औरत की चूत - Hindi sex story long -
Posted: 15 Oct 2015 10:24
लिटा साली को …आज तो इसकी रसीली गांड मरूँगा मैं…लखन के ऐसा कहते ही उसके दोनों साथियों ने मेरी बीवी को बेड पर चित लिटा दिया…
कपडे तो उन्होंने पहले ही सारे उतार दिए थे…साड़ी अलग पड़ी थी…ब्लाउस अलग पड़ा था..चड्डी और पेतीकोअत अलग पड़े थे…
कमरे के घुसते ही उन्होंने पहले पूजा को पकड़ा और उसे नंगा कर दिया…वो कुछ न बोली…
उसके मोटे कुल्हे किसी की आँख में वासना का कीड़ा पैदा कर देता…उसकी बड़ी बड़ी चुचिया…लटकते हुए भी कमाल की सेक्स अपील लिए हुए थी…
उसकी चूत जो की पहले से ही मेरे लौड़े का मार खा खा कर मजबूत और एकदम सेक्सी हो गए थे…
हमे महज २० दिन हुए थे…दिल्ली आये…और मकान भी किराये का था…जल्द बजी में माकन ऐसी जगह मिला जहाँ सब अंडर वर्ल्ड से जुड़े ही थे..
ऐसे में मेरी बीवी पर नजर पड़ना लाजिमी ही था…मैं काम के सिलसिले में बाहर ही रहता था दिन भर…पूजा और दोनों बच्चे घर पर ही थे…
मकान इतना बड़ा था की उसमे ३ कमरे भी थे…दोपहर को बच्चे दूध पीकर सो जाते थे…
पड़ोस में रहने वाला लखन रोज शाम को बाजार जाते मेरी बीवी का पीछा भी करता था…पर उसने कभी ध्यान नहीं दिया…
एक दिन जब मैं ऑफिस के लिए निकल गया…उसके कुछ देर बाद…दरवाजे पर किसी ने रिंग किया…
मेरे जाने के बाद पूजा भी नहाने की तयारी में थी..उसने सिर्फ ब्लाउस और peticoat पहना था…
उसने दरवाजे की आड़ से ही पुछा कौन…
उसने जवाब दिया…भाभी जी मैं आपका पडोसी हूँ..भाई साहब ने यह थैला आपको देने के लिए कहा है…
उसने सोचा कौन सा थैला…और जैसे ही दरवाजा थोडा खोलकर हाथ बहार निकलती…लखन ने झट से दरवाजे पे हाथ अड़ा दिया और जोर से धकेलता अन्दर आ गया…
पूजा झटके से सहम ही गयी थी और कुछ समझ ही नहीं पा रही थी और अध् नंगी हालत में उसके सामने खड़ी थी…
अचानक पूजा को ख्याल आया और उसने अपने दोनों हाथ सिने पर लगा लिए…
तभी दरवाजे को धकेलते ३ और शख्स अन्दर आ गए…वो चारो मेरी बीवी की मांसल बदन का मुवायना कर रहे थे…
पूजा को समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे…तभी लखन ने झपट कर उसके दोनों बाल हाथ में ले लिए और जोर से भींच दिया…
वो चीख पड़ी…पर आस पड़ोस में दूर तक कोई सुनने वाला नहीं था…
वो कमरे की तरफ दौड़ी पर तब तक वो घिर चुकी थी…उनमे से एक घर का मुवायना कर रहा था…तभी पूजा को बछो का ख्याल आया…
और तभी उनमे से एक ने बच्चो के कमरे की तरफ कदम बढाया…वो एकदम सहम गयी…और चिल्लाई…नहीं…
उनके आँखों में चमक आ गयी थी…वासना की…लखन ने कहा…गर बच्चे सलामत चाहिए तो जैसा कहते हैं वैसा करो…
और वो बेबस हो गयी..न रो पा रही थी न कुछ कर पा रही थी…बस चुपचाप खड़ी थी…
