जवान बहुवे की जवानी - Hindi sex story ...
Posted: 14 Oct 2015 11:37
जवान बहुवे की जवानी
हमारे घर के pados वाले घर मैं कामनाथ नाम का जो आदमी रहता था उसकी दो बहुवे थी. घर पा सास थी नही केवल दो लड़के थे. वह गाँव के रहने वाले थे और लड़के दोनों सीधे सादे थे और दोनों बहुवे भी अभी कम उमर थी. बड़ी बहु २० की और छोटी वाली तू १७ ki ही लगती थी. मुझे तय छोटी बहु अभी कुंवारी ही लगती थी. दोनों सारी पहनती थी और घूंघट भी करती थी पर जब दोनों लड़के काम पर चले जाते तू दोनों शलवार कमीज़ पहन लेती थी. उनकी इस हरकत सी मुझे एक शक सा हुवा.
मैं टाक झाँक करने लगा. एक महीना इसी तरह बीत गया. एक दीन करीब ११ बजे मैंने उसे अपनी बड़ी बहु को आवाज़ देते देखा तू जल्दी सी दीवार सी उचक कर देखने लगा. वह एक chair पर बैठा था. बड़ी बहु आई तू वह उसकी चूचियों को देखता बोला, "आओ मेरी जान."
यह देख मैं समझ गया की मेरा शक सही था. वह पास आई तू उसकी दोनों चूचियों को पकड़ बोला, "छोटी वाली कहाँ है?"
"वह कपडे बदल रही है बाबूजी."
उस बुढे को जवान बहु की चूचियां पकड़ते देख मैं तरप गया. मेरा लंड तड़पने लगा. मैं इसी दीन के इंतज़ार मैं था. चूची पकड़ने के साथ बड़ी बहु ने अपनी कमीज़ के बटन खोल दोनों को नंगा किया तू वह मेज़ सी दोनों को चूसने लगा. मुझे सब साफ दिख रहा था. तभी वह बोली, "कल की तरह पियो न बाबूजी." और चूची की घुंडी को ससुर के हून्तो सी लगा ज़रा सा झुकी.
तब वह बुढा ससुर अपनी जवान बहु की एक चूची को मुंह सी दबा दबा चूसने लगा और दूसरी को दबाने लगा. बड़ी बहु प्यार सी ससुर के गले मैं हाथ दाल बोली, "बाबूजी आप घुंडी चूसते है तू खूब मज़ा आता है."
इसपर वह घुन्दियों को चूसने लगा. कासी कासी जवान चूचियों का मज़ा बुढे को लेते देख मैं तड़प गया. मैं समझ गया की दोनों बहुवे जवानी सी भरी हैं और चोदने पर पूरा मज़ा देंगी. आज मैं मौका जाने नही देना चाहता था पर रुका रहा की थोड़ा और मस्त हो जाए दोनों. वह बार बार चोसिए बाबूजी कह रही थी. बुढा ससुर जवान बहु के निप्प्ले चूस रहा था. अभी छोटी वाली नही आई थी. pados की दोनों बहुवो को बुढे ससुर सी मज़ा लेते देख समझ गया की दोनों प्यासी हैं और अपने पती से उनकी प्यास नही भुझ्ती.
फीर जब सहा नही गया तू अपना digital कैमरा ले उनकी तरह कूद गया. धाप की आवाज़ से दोन ओने चौंक कर देखा. मुझे देख दोनों घबरा गए और बड़ी बहु अपनी चूचियों को अन्दर करने लगी और बुढा मेरे हाथ मैं कैमरा देख काँपने लगा. मैं तेज़ आवाज़ मैं कहा, "तुम दोनों की हरकते कैमरा मैं आ गई हैं. पीलाओ अपनी जवान चूचियां इस मरियल बुढे को."बड़ी बहु तू थार थार काँप रही थी. उसने चूचियों को अन्दर कर लीया था पर घबराहट मैं बटन नही बंद किया था. दोनों मस्त चूचियों को पास से देख मेरा लंड झटके लेने लगा. मैं मौके का फायदा उठाने के लिए बुढे से बोला, "कमीने बहुवो को चोद्ता हैं, सबको बता दूंगा."
