ो की दरार में उंगली डालते हुए उनकी जांघ तक पहुंच गया.. मामी सो नहीं रही थी.. लेकिन मेरे इस काम का विरोध भी नहीं कर रही थी.. क्योंकि उन्हे लगा कि में बस थोड़ी बहुत देर छूने के बाद सो जाऊंगा और वो बड़ी मामी किसी से कुछ कह ना दे इसलिए भी चुपचाप थी और उन्हें भी पता था कि यह सब काम बड़ी मामी की मदद से ही हो रहा था। तो मैंने अब उनके पेटीकोट के साथ अपनी उंगली घुमाई और साड़ी को पेटिकोट से अलग कर दिया था। अब वो केवल पेटीकोट में थी और अगले ही मिनट में उनके पेटीकोट का नाड़ा खुल गया और वो चुपचाप उठकर बाथरूम में चली गयी और उसके जाते ही में और बड़ी मामी अपने अपने अंडरगार्मेंट्स में आ गये और नाईट बल्ब जला दिया और जब वो लौटकर आई तो देखा कि में और बड़ी मामी केवल पेंटी, ब्रा में है और वो एकदम चकित हो गयी और वो अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने उसको पकड़ लिया और कहा कि आज वो चुदेगी ज़रूर और वो भी चुदाई के मज़े ले या फिर केवल चुपचाप अपनी चुदाई सहे और यह भी कहा कि उसकी बात कोई नहीं मानेगा क्योंकि बड़ी मामी तो खुद ही अपनी मर्जी से चुदने जा रही थी। तो उसने कहा कि ठीक है.. लेकिन हमारे अलावा किसी को भी यह बात पता नहीं चलनी चाहिए? तो मैंने कहा कि तुम मेरी बात का पूरा विश्वास करो और बस आज अपनी चुदाई देखो और अब दोनों मामी मुझसे चुदने को तैयार थी। मैंने दोनों से कहा कि चलो आज दोनों मुकाबला कर लो.. जो जीतेगा वो बड़ा हो जाएगा। तो वो पूछने लगी कि कौन सा मुकाबला? मैंने कहा कि सेक्स मुकाबला। फिर में केवल अंडरवियर में और वो दोनों ब्रा और पेंटी में तैयार हो गई। सबसे पहला राउंड था लंड चाटने का.. जो पहले मुझे झाड़ेगा वो जीत जाएगा.. लेकिन आंड को भी जीभ से चाटना था और फिर छोटी मामी ने कहा कि वो लंड को मुहं में नहीं लेगी। तो मैंने और बड़ी मामी ने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और मैंने जबड़े में दबाव देकर उनका मुहं खोलकर उसमे अपना लंड घुसा दिया और आगे पीछे करने लगा और करीब दो मिनट के बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा और वो बोली कि अरे यह तो एकदम लॉलीपोप की तरह है.. वो अगले चार मिनट तक चूसती रही और उसके बाद में झड़ गया।

तो उन्होंने पूरा का पूरा वीर्य अपने मुहं में ले लिया और मेरे लंड पर उनकी लार ही थी। अब बारी बड़ी मामी की थी.. वो इसमें बहुत अनुभवी थी.. मेरी बड़ी मामी सेक्स की देवी है और उन्होंने सबसे पहले अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को छुआ फिर लंड के टोपे के ऊपर धीरे धीरे अपनी जीभ को घुमाने लगी। फिर धीरे से लंड को मुहं में लिया और वो बहुत अलग तरह से चूस रही थी। ऐसा लग रहा था कि लंड को मुहं में लेकर उन्हे उसका रस पीना हो। फिर में करीब तीन मिनट में ही झड़ गया और बड़ी मामी पहले राउंड में जीत गई और अगले राउंड में मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटा। सबसे पहले मैंने चूत के बाहरी हिस्से को जीभ से खोला और फिर बहुत देर तक गोल गोल बाहर ही घुमाता रहा। फिर मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी.. बड़ी मामी की चूत एकदम चिकनी शेव की हुई थी और छोटी मामी की चूत पर मुलायम बाल भी थे। चिकनी चूत की वजह से मैंने बड़ी मामी की चूत को ज्यादा अच्छे से चूसा और वो ज्यादा जल्दी झड़ गई। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