तभी उनमे से एक पूजा के पीछे चिपक गया और अपना लुंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा…
वो चुप रही..तभी लखन ने कहा..बलवीर छोड़ उसे…वो खुद अपने कपडे उतारेगी…
वो पीछे हट गया और पूजा के कपडे उतारने का इंतज़ार करने लगे…
वो बेबस क्या करती…उसने पहले ब्लाउस उतरा फिर पेटीकोट…अब वो सिर्फ पंटी और ब्रा में थी…उसके बड़े दूध बहार निकलने को मचल रहे थे…
मोटी मांसल गांड थिरकने वाली ही थी…और उन्होंने उसे बेडरूम की तरफ चलने का इशारा किया…
बेडरूम में आते ही उसने कहा…आज इसकी गांड मारूंगा…
और बलवीर ने उससे लिटा दिया…धकेल कर…
वो सीधी लेती हुई थी..उसकी चूत दोनों जन्घो में सिमटी हुई थी…
हाथ दोनों चुचियो को दबाये हुए थे…
तभी..लखन ने अपने कपडे उतर दिए…अब वो जन्म जात नंगा था…उसका काला लंड एकदम कड़क होने लगा…
और उसके तीनो साथियों ने भी अपने कपडे उतर दिए…चार चार मुस्टंडे लंड उसकी मुलायम मजबूत चूत पर हावी होने वाले थे…
लखन ने पहले उसके हाथ चुचियो से हटाये और बोला…अब शरमा मत…वरना तेरी आज बुरी फाड़ के जायेंगे…
और उसने डर से अपना हाथ झट हटा लिया…
वो चारो उसे घूर रहे थे और अपने मूसल को सहला भी रहे थे…
तभी लखन ने अपना लंड पूजा के हाथ में दिया और बोला…चूस…
उसने बेमन से उसे देखा पर डर के मरे कुछ कर भी नहीं पा रही थी…उसने मुह में उसका लंड ले लिया और चूसने लगी…
मेरा लंड चूस चूस कर उसे चूसने का अच्छा तजुर्बा हो गया था…उसकी २ मिनट की चुसाई में ही लखन को लगा वो झड जायेगा…
ये तो बहुत मस्त चूसती है साली…उसने पूजा के दोनों बबलो को जोर से ददते हुए कहा..
अच्छा…कहते हुए रहमान आगे आया और उसने भी अपना छिला हुआ मजबूत लौड़ा पूजा के हाथ में पकड़ा दिया…
उसने बारी बारी से सभी को चूसा…चौथा शख्स एक ४० साल का अधेड़ था जिसका नाम था…मल्लू…सभी उसे वही बुलाते थे..
वो एक काला सा पर मजबूत जिस्म का तगड़ा आदमी था…वह अब तक चुप चाप खड़ा था…जैसे ही उसने अपने कपडे उतारे…पूजा के होश उद्द गए…उसका काला बड़ा लंड देखकर…वो शिसकती तभी मल्लू ने अपना खूंटा पूजा के मुह में दे दिया…और उसकी आवाज़..गुण..गुण..जी आवाज़ में बदल गयी…
कपडे तो उन्होंने पहले ही सारे उतार दिए थे…साड़ी अलग पड़ी थी…ब्लाउस अलग पड़ा था..चड्डी और पेतीकोअत अलग पड़े थे…
कमरे के घुसते ही उन्होंने पहले पूजा को पकड़ा और उसे नंगा कर दिया…वो कुछ न बोली…
उसके मोटे कुल्हे किसी की आँख में वासना का कीड़ा पैदा कर देता…उसकी बड़ी बड़ी चुचिया…लटकते हुए भी कमाल की सेक्स अपील लिए हुए थी…
उसकी चूत जो की पहले से ही मेरे लौड़े का मार खा खा कर मजबूत और एकदम सेक्सी हो गए थे…
हमे महज २० दिन हुए थे…दिल्ली आये…और मकान भी किराये का था…जल्द बजी में माकन ऐसी जगह मिला जहाँ सब अंडर वर्ल्ड से जुड़े ही थे..
ऐसे में मेरी बीवी पर नजर पड़ना लाजिमी ही था…मैं काम के सिलसिले में बाहर ही रहता था दिन भर…पूजा और दोनों बच्चे घर पर ही थे…
मकान इतना बड़ा था की उसमे ३ कमरे भी थे…दोपहर को बच्चे दूध पीकर सो जाते थे…
पड़ोस में रहने वाला लखन रोज शाम को बाजार जाते मेरी बीवी का पीछा भी करता था…पर उसने कभी ध्यान नहीं दिया…
एक दिन जब मैं ऑफिस के लिए निकल गया…उसके कुछ देर बाद…दरवाजे पर किसी ने रिंग किया…
मेरे जाने के बाद पूजा भी नहाने की तयारी में थी..उसने सिर्फ ब्लाउस और peticoat पहना था…
उसने दरवाजे की आड़ से ही पुछा कौन…
उसने जवाब दिया…भाभी जी मैं आपका पडोसी हूँ..भाई साहब ने यह थैला आपको देने के लिए कहा है…
उसने सोचा कौन सा थैला…और जैसे ही दरवाजा थोडा खोलकर हाथ बहार निकलती…लखन ने झट से दरवाजे पे हाथ अड़ा दिया और जोर से धकेलता अन्दर आ गया…
पूजा झटके से सहम ही गयी थी और कुछ समझ ही नहीं पा रही थी और अध् नंगी हालत में उसके सामने खड़ी थी…
अचानक पूजा को ख्याल आया और उसने अपने दोनों हाथ सिने पर लगा लिए…
तभी दरवाजे को धकेलते ३ और शख्स अन्दर आ गए…वो चारो मेरी बीवी की मांसल बदन का मुवायना कर रहे थे…
पूजा को समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे…तभी लखन ने झपट कर उसके दोनों बाल हाथ में ले लिए और जोर से भींच दिया…
वो चीख पड़ी…पर आस पड़ोस में दूर तक कोई सुनने वाला नहीं था…
वो कमरे की तरफ दौड़ी पर तब तक वो घिर चुकी थी…उनमे से एक घर का मुवायना कर रहा था…तभी पूजा को बछो का ख्याल आया…
और तभी उनमे से एक ने बच्चो के कमरे की तरफ कदम बढाया…वो एकदम सहम गयी…और चिल्लाई…नहीं…
उनके आँखों में चमक आ गयी थी…वासना की…लखन ने कहा…गर बच्चे सलामत चाहिए तो जैसा कहते हैं वैसा करो…
और वो बेबस हो गयी..न रो पा रही थी न कुछ कर पा रही थी…बस चुपचाप खड़ी थी…
तभी उनमे से एक पूजा के पीछे चिपक गया और अपना लुंड उसकी गांड पर रगड़ने लगा…
वो चुप रही..तभी लखन ने कहा..बलवीर छोड़ उसे…वो खुद अपने कपडे उतारेगी…
वो पीछे हट गया और पूजा के कपडे उतारने का इंतज़ार करने लगे…
वो बेबस क्या करती…उसने पहले ब्लाउस उतरा फिर पेटीकोट…अब वो सिर्फ पंटी और ब्रा में थी…उसके बड़े दूध बहार निकलने को मचल रहे थे…
मोटी मांसल गांड थिरकने वाली ही थी…और उन्होंने उसे बेडरूम की तरफ चलने का इशारा किया…
बेडरूम में आते ही उसने कहा…आज इसकी गांड मारूंगा…
और बलवीर ने उससे लिटा दिया…धकेल कर…
वो सीधी लेती हुई थी..उसकी चूत दोनों जन्घो में सिमटी हुई थी…
हाथ दोनों चुचियो को दबाये हुए थे…
तभी..लखन ने अपने कपडे उतर दिए…अब वो जन्म जात नंगा था…उसका काला लंड एकदम कड़क होने लगा…
और उसके तीनो साथियों ने भी अपने कपडे उतर दिए…चार चार मुस्टंडे लंड उसकी मुलायम मजबूत चूत पर हावी होने वाले थे…
लखन ने पहले उसके हाथ चुचियो से हटाये और बोला…अब शरमा मत…वरना तेरी आज बुरी फाड़ के जायेंगे…
और उसने डर से अपना हाथ झट हटा लिया…
वो चारो उसे घूर रहे थे और अपने मूसल को सहला भी रहे थे…
तभी लखन ने अपना लंड पूजा के हाथ में दिया और बोला…चूस…
उसने बेमन से उसे देखा पर डर के मरे कुछ कर भी नहीं पा रही थी…उसने मुह में उसका लंड ले लिया और चूसने लगी…
मेरा लंड चूस चूस कर उसे चूसने का अच्छा तजुर्बा हो गया था…उसकी २ मिनट की चुसाई में ही लखन को लगा वो झड जायेगा…
ये तो बहुत मस्त चूसती है साली…उसने पूजा के दोनों बबलो को जोर से ददते हुए कहा..
अच्छा…कहते हुए रहमान आगे आया और उसने भी अपना छिला हुआ मजबूत लौड़ा पूजा के हाथ में पकड़ा दिया…
उसने बारी बारी से सभी को चूसा…चौथा शख्स एक ४० साल का अधेड़ था जिसका नाम था…मल्लू…सभी उसे वही बुलाते थे..
वो एक काला सा पर मजबूत जिस्म का तगड़ा आदमी था…वह अब तक चुप चाप खड़ा था…जैसे ही उसने अपने कपडे उतारे…पूजा के होश उद्द गए…उसका काला बड़ा लंड देखकर…वो शिसकती तभी मल्लू ने अपना खूंटा पूजा के मुह में दे दिया…और उसकी आवाज़..गुण..गुण..जी आवाज़ में बदल गयी…