हमारे घर के pados वाले घर मैं कामनाथ नाम का जो आदमी रहता था उसकी दो बहुवे थी. घर पा सास थी नही केवल दो लड़के थे. वह गाँव के रहने वाले थे और लड़के दोनों सीधे सादे थे और दोनों बहुवे भी अभी कम उमर थी. बड़ी बहु २० की और छोटी वाली तू १७ ki ही लगती थी. मुझे तय छोटी बहु अभी कुंवारी ही लगती थी. दोनों सारी पहनती थी और घूंघट भी करती थी पर जब दोनों लड़के काम पर चले जाते तू दोनों शलवार कमीज़ पहन लेती थी. उनकी इस हरकत सी मुझे एक शक सा हुवा.
मैं टाक झाँक करने लगा. एक महीना इसी तरह बीत गया. एक दीन करीब ११ बजे मैंने उसे अपनी बड़ी बहु को आवाज़ देते देखा तू जल्दी सी दीवार सी उचक कर देखने लगा. वह एक chair पर बैठा था. बड़ी बहु आई तू वह उसकी चूचियों को देखता बोला, "आओ मेरी जान."
यह देख मैं समझ गया की मेरा शक सही था. वह पास आई तू उसकी दोनों चूचियों को पकड़ बोला, "छोटी वाली कहाँ है?"
"वह कपडे बदल रही है बाबूजी."
उस बुढे को जवान बहु की चूचियां पकड़ते देख मैं तरप गया. मेरा लंड तड़पने लगा. मैं इसी दीन के इंतज़ार मैं था. चूची पकड़ने के साथ बड़ी बहु ने अपनी कमीज़ के बटन खोल दोनों को नंगा किया तू वह मेज़ सी दोनों को चूसने लगा. मुझे सब साफ दिख रहा था. तभी वह बोली, "कल की तरह पियो न बाबूजी." और चूची की घुंडी को ससुर के हून्तो सी लगा ज़रा सा झुकी.
तब वह बुढा ससुर अपनी जवान बहु की एक चूची को मुंह सी दबा दबा चूसने लगा और दूसरी को दबाने लगा. बड़ी बहु प्यार सी ससुर के गले मैं हाथ दाल बोली, "बाबूजी आप घुंडी चूसते है तू खूब मज़ा आता है."
इसपर वह घुन्दियों को चूसने लगा. कासी कासी जवान चूचियों का मज़ा बुढे को लेते देख मैं तड़प गया. मैं समझ गया की दोनों बहुवे जवानी सी भरी हैं और चोदने पर पूरा मज़ा देंगी. आज मैं मौका जाने नही देना चाहता था पर रुका रहा की थोड़ा और मस्त हो जाए दोनों. वह बार बार चोसिए बाबूजी कह रही थी. बुढा ससुर जवान बहु के निप्प्ले चूस रहा था. अभी छोटी वाली नही आई थी. pados की दोनों बहुवो को बुढे ससुर सी मज़ा लेते देख समझ गया की दोनों प्यासी हैं और अपने पती से उनकी प्यास नही भुझ्ती.
फीर जब सहा नही गया तू अपना digital कैमरा ले उनकी तरह कूद गया. धाप की आवाज़ से दोन ओने चौंक कर देखा. मुझे देख दोनों घबरा गए और बड़ी बहु अपनी चूचियों को अन्दर करने लगी और बुढा मेरे हाथ मैं कैमरा देख काँपने लगा. मैं तेज़ आवाज़ मैं कहा, "तुम दोनों की हरकते कैमरा मैं आ गई हैं. पीलाओ अपनी जवान चूचियां इस मरियल बुढे को."बड़ी बहु तू थार थार काँप रही थी. उसने चूचियों को अन्दर कर लीया था पर घबराहट मैं बटन नही बंद किया था. दोनों मस्त चूचियों को पास से देख मेरा लंड झटके लेने लगा. मैं मौके का फायदा उठाने के लिए बुढे से बोला, "कमीने बहुवो को चोद्ता हैं, सबको बता दूंगा."