Re: देवरानी जेठानी का मुकाबला

Posted: 10 Sep 2015 09:44
by sexy
फिर मैंने धीरे से उनके चूतड़ो को हाथ लगाया। मुझे बड़ी मामी के चूतड़ याद थे उनके चूतड़ बहुत मुलायम एकदम रुई जैसे थे और छोटी मामी के चूतड़ बहुत सख्त थे। छोटी मामी गावं की गोरी थी एकदम मजबूत शरीर वाली.. उनके चूतड़ो पर में हाथ फेरने लगा और में उनके पूरे चूतड़ो पर हाथ घुमा रहा था.. उन्होंने पेंटी नहीं पहनी थी। तो में उनकी चूतड़ो की दरार में उंगली डालते हुए उनकी जांघ तक पहुंच गया.. मामी सो नहीं रही थी.. लेकिन मेरे इस काम का विरोध भी नहीं कर रही थी.. क्योंकि उन्हे लगा कि में बस थोड़ी बहुत देर छूने के बाद सो जाऊंगा और वो बड़ी मामी किसी से कुछ कह ना दे इसलिए भी चुपचाप थी और उन्हें भी पता था कि यह सब काम बड़ी मामी की मदद से ही हो रहा था। तो मैंने अब उनके पेटीकोट के साथ अपनी उंगली घुमाई और साड़ी को पेटिकोट से अलग कर दिया था। अब वो केवल पेटीकोट में थी और अगले ही मिनट में उनके पेटीकोट का नाड़ा खुल गया और वो चुपचाप उठकर बाथरूम में चली गयी और उसके जाते ही में और बड़ी मामी अपने अपने अंडरगार्मेंट्स में आ गये और नाईट बल्ब जला दिया और जब वो लौटकर आई तो देखा कि में और बड़ी मामी केवल पेंटी, ब्रा में है और वो एकदम चकित हो गयी और वो अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने उसको पकड़ लिया और कहा कि आज वो चुदेगी ज़रूर और वो भी चुदाई के मज़े ले या फिर केवल चुपचाप अपनी चुदाई सहे और यह भी कहा कि उसकी बात कोई नहीं मानेगा क्योंकि बड़ी मामी तो खुद ही अपनी मर्जी से चुदने जा रही थी। तो उसने कहा कि ठीक है.. लेकिन हमारे अलावा किसी को भी यह बात पता नहीं चलनी चाहिए? तो मैंने कहा कि तुम मेरी बात का पूरा विश्वास करो और बस आज अपनी चुदाई देखो और अब दोनों मामी मुझसे चुदने को तैयार थी। मैंने दोनों से कहा कि चलो आज दोनों मुकाबला कर लो.. जो जीतेगा वो बड़ा हो जाएगा। तो वो पूछने लगी कि कौन सा मुकाबला? मैंने कहा कि सेक्स मुकाबला। फिर में केवल अंडरवियर में और वो दोनों ब्रा और पेंटी में तैयार हो गई। सबसे पहला राउंड था लंड चाटने का.. जो पहले मुझे झाड़ेगा वो जीत जाएगा.. लेकिन आंड को भी जीभ से चाटना था और फिर छोटी मामी ने कहा कि वो लंड को मुहं में नहीं लेगी। तो मैंने और बड़ी मामी ने उनके दोनों हाथ पकड़ लिए और मैंने जबड़े में दबाव देकर उनका मुहं खोलकर उसमे अपना लंड घुसा दिया और आगे पीछे करने लगा और करीब दो मिनट के बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा और वो बोली कि अरे यह तो एकदम लॉलीपोप की तरह है.. वो अगले चार मिनट तक चूसती रही और उसके बाद में झड़ गया।

तो उन्होंने पूरा का पूरा वीर्य अपने मुहं में ले लिया और मेरे लंड पर उनकी लार ही थी। अब बारी बड़ी मामी की थी.. वो इसमें बहुत अनुभवी थी.. मेरी बड़ी मामी सेक्स की देवी है और उन्होंने सबसे पहले अपनी जीभ से मेरे लंड के टोपे को छुआ फिर लंड के टोपे के ऊपर धीरे धीरे अपनी जीभ को घुमाने लगी। फिर धीरे से लंड को मुहं में लिया और वो बहुत अलग तरह से चूस रही थी। ऐसा लग रहा था कि लंड को मुहं में लेकर उन्हे उसका रस पीना हो। फिर में करीब तीन मिनट में ही झड़ गया और बड़ी मामी पहले राउंड में जीत गई और अगले राउंड में मैंने उनकी चूत को अपनी जीभ से चाटा। सबसे पहले मैंने चूत के बाहरी हिस्से को जीभ से खोला और फिर बहुत देर तक गोल गोल बाहर ही घुमाता रहा। फिर मैंने उनकी चूत में जीभ डाल दी.. बड़ी मामी की चूत एकदम चिकनी शेव की हुई थी और छोटी मामी की चूत पर मुलायम बाल भी थे। चिकनी चूत की वजह से मैंने बड़ी मामी की चूत को ज्यादा अच्छे से चूसा और वो ज्यादा जल्दी झड़ गई। